@@mangeshkumarman4144दूसरों की भलाई करना या दूसरों की मदत करने को हीं धर्म कहते हैं धर्म कभी बुरा नहीं होता इसीलिए अच्छे लोगों का हीं धर्म होता है जो लोग हिंसा और मतलब के रास्ते पर चलते हैं उन्हें बुरे लोग कहा जाता है और धर्म बुरे लोगों का नहीं होता बुरे लोगों का महजब होता है !
इसको ये पूछ मोहमद से पहले मुस्लामानो का कोन सा धर्म मजहब था ईशा मशीय से पहले कोन ईशायी था शंकराचार्य से पहले कोन सा हिंदू था नानक से पहले कोन सिख था कुरान को आए हुए 1400 बर्ष हुए है वेद को आए हुए इतने साल हो गए 1,9,6,08,53,121 ये बता जब कुरान 1400 बर्ष पहले नही था तो मुस्लमान क्या पड़ते थे क्या मानते थे हम तेरे भी बाप है तेरी भी date of birth बता denge जीव हमारी जाती है मानव धर्म हमारा हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई धर्म नही कोई न्यारा एक मालिक के बच्चे है सभी
Aisa nhi h sati pratha bharat me mughals ke aane se pehle se thi , sati pratha aaj se 1500 saal pehle se forced form me chal rhi thi. Kyuki treta aur dwapar Yugo me vidhva stree ki marzi hoti thi ki veh sati hona chahti h ya nhi .. Edit : Sanatan Dharma me sati ki koi vyaakhya nhi h ..
रिसर्च करने की जरूरत तो आपको है क्योंकि खान सर बिल्कुल सही बोल रहे हैं।। सती प्रथा केवल हिंदू धर्म की प्रथा है।। बाकी किसी भी धर्म में इस प्रथा का कोई भी उल्लेख नहीं किया गया है।। और वैसे भी सबसे पहले मां दुर्गा सती हुई थी।। और आपको इतना तो पता ही होगा की मां दुर्गा को हिंदू धर्म में मानते हैं।। और मां दुर्गा के बारे में वेदों में संक्षिप्त में विवरण दिया गया है।। पहले वेदों को पढ़ फिर बताना यह प्रथा मुगलों ने बनाई थी या हिन्दूओ ने।। अगर सती प्रथा मुगलों ने बनाई होती तो आज यह मुस्लिम धर्म में होती ना कि हिन्दू धर्म में।। वेदों की रचना इंसानों की थी इसलिए इन पर आज इतने सवाल उठ रहे हैं।। क्योंकि अगर भगवान ने इन वेदों की रचना की होती तो आज इन पर कोई सवाल नही उठाता।। दुनिया में कोई भी धर्म हो और कितना भी बढ़ा हो उस धर्म की स्थापना इंसानों द्वारा हुई है।।
जिस भारत में आजादी के बाद सिर्फ 75 साल में इतना इतिहास बदल जा सकता है तो उस देश में मुगलों द्वारा 800 साल और अंग्रेजों के 200 साल के अंदर देश का कितना इतिहास बदलने की कोशिश की गई होगी परंतु फिर भी आज भी वेद सही है यह बात किसी से छुपी नहीं है🎉🎉
28 rishikao ne Sukta likha ved ka aur Ved me mahila ka samman nhi tha? Kiss religion me religion book ko aurat likhi hai Hinduism chor ke Yaha to Aurat par hi book hai DeviBhagwat aur na jane kitne
यह सारा संसार एक और मात्र एक ईश्वर से पूर्णतः आच्छादित और नियंत्रित है । इसलिए कभी भी अन्याय से किसी के धन की प्राप्ति की इच्छा नहीं करनी चाहिए अपितु न्यायपूर्ण आचरण के द्वारा ईश्वर के आनंद को भोगना चाहिए । आखिर वही सब सुखों का देने वाला है ।