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Mujhe ek swal Krna tha ki ramayan me baalkand me jo ashtm sarg me usme ashvmegh yagh me ashv ki bali btai gayi hai mai smjh nhi pa rha hu kya kha gaya hai vha par chrbi ko havn me dala uski gandh dashrath ne sunghi mai smjha nhi abhi tk
केवल पृथ्वी पर ही जीवन हे अन्य किसी गृह पर क्यो नही?( नवगृह वाले एक सोर मंडल मे ) इसका अध्यात्मिक उत्तर दै ।। अन्यथा मुझसे लै🕉🙏 इस रहस्य मे ही बृह्मज्ञान छुपा है...ईश्वर को जानने के लिए यह अंतिम पायदान है मनुष्य के लिए,,,,, यानी मोक्ष प्राप्ती के करीब,,,🕉🙏
आप दोनों के साथ संवाद करना मुझे बहुत अच्छा लगा अपने मंच पर आमंत्रित करने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद। आशा है यह संवाद सभी श्रोताओं के लिए सार्थक होगा ।🙏
India ke philosopher ko philosopher nahi baba kehe na chahiye wo isliye greek philosopher jese kehe te the rajshahi se har insaan ko uska haq nahi mil sakta hai isliye wo republic aur democracy ki baat kar te the lekin india ke philosopher rajshahi ka chaap lusi kar te the jab ki aaj ke mukab le os waqt india ke logo haalt kharab tha aur bohut ghareeb the aur yaha tak greek ke philosopher jese Socrates, Plato, zeno, epicurus ye sab greek ke devta aur planet jise greek ke awam aur in sab philosopher ke baap dada aur inke khandan bhi ose puj te the lekin ye sab greek philosopher is cheez ko kahani aur andhvishwas kehe te aur ek baghwan ko mano aur science ke hisab se dunya me chalo ye sikha te the lekin yaha india ke philosopher hindu devta kahani ko jhoot aur ghalat na kehe kar ose puj ne ke liye logo ko kehe te the 🤦🤦🤦 aaj angrez ke wajah se nahi walki India ke log aur philosopher ke soch ke wajah hi aaj india ke philosopher ko koi nahi jaan ta lekin greek philosopher ke kaam soch ke tarike se hi har sarkar apne mumalik ko chala rahe jese democracy ye sab soch ke wajah se duniya greek philosopher ko jaan ti hai aur inke kaam aur kurbani ko yaad bhi kar ti hai 🇬🇷🇬🇷🇬🇷
Hindu scriptures are replete with metaphors, containing deeper philosophical truths, couched in symbolism, not obvious immediately to ordinary individuals.🙏 Some of them, especially the Vedas, the Upanishads, are written in a coded or symbolic language. 🙏 Like all manifest creation, they also have some manifest content which is visible to all and some hidden content that would not be so obvious to us unless we have some intuitive ability. ❤ The hidden part unravels itself to the extent we have withdrawn into ourselves. They come to you as flashes from the depths of consciousness in moments of heightened awareness. 😊🤗 _We have दृष्टिकोण:_ 1. कथा दृष्टिकोण 2. दार्शनिक दृष्टिकोण कथाओं में गहरा अध्यात्म छिपा है
@@pujapatil8199 PADHAI KARO BETI SCHOOL COLLEGE JAO Apne Hindu scriptures padhi hai? maine padhi hai, isme kisi bhi mandir ya phir dham mai jane ko nhi bola gya hai.
मज़ा आया भैया, आपसे और आचार्य जी से चर्चा करके। संवाद बहुत ज़रूरी है, जो कि हमारे समय में ख़त्म होता जा रहा है। अलग अलग विचार के लोग जब तक बात नहीं करेंगे, चीज़ें स्पष्ट नहीं होंगी, लोगों के लिए भी और उन विचारों के साथ चलने वालों के लिए भी। मैंने काफ़ी कुछ सीखा आपसे और आचार्य जी से इस चर्चा के दौरान, और उम्मीद करता हूँ आपके दर्शकों को भी कुछ सीखने को मिला होगा। ऐसे ही अलग-अलग विचार के लोगों को आगे भी बुलाते रहिएगा। बस मेरा बैठने का तरीका थोड़ा cazual है। उसके लिए माफ़ी। ख़ूब प्रेम आपको और आपकी पूरी टीम को। ❤❤
*Vedangas:* वेदों के ६ अंग(limbs) है। Vedangas are the subjects required for one to study Vedas systematically and comprehend them. १. शिक्षा (Phonology, Phonetics) - इसमें शब्दों का सही और शुद्ध उच्चारण होता है । कौनसा स्वर कहाँ से बोलना है, कैसे बोलना है यह ज्ञात नहीं होता तब तक वेद मंत्र का शुद्ध उच्चारण नहीं कर सकते। शुद्ध उच्चारण से व्यक्ति के विद्वता का पता चलता है। मंत्रो का प्रभाव होता है अगर मंत्र को उसी रूप में बोला जाए जिस रूप में उसे कहा गया है। २. निरुक्त (Word Origin, Etymology) - शब्द की उत्पत्ति कहाँ से हुई है। जब तक आप निरुक्त को नहीं जानते तब तक आप वेद के शब्द का अर्थ नहीं निकाल सकते। ३. व्याकरण (Grammar) - पाणिनी ने संस्कृत भाषा के व्याकरण को शुद्ध बनाया। पाणिनी से पहले बहुत सारी व्याकरण चलती थी, इसलिए लोग एक-दूसरे की भाषा नहीं समझ पाते थे। तो पाणिनी ने शुद्ध व्याकरण लिखी और लिखकर लोगों के पास ले गए। किन्तु लोगों ने अहंकार के कारण पाणिनी के व्याकरण को स्वीकार नहीं किया। फिर पाणिनी ने भगवान शंकर को व्याकरण सुनाई। भगवान शंकर बहुत प्रसन्न हुए और कहाँ कि इतनी शुद्ध और सुन्दर व्याकरण है और यह अहंकारी लोग स्वीकार नहीं कर रहे हैं इसलिए वेदों के अर्थ गलत निकाल रहे हैं । कोई कुछ अर्थ निकालता है तो कोई कुछ। आज से यही प्रचलित होगी। भगवान शंकर ने हिमालय पर डमरू बजा के कहाँ कि केवल पाणिनी की व्याकरण सुनी जायेगी। Max Mueller said that Panini's Grammar is perfect and better than Greek or Latin Grammar. ४. छंद(Metrics, Poetic metre) - Number of syllables per verse. Chhanda means "pleasing, alluring, lovely, delightful or charming", and is based on the root chad which means "esteemed to please, to seem good, feel pleasant and/or something that nourishes, gratifies or is celebrated". The term also refers to "any metrical part of the Vedas or other composition". ५. कल्प (Ritual Instructions) - This field focused on standardizing procedures for Vedic rituals, rites of passage rituals associated with major life events such as birth, wedding and death in family, as well as discussing the personal conduct and proper duties of an individual in different stages of his life. ६. ज्योतिष (Astrology) - Right time for rituals with the help of position of nakshatras and asterisms and astronomy. This auxiliary Vedic discipline focused on time keeping.
@@SnapThority ॐ अग्निमीळे पुरोहितं यज्ञस्य देवमृत्विजम् । होतारं रत्नधातमम् ॥ 😊🙏 Agni (Rig Veda - Mandala 1 - Sukta 1 - Mantra 1) The alphabet ळ exists in Vedic Sanskrit. However, Panini didn't include it. You are right. But ळ exists in मराठी and few other languages 🙏
@@pujapatil8199 Pooja didi kaisi ho ap?😊 muje puchna tha ki kya Durga Mata ji, Shiv ji, kanha ji , ko Inshano ke Banaye हिन्दू धरम ke bare me Pta tha ?😁
अचार्य प्रशांत जी के विचार काफी प्रभावी लगे मुझे 🙏 आज गुरुकुल के ऐसे आचार्यों को सुन के एक बार पुनः अपने देश के संस्कृति पे गर्व हो रहा मुझे 🔥 जहीन जी भी काफी अच्छे वक्ता है उन्होंने इतने कम उम्र इतनी अच्छी ज्ञान और सम्मान को पाया ये भी बहुत कम लोग कर पाते है 🙏 भारतीय दर्शन और ग्रीक दर्शन दोनो एक महान संस्कृति की स्थापना करते है, परंतु भारतीय वैदिक दर्शन धरातल और जीवन मे अधिक सत्यता रखता है 🕉️🙏 Hyper Quest जी का शुक्रिया ऐसे ज्ञान वर्धक पॉडकास्ट लाने के लिए 🙏
Acharya योगेश जी के बाद सबसे ज्यादा सबसे अच्छा व ज्ञान वर्धक podcast आचार्य प्रशांत जी का ये वाला... बहुत बहुत धन्यवाद hyperquest .. Ek आग्रह और है आचार्य अग्निवृत् जी को भी बलांयें सभी मॉडर्न फिजिक्स वालों के पसीने छूट जायेंगे!! ओम्
आचार्य प्रशांत शर्मा को शत शत नमन। उन्ही की विडियो मै प्रतिदिन सुनता हूं। इससे पूर्व मैने ओशो, सदगुरु, आचार्य प्रशांत, श्री श्री रविशंकर आदि को सुन चुका हूं लेकिन पूर्ण रूप से समाधान नहीं मिला लेकिन आचार्य प्रशांत शर्मा जी के दार्शनिक विचार और दृष्टि दर्शन यू ट्यूब पर पूर्ण समाधान हुआ है। आचार्य जी को पुनः सादर अभिवादन।
@@dipanshukewat950 abe murakh insaan ahankaari balak maine kab kaha mai uska fan hu? Tu apne se sab bolta ja raha hai andhviswashi kahika. Tere baat karne ke tarike se lgta nahi hai ki tu pdhta likhta hoga.
आप का यह प्रयास बहुत ही प्रशंसनीय है भारतीय दर्शन पर विद्वान बहुत मिलते है लेकिन पश्चिम कै दर्शन पर चर्चा करने वाले विद्वान नहीं मिलते और इतने उच्चकोटि के विद्वान जो पश्चिमी और भारतीय दोनों दर्शन के ज्ञाता हो बहुत ही दुर्लभ ही हैं जिन्हें आप ने हमारे समक्ष प्रस्तुत किया है
आप जैसे लोग भारतीय दर्शन को दो कौडी का भी नही मानते इसलिए आप के शब्द सबोधन इस तरह से है कि भारतीय दार्शनिक बहुत मिलते है किन्तु जब कोई पाश्चात्य शिक्षा व कल्चर के वकीलों को सुनने का आपको अवसर मिल जाता है तो आप की आत्मा गद् गद् हो जाती है 😂😂
0:32 आत्मा और मोक्ष।इन्ही 2 शब्दो पर सारा दर्शन शास्त्र खड़ा है। ये दोनो ही शब्द कल्पना पर आधारित है। आत्मा तो अजर अमर है। तो फिर जन्म किसका होता है?मृत्यु किसकी होती होती है?मोक्ष किसका होगा?बंधन में कोन है? ये कोई नहीं जानता। दुनिया जहां के मत मतांतर बन गए।सब अपने को सही साबित करने में लगे रहते है।जानता कोई कुछ नही। सब मान्यताएं है।मृत्यु के पश्चात कुछ नहीं बचता।ज्ञान के नाम पर झूठी दिलासा देते रहो हो मन को। सारा खेल मन का है।मन ही बंधन और मोक्ष का कारण हैं। ये तो उपनिषद में ही लिखा है।😊
भाई जन्म किसका होगा मृत्यु किसकी होगी, मोक्ष किसे मिलेगा, उपनिषद की बात आप कर रहे हैं तो उसमें पढ़ा ही होगा! पहले सही से जाने कि जन्म किसे कहते हैं और मृत्यु किसे! जो पल्ले न पड़े उसे ये कह के निकल लेना कि ये कल्पना मात्र है ये तो बौद्धिक स्तर का निम्न होना दर्शाता है!
@@HKS-m7w मै जिसको जैसा जानता हूँ वैसा ही मानता भी हूँ! और जो कुछ नहीं जानता उसे जानने का प्रयास करता हूँ! यह बोल कर निकलने का प्रयास नहीं करता कि जो मै नहीं जानता तो वो सब का सब काल्पनिक है 🙏🏻
@@GyanVaanBharat जब तक हम किसी चीज को नहीं जानते ।तब तक वो कल्पना ही होती है।अभी तक तो medical science पूरी तरह से शरीर को भी नहीं जान पाई। आत्मा को तो जान ही नहीं सकते।जानने का भ्रम हो सकता है।किसी को तो स्वयं के भगवान होने का भी भ्रम हो जाता है। इसी का नाम अंधविश्वास है।
*How should Hindus walk the path:* _Rig Ved - Gyan Marg_ _Yajur Ved - Karm Marg_ _Saam Ved - Bhakti Marg_ If you choose only Gyan Marg, then you will become *Ahankari* 😊 If you choose only Karm Marg, then you will become *Mechanical(Robot-like)* 😊 If you choose only Bhakti Marg, then you will become *Andh-Vishwasi* 😊 That's why all three Marg are important 🙏❤
@@rinkiradigo Thank you Dear Rinki ji for your kind and encouraging words😊🙏 I've learnt many things from this channel itself 🤗 Having said that, I'm not the person in my dp - for anonymity and safety 🙏 It is an AI-altered image. Thanks again and wish you the very best❤
bogus that Bhakti Marg is andh vishwasi bhakti is a pratical process which mainly focuses on mantra meditation which authorized by Great saint like madhvacharya ,ramnujacharya
@@rinkiradigo what ??? so crisp info BG[10.9] The thoughts of My pure devotees dwell in Me, their lives are fully devoted to My service, and they derive great satisfaction and bliss from always enlightening one another and conversing about Me.
Finally, a talk contrasting Indian and Greek Philosophy. I would love to do a podcast or video essay on that myself. First of all, lets begin by acknowledging a fact which has been touched on by many comparative scholar of philosophy, linguistics and history. India and Greek philosophy are not polar opposite traditions of Philosophy, they belong to a sister culture of Aryans that developed in close contact with India pre alexander. This is why early presocratic Greek philosophy, including Pythagoras have striking similarities with the the Darsanas and have similar doctrines like rebirth and liberation. However, post-socratic philosophy after the invasion of Alexander, the Greeks met Indians as strangers and with am amnesia of their previous contacts. Still, though Indian philosophy continued to have a lot of influence on Greek Philosophy, such as on the thought of Plotinus. However, by the post-socratic phase some clear differences in philosophical perspectives had emerged - the Greeks became materialistic, with a this worldly emphasis and separated from religion, which was different from the Indian perspective which was spiritual, metaphysical and religious. So to answer the question why hasn't there been any progress in Darsana philosophy, it is because Darsana is about religious philosophy and has a religious purpose - moksha. Even Nyaya and Vaiseshika which are realists, rationalists and empiricists only consider the study of the categories or paradaraths as only necessary insofar as we gain knowledge of the discriminative knowledge of the soul as distinct from the body. Thus much of the preoccupation of Nyaya and Vaiseshika is in proving the existence of a soul separate from the body. Later, the emphasis moves to proving God through natural theology. However, that said, Nyaya-Vaiseshika also had application in applied material sciences like Ayurveda and Vaastu and later. Another reason why there is no progress in Darsana philosophy, is because it deals with ultimate realities, and you cannot progress beyond an ultimate reality. For example Vaiseshika postulates the ultimate reality is atoms, which are point like dimensionless and there are 4 distinct types and whose combinations make up all material substances in space and time. Isn't that pretty much what modern physics also says? So basically we haven't actually really progressed in the philosophy of atomism as we are simply just validating what the Darsaniks told us. However, what we have progressed in is the material and technological application of atoms, the ideas are still the same. Ditto with Samkhya with an observer/knower(purusha) and observed/known and the instruments of knowing re senses etc, similar philosophies are being spoken about in modern quantum physics, validating again what the Darsaniks told us that Prakriti is observer dependent - she puts non show on if there is no spectator - i.e., no creation, no space-time and atoms. The Indian tradition doesn't make progress as such, but because it is santatana , in every age interpreters come to explain it again in the language and terminology of the time to make it relevant again. Like Swami Vivekananda introduced Neo-Vedanta to bring it up to date with modern physics or Sri Aurobinido introduced Integral Yoga to bring up to date with modern psychology. Have no doubts about it, even in the 25th century interpreters will rise to again teach it. I myself consider myself a Samkhya-Vadin and I want to pursue research to bring Samkhya up to date with 21st century philosophy -- for it has applications in many areas of science quantum physics, neuroscience, cognitive science, evolutionary biology, AI etc. There are so problems contemporary philosophy is grappling with which Samkhya can offer illumination on.
1:37:00 Te brahma lokesu parant kale para mrita para muchyanti sarve - Munduko upnishad(3.2.6) It says of coming back from moksh after 36000 bramha years..
@@SnapThority The question should be: Are they reading my comments or not? ☹ Are they simply Liking my comments without reading?😞 I want everyone to read them😊
1:39 जब तुम ब्रह्म ही हो इसका बोध हो जायेगा या साक्षात्तकार हो जायेगा तो कैसा आना और कैसा जाना इस का संशय ही समाप्त हो जायेगा फिर जहां भी होगे जैसे भी होगे ब्रह्म ही होगे यह निवेदक वचन आचार्य जी के लिए है । धन्यवाद
*Sanatan Dharma is science itself. Avatars are a way to convey the evolution.* Here is the proof according to evolution: *1. Chordates* - Living in water - Matsya Avatar *2. Tetrapodes* - Living both in water and on land - Kurma Avatar *3. Mammals* - Living on land - Varaha Avatar *4. Partially Bipedalled Primates* - Half Human and Half Animal - Narasimha Avatar *5. Hominidae Dwarf* - Physically less developed - Vaman Avatar *6. Homo Erectus* - Living in Jungle - Parshuram Avatar *7. Homo Sapiens* - Complete Man - King Ram Avatar *8. Homo Sapiens Sapiens - Modern Man - King Krishna Avatar 9 10. Kalki - Yet to materialize 😊
*Decoding and Understanding the true Sanatan Dharma:* 😊 There are no gods in Sanatan Dharma/Hinduism; either formless or in some form. There are only devi-devtas. Devi or Devta is defined as a person with divya(divine) qualities. Even you can be a devta. In fact, you are a Devi/Devta. There is no chamatkaar in Hinduism. Avatar is a concept and is a symbolic way of Sanatan Dharma to explain evolution 🙏 Vishnu is Personification of so-called God. Let's keep our Sanatan Dharma in it's Purest Form 🤗 Let's not bring chamatkaar in it and dilute the truth. In Sanatan Dharma, we use Symbolism, Iconography or we personify natural things and attributes/qualities. Brahma is Personification of Creator. Vishnu is Personification of Operator. Mahesh is Personification of Destructor. Brahma Vishnu Mahesh doesn't exist physically. They are energies PERSONIFIED. Attributes like Knowledge, Wealth and Wisdom are PERSONIFIED too: Saraswati ji is Personification of Knowledge. Lakshmi ji is Personification of Wealth. Ganesh ji is Personification of Wisdom. Sanatan Dharma explains scientific facts, concepts or knowledge in a simple way and easy to remember format. For example: Surya Dev has 7 horses means Sun has 7 visible colours of light(VIBGYOR).😊 Chandra Dev has 27 wives means there are 27 Constellations(Nakshatra) near Moon😊 Chandra Dev married 27 Daughters of Prajapati Daksha😊 - Ashvini, Bharani, Krittika, Rohini, Mrigashiras, Ardra, Punarvasu, Pushya, Ashlesha, Magha, Purvaphalguni, Uttaraphalguni, Hasta, Chitra, Svati, Vishakha, Anuradha, Jyeshtha, Mula, Purvashadha, Uttarashadha, Shravana, Dhanishta, Shatabhisha, Purvabhadrapada, Uttarabhadrapada, Revati. Avatars are explained similarly so that we can remember and understand easily. Sanatan Dharma talks in a way where common people can comprehend complex philosophy or a thing🤗 Sanatan Dharma speaks in Symbols for you to connect to a deeper message❤ Puranas are divine dharmik literature which explains the Complex Philosophies of Sanatan Dharma/Humanity in a Simple, elegant and captivating manner😊 We don't take it in a literal(verbatim) sense but in an interpretive sense(अनुभूती) 🙏 Mahadev is Dev of Devas. Bhagwan is simply a title and anyone can be bestowed upon with Bhagwan title😊 Parmatma is the ultimate😊 There is no worship in Hinduism. There is only Love, Celebration, Gratitude and Appreciation. There are 6 layers of Love, Celebration, Gratitude and Appreciation in Sanatan Dharma/Hinduism. 6th layer - Sun, Water, Nature etc😊 5th layer- Animals, Birds 😊 4th layer- Parents, Ancestors, Guru😊 3rd layer- Devi-Devtas😊 2nd layer - Brahma, Vishnu, Mahesh😊 1st layer - Parmatma😊
Whatsapp university: Vishnu is Personification of so-called God. we use Symbolism, Iconography or we personify natural things and attributes/qualities. Brahma is Personification of Creator. Vishnu is Personification of Operator. Mahesh is Personification of Destructor. Brahma Vishnu Mahesh doesn't exist physically. They are energies PERSONIFIED. BG[7.24] Unintelligent men, who do not know Me perfectly, think that I, the Supreme Personality of Godhead, Kṛṣṇa, was impersonal before and have now assumed this personality. Due to their small knowledge, they do not know My higher nature, which is imperishable and supreme.
