अंधविश्वास और पाखंड का विरोध कबीर दास जी ने शदियों पहले कर दिया था। गंगा नहाये हरि मिले तो मैं भी लुंगा नहाय। मैंडक मछली जल के अंदर, उन्हें क्यूँ ना मिल जाये।।
आर्य समाज बहुत अच्छा समाज है पर आर्य समाज के लोग अपने घरों में आर्य के संस्कार नहीं दे पा रहे हैं इस लिए आर्य समाज आगे बढ़ाने में कम बढ़ रहा है पहले खुद आर्य बनना फिर परिवार को बनाना फिर रिष्ते सम्बंधी फिर समाज नमस्ते
बहुत सुंदर प्रस्तुति पर्वचन जी, नमस्ते,
रामनिवास आर्य जी नमस्ते,बहुत बढ़िया जानकारी प्राप्त हुई,आपका बहुत बहुत धन्यवाद।
शाष्टांग प्रणाम वेदाचार्य 🙏🙏
आर्य समाजी असली ज्ञानी होते,जो सत्य समझा देते,जैसे आप समझा रहे ,लोग इस पर चलेंगे तो सुखी रहेंगे ,नही तो दुखी , होकर भटकते है,जय आर्य समाज
नमस्ते जी भाई साहब बहुत अच्छा अति उत्तम
Sadar namaste ji
Om om
बहुत ही अच्छा
Bhut khub
अंधविश्वास और पाखंड का विरोध कबीर दास जी ने शदियों पहले कर दिया था। गंगा नहाये हरि मिले तो मैं भी लुंगा नहाय। मैंडक मछली जल के अंदर, उन्हें क्यूँ ना मिल जाये।।
One number
सबसे पहले इस भारत का नाम जम्भू द्वीप था। बाद मेंआर्यवर्त नाम हुआ उसके बाद भारत नाम हुआ।
आर्य समाज की जय हो
Jai ho Arya Ji. Vichaar अच्छे, दिल से सच्चे देशभक्त और आर्य वीर,
Satya vachan arya ji
Om nmste ji
जय हो जय हो जय हो जय जय हो
अपने देश का प्राचीन नाम जम्बु द्वीप है।उसके बाद आर्यवर्त हुआ फिर भारत।
कबीर साहेब जी ने कहा था कि गंगा नहाये हरि मिले तो मैं पूजूं पहाड़। घर की चाकी क्यूं ना पूजें, जिसका पिस्से खाये संसार।। जय गुरदेव कबीर साहेब जी।
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👌👌⭐⭐🙏🙏
Sanatan Dharm ji tantrik vyavastha hai aaj Desh loktantra Mein Bhi Nahin Hai Is per Kuchh pravachan kijiye
आर्य समाज बहुत अच्छा समाज है पर आर्य समाज के लोग अपने घरों में आर्य के
संस्कार नहीं दे पा रहे हैं इस लिए आर्य समाज
आगे बढ़ाने में कम बढ़ रहा है
पहले खुद आर्य बनना फिर परिवार को बनाना
फिर रिष्ते सम्बंधी फिर समाज
नमस्ते
Kyon Bhat kha rahe hain Samaj Ko Sanatan Dharm Jo tantrik vyavastha hai aaj Desh loktantra Mein Bhi Nahin Hai Is per boliye na
जो व्यक्ति लिखे हुए को नहीं मानता उसे क्या कहेंगे दयानंद को वेदों का ज्ञान नहीं था
अगर सचाई कही है तो वो आर्य समाज में है,बाकी तो सब जगह पाखंड है