यजुर्वेद 40.1 ऋग्वेद 10.48.1 एक मात्र ईश्वर ही सर्वव्यापक और सारे संसार का नियंता है । वही सब विजयों का दाता और सारे संसार का मूल कारण है । सब जीवों को ईश्वर को ऐसे ही पुकारना चाहिए जैसे एक बच्चा अपने पिता को पुकारता है । वही एक मात्र सब जीवों का पालन पोषण करता और सब सुखों का देने वाला है । ऋग्वेद 10.48.5 ईश्वर सारे संसार का प्रकाशक है । वह कभी पराजित नहीं होता और न ही कभी मृत्यु को प्राप्त होता है । वह संसार का बनाने वाला है । सभी जीवों को ज्ञान प्राप्ति के लिए तथा उसके अनुसार कर्म करके सुख की प्राप्ति के लिए प्रयत्न करना चाहिए । उन्हें ईश्वर की मित्रता से कभी अलग नहीं होना चाहिए । ऋग्वेद 10.49.1 केवल एक ईश्वर ही सत्य की प्राप्ति के लिए प्रयत्न करने वालों को सत्य ज्ञान का देने वाला है । वही ज्ञान की वृद्धि करने वाला और धार्मिक मनुष्यों को श्रेष्ठ कार्यों में प्रवृत्त करने वाला है । वही एकमात्र इस सारे संसार का रचयिता और नियंता है । इसलिए कभी भी उस एक ईश्वर को छोड़कर और किसी की भी उपासना नहीं करनी चाहिए । यजुर्वेद 13.4 सारे संसार का एक और मात्र एक ही निर्माता और नियंता है । एक वही पृथ्वी, आकाश और सूर्यादि लोकों का धारण करने वाला है । वह स्वयं सुखस्वरूप है । एक मात्र वही हमारे लिए उपासनीय है । अथर्ववेद 13.4.16-21 वह न दो हैं, न ही तीन, न ही चार, न ही पाँच, न ही छः, न ही सात, न ही आठ, न ही नौ , और न ही दस हैं । इसके विपरीत वह सिर्फ और सिर्फ एक ही है । उसके सिवाय और कोई ईश्वर नहीं है । सब देवता उसमे निवास करते हैं और उसी से नियंत्रित होते हैं । इसलिए केवल उसी की उपासना करनी चाहिए और किसी की नहीं । अथर्ववेद 10.7.38
@@Srinivasan34-y3h kahe ka god apne putra ko pahchan nahi paya gardan udhadi uper se hathi ko markar uski khopdi ganesh per laga di shiva ishwar nahi kal panic hai ishwar nirankar hai na koi uska beta na baap wo annant kal se hai wed padh waha ye kal panic bhagwan nahi milenge 😊
जहा ं पूरे विश्व मे कही ं भी सरवोच्च किताबो पर कोई प्रश्न नही कर सकता, वहीं हमारी वैदिक सँस्कृति में निरंतर शास्त्रार्थ से ही हमारा ज्ञान पल्लवित पुष्पित हुआ, धन्य ह ूँ प्रभु जो मुझ े सनातन कुल मे ं जन्म दिया
सती प्रथा का उल्लेख वेद में नही है, और ये प्रथा बाबर अकबर के काल से चला आ कर 1800 ईस्वी में समाप्त हुआ है। ये प्रथा हिंदुओं के धर्म का हिस्सा नहीं है। जैसे की दहेज। ये सामाजिक प्रथा है। ये धर्म का हिस्सा नहीं है और न ही वेद में इसका उल्लेख है।
@@modi3973 सती प्रथा सनातन धर्म में नहीं है ....सति प्रथा इस्लिए हुई इसका उदाहरणaap इजराइल में औरतों के हाल से कश्मीर पंडितों के हाल को देख सकते हैं...ab samj lo phele kya hota hoga
रामायण मे दशरथ की तीनो पत्नी सती नहीं हुई महाभारत मे शान्तनु की दोनो पत्नी सती नहीं हुई अभिमन्यु की पत्नी उतरा सती नहीं हुई कुन्ती सती नहीं हुई ,धृतराष्ट्र की माँ पाडव की माँ सती नहीं हुई ,, बहुत बाद मे लक्ष्मी बाई सती नहीं हुई
Bhai m bhi yhi baat khena chati hu ....in logo ko kuch pta nhi h faltu m Gyaaan baat rhe h .....lgta h pgla gy h Khan sir 😂😂😂😂 ........humare VED ko Asmani kitaabo se jod rhe h
आपकी बात तो ठीक है पर यहाँ पर कुछ सुधार की आवश्यकता है: 1) अभिमन्यु की पत्नी उत्तरा सती होना चाहती थी किँतु वह गर्भवती थी तो उन्हें ऐसा नहीं करने दिया गया यह अधर्म होता । 2) कुंती माता भी सती होना चाहती थीं पर माद्री ने ऐसा करने से उन्हें रोका और कहा आपको बालकों का पालन करना चाहिये । दरसल सती होने का अधिकार केवल उन्हीं स्त्रियों को होता था जो पति को अपना परमेश्वर मानती थी, गर्भवती न हों, दूध पीता बालक न हो, जिसने एक बार भी पति में दोष न देखा हो, जिसने पति से एक बार भी असत्य न कहा हो, जिसने कभी पति की आज्ञा का उल्लंघन न किया हो, अर्थात वो अपने पति को ही ईश्वर मानकर पूर्णतः समर्पित हो । मानवों और कलियुग में क्या ऐसा तो सतयुग और देवताओं में भी दुर्लभ है इसलिए पुराणों में दो या तीन स्त्रियाँ ही सती हुई हैं।
