सहज ध्यान: मैं कौन हूँ ? मेरा स्वरुप क्या है ?|Sahaj Dhyan|Who am I?

Поділитися
Вставка
  • Опубліковано 26 лис 2024

КОМЕНТАРІ • 141

  • @mantihere
    @mantihere 6 років тому +8

    Your discourse explains in simple words of a common man that we are all spiritual souls having a human body experience for some time on earth. We are eternal immortal part of the supreme divine soul parmatma.

  • @bhagyasethi8325
    @bhagyasethi8325 Рік тому +1

    Ati sundar prabhu ati sundar😍

  • @BhaitiDoley-ec6kr
    @BhaitiDoley-ec6kr Місяць тому +1

    Hare krishna ❤❤❤

  • @indranighosh1792
    @indranighosh1792 9 місяців тому +1

    ❤️🙏

  • @jyotichowdhry8006
    @jyotichowdhry8006 Рік тому +2

    Millions of thanks giving us such Amezing knowledge Guruji ❤🙏💐

  • @gautamsingh9914
    @gautamsingh9914 3 місяці тому +1

    💐 🙏 🙏 🙏 💐 प्रणाम sir ji

  • @premkumariyadav8545
    @premkumariyadav8545 2 роки тому +1

    बहुत सुंदर व्यख्या, सादर प्रणाम धन्यवाद

  • @himatbhaindesaihimatbhaind7861
    @himatbhaindesaihimatbhaind7861 2 роки тому +3

    सर आप को सुनना सुखद लगता है सर आप को हमें सुनना हमारे जीवन का सबसे बहुत बहुत बड़ा भाग्यशाली हु

  • @manojvarma2575
    @manojvarma2575 11 місяців тому +1

    Hariom Tatsat namah Shivay

  • @nitisinha9037
    @nitisinha9037 2 роки тому +2

    🙏😇🙏adbhut

  • @kesarivenu8944
    @kesarivenu8944 3 роки тому +1

    Pranaam paramaatma

  • @NandLal-zo4jp
    @NandLal-zo4jp 2 роки тому +1

    Many many thanks Yogesh Ji

  • @madanmohan7263
    @madanmohan7263 2 роки тому +2

    मार्गदर्शन के लिए आपको बहुत धन्यवाद गुरु जी

  • @bhaskarjani7435
    @bhaskarjani7435 3 місяці тому +1

    Best knowladge

  • @Psahu990
    @Psahu990 2 роки тому

    Bahut bahut dhanyabad 🙏🙏🙏

  • @anupdubey5251
    @anupdubey5251 2 роки тому +1

    🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏app ke anant rupe ko mera koti koti pranam

