जय भीम टिव्ही 9 खुपच चांगले कार्य केले आहे. डॉ बाबासाहेब आंबेडकर यांच्या सोबत व सहवासात असलेले. हे महान महाशय आंबेडकरी जनते समोर आणले आहेत. त्यांच्या तोंडून डाॅ बाबासाहेब आंबेडकर हे किती महान होते. हे ऐकावयास मिळाले.
यहा हमे " तथागत बुद्ध " का तत्वज्ञान _PHILOSOPHY को समझना बहुत ही जरुरी है , " बुद्ध " ना ही महात्मा है , ना ही भगवान ! " बुद्ध " का मतलबबुद्धी -ज्ञान -विज्ञान है , वोह कोई शरीर नहीहै , मनुष्य नही है , ना ही कोई आत्मा-परमात्मा , वोह एक ज्ञान -विज्ञानयुक्त " व्हायब्रेशन्स " या फिर" स्पंदन " के रूप में ENGLISH -FIGURE 8 के आकार -SHAPE में कभी भी खत्म ना होनेवली वैश्विक शक्ती के रूप में एक ' परम -तत्व ' है , जिस तत्व के तहतइस ब्रम्हांड में ८४ जीव -सृष्टीयो कानिर्माण हुआ , उस में से आज सिर्फ ४५जीव -सृष्टीया ही बची है , उस में से एकहमारी इस धरती पर कि जीव -सृष्टी है , और वह भी अब खत्महोने के कगार पर है ! समस्त मानव जाती के९० % मनुष्य इंसानियात को भुला कर हैवान बन चुके है , जिस से इस सृष्टी का संतुलन बिगड चुका है! इस हालात में इस धरती पर का मनुष्य अपनीआनेवाली पिढी में बिना दिमाग कि ही पैदाहोगी , क्यो कि मनुष्य अपने दिमाग या फिर अक्ल कासिर्फ ५ % ही इस्तेमाल करता है , जब कि पशु -पक्षी -जानवर अपने दिमाग का ८० -८५ %इस्तेमाल कर के इस धरती पर जीता है , इन्सान कितनाबेवकूफ है , कुदरत ने उसे अक्लदी , लेकीन उस काइस्तेमाल नही करना जानता , वह जिंदगी में २४ घंटे अपने किसी ना किसी तरहके नशे में डूबा रहता है , जो पशु -पक्षी-जानवर अपने जीवन में कभी भी नही करते पाये जाते है ! उस के बाद ऐसे इन्सान इस धरती पर बाकी पशु-पक्षी -जानवरो कि तऱह पहाडो -जन्गलो मेंछुपते -छुपाता घुमता हुआ नजर आयेगा और इस धरती पर दुसरा कोई और प्राणी अपने दिमाग-अक्ल के साथ जन्म ले कर इस सृष्टी को सम्हालेगा I अगर वह प्राणी भी इस सृष्टी को नही सम्हाल पायातो इस सृष्टी का नाश हो जायेगा उस के बाद ४५ जीव -सृष्टीयो में से एक कम हो कर ४४ सृष्टीया ही बचेंगी ! वैसे इस पृथ्वी ग्रह पर ही तीन जीव --सृष्टीयो का अस्त्तीत्वहै , उस में से एक है समुंदर के तल पर और दुसरी हैपृथ्वी के गर्भ में और तिसरी हमारी सृष्टीहै धरती के सतह -SURFACE पर i. e. जैसे मंगल ग्रह के सतह पर कि जीव -सृष्टी खत्महो चुकी है और किसी दुसरे ग्रहो पर नयी जीव -सृष्टी का निर्माण करने में " तथागत बुद्ध" कार्यरत है , उन का यह काम निरंतर चलता रहता है ! जानो -सोचो -समझो ! मनुष्य पैदायीशी ही समझदारहै ! जो विश्वभूषण -भारतरत्न डॉ. बी. आर. आंबेडकर जी ने हमे समझाने कि पुरी -पुरी कोशिश कि है , लेकीन हम उसे समझ नही पाये , उन्हो ने अपने जीवन का कार्यकाल सिर्फ और सिर्फबुद्धिझम को ही इस देश में वापस लाने में खर्च किया है , ना कि किसी गरीब-मजबूर -दलित कहे जानेवाले इंसानो के लिये , यह हमारा भ्रम है, उन कि पॉलीसी के तहत इन लोगो का भला जरूर हुआ है , और होना भीचाहिये , क्यो कि सभी इंसानो का लेव्हल एक ही है , छोटा -बडा या फिर राजा -भिकारी ऐसा इस सृष्टीमें कुछ नही होता है ! सभी एक दुसरे केपूरक है -बराबर है ! लेकीन इस का श्रेयसिर्फ " बुद्धिझम " को ही जाता है ! वैसे इन लोगो के लिये कोई भी इन्सान कुछ भी नही कर सकता I वह जानते थे की इस धरती पर का अत्याचार -हिंसाचार -बलात्कार-भ्रष्टाचार -आतंकवाद -नक्षलवाद -अनाचांर-HUMANTRAFFIKING -MONEY POWER -POLITICAL POWER को खत्म करने के लिये सिर्फ " बुद्धिझम " ही काफीहै ! यह बात हमारे बहुजन नेतागन -वक्तागन जैसे लोगो के समझ में आ जाना चाहिये ! --- तथागत बुद्ध !!
आदरनिय गंगावणे साहेब, कांबळे साहेब, डोळस साहेब यांनी बाबासाहेबांच्या आठवणी सांगुन प्रत्यक्ष बाबासाहेब आमच्यासमोर, आमच्या दृष्टीसमोर उभे केले त्यांना त्रिवार नमन. धन्य ते ज्यांनी बाबासाहेब बघीतले.जय भिम! जय संविधान!!