Sati ka अर्थ पति ke sath jalkar marna nahi hota है अर्थ ka Anarth mat करो sat purush ka istri ling sati mahila hota जैसे बीर ka beersngna kavi ka kaviyatri istri long hota hai baise hee sat purush ka istri ling hai sati mahila hai chakkar me mat pado
उस समय स्त्रीया ज्ञान अर्जन करती थी, वाद विवाद करती थी, शस्त्र चलाती थी, शासन चलाती थी । गार्गी, मैत्रेयी, कैकेयी, माद्री, कुंती ऐसे अनेक उदाहरण हैं । सती प्रथा तो इसवी सन के बाद में शुरू हुई । वो विवशता से शुरू हुई हैं ।
सिर्फ़ एक ही धर्म है जिस्मे भगवान बुद्ध स्वयं ने कहा है की प्रश्न करो, जाँच करो, जैसे सोनार सोने को जिस तरह जाँच करता है चिर फाड़, गलाके असली सोना है या नक्सली पता लगाता है उसी तरह बुद्ध ने कहा हुवा वचन को भी तब तक जाँच करो जब तक सत्य तथ्य प्रकट ना हो,
खान सर सती प्रथा वेद काल में नहीं थी। पूर्व के इतिहास को देखे महर्सी यागवल्यक काल आदि में कई महिला विद्वानों का वर्णन मिलता है। शंकराचार्य काल में भी भारती मंडन का वर्णन मिलता है लेकिन इस्लाम धर्म आदि में कहीं कोई महिलाओं का वर्णन नहीं।
Sati pratha ishlam jb bhart me aya q ki ye log jinke pati ni rhte the unko rakhail bna lete the isi se bachne ke liye log atmdah kr lete the agar phle aisa hota to kaikeyi kaushilya aur kunti q ni sati hui.
@@कौशल्यादेवी-ज7घ आज से ढाई हजार साल पहले भगवान बुद्ध और महावीर हो गए थे और उनसे पहले उनकी तीर्थंकर हुए थे 24 जब 1915 में खुदाई हुई तो पूरे भारत में जमीन के नीचे बुद्ध मिले चारों तरफ अशोक के शिलालेख मिले जिसमें कहीं भी हिंदू धर्म वैदिक धर्म सनातन धर्म का उल्लेख नहीं था बौद्ध धर्म की 80 से ज्यादा यूनिवर्सिटी मिली है पूरे भारत में , और यह धर्म जापान तक फैल गया था , जबकि हिंदू धर्म का एक गुरुकुल भी नहीं मिला है और ना ही उसकी कोई ईट मिली है 😂 वैदिक धर्म के सारे के सारे ग्रंथ संस्कृत में देवनागरी लिपि में लिखे गए हैं परंतु वर्तमान खोज में यह सिद्ध हो गया है कि संस्कृत पाली और प्राकृत से बनी है और देवनागरी लिपि धम्म लिपि जिसे ब्राह्मी लिपि का नाम दिया गया है से बनी हुई है,,,, धम्म लिपि में कोई भी संस्कृत में लिखा हुआ लेख नहीं मिल रहा है 😂 क्योंकि भारत का ब्राह्मणी करण आठवीं सदी से शुरू हुआ था , इन्होंने बौद्ध धर्म की जातक कथाओं से रामायण महाभारत को कॉपी किया और उसको बढ़ा चढ़ाकर ब्राह्मनी करण , ब्राह्मणों के सारे ग्रंथ अश्लीलता से भरे हुए हैं वेदों में तो 35% लोगों का इंद्र पर लिखे हुए हैं जो कि बलात्कारी है और साथ ही साथ उसको सांड की बलि दिए जाने का प्रावधान है यह लोग पारसियों की तरह अग्नि की पूजा करते थे तैमूर लंग के समय खुद ब्राह्मणों ने माना कि हम विदेशी है और अग्नि पूजा करते हैं उपनिषद से लगाकर सारे ग्रंथ इनके भेद भाव से भरे हुए और ब्राह्मण को श्रेष्ठ बताते हुए बाकी सब को तुच्छ सिद्ध करते हुए नारी का शोषण करते हुए अश्लीलता से भरे हुए हैं वेदों की मिलावट की बात करते हैं परंतु वेदों के ओरिजिनल भाष्य से भी देख ले तो उसमें भी अश्लीलता नारी शोषण और भेदभाव भरा हुआ है , खुद