  • @niranjanasoni6474
    @niranjanasoni6474 2 роки тому

    Muje apaka meditation bahut pasand hai

  • @DeleepKrBhat
    @DeleepKrBhat 2 роки тому +1

    Om Namah Shivay 🙏

  • @kamaljitpurewal936
    @kamaljitpurewal936 Рік тому +1

    🙏🌷💖 Real Jogi

  • @niharsaini123
    @niharsaini123 2 роки тому +1

    ❤️🙏 thanks

  • @श्रीप्रतापविद्यानिकेतनसरदारनगर

    मनोबुद्धय्हंकार चित्तानि नाहं
    श्रोत्रजिव्हे न च घ्राणनेत्रे
    न च व्योमभूमिर्न तेजो न वायुः
    चिदानन्दरूपः शिवोऽहम् शिवोऽहम ॥1॥
    मैं न तो मन हूं‚ न बुद्धि‚ न अहांकार‚ न ही चित्त हूं
    मैं न तो कान हूं‚ न जीभ‚ न नासिका‚ न ही नेत्र हूं
    मैं न तो आकाश हूं‚ न धरती‚ न अग्नि‚ न ही वायु हूं
    मैं तो मात्र शुद्ध चेतना हूं‚ अनादि‚ अनंत हूं‚ अमर हूं।
    न च प्राणसंज्ञो न वै पंचवायुः
    न वा सप्तधातुः न वा पंचकोशः
    न वाक्पाणिपादं न चोपस्थपायु
    चिदानन्दरूपः शिवोऽहम् शिवोऽहम ॥2॥
    मैं न प्राण चेतना हूं‚ न ही ह्यशरीर को चलाने वालीहृ पञ्च वायु हूं
    मैं न ह्यशरीर का निर्माण करने वालीहृ सात धातुएं हूं‚ और न ही ह्यशरीर केहृ पाँच कोश
    मैं न वाणी हूं‚ न हाथ हूं‚ न पैर‚ न ही विसर्जन की इंद्रियां हूं
    मैं तो मात्र शुद्ध चेतना हूं‚ अनादि‚ अनंत हूं‚ अमर हूं।
    न मे द्वेषरागौ न मे लोभ मोहौ
    मदो नैव मे नैव मात्सर्यभावः
    न धर्मो न चार्थोन कामो न मोक्षः
    चिदानन्दरूपः शिवोऽहम् शिवोऽहम ॥3॥
    न मुझे किसी से वैर है‚ न किसी से प्रेम‚ न मुझे लोभ है‚ न मोह
    न मुझे अभिमान है‚ न ईष्र्या
    मैं धर्म‚ धन‚ लालसा एवं मोह से परे हूं
    मैं तो मात्र शुद्ध चेतना हूं‚ अनादि‚ अनंत हूं‚ अमर हूं।
    न पुण्यं न पापं न सौख्यं न दुःखं
    न मन्त्रो न तीर्थो न वेदा न यज्ञः
    अहं भोजनं नैव भोज्यं न भोक्ता
    चिदानन्दरूपः शिवोऽहम् शिवोऽहम ॥4॥
    मैं पुण्य‚ पाप‚ सुख और दुख से विलग हूं
    न मैं मंत्र हूं‚ न तीर्थ‚ न ज्ञान‚ न ही यज्ञ
    न मैं भोजन हूं‚ न ही भोगने योग्य हूं‚ और न ही भोक्ता हूं
    मैं तो मात्र शुद्ध चेतना हूं‚ अनादि‚ अनंत हूं‚ अमर हूं।
    न मे मृत्युशंका न मे जातिभेदः
    पिता नैव मे नैव माता न जन्म
    न बन्धुर्न मित्रं गुरुर्नैव शिष्यं
    चिदानन्दरूपः शिवोऽहम् शिवोऽहम ॥5॥
    न मुझे मृत्यु का डर है‚ न जाति का भय
    मेरा न कोई पिता है‚ न माता‚ न ही मैं कभी जन्मा था
    मेरा न कोई भाई है‚ न मित्र‚ न गुरु‚ न शिष्य
    मैं तो मात्र शुद्ध चेतना हूं‚ अनादि‚ अनंत हूं‚ अमर हूं।
    अहं निर्विकल्पो निराकार रूपो
    विभुत्वाच्च सर्वत्र सर्वेन्द्रियाणाम्
    न चासंगत नैव मुक्तिर्न मेयः
    चिदानन्दरूपः शिवोऽहम् शिवोऽहम ॥6॥
    मै निर्विकल्प हूं‚ निराकार हूं
    मैं विचार विमुक्त हूं‚ और सर्व इंद्रियों से पृथक हूं
    न मैं कल्पनीय हूं‚ न आसक्ति हूं‚ न ही मुक्ति हूं
    मैं तो मात्र शुद्ध चेतना हूं‚ अनादि‚ अनंत हूं‚ अमर हूं।
    ∼ आदि शंकराचार्य

  • @jkd6969
    @jkd6969 2 роки тому +4

    I have not come across a clearer or better explanation than this, worth listening over and over again! Endless Gratitude 💖💖💖…. Your knowledge shines through your peaceful smile 😊

