नर्ग वा स्वर्ग यह दोनों ही हम सब मनुष्य रचते है हमारी अंदर चित्त हे जो जो चित्त में आता है मनुष्य रचलेता है स्वर्ग वा नरग हमारी इस चित्त मे ही है नमो बुद्धया नमो नमः 🙏🙏🙏❤️❤️❤️👍
@@GabbarGabru007 Its my pleasure , thanks 😊🙏🙏🙏 being a tribal boy I observing from several years that the teachings of Lord Budha is very similar to tribals believe,,wich is prevalent among us from very begining bcoz Budha taught about "dhamna" means Law of nature ,and we people are the worshiper of the "Mother Nature",,,and soon after I come to the conclusion that Nature is supreme Authority Humanity is religion Work is worship and Science is the way to explore nature Science is the saviour of human civilization and ultimate truth🙏🙏🙏
आदरणीय बौद्धाचार्य जी, सादर नमो बुद्धाय, आप ने सही कहा है कि इस पूरे ब्रह्माण्ड में कहीं भी स्वर्गलोक और नरकलोक नहीं है यह धरती ही लोक है और इस धरती लोक का इतिहास है कि इस धरती के जिस भी भू:भाग पर मनुस्मृति: धर्म(ब्राह्मण धर्म या हिन्दू धर्म) और इस्लाम, ईसाई, यहूदी, इत्यादि धर्म(संगठन) स्थापित है तो वहाँ इन धर्म-संगठनों के ठेकेदारों(मैनेजरों) ने स्वर्गलोक की कल्पना कर ब्रह्मलोक अर्थात ब्राह्मण लोक(सवर्ण वर्ण लोक), अमीर वर्ग लोक गोरे वर्ग लोक बनाकर स्वर्ग की कल्पना के अनुसार विलासिता पूर्ण सुखमय जीवन जीते हैं और समाज की बहुजन आबादी को नरकलोक की कल्पना के अनुसार शुद्र वर्ण लोक, गरीब वर्गलोक, काले वर्ण लोक बनाकर, नरक लोक की यातनाओं की कल्पना के अनुसार बहुजनों को दुख:मय जीवन जीने को मजबूर करतें हैं। बस भारत सहित धरती के दूसरे भू:भागों का यही इतिहास है। और धरती के उन भू:भागों पर जहाँ बुद्ध धम्म के अनुसार लोग बुद्धमय समतामूलक समाज बनाकर रहतें हैं वहीं पर यथार्थ सुखमय जीवन है।यह भी धरती लोक का इतिहास है।
बुद्धाचार्य जी, नमो बुद्धाय, आप ने सही कहा कि यह धरती ही लोक है लेकिन इस धरती के एक भाग भारत लोक में स्वर्गलोक और नरक लोक है अर्थात ब्रह्मलोक या ब्राह्मण लोक जिसमें पैदा होने वाले लोग स्वर्गलोक के नाम पर विलासिता की की गई कल्पनाओं को भोगतें है और दूसरा है शूद्र लोक जिसमें पैदा होने वाले लोग नर्कलोक के नाम पर यातनाओं की की गई कल्पनाओं को भोगतें हैं यही भारत का इतिहास है! ऐसा ही इतिहास धरती के उस भू:भाग पर भी है जहाँ भारत के मनुस्मृति: धर्म की तरह दूसरे धर्म जैसे इस्लाम, ईसाई, यहूदी, इत्यादि हैं। हाँ वहाँ भारत लोक की तरह ब्राह्मण लोक और शूद्रलोक न होकर अमीर लोक और गरीब लोक या गोरे लोक और काले लोक हैं!
को इमं पठविं विचेस्सति , यमलोकं च इमं सदेवकमं । को धम्मपदं सुदेसितं , कुसलो पुप्फमिव पचेस्सति ।। कौन है जो इस पृथ्वी और देवताओं सहित यम लोक को जीत सकेगा ? कौन चतुर व्यक्ति अच्छी तरह से उपदिष्ट धर्म के पद को फूल की भाँति चुन सकेगा ?