यहा हमे " तथागत बुद्ध " का तत्वज्ञान _PHILOSOPHY को समझना बहुत ही जरुरी है , " बुद्ध " ना ही महात्मा है , ना ही भगवान ! " बुद्ध " का मतलबबुद्धी -ज्ञान -विज्ञान है , वोह कोई शरीर नहीहै , मनुष्य नही है , ना ही कोई आत्मा-परमात्मा , वोह एक ज्ञान -विज्ञानयुक्त " व्हायब्रेशन्स " या फिर" स्पंदन " के रूप में ENGLISH -FIGURE 8 के आकार -SHAPE में कभी भी खत्म ना होनेवली वैश्विक शक्ती के रूप में एक ' परम -तत्व ' है , जिस तत्व के तहतइस ब्रम्हांड में ८४ जीव -सृष्टीयो कानिर्माण हुआ , उस में से आज सिर्फ ४५जीव -सृष्टीया ही बची है , उस में से एकहमारी इस धरती पर कि जीव -सृष्टी है , और वह भी अब खत्महोने के कगार पर है ! समस्त मानव जाती के९० % मनुष्य इंसानियात को भुला कर हैवान बन चुके है , जिस से इस सृष्टी का संतुलन बिगड चुका है! इस हालात में इस धरती पर का मनुष्य अपनीआनेवाली पिढी में बिना दिमाग कि ही पैदाहोगी , क्यो कि मनुष्य अपने दिमाग या फिर अक्ल कासिर्फ ५ % ही इस्तेमाल करता है , जब कि पशु -पक्षी -जानवर अपने दिमाग का ८० -८५ %इस्तेमाल कर के इस धरती पर जीता है , इन्सान कितनाबेवकूफ है , कुदरत ने उसे अक्लदी , लेकीन उस काइस्तेमाल नही करना जानता , वह जिंदगी में २४ घंटे अपने किसी ना किसी तरहके नशे में डूबा रहता है , जो पशु -पक्षी-जानवर अपने जीवन में कभी भी नही करते पाये जाते है ! उस के बाद ऐसे इन्सान इस धरती पर बाकी पशु-पक्षी -जानवरो कि तऱह पहाडो -जन्गलो मेंछुपते -छुपाता घुमता हुआ नजर आयेगा और इस धरती पर दुसरा कोई और प्राणी अपने दिमाग-अक्ल के साथ जन्म ले कर इस सृष्टी को सम्हालेगा I अगर वह प्राणी भी इस सृष्टी को नही सम्हाल पायातो इस सृष्टी का नाश हो जायेगा उस के बाद ४५ जीव -सृष्टीयो में से एक कम हो कर ४४ सृष्टीया ही बचेंगी ! वैसे इस पृथ्वी ग्रह पर ही तीन जीव --सृष्टीयो का अस्त्तीत्वहै , उस में से एक है समुंदर के तल पर और दुसरी हैपृथ्वी के गर्भ में और तिसरी हमारी सृष्टीहै धरती के सतह -SURFACE पर i. e. जैसे मंगल ग्रह के सतह पर कि जीव -सृष्टी खत्महो चुकी है और किसी दुसरे ग्रहो पर नयी जीव -सृष्टी का निर्माण करने में " तथागत बुद्ध" कार्यरत है , उन का यह काम निरंतर चलता रहता है ! जानो -सोचो -समझो ! मनुष्य पैदायीशी ही समझदारहै ! जो विश्वभूषण -भारतरत्न डॉ. बी. आर. आंबेडकर जी ने हमे समझाने कि पुरी -पुरी कोशिश कि है , लेकीन हम उसे समझ नही पाये , उन्हो ने अपने जीवन का कार्यकाल सिर्फ और सिर्फबुद्धिझम को ही इस देश में वापस लाने में खर्च किया है , ना कि किसी गरीब-मजबूर -दलित कहे जानेवाले इंसानो के लिये , यह हमारा भ्रम है, उन कि पॉलीसी के तहत इन लोगो का भला जरूर हुआ है , और होना भीचाहिये , क्यो कि सभी इंसानो का लेव्हल एक ही है , छोटा -बडा या फिर राजा -भिकारी ऐसा इस सृष्टीमें कुछ नही होता है ! सभी एक दुसरे केपूरक है -बराबर है ! लेकीन इस का श्रेयसिर्फ " बुद्धिझम " को ही जाता है ! वैसे इन लोगो के लिये कोई भी इन्सान कुछ भी नही कर सकता I वह जानते थे की इस धरती पर का अत्याचार -हिंसाचार -बलात्कार-भ्रष्टाचार -आतंकवाद -नक्षलवाद -अनाचांर-HUMANTRAFFIKING -MONEY POWER -POLITICAL POWER को खत्म करने के लिये सिर्फ " बुद्धिझम " ही काफीहै ! यह बात हमारे बहुजन नेतागन -वक्तागन जैसे लोगो के समझ में आ जाना चाहिये ! --- तथागत बुद्ध !!
बाबासाहेबांना आम्ही पाहू शकलो नाही तुम्ही पाहीले,अनुभवले. तुम्ही धन्य अहात. अशाच बाबसाहेबांच्या आठवणी शेअर करीत रहावे. पुढील पिढीसाठी त्या प्रेरणादायक आहेत.
यहा हमे " तथागत बुद्ध " का तत्वज्ञान _PHILOSOPHY को समझना बहुत ही जरुरी है , " बुद्ध " ना ही महात्मा है , ना ही भगवान ! " बुद्ध " का मतलबबुद्धी -ज्ञान -विज्ञान है , वोह कोई शरीर नहीहै , मनुष्य नही है , ना ही कोई आत्मा-परमात्मा , वोह एक ज्ञान -विज्ञानयुक्त " व्हायब्रेशन्स " या फिर" स्पंदन " के रूप में ENGLISH -FIGURE 8 के आकार -SHAPE में कभी भी खत्म ना होनेवली वैश्विक शक्ती के रूप में एक ' परम -तत्व ' है , जिस तत्व के तहतइस ब्रम्हांड में ८४ जीव -सृष्टीयो कानिर्माण हुआ , उस में से आज सिर्फ ४५जीव -सृष्टीया ही बची है , उस में से एकहमारी इस धरती पर कि जीव -सृष्टी है , और वह भी अब खत्महोने के कगार पर है ! समस्त मानव जाती के९० % मनुष्य इंसानियात को भुला कर हैवान बन चुके है , जिस से इस सृष्टी का संतुलन बिगड चुका है! इस हालात में इस धरती पर का मनुष्य अपनीआनेवाली पिढी में बिना दिमाग कि ही पैदाहोगी , क्यो कि मनुष्य अपने दिमाग या फिर अक्ल कासिर्फ ५ % ही इस्तेमाल करता है , जब कि पशु -पक्षी -जानवर अपने दिमाग का ८० -८५ %इस्तेमाल कर के इस धरती पर जीता है , इन्सान कितनाबेवकूफ है , कुदरत ने उसे अक्लदी , लेकीन उस काइस्तेमाल नही करना जानता , वह जिंदगी में २४ घंटे अपने किसी ना किसी तरहके नशे में डूबा रहता है , जो पशु -पक्षी-जानवर अपने जीवन में कभी भी नही करते पाये जाते है ! उस के बाद ऐसे इन्सान इस धरती पर बाकी पशु-पक्षी -जानवरो कि तऱह पहाडो -जन्गलो मेंछुपते -छुपाता घुमता हुआ नजर आयेगा और इस धरती पर दुसरा कोई और प्राणी अपने दिमाग-अक्ल के साथ जन्म ले कर इस सृष्टी को सम्हालेगा I अगर वह प्राणी भी इस सृष्टी को नही सम्हाल पायातो इस सृष्टी का नाश हो जायेगा उस के बाद ४५ जीव -सृष्टीयो में से एक कम हो कर ४४ सृष्टीया ही बचेंगी ! वैसे इस पृथ्वी ग्रह पर ही तीन जीव --सृष्टीयो का अस्त्तीत्वहै , उस में से एक है समुंदर के तल पर और दुसरी हैपृथ्वी के गर्भ में और तिसरी हमारी सृष्टीहै धरती के सतह -SURFACE पर i. e. जैसे मंगल ग्रह के सतह पर कि जीव -सृष्टी खत्महो चुकी है और किसी दुसरे ग्रहो पर नयी जीव -सृष्टी का निर्माण करने में " तथागत बुद्ध" कार्यरत है , उन का यह काम निरंतर चलता रहता है ! जानो -सोचो -समझो ! मनुष्य पैदायीशी ही समझदारहै ! जो विश्वभूषण -भारतरत्न डॉ. बी. आर. आंबेडकर जी ने हमे समझाने कि पुरी -पुरी कोशिश कि है , लेकीन हम उसे समझ नही पाये , उन्हो ने अपने जीवन का कार्यकाल सिर्फ और सिर्फबुद्धिझम को ही इस देश में वापस लाने में खर्च किया है , ना कि किसी गरीब-मजबूर -दलित कहे जानेवाले इंसानो के लिये , यह हमारा भ्रम है, उन कि पॉलीसी के तहत इन लोगो का भला जरूर हुआ है , और होना भीचाहिये , क्यो कि सभी इंसानो का लेव्हल एक ही है , छोटा -बडा या फिर राजा -भिकारी ऐसा इस सृष्टीमें कुछ नही होता है ! सभी एक दुसरे केपूरक है -बराबर है ! लेकीन इस का श्रेयसिर्फ " बुद्धिझम " को ही जाता है ! वैसे इन लोगो के लिये कोई भी इन्सान कुछ भी नही कर सकता I वह जानते थे की इस धरती पर का अत्याचार -हिंसाचार -बलात्कार-भ्रष्टाचार -आतंकवाद -नक्षलवाद -अनाचांर-HUMANTRAFFIKING -MONEY POWER -POLITICAL POWER को खत्म करने के लिये सिर्फ " बुद्धिझम " ही काफीहै ! यह बात हमारे बहुजन नेतागन -वक्तागन जैसे लोगो के समझ में आ जाना चाहिये ! --- तथागत बुद्ध !!
