शानदार हूकम। हमारी मनोकामना थी 🚩हङबू जी इतिहास जानने की । मै हङबू जी नाम 7 साल पहले सुना था बेगटी गांव के महमानो से। तब की इच्छा आज पूरी हूई।🙏 धन्य हो हूकम आप🙏
आज आपकी इसी बातपोश की वजह से हमें अपनी संस्कृति का पता चलता है कि कितनी महान है आप जैसे लोगो की वजह से ही अपनी संस्कृति का पता चलता है सबको बहुत बहुत आभार आपका 🙏
जय मॉं स्वॉंगिया जी। श्री कृष्ण। जयलक्ष्मी नारायण की।जय गौ रक्षक जूजारों की। जय लोक गेवताओं की। श्रीमान दीपसिह जी भाटी साहब डिगँल रसावल आपके द्वारा यू ट्यूब पर अपलोड की गई असंख्य कथाएं है जो कि महान वीर सपूतों , वीर वीरांगनाओ, जूजार सतियों , लोक देवताओं , देवी देवताओं, आकाशगामी सिद्धों , यक्ष गन्धर्वो, चारण भाट व उच्च कोटी के मनुष्यों के साथ साथ आम साधारण से साधारण जीवों हाथी घोड़ा ऊँठ,सियार , पक्षियों तौता मैना, राजा-रंक, चौर-सिपाही,गीता रामायण महाभारत,ज्ञान विज्ञान, भूत भविष्य, आकाश पाताल सब क्षैत्रों कि बेहतरीन कथाएं बेहद ज्ञानवर्धक, मनोरंजनात्मक व अच्छी सीख देने वाली है। आप जानकारी देने व ज्ञानवर्धन के साथ साथ राजस्थानी भाषा के प्रचार प्रसार व पौषण का काम भी कर रहे है जो कि एक सराहनिय कदम है। इसी क्रम मे आपका हड़बूजी लोकदेवता पर यह आख्यान माला का एक ओर मौती जो आपने पिरोया है वह अद्वितिय व अविश्मरणिय रहेगा। आपका तहेदिल से शुक्रिया।
आपने दादोसा श्री हङबुजी के बारे मे जो बातपोश बतायीं है उसमें हङबुजी रो मेलों भादव सुदी सातम बतायो जबकि मेला भादवा वदी षष्ठी को भरा जाता है । और हङबुजी व रामदेवजी की एक ही समाधि है जो रामदेवरा में है क्योंकि रामदेवजी ने हङबुजी से कहाँ था कि मैं जब भी समाधि लूँगा तब आपको जरूर बुलाऊंगा लेकिन रामदेव जी ने हङबुजी को बुलाया नहीं और जब यह बात हङबुजी को मालूम पङी की रामदेव जी ने तो जीवत समाधि ले लि है तो हङबुजी अपनी बैलगाड़ी से रामदेवरा के लिए रवाना हुए और पंचपीपली गांव के पास हङबुजी को रामदेव जी घोङे चराते हुए मिल गये तब दोनों भाई गले मिलें और हङबुजी कहाँ की मैंने तो सुना था कि आपने जीवत समाधि ले लि है , रामदेव जी ने कहाँ कि " मिनखां रे तो मुण्डे जति बाता है " मैं थारे सामी खङो हूँ । दोनों भाईयों अमल री मनवारा की और रामदेव जी बोलियाँ की आप रूणिचां हालो में घोङो ने ले आऊँ और ओ चुटियो तो पिता अजमल जी ने देइजो ओर कटोरो माता मेणादे जी ने देइजो लेकिन आ बात हङबुजी समझ नहीं पाया कि ऐ चीजों महने क्यूँ दे यह तो रामदेव जी का चमत्कार था। फिर हङबुजी रूणिचां पुगा तो देखे कि तुंवर सब माथे में अंगोछा बान्ध न बैठा था तब हङबुजी