बुवांना कोणताच विषय वर्ज्य नाही...क्रृष्ण, अर्जुन,द्रोण, शिवाजी महाराज, संभाजी, रामदास, सावरकर, नेताजी, टिळक, गांधी..... किती विषय.किती अभ्यास, संदर्भगीतं,गायन... वा वा.... बुवा,मानलं तुम्हाला,नगर वाचन मंदीर चोपडा येथे तुम्ही सुंदर कीर्तन केले होते.
राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम कृष्ण राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे मुरारी मुरारी
I am just curious why kirtans are not monetized ? I am sure , There are many people who would pay to watch such quality entertainment . Also there would be more people to perform kirtan and there will be more development in kirtan. I know it is against the tradition , but why not think about it ?
तुमची भावना चांगली आहे .....पण आधी तिकीट काढून मग सिनेमा दाखवणं ही भारतीय संस्कृती नाही.....त्यामुळे ज्यांना खरंच कीर्तनकार ना मदत करावीशी वाटत असेल ...त्यांच्यासाठी आरती असते कीर्तन झाल्यानंतर
Jai shree ram
Guruji pranam
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
वा बुवा
आफळे गुरूजी व अन्य गुरुजनांच्या सुरेल व श्रवणीय कीर्तन ऐकून सकारात्मक ऊर्जेचा संचार होत आहे असे वाटतेय.
Krushna Mazi mata 🙏🙏
बुवांना कोणताच विषय वर्ज्य नाही...क्रृष्ण, अर्जुन,द्रोण, शिवाजी महाराज, संभाजी, रामदास, सावरकर, नेताजी, टिळक, गांधी..... किती विषय.किती अभ्यास, संदर्भगीतं,गायन...
वा वा.... बुवा,मानलं तुम्हाला,नगर वाचन मंदीर चोपडा येथे तुम्ही सुंदर कीर्तन केले होते.
नृसिंह जन्मोत्सव कीर्तन सादर करावे ही विनंती.
ua-cam.com/video/KIJFcGGJ4LE/v-deo.html
Very nice excellent
Thanks a lot
Kirtan 👍👍👍👍👍👍
'काहे अब तुम आये हो मोरे द्वार
मांगे भिक्षा जो चाहत हो'...
शब्दच नाहीत स्तुती करायला बुवा.. अप्रतिम
वेगळा व्हिडिओ बनवा त्यासाठी एक
जय श्री राम
खुप सुंदर कथा भाव
🙏🏽 Shree Hari 🚩
सुंदर निरुपण
सुंदर किर्तन
जय हरि
वा कीती खोलवर निरूपण कार आहे
राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम कृष्ण राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे हरे मुरारी मुरारी
Ok
य
Sundar
I am just curious why kirtans are not monetized ? I am sure , There are many people who would pay to watch such quality entertainment . Also there would be more people to perform kirtan and there will be more development in kirtan. I know it is against the tradition , but why not think about it ?
मराठीत बोला हो!
It's not about money but about faith!
Though your idea is somewhat conceal to rethink
@@Prabhanjan-Bhagat ok
तुमची भावना चांगली आहे .....पण आधी तिकीट काढून मग सिनेमा दाखवणं ही भारतीय संस्कृती नाही.....त्यामुळे ज्यांना खरंच कीर्तनकार ना मदत करावीशी वाटत असेल ...त्यांच्यासाठी आरती असते कीर्तन झाल्यानंतर
विदुर काका साठी तरी.. काका वर कविता हवी..!
अप्रतिम
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