श्रीमदभागवत प्रवचन | श्री नंद गोपाल दास | SB 1.16.5 | 17.11.2024 | ISKCON Bangalore Hindi

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  • Опубліковано 15 гру 2024
  • शौनक उवाच
    कस्य हेतोर्निजग्राह कलिं दिग्विजये नृपः ।
    नृदेवचिह्नधृक्शूद्रकोऽसौ गां यः पदाहनत् ।
    तत्कथ्यतां महाभाग यदि कृष्णकथाश्रयम् ॥ ५॥
    शौनक ऋषि ने पूछा : महाराज परीक्षित ने उसे केवल दण्ड क्यों दिया, जबकि वह शूद्रों में अधम था, उसने राजा का वेश बना रखा था तथा गाय पर पाद प्रहार किया था? ये सब घटनाएं यदि भगवान् कृष्ण की कथा से सम्बन्धित हों, तो कृपया इनका वर्णन करें।
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