Insaan apne madhur bachan aur si...... rf ek cheez jiska naam hain prem wohi se sare duniya jeet sakta hain. Jaise Buddhda yne jeeta hain. Namo Buddhay.
Sarir khud hi sukh dukh boghta hain. Insaan ke andar man (mind) naam ka ek cheez hota hain unke jariye insaan apne bodh buddhi se nirban prapta hote hain. Jo samagh ke na samajh ka acting karta hain usko duniya ka koi bhi insaan samjha nahi sakta.
Are burbak Buddha ka gyan toh saccha hai Krishna ki tarah jooth toh nahi. Yeh Sare grahan upgrahon nakshtra toh mahasunya mein avasthit(Adress) hain. Agar mere Bank khate mein six sunya(0) rahega toh aap mujhe 111111 rupee denge nahi denge na. Is liye Buddha ka gyan jhoot nahi hain Krishna ki tarah. Sunya(0) kabhi ek nahi ho sakta. Jhooth ki dadal se bahar aao. Namo Buddhay.
Abe gochu jab buddh koi huva hi nahi to buddh ka gyaan kaha se aa gaya tujh durbuddhi ko meri baat samajh nahi aai kya be Buddh ek kalpanik patra hai buddh dhamm nastik pakhandi brahmino ka prapanch matra hai aur usme koi satya nahi hai Na koi siddarth gotam paida huva hai aur na koi buddh bana aur na kisiko gyaan diya Duniya ke buddhoo milkar bhi buddh ke home ke koi praman nahi de sakte kyuki buddh farji djarm hai 😂😂www
@@antimsharma1925 Hindu dharam ka dusra naam hain Bramhan dharam. Bramhan logo ne Hindu dharam ko paida kiya hain. Brahma kitna jhoota hai samajh le, Brahman ne Buddha ko Bishu ka ek avatar bataaya. Agar Tu Hindu dharam ka hain toh tujhe chullu bhar pani mein dub jana chahiye. Mera pita mata Hindu hain, lekin main Buddhist hoon, kyon ke main Hindu dharam chor chuka hoon. Woh jhooth ka dharam chor chuka hoon. Sach ko apna liya. Namo Buddhay.
बुद्ध एक काल्पनिक पात्र हैं, लेकिन उत्खनन प्रमाण से जो साक्ष्य मिले हैं उनमें अफगानिस्तान से लेकर सुदूर दक्षिण एशिया तक बुद्ध ही बुद्ध की मूर्तियां क्यूं मिलती। मुझे ज़्यादा अच्छा लगता, यदि कहते कि काल्पनिक चरित्र ब्रह्मा के मुंह से ब्राह्मण अपना जन्म की दुहाई देते हैं जो केवल उनका पाखण्ड और झूठ है,, राम और कृष्ण काल्पनिक चरित्र हैं, इसलिए आप बुद्ध और महावीर को भी काल्पनिक चरित्र ठहराना चाहते हैं,, क्यूंकि इन दोनों महामानवों ने ब्रह्मण धर्म के मानने से इंकार कर दिया,, इससे आप बहुत आहत हैं ऐसा प्रतीत होता है, 🌼🌼👌 सबका कल्याण हो 🙏
Namo buddhay
नमो बुदधाय नमो धमाय नमो संघाय 👍🌷🙏
Bahut shandar, namo buddhay
Namoh buddhaye
Nice video good video 💋💋💋🌹🌹🌹🌹💋💋🌹🇮🇳🇮🇳💋💋💋🙏
🙏👍
सत्य वचन दिया गया है
नर्ग वा स्वर्ग यह दोनों ही हम सब मनुष्य रचते है हमारी अंदर चित्त हे जो जो चित्त में आता है मनुष्य रचलेता है स्वर्ग वा नरग हमारी इस चित्त मे ही है नमो बुद्धया नमो नमः 🙏🙏🙏❤️❤️❤️👍
🌼🌼👌 सबका कल्याण हो 🙏
@@mukeshchhawindra7364 thank-you so much maay camends like to you 🙏🙏🙏❤️❤️❤️👍
