शिव तत्व | shiv tatva | शिव एक नाम-रुप अनेक

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  • Опубліковано 5 лис 2024

КОМЕНТАРІ • 18

  • @umesheyedoc
    @umesheyedoc 5 місяців тому +2

    Om namah shivaya

  • @nohrapachhad4728
    @nohrapachhad4728 5 місяців тому +2

    Om Namah Shivay Om Shanti Om Har Har Mahadev

  • @Satya-swayam-siddha-hota-hai
    @Satya-swayam-siddha-hota-hai 5 місяців тому +2

    आपको कोटि कोटि साधूवाद

  • @SaritaDevi-uw7bn
    @SaritaDevi-uw7bn 5 місяців тому +2

    Om namah shivaya 🙏🙏🙏

  • @S.D.Bholeshankar
    @S.D.Bholeshankar 5 місяців тому +1

    ❤ har har Mahadev ❤ dhanyawad ❤om namah shivay om namah shivay om namah shivay ❤ om shanti vishwam ❤

  • @chhabirajghimire7984
    @chhabirajghimire7984 3 місяці тому

    जय श्री पशुपतिनाथ🙏🙏🌸🌹🏵️💮🌿🌷🌼🌺🥀💐🌸🌹🏵️💮🌿🌷🌼🌺🥀💐🌸🌹🏵️💮🌿🌷🌼🌺🥀💐🇳🇵🇳🇵

  • @LataMore-x3e
    @LataMore-x3e 4 місяці тому

    ॐ नमः शिवाय 🙏धन्यवाद जी

  • @punit535
    @punit535 5 місяців тому +1

    Om Namah Shivay 🌹♥️🙏

  • @chhabirajghimire7984
    @chhabirajghimire7984 3 місяці тому

    हर हर महादेव 🙏🙏🌸🌹🏵️💮🌿🌷🌼🌺🥀💐🌸🌹🏵️💮🌿🌷🌼🌺🥀💐🌸🌹🏵️💮🌿🌷🌼🌺🥀💐🇳🇵🇳🇵

  • @sumerramnarayanyadav
    @sumerramnarayanyadav 5 місяців тому

    हे महादेव आपकी जय हो ❤
    जय महाकाल

  • @nirakargouda2926
    @nirakargouda2926 5 місяців тому +1

    Om sai guru

  • @KrishnakantMishra-kb7qp
    @KrishnakantMishra-kb7qp 2 місяці тому

    Har har Mahadev

  • @ShibaniSaha-oj8pw
    @ShibaniSaha-oj8pw 3 місяці тому

    ❤❤❤❤❤❤❤❤ Om Namah shivaya

  • @JAYESHROY-s7f
    @JAYESHROY-s7f 5 місяців тому

    Har Har mahadev 🙏🙏🙏

  • @machindranathindral6303
    @machindranathindral6303 5 місяців тому +1

    Jiv aur Shiv mein antar kya , kya jiv Shiv ka hi ansh hai ?
    Atma aur jiv ek hi hai ?
    Atma kya Paramatma ka ansh hai ?

    • @sagarchanchad7700
      @sagarchanchad7700 5 місяців тому

      ये मेरा मन्तव्य है
      वेद और तंत्र के अनुसार हम सब निराकार परम चेतना के ही साकार रूप है। वेदो और पुराणो मे उस निराकार परम चेतना को अलग अलग नाम से व्याख्यायित कीया गया है जैसे विष्णु,शंकर, दुर्गा, गणेश इत्यादि और तंत्र मे उन्हे शिव या फिर सदाशिव इत्यादि से व्याख्यायित कीया गया है।
      जीव और शिव मे अंतर ये है की हमारी आत्मा माया के बंधन यानि काम,क्रोध,लोभ,मोह,माया,इच्छा,घृणा,लज्जा ये सबसे बंधी हुई होती है लेकिन शिव इन सबसे परे होते है जीव का ही दूसरा नाम आत्मा है और शिव का ही दूसरा नाम परमात्मा है। जब हमारी आत्मा माया के बंधन को तोड़कर अपने परम स्वरूप को जान लेता है तब अब हमारी आत्मा और परमात्मा मे कोई अंतर नहीं रहता। परमात्मा की संधि विच्छेद करे तो यही मिलता है आत्मा का परम स्वरूप यानि परमात्मा
      यदि अंश की और पूर्ण रूप की बात करे तो पुरानो और वेदों मे अंतर देखने को मिलता है वेद और तंत्र अद्वैतवाद को अधिक महत्व देता है यानि ब्रह्म या जीव का ही परम स्वरूप परब्रह्म है (अहं ब्रह्मास्मि) और पुराण द्वैतवाद को अधिक महत्व देता है यानि ब्रह्म और परब्रह्म अलग अलग है
      ये दो मुख्य वाद है लेकिन दोनों मे अंतिम परिणाम एक ही है इसे इस तरह समजा जा सकता है की रास्ते दो है लेकिन मंजिल एक ही है। और ये व्यक्ति के ऊपर निर्भर करता है की वो किस रास्ते से जाएगा। मे अपने व्यक्तिगत रूप से अद्वैतवाद को अधिक महत्व देता हु क्योंकि ये सबको एक ही द्रष्टी से देखता है यहा कोई किसी का अंश नहीं सब पूर्ण है
      ॐ पूर्णमदः पूर्णमिदं पूर्णात् पूर्णमुदच्यते।
      पूर्णस्य पूर्णमादाय पूर्णमेवावशिष्यते॥ -वृहदारण्यक उपनिषद
      अर्थ : अर्थात वह सच्चिदानंदघन परब्रह्म पुरुषोत्तम परमात्मा सभी प्रकार से सदा सर्वदा परिपूर्ण है। यह जगत भी उस परब्रह्म से पूर्ण ही है, क्योंकि यह पूर्ण उस पूर्ण पुरुषोत्तम से ही उत्पन्न हुआ है। इस प्रकार परब्रह्म की पूर्णता से जगत पूर्ण होने पर भी वह परब्रह्म परिपूर्ण है। उस पूर्ण में से पूर्ण को निकाल देने पर भी वह पूर्ण ही शेष रहता है।

  • @santan.dharma908
    @santan.dharma908 5 місяців тому +4

    Har har Mahadev 🙏