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Ravish Kumar Official
India
Приєднався 3 чер 2022
यह मेरा आधिकारिक यू ट्यूब चैनल है। उम्मीद है आप सभी इस चैनल को अपना प्यार देते रहेंगे। एक करोड़ से अधिक सब्सक्राइबर्स की संख्या तो एक पड़ाव भर है। हमारे काम करने का तरीका अलग है। हमें पता है कि लोग छोटे वीडियो देखना पसंद करते हैं। मगर, आपके पास कहां वक्त होता है किसी घटना को समग्रता से जानने का। किसी अख़बार में कुछ, किसी चैनल में कुछ। हम हर पहलुओं को समेटते हुए वीडियो बनाते हैं ताकि ख़बरों को देखने का तरीका बदले। आप सभी दर्शकों ने मेरे लंबे वीडियो को देखकर इस प्रयोग को मज़बूती दी है। ख़बर देखना ज़िम्मेदारी का काम है। मेहनत का काम है। रील या छोटे वीडियो से इसकी भरपाई मत कीजिए। उम्मीद है आप वीडियो शेयर करते होंगे। मेरे चैनल को सपोर्ट भी करते होंगे। सपोर्ट करने वाले सभी साथियों का बहुत आभार। आपकी वजह से हम काफी कुछ कर पाएं हैं। आगे भी करते रहेंगे। चैनलों के संसाधनों से मुक़ाबला नहीं किया जा सकता है लेकिन कोशिश तो की ही जा सकती है- रवीश
क्या बीजेपी को ऐसी दिखाई देती है दिल्ली?
दिल्ली में पोस्टर लगे हैं। बीजेपी ने भी लगाए हैं और आम आदमी पार्टी ने भी। बीजेपी के पोस्टर देखकर लगता है कि कोयले की ढेरी से निकालकर बैनर पर लगा दिए गए हैं। पोस्टर देखने के बाद हम कई दिन सोचते रहे कि क्या दिल्ली वाले हताश हैं या 26 साल से दिल्ली की सत्ता से बाहर बीजेपी हताश हो गई है? आख़िर इस तरह के पोस्टर लगाने का क्या मतलब हो सकता है। आप ख़ुद इन पोस्टरों को देखिए। क्या दिल्ली को आप इस नज़र से देखते हैं?
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Відео
हिंदू कोड बिल के इतिहास का सच
Переглядів 974 тис.22 години тому
हमारे वीडियो लंबे होते हैं, मगर इसका एक कारण है। संसद के शीत सत्र की संविधान बहस में जिस तरह से तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है उसकी जाँच सिर्फ़ लंबे वीडियो में ही की जा सकती है। हम ऐसी रिपोर्ट बनाने के लिए कई किताबों को पढ़ते हैं, कई तरह के ले पढ़ते हैं, संविधान सभा की बहस के भाषण पढ़ते हैं, नेताओं द्वारा एक-दूसरे को भेजे गए पत्र पढ़ते हैं। तब जाकर एक झूठ की सच्चाई समझ पाते हैं। आपको र...
किताब पढ़ें, वीडियो देखें और जॉइन करें
Переглядів 215 тис.День тому
ये बातचीत आपसे है, हमारे चैनल के मेम्बर्ज़ से। आप सभी का शुक्रिया। पिछले दो साल में आपने बिना किसी शर्त हमें सहयोग दिया है। हम अपने सभी दर्शकों के शुक्रगुज़ार हैं मगर आप मेम्बर्ज़ ने हमें व्यूज़ के दबाव से आज़ाद किया। आपकी वजह से हम अपना काम बेहतर कर पाए, कई तरह के जोखिम उठा पाए। कई तरह के प्रयोग कर पाए। आने वाले समय में हम आपसे और बातचीत करना चाहते हैं, आपके लिए नए तरह का कांटेंट भी बनाना चाहत...
संसद में टकराव, राहुल पर आरोप मगर कहाँ है सबूत?