@@Suryanshroy-k8p O uncle ji🙏 kaanha was a dudhwala and a king. Nothing else. Bhakti-vilas se baahar aao. Don't read the fantasy called Bhagvatam(Leela)😊
@@Suryanshroy-k8p Sanatan Dharma firmly rejects: Self-proclaimed God - Krishna 😥😊 Self-proclaimed Son of God - Jesus😊 Self-proclaimed Messenger of God - Popat Mohammad😊
😊😊😊❤❤प्रकृति पार प्रभु सब उर वासी। ब्रह्म निरीह विरज अविनाशी।। प्रकृति नमक स्फेयर बाहर निकलते ही ब्रह्म में विलीन हो जाओगे फिर ब्रह्म की दृश्य से व्यापकता,उत्पति,स्थिति,ले देख सकोगे ये मेरा गुरु का जान है❤❤❤❤
Acharyaji ko Sadar Pranam, Aur Teacher ko bahut shukriyada, aur Podcaster ko bahut bahut Dhanyavad, ki mera Vyart nahin huva na hoga aur aasha hai ki mera dukh mitegaa. Dhanyavaad.
@@queroxuwu mathematics kya hai wo bhi to shabd praman hai aur ye sab rishio ko uss time pata tha jab admi stone age me rehta tha isiliye unlog ne ise poetic way me encrypted Kiya hai with with presice meters(Chand)
Thirty-three k0ti yani ki Thirty-three prakaar ke. _इन 33 में से आठ वसु है।_ वसु अर्थात हमें वसाने वाले आत्मा का जहां वास होता है। ये आठ वसु हैं: धरती, जल, अग्नि, वायु, आकाश, चंद्रमा, सूर्य और नक्षत्र। ये आठ वसु प्रजा को वसाने वाले अर्थात धारण या पालने वाले हैं। _इसी तरह 11 रुद्र आते हैं।_ दरअसल यह रुद्र शरीर के अव्यय है। जब यह अव्यय एक-एक करके शरीर से निकल जाते हैं तो यह रोदन कराने वाले होते हैं। अर्थात जब मनुष्य मर जाता है तो उसके भीतर के यह सभी 11 रुद्र निकल जाते हैं जिनके निकलने के बाद उसे मृत मान लिया जाता है। तब उसके सगे-संबंधी उसके समक्ष रोते हैं। _12 आदित्य होते हैं।_ आदित्य सूर्य को कहते हैं। भारतीय कैलेंडर सूर्य पर ही आधारित है। समय के 12 माह को 12 आदित्य कहते हैं। इन्हें आदित्य इसलिए कहते हैं क्योंकि यह हमारी आयु को हरते हैं। जैसे-जैसे समय बढ़ता जाता है हमारी आयु घटती जाती है। ये बारह आदिय 12 माह के नाम हैं। सूर्य की 12 रश्मियों को भी इन्हीं की श्रेणी में रखा गया है। 8 वसु, 11 रुद्र और 12 आदित्य को मिलाकर कुल हुए 31 अव्यय। _32वां है इंद्र।_ इंद्र का अर्थ बिजली या ऊर्जा। _33वां है यज्ज।_ यज्ज अर्थात प्रजापति, जिससे वायु, दृष्टि, जल और शिल्प शास्त्र हमारा उन्नत होता है, औषधियां पैदा होती है। ये Thirty-three कोटी अर्थात 33 प्रकार के अव्यव हैं जिन्हें देव कहा गया। देव का अर्थ होता है दिव्य गुणों से युक्त। हमें ईश्वर ने जिस रूप में यह 33 पदार्थ दिए हैं उसी रूप में उन्हें शुद्ध, निर्मल और पवित्र बनाए रखना चाहिए।
Puja ji can you name the source of the above messages ya recommend books, vlogs or papers on them to understand them systematically because comments main thoda samajh ne main upar niche ho jayega. Great comments, points and information. Thanks 🙏
@@mohitmenon7401 वेदों के शब्द "कोटि" को गलती से "करोड़" समझ लिया गया था लोगों द्वारा 🙏 अतः विद्वानों ने सुधार किया इसके अर्थ का और फिर प्रस्तुत किया जन सामान्य के लिए। It is simply an inference. It was deduced by rationality and logic. There is no reference to this.❤
@@pujapatil8199 I am not at all doubting you by any means or asking for evidence here but your comments are on point and well researched but to access them in a methodically manner or order will be really appreciated. That's why I asked ki jahan se aapne sikha kya aap us ya un ka material source link kar sakte hai, just name not physically. I think yahi rishab bhi wohi pooch rahe the. So that us curious minds can access or tap into that knowledge as well 😊🙏
hyper क्वेस्ट भाई संदीप भाई ( om aryavart ) को बुलाइए , उनके पास जो तर्क का खजाना है , जो की आज के एक नास्तिक या फिर निरुद्देश्य युवा को आसानी से शमझा जा सकता है , उनका पॉडकास्ट ब्लाक्बस्टर साबित होगा जो भी सुनेगा 🙏🙏🙏 तर्क का खजाना है , संदीप भाई
अकामो धीरो अमृतः स्वयम्भू रसेन तृप्तो न कुतश्चनोनः। तमेव विद्वान् न बिभाय मृत्योरात्मानं धीरमजरं युवानम्।। ईश्वर पूर्णकाम, धीर, अमृत, स्वयं आधार, आनंद रस से तृप्त अर्थात् परिपूर्ण है. ऐसे धीर अजर सदा युवा (सामर्थ्यशाली) परमात्मा को जाननेवाला व प्राप्त करनेवाला व्यक्ति मृत्यु से नहीं डरता. वह प्रभु सारी कामनाओं से रहित है, उसे अपने लिए किसी भी वस्तु को प्राप्त नहीं करना है. वह धीर है - संसार के किसी भी परिवर्तन से उसमें किसी प्रकार का विकार नहीं उत्पन्न होता. वह एक रस रहता है, अपनी समावस्था को नहीं खोता. वह मृत्यु से रहित है, वह अपनी सत्ता का हेतू स्वयं ही है. उस धीर अजर युवा परमेश्वर को जानने वाला ही मृत्यु से नहीं डरता.
*_Understanding Vedas and Puranas:_* Ved is Nirgun. Puranas are Sagun. Ved is Siddhant. Puranas are Drishtaant. Ved is Niraakar. Puranas are Saakar. Ved - सूक्ष्म Puranas are स्थूल That's why Ved - has No stories. Puranas - has Stories for us to understand the deeper meaning . Brahma is Personification of the Creator. Karma is Personified through Parts of Brahma so that the common people can comprehend and understand easily 😊🙏
@@harshpatil4593 हिंदवी स्वराज्य संस्थापक क्षत्रियकुलावतंस गोब्राह्मणप्रतीपालक महाराजाधिराज सुवर्णरत्नश्रीपती प्रजापती भूपती गडपती गजअश्वपती श्रीमंतयोगी न्यायालंकारमंडित राजनितिधुरंधर प्रौढप्रतापपुरंदर अष्टवधानजागृत अष्टप्रधानवेष्टित शस्त्रास्त्रशास्त्रपारंगत सिंहासनाधिश्वर भगवान श्री श्री छत्रपति शिवाजी महाराज की जय 🙏
A Bangladeshi Hindu boy named Utsav Mandal protested when Muslims insulted Hinduism. He was brutally killed for protesting. And Bangladesh Police helped Muslims in this. 💯😡😡
Bharatiya Philosophy is like an ocean while Greek Philosophy is like a pond which was created from the water of this ocean. All their thoughts, ideas and scientific inventions were either inspired or copied from us. Even their mythology is copied from our Puaranas,(same goes for nearby region like Armenia, Austria).. You can find similar mythological stories in Bible because it was copied from Armenia and Armenia culture is extremely influenced by Santan Dharm. Bible was actually written in Aramaic, Some shilalekha of Ashoka in western Bharat were written in Greek & Aramaic, so yeah we had long trade relationship & they also came here copied many scripts took them back like Chinese did, we of course never mind because it was important for the development of mankind.
Even hindu puranic mythology too adopted many local tribal, tantric cults gods too and accumulated it under the broader umbrella for which they made it as avatars of shiva, vishnu and others
This is just a bruised ego talking from being colonialized for 200 years. The practical reality of the Indian state is that all of its institution are based on the British state. A more mature perspective doesn't care about the origin of ideas but finds the good ones and implements them
@@Harsh_2006e no he is not. Nobody owns an idea. There was an exchange of ideas along the silk route. It is not stealing. If anything, indian was more dogmatic since they could have also incorporated the ideas from the west but did it less. There are socio-cultural factors for this. the analysis of us good west bad is dumb and counterproductive
from 39:20 to 49:30 damn bro literally goosebumps during this section (still watching) , and I can say for sure that in this episode mvp is hyper quest wale bhaiya♥ At last the ghazal by zaheen bhai was amazing but then the shlok was something else man!