यांच नशिब खूप मोठं आहे त्यांना बाबासाहेबांचा सहवास लाभला.... धन्यवाद टीव्ही9, या आजोबांच्या पाठीवर थाप मारली हा क्षण जेंव्हा ते सांगतात तेव्हा माझ्याही डोळ्यातून आपोआप पाणी येऊ लागले....जय भिम,जय संविधान, आणि या महान कार्यकर्त्यांना मानाचा मानाचा कडक जय भिम.
ज्याच्या डोळ्यातून पाणी आले त्या सर्व भिम सैनिकांना सप्रेम जय भीम 🙏🙏🙏🙏🙏 महामानव ,युगप्रवर्तक, युगपुरुष, क्रांतिसूर्य, डॉ बाबासाहेब आंबेडकर यांना कोटी कोटी प्रणाम 🇪🇺🇪🇺🇪🇺🇪🇺🇪🇺
भारतीय राज्य घटनेचे शिल्पकार, महामानव, विश्वरत्न, भारतरत्न, युगप्रवर्तक, प्रज्ञावंत, प्रज्ञासुर्य, राष्ट्रपिता, बोधिसत्व, परमपूज्य डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर यांच्या 62 व्या महापरिनिर्वाण दिनानिमित्त 🙏🙏🙏विनम्र अभिवादन🙏🙏🙏
Babasahebanchya sahavasatil tighanahi krantikari jaibhim. Tumi Babasahebanchya anmol atavani sangitalya tumi thor ahat khup aayuse tumala labho ani asaych Babasahebachya atavani sangat raha Tv9 chanel che khup khup abhar mi Dr. Sonkamble R.G ani maza parivar manato. Dhanyavad jaibhim 🙏
यहा हमे " तथागत बुद्ध " का तत्वज्ञान _PHILOSOPHY को समझना बहुत ही जरुरी है , " बुद्ध " ना ही महात्मा है , ना ही भगवान ! " बुद्ध " का मतलबबुद्धी -ज्ञान -विज्ञान है , वोह कोई शरीर नहीहै , मनुष्य नही है , ना ही कोई आत्मा-परमात्मा , वोह एक ज्ञान -विज्ञानयुक्त " व्हायब्रेशन्स " या फिर" स्पंदन " के रूप में ENGLISH -FIGURE 8 के आकार -SHAPE में कभी भी खत्म ना होनेवली वैश्विक शक्ती के रूप में एक ' परम -तत्व ' है , जिस तत्व के तहतइस ब्रम्हांड में ८४ जीव -सृष्टीयो कानिर्माण हुआ , उस में से आज सिर्फ ४५जीव -सृष्टीया ही बची है , उस में से एकहमारी इस धरती पर कि जीव -सृष्टी है , और वह भी अब खत्महोने के कगार पर है ! समस्त मानव जाती के९० % मनुष्य इंसानियात को भुला कर हैवान बन चुके है , जिस से इस सृष्टी का संतुलन बिगड चुका है! इस हालात में इस धरती पर का मनुष्य अपनीआनेवाली पिढी में बिना दिमाग कि ही पैदाहोगी , क्यो कि मनुष्य अपने दिमाग या फिर अक्ल कासिर्फ ५ % ही इस्तेमाल करता है , जब कि पशु -पक्षी -जानवर अपने दिमाग का ८० -८५ %इस्तेमाल कर के इस धरती पर जीता है , इन्सान कितनाबेवकूफ है , कुदरत ने उसे अक्लदी , लेकीन उस काइस्तेमाल नही करना जानता , वह जिंदगी में २४ घंटे अपने किसी ना किसी तरहके नशे में डूबा रहता है , जो पशु -पक्षी-जानवर अपने जीवन में कभी भी नही करते पाये जाते है ! उस के बाद ऐसे इन्सान इस धरती पर बाकी पशु-पक्षी -जानवरो कि तऱह पहाडो -जन्गलो मेंछुपते -छुपाता घुमता हुआ नजर आयेगा और इस धरती पर दुसरा कोई और प्राणी अपने दिमाग-अक्ल के साथ जन्म ले कर इस सृष्टी को सम्हालेगा I अगर वह प्राणी भी इस सृष्टी को नही सम्हाल पायातो इस सृष्टी का नाश हो जायेगा उस के बाद ४५ जीव -सृष्टीयो में से एक कम हो कर ४४ सृष्टीया ही बचेंगी ! वैसे इस पृथ्वी ग्रह पर ही तीन जीव --सृष्टीयो का अस्त्तीत्वहै , उस में से एक है समुंदर के तल पर और दुसरी हैपृथ्वी के गर्भ में और तिसरी हमारी सृष्टीहै धरती के सतह -SURFACE पर i. e. जैसे मंगल ग्रह के सतह पर कि जीव -सृष्टी खत्महो चुकी है और किसी दुसरे ग्रहो पर नयी जीव -सृष्टी का निर्माण करने में " तथागत बुद्ध" कार्यरत है , उन का यह काम निरंतर चलता रहता है ! जानो -सोचो -समझो ! मनुष्य पैदायीशी ही समझदारहै ! जो विश्वभूषण -भारतरत्न डॉ. बी. आर. आंबेडकर जी ने हमे समझाने कि पुरी -पुरी कोशिश कि है , लेकीन हम उसे समझ नही पाये , उन्हो ने अपने जीवन का कार्यकाल सिर्फ और सिर्फबुद्धिझम को ही इस देश में वापस लाने में खर्च किया है , ना कि किसी गरीब-मजबूर -दलित कहे जानेवाले इंसानो के लिये , यह हमारा भ्रम है, उन कि पॉलीसी के तहत इन लोगो का भला जरूर हुआ है , और होना भीचाहिये , क्यो कि सभी इंसानो का लेव्हल एक ही है , छोटा -बडा या फिर राजा -भिकारी ऐसा इस सृष्टीमें कुछ नही होता है ! सभी एक दुसरे केपूरक है -बराबर है ! लेकीन इस का श्रेयसिर्फ " बुद्धिझम " को ही जाता है ! वैसे इन लोगो के लिये कोई भी इन्सान कुछ भी नही कर सकता I वह जानते थे की इस धरती पर का अत्याचार -हिंसाचार -बलात्कार-भ्रष्टाचार -आतंकवाद -नक्षलवाद -अनाचांर-HUMANTRAFFIKING -MONEY POWER -POLITICAL POWER को खत्म करने के लिये सिर्फ " बुद्धिझम " ही काफीहै ! यह बात हमारे बहुजन नेतागन -वक्तागन जैसे लोगो के समझ में आ जाना चाहिये ! --- तथागत बुद्ध !!