ब्रह्मा अपनी बेटी सरस्वती का बलात्कार करता है और उसी से शादी भी करता है 😂,,, यही सेम कहानी अब्राहम और सारा की है 😂,,, भारत का गोल्डन समय तो बौद्ध धर्म का था यह कचरा धर्म कभी भी भारत का महान समय नहीं हो सकता चंद्रगुप्त से पहले महावीर के समय 8 से ज्यादा नास्तिक धर्म मौजूद थे पर किसी में भी ब्राह्मण का इतिहास नहीं है और आज ब्राह्मण अपना इतिहास भी बोद्ध धर्म में ही देख रहे है और ढूंढ रहे हैं मतलब उनका कोई स्वतंत्र अस्तित्व ही नहीं था अब मेसोपोटामिया की सभ्यता मिल गई सिंधु घाटी सभ्यता मिल गई सब कुछ मिल गया पर इन लोगों का कुछ नहीं मिला😂 जब अकबर ने अशोक के शिलालेख को पढ़ाने के लिए ब्रह्मणों को बुलाया तो वे उसे पढ़ ही नहीं पाए 😂 , ना सिंधु घाटी सभ्यता की लिपि पढ़ पाए और अपने आप को सनातन कहते हैं 😂 यह सनातन शब्द भी बुद्ध के एसौ धम्मो सनंतानो से लिया गया है 😂 मूर्तिकला भी जैन और बौद्ध धर्म में मिली है जबकि वेदों में तो मूर्ति पूजा थी ही नहीं और बाद में ही बौद्ध धर्म की तारादेवी को काली देवी बनाया गया जैन और बौद्ध मंदिरों को कब्जा करके उसे हिंदू मंदिर में बदला गया , आठवीं सदी में शंकराचार्य की द्वारा जो खुद प्रच्छन्न बुद्ध था उसके द्वारा इस काल्पनिक धर्म की नींव रखी गई😂 यहां तक कि गणेश जी भी बोद्ध धर्म से थे जिसे एलीफेंट बुद्धा कहा जाता है जिसकी जापान में भी मूर्तियां है , उसको भी कॉपी किया जिसको भी प्रॉब्लम हो , जो सनातन धर्म के प्राचीन होने के सबूत देना चाहता है वह Science journy चैनल देखे और Rational world पर डिबेट के लिए आ सकता है😁
भारत में पढ़ाये जाने वाले इतिहास में अत्यंत सुधार की जरूरत है।हमारे देश राजाओं महाराजाओ की केवल बुराइयों को गिनाया गया है।जबकि मुगल काल में हिंदुओ पर निर्मम तरीके से कहर ढाया गया हजारों हज़ार साल तक मठ मंदिर भारत की संस्कृति समभ्यता के साथ खेलता रहा।
इसको ये पूछ मोहमद से पहले मुस्लामानो का कोन सा धर्म मजहब था ईशा मशीय से पहले कोन ईशायी था शंकराचार्य से पहले कोन सा हिंदू था नानक से पहले कोन सिख था कुरान को आए हुए 1400 बर्ष हुए है वेद को आए हुए इतने साल हो गए 1,9,6,08,53,121 ये बता जब कुरान 1400 बर्ष पहले नही था तो मुस्लमान क्या पड़ते थे क्या मानते थे हम तेरे भी बाप है तेरी भी date of birth बता denge जीव हमारी जाती है मानव धर्म हमारा हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई धर्म नही कोई न्यारा एक मालिक के बच्चे है सभी
इसको ये पूछ मोहमद से पहले मुस्लामानो का कोन सा धर्म मजहब था ईशा मशीय से पहले कोन ईशायी था शंकराचार्य से पहले कोन सा हिंदू था नानक से पहले कोन सिख था कुरान को आए हुए 1400 बर्ष हुए है वेद को आए हुए इतने साल हो गए 1,9,6,08,53,121 ये बता जब कुरान 1400 बर्ष पहले नही था तो मुस्लमान क्या पड़ते थे क्या मानते थे हम तेरे भी बाप है तेरी भी date of birth बता denge जीव हमारी जाती है मानव धर्म हमारा हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई धर्म नही कोई न्यारा एक मालिक के बच्चे है सभी
सर जी सती प्रथा के बारे में आप बताते हो अच्छीबात है जो मुसलमान विदेश से आए थे उनके कारण हमारे समाज की महिलाएं जोहर भी करतीथी जैसे पद्मिनी इस जौहर के बारे में भी सर्दी पढ़ना करो
@@amitarora7448 इस वीडियो में वेद , सती प्रथा , अशोक , भगवान राम , कलकी सब को एक कालखंड के आस पास मिल कर बताया है । जिससे अधूