सुप्रीम कोर्ट का बहुत ही बढ़िया निर्णय,अगर आपका विवाह हिन्दू मैरिज एक्ट के अंतर्गत आता है तो विवाह हिन्दू रीति रिवाजों के अनुसार ही मान्य होना चाहिए ।👏👌
चाहे जो हो जाए हिंदू धर्म के ऊपर ही इनका सहारा नियम कानून लगता है और यह हिंदू धर्म को खत्मकर छोड़ेंगे अंग्रेज भी यही काम करते थे इसीलिए उनका विरोध हुआ उनको यहां से भाग कर जाना पड़ा और भविष्य का अगर यही दिखाई दे रहा है कि इन मुकदमे बाजीराव के चक्कर को खत्म करने के लिए पालिका को भी खत्म करना पड़ेगा?
दुख का विषय ये है कि भारत की बर्बादी में न्यायपालिका और खास करके सुप्रीम कोर्ट की बड़ी रोल है । न्याय की कुर्सी पर बैठ के अंधेरगर्दी का समर्थक होना न्यायपालिका के लिए घोर लज्जा का विषय है ।
@kapil30587 साथ चलने का मतलब बिल्कुल चिपक कर चलने को नहीं कहते। कोई आगे या पीछे तो होगा ही। मैंने सिर्फ सप्तपदी का अर्थ बताया है जिसमें सात फेरे कहीं नहीं लिखा है। राजस्थान में तो तीन फेरे ही लगवाते हैं फिर आप क्या कहोगे? पंडित जी से कहो कि सात फेरे लगवाओ तो लड़ने को उतारू हो जाते हैं।
To fir marriage registrare sahab ko directions dena chahiye ki vo phle marriage k process ko verified kare fir certificate issue kare . without ground issue hi n kare aur koi officer esa kre to use contempt of court man liya jaye
This is good decision by court. This applies only to hindu marriage act. I dont understand why people are complaining in comments 😂 tum hindu nahi toh tumpe apply nahi hota yeh law 😅
Arya samaj marriage ko deny kar ke dekhe husband matrimonial proceedings, rape ke charges lag jaayenge. Sirf wife karti hai aise aur court maan bhi leta hai, husband ke liye to pakadwa vivah, long term live in, minor sab uske against hai. Ye sab wife ke cases hote hai, aur unko ulta read kiya jaata hai.
आग के फेर लेने से शादी मानी जाएगी, ये बहुत ही घटिया फैसला है सुप्रीम कोर्ट का 😡😡😡😡😡 देश संविधान से चलना चाहिए ना कि ऐसे ढकोसलो से.... सिर्फ कोर्ट मैरिज को वैध करना चाहिए जो कि मजिस्ट्रेट के सामने हो...
Constitution log ke liye hota hai logo se uppar nahi..congress has done changes in constitution many times in past...for you it might not be important for other it their traditions...u don't believe in their traditions fine, but they have right to follow their traditions...
जज भी तो आम आदमी ही होता है,वही नाक,कान, लिंग आदि दो चार व्यक्ति जो पूरे हिंदुस्तान पर अपना कानून थोप दे यह कहा की स्वतंत्रता है,पूरे देश के नागरिकों से ऐसे मामलो पर राय/सीधे वोट लेकर कानून/संशोधन करना चाहिए जो खासतौर पर सामाजिक रितिरिवाज /कानून/नियम हो।
अदालत सरकार का सामाजिक कार्यों में दखल देना उचित नहीं,देश के विकास व सामूहिक लाभ/न्याय की वयवस्था के लिय ही है , बहुत सारे मामले जो केन्द्र व राज्य सरकारों मै और जनता को न्याय न मिलने के पेंडिंग लंबे अरसे से अदालतों में चलते रहते हैं उन्हें निपटाने पर टाइम लगाए , न की सामाजिक व्यवस्था के कानून बनाके चौधरी /सरपंच बनने के लिय।
अपनी क़ानूनी समस्या को 1 कॉल पर अभी सॉल्व करे (Legal Opinion)
Whats App- wa.me/message/CNF4QLGUA6CNE1
Legal Opinion ► thelegalshots.com/legal-opinion/
In our region Saptpadi is not observed in our tradition, does it mean the Hindu marriage is invalid ?
सुप्रीम कोर्ट का ये बहुत सारे घटिया फैसलों में से ये एक फैसला है। आने वाले समय में कभी न कभी ये फैसला पलटा जाएगा। पाखंड से पीछा जरूर छूटेगा।
सुप्रीम कोर्ट का बहुत ही बढ़िया निर्णय,अगर आपका विवाह हिन्दू मैरिज एक्ट के अंतर्गत आता है तो विवाह हिन्दू रीति रिवाजों के अनुसार ही मान्य होना चाहिए ।👏👌
चाहे जो हो जाए हिंदू धर्म के ऊपर ही इनका सहारा नियम कानून लगता है और यह हिंदू धर्म को खत्मकर छोड़ेंगे अंग्रेज भी यही काम करते थे इसीलिए उनका विरोध हुआ उनको यहां से भाग कर जाना पड़ा और भविष्य का अगर यही दिखाई दे रहा है कि इन मुकदमे बाजीराव के चक्कर को खत्म करने के लिए पालिका को भी खत्म करना पड़ेगा?