Переглядів 2 млнДень тому
डॉ अंबेडकर पर अमित शाह के बयान को लेकर आज संसद परिसर में बहुत कुछ हो गया। जो नहीं होना चाहिए वह भी हो गया और जो नहीं हुआ उसे लेकर भी हंगामा मचाया गया। कई तरह के दावे किए गए, आरोप लगाए गए मगर विपक्ष गृहमंत्री के इस्तीफ़े की माँग से पीछे नहीं हटा। दोनों तरफ़ से मामले दर्ज करा दिए गए हैं मगर जितने आरोप लगाए गए हैं उसके अनुपात में सबूत नहीं हैं। संसद के परिसर में तो बहुत से सीसीटीवी होंगे, अभी तक क...
अंबेडकर, नेहरू और अमित शाह का बयान
Переглядів 2,2 млнДень тому
अमित शाह ने विपक्ष पर हमला करते हुए छह बार डॉक्टर अंबेडकर का नाम लिया और संसद में कहा है कि उनका नाम लेने का फ़ैशन हो गया है। क्या डॉक्टर अंबेडकर को याद करना फ़ैशन है? गृहमंत्री के बयान में झुँझलाहट ज़्यादा दिखाई दी, मगर उन्होंने कांग्रेस और अंबेडकर के रिश्तों को लेकर भी कई दावे किए हैं। उन दावों की जाँच इस एपिसोड में की गई है। आप यह एपिसोड पूरा देखिएगा, आपको बहुत कुछ जानने को मिलेगा। लंबा एपिस...
क्या अंतर है, मनोज झा के नेहरू और कांग्रेस के नेहरू में
Переглядів 940 тис.День тому
नेहरू का ज़िक्र कांग्रेस के नेताओं ने जैसे किया और मनोज झा ने जिस तरह से किया है, दोनों में फर्क क्या है, इसे समझने के लिए आपको यह वीडियो देखना चाहिए। क्यों मनोज झा से अतिरिक्त उम्मीद रहती है कि उनका भाषण अच्छा होगा। मनोज झा के भाषण पर हमारे इस वीडियो को देखिएगा। बताइयेगा कि मनोज झा का भाषण कैसा रहा Join this channel to get access to perks: ua-cam.com/channels/0yXUUIaPVAqZLgRjvtMftw.htmljoin
क्या RSS ने संविधान का विरोध किया था?
Переглядів 424 тис.День тому
अगर बीजेपी ने आपातकाल के नाम पर कांग्रेस को घेरा तो कांग्रेस ने बीजेपी को संविधान, संघ और तिरंगे के नाम पर। क्या आर एस एस ने तिरंगे का विरोध किया था? आज भी जब संघ के नेता या बीजेपी के मंत्री भगवा ध्वज पर अतिरिक्त ज़ोर देते हैं तो लगता है कि यह बहस चल पड़ती है कि तिरंगा के समानांतर भगवा ध्वज को खड़ा किया जाता है। इतिहास के सभी पन्नों को हमने नहीं पलटा है लेकिन चंद पन्नों और बार बार आए प्रसंगों क...
अलविदा ज़ाकिर हुसैन
Переглядів 307 тис.День тому
ज़ाकिर हुसैन नहीं रहे। उनके चाहनेवाले दुनियाभर में हैं और स्तब्ध हैं कि उनके उस्ताद अब इस दुनिया में नहीं हैं। जिन्होंने उन्हें लाइव सुना, वे कहते हैं कि मंच पर उन जैसा कलाकार मिलना मुश्किल था। मगर लोगों के संस्मरणों में बार-बार एक बात आ रही है, वो ये कि ज़ाकिर हुसैन सिर्फ़ एक शानदार कलाकार नहीं थे बल्कि एक बेहतरीन इंसान भी थे। संगीत के साथ हमेशा प्रयोग करते रहे, नौजवान कलाकारों को प्रोत्साहित ...
किसने विरोध किया था पटेल के प्रधानमंत्री बनने का?
Переглядів 1,1 млнДень тому
कब तक नेहरू और पटेल को लेकर संदर्भ के बाहर और ग़लतबयानी की जाती रहेगी। लोकसभा में प्रधानमंत्री मोदी ने नेहरू के प्रधानमंत्री को लेकर जो कहा है, उसी पर हमारा आज का वीडियो है। सरदार पटेल ने कभी नहीं कहा कि उन्हें प्रधानमंत्री बनना चाहिए और हमेशा कहा कि प्रधानमंत्री नेहरू को बनना चाहिए। नेहरू और पटेल को लेकर कई सारे तथ्यों को हमने इस वीडियो में पेश किया है। नेहरू के प्रधानमंत्री बनने और पटेल के नह...