स्वतंत्रता के महासंग्राम में आर्य समाज ने स्वयं को पूरा झोक दिया था थोड़े ही आर्य शेष बचे थे बाकि वीरगति पा गए 🕉️अब फिर से आर्यो का सूर्य उदय हो चुका है
@@mayankindian3750 Are ye batao je kesi baat hui ki mantro se barish hoti, 36000 baar Duniyya banne mitne ki baat.... Ye illogical nahi hai to kya hai 😆
@@Optimistic_Nihilistttbro seriously you don't have proper knowledge even in our family my grandfather has given us saanp ka mantrr aaur puree gaon me kisi ko bhi sanp katta ha koi doctor ke pass nhi jata sab hamree Ghar aate ha Rahi baat barish ke kabhi megh malhar ke baare me search kariyoo pata lag jayega Aur Jo pirthvi ke baat kar rhe ha bhagwat Katha not Geeta usme jab multiverse ka concept aaya tha jab Shri Krishna ne bhrama ka ghamand tudne ke liye baki srishti ke bhrama buliye the too us time bhi lag hasee the ke multiverse kuch nhi hota
बहुत सुंदर चर्चा। ऐसे ही लोगों के साथ पॉडकास्ट कीजिएगा। जानकारी भी बढ़ती और समझ का दायरा भी बढ़ता। आगे से गौतम खट्टर जैसे शून्य साइंटिफिक टेंपर और पूर्वाग्रही लोगों के साथ पॉडकास्ट करने से बचएगा। चेतना का स्तर बहुत ज्यादा गिर जाता है।
Please make a video on the book the beautyfull tree by historian dharmpal ji it's about Indian indigenous education system and how British destroy our education system please
❤😂 विनम्र निवेदन है कि काम से कम ऐसे प्रयास करें कि हिंदी शुद्ध हिंदी में सही तो हिंदी में बात करें जो शुद्ध हिंदी में बात कर सके बार बार वह मसला मसला बोल रहे हों (कहावत, लोकोक्ति, समस्या) बोलें. 😅😢 अभूतपूर्व चैनल और डिबेट आपके चैनल पर होती है जिसके लिए साधुवाद आपको बहुत बहुत धन्यवाद...
🚩 शिक्षक दिवस और गणेश चतुर्थी के अवसर पर ज्ञानोत्सव मनाएं।
✨ संस्कृत सीखें एवं दर्शनों और उपनिषदों से जुड़े Shikshanam पर !
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Download Shikshanam App: bit.ly/3LehPc5
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Mujhe ek swal Krna tha ki ramayan me baalkand me jo ashtm sarg me usme ashvmegh yagh me ashv ki bali btai gayi hai mai smjh nhi pa rha hu kya kha gaya hai vha par chrbi ko havn me dala uski gandh dashrath ne sunghi mai smjha nhi abhi tk
केवल पृथ्वी पर ही जीवन हे अन्य किसी गृह पर क्यो नही?( नवगृह वाले एक सोर मंडल मे )
इसका अध्यात्मिक उत्तर दै ।। अन्यथा मुझसे लै🕉🙏
इस रहस्य मे ही बृह्मज्ञान छुपा है...ईश्वर को जानने के लिए यह अंतिम पायदान है मनुष्य के लिए,,,,, यानी मोक्ष प्राप्ती के करीब,,,🕉🙏
ये पॉडकास्ट मेरे लिए बहुत रुचिकर रहा,,नया सिखने को मिला❤😊
बाबा रामपाल की पुस्तक ज्ञान गंगा जो समाज में बहुत भ्रम फैला रहे है उस पर वीडियो बनाओ भाई
Wonderful podcast ❤
आप दोनों के साथ संवाद करना मुझे बहुत अच्छा लगा अपने मंच पर आमंत्रित करने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद।
आशा है यह संवाद सभी श्रोताओं के लिए सार्थक होगा ।🙏
Bhut acha anubhav tha. Shukriya
धन्यवाद, बहुत सारी चीजें explain करने के लिए।
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Narayan🙏🏼
जय arya
Love u bhaiji .....from a hindu from karachi , pakistan 😇😇🇵🇰🇵🇰🇵🇰🕉🕉🕉
Sanatan dharm ki jai
W
Aram se rehna Bhai
pkmkb
India ke philosopher ko philosopher nahi baba kehe na chahiye wo isliye greek philosopher jese kehe te the rajshahi se har insaan ko uska haq nahi mil sakta hai isliye wo republic aur democracy ki baat kar te the lekin india ke philosopher rajshahi ka chaap lusi kar te the jab ki aaj ke mukab le os waqt india ke logo haalt kharab tha aur bohut ghareeb the
aur yaha tak greek ke philosopher jese Socrates, Plato, zeno, epicurus ye sab greek ke devta aur planet jise greek ke awam aur in sab philosopher ke baap dada aur inke khandan bhi ose puj te the lekin ye sab greek philosopher is cheez ko kahani aur andhvishwas kehe te aur ek baghwan ko mano aur science ke hisab se dunya me chalo ye sikha te the lekin yaha india ke philosopher hindu devta kahani ko jhoot aur ghalat na kehe kar ose puj ne ke liye logo ko kehe te the 🤦🤦🤦
aaj angrez ke wajah se nahi walki India ke log aur philosopher ke soch ke wajah hi aaj india ke philosopher ko koi nahi jaan ta lekin greek philosopher ke kaam soch ke tarike se hi har sarkar apne mumalik ko chala rahe jese democracy ye sab soch ke wajah se duniya greek philosopher ko jaan ti hai aur inke kaam aur kurbani ko yaad bhi kar ti hai 🇬🇷🇬🇷🇬🇷
❤❤ bhai very good ❤❤ love you too
This is the most intellectually dense indian podcast I have ever seen . Mind blowing session
Hindu scriptures are replete with metaphors, containing deeper philosophical truths, couched in symbolism, not obvious immediately to ordinary individuals.🙏
Some of them, especially the Vedas, the Upanishads, are written in a coded or symbolic language. 🙏
Like all manifest creation, they also have some manifest content which is visible to all and some hidden content that would not be so obvious to us unless we have some intuitive ability. ❤
The hidden part unravels itself to the extent we have withdrawn into ourselves. They come to you as flashes from the depths of consciousness in moments of heightened awareness. 😊🤗
_We have दृष्टिकोण:_
1. कथा दृष्टिकोण
2. दार्शनिक दृष्टिकोण
कथाओं में गहरा अध्यात्म छिपा है
Metaphors ka kaam reality mai kuch nhi
Bakwas scriptures
@@YourManIsMe *Ghar Wapasi ke liye:* 👉 Aap Bageshwar Dham mein ja sakte hai, ya phir Arya Samaj Mandir, Hindu Yuva Vahini, Hindu Mahasabha, Hindu Jagaran Manch, Vishwa Hindu Parishad(VHP), Dharm Jagaran Samiti, ISKCON, Hindu Samhati, RSS, Agniveer, Bajrang Dal, Hindu Makkal Katchi, Hindu Students Council, Hindu Jagaran Vedike, Akhil Bhartiya Gharwapsi, Pandokhar Dham ya phir Prabal Pratap Singh Judev, Swami Jitendranand Saraswati Maharaj, Yashveerji Maharaj, Swami Chidambaranand Saraswati, etc Woh aapko guide karenge aur Hindu Dharm mein kaise pravesh karaye yeh batayenge aur sikhayenge bhi. Wish you all the best bhaiya/behna.. 🙏
@@pujapatil8199 PADHAI KARO BETI
SCHOOL COLLEGE JAO
Apne Hindu scriptures padhi hai? maine padhi hai, isme kisi bhi mandir ya phir dham mai jane ko nhi bola gya hai.
What I find most fascinating is how creatively shlokas are composed. Some shlokas even have the same meaning when read from either side.
@sujalkamble0295 Indian philosophy is older than greek philosophy so you're factually wrong
मज़ा आया भैया, आपसे और आचार्य जी से चर्चा करके। संवाद बहुत ज़रूरी है, जो कि हमारे समय में ख़त्म होता जा रहा है। अलग अलग विचार के लोग जब तक बात नहीं करेंगे, चीज़ें स्पष्ट नहीं होंगी, लोगों के लिए भी और उन विचारों के साथ चलने वालों के लिए भी। मैंने काफ़ी कुछ सीखा आपसे और आचार्य जी से इस चर्चा के दौरान, और उम्मीद करता हूँ आपके दर्शकों को भी कुछ सीखने को मिला होगा। ऐसे ही अलग-अलग विचार के लोगों को आगे भी बुलाते रहिएगा।
बस मेरा बैठने का तरीका थोड़ा cazual है। उसके लिए माफ़ी। ख़ूब प्रेम आपको और आपकी पूरी टीम को। ❤❤
Namaste bhaiya
Vaarta achhi thi
Ho sake to aage bhi aisi vaartaon mein bhag le
@@ashishaman2807भैया आदेश करेंगे तो हम हाज़िर हो जाएंगे भाई।
🔥🔥🔥🙏🏻🙏🏻🙏🏻Kaka bahreele ko mera shat shat naman,evam charan sparsh
❤
*Vedangas:* वेदों के ६ अंग(limbs) है। Vedangas are the subjects required for one to study Vedas systematically and comprehend them.
१. शिक्षा (Phonology, Phonetics) - इसमें शब्दों का सही और शुद्ध उच्चारण होता है । कौनसा स्वर कहाँ से बोलना है, कैसे बोलना है यह ज्ञात नहीं होता तब तक वेद मंत्र का शुद्ध उच्चारण नहीं कर सकते। शुद्ध उच्चारण से व्यक्ति के विद्वता का पता चलता है। मंत्रो का प्रभाव होता है अगर मंत्र को उसी रूप में बोला जाए जिस रूप में उसे कहा गया है।
२. निरुक्त (Word Origin, Etymology) - शब्द की उत्पत्ति कहाँ से हुई है। जब तक आप निरुक्त को नहीं जानते तब तक आप वेद के शब्द का अर्थ नहीं निकाल सकते।
३. व्याकरण (Grammar) - पाणिनी ने संस्कृत भाषा के व्याकरण को शुद्ध बनाया। पाणिनी से पहले बहुत सारी व्याकरण चलती थी, इसलिए लोग एक-दूसरे की भाषा नहीं समझ पाते थे। तो पाणिनी ने शुद्ध व्याकरण लिखी और लिखकर लोगों के पास ले गए। किन्तु लोगों ने अहंकार के कारण पाणिनी के व्याकरण को स्वीकार नहीं किया। फिर पाणिनी ने भगवान शंकर को व्याकरण सुनाई। भगवान शंकर बहुत प्रसन्न हुए और कहाँ कि इतनी शुद्ध और सुन्दर व्याकरण है और यह अहंकारी लोग स्वीकार नहीं कर रहे हैं इसलिए वेदों के अर्थ गलत निकाल रहे हैं । कोई कुछ अर्थ निकालता है तो कोई कुछ। आज से यही प्रचलित होगी। भगवान शंकर ने हिमालय पर डमरू बजा के कहाँ कि केवल पाणिनी की व्याकरण सुनी जायेगी। Max Mueller said that Panini's Grammar is perfect and better than Greek or Latin Grammar.
४. छंद(Metrics, Poetic metre) - Number of syllables per verse. Chhanda means "pleasing, alluring, lovely, delightful or charming", and is based on the root chad which means "esteemed to please, to seem good, feel pleasant and/or something that nourishes, gratifies or is celebrated". The term also refers to "any metrical part of the Vedas or other composition".
५. कल्प (Ritual Instructions) - This field focused on standardizing procedures for Vedic rituals, rites of passage rituals associated with major life events such as birth, wedding and death in family, as well as discussing the personal conduct and proper duties of an individual in different stages of his life.
६. ज्योतिष (Astrology) - Right time for rituals with the help of position of nakshatras and asterisms and astronomy. This auxiliary Vedic discipline focused on time keeping.
Panini was opps he removed ळ from the script 😔😔😔
@@SnapThority ॐ अग्निमीळे पुरोहितं यज्ञस्य देवमृत्विजम् । होतारं रत्नधातमम् ॥ 😊🙏 Agni (Rig Veda - Mandala 1 - Sukta 1 - Mantra 1)
The alphabet ळ exists in Vedic Sanskrit. However, Panini didn't include it. You are right. But ळ exists in मराठी and few other languages 🙏
@@pujapatil8199 ik I am right 🥸 panini big opps ळ is a beautiful letter
@@pujapatil8199 Pooja didi kaisi ho ap?😊 muje puchna tha ki kya Durga Mata ji, Shiv ji, kanha ji , ko Inshano ke Banaye हिन्दू धरम ke bare me Pta tha ?😁
Science journey यूट्यूब चैनल देखो सारी असलियत तथ्यों और सबूतों के साथ दिखाई जायेगी।। और आपको किसी बात पर आपत्ति हो तो डिबेट का मौका भी दिया जाता हैं।।
अचार्य प्रशांत जी के विचार काफी प्रभावी लगे मुझे 🙏
आज गुरुकुल के ऐसे आचार्यों को सुन के एक बार पुनः अपने देश के संस्कृति पे गर्व हो रहा मुझे 🔥
जहीन जी भी काफी अच्छे वक्ता है उन्होंने इतने कम उम्र इतनी अच्छी ज्ञान और सम्मान को पाया ये भी बहुत कम लोग कर पाते है 🙏 भारतीय दर्शन और ग्रीक दर्शन दोनो एक महान संस्कृति की स्थापना करते है, परंतु भारतीय वैदिक दर्शन धरातल और जीवन मे अधिक सत्यता रखता है 🕉️🙏
Hyper Quest जी का शुक्रिया ऐसे ज्ञान वर्धक पॉडकास्ट लाने के लिए 🙏
तथाकथित आचार्य प्रशांत, भेड़ के खाल में छुपा भेड़िया है, उसकी विचारों से प्रभावित हो रहे हो तो महादेव ही बचाएं तुम्हें।🙏
Acharya योगेश जी के बाद सबसे ज्यादा सबसे अच्छा व ज्ञान वर्धक podcast आचार्य प्रशांत जी का ये वाला... बहुत बहुत धन्यवाद hyperquest .. Ek आग्रह और है आचार्य अग्निवृत् जी को भी बलांयें सभी मॉडर्न फिजिक्स वालों के पसीने छूट जायेंगे!! ओम्
❤सही कहा
सही कहा❤
Thanks!
आचार्य जी किनअत्यंत सराहनीय समझाइश
आचार्य प्रशांत शर्मा को शत शत नमन। उन्ही की विडियो मै प्रतिदिन सुनता हूं। इससे पूर्व मैने ओशो, सदगुरु, आचार्य प्रशांत, श्री श्री रविशंकर आदि को सुन चुका हूं लेकिन पूर्ण रूप से समाधान नहीं मिला लेकिन आचार्य प्रशांत शर्मा जी के दार्शनिक विचार और दृष्टि दर्शन यू ट्यूब पर पूर्ण समाधान हुआ है। आचार्य जी को पुनः सादर अभिवादन।
Kya ukhaad liye samjh k abhi?
Acharya ji ke liye high regards . He knows well what he is talking about and that too with no ahankaar of that knowledge
आचार्य प्रशांत जी को बुलाने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद hyperquest
Bhai Acharya Prashant kaha aaye hai?
@@deependrakumar2388 आचार्य प्रशांत शर्मा जी है भाई वो फर्जी वाले है जिसके बारे मे तुम सोच रहे हो, ये आर्य समाज वाले वैदिक संस्कृति को मानने वाले हैं
@@dipanshukewat950 kis adhar pe tu unhe farji bol raha hai? Aur Acharya Prashant Sharma ka qualification kya hai ?
@@deependrakumar2388 tu उस नसेड़ी का फैन क्यूँ बन गया पहले ये बता
@@dipanshukewat950 abe murakh insaan ahankaari balak maine kab kaha mai uska fan hu? Tu apne se sab bolta ja raha hai andhviswashi kahika. Tere baat karne ke tarike se lgta nahi hai ki tu pdhta likhta hoga.
आप का यह प्रयास बहुत ही प्रशंसनीय है
भारतीय दर्शन पर विद्वान बहुत मिलते है लेकिन पश्चिम कै दर्शन पर चर्चा करने वाले विद्वान नहीं मिलते और इतने उच्चकोटि के विद्वान जो पश्चिमी और भारतीय दोनों दर्शन के ज्ञाता हो बहुत ही दुर्लभ ही हैं जिन्हें आप ने हमारे समक्ष प्रस्तुत किया है
आप जैसे लोग भारतीय दर्शन को दो कौडी का भी नही मानते इसलिए आप के शब्द सबोधन इस तरह से है कि भारतीय दार्शनिक बहुत मिलते है किन्तु जब कोई पाश्चात्य शिक्षा व कल्चर के वकीलों को सुनने का आपको अवसर मिल जाता है तो आप की आत्मा गद् गद् हो जाती है 😂😂
0:32 आत्मा और मोक्ष।इन्ही 2 शब्दो पर सारा दर्शन शास्त्र खड़ा है। ये दोनो ही शब्द कल्पना पर आधारित है। आत्मा तो अजर अमर है। तो फिर जन्म किसका होता है?मृत्यु किसकी होती होती है?मोक्ष किसका होगा?बंधन में कोन है? ये कोई नहीं जानता। दुनिया जहां के मत मतांतर बन गए।सब अपने को सही साबित करने में लगे रहते है।जानता कोई कुछ नही। सब मान्यताएं है।मृत्यु के पश्चात कुछ नहीं बचता।ज्ञान के नाम पर झूठी दिलासा देते रहो हो मन को। सारा खेल मन का है।मन ही बंधन और मोक्ष का कारण हैं। ये तो उपनिषद में ही लिखा है।😊
भाई जन्म किसका होगा मृत्यु किसकी होगी, मोक्ष किसे मिलेगा, उपनिषद की बात आप कर रहे हैं तो उसमें पढ़ा ही होगा!
पहले सही से जाने कि जन्म किसे कहते हैं और मृत्यु किसे! जो पल्ले न पड़े उसे ये कह के निकल लेना कि ये कल्पना मात्र है ये तो बौद्धिक स्तर का निम्न होना दर्शाता है!
@@GyanVaanBharat क्या आप आत्मा को जानते हो? या मानते हो? पहले खुद तय करना। फिर बात करना। शास्त्र आपने सारे याद कर रखे है। ये मैं जान गया हूं।
@@HKS-m7w मै जिसको जैसा जानता हूँ वैसा ही मानता भी हूँ! और जो कुछ नहीं जानता उसे जानने का प्रयास करता हूँ! यह बोल कर निकलने का प्रयास नहीं करता कि जो मै नहीं जानता तो वो सब का सब काल्पनिक है 🙏🏻
@@GyanVaanBharat जब तक हम किसी चीज को नहीं जानते ।तब तक वो कल्पना ही होती है।अभी तक तो medical science पूरी तरह से शरीर को भी नहीं जान पाई। आत्मा को तो जान ही नहीं सकते।जानने का भ्रम हो सकता है।किसी को तो स्वयं के भगवान होने का भी भ्रम हो जाता है। इसी का नाम अंधविश्वास है।
तुम मेडिकल साइंस को किस खेत की मुली मानते हों ऋषियों-मुनियों के सामने।।🚩🚩@@HKS-m7w
अच्छा लगा, आचार्य अग्निव्रत जी भी आयें तो अच्छा रहेगा। वो ज्ञान विज्ञान की महान विभूति हैं। वो आचार्य हैं संन्यासी हैं।
Approximate Structure of Hindu Scriptures:
*1. Shruti(which is heard):*
_- 4 Vedas, UpaVedas, Vedangas_
*2. Smriti(which is remembered)*
_- Manusmriti, Yajnavalkya, Parasara and 15 others_
*3. Puranas*
_- 18 Mahapuranas, 18 UpaPuran, Additional 180 UpaPuranas_
*4. Itihaas*
_- Ramayan, MahaBharat, Bhagvad Gita(Part of MahaBharat)_
*5. Darshan*
_- Nyaya, Vaisheshika, Sankhya, Yoga, Purva Mimansa, Uttar Mimansa_
*6. Agama*
_- Vaishnav -215, Shaiva -28, Saktha-77_
How you have soo wide knowledge???😮
@@shikharsaxena2714 Thanks. I have to gain much more knowledge though. The current level of my knowledge is minuscule 😊 Sanatan Dharma is a library🙏😜
@@pujapatil8199 🙏🙏🙏
@@shikharsaxena2714 हर हर महादेव शिव शंकर शंभूनाथ त्रिपुरारी 🙏
Stop spamming 😠
*How should Hindus walk the path:*
_Rig Ved - Gyan Marg_
_Yajur Ved - Karm Marg_
_Saam Ved - Bhakti Marg_
If you choose only Gyan Marg, then you will become *Ahankari* 😊
If you choose only Karm Marg, then you will become *Mechanical(Robot-like)* 😊
If you choose only Bhakti Marg, then you will become *Andh-Vishwasi* 😊
That's why all three Marg are important 🙏❤
Pooja Patil.. so crisp info.. can I invite you in my podcast?