यहा हमे " तथागत बुद्ध " का तत्वज्ञान _PHILOSOPHY को समझना बहुत ही जरुरी है , " बुद्ध " ना ही महात्मा है , ना ही भगवान ! " बुद्ध " का मतलबबुद्धी -ज्ञान -विज्ञान है , वोह कोई शरीर नहीहै , मनुष्य नही है , ना ही कोई आत्मा-परमात्मा , वोह एक ज्ञान -विज्ञानयुक्त " व्हायब्रेशन्स " या फिर" स्पंदन " के रूप में ENGLISH -FIGURE 8 के आकार -SHAPE में कभी भी खत्म ना होनेवली वैश्विक शक्ती के रूप में एक ' परम -तत्व ' है , जिस तत्व के तहतइस ब्रम्हांड में ८४ जीव -सृष्टीयो कानिर्माण हुआ , उस में से आज सिर्फ ४५जीव -सृष्टीया ही बची है , उस में से एकहमारी इस धरती पर कि जीव -सृष्टी है , और वह भी अब खत्महोने के कगार पर है ! समस्त मानव जाती के९० % मनुष्य इंसानियात को भुला कर हैवान बन चुके है , जिस से इस सृष्टी का संतुलन बिगड चुका है! इस हालात में इस धरती पर का मनुष्य अपनीआनेवाली पिढी में बिना दिमाग कि ही पैदाहोगी , क्यो कि मनुष्य अपने दिमाग या फिर अक्ल कासिर्फ ५ % ही इस्तेमाल करता है , जब कि पशु -पक्षी -जानवर अपने दिमाग का ८० -८५ %इस्तेमाल कर के इस धरती पर जीता है , इन्सान कितनाबेवकूफ है , कुदरत ने उसे अक्लदी , लेकीन उस काइस्तेमाल नही करना जानता , वह जिंदगी में २४ घंटे अपने किसी ना किसी तरहके नशे में डूबा रहता है , जो पशु -पक्षी-जानवर अपने जीवन में कभी भी नही करते पाये जाते है ! उस के बाद ऐसे इन्सान इस धरती पर बाकी पशु-पक्षी -जानवरो कि तऱह पहाडो -जन्गलो मेंछुपते -छुपाता घुमता हुआ नजर आयेगा और इस धरती पर दुसरा कोई और प्राणी अपने दिमाग-अक्ल के साथ जन्म ले कर इस सृष्टी को सम्हालेगा I अगर वह प्राणी भी इस सृष्टी को नही सम्हाल पायातो इस सृष्टी का नाश हो जायेगा उस के बाद ४५ जीव -सृष्टीयो में से एक कम हो कर ४४ सृष्टीया ही बचेंगी ! वैसे इस पृथ्वी ग्रह पर ही तीन जीव --सृष्टीयो का अस्त्तीत्वहै , उस में से एक है समुंदर के तल पर और दुसरी हैपृथ्वी के गर्भ में और तिसरी हमारी सृष्टीहै धरती के सतह -SURFACE पर i. e. जैसे मंगल ग्रह के सतह पर कि जीव -सृष्टी खत्महो चुकी है और किसी दुसरे ग्रहो पर नयी जीव -सृष्टी का निर्माण करने में " तथागत बुद्ध" कार्यरत है , उन का यह काम निरंतर चलता रहता है ! जानो -सोचो -समझो ! मनुष्य पैदायीशी ही समझदारहै ! जो विश्वभूषण -भारतरत्न डॉ. बी. आर. आंबेडकर जी ने हमे समझाने कि पुरी -पुरी कोशिश कि है , लेकीन हम उसे समझ नही पाये , उन्हो ने अपने जीवन का कार्यकाल सिर्फ और सिर्फबुद्धिझम को ही इस देश में वापस लाने में खर्च किया है , ना कि किसी गरीब-मजबूर -दलित कहे जानेवाले इंसानो के लिये , यह हमारा भ्रम है, उन कि पॉलीसी के तहत इन लोगो का भला जरूर हुआ है , और होना भीचाहिये , क्यो कि सभी इंसानो का लेव्हल एक ही है , छोटा -बडा या फिर राजा -भिकारी ऐसा इस सृष्टीमें कुछ नही होता है ! सभी एक दुसरे केपूरक है -बराबर है ! लेकीन इस का श्रेयसिर्फ " बुद्धिझम " को ही जाता है ! वैसे इन लोगो के लिये कोई भी इन्सान कुछ भी नही कर सकता I वह जानते थे की इस धरती पर का अत्याचार -हिंसाचार -बलात्कार-भ्रष्टाचार -आतंकवाद -नक्षलवाद -अनाचांर-HUMANTRAFFIKING -MONEY POWER -POLITICAL POWER को खत्म करने के लिये सिर्फ " बुद्धिझम " ही काफीहै ! यह बात हमारे बहुजन नेतागन -वक्तागन जैसे लोगो के समझ में आ जाना चाहिये ! --- तथागत बुद्ध !!
ज्या वेळेस त्या आजोबांना गहिवरून आलं त्या वेळेस डोळे भरून आले डोळ्यातून पाणी आलं😢😢😢.
हे महामानवा तुला कोटी कोटी प्रणाम..
बाबा साहेबा सारख बूध्दिने तेजोमय हिरा आता ह्या धरतिवर सापडणे अति कठिनच
असे आमचे बाबा साहेब बहुगुणी
शतशः प्रणाम बाबा
महामानव डॉ.बाबासाहेब आंबेडकर यांच्या पावन स्मृतीस विनम्र अभिवादन
साहेब तुम्ही होतात म्हणून आज आम्ही आहोत............. ज्ञानाच्या अथांग महासागरा स विनम्र अभिवादन
जय भीम
टिव्ही 9 खुपच चांगले कार्य केले आहे. डॉ बाबासाहेब आंबेडकर यांच्या सोबत व सहवासात असलेले. हे महान महाशय आंबेडकरी जनते समोर आणले आहेत. त्यांच्या तोंडून डाॅ बाबासाहेब आंबेडकर हे किती महान होते. हे ऐकावयास मिळाले.
यहा हमे " तथागत बुद्ध " का तत्वज्ञान _PHILOSOPHY को समझना बहुत ही जरुरी है , " बुद्ध " ना ही महात्मा है , ना ही भगवान ! " बुद्ध " का मतलबबुद्धी -ज्ञान -विज्ञान है , वोह कोई शरीर नहीहै , मनुष्य नही है , ना ही कोई आत्मा-परमात्मा , वोह एक ज्ञान -विज्ञानयुक्त " व्हायब्रेशन्स " या फिर" स्पंदन " के रूप में ENGLISH -FIGURE 8 के आकार -SHAPE में कभी भी खत्म ना
होनेवली वैश्विक शक्ती के रूप में एक ' परम -तत्व ' है , जिस तत्व के तहतइस ब्रम्हांड में ८४ जीव -सृष्टीयो कानिर्माण हुआ , उस में से आज सिर्फ ४५जीव -सृष्टीया ही बची है , उस में से एकहमारी इस धरती पर कि जीव -सृष्टी है , और वह भी अब खत्महोने के कगार पर है ! समस्त मानव जाती के९० % मनुष्य इंसानियात को भुला कर हैवान बन चुके है , जिस से इस सृष्टी का संतुलन बिगड चुका है! इस हालात में इस धरती पर का मनुष्य अपनीआनेवाली पिढी में बिना दिमाग कि ही पैदाहोगी , क्यो कि मनुष्य अपने दिमाग या फिर अक्ल कासिर्फ ५ % ही इस्तेमाल करता है , जब कि पशु -पक्षी -जानवर अपने दिमाग का ८० -८५ %इस्तेमाल कर के इस धरती पर जीता है , इन्सान कितनाबेवकूफ है , कुदरत ने उसे अक्लदी , लेकीन उस काइस्तेमाल नही करना जानता , वह जिंदगी में २४ घंटे अपने किसी ना किसी तरहके नशे में डूबा रहता है , जो पशु -पक्षी-जानवर अपने जीवन में कभी भी नही करते पाये जाते है ! उस के बाद ऐसे इन्सान इस धरती पर बाकी पशु-पक्षी -जानवरो कि तऱह पहाडो -जन्गलो मेंछुपते -छुपाता घुमता हुआ नजर आयेगा और इस धरती पर दुसरा कोई और प्राणी अपने दिमाग-अक्ल के साथ जन्म ले कर इस सृष्टी को सम्हालेगा I अगर वह प्राणी भी इस सृष्टी को नही सम्हाल पायातो इस सृष्टी का नाश हो जायेगा उस के बाद ४५ जीव -सृष्टीयो में से एक कम हो कर ४४
सृष्टीया ही बचेंगी ! वैसे इस पृथ्वी ग्रह पर ही तीन जीव --सृष्टीयो का अस्त्तीत्वहै , उस में से एक है समुंदर के तल पर और दुसरी हैपृथ्वी के गर्भ में और तिसरी हमारी सृष्टीहै धरती के सतह -SURFACE पर i. e. जैसे मंगल ग्रह के सतह पर कि जीव -सृष्टी खत्महो चुकी है और किसी दुसरे ग्रहो पर नयी जीव -सृष्टी का निर्माण करने में " तथागत बुद्ध" कार्यरत है , उन का यह काम निरंतर चलता रहता है ! जानो -सोचो -समझो ! मनुष्य पैदायीशी ही समझदारहै ! जो विश्वभूषण -भारतरत्न डॉ. बी. आर. आंबेडकर जी ने हमे समझाने कि पुरी -पुरी कोशिश कि है , लेकीन हम उसे समझ नही पाये , उन्हो ने अपने जीवन का कार्यकाल सिर्फ और सिर्फबुद्धिझम को ही इस देश में वापस लाने में खर्च किया है , ना कि किसी गरीब-मजबूर -दलित कहे जानेवाले इंसानो के लिये , यह हमारा भ्रम है, उन कि पॉलीसी के तहत इन लोगो का भला जरूर हुआ है , और होना भीचाहिये , क्यो कि सभी इंसानो का लेव्हल एक ही है , छोटा -बडा या फिर राजा -भिकारी ऐसा इस सृष्टीमें कुछ नही होता है ! सभी एक दुसरे केपूरक है -बराबर है ! लेकीन इस का श्रेयसिर्फ " बुद्धिझम " को ही जाता है ! वैसे इन लोगो के लिये कोई भी इन्सान कुछ भी नही कर सकता I वह जानते थे की इस धरती पर का अत्याचार -हिंसाचार -बलात्कार-भ्रष्टाचार -आतंकवाद -नक्षलवाद -अनाचांर-HUMANTRAFFIKING -MONEY POWER -POLITICAL POWER को खत्म करने के लिये सिर्फ " बुद्धिझम " ही काफीहै ! यह बात हमारे बहुजन नेतागन -वक्तागन जैसे लोगो के समझ में आ जाना चाहिये !