संविधान बहस: संसद में राहुल का भाषण
Переглядів 976 тис.День тому
संविधान पर हुई चर्चा में राहुल गांधी अपने साथ संविधान और मनुस्मृति की प्रतियाँ लेकर आए और कह दिया कि सारी लड़ाई इन दोनों के बीच की है। उनकी इस बात को समझना ज़रूरी है। विपक्ष का एक नेता वैचारिक आधार पर अपनी अलग राजनीतिक ज़मीन तैयार कर रहा है। संविधान और मनुस्मृति को एक साथ लाना सिर्फ़ दो किताबों को दिखाने की बात नहीं है। राहुल ने अपने भाषण में कहा है कि संविधान की मूल भावना नागरिकों को हर आधार प...
मध्य प्रदेश के परिवार को धमकाया ED ने?
Переглядів 1 млнДень тому
ईडी के आतंक पर हमने कई रिपोर्ट बनाई हैं। अदालतों ने इस एजेन्सी की कार्रवाई पर लगातार सवाल उठाए हैं। यह सब हम आपको कई साल से बता रहे हैं। लेकिन विपक्ष को मिटाने का यह खेल इस स्तर पर पहुँच गया है कि अब विपक्ष के साधारण नेता भी इसकी नज़र में आ गए हैं। उनके पास इतना साहस और संसाधन नहीं होता है कि वे ईडी का सामना कर सकें। उन्हें मजबूरी के आख़री पड़ाव तक धकेल दिया जाता है। मध्य प्रदेश के मनोज परमार औ...
क्या कहा अखिलेश-प्रियंका ने?
Переглядів 811 тис.День тому
आज के अपने भाषण में अखिलेश यादव ने आज साफ़-साफ़ शब्दों में कह दिया कि देश की मौजूदा राजनीति मुसलमानों को दोहरे दर्जे का नागरिक बनना चाहती है। उनके भाषण को सुनकर लगा कि विपक्ष का ये नेता उस हिचक से बाहर आ रहा है कि अगर मुसलमान का नाम लेंगे तो हिंदू वोटर नाराज़ हो जाएगा। जिन मुद्दों को अखिलेश ने उठाया है वे सिर्फ़ मुसलमानों के मुद्दे नहीं हैं, उस हिंदू समाज के भी हैं जिसके बच्चों को हिंसक दंगाई ब...
आपातकाल के नाम पर कब तक करेगी बीजेपी अपना बचाव?
Переглядів 1,2 млнДень тому
मोदी दौर के दस साल के कार्यकाल में संवैधानिक मर्यादाओं का कितनी बार उल्लंघन हुआ। कितनी बार अदालतों ने केंद्र सरकार के फ़ैसलों को असंवैधानिक बताया और आदेशों को ख़ारिज किया। संवैधानिक मूल्यों का दमन हुआ, नागरिकों के अधिकारों को कुचला गया। फिर भी अपने भाषण में आज राजनाथ सिंह आपातकाल की बात करते रहे। क्या संविधान पर होने वाली बहस आपातकाल से शुरू होकर वहीं ख़त्म हो जाएगी या मौजूदा समय में उठने वाले ...
जगदीप धनखड़ के ख़िलाफ़ प्रस्ताव, क्या होगा आगे?
Переглядів 981 тис.День тому
विपक्ष ने राज्य सभा के सभापति जगदीप धनखड़ के ख़िलाफ़ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया है तो अब सरकार कह रही है कि वह इसके ख़िलाफ़ निंदा प्रस्ताव लाएगी। यही हो रहा है अदाणी का मामला आता है तो सोरोस का मामला ले आया जाता है और अब सभापति की निष्पक्षता को लेकर अविश्वास प्रस्ताव आया तो निंदा प्रस्ताव की बात की जाने लगी है। उम्मीद है आप इस वीडियो को पूरा देखेंगे, संसदीय व्यवस्था का सवाल है कम में बात न...