  • @IrfanAli-db6kb
    @IrfanAli-db6kb 4 роки тому +3

    Beyond par excellence
    The methodology unique , appreciable.
    " मै कोन हूं? आदि काल से यह प्रश्न एक पहेली बना हुआ है, The sources of knowledge चार्वाक, बौद्ध, जैन,सांख्य योग,पूर्व मीमांसा,उत्तर मीमांसा, न्याय वेसेसीक्,वेदांत, विशिष्टता द्वैत वाद,सूफीज्म,ओशो,और बहुत सी branch of knowledge इस पहेली को सुलझाते रहे हैं और अपनी अपनी आस्था से संतुष्ट होते रहे हैं।विज्ञान पर बहुत भरोसा है लोगों का 1882 में German physician Paul ने BBB (blood brain Barrier) की खोज की neuron privacy में रहते हैं और ब्लड बैरियर की वजह से privacy leak nhi होती।लेकिन बाद के प्रयोगों से पता चला कि circumventricular organs ie pititury gland medience eminence OVLT area of postrema pineal gland etc BBB को break कर देते हैं । ह्रदय हर information के लिए अपडेट रहता है।
    कुछ साधकों का मत है कि मै पंच भूत (मिट्टी, जल, वायु, अग्नि आकाश का बना एक पुतला हूं इसमें जब आत्मा व नफस (lower self/ego) प्रविष्ट कर दी जाती तब " इंसान" कहलाता हूं यही हूं ( मै)। अस्तित्व सिर्फ ईश्वर का है और इस के अतरिक्त किसी का नहीं।
    पुतले से " मन" उत्पन्न होता है और नफस से सब तरह की " बुराइयां" उत्पन्न होती हैं। मन व नफस यह संसार के दास हैं । मै साछी तौ हूं परन्तु जब मेरा नियंत्रण मन व नफस पर नहीं होता तब मै और आत्मा दुखी हो जाते हैं।
    हे परमात्मा समस्त जन का भला करना ⚡🌐🪐

  • @neerajbg
    @neerajbg 6 років тому +4

    Sir एक और अति दुर्लभ ज्ञान जो आप सहजता से ही समझा देते है। आपको कोटि कोटि प्रणाम। वस्तुतः समस्त जगत ही शिवमय है और समस्त वस्तु में ही शिव तत्व का वास है। sir एक छोटा सा प्रश्न है। जब ये समस्त विश्व ही ज्ञेय है इसका अर्थ हुआ कि चैतन्य सभी ज्ञेय में है। चेतन की बात तो स्पष्ट है, पर मुझे लगता है कि जड़ में भी शिव तत्व होना चाहिए क्योंकि वो भी तो ज्ञेय है। अर्थात जड़ व चेतन सब मे चैतन्य शिव स्थित है। कृपया मार्गदर्शन करें।

  • @namanbaghel09
    @namanbaghel09 6 місяців тому

    Aise hi aur video chahiye😊😊

  • @pankajlande.62
    @pankajlande.62 2 роки тому +1

    Thank you , for this video, I am close to it

  • @govindprasadnema6902
    @govindprasadnema6902 3 роки тому

    शत-शत नमन

  • @jkd6969
    @jkd6969 2 роки тому +2

    These videos are worth listening again and again . Each time, one discovers new Gems, deeper understanding and clarity. Thank you 🙏

  • @jayakalsariya8708
    @jayakalsariya8708 3 роки тому +1

    🙏🙏🙏🙏 धन्यवाद 🙏🙏🙏🙏

  • @eklingmbhaktisagar3471
    @eklingmbhaktisagar3471 5 років тому +1

    Saty vchan om nmo bhagwate vasudevay

  • @rajendraprasadrastogi7091
    @rajendraprasadrastogi7091 3 роки тому +1

    Nice explanation thank you

  • @rajeshkorachgoan5328
    @rajeshkorachgoan5328 4 роки тому +1

    Perfect आत्म चिंतन sir ji धन्यवाद ओम नमः शिवाय

  • @ushatarsariya6204
    @ushatarsariya6204 2 роки тому +1

    Sitaram

  • @savitapandey6670
    @savitapandey6670 4 роки тому

    ॐ प्रभु।

  • @sapnavilas8101
    @sapnavilas8101 5 років тому +1

    सत सत प्रणाम आत्मबोधि आत्मन,,

    • @sapnavilas8101
      @sapnavilas8101 5 років тому

      💐

    • @conceptualphysicsbypunitbh9952
      @conceptualphysicsbypunitbh9952 4 роки тому