पुछियो की आप अंगोछा बान्ध न क्यों बैठा हो , तो तुंवर बोलियाँ की रामदेव जी ने जीवित समाधि ले लि है तो हङबुजी बोलियाँ की रामदेव जी तो महने घोङा चरावता मिलिया और रामदेव जी महने ऐ सेनाणि दी है । और हङबुजी ने कहा कि उस समाधि को खोदो जब समाधि को खोदा गया तो उसमें से कुछ भी नहीं था क्योंकि रामदेव जी तो एक चमत्कारी पुरूष थे। रामदेव जी ने जब समाधि लि थी तब कहाँ था आपके पीढ़ी दर पीढ़ी पीर होगें। लेकिन जब समाधि को खोद दिया गया तो वह वचन झूठा हो गया । हङबुजी ने कहा कि समाधि को खोदने के बाद उसको वापस खाली बन्द नहीं कर सकते है आप कोई इसमें बैठो तब तुंवरो ने कहा कि हम तो नहीं बैठैगे तब हङबुजी ने कहाँ कि मैं बैठूगां इस समाधि में । और यही समाधि रामदेव जी और हङबुजी की एक ही है । हङबुजी के समाधि लेने के बाद हङबुजी की बैलगाड़ी अपने चमत्कार से वापस बैंगटी आ गयी थी । और बैंगटी में तो हङबुजी के गाङी की पूजा की जाती है । जो गाङी मक्के मदिना से पांच पीर बाबा रामदेव जी से मिलने आये थे वो लाये थे और उस गाङी को रामदेव जी ने अपने पास रख दी थी और उस गाङी को रामदेव जी ने मालवा के मल्लिनाथ जी को दी और मल्लिनाथ जी ने अपनी पोती ( जगमाल जी की पुत्री ) का विवाह हङबुजी के साथ किया तब उस गाङी को मल्लिनाथ जी ने हङबुजी को दहेज में दी थी और उसी गाङी से हङबुजी पंगु गायों की सेवा करते थे और आज भी यह बैलगाड़ी हङबुजी के मन्दिर ( बैंगटी ) मे स्थित है जिसकी हम सांखला पूजा करतें है । और हङबुजी हमारी 15 वीं पीढ़ी में आते है । खुमान सिंह सांखला बैंगटी खुर्द फलोदी ( 9549541760 ) 🙏🏻🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
आप उनके वंशज है और कुछ नवीन व विस्तृत जानकारी देने के उपलक्ष में आपका तहे दिल से आभार ၊ मुझे बड़ी बेंगटी किसी सांखला सिरदार ने बताया कि हड़बू का रात्रि जागरण षष्ठी को और मेला अगले दिन भाद्रपद सुदी सप्तमी और. विशेषतः मंगलवार को भरता है၊ इस आधार पर श्री दीप सिंह जी भाटी ने यह बताया है ၊ बाबा रामदेव जी और हड़बूजी मौसीआई भाई होना ज्ञात हुआ है तथा दोनों में सत्संग खूब होती थी ၊ लेकिन बाबा रामदेव जी की समाधि में ही हड़बू जी की एक ही समाधि होना पहली बार आपने बताया है ၊ यदि ऐसा होता तो वहीं पर सिद्ध पुरुष एवं लोक देवता श्री हङबू जी की भी मूर्ति प्रतिष्ठापित होती और वहां रामदेव जी की पूजा आरती के साथ हड़बूजी की भी वहीं पूजा होती ၊ लेकिन रामदेवरा रामदेव जी के समाधि स्थल पर केवल रामदेव जी की ही पूजा होती है ၊ फिर भी आज बैज्ञानिक युग में प्रमाणिक तथ्यों को जानने की आवश्यक्ता है?