@@rinkiradigo Thank you Dear Rinki ji for your kind and encouraging words😊🙏 I've learnt many things from this channel itself 🤗 Having said that, I'm not the person in my dp - for anonymity and safety 🙏 It is an AI-altered image. Thanks again and wish you the very best❤
@@pujapatil8199 I haven’t looked at your dp.. I only saw the text you have written
bogus that Bhakti Marg is andh vishwasi
bhakti is a pratical process which mainly focuses on mantra meditation which authorized by Great saint like madhvacharya ,ramnujacharya
@@rinkiradigo what ???
so crisp info
BG[10.9]
The thoughts of My pure devotees dwell in Me, their lives are fully devoted to My service, and they derive great satisfaction and bliss from always enlightening one another and conversing about Me.
ओशो ने कहा था भारत ने दर्शन के क्षेत्र में जिन ऊंचाइयों को छुआ है,पश्चिम ने अभी उसके सपने भी नहीं देखे होंगे ।
Lekin ab wo kahi kho chuke hain..ab sab andhbiswas me fase hain..
😂
Vo kuchh bhi kh deta...
Dekh lo kabhi ye bhi bol diya hoga ki पश्चिम ही best hai 😂😂
Abay ..Bhai ...western philosophy koi Todd hi nhin h ..simple
@@neharao4880 kya bol raha ho bhai
Finally, a talk contrasting Indian and Greek Philosophy. I would love to do a podcast or video essay on that myself. First of all, lets begin by acknowledging a fact which has been touched on by many comparative scholar of philosophy, linguistics and history. India and Greek philosophy are not polar opposite traditions of Philosophy, they belong to a sister culture of Aryans that developed in close contact with India pre alexander. This is why early presocratic Greek philosophy, including Pythagoras have striking similarities with the the Darsanas and have similar doctrines like rebirth and liberation. However, post-socratic philosophy after the invasion of Alexander, the Greeks met Indians as strangers and with am amnesia of their previous contacts. Still, though Indian philosophy continued to have a lot of influence on Greek Philosophy, such as on the thought of Plotinus. However, by the post-socratic phase some clear differences in philosophical perspectives had emerged - the Greeks became materialistic, with a this worldly emphasis and separated from religion, which was different from the Indian perspective which was spiritual, metaphysical and religious.
So to answer the question why hasn't there been any progress in Darsana philosophy, it is because Darsana is about religious philosophy and has a religious purpose - moksha. Even Nyaya and Vaiseshika which are realists, rationalists and empiricists only consider the study of the categories or paradaraths as only necessary insofar as we gain knowledge of the discriminative knowledge of the soul as distinct from the body. Thus much of the preoccupation of Nyaya and Vaiseshika is in proving the existence of a soul separate from the body. Later, the emphasis moves to proving God through natural theology. However, that said, Nyaya-Vaiseshika also had application in applied material sciences like Ayurveda and Vaastu and later.
Another reason why there is no progress in Darsana philosophy, is because it deals with ultimate realities, and you cannot progress beyond an ultimate reality. For example Vaiseshika postulates the ultimate reality is atoms, which are point like dimensionless and there are 4 distinct types and whose combinations make up all material substances in space and time. Isn't that pretty much what modern physics also says? So basically we haven't actually really progressed in the philosophy of atomism as we are simply just validating what the Darsaniks told us. However, what we have progressed in is the material and technological application of atoms, the ideas are still the same. Ditto with Samkhya with an observer/knower(purusha) and observed/known and the instruments of knowing re senses etc, similar philosophies are being spoken about in modern quantum physics, validating again what the Darsaniks told us that Prakriti is observer dependent - she puts non show on if there is no spectator - i.e., no creation, no space-time and atoms.
The Indian tradition doesn't make progress as such, but because it is santatana , in every age interpreters come to explain it again in the language and terminology of the time to make it relevant again. Like Swami Vivekananda introduced Neo-Vedanta to bring it up to date with modern physics or Sri Aurobinido introduced Integral Yoga to bring up to date with modern psychology. Have no doubts about it, even in the 25th century interpreters will rise to again teach it. I myself consider myself a Samkhya-Vadin and I want to pursue research to bring Samkhya up to date with 21st century philosophy -- for it has applications in many areas of science quantum physics, neuroscience, cognitive science, evolutionary biology, AI etc. There are so problems contemporary philosophy is grappling with which Samkhya can offer illumination on.
1:37:00
Te brahma lokesu parant kale para mrita para muchyanti sarve - Munduko upnishad(3.2.6)
It says of coming back from moksh after 36000 bramha years..
i think this is one of the best discussion on philosophy i have heard on YT ...good work HyperQuest
My iq increased by +50
But really
मोक्ष का सही अर्थ और some philosophical theories… wala part best tha dimaag khula thoda aur
Hare Krishna🙏🏼♥️
_The 18 MahaPuranas are classified into three types according to Gunas: Saatvik, Raajsik and Taamsik._
*Saatvik Puranas glorify Vishnu*
1. Vishnu Puran - 18,000 Shlok
2. Narad Puran - 25,000 Shlok
3. Bhagavat Puran - 18,000 Shlok
4. Garud Puran - 19,000 Shlok
5. Padma Puran - 55,000 Shlok
6. Varaha Puran - 24,000 Shlok
*Raajsik Puranas glorify Brahma*
1. Brahma Puran - 10,000 Shlok
2. Brahmanda Puran - 12,000 Shlok
3. Brahmavaivarta Puran - 17,000 Shlok
4. Markandeya Puran - 9,000 Shlok
5. Bhavishya Puran - 14,500 Shlok
6. Vaman Puran - 10,000 Shlok
*Taamsik Puranas glorify Shiva*
1. Matsya Puran - 14,000 Shlok
2. Kurma Puran - 17,000 Shlok
3. Linga Puran - 11,000 Shlok
4. Vayu Puran - 24,000 Shlok
5. Skanda Puran - 81,100 Shlok
6. Agni Puran - 15,400 Shlok
Bas kar de behen adhe comment to tune hi kar diye 😓
@@caties884 Sis, fret not 🤗Read all my comments 5 times 😊
Bs kar behen
Kitna spam karegi 😅
Appreciate
Where is shiv mahapuran?
_Religion _*_≠_*_ Dharma_
_Caste _*_≠_*_ Varna_
_Secular _*_≠_*_ DharmaNirpeksh_
_God _*_≠_*_ Parmatama_
_god/goddess _*_≠_*_ Devi-Devta_
_idol _*_≠_*_ Vigraha_
_Worship _*_≠_*_ Puja_
_Philosophy _*_≠_*_ Darshan_
Behen kitne comment likhegi 😂😂
गीनिज बुक वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने का इरादा लगता है भाई@@SnapThority
@@SnapThority The question should be: Are they reading my comments or not? ☹ Are they simply Liking my comments without reading?😞 I want everyone to read them😊
@@pujapatil8199start ur channel don't lecture of u have potential ... Are u veg or non veg answer me.
@pujapatil8199 but still there used to be sati pratha and caste system in only hinduism that's why many lower caste people changed there religion too
glad to see that both are respecting each even they have contradicting views...
1:39 जब तुम ब्रह्म ही हो इसका बोध हो जायेगा या साक्षात्तकार हो जायेगा तो कैसा आना और कैसा जाना इस का संशय ही समाप्त हो जायेगा फिर जहां भी होगे जैसे भी होगे ब्रह्म ही होगे यह निवेदक वचन आचार्य जी के लिए है । धन्यवाद
Apko kisne keh diya ki hum bramh hei ???
Atma bramh hei yahi sabse bada bhram hei bhai...
@@omm6219 kisne keh diya! Iye kehne wali baat nhi hai or iye baat aapke liye nhi hai isliye aap pressan n ho
❤
Discovered your channel recently. Very impressive discussions.
Keep it up.
Acharya ji ko aur unke gyan ko pranam. Bahut kuch sikhane ko mila. Vivek Chudha Mani ko padunga. 👍
2:03:24 Host Vishal after listening to Urdu shayari:
"Acharya ji kuch aisa sunaiye ki vatavaran shuddh ho jaye" 😂😂😂
Savage!
Acharya ji apki bate sun kuch lagta hai . Batoo me
Clear konlage mil raha hai. Bahut pyara bahut Shanti mili.
Thanks for this pond
Dono ho adbhut personalities hai!🙏👍🙌
*Sanatan Dharma is science itself. Avatars are a way to convey the evolution.* Here is the proof according to evolution:
*1. Chordates* - Living in water - Matsya Avatar
*2. Tetrapodes* - Living both in water and on land - Kurma Avatar
*3. Mammals* - Living on land - Varaha Avatar
*4. Partially Bipedalled Primates* - Half Human and Half Animal - Narasimha Avatar
*5. Hominidae Dwarf* - Physically less developed - Vaman Avatar
*6. Homo Erectus* - Living in Jungle - Parshuram Avatar
*7. Homo Sapiens* - Complete Man - King Ram Avatar
*8. Homo Sapiens Sapiens - Modern Man - King Krishna Avatar
9
10. Kalki - Yet to materialize 😊
There is no archeological evidence 😂😂😂😂
@@sosarajni2946 archaeological evidence of what
But theory of evolution is wrong
@@sosarajni2946 There are many types of evidences.
@@BirajBhattacharjee-f2c That's why the word THEORY is used. It's not a scientific law. However, evolution by natural selection seems plausible.
Ssupport Sanatan Samikshaa #SanatanSamiksha 😊
हम तो चाहते है कि एक बार आप को आवश्य बुलाए
आचार्य जी को बुलाने के लिए धन्यवाद
*Decoding and Understanding the true Sanatan Dharma:* 😊
There are no gods in Sanatan Dharma/Hinduism; either formless or in some form. There are only devi-devtas. Devi or Devta is defined as a person with divya(divine) qualities. Even you can be a devta. In fact, you are a Devi/Devta.
There is no chamatkaar in Hinduism. Avatar is a concept and is a symbolic way of Sanatan Dharma to explain evolution 🙏 Vishnu is Personification of so-called God. Let's keep our Sanatan Dharma in it's Purest Form 🤗 Let's not bring chamatkaar in it and dilute the truth.
In Sanatan Dharma, we use Symbolism, Iconography or we personify natural things and attributes/qualities. Brahma is Personification of Creator. Vishnu is Personification of Operator. Mahesh is Personification of Destructor. Brahma Vishnu Mahesh doesn't exist physically. They are energies PERSONIFIED.
Attributes like Knowledge, Wealth and Wisdom are PERSONIFIED too: Saraswati ji is Personification of Knowledge. Lakshmi ji is Personification of Wealth. Ganesh ji is Personification of Wisdom.