--- तथागत बुद्ध !!
TV9चे खुप खुप आभार, बाबासाहेब आंबेडकर यांचा सहवास लाभलेल्या तिघांचेही मनोगत सादर केल्याबद्दल.धन्यवाद
साहेबराव गुजर पुसद
ज्ञानाच्या अथांग महासागरास (महामानवास) विनम्र अभिवादन💐💐😭😭🙏🏻🙏🏻
TV9 channel Ambedkar
डोळ्यामधून कोसळणार्या आसवांना आज मुभा आहे. कारण तुमच्यामुळेच बाबा मी स्वाभिमानाने उभा आहे 😢👏🏻👏🏻 विनम्र अभिवादन💐💐💐💐
Jay Bhim
Jay bhim
Jay bhim💙🙏
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आज पण गरज आहे बाबा तुमची तुम्ही पुन्हा जन्माला या🙏😭
जगातला कोहीनूर हिरा म्हनजे बाबासाहेब
Jay bhim Jay savidhan.
@@rameshjadhav9073
..
आमचे दुर्भाग्य आहे आम्ही बाबासाहेबाना पाहु शकलो नाही आमच्या भाग्य विधाताला त्यांच्या आठवीं आयकुन मन शांत होते जय भीम
ही मंडळी खूप नशीबवान होते म्हणून बाबासाहेबांचा सहवास यांना लाभला हत्ती का नाही मानाचा जय भीम
आदरनिय गंगावणे साहेब, कांबळे साहेब, डोळस साहेब यांनी बाबासाहेबांच्या आठवणी सांगुन प्रत्यक्ष बाबासाहेब आमच्यासमोर, आमच्या दृष्टीसमोर उभे केले त्यांना त्रिवार नमन. धन्य ते ज्यांनी बाबासाहेब बघीतले.जय भिम! जय संविधान!!
त्या महामाणवास विनम्र अभिवादन
बांबाच्या आठवणीने रडु आले धन्य आहात आपन लोक
युगपुरुषांचा सहवास लाभला
जयभिम जयभारत नमोबुधाय सबका मंगल हो
यहा हमे " तथागत बुद्ध " का तत्वज्ञान _PHILOSOPHY को समझना बहुत ही जरुरी है , " बुद्ध " ना ही महात्मा है , ना ही भगवान ! " बुद्ध " का मतलबबुद्धी -ज्ञान -विज्ञान है , वोह कोई शरीर नहीहै , मनुष्य नही है , ना ही कोई आत्मा-परमात्मा , वोह एक ज्ञान -विज्ञानयुक्त " व्हायब्रेशन्स " या फिर" स्पंदन " के रूप में ENGLISH -FIGURE 8 के आकार -SHAPE में कभी भी खत्म ना
होनेवली वैश्विक शक्ती के रूप में एक ' परम -तत्व ' है , जिस तत्व के तहतइस ब्रम्हांड में ८४ जीव -सृष्टीयो कानिर्माण हुआ , उस में से आज सिर्फ ४५जीव -सृष्टीया ही बची है , उस में से एकहमारी इस धरती पर कि जीव -सृष्टी है , और वह भी अब खत्महोने के कगार पर है ! समस्त मानव जाती के९० % मनुष्य इंसानियात को भुला कर हैवान बन चुके है , जिस से इस सृष्टी का संतुलन बिगड चुका है! इस हालात में इस धरती पर का मनुष्य अपनीआनेवाली पिढी में बिना दिमाग कि ही पैदाहोगी , क्यो कि मनुष्य अपने दिमाग या फिर अक्ल कासिर्फ ५ % ही इस्तेमाल करता है , जब कि पशु -पक्षी -जानवर अपने दिमाग का ८० -८५ %इस्तेमाल कर के इस धरती पर जीता है , इन्सान कितनाबेवकूफ है , कुदरत ने उसे अक्लदी , लेकीन उस काइस्तेमाल नही करना जानता , वह जिंदगी में २४ घंटे अपने किसी ना किसी तरहके नशे में डूबा रहता है , जो पशु -पक्षी-जानवर अपने जीवन में कभी भी नही करते पाये जाते है ! उस के बाद ऐसे इन्सान इस धरती पर बाकी पशु-पक्षी -जानवरो कि तऱह पहाडो -जन्गलो मेंछुपते -छुपाता घुमता हुआ नजर आयेगा और इस धरती पर दुसरा कोई और प्राणी अपने दिमाग-अक्ल के साथ जन्म ले कर इस सृष्टी को सम्हालेगा I अगर वह प्राणी भी इस सृष्टी को नही सम्हाल पायातो इस सृष्टी का नाश हो जायेगा उस के बाद ४५ जीव -सृष्टीयो में से एक कम हो कर ४४
सृष्टीया ही बचेंगी ! वैसे इस पृथ्वी ग्रह पर ही तीन जीव --सृष्टीयो का अस्त्तीत्वहै , उस में से एक है समुंदर के तल पर और दुसरी हैपृथ्वी के गर्भ में और तिसरी हमारी सृष्टीहै धरती के सतह -SURFACE पर i. e. जैसे मंगल ग्रह के सतह पर कि जीव -सृष्टी खत्महो चुकी है और किसी दुसरे ग्रहो पर नयी जीव -सृष्टी का निर्माण करने में " तथागत बुद्ध" कार्यरत है , उन का यह काम निरंतर चलता रहता है ! जानो -सोचो -समझो ! मनुष्य पैदायीशी ही समझदारहै ! जो विश्वभूषण -भारतरत्न डॉ. बी. आर. आंबेडकर जी ने हमे समझाने कि पुरी -पुरी कोशिश कि है , लेकीन हम उसे समझ नही पाये , उन्हो ने अपने जीवन का कार्यकाल सिर्फ और सिर्फबुद्धिझम को ही इस देश में वापस लाने में खर्च किया है , ना कि किसी गरीब-मजबूर -दलित कहे जानेवाले इंसानो के लिये , यह हमारा भ्रम है, उन कि पॉलीसी के तहत इन लोगो का भला जरूर हुआ है , और होना भीचाहिये , क्यो कि सभी इंसानो का लेव्हल एक ही है , छोटा -बडा या फिर राजा -भिकारी ऐसा इस सृष्टीमें कुछ नही होता है ! सभी एक दुसरे केपूरक है -बराबर है ! लेकीन इस का श्रेयसिर्फ " बुद्धिझम " को ही जाता है ! वैसे इन लोगो के लिये कोई भी इन्सान कुछ भी नही कर सकता I वह जानते थे की इस धरती पर का अत्याचार -हिंसाचार -बलात्कार-भ्रष्टाचार -आतंकवाद -नक्षलवाद -अनाचांर-HUMANTRAFFIKING -MONEY POWER -POLITICAL POWER को खत्म करने के लिये सिर्फ " बुद्धिझम " ही काफीहै ! यह बात हमारे बहुजन नेतागन -वक्तागन जैसे लोगो के समझ में आ जाना चाहिये !