      pleasure and sorrow dont go with us bt d contentment of touching d self and experience d self must go with us bcz it can onlybe experience in turiya state which is d state of oneness mrans d experience and d one who is experience is not two bt its one actually and d experience is in heighest dimension by heighest body

  • @santoshchoubey8651
    @santoshchoubey8651 3 роки тому +2

    Nice vichar

  • @MandeepKumar-gs4ee
    @MandeepKumar-gs4ee 4 роки тому +1

    waah prabhu🕉🛐💐

  • @sharadnehate
    @sharadnehate 2 роки тому +1

    Thanks

  • @hemabarve1018
    @hemabarve1018 5 років тому +1

    कोटि-कोटि नमन सहस्त्र वंदन शत् शत् प्रणाम गुरु देव

  • @kesarivenu8944
    @kesarivenu8944 3 роки тому +1

    Chaitanya flowers of joy on ur lotus feet chaitanya

  • @BabySinjo
    @BabySinjo 3 роки тому +1

    So great

  • @shambala...2644
    @shambala...2644 4 роки тому +1

    Sat chit Anand😌🙏👍

  • @jyotichowdhry8006
    @jyotichowdhry8006 Рік тому

    Amazing sirji❤

  • @lilabatitiwari5185
    @lilabatitiwari5185 Рік тому

    Thank you very much

  • @Psahu990
    @Psahu990 2 роки тому

    🙏🙏🙏🙏💐

  • @nirmalavijayapur3031
    @nirmalavijayapur3031 Рік тому

    🙏🙏🙏🙏🙏

  • @ankitkvlog07
    @ankitkvlog07 3 роки тому +1

    Very nice vichar

  • @parashurampoudel9203
    @parashurampoudel9203 5 років тому +1

    Thanks Chaitanya sir. Ji for imp. Vdo.

  • @amritkaur6263
    @amritkaur6263 4 роки тому +1

    Thank you v much . V happy to about I

  • @ArunSharma-pc1mo
    @ArunSharma-pc1mo 4 роки тому +1

    🕉🌷🌷शत शत नमन 🙏🙏🌷🌷

  • @hardeepkaur2753
    @hardeepkaur2753 2 роки тому +1

    World needs truth strong life lessons knowledge reach global all healing all Diseases Get well soon forgiveness universe gifts nature gifts myself silence thankyou thankyou thankyou

  • @theelixir9391
    @theelixir9391 5 років тому +2

    Pranam Chaitanya ji

  • @shobha1414
    @shobha1414 5 місяців тому

    🌸🌸🌸❤️

  • @vishalkadam6461
    @vishalkadam6461 3 роки тому +1

    Sir aapke shath dyan me gotalagate he to pura anubhav hota he. Hamarari chetna aapke anubhav ko apne andar mehsush hota he

  • @jobpearl9841
    @jobpearl9841 3 роки тому +1

    Wow aapki samajaneka tarika gajab Hai ho

  • @kusumgoyal6691
    @kusumgoyal6691 3 роки тому +1

    Thank you master

  • @leelakanoi7991
    @leelakanoi7991 2 роки тому +5

    Gratitude sir ji.
    Too good . You are awesome. I don't have words for you. The way you explaine is ultimate.
    Lots of gratitude.
    I m newly connected with you