@@हिनुस्तान_गुरु_007 हङबुजी की मूर्ति रामदेवरा में है । जहाँ पर पहले हमारे पूर्वज बैठते थे । लेकिन अब रामदेवरा में हमारे वाले कोई बैठते नहीं है । आप कभी रामदेवरा जाओ तब वहाँ पुजारी को कहना वो आपकों जरूर हङबुजी की मूर्ति के दर्शन करवायेंगे । हङबुजी की मूर्ति भी निज मन्दिर में होने के कारण वहां किसी को जाने नहीं देते । और हङबुजी की पूजा का दिन हम भादवा वदी षष्ठी को ही मानते हैं ।
पीरो गो हतारो पापिओ को बाबा नै धरम का रासता दिरवाया तो बाबा पीर हो गयै मीया हो गयै कया पीरो नै राम दैव बाबा कि जय बोली बाबा जय कि बाबा को पीर मीया नहि सनातन धरम कि जय बोलै श्री राम जय राम जयजय राम गो माता कि जय राम दैव बाबा कि जय श्री राम जय राम जयजय राम राम राम राम
मैं फलोदी का हूं . फलोदी के पास हङबूजी का स्थान है यह बङी प्रसन्नता की बात है हङबूजी स्वयं सिद्ध पुरुष थे यह बित आज मालूम हुई। सूगनी की बात पर इफने कहा यह एक विज्ञान है इसकी ट्रेनिंग आज के युवको को देनी चाहियै। सुगन की बात पर पहले पुस्तक में पढी दी वह दोहरा रहा हूं। " रामदेवजी रो समाधि रो सुन रामदेवजी रा मासीयाई भाई गांव बेंगटी सूं रवाना हुआ । मार्ग में सुगन चोखा जाण सोचीयो के चचीरो के
हड़बू जी महाराज को राईका जाती के लोग ज्यादा मानते हैं अन्य पशुपालक लोग भी मानते हैं। वो जब भी उनके पशु धन ऊंट बकरी भेड़ वह अन्य पर विपदा या बीमारी आती है तो हड़बू जी को अरदास व नारियल चढाते हैं।ये लोग उनको अपने पशुओं का रक्षक मानते हैं।
Hkm jmk sa. Harbu ji ka mandir ek Sankhla (nehrai) ganv mein bhi hai. Jab bhi is area mein shadi hoti hai to aas pas ke ganv wale is mandir mein aker ke aur sanhla sardar ke hath se pile chawal karwate hai. Aur shadi hone ke bad mor bandhe joda su feri dete hai. Taki joda ko koi sagun na lage. Dhanyawad BHATI sab.
राम दैव बाबा थै बाबा दैव थै तो आपको मिया बोलै तो अछा होता है सनातन धरम के रकछक दैव है हमारै भगवान पीर कैसे होगै पीर कैसै बोल सकतै हो राम दैव बाबा बोलोना
app ji Jo ak salha deni ha sa k app Jin be raja sa ya maharaja sa ke bare me koi bat bate too unki asli photo be jrur dikya kare jisse video or ache lagte ha🤗🚩🙏🚩🙏
Rajwadi system mai har 4-5 saal baad, praisthiti badlti, shasak k jivan mai kae baar haar-jeet hoti thi, kabhi koe dhoka karta toh kabhi koi upkaar. Yeh ghatna bhi rajasthan ka gaorav badhati hai.
ua-cam.com/video/DT-eSx7FakU/v-deo.html दीप सिंह जी एक बार आप जातिवादी छोड़कर तेजाजी महाराज और जवाहर सिंह रंजीत सिंह अब जाट महाराजा सूरजमल जी के ऊपर भी आप कथा वचन अपने चैनल पर करें क्योंकि हम भी आपके चैनल को देखते हैं लेकिन जब केवल एक जाति विशेष का ही बखान होता है तो अच्छा नहीं लगता हमको भी क्योंकि वीर हैं उनका सम्मान हम भी करते हैं तो आप क्यों अनदेखा करते हो आपका चैनल भी एक वसुधैव कुटुंबकम का परिचय दें हिंदू समाज में जो भी वीर हैं उनका आप भी सम्मान करो हम भी करेंगे और आपके मुंह से एक अच्छा संदेश भेजें
सांखला वश का आदिपुरुष को कोटि कोटि नमन
शानदार हूकम।
हमारी मनोकामना थी 🚩हङबू जी इतिहास जानने की । मै हङबू जी नाम 7 साल पहले सुना था बेगटी गांव के महमानो से। तब की इच्छा आज पूरी हूई।🙏
धन्य हो हूकम आप🙏
जय श्री कृष्णा।
लोकदेवता पाबूजी, हड़बुजी रामदेव जी को कोटी कोटी प्रणाम।
Jay shri Krishna
