मॉब लीचिंग लिखने से FIR? मॉब लीचिंग की घटना क्यों नहीं रुक रही है?

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  • Опубліковано 9 вер 2024
  • 4 जून के बाद भीड़ की हिंसा के कई मामले आए हैं। ऐसे मामलों में पुलिस की जांच पर हमेशा ही सवाल उठे हैं। लेकिन क्या मॉब लीचिंग लिखने पर पत्रकारों के ख़िलाफ़ FIR होनी चाहिए? क्या यह ज़रूरी है कि पुलिस के बयान को ही अंतिम सत्य मान लिया जाए। तब हम उस भीड़ पर क्यों नहीं FIR होती है जो किसी की जान लेने वालों के पक्ष में जमा होती है और पुलिस पर ही दबाव डालती है कि भीड़ की हिंसा में जो मरा है उसी के ख़िलाफ़ मुकदमा हो। पुलिस का काम आसान नहीं लेकिन पुलिस के काम में राजनीति भी तो है।
    हमारे आस-पास कई तरह की भीड़ दिखाई देती है। एक भीड़ है तो अपने स्तर पर सक्रिय हो जाती है और किसी मुस्लिम युवक को घेर कर मार देती है। बाद में उस पर तरह-तरह के इल्ज़ाम लगा दिए जाते हैं। एक भीड़ है जो किसी को भी घेर कर मार देती है। वह गुस्साई होती है। भीड़ की हिस्सा का एक तीसरा रुप है, कुछ गुंडे किसी महिला को पीट रहे होते हैं और वहां पर जमा भीड़ चुुपचाप देख रही होती है।
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    / @ravishkumar.official
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