  • @anamikachaudhry6173
    @anamikachaudhry6173 4 роки тому +1

    🙏🏿🙏🏿🙏🏿

  • @surendradixit5559
    @surendradixit5559 2 роки тому +2

    जब मैं शास्वत हूं स्वयं के अनुभव से आनंदित हूं तो फिर मैंने जन्म लिया ही क्यों? कृपया बताएं।🙏🙏

  • @shambhavi2060
    @shambhavi2060 6 років тому +1

    Very nice, Simple and direct
    Om Chaitanyam Namah 🙏

  • @vishalkadam6461
    @vishalkadam6461 4 роки тому

    Apnka Danya vad karne ke liye me khali mehsush karta hu

  • @amitapanda2243
    @amitapanda2243 2 роки тому

    Thanks- - -

  • @tannmayamohapatra40
    @tannmayamohapatra40 3 роки тому +1

    🙏

  • @jyotichowdhry6182
    @jyotichowdhry6182 4 роки тому +1

    Great 🙏🙏🙏🙏🙏

  • @manishrabari7462
    @manishrabari7462 4 роки тому +1

    Adesh
    Mahadev

  • @sumanbiswal976
    @sumanbiswal976 4 роки тому +1

    Thank you

  • @jyotichowdhry6182
    @jyotichowdhry6182 3 роки тому +1

    Sirji Amazing experience 🙏🙏🌷🌷

  • @श्रीस्वामीसमर्थ-र3त

    Excellent ! 🙏

  • @praveshdhawan3842
    @praveshdhawan3842 6 років тому +1

    Ultimate discourse chaitanya ji. Thanks alot

  • @kusumgoyal6691
    @kusumgoyal6691 3 роки тому +1

    Beautifuly explain 🙏

  • @rupeshchavan3710
    @rupeshchavan3710 Рік тому

    🌺🕉🌺🌈🚩🙏🌹

  • @vishnuprasadpaudyal7182
    @vishnuprasadpaudyal7182 3 роки тому

    👏👏

  • @ramchandraprabhune703
    @ramchandraprabhune703 4 роки тому +1

    Excellent 🙏🙏🙏

  • @balram1976-s6r
    @balram1976-s6r 2 роки тому

    मुक्ति का नाम लेकर, फिर बंधन में ले गए

  • @dipakdave3230
    @dipakdave3230 6 років тому +3

    यह बात सही है कि मै वर्तमान हूं। क्योंकि मै कोई जब सोचता है तब मै अपने आप को अनुभव नहीं कर सकता वो विचार का शाक्षी बनकर रह जाता है। वर्तमान में रहने प्रयत्न स्वयं की अनुभति कराता है इसलिए मै की अनुभूति और वर्तमान में रहना दोनों एक ही है। स्वयं की अनुभूति में समय और स्थान का पता नहीं रहता इसलिए " मै हूं " वर्तमान है।

    • @sunilprajapati6444
      @sunilprajapati6444 5 років тому +1

      St.saheb.g.kae.o.hm.hae

    • @sarojbharati2887
      @sarojbharati2887 4 роки тому +1

      आत्मज्ञान प्राप्त करने के लिये मार्गदर्शन करे| धन्यवाद सर

    • @dipakdave3230
      @dipakdave3230 4 роки тому +1

      @@sarojbharati2887 कुछ प्राप्त कर लेने की इच्छा मन की मांग है। मन सदा जो है उससे ज्यादा की मांग करता रहता है। पूर्ण होने के बजाए खालीपन की अनुभूति बहेतर रहेगी क्योंकि मन को कोई भी पूर्णता में आेर पूर्णता की जरूरत लगेगी जब कि खालीपन की अनुभूति के बाद अोर खाली होने की जरूरत नहीं लगेगी । अन्यो के अनुभव की बात खुद के लिए सिर्फ मन तक सीमित जानकारी है जब कि हमारे द्वारा की गई हमारे अस्तित्व की अनुभूति सच्चा आत्मज्ञान है। आत्मज्ञान जैसे सुने हुए शब्दों के बजाए सिर्फ अपने होने पन का एहसास ही काफ़ी है।