तो क्या अब रीति, रिवाज, दिखावा, ढोल, नगारा बजाने वालो के घर भरने पड़ेगे शादी के नाम पर?
Well done i agree ❤
Yes...this is the correct legal position.
It can be a simple ceremony but Saat phere is mandatory
दुख का विषय ये है कि भारत की बर्बादी में न्यायपालिका और खास करके सुप्रीम कोर्ट की बड़ी रोल है । न्याय की कुर्सी पर बैठ के अंधेरगर्दी का समर्थक होना न्यायपालिका के लिए घोर लज्जा का विषय है ।
If we don't believe in religion. Than . No body force us to be Hindu 😮😮😮.
Superb explanation thank u so much sir ❤❤❤
सात फेरे नहीं अपितु उसको सप्तपदी कहा गया है। सप्तपदी का आशय पति पत्नी का सात पद साथ चलना होता है। बिना अग्नि के फेरे के भी सप्तपदी हो सकता है।
Gyani baba sath to chalte hai nhi. Aage peeche chalte hai😂
@kapil30587 साथ चलने का मतलब बिल्कुल चिपक कर चलने को नहीं कहते। कोई आगे या पीछे तो होगा ही।
मैंने सिर्फ सप्तपदी का अर्थ बताया है जिसमें सात फेरे कहीं नहीं लिखा है।
राजस्थान में तो तीन फेरे ही लगवाते हैं फिर आप क्या कहोगे? पंडित जी से कहो कि सात फेरे लगवाओ तो लड़ने को उतारू हो जाते हैं।
To fir marriage registrare sahab ko directions dena chahiye ki vo phle marriage k process ko verified kare fir certificate issue kare . without ground issue hi n kare aur koi officer esa kre to use contempt of court man liya jaye
Shadi mein hone wali mujra ko bhi marriage ki invalidity ground mein shamil kia jana chahiye .
will that marriage will have validity or not?
if we just do court or register marriage
RSS WALR JUDGE KA FAISLA LAG RHA HAI YE TO
This is good decision by court. This applies only to hindu marriage act. I dont understand why people are complaining in comments 😂 tum hindu nahi toh tumpe apply nahi hota yeh law 😅
Arya samaj marriage ko deny kar ke dekhe husband matrimonial proceedings, rape ke charges lag jaayenge.
Sirf wife karti hai aise aur court maan bhi leta hai, husband ke liye to pakadwa vivah, long term live in, minor sab uske against hai.
Ye sab wife ke cases hote hai, aur unko ulta read kiya jaata hai.
Try to keep it Short too much talking just program advertisements bring curse on channel 😢😢😢😢😢
Sir आप कहां से हैं
Ye kya bakwas judgment hai
Jo Garib afford nhi kar skta wo kya कुंवारा रहेगा??
आग के फेर लेने से शादी मानी जाएगी, ये बहुत ही घटिया फैसला है सुप्रीम कोर्ट का 😡😡😡😡😡
देश संविधान से चलना चाहिए ना कि ऐसे ढकोसलो से....
सिर्फ कोर्ट मैरिज को वैध करना चाहिए जो कि मजिस्ट्रेट के सामने हो...
हा
You are right, sir, jai bheem.
@@TarunKumar-yf3yo Jai Bhim
@@TarunKumar-yf3yoबाबा साहब ने कोर्ट मैरिज की थी क्या?
Constitution log ke liye hota hai logo se uppar nahi..congress has done changes in constitution many times in past...for you it might not be important for other it their traditions...u don't believe in their traditions fine, but they have right to follow their traditions...
Fir court marriage karne valo ki shaadi kaise valid maani jaati hai?
Court marriage is under different act. Hindi marriage act is different.
Sir hmne Hindu marriage ki custom se shadi ki aur ab husband ko divorce chaiye apni responsibility se bachne k liye
Sab sahi se pdo जजमेंट
फालतू निर्णय। इसमें पुरुष या महिला जो भी फराड हो , फायदा उठा सकते हैं
जज भी तो आम आदमी ही होता है,वही नाक,कान, लिंग आदि दो चार व्यक्ति जो पूरे हिंदुस्तान पर अपना कानून थोप दे यह कहा की स्वतंत्रता है,पूरे देश के नागरिकों से ऐसे मामलो पर राय/सीधे वोट लेकर कानून/संशोधन करना चाहिए जो खासतौर पर सामाजिक रितिरिवाज /कानून/नियम हो।
अदालत सरकार का सामाजिक कार्यों में दखल देना उचित नहीं,देश के विकास व सामूहिक लाभ/न्याय की वयवस्था के लिय ही है , बहुत सारे मामले जो केन्द्र व राज्य सरकारों मै और जनता को न्याय न मिलने के पेंडिंग लंबे अरसे से अदालतों में चलते रहते हैं उन्हें निपटाने पर टाइम लगाए , न की सामाजिक व्यवस्था के कानून बनाके चौधरी /सरपंच बनने के लिय।