--- तथागत बुद्ध !!
बाबासाहेबांना आम्ही पाहू शकलो नाही तुम्ही पाहीले,अनुभवले. तुम्ही धन्य अहात. अशाच बाबसाहेबांच्या आठवणी शेअर करीत रहावे. पुढील पिढीसाठी त्या प्रेरणादायक आहेत.
यहा हमे " तथागत बुद्ध " का तत्वज्ञान _PHILOSOPHY को समझना बहुत ही जरुरी है , " बुद्ध " ना ही महात्मा है , ना ही भगवान ! " बुद्ध " का मतलबबुद्धी -ज्ञान -विज्ञान है , वोह कोई शरीर नहीहै , मनुष्य नही है , ना ही कोई आत्मा-परमात्मा , वोह एक ज्ञान -विज्ञानयुक्त " व्हायब्रेशन्स " या फिर" स्पंदन " के रूप में ENGLISH -FIGURE 8 के आकार -SHAPE में कभी भी खत्म ना
होनेवली वैश्विक शक्ती के रूप में एक ' परम -तत्व ' है , जिस तत्व के तहतइस ब्रम्हांड में ८४ जीव -सृष्टीयो कानिर्माण हुआ , उस में से आज सिर्फ ४५जीव -सृष्टीया ही बची है , उस में से एकहमारी इस धरती पर कि जीव -सृष्टी है , और वह भी अब खत्महोने के कगार पर है ! समस्त मानव जाती के९० % मनुष्य इंसानियात को भुला कर हैवान बन चुके है , जिस से इस सृष्टी का संतुलन बिगड चुका है! इस हालात में इस धरती पर का मनुष्य अपनीआनेवाली पिढी में बिना दिमाग कि ही पैदाहोगी , क्यो कि मनुष्य अपने दिमाग या फिर अक्ल कासिर्फ ५ % ही इस्तेमाल करता है , जब कि पशु -पक्षी -जानवर अपने दिमाग का ८० -८५ %इस्तेमाल कर के इस धरती पर जीता है , इन्सान कितनाबेवकूफ है , कुदरत ने उसे अक्लदी , लेकीन उस काइस्तेमाल नही करना जानता , वह जिंदगी में २४ घंटे अपने किसी ना किसी तरहके नशे में डूबा रहता है , जो पशु -पक्षी-जानवर अपने जीवन में कभी भी नही करते पाये जाते है ! उस के बाद ऐसे इन्सान इस धरती पर बाकी पशु-पक्षी -जानवरो कि तऱह पहाडो -जन्गलो मेंछुपते -छुपाता घुमता हुआ नजर आयेगा और इस धरती पर दुसरा कोई और प्राणी अपने दिमाग-अक्ल के साथ जन्म ले कर इस सृष्टी को सम्हालेगा I अगर वह प्राणी भी इस सृष्टी को नही सम्हाल पायातो इस सृष्टी का नाश हो जायेगा उस के बाद ४५ जीव -सृष्टीयो में से एक कम हो कर ४४
सृष्टीया ही बचेंगी ! वैसे इस पृथ्वी ग्रह पर ही तीन जीव --सृष्टीयो का अस्त्तीत्वहै , उस में से एक है समुंदर के तल पर और दुसरी हैपृथ्वी के गर्भ में और तिसरी हमारी सृष्टीहै धरती के सतह -SURFACE पर i. e. जैसे मंगल ग्रह के सतह पर कि जीव -सृष्टी खत्महो चुकी है और किसी दुसरे ग्रहो पर नयी जीव -सृष्टी का निर्माण करने में " तथागत बुद्ध" कार्यरत है , उन का यह काम निरंतर चलता रहता है ! जानो -सोचो -समझो ! मनुष्य पैदायीशी ही समझदारहै ! जो विश्वभूषण -भारतरत्न डॉ. बी. आर. आंबेडकर जी ने हमे समझाने कि पुरी -पुरी कोशिश कि है , लेकीन हम उसे समझ नही पाये , उन्हो ने अपने जीवन का कार्यकाल सिर्फ और सिर्फबुद्धिझम को ही इस देश में वापस लाने में खर्च किया है , ना कि किसी गरीब-मजबूर -दलित कहे जानेवाले इंसानो के लिये , यह हमारा भ्रम है, उन कि पॉलीसी के तहत इन लोगो का भला जरूर हुआ है , और होना भीचाहिये , क्यो कि सभी इंसानो का लेव्हल एक ही है , छोटा -बडा या फिर राजा -भिकारी ऐसा इस सृष्टीमें कुछ नही होता है ! सभी एक दुसरे केपूरक है -बराबर है ! लेकीन इस का श्रेयसिर्फ " बुद्धिझम " को ही जाता है ! वैसे इन लोगो के लिये कोई भी इन्सान कुछ भी नही कर सकता I वह जानते थे की इस धरती पर का अत्याचार -हिंसाचार -बलात्कार-भ्रष्टाचार -आतंकवाद -नक्षलवाद -अनाचांर-HUMANTRAFFIKING -MONEY POWER -POLITICAL POWER को खत्म करने के लिये सिर्फ " बुद्धिझम " ही काफीहै ! यह बात हमारे बहुजन नेतागन -वक्तागन जैसे लोगो के समझ में आ जाना चाहिये !
--- तथागत बुद्ध !!
त्यांनी जवळून पाहिले ते भाग्य शालि आहे त.. त्यांनी सांगितलेल्या आठवणी... भावुक होत होत्या... जयभिम...
आम्हाला पण रडू कोसळत साहेब तुमच्या बरोबर. बाबा साहेबाच्या आठवनी सांगतांना
TV9 चे खूप खूप आभार 🙏🙏
यांच नशिब खूप मोठं आहे त्यांना बाबासाहेबांचा सहवास लाभला.... धन्यवाद टीव्ही9, या आजोबांच्या पाठीवर थाप मारली हा क्षण जेंव्हा ते सांगतात तेव्हा माझ्याही डोळ्यातून आपोआप पाणी येऊ लागले....जय भिम,जय संविधान, आणि या महान कार्यकर्त्यांना मानाचा मानाचा कडक जय भिम.
खरचं हे व्यक्ती भाग्यवान आहेत हयांच्यामुळे बाबासाहेब आंबेडकरचे विचार ऐकायला मिळाले तेव्हा tv9चे खूप धन्यवाद
🙏 ह्या तिन्ही विभुतींचे दर्शन झाले. त्यांना मी त्रिवार वंदन करतो. 🙏🙏🙏.
खातो जो घास, घेतो जो श्वास तो फक्त बाबा तुमच्यामुळे .
ज्यांना बाबा साहेब मनापासून आठवले,
मन,विचार,र्ह्दय्,नयन ,आश्रुनि नट विले.
अस्या थोर विचारवं ताच मनापासून आभार,
TV ९ चे पण तितकेच आभार.