    • @dipakdave3230
      @dipakdave3230 4 роки тому

      @@sarojbharati2887 ईश्वर की शरण में सदा के लिए बस जाना खाली हो जाने की और पवित्रता की सर्व श्रेष्ठ अनुभूति है। इसके सिवा कोई ओर उपाय ज्यादा असरदार नहीं है क्योंकि मन को टिकने के लिए कोई आधार के बिना नहीं चलता । ईश्वर ही सबसे पवित्र आधार है । बाकी के सभी अनुभव रस हीन मालूम होगे।

  • @niranjanasoni6474
    @niranjanasoni6474 2 роки тому

    Pune Maharashtra niranjana soni sabhiko Aum Chaitanya mahaprabhu

  • @SANJAYGUPTA-um3xt
    @SANJAYGUPTA-um3xt 4 роки тому +1

    🌸🌸🌸🙏

  • @bhupsingh4615
    @bhupsingh4615 5 років тому +1

    Good spiritual video pl provide more

  • @nipulgogoi8744
    @nipulgogoi8744 6 років тому +1

    Aum..........

  • @vinodjaiswal2291
    @vinodjaiswal2291 4 роки тому +1

    🙏🥀🥀🥀🥀🥀🥀🥀🙏

  • @ritugupta7607
    @ritugupta7607 Рік тому

    🔔
    0 🙏🏻

  • @bipinprajapati940
    @bipinprajapati940 4 роки тому +1

    Very much clarity Who I Am? Pranam Guruji

  • @debobhai7118
    @debobhai7118 6 років тому +2

    Nice sir.

  • @श्रीप्रतापविद्यानिकेतनसरदारनगर

    सकृच्छ्रवणमात्रेण ब्रह्मज्ञानं यतो भवेत् । ब्रह्मज्ञानावलीमाला सर्वेषां मोक्षसिद्धये ॥ १॥ असङ्गोऽहमसङ्गोऽहमसङ्गोऽहं पुनः पुनः । सच्चिदानन्दरूपोऽहमहमेवाहमव्ययः ॥ २॥ नित्यशुद्धविमुक्तोऽहं निराकारोऽहमव्ययः । भूमानन्दस्वरूपोऽहमहमेवाहमव्ययः ॥ ३॥ नित्योऽहं निरवद्योऽहं निराकारोऽहमुच्यते । परमानन्दरूपोऽहमहमेवाहमव्ययः ॥ ४॥ शुद्धचैतन्यरूपोऽहमात्मारामोऽहमेव च । अखण्डानन्दरूपोऽहमहमेवाहमव्ययः ॥ ५॥ प्रत्यक्चैतन्यरूपोऽहं शान्तोऽहं प्रकृतेः परः । शाश्वतानन्दरूपोऽहमहमेवाहमव्ययः ॥ ६॥ तत्त्वातीतः परात्माहं मध्यातीतः परः शिवः । मायातीतः परंज्योतिरहमेवाहमव्ययः ॥ ७॥ नानारूपव्यतीतोऽहं चिदाकारोऽहमच्युतः । सुखरूपस्वरूपोऽहमहमेवाहमव्ययः ॥ ८॥ मायातत्कार्यदेहादि मम नास्त्येव सर्वदा । स्वप्रकाशैकरूपोऽहमहमेवाहमव्ययः ॥ ९॥ गुणत्रयव्यतीतोऽहं ब्रह्मादीनां च साक्ष्यहम् । अनन्तानन्तरूपोऽहमहमेवाहमव्ययः ॥ १०॥ अन्तर्यामिस्वरूपोऽहं कूटस्थः सर्वगोऽस्म्यहम् । परमात्मस्वरूपोऽहमहमेवाहमव्ययः ॥ ११॥ निष्कलोऽहं निष्क्रियोऽहं सर्वात्माद्यः सनातनः । अपरोक्षस्वरूपोऽहमहमेवाहमव्ययः ॥ १२॥ द्वन्द्वादिसाक्षिरूपोऽहमचलोऽहं सनातनः । सर्वसाक्षिस्वरूपोऽहमहमेवाहमव्ययः ॥ १३॥ प्रज्ञानघन एवाहं विज्ञानघन एव च । अकर्ताहमभोक्ताहमहमेवाहमव्ययः ॥ १४॥ निराधारस्वरूपोऽहं सर्वाधारोऽहमेव च । आप्तकामस्वरूपोऽहमहमेवाहमव्ययः ॥ १५॥ तापत्रयविनिर्मुक्तो देहत्रयविलक्षणः । अवस्थात्रयसाक्ष्यस्मि चाहमेवाहमव्ययः ॥ १६॥ दृग्दृश्यौ द्वौ पदार्थौ स्तः परस्परविलक्षणौ । दृग्ब्रह्म दृश्यं मायेति सर्ववेदान्तडिण्डिमः ॥ १७॥ अहं साक्षीति यो विद्याद्विविच्यैवं पुनः पुनः । स एव मुक्तः सो विद्वानिति वेदान्तडिण्डिमः ॥ १८॥ घटकुड्यादिकं सर्वं मृत्तिकामात्रमेव च । तद्वद्ब्रह्म जगत्सर्वमिति वेदान्तडिण्डिमः ॥ १९॥ ब्रह्म सत्यं जगन्मिथ्या जीवो ब्रह्मैव नापरः । अनेन वेद्यं सच्छास्त्रमिति वेदान्तडिण्डिमः ॥ २०॥ अन्तर्ज्योतिर्बहिर्ज्योतिः प्रत्यग्ज्योतिः परात्परः । ज्योतिर्ज्योतिः स्वयंज्योतिरात्मज्योतिः शिवोऽस्म्यहम् ॥ २१॥ इति श्रीमत्परमहंसपरिव्राजकाचार्यस्य श्रीगोविन्दभगवत्पूज्यपादशिष्यस्य श्रीमच्छङ्करभगवतः कृतौ ब्रह्मज्ञानावलीमाला सम्पूर्णा ॥