जय मां करणी भाटी साब आपकी बात कहने का तरीका बहुत शानदार है हुकम सुनने में बहुत आनंद आता है और इसके साथ ही बहुत अच्छी अच्छी जानकारी मिलती है
आपने दादोसा श्री हङबुजी के बारे मे जो बातपोश जनमानस तक पहुँचाने का कार्य किया इसके लिए आपको बहुत-बहुत बधाई हो ।
हरबू जी ने हर मिळीया आडे मार्ग आय ⛳🌷🍒🙏शीद बांधने सांखलो बुओ रूणेचे जाय।
वाह भाटी साहब!!🎁
🙏हङबू जी महाराज रो घणो नाम सूणयो पण इतिहास आज ही सूणयो। 🌹🌹
🚩जय हङबू जीरी सा
आज आपकी इसी बातपोश की वजह से हमें अपनी संस्कृति का पता चलता है कि कितनी महान है आप जैसे लोगो की वजह से ही अपनी संस्कृति का पता चलता है सबको बहुत बहुत आभार आपका 🙏
हड़बूजी सांखला का इतिहास बताने के लिए आपका बहुत-बहुत आभार
जय माता दी सा हुक्म अरे हुक्म रामदेव जी और पाबूजी राठौड़ मासियात भाई और जोधपुर कभी राठौड़ परिवार से कभी किसी ने चिणा नहीं
जय हो दादो सा हरबू जी बैंगटी दरबार , गणपत सिंह सांखला जांगल प्रदेश जय हो गाडे रै धणी री
बहुत हि शानदार सा काव्यवाणी आपरे मुखारविंद सु सुनने से मनमे बहुत हि खुशी होती हैं सा।
जय श्री कृष्ण सा 👏
अति सुन्दर और ज्ञानवर्धक बातपोश ၊
💅जयश्री मांताजीरी अरज करूंसा कविराज दीपसिंह भाटी साब ने 💅उतम अतिउतम बातबखांणी सा रंहो डींगल रसावल ने 💅
💅जयदयाल दान रतनू घोङारण 💅
जय मॉं स्वॉंगिया जी। श्री कृष्ण। जयलक्ष्मी नारायण की।जय गौ रक्षक जूजारों की। जय लोक गेवताओं की। श्रीमान दीपसिह जी भाटी साहब डिगँल रसावल आपके द्वारा यू ट्यूब पर अपलोड की गई असंख्य कथाएं है जो कि महान वीर सपूतों , वीर वीरांगनाओ, जूजार सतियों , लोक देवताओं , देवी देवताओं, आकाशगामी सिद्धों , यक्ष गन्धर्वो, चारण भाट व उच्च कोटी के मनुष्यों के साथ साथ आम साधारण से साधारण जीवों हाथी घोड़ा ऊँठ,सियार , पक्षियों तौता मैना, राजा-रंक, चौर-सिपाही,गीता रामायण महाभारत,ज्ञान विज्ञान, भूत भविष्य, आकाश पाताल सब क्षैत्रों कि बेहतरीन कथाएं बेहद ज्ञानवर्धक, मनोरंजनात्मक व अच्छी सीख देने वाली है। आप जानकारी देने व ज्ञानवर्धन के साथ साथ राजस्थानी भाषा के प्रचार प्रसार व पौषण का काम भी कर रहे है जो कि एक सराहनिय कदम है। इसी क्रम मे आपका हड़बूजी लोकदेवता पर यह आख्यान माला का एक ओर मौती जो आपने पिरोया है वह अद्वितिय व अविश्मरणिय रहेगा। आपका तहेदिल से शुक्रिया।
वाह
आपके विडियो बहुत अच्छे ओर ज्ञानवर्धक है
मै आपके माध्यम से जानना चाहता हुॅ की हमारे हिन्दू आस्थाओ मे ये पीर नामक शब्द कैसे आया
चमत्कारी व सुगनी लोकदेवता हङबू जी महाराज की गाथा सुनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ
@@dingalrasawal
आपकी वाणी सुनकर मुझे गर्व महसूस हुआ जी
@@CRSiyagMemorialEdu
जय हो हड़बूजी जी और बाबूजी देवी देवताओं की जय हो जय हो पांच पीर एक समय एक रात प्रगटिया हड़बूजी पाबूजी जांभोजी जसनाथ और रामदेव जी
बिल्कुल अति सुन्दर हुक्म 🙏🙏🙏🙏🙏🙏
डिंगल रसावल रे में बहुत बहुत हार्दिक शुभकामनाएं और पुराने जमाना री शिक्षक बातों और स्वाभिमान मेरी बातों
Jay shree krishna 🙏 Bahut hi badhiya jankari sa Madhur awaj me , jay ho hadbuji maharaj ri🙏🚩
हड़बू जी महाराज को कोटि कोटि नमन
आपने धन्यवाद लोकदेवता रे पर्चा बताने के लिए।
जय हो हूडबूजी महाराज की जय हो
आपने दादोसा श्री हङबुजी के बारे मे जो बातपोश बतायीं है उसमें हङबुजी रो मेलों भादव सुदी सातम बतायो जबकि मेला भादवा वदी षष्ठी को भरा जाता है ।