कांग्रेस का आरोपों पर पलटवार, अदाणी पर बच रही सरकार
Переглядів 487 тис.День тому
भारत में विदेशी ब्रांड का एक भूत आया है। नाम है जॉर्ज सोरोस। अदाणी के ख़िलाफ़ अमरीका की अदालत में केस क्या दर्ज हुआ, न्यू जर्सी से उठकर सोरोस का भूत भारत आ गया। बीजेपी ने कांग्रेस पर सोरोस से जुड़े होने के आरोप लगाए तो कांग्रेस ने भी बीजेपी सरकार पर सोरोस के फ़ंड में निवेश करने और सोरोस से फ़ंड प्राप्त संस्थाओं के समर्थन के आरोप लगा दिए। आज भी इस मुद्दे पर संसद की कार्रवाई बाधित रही। आख़िर क्यो...
अदाणी मामले पर कब होगा JPC का गठन? वापिस आया सोरोस का भूत
Переглядів 756 тис.День тому
अदाणी मामले पर कब होगा JPC का गठन? वापिस आया सोरोस का भूत
ई रिक्शा से आ गई है रोज़गार क्रांति, सड़कों पर फिर क्यों है भ्रांति
Переглядів 1,2 млн14 днів тому
ई रिक्शा से आ गई है रोज़गार क्रांति, सड़कों पर फिर क्यों है भ्रांति
सँभल में बुलडोज़र चल सकता है, राहुल नहीं जा सकते?
Переглядів 1,9 млн14 днів тому
सँभल में बुलडोज़र चल सकता है, राहुल नहीं जा सकते?
बैलेट से मतदान हो जाता तो क्या हो जाता? महाराष्ट्र के एक गाँव की तैयारी पर रोक
Переглядів 1,6 млн14 днів тому
बैलेट से मतदान हो जाता तो क्या हो जाता? महाराष्ट्र के एक गाँव की तैयारी पर रोक
क्या आप तीन बच्चों का ख़र्चा उठा सकते हैं? वो भी 5.4% की जीडीपी में?
Переглядів 1,5 млн14 днів тому
क्या आप तीन बच्चों का ख़र्चा उठा सकते हैं? वो भी 5.4% की जीडीपी में?
इंटरव्यू की बाढ़ सी आ गई है, लेकिन उससे निकल क्या रहा है?
Переглядів 1,1 млн21 день тому
इंटरव्यू की बाढ़ सी आ गई है, लेकिन उससे निकल क्या रहा है?
बच्चों के नाम पर बैन, भारत भी करेगा क्या?
Переглядів 739 тис.21 день тому
बच्चों के नाम पर बैन, भारत भी करेगा क्या?
बैलेट पेपर से हो चुनाव, कांग्रेस ने किया एलान
Переглядів 936 тис.21 день тому
बैलेट पेपर से हो चुनाव, कांग्रेस ने किया एलान
संभल में पाँच युवकों की मौत, प्रशासन पर सवाल
Переглядів 2,7 млн21 день тому
संभल में पाँच युवकों की मौत, प्रशासन पर सवाल
No congress 52 baar apman kiya bubusaheb ka tab kaha the ye ambedkar wadi chutiye 😂
Shame on bjp chunav jeetne ki liye kuch bhi karenge. besharam
भाजपा अब राहुल गांधीके खिलाफ भ्रमजाल बुन रही है लेकीन कुछ असर नही होगा शहाको इस्तीफा देनाही होगा
Modi adani Bai Bai
Delhi ko world class city banaya Shiela Dikshit ne , kejriwal to jhoota prachar karta hai, kuchh bhi Delhi ke liye nahi kiya
आप वही पत्रकार हो , जिनका आंबेडकर जी की जयंती पर एक ट्वीट नहीं आता है, लेकिन जब बात बीजेपी की है तो आपके अन्दर की कांग्रेस भक्ति ज़रूर जाग जाती है। और ये वही कांग्रेस पार्टी थी जिनकी वजह से बना साहेब डॉ आंबेडकर अपना पहला चुनाव हारे थे, ओर ये वही कांग्रेस है जिसके शासनकाल में बाबा साहब को भारत रत्न नहीं मिला था , अब इनका आंबेडकर जी का प्रेम पनम रहा है
Jab do brahman apas me lade to bahujano ko aur satark rahne ki jarurat hai Jay bhim Jay mulnivasi baman videshi brahman bhagao desh bachao join bamcef
सर आप वीडियो थोड़ा छोटा बनाए प्लीज
Superb superb analysis Ravishji 👌👌👌
nice
Congratulations
सर जुड़ने के लिए पैसे नहीं हैं लेकिन आप लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को बचाए रखेंगे कभी बेरोजगारी से रोजगार में आगे बढ़ेंगे तो जरूर आपको वित्तीय सहायता भी karenge
अंबेडकर जी का नाम लेकर ही तुम जैसे ने देश पर कब्जा कर रखा है संसद में बैठे रहते हो
Rubbish को आंबेडकर के लिखे दो पुस्तक...बार बार पढ ने की ओर समजणे की जरुरत है...1 What Congress and Gandhi have done to the untouchables 2 Pakistan or partition of India यह सच भी बता दे की आंबेडकर ने गांधी जी को "महात्मा" बोलणे से क्यो इंकार किया था | आंबेडकर गांधी के सबसे बडे क्रिटिक नथुराम गोडसे से बडे ओर पहले थे... फिर यहा आकार बात करे..