Sanatan Dharma explains scientific facts, concepts or knowledge in a simple way and easy to remember format. For example: Surya Dev has 7 horses means Sun has 7 visible colours of light(VIBGYOR).😊 Chandra Dev has 27 wives means there are 27 Constellations(Nakshatra) near Moon😊 Chandra Dev married 27 Daughters of Prajapati Daksha😊 - Ashvini, Bharani, Krittika,
Rohini, Mrigashiras, Ardra, Punarvasu, Pushya, Ashlesha, Magha, Purvaphalguni, Uttaraphalguni, Hasta, Chitra, Svati, Vishakha, Anuradha, Jyeshtha, Mula, Purvashadha, Uttarashadha, Shravana,
Dhanishta, Shatabhisha, Purvabhadrapada, Uttarabhadrapada, Revati. Avatars are explained similarly so that we can remember and understand easily.
Sanatan Dharma talks in a way where common people can comprehend complex philosophy or a thing🤗 Sanatan Dharma speaks in Symbols for you to connect to a deeper message❤
Puranas are divine dharmik literature which explains the Complex Philosophies of Sanatan Dharma/Humanity in a Simple, elegant and captivating manner😊 We don't take it in a literal(verbatim) sense but in an interpretive sense(अनुभूती) 🙏
Mahadev is Dev of Devas. Bhagwan is simply a title and anyone can be bestowed upon with Bhagwan title😊 Parmatma is the ultimate😊
There is no worship in Hinduism. There is only Love, Celebration, Gratitude and Appreciation. There are 6 layers of Love, Celebration, Gratitude and Appreciation in Sanatan Dharma/Hinduism.
6th layer - Sun, Water, Nature etc😊
5th layer- Animals, Birds 😊
4th layer- Parents, Ancestors, Guru😊
3rd layer- Devi-Devtas😊
2nd layer - Brahma, Vishnu, Mahesh😊
1st layer - Parmatma😊
Whatsapp university:
Vishnu is Personification of so-called God.
we use Symbolism, Iconography or we personify natural things and attributes/qualities. Brahma is Personification of Creator. Vishnu is Personification of Operator. Mahesh is Personification of Destructor. Brahma Vishnu Mahesh doesn't exist physically. They are energies PERSONIFIED.
BG[7.24]
Unintelligent men, who do not know Me perfectly, think that I, the Supreme Personality of Godhead, Kṛṣṇa, was impersonal before and have now assumed this personality. Due to their small knowledge, they do not know My higher nature, which is imperishable and supreme.
@@Suryanshroy-k8p O uncle ji🙏 kaanha was a dudhwala and a king. Nothing else. Bhakti-vilas se baahar aao. Don't read the fantasy called Bhagvatam(Leela)😊
@@Suryanshroy-k8p Sanatan Dharma firmly rejects:
Self-proclaimed God - Krishna 😥😊
Self-proclaimed Son of God - Jesus😊
Self-proclaimed Messenger of God - Popat Mohammad😊
@@pujapatil8199 please stop spamming 😢
@@Motivational-c1u8ebohot free hai bichari copy paste karne ke liye
Thankyou so much for this like of podcasts!!❤😊😊
राहुल आर्य भाई को भी podcast में जरूर बुलाए।
Rahul Arya ji ko
Ji ham bhi chahte hai rahulji ko bolana chshiye
इस समाज का विनाश जरूरी है और बो समय जल्द ही आएगा और बुरा तो इस बात का लग रहा ही की दोसियो के सात ही बेगुनाहों का भी विनाश हो जायेगा....
Bhaiya plz invite vigyaan darshan (mohit bhaiya) 😊. Great conversation tho❤
जरूर बुलाए, बहुत ही धूम मच जाएगी।
I thoroughly loved this discussion. Great work
❤ acharya prashant sharma ji ke charanon men pranam🙏
😊😊😊❤❤प्रकृति पार प्रभु सब उर वासी।
ब्रह्म निरीह विरज अविनाशी।।
प्रकृति नमक स्फेयर बाहर निकलते ही ब्रह्म में विलीन हो जाओगे
फिर ब्रह्म की दृश्य से व्यापकता,उत्पति,स्थिति,ले देख सकोगे
ये मेरा गुरु का जान है❤❤❤❤
Acharyaji ko Sadar Pranam, Aur Teacher ko bahut shukriyada, aur Podcaster ko bahut bahut Dhanyavad, ki mera Vyart nahin huva na hoga aur aasha hai ki mera dukh mitegaa. Dhanyavaad.
काफी ज्ञानवर्द्धक और प्रेरक वार्ता है।
Vaidik science vs modern science
आचार्य अग्निव्रत नैष्टिक जी को बुलाए 🙏
सत्य कहा भाई एक बार आचार्य अग्निव्रत नैष्ठिक जी को बुलाना चाहिए
Asli gyani se sab dur rehte hai @@Raj_Arya_06
Pseudoscience ki baat karta hai bhai..sab veda mein hai toh dikhao saare proofs mathematicallly theory of relativity ki
@@queroxuwu mathematics kya hai wo bhi to shabd praman hai aur ye sab rishio ko uss time pata tha jab admi stone age me rehta tha isiliye unlog ne ise poetic way me encrypted Kiya hai with with presice meters(Chand)
@@user-lp9vz6lu3t okay so prove the theory of relativity or laws of motion or laws of thermodynamics from vedas.
अंत में श्लोक बहुत सुंदर 🎉
आचार्य प्रशांत को बुलाने के लिए धन्यवाद ❤❤❤
Thanks for the , giving this podcast, i was trying to take admission in IIT PATNA , hope we can meet
Very well made podcast! We need more interesting philosophy based podcasts like this ❤
Vaidik vaigyanik Acharya agnivrat naishthik ji ko bulae bhrata ji please...🙏🙏🕉🚩
Apko bahut dhanyawad.🙏
Thirty-three k0ti yani ki Thirty-three prakaar ke.
_इन 33 में से आठ वसु है।_ वसु अर्थात हमें वसाने वाले आत्मा का जहां वास होता है। ये आठ वसु हैं: धरती, जल, अग्नि, वायु, आकाश, चंद्रमा, सूर्य और नक्षत्र। ये आठ वसु प्रजा को वसाने वाले अर्थात धारण या पालने वाले हैं।
_इसी तरह 11 रुद्र आते हैं।_ दरअसल यह रुद्र शरीर के अव्यय है। जब यह अव्यय एक-एक करके शरीर से निकल जाते हैं तो यह रोदन कराने वाले होते हैं। अर्थात जब मनुष्य मर जाता है तो उसके भीतर के यह सभी 11 रुद्र निकल जाते हैं जिनके निकलने के बाद उसे मृत मान लिया जाता है। तब उसके सगे-संबंधी उसके समक्ष रोते हैं।
_12 आदित्य होते हैं।_ आदित्य सूर्य को कहते हैं। भारतीय कैलेंडर सूर्य पर ही आधारित है। समय के 12 माह को 12 आदित्य कहते हैं। इन्हें आदित्य इसलिए कहते हैं क्योंकि यह हमारी आयु को हरते हैं। जैसे-जैसे समय बढ़ता जाता है हमारी आयु घटती जाती है। ये बारह आदिय 12 माह के नाम हैं। सूर्य की 12 रश्मियों को भी इन्हीं की श्रेणी में रखा गया है। 8 वसु, 11 रुद्र और 12 आदित्य को मिलाकर कुल हुए 31 अव्यय।
_32वां है इंद्र।_ इंद्र का अर्थ बिजली या ऊर्जा।
_33वां है यज्ज।_ यज्ज अर्थात प्रजापति, जिससे वायु, दृष्टि, जल और शिल्प शास्त्र हमारा उन्नत होता है, औषधियां पैदा होती है। ये Thirty-three कोटी अर्थात 33 प्रकार के अव्यव हैं जिन्हें देव कहा गया। देव का अर्थ होता है दिव्य गुणों से युक्त। हमें ईश्वर ने जिस रूप में यह 33 पदार्थ दिए हैं उसी रूप में उन्हें शुद्ध, निर्मल और पवित्र बनाए रखना चाहिए।
Puja ji can you name the source of the above messages ya recommend books, vlogs or papers on them to understand them systematically because comments main thoda samajh ne main upar niche ho jayega. Great comments, points and information. Thanks 🙏
@@mohitmenon7401 वेदों के शब्द "कोटि" को गलती से "करोड़" समझ लिया गया था लोगों द्वारा 🙏 अतः विद्वानों ने सुधार किया इसके अर्थ का और फिर प्रस्तुत किया जन सामान्य के लिए। It is simply an inference. It was deduced by rationality and logic. There is no reference to this.❤
आपकी जानकारी सही है । ये जानकारी आप केवल कमेंट्स में साँझा करती है।या कोई अन्य स्थान भी है जहा और जानकारी मील सके ।
@@pujapatil8199 I am not at all doubting you by any means or asking for evidence here but your comments are on point and well researched but to access them in a methodically manner or order will be really appreciated. That's why I asked ki jahan se aapne sikha kya aap us ya un ka material source link kar sakte hai, just name not physically. I think yahi rishab bhi wohi pooch rahe the. So that us curious minds can access or tap into that knowledge as well 😊🙏
@@mohitmenon7401 that is a bot
आचार्य जी के लिए हर बात जांच का विषय है।
Please invite Intellectuals and Credible persons for Podcast.