ज्याच्या डोळ्यातून पाणी आले त्या सर्व भिम सैनिकांना सप्रेम जय भीम
🙏🙏🙏🙏🙏
महामानव ,युगप्रवर्तक, युगपुरुष, क्रांतिसूर्य,
डॉ बाबासाहेब आंबेडकर यांना कोटी कोटी प्रणाम
🇪🇺🇪🇺🇪🇺🇪🇺🇪🇺
भारतीय राज्य घटनेचे शिल्पकार,
महामानव, विश्वरत्न, भारतरत्न,
युगप्रवर्तक, प्रज्ञावंत, प्रज्ञासुर्य,
राष्ट्रपिता, बोधिसत्व,
परमपूज्य डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर
यांच्या 62 व्या
महापरिनिर्वाण दिनानिमित्त
🙏🙏🙏विनम्र अभिवादन🙏🙏🙏
Babasahebanchya sahavasatil tighanahi krantikari jaibhim. Tumi Babasahebanchya anmol atavani sangitalya tumi thor ahat khup aayuse tumala labho ani asaych Babasahebachya atavani sangat raha
Tv9 chanel che khup khup abhar mi Dr. Sonkamble R.G ani maza parivar manato. Dhanyavad jaibhim
🙏
Dr.बाबासाहेब आंबेडकर साहेब यांना कोटी कोटी नमन 🙏जय भीम 🙏
एकच साहेब.....बाबासाहेब...
राजकारणात बाबासाहेब चालतात....पण..
त्यांची विचारसरणी पायदळी तुडवील्या जाते...
यहा हमे " तथागत बुद्ध " का तत्वज्ञान _PHILOSOPHY को समझना बहुत ही जरुरी है , " बुद्ध " ना ही महात्मा है , ना ही भगवान ! " बुद्ध " का मतलबबुद्धी -ज्ञान -विज्ञान है , वोह कोई शरीर नहीहै , मनुष्य नही है , ना ही कोई आत्मा-परमात्मा , वोह एक ज्ञान -विज्ञानयुक्त " व्हायब्रेशन्स " या फिर" स्पंदन " के रूप में ENGLISH -FIGURE 8 के आकार -SHAPE में कभी भी खत्म ना
होनेवली वैश्विक शक्ती के रूप में एक ' परम -तत्व ' है , जिस तत्व के तहतइस ब्रम्हांड में ८४ जीव -सृष्टीयो कानिर्माण हुआ , उस में से आज सिर्फ ४५जीव -सृष्टीया ही बची है , उस में से एकहमारी इस धरती पर कि जीव -सृष्टी है , और वह भी अब खत्महोने के कगार पर है ! समस्त मानव जाती के९० % मनुष्य इंसानियात को भुला कर हैवान बन चुके है , जिस से इस सृष्टी का संतुलन बिगड चुका है! इस हालात में इस धरती पर का मनुष्य अपनीआनेवाली पिढी में बिना दिमाग कि ही पैदाहोगी , क्यो कि मनुष्य अपने दिमाग या फिर अक्ल कासिर्फ ५ % ही इस्तेमाल करता है , जब कि पशु -पक्षी -जानवर अपने दिमाग का ८० -८५ %इस्तेमाल कर के इस धरती पर जीता है , इन्सान कितनाबेवकूफ है , कुदरत ने उसे अक्लदी , लेकीन उस काइस्तेमाल नही करना जानता , वह जिंदगी में २४ घंटे अपने किसी ना किसी तरहके नशे में डूबा रहता है , जो पशु -पक्षी-जानवर अपने जीवन में कभी भी नही करते पाये जाते है ! उस के बाद ऐसे इन्सान इस धरती पर बाकी पशु-पक्षी -जानवरो कि तऱह पहाडो -जन्गलो मेंछुपते -छुपाता घुमता हुआ नजर आयेगा और इस धरती पर दुसरा कोई और प्राणी अपने दिमाग-अक्ल के साथ जन्म ले कर इस सृष्टी को सम्हालेगा I अगर वह प्राणी भी इस सृष्टी को नही सम्हाल पायातो इस सृष्टी का नाश हो जायेगा उस के बाद ४५ जीव -सृष्टीयो में से एक कम हो कर ४४
सृष्टीया ही बचेंगी ! वैसे इस पृथ्वी ग्रह पर ही तीन जीव --सृष्टीयो का अस्त्तीत्वहै , उस में से एक है समुंदर के तल पर और दुसरी हैपृथ्वी के गर्भ में और तिसरी हमारी सृष्टीहै धरती के सतह -SURFACE पर i. e. जैसे मंगल ग्रह के सतह पर कि जीव -सृष्टी खत्महो चुकी है और किसी दुसरे ग्रहो पर नयी जीव -सृष्टी का निर्माण करने में " तथागत बुद्ध" कार्यरत है , उन का यह काम निरंतर चलता रहता है ! जानो -सोचो -समझो ! मनुष्य पैदायीशी ही समझदारहै ! जो विश्वभूषण -भारतरत्न डॉ. बी. आर. आंबेडकर जी ने हमे समझाने कि पुरी -पुरी कोशिश कि है , लेकीन हम उसे समझ नही पाये , उन्हो ने अपने जीवन का कार्यकाल सिर्फ और सिर्फबुद्धिझम को ही इस देश में वापस लाने में खर्च किया है , ना कि किसी गरीब-मजबूर -दलित कहे जानेवाले इंसानो के लिये , यह हमारा भ्रम है, उन कि पॉलीसी के तहत इन लोगो का भला जरूर हुआ है , और होना भीचाहिये , क्यो कि सभी इंसानो का लेव्हल एक ही है , छोटा -बडा या फिर राजा -भिकारी ऐसा इस सृष्टीमें कुछ नही होता है ! सभी एक दुसरे केपूरक है -बराबर है ! लेकीन इस का श्रेयसिर्फ " बुद्धिझम " को ही जाता है ! वैसे इन लोगो के लिये कोई भी इन्सान कुछ भी नही कर सकता I वह जानते थे की इस धरती पर का अत्याचार -हिंसाचार -बलात्कार-भ्रष्टाचार -आतंकवाद -नक्षलवाद -अनाचांर-HUMANTRAFFIKING -MONEY POWER -POLITICAL POWER को खत्म करने के लिये सिर्फ " बुद्धिझम " ही काफीहै ! यह बात हमारे बहुजन नेतागन -वक्तागन जैसे लोगो के समझ में आ जाना चाहिये !
--- तथागत बुद्ध !!
Thanks tv9 jay bhim vinamra abhidhan
Dr B R Ambedkar great always
धन्य धन्य बाबासाहेब.
कर्मवीर या भूमीचा सुगंध निसर्गाचा अविष्कार भगवान बुद्धाचा आशिर्वाद भारतभूमीचा.🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏👍🌝🌞🌏😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌱🌳
हे महामानावा तुझं कोटी कोटी प्रणाम 🙏.....
बाबासाहेब आंबेडकर स्वाभिमानी समाजातील सर्व लोकाची आनं बान अन् शान आहे आणि गद्दारा साठी दुकान जयभीम जय महाराष्ट्र जय भारत
आजोबा रडू नका आम्हाला पण रडू येतंय
Bilkul Saheb dore bharun aale.
हा ना यार
Kharach khup bhavuk झाले
Arjun kasbe majhe pappa ahet ek no pappa
Jai bhim
Jay bhim mitra💙🙏
Jay bhim namo buddhay bhai
भाऊ आपण खूप नशीबवान आहात
जय भिम💐💐💐💐💐💙💙💙💙💙🙏🙏🙏🙏🙏
TV9 koti koti dhanyvad TV9 Babasaheb interview
tnx tv9 🙏🙏🙏 jay bhim
विश्वरत्न महामानव बोधिसत्व परमपूज्य डॉ.बाबासाहेब आंबेडकर यांना त्रिवार अभिवादन💙💙💙💙💙🙏🙏🙏🙏🙏💐💐💐💐💐
thanku tv9 babasahebanchya atvani sagitlya baddal
Thanks TV9 !!!! love u TV9💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐
thnk u...tv9
आदरणीय नरेंद्र काबळी पंतवने कसबे याना माझा आणि माझ्या परिवाराच मनाचं वन्दन
तुमचं खूप खूप धन्यवाद TV9 🙏😢🥺🥺
Kharch tumhi sagle khup lucky AAHAT Tumhi mahamanvala bagitale
Outstanding sir
कोटी कोटी अभिवादन!💐💐
आपल्या भारत देशा पूर्ती नाही तर बाहेर क्या देशात पण कार्य आहेत जय भीम
Thank you TV9 Marathi Tinku Babasaheb
टीवी 9 चा मी मनापासून वृणी आहे 🙏🌹
TV 9 चे आभार. जय भीम🌼
Nice work tv9
टिव्ही 9 ,आणी,3,बाबानां,विन्रंब,आभिवाधन,जयभिम,
Thanks tv9
Jay bhim namo bhudhay...the symbols of knowledge...koti koti Pranam..
tv 9 che khup khup abhar
Great man of world Dr. B. R. Ambedkar
किती नशीबवान आहात तुम्ही. 🥺🥺🥺
त्रिवार अभिवादन 🙏🙏🙏💐💐
Thanks🙏🙏🙏 jai bhim
Are mstach
Khoob changle khoob changle khoob changle Baba Saheb
baki lokanna te fakt manav disat asatil pan aamhi tyanna dev manal Namo Buddha Jai Bhim
विनम्र अभिवादन
Khup changl vat tay Jay bhim
Greatest interview and anchoring this is historical and I am witness as a viewer .....Thanks lot tv9. ....