बिल्कुल... लड़के ने मेहनत की। रविश कुमार जी आपकी सोच खुद प्रति बिल्कुल जवान है तभी आपने स्वयं को संबोधित करते हुए 'लड़के ने मेहनत' बात कही। बहुत सुन्दर बात है ❤
Excellent presentation.
Bjp waale pagla ho gye hai
Ravish Ji Ne Kasam Kha Li Hai ki Main jhooth ke alava kuchh Nahin bolunga
Bahut hi acha kaam kar rahe hen aap
Tumlogon ko amitshah ne ek naya mudda diya h sarkaar ke khilaaf kuch morchaa nikalne ke liye
बेचारा प्रधानमंत्री जवाब दे तो भी क्या डेमों लटकाने के अलावा कुछ नहीं था उनके पास बेचारे के पास क्योंकि जवाब देने की तो उनकी पहले से आदत नहीं है
Bharat ka sabse nagative aadmi hai ravish kumar
Ravish spreads only fakery, to garner viewership..
Ravish ji aap ko election ladna chahiye. Aap pm banne yogya hen.
Jai Hind! 🇮🇳 Almighty bless ⛱️ Well-being for ALL ...🎉🌿🎉
NDTV channel band ho sakta hai par awaj nahi -------> Ravish kumar ♾️♾️🤟
Election commission BJP ka dadal hai ...Evm hatao
Jaha bjp hai us state ki hal Delhi se bhi jyada kharab hai
Dilli valon ka voot khatre me lagta hai 😱
दबंग आवाज में दबंग विचार,,,,,,, हमें गर्व है रवीश कुमार जी पर❤
Samidan ke virodh Jane par bahut bahut hogaa. Jay bhim 💙💪🏻💙💙🫶🏻🫂
Thank you sir ❤❤❤❤
Jai Bheem
नेहरूजी पुरे के पुरे हिंदूकोड बील के पक्ष नें ही थे।परंतू तबकी कौंग्रेस भी ब्राम्हण जाती के सदस्यांसोबत ही फ्री पडी थी।और सभी ब्राम्हण आरएसएस के समर्थक एवं हिंदू धर्मवादी और पुरूषसत्ताक समाज के समर्थक थे आज भी ऊनकी मानसिकता नहीं है। यह सब ब्राम्हणवादी कौंग्रेसी हिंदू कोडबील को लेकर नेहरूजीके खिलाप थे।यह सब देखकर बाबासाहेब ने राजीनामा देते हुए नेहरू जी के मंत्री मंडल को बचाया।यह हिंदू कोड बिल भारतीय हिंदू नारी को समानता देता है।यह सब नेहरूजीने जानकर हिंदू कोडबील टुकडेटुकडेमें क्यों न सहीं मगर संसदमें प्रीत कर ही लिया। बेचारी आजकी भारतीय नारी …बाबासाहब को हिंदू कोडबील के जनक मानती भी है क्या? बेचारी देव भगवान देवियोंको ही जादा जानती है और मानती है।मनुस्मृती क्या पढेगी कब जानेगी …..
BJP jab dilli ka power me tha tab kyan aachayi kya tha. Inlogoko jitna bhi gali do kam hota hain