पूरी वीडियो का पार्ट एक तरफ और मंत्र से प्राप्त शांति एक तरफ❤❤
❤❤ आप एक बार आचार्य अग्निव्रत नैष्ठिक जी को बुलाए ❤❤
सभी आर्य भाई बहनों को सादर प्रणाम
सत्य सनातन वैदिक धर्म की जय 🙏🏻🕉️🚩
💯💯आचार्य प्रशांत जी 💯💯
आदरणीय आप सच में श्रैष्ठ विद्वान हैं में आपका मन से सम्मान करता हूँ प्रणाम 🙏
बहुत बहुत धन्यवाद। ये podcast बनाने के लिय। ❤
आप एक बार आचार्य अग्निव्रत नैष्ठिक जी को बुलाए
परतः प्रमाण स्वतः प्रमाण 30:00
hyper क्वेस्ट भाई संदीप भाई ( om aryavart ) को बुलाइए , उनके पास जो तर्क का खजाना है , जो की आज के एक नास्तिक या फिर निरुद्देश्य युवा को आसानी से शमझा जा सकता है , उनका पॉडकास्ट ब्लाक्बस्टर साबित होगा जो भी सुनेगा 🙏🙏🙏
तर्क का खजाना है , संदीप भाई
Yes
@@Aaryobserver धन्यवाद फॉर your support 🙏💯🚩
@@MOHIT.आर्यवीर ji जरुर अगर संदीप भाई आ गए तो hyper वाले ke भी डॉउट क्लियर कर देंगे
@@Rahuljangid174 सही कहा भाई, हाइपर वाले को भी अंदाजा नहीं है इस बात का 🚩💯💯
Sandeep bhai ke tark aur unki vidhvta gazab ki he bas bada platform mil jaye.. to bhot logo ko fayda hoga aur yuva vaidic sidhdhant ki aur badega
Bhaiyaa i love the was you talk..the polieteness,✅...acharya prashant ko laooo jaldi podcast me✅✅✅
महाशय अगर आप न होते तो धर्म का सूक्ष्म ज्ञान कभी नही होता।
आप जैसे वीरो की वजह से सनातन और सत्य आज भी अस्तित्व में है।
🙏🙏🙏
Am proud of these young thinkers. Keep reflecting 💆♂️💆
Really enjoyed this discussion.... मजा आ गया।।
finally.....😀😀😀😀.....a philosophy discussion....😎😎😎
Maza aa gya bhaisabbbb Kasam se👌👌🙏🙏🔥
Dhanyawad team Hyperquest🙏
अत्युत्तम प्रस्तुति
धन्यवाद
आप ज्ञान मार्ग से अच्छा परिचय करवा रहे हैं।
अकामो धीरो अमृतः स्वयम्भू रसेन तृप्तो न कुतश्चनोनः। तमेव विद्वान् न बिभाय मृत्योरात्मानं धीरमजरं युवानम्।।
ईश्वर पूर्णकाम, धीर, अमृत, स्वयं आधार, आनंद रस से तृप्त अर्थात् परिपूर्ण है.
ऐसे धीर अजर सदा युवा (सामर्थ्यशाली) परमात्मा को जाननेवाला व प्राप्त करनेवाला व्यक्ति मृत्यु से नहीं डरता.
वह प्रभु सारी कामनाओं से रहित है, उसे अपने लिए किसी भी वस्तु को प्राप्त नहीं करना है.
वह धीर है - संसार के किसी भी परिवर्तन से उसमें किसी प्रकार का विकार नहीं उत्पन्न होता.
वह एक रस रहता है, अपनी समावस्था को नहीं खोता.
वह मृत्यु से रहित है, वह अपनी सत्ता का हेतू स्वयं ही है.
उस धीर अजर युवा परमेश्वर को जानने वाला ही मृत्यु से नहीं डरता.
आचार्य अग्निवर्त जी को बुलाइये कृपया।।
Tu kaun sa pakistani h re😂😂😂😂
@@krishhdev9 भाईजान मैं पाकिस्तानी लेकिन मुझे हिन्दू धर्म बहुत अच्छा लगता है और अग्निवर्त जी के और भी कई लोगो के वीडियो मैं बहुत देखता हूँ।।
Tum pakistan se ho kya 🤔@@LifeMeditation-hw4kr
Supper Dupper, discussion, which Only Sanatan allows it all time,
*_Understanding Vedas and Puranas:_*
Ved is Nirgun. Puranas are Sagun.
Ved is Siddhant. Puranas are Drishtaant.
Ved is Niraakar. Puranas are Saakar.
Ved - सूक्ष्म Puranas are स्थूल
That's why
Ved - has No stories. Puranas - has Stories for us to understand the deeper meaning .
Brahma is Personification of the Creator. Karma is Personified through Parts of Brahma so that the common people can comprehend and understand easily 😊🙏
Vedas describe nirgun means Beyond trigun Satva, Rajas, Tamas, and Saakaar/sagun both.
@@harshpatil4593 हिंदवी स्वराज्य संस्थापक क्षत्रियकुलावतंस गोब्राह्मणप्रतीपालक महाराजाधिराज सुवर्णरत्नश्रीपती प्रजापती भूपती गडपती गजअश्वपती श्रीमंतयोगी न्यायालंकारमंडित राजनितिधुरंधर प्रौढप्रतापपुरंदर अष्टवधानजागृत अष्टप्रधानवेष्टित शस्त्रास्त्रशास्त्रपारंगत सिंहासनाधिश्वर भगवान श्री श्री छत्रपति शिवाजी महाराज की जय 🙏
Band karo spam
@@pujapatil8199 जय शिवराय 🙏🚩
@@harshwardhansingh6433 Read all my comments 5 times 🙏
Very Informative Video. Hindu from Bangladesh 🙏🙏
आचार्य प्रशांत शर्मा ❤❤❤
🙏Jai Shri Ram 🚩🙏
A Bangladeshi Hindu boy named Utsav Mandal protested when Muslims insulted Hinduism. He was brutally killed for protesting. And Bangladesh Police helped Muslims in this. 💯😡😡
Ganga Jamuna - Mera Abdul Aisa Nahi Hai.
How many Muslims have been killed in India for protesting?
@@abdurrahmanwahid7794 NO MUSLIM WERE KILLED IN FOR PROTESTING , BUT IF I AM IN POWER THEN WHOLE DEMOGRAPHY CAN BE DEFFERENT.
@@abdurrahmanwahid7794 Let's exchange my citizenship with you, Muslims are very peaceful in a sovereign and secular country like India. 🇮🇳🙏
32 crore isiliye musalte bharat me dugune ho gye h@@abdurrahmanwahid7794
It was great experience for me. One of great video I have ever seen.🙏
Bharatiya Philosophy is like an ocean while Greek Philosophy is like a pond which was created from the water of this ocean.
All their thoughts, ideas and scientific inventions were either inspired or copied from us. Even their mythology is copied from our Puaranas,(same goes for nearby region like Armenia, Austria).. You can find similar mythological stories in Bible because it was copied from Armenia and Armenia culture is extremely influenced by Santan Dharm.
Bible was actually written in Aramaic, Some shilalekha of Ashoka in western Bharat were written in Greek & Aramaic, so yeah we had long trade relationship & they also came here copied many scripts took them back like Chinese did, we of course never mind because it was important for the development of mankind.
Even hindu puranic mythology too adopted many local tribal, tantric cults gods too and accumulated it under the broader umbrella for which they made it as avatars of shiva, vishnu and others
This is just a bruised ego talking from being colonialized for 200 years. The practical reality of the Indian state is that all of its institution are based on the British state. A more mature perspective doesn't care about the origin of ideas but finds the good ones and implements them
@@ReflectiveJourneyno he his right
@@Harsh_2006e no he is not. Nobody owns an idea. There was an exchange of ideas along the silk route. It is not stealing. If anything, indian was more dogmatic since they could have also incorporated the ideas from the west but did it less. There are socio-cultural factors for this. the analysis of us good west bad is dumb and counterproductive
@@ReflectiveJourney when he said that they steal from us. He just said INSPIRED
from 39:20 to 49:30 damn bro literally goosebumps during this section (still watching) , and I can say for sure that in this episode mvp is hyper quest wale bhaiya♥
At last the ghazal by zaheen bhai was amazing but then the shlok was something else man!
The way he sat the Acharya ji on his right and zaheen to his left. East vs west.
Acharya agnivrat ji ko bulayen
Sabse alag tarika jaanne ko milega
Bhai, ye youtube ka mera Best channel hai ❤🎉
स्वतंत्रता के महासंग्राम में आर्य समाज ने स्वयं को पूरा झोक दिया था थोड़े ही आर्य शेष बचे थे बाकि वीरगति पा गए 🕉️अब फिर से आर्यो का सूर्य उदय हो चुका है
100%
Ha सही कहा
Classic debate... ♥️...🙏...
Wow kya amazing podcast hai mujhe bohot interest aaya hai pura sunne n smjhne me
Acharya sharma is extremely accurate
Yes. As he supports your ANDHBHAKTI..
@@Optimistic_Nihilistttcmon fool, rant in your pusi subreddit, this aint the place for you guys to rant.
@@Optimistic_Nihilisttt kuch bhi matlb
@@mayankindian3750 Are ye batao je kesi baat hui ki mantro se barish hoti, 36000 baar Duniyya banne mitne ki baat.... Ye illogical nahi hai to kya hai 😆
@@Optimistic_Nihilistttbro seriously you don't have proper knowledge even in our family my grandfather has given us saanp ka mantrr aaur puree gaon me kisi ko bhi sanp katta ha koi doctor ke pass nhi jata sab hamree Ghar aate ha
Rahi baat barish ke kabhi megh malhar ke baare me search kariyoo pata lag jayega
Aur Jo pirthvi ke baat kar rhe ha bhagwat Katha not Geeta usme jab multiverse ka concept aaya tha jab Shri Krishna ne bhrama ka ghamand tudne ke liye baki srishti ke bhrama buliye the too us time bhi lag hasee the ke multiverse kuch nhi hota
बहुत सुंदर चर्चा। ऐसे ही लोगों के साथ पॉडकास्ट कीजिएगा। जानकारी भी बढ़ती और समझ का दायरा भी बढ़ता। आगे से गौतम खट्टर जैसे शून्य साइंटिफिक टेंपर और पूर्वाग्रही लोगों के साथ पॉडकास्ट करने से बचएगा। चेतना का स्तर बहुत ज्यादा गिर जाता है।
Please make a video on the book the beautyfull tree by historian dharmpal ji it's about Indian indigenous education system and how British destroy our education system please
Bahut hi gyanvardhak poscast acharya prashant ji k sath
Aapse request h nyaydarshan par aacharya prashant ji k sath ek aur podcast layein🙏
A true student will learn all types of philosophy they are open minded
1:29:38 If there is God Ishwar exist he exist in this Present moment.
Not in past and not in future.
कृप्या आचार्य अग्निव्रत नैष्ठिक जी को बुलाइए🙏🏻🙏
Thank you so much...❤
मन मोर की तरह नाच उठा इतने ज्ञान मे गोता लगाकर❤
❤😂 विनम्र निवेदन है कि काम से कम ऐसे प्रयास करें कि हिंदी शुद्ध हिंदी में सही तो हिंदी में बात करें
जो शुद्ध हिंदी में बात कर सके बार बार वह मसला मसला बोल रहे हों (कहावत, लोकोक्ति, समस्या) बोलें.
😅😢
अभूतपूर्व चैनल और डिबेट आपके चैनल पर होती है जिसके लिए साधुवाद आपको बहुत बहुत धन्यवाद...
कहावत,
लोकोक्ति,
समस्या😢