  • @vinodbhandari3948
    @vinodbhandari3948 4 роки тому +1

    Namaste guru g.
    Bahut kuchh sikha aapse

  • @dhanwantikhemchandani8139
    @dhanwantikhemchandani8139 11 місяців тому

    खु

  • @awadheshsingh2790
    @awadheshsingh2790 6 років тому +1

    Sukh. dukh. Ye sab mere man ka swabhaw hai.. Mera nahi.. Om chaitanya.

  • @वैद्यखेमचन्दगुप्तागुप्ता

    मैं आपके प्रत्यक्ष दर्शन करना चाहता हूं ये सौभाग्य किस तरह से प्राप्त होगा --

  • @niranjandas8544
    @niranjandas8544 3 роки тому

    Main kaun hun? Mera swaroop kyaa hai? Answer:Mein ek anadi abinasi swatantrata chaityna satta Atma hun. Mein Atma pavitra swaroop, shant swaroop, prem swaroop, anand swaroop, sukh swaroop, gyaan swaroop aur shakti swaroop hun. Pavitrata ka Sagar, Shanti ka Sagar, Prem ka Sagar, Anand ka Sagar, Sukh ka Sagar, Gyaan ka Sagar aur Shakti ka Sagar nirakar Patit Pavan Parampita Paramaatma Shiv Babaka santaan hun

  • @vishalkadam6461
    @vishalkadam6461 4 роки тому +1

    Sir me dyan ki prectis kartatha par aaj mene aapke shath me time our spes se pare he ye mehsush kiya , par aapka siv tatva kese me he kuch kuch shamaj aya par jo aapne bodhik me ki bat ki ki jo skti Swarup he ushko shmaj nhi paya

  • @amritkaur6263
    @amritkaur6263 4 роки тому +1

    Thank you . I have no words to express my fee. I really v glad to know. In v simple why?
    Who I am.
    Thank you sir . I really need you guide line. 🙏🙏

