वेदों की पढ़ाई लिखाई नहीं होने से वेद व्याकरण नहीं समझा जाता है।बचपन से मंत्रों को ग़लत सही बोल रहा हूं किन्तु ग्गुं का प्रयोग आज समझ में आया। मैं तो समझता था वर्णों को बोलने में सतत प्रवाह के लिए उदात्त अनुदात् स्वरों को हाई लो पिच के लिए , मंत्रों में वर्णों मात्राओं को छंदों के हिसाब से एडजेस्ट करने के लिए एक विशेष ध्वनि रूप है। आप श्री को सादर प्रणाम और धन्यवाद। त
दीर्घ और ह्रस्व अनुस्वार के चिह्न है। लेकिन पं. सातवळेकर के मत से गुं ऐसा उच्चारणही मिथ्याग्राहसे गलत होता है। उसके पहले आनेवाले स्वरकाही सानुनासिक अभ्यास करना चाहिए। जैसे, सिइँह। वैसे तो परम्परान्तर शाखाभेदसे रहता है। शास्त्रात् रूढीर्बलीयसी।
In sabka artificially intelligent ka support dilva do phir Duniya following karegi to next government aapki hee ban jayega Vedic math par reserch karwavo
विलुप्त होती वेद भाषा की व्याकरण का ज्ञान देकर आप सनातन धर्म के लिए पुण्य का कार्य कर रहे हैं । साधुवाद। सादर नमन ।🙏🙏
अति सुन्दर।
बहुत सुंदर, स्पष्ट वक्तव्य है। अभिनन्दन अभिवादन करता हूं।
Namo namah mahoday
Bahut sundar.Aage badhenge.Dhanywaad !
राम राम 🙏
Shree krishna bhagwan ki jay
Guru charan sparsh
Pranaam Guru Deb ji
🙏🙏🙏
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वेदों की पढ़ाई लिखाई नहीं होने से वेद व्याकरण नहीं समझा जाता है।बचपन से मंत्रों को ग़लत सही बोल रहा हूं किन्तु ग्गुं का प्रयोग आज समझ में आया। मैं तो समझता था वर्णों को बोलने में सतत प्रवाह के लिए उदात्त अनुदात् स्वरों को हाई लो पिच के लिए , मंत्रों में वर्णों मात्राओं को छंदों के हिसाब से एडजेस्ट करने के लिए एक विशेष ध्वनि रूप है। आप श्री को सादर प्रणाम और धन्यवाद।
त
वेद भाषा के प्रति आपकी श्रद्धा अनुगमनीय है ।
बहुत सुंदर
❤👌🌷🌺🕉
Aapke class ko main dekhta hun badi gyanvardhak bate batai jati hai.aapko pranam
Krapya purush sukt ke path ke path karne ka vidio banayen
प्रणाम
शास्त्र ज्ञान
आदरणीय आप लोग कब तक वेद के नाम पर पुरण मिथ्या पढ़ाए जाएंगे जी
रोचक तथ्य
गूंग शब्द का अर्थ क्या होता है कृपा मार्गदर्शन के लिए गुरुजी
🙏🏻🙏🏻🙏🏻
નમો નમઃ
दीर्घ और ह्रस्व अनुस्वार के चिह्न है। लेकिन पं. सातवळेकर के मत से गुं ऐसा उच्चारणही मिथ्याग्राहसे गलत होता है। उसके पहले आनेवाले स्वरकाही सानुनासिक अभ्यास करना चाहिए। जैसे, सिइँह। वैसे तो परम्परान्तर शाखाभेदसे रहता है। शास्त्रात् रूढीर्बलीयसी।
गु + जन गुंजन के बरेमे काया होगा।
ग़ुरू का अर्थ ओर प्रभाव।
Kripya ved padhne shikhaiye
In sabka artificially intelligent ka support dilva do phir Duniya following karegi to next government aapki hee ban jayega Vedic math par reserch karwavo
'हृ' संयुक्ताक्षर नहीं है ।
हल् के पश्चात् हल् होने को संयोग कहते हैँ जैसे सत्य इन्द्र निन्द्रा हृद्रोग आदि।।