@@GabbarGabru007
Its my pleasure , thanks 😊🙏🙏🙏 being a tribal boy
I observing from several years that
the teachings of Lord Budha is very
similar to tribals believe,,wich is prevalent among us from very begining bcoz Budha taught about "dhamna" means Law of nature ,and we people
are the worshiper of the "Mother Nature",,,and soon after I come to the conclusion that
Nature is supreme Authority
Humanity is religion
Work is worship and
Science is the way to explore nature
Science is the saviour of human civilization and ultimate truth🙏🙏🙏
आदरणीय बौद्धाचार्य जी, सादर नमो बुद्धाय, आप ने सही कहा है कि इस पूरे ब्रह्माण्ड में कहीं भी स्वर्गलोक और नरकलोक नहीं है यह धरती ही लोक है और इस धरती लोक का इतिहास है कि इस धरती के जिस भी भू:भाग पर मनुस्मृति: धर्म(ब्राह्मण धर्म या हिन्दू धर्म) और इस्लाम, ईसाई, यहूदी, इत्यादि धर्म(संगठन) स्थापित है तो वहाँ इन धर्म-संगठनों के ठेकेदारों(मैनेजरों) ने स्वर्गलोक की कल्पना कर ब्रह्मलोक अर्थात ब्राह्मण लोक(सवर्ण वर्ण लोक), अमीर वर्ग लोक गोरे वर्ग लोक बनाकर स्वर्ग की कल्पना के अनुसार विलासिता पूर्ण सुखमय जीवन जीते हैं और समाज की बहुजन आबादी को नरकलोक की कल्पना के अनुसार शुद्र वर्ण लोक, गरीब वर्गलोक, काले वर्ण लोक बनाकर, नरक लोक की यातनाओं की कल्पना के अनुसार बहुजनों को दुख:मय जीवन जीने को मजबूर करतें हैं। बस भारत सहित धरती के दूसरे भू:भागों का यही इतिहास है। और धरती के उन भू:भागों पर जहाँ बुद्ध धम्म के अनुसार
लोग बुद्धमय समतामूलक समाज बनाकर रहतें हैं वहीं पर यथार्थ सुखमय जीवन है।यह भी धरती लोक का इतिहास है।
Bahut sunder dhamdesana.
🌼🌼👌 साधु साधु साधु 🙏
बुद्धाचार्य जी, नमो बुद्धाय, आप ने सही कहा कि यह धरती ही लोक है लेकिन इस धरती के एक भाग भारत लोक में स्वर्गलोक और नरक लोक है अर्थात ब्रह्मलोक या ब्राह्मण लोक जिसमें पैदा होने वाले लोग स्वर्गलोक के नाम पर विलासिता की की गई कल्पनाओं को भोगतें है और दूसरा है शूद्र लोक जिसमें पैदा होने वाले लोग नर्कलोक के नाम पर यातनाओं की की गई कल्पनाओं को भोगतें हैं यही भारत का इतिहास है! ऐसा ही इतिहास धरती के उस भू:भाग पर भी है जहाँ भारत के मनुस्मृति: धर्म की तरह दूसरे धर्म जैसे इस्लाम, ईसाई, यहूदी, इत्यादि हैं। हाँ वहाँ भारत लोक की तरह ब्राह्मण लोक और शूद्रलोक न होकर अमीर लोक और गरीब लोक या गोरे लोक और काले लोक हैं!
नमो बुद्धाय II
को इमं पठविं विचेस्सति , यमलोकं च इमं सदेवकमं ।
को धम्मपदं सुदेसितं , कुसलो पुप्फमिव पचेस्सति ।।
कौन है जो इस पृथ्वी और देवताओं सहित यम लोक को जीत सकेगा ? कौन चतुर व्यक्ति अच्छी तरह से उपदिष्ट धर्म के पद को फूल की भाँति चुन सकेगा ?
Insaan apne madhur bachan aur sirf ek cheez ji
Insaan apne madhur bachan aur si...... rf ek cheez jiska naam hain prem wohi se sare duniya jeet sakta hain. Jaise Buddhda yne jeeta hain. Namo Buddhay.
शरीर मे सुख दुख कौन भोगता है । और निर्वाण को कौन उपलब्ध होता है।
Sarir khud hi sukh dukh boghta hain. Insaan ke andar man (mind) naam ka ek cheez hota hain unke jariye insaan apne bodh buddhi se nirban prapta hote hain. Jo samagh ke na samajh ka acting karta hain usko duniya ka koi bhi insaan samjha nahi sakta.
@@santanumusib1309 बौद्ध धर्म के अनुसार शरीर , मन और संस्कार सभी नाशवान हैं। फिर आर्य पद निर्वाण को कौन प्राप्त करता।
@@DiyPortal jab aap jinda rahete hain tab man ka astitya hota hain. Phir man nirban prapta karta hain, marne ke bad nahi.
Very nice video ❤️❤️❤️👌
🙏🙏🙏
Sir what do think about 31 plans of existence
Please make video on that 🙏
31 lok ke bare me spashta kare
Is manual life rebirth in manual or other prani like insects and tree and animals
Thank you for your videos. Any English book suggestion which goes over the details you are presenting
Great work, deep information
Buddh paida bhi huva aur ye sub kaha biddh ne iska kya praman hai
Buddh kalpanik patra hai
Are burbak Buddha ka gyan toh saccha hai Krishna ki tarah jooth toh nahi. Yeh Sare grahan upgrahon nakshtra toh mahasunya mein avasthit(Adress) hain. Agar mere Bank khate mein six sunya(0) rahega toh aap mujhe 111111 rupee denge nahi denge na. Is liye Buddha ka gyan jhoot nahi hain Krishna ki tarah. Sunya(0) kabhi ek nahi ho sakta. Jhooth ki dadal se bahar aao. Namo Buddhay.
Abe gochu jab buddh koi huva hi nahi to buddh ka gyaan kaha se aa gaya tujh durbuddhi ko meri baat samajh nahi aai kya be
Buddh ek kalpanik patra hai buddh dhamm nastik pakhandi brahmino ka prapanch matra hai aur usme koi satya nahi hai
Na koi siddarth gotam paida huva hai aur na koi buddh bana aur na kisiko gyaan diya
Duniya ke buddhoo milkar bhi buddh ke home ke koi praman nahi de sakte kyuki buddh farji djarm hai 😂😂www
@@antimsharma1925 Hindu dharam ka dusra naam hain Bramhan dharam. Bramhan logo ne Hindu dharam ko paida kiya hain. Brahma kitna jhoota hai samajh le, Brahman ne Buddha ko Bishu ka ek avatar bataaya. Agar Tu Hindu dharam ka hain toh tujhe chullu bhar pani mein dub jana chahiye. Mera pita mata Hindu hain, lekin main Buddhist hoon, kyon ke main Hindu dharam chor chuka hoon. Woh jhooth ka dharam chor chuka hoon. Sach ko apna liya. Namo Buddhay.
बुद्ध एक काल्पनिक पात्र हैं,
लेकिन उत्खनन प्रमाण से जो साक्ष्य मिले हैं
उनमें अफगानिस्तान से लेकर सुदूर दक्षिण एशिया तक बुद्ध ही बुद्ध की मूर्तियां क्यूं मिलती।
मुझे ज़्यादा अच्छा लगता, यदि कहते कि
काल्पनिक चरित्र ब्रह्मा के मुंह से ब्राह्मण
अपना जन्म की दुहाई देते हैं जो केवल
उनका पाखण्ड और झूठ है,,
राम और कृष्ण काल्पनिक चरित्र हैं, इसलिए
आप बुद्ध और महावीर को भी काल्पनिक चरित्र
ठहराना चाहते हैं,, क्यूंकि इन दोनों महामानवों
ने ब्रह्मण धर्म के मानने से इंकार कर दिया,, इससे आप बहुत आहत हैं ऐसा प्रतीत होता है,
🌼🌼👌 सबका कल्याण हो 🙏