  • @saraswathiab5995
    @saraswathiab5995 6 років тому +2

    Hari om. very beautifully explained.wish you make a video on how to reflect on the teachings to see ourself as the Chaitanya. The idea that iam the nameless formless subject,n all else is an object including the body/mind/ego.let this relativity go on.what have we got to do with it.as Sri Ramana's teachings say with the rise of the " I " a world rises outside us n we wrongly identify with the body as me.something's we say is outside n something's are inside, but there's no such limitation as Chaitanya. Chaitanya has no mind,so there are no thoughts no actions because it is formless n has no limitations.the Sat, n chit aspects are recognisable. I exist, n i know I exist.this is never forgotten.all other knowledge may be forgotten but not this.it's so beautiful to dwell on this subject.
    Thank you.
    Om Namah Shivaya.

  • @Luckysingh-vq9vu
    @Luckysingh-vq9vu 5 років тому +2

    Aapke Chehre per Jo atmik Muskan Hai vah bahut hi Khubsurat hai . Aisa lagta hai aap Chehre Se Nahin Atma se Hans rahe hain.

  • @Ddk099
    @Ddk099 2 роки тому

    I AM THAT?............. I AM.

  • @raviBABA-r6p
    @raviBABA-r6p 4 роки тому +1

    Aapne jo question likha hai us per bat nhi ker rhe ho balki usake charo taraf ghuma rhe ho es sansar ki bato me. Kya aapko eska jabab pata hai ? Ya nhi ? Aap mujhe rshankar448@gmail.com. per contract ker sakte hai....

  • @dhanashrigaikwad2129
    @dhanashrigaikwad2129 2 роки тому +1

    Naman muze sab kuch samaz aa raha hai mai ye astitv our ye anubhav magar abhi tak mai last sentence tak nahi pahunch pa rahi hu jagananand tak ye sab ek hi hai ye sab janevala ek hai har sharir us anubhav karane ki usaka instrument hai ye sab samaz aa raha hai magar last step abhi bhi nahi ghat rahi kripaya margadarshan kare

  • @rajeshkorachgoan5328
    @rajeshkorachgoan5328 4 роки тому

    Sir ji एक request हे योगी लोग स्व इच्छा से शरीर का त्याग करते हे और बाकी लोगोको किसीं कारण शरीर छोडना पडता हे इसके उपर विडिओ बनाइये this is request thank you

  • @PARVEENKUMAR-eb5ck
    @PARVEENKUMAR-eb5ck 5 років тому +2

    सर मैं कौन हूँ इसपर कोई मेडिटेशन है क्या?

    • @sonijisir9056
      @sonijisir9056 4 роки тому

      Did you receive your ans. If yes also, give me the answer. I am also interested in who am I, Guided meditation. Have a nice life.

  • @madhavsingh3836
    @madhavsingh3836 3 роки тому +1

    Sirji mujhe ek baat ka antar samjhna hai ki aatma ek hi hai ya aatmayen .jo anant hai shantiswarup hai aandswarup hai vahi aatma hai yani aatma parmatma ek hi hai ya inka koi bhed hai kripya spasht margdarshan krne ki kripa kare dhanyavad

  • @sonijisir9056
    @sonijisir9056 4 роки тому +1

    Really so nice and simple explanation. But Sir, do something for the persons like us, who are interested in WHO AM I? guided meditation. First time I have found something so clear and simple answers of my questions. Thanx a lot Sir, my you tube GURUJI. Have a nice day. Let me teach, how to meditate in practical, please Sir.

    • @chaitanyadarshan
      @chaitanyadarshan  4 роки тому

      ua-cam.com/video/eecPZGuhnY4/v-deo.html

    • @susheeladagar3921
      @susheeladagar3921 2 роки тому

      If you are really interested to know who are you? Then search for Samarth Sadguru Shree Ram Lal ji Siyag on you tube and do siddhayoga of Gurudev Siyag because Samarth guru is must if you want self realisation