और हङबुजी व रामदेवजी की एक ही समाधि है जो रामदेवरा में है क्योंकि रामदेवजी ने हङबुजी से कहाँ था कि मैं जब भी समाधि लूँगा तब आपको जरूर बुलाऊंगा लेकिन रामदेव जी ने हङबुजी को बुलाया नहीं और जब यह बात हङबुजी को मालूम पङी की रामदेव जी ने तो जीवत समाधि ले लि है तो हङबुजी अपनी बैलगाड़ी से रामदेवरा के लिए रवाना हुए और पंचपीपली गांव के पास हङबुजी को रामदेव जी घोङे चराते हुए मिल गये तब दोनों भाई गले मिलें और हङबुजी कहाँ की मैंने तो सुना था कि आपने जीवत समाधि ले लि है , रामदेव जी ने कहाँ कि " मिनखां रे तो मुण्डे जति बाता है " मैं थारे सामी खङो हूँ । दोनों भाईयों अमल री मनवारा की और रामदेव जी बोलियाँ की आप रूणिचां हालो में घोङो ने ले आऊँ और ओ चुटियो तो पिता अजमल जी ने देइजो ओर कटोरो माता मेणादे जी ने देइजो लेकिन आ बात हङबुजी समझ नहीं पाया कि ऐ चीजों महने क्यूँ दे यह तो रामदेव जी का चमत्कार था। फिर हङबुजी रूणिचां पुगा तो देखे कि तुंवर सब माथे में अंगोछा बान्ध न बैठा था तब हङबुजी पुछियो की आप अंगोछा बान्ध न क्यों बैठा हो , तो तुंवर बोलियाँ की रामदेव जी ने जीवित समाधि ले लि है तो हङबुजी बोलियाँ की रामदेव जी तो महने घोङा चरावता मिलिया और रामदेव जी महने ऐ सेनाणि दी है । और हङबुजी ने कहा कि उस समाधि को खोदो जब समाधि को खोदा गया तो उसमें से कुछ भी नहीं था क्योंकि रामदेव जी तो एक चमत्कारी पुरूष थे। रामदेव जी ने जब समाधि लि थी तब कहाँ था आपके पीढ़ी दर पीढ़ी पीर होगें। लेकिन जब समाधि को खोद दिया गया तो वह वचन झूठा हो गया । हङबुजी ने कहा कि समाधि को खोदने के बाद उसको वापस खाली बन्द नहीं कर सकते है आप कोई इसमें बैठो तब तुंवरो ने कहा कि हम तो नहीं बैठैगे तब हङबुजी ने कहाँ कि मैं बैठूगां इस समाधि में । और यही समाधि रामदेव जी और हङबुजी की एक ही है । हङबुजी के समाधि लेने के बाद हङबुजी की बैलगाड़ी अपने चमत्कार से वापस बैंगटी आ गयी थी ।
और बैंगटी में तो हङबुजी के गाङी की पूजा की जाती है । जो गाङी मक्के मदिना से पांच पीर बाबा रामदेव जी से मिलने आये थे वो लाये थे और उस गाङी को रामदेव जी ने अपने पास रख दी थी और उस गाङी को रामदेव जी ने मालवा के मल्लिनाथ जी को दी और मल्लिनाथ जी ने अपनी पोती ( जगमाल जी की पुत्री ) का विवाह हङबुजी के साथ किया तब उस गाङी को मल्लिनाथ जी ने हङबुजी को दहेज में दी थी और उसी गाङी से हङबुजी पंगु गायों की सेवा करते थे और आज भी यह बैलगाड़ी हङबुजी के मन्दिर ( बैंगटी ) मे स्थित है जिसकी हम सांखला पूजा करतें है ।
और हङबुजी हमारी 15 वीं पीढ़ी में आते है ।
खुमान सिंह सांखला बैंगटी खुर्द फलोदी ( 9549541760 )
🙏🏻🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
आप उनके वंशज है और कुछ नवीन व विस्तृत जानकारी देने के उपलक्ष में आपका तहे दिल से आभार ၊
मुझे बड़ी बेंगटी किसी सांखला सिरदार ने बताया कि हड़बू का रात्रि जागरण षष्ठी को और मेला अगले दिन भाद्रपद सुदी सप्तमी और. विशेषतः मंगलवार को भरता है၊ इस आधार पर श्री दीप सिंह जी भाटी ने यह बताया है ၊
बाबा रामदेव जी और हड़बूजी मौसीआई भाई होना ज्ञात हुआ है तथा दोनों में सत्संग खूब होती थी ၊ लेकिन बाबा रामदेव जी की समाधि में ही हड़बू जी की एक ही समाधि होना पहली बार आपने बताया है ၊ यदि ऐसा होता तो वहीं पर सिद्ध पुरुष एवं लोक देवता श्री हङबू जी की भी मूर्ति प्रतिष्ठापित होती और वहां रामदेव जी की पूजा आरती के साथ हड़बूजी की भी वहीं पूजा होती ၊ लेकिन रामदेवरा रामदेव जी के समाधि स्थल पर केवल रामदेव जी की ही पूजा होती है ၊ फिर भी आज बैज्ञानिक युग में प्रमाणिक तथ्यों को जानने की आवश्यक्ता है?
@@हिनुस्तान_गुरु_007
हङबुजी की मूर्ति रामदेवरा में है । जहाँ पर पहले हमारे पूर्वज बैठते थे । लेकिन अब रामदेवरा में हमारे वाले कोई बैठते नहीं है । आप कभी रामदेवरा जाओ तब वहाँ पुजारी को कहना वो आपकों जरूर हङबुजी की मूर्ति के दर्शन करवायेंगे । हङबुजी की मूर्ति भी निज मन्दिर में होने के कारण वहां किसी को जाने नहीं देते ।
और हङबुजी की पूजा का दिन हम भादवा वदी षष्ठी को ही मानते हैं ।
आपके whatsapp no. भेजो
ओर विस्तृत जानकारी लेनी है आपसे ... harbu जी महाराज के बारे में
जय श्री हङबुजी दादा 🙏
जय श्री ठाकर हड़बू जी🚩
जय श्री हडबुजी माहा राज की
जय हड़बूजी महाराज 🙏🚩
बहुत इतिहासिक बातचीत हुक्म
जय हो सरदारा
Jail Mata di huqm
बापिणी रा मांगलिया मेहोजी पीर रे बारे मे भी
जानकारी बताओ तो आपरो घणो आभार होवे सा
🤟🤟
पीरो गो हतारो पापिओ को बाबा नै धरम का रासता दिरवाया तो बाबा पीर हो गयै मीया हो गयै कया पीरो नै राम दैव बाबा कि जय बोली बाबा जय कि बाबा को पीर मीया नहि सनातन धरम कि जय बोलै श्री राम जय राम जयजय राम गो माता कि जय राम दैव बाबा कि जय श्री राम जय राम जयजय राम राम राम राम
Thanks deep Singh ji
मैं फलोदी का हूं . फलोदी के पास हङबूजी का स्थान है यह बङी प्रसन्नता की बात है
हङबूजी स्वयं सिद्ध पुरुष थे यह बित आज मालूम हुई। सूगनी की बात पर इफने कहा यह एक विज्ञान है इसकी ट्रेनिंग आज के युवको को देनी चाहियै।
सुगन की बात पर पहले पुस्तक में पढी दी
वह दोहरा रहा हूं।
" रामदेवजी रो समाधि रो सुन रामदेवजी रा मासीयाई भाई गांव बेंगटी सूं रवाना हुआ ।
मार्ग में सुगन चोखा जाण सोचीयो के चचीरो के
जय हो
Jay dadosa hadabuji
राम ॥
Jai Harbuji
ऐक बातपोस मेहाजी मागंलिया पर सुणाओ हुकम काकोसा
हर हर महादेव
Jay Rajputtana
Jai shree harbuji maharaj dadosa hkm inka mandir hamare gav me hi he
जय हो हड़बूजी महाराज की जय हो
हड़बू जी महाराज को राईका जाती के लोग ज्यादा मानते हैं अन्य पशुपालक लोग भी मानते हैं। वो जब भी उनके पशु धन ऊंट बकरी भेड़ वह अन्य पर विपदा या बीमारी आती है तो हड़बू जी को अरदास व नारियल चढाते हैं।ये लोग उनको अपने पशुओं का रक्षक मानते हैं।
Jai Shree Harbuji Dadosa ki 🙏
रिख भुरादास खीचन फलोदी का इतिहास पर वीडियो अपडेट करो
Hkm jmk sa.
Harbu ji ka mandir ek Sankhla (nehrai) ganv mein bhi hai.