Babasaheb he saravnche ahet
AAPLE BABASAHEB asa lihava
यहा हमे " तथागत बुद्ध " का तत्वज्ञान _PHILOSOPHY को समझना बहुत ही जरुरी है , " बुद्ध " ना ही महात्मा है , ना ही भगवान ! " बुद्ध " का मतलबबुद्धी -ज्ञान -विज्ञान है , वोह कोई शरीर नहीहै , मनुष्य नही है , ना ही कोई आत्मा-परमात्मा , वोह एक ज्ञान -विज्ञानयुक्त " व्हायब्रेशन्स " या फिर" स्पंदन " के रूप में ENGLISH -FIGURE 8 के आकार -SHAPE में कभी भी खत्म ना
होनेवली वैश्विक शक्ती के रूप में एक ' परम -तत्व ' है , जिस तत्व के तहतइस ब्रम्हांड में ८४ जीव -सृष्टीयो कानिर्माण हुआ , उस में से आज सिर्फ ४५जीव -सृष्टीया ही बची है , उस में से एकहमारी इस धरती पर कि जीव -सृष्टी है , और वह भी अब खत्महोने के कगार पर है ! समस्त मानव जाती के९० % मनुष्य इंसानियात को भुला कर हैवान बन चुके है , जिस से इस सृष्टी का संतुलन बिगड चुका है! इस हालात में इस धरती पर का मनुष्य अपनीआनेवाली पिढी में बिना दिमाग कि ही पैदाहोगी , क्यो कि मनुष्य अपने दिमाग या फिर अक्ल कासिर्फ ५ % ही इस्तेमाल करता है , जब कि पशु -पक्षी -जानवर अपने दिमाग का ८० -८५ %इस्तेमाल कर के इस धरती पर जीता है , इन्सान कितनाबेवकूफ है , कुदरत ने उसे अक्लदी , लेकीन उस काइस्तेमाल नही करना जानता , वह जिंदगी में २४ घंटे अपने किसी ना किसी तरहके नशे में डूबा रहता है , जो पशु -पक्षी-जानवर अपने जीवन में कभी भी नही करते पाये जाते है ! उस के बाद ऐसे इन्सान इस धरती पर बाकी पशु-पक्षी -जानवरो कि तऱह पहाडो -जन्गलो मेंछुपते -छुपाता घुमता हुआ नजर आयेगा और इस धरती पर दुसरा कोई और प्राणी अपने दिमाग-अक्ल के साथ जन्म ले कर इस सृष्टी को सम्हालेगा I अगर वह प्राणी भी इस सृष्टी को नही सम्हाल पायातो इस सृष्टी का नाश हो जायेगा उस के बाद ४५ जीव -सृष्टीयो में से एक कम हो कर ४४
सृष्टीया ही बचेंगी ! वैसे इस पृथ्वी ग्रह पर ही तीन जीव --सृष्टीयो का अस्त्तीत्वहै , उस में से एक है समुंदर के तल पर और दुसरी हैपृथ्वी के गर्भ में और तिसरी हमारी सृष्टीहै धरती के सतह -SURFACE पर i. e. जैसे मंगल ग्रह के सतह पर कि जीव -सृष्टी खत्महो चुकी है और किसी दुसरे ग्रहो पर नयी जीव -सृष्टी का निर्माण करने में " तथागत बुद्ध" कार्यरत है , उन का यह काम निरंतर चलता रहता है ! जानो -सोचो -समझो ! मनुष्य पैदायीशी ही समझदारहै ! जो विश्वभूषण -भारतरत्न डॉ. बी. आर. आंबेडकर जी ने हमे समझाने कि पुरी -पुरी कोशिश कि है , लेकीन हम उसे समझ नही पाये , उन्हो ने अपने जीवन का कार्यकाल सिर्फ और सिर्फबुद्धिझम को ही इस देश में वापस लाने में खर्च किया है , ना कि किसी गरीब-मजबूर -दलित कहे जानेवाले इंसानो के लिये , यह हमारा भ्रम है, उन कि पॉलीसी के तहत इन लोगो का भला जरूर हुआ है , और होना भीचाहिये , क्यो कि सभी इंसानो का लेव्हल एक ही है , छोटा -बडा या फिर राजा -भिकारी ऐसा इस सृष्टीमें कुछ नही होता है ! सभी एक दुसरे केपूरक है -बराबर है ! लेकीन इस का श्रेयसिर्फ " बुद्धिझम " को ही जाता है ! वैसे इन लोगो के लिये कोई भी इन्सान कुछ भी नही कर सकता I वह जानते थे की इस धरती पर का अत्याचार -हिंसाचार -बलात्कार-भ्रष्टाचार -आतंकवाद -नक्षलवाद -अनाचांर-HUMANTRAFFIKING -MONEY POWER -POLITICAL POWER को खत्म करने के लिये सिर्फ " बुद्धिझम " ही काफीहै ! यह बात हमारे बहुजन नेतागन -वक्तागन जैसे लोगो के समझ में आ जाना चाहिये !
--- तथागत बुद्ध !!
Jai bhim aple vichar ani babasaheb tumhi amchya rudhyat shevat paryant rahtil..
आज जे पण आहे ते पण बाबा साहेब यांच्या मुळेच 🙏
Jay Bhim
रडु येऊ राहील खरच!!!!😢 जय भीम
Jai bhim jai vba
Good speech
love you babasaheb
Ajoba khup nashibvan aahat tumhi .baba sahebana baghitale .Jay bhim .
JAY BHIM 🔥
Jay🙏bhim
Dhnanachya athang mahasagras koti koti pranam......
धन्यवाद म्याडम
टीव्ही 9 ला धन्यवाद
Jai bhim.. We miss u baba
Dhany zalo he ekun me Jay bhim 🙏🙏
Very nice
Khupach chan
। ौAkshay Akshay पूर्ण पू
🙏 Jay 🥀 bhim 🙏🥀🙏🌹🙏🥀🙏🌹🥀🌺🌹
Great
15:00 हे महत्वाच सांगीतल की त्यांना त्यांची स्तुती ऐकून कस वाटल ते जय भिम 🙏🙏
Koi nhi h Or hoga b nhi mere baba saheb k jese sach me baba
Nashibvan aahat apan babasahebanche darshn zale aplyala🙏🙏
Mahamanvas vinarm abhivadhan 🙏🏻 thxx TV9marathi close of babashesh memries
अत्यंत भावनिक
जय भिम
Very nice interview
jay bhim
काय नशीबवान आहेत🌝🌝🌝 आहेत ही लोक
Tumi Dr Babasaheb Ambedkar yana pahile keeti bhagewan aahe Jay Bim saheb
Thankyou TV9
नमो बुद्धाय! जय भीम!! जय भारत!!!
Great Babasaheb...
Jay Bheem
jjjay Bhim 🙏