Jab bhi is area mein shadi hoti hai to aas pas ke ganv wale is mandir mein aker ke aur sanhla sardar ke hath se pile chawal karwate hai.
Aur shadi hone ke bad mor bandhe joda su feri dete hai.
Taki joda ko koi sagun na lage.
Dhanyawad BHATI sab.
Jai shree Krishna
राम दैव बाबा थै बाबा दैव थै तो आपको मिया बोलै तो अछा होता है सनातन धरम के रकछक दैव है हमारै भगवान पीर कैसे होगै पीर कैसै बोल सकतै हो राम दैव बाबा बोलोना
जय हो पाचो पीरो की
Jay shree ram
डिंगल रसावल द्वारा प्रकाशित पुस्तक खरीदने थी कहां से खरीदें
बहुत ही सुन्दर रचना हुक्म बुक भीनमाल के पास मेङा पुरोहितान गाँव में मिल जाएगी
मेहाजी मागंलिया का जन्म गॉव तापु मे होयो हुकम काकोसा
1331 मे फिर बापिणी पधारे
1352 मे गायो री वार मे देवलोक होया
9799337815
app ji Jo ak salha deni ha sa k app Jin be raja sa ya maharaja sa ke bare me koi bat bate too unki asli photo be jrur dikya kare jisse video or ache lagte ha🤗🚩🙏🚩🙏
Bhati sab hamare ganv madaria mewar ke pahad par bhatiyan kuldevi virajmahe unka itihas bataya jave
हड़भुजी महाराज की जय
मेहोजी री लोककथा
Jay Shree hadbuji Maharaj
👌👌👌
Jay mata ji ki arj hukmm
Jaisa ji bhati ka itihas bhi arj krave hukmmm marvad me jaisa bhati
जय पीर जी कि सा
Jay maa Bhaawaane
🙏🙏🙏🙏🙏
Very nice
Ratharo ki utpati k bare me bataye jai chand ji vijay chand ji pahle mtlb kannuj se pahle ki his.
🙏🙏💐
हड़बूजी का विवाह किस राजपूत जाति मे हुआ
मालण माता के बारे में विडियो बनाया जाए
हरबूजी का जन्म कब हुआ था?
Rajwadi system mai har 4-5 saal baad, praisthiti badlti, shasak k jivan mai kae baar haar-jeet hoti thi, kabhi koe dhoka karta toh kabhi koi upkaar.
Yeh ghatna bhi rajasthan ka gaorav badhati hai.
Dingal me hamare gaw ki Dadaji bawsi ki gatha sunana he aap mije kontec no bhejo mera Ganpatsingh vi..surana jalore he
Jordar hkm
કવિરાજ જી હડ બુ જી સાંખલા ના ભાણેજ જેસાજી ભાટી ના જીવન ઉપર એક વિડીયો બનાવાની મહેરબાની કરો
Revntsingh devra sajeetra nagdra shev bamer rasthan
Papuji Or hadbuji ki sath me puja hoti hoti hai
Run bhomiya sa itayas par
भजन अपलोड Karo
हनवंत सियाग चवा बाडमेर
बाबा रामदेव वालो भजन भेजो
एक बात तो सुगनारी.तो बताओ.बाजी सा.
good 🎉🎉 video 👌🙏🌹🙏🙏🌻🌷🌻🙏
aa
Gala bhomiya sa
ua-cam.com/video/DT-eSx7FakU/v-deo.html दीप सिंह जी एक बार आप जातिवादी छोड़कर तेजाजी महाराज और जवाहर सिंह रंजीत सिंह अब जाट महाराजा सूरजमल जी के ऊपर भी आप कथा वचन अपने चैनल पर करें क्योंकि हम भी आपके चैनल को देखते हैं लेकिन जब केवल एक जाति विशेष का ही बखान होता है तो अच्छा नहीं लगता हमको भी क्योंकि वीर हैं उनका सम्मान हम भी करते हैं तो आप क्यों अनदेखा करते हो आपका चैनल भी एक वसुधैव कुटुंबकम का परिचय दें हिंदू समाज में जो भी वीर हैं उनका आप भी सम्मान करो हम भी करेंगे और आपके मुंह से एक अच्छा संदेश भेजें
Very nice
जय श्री हडबू जी महाराज जय हो
जय हो
Jai shree hadbuji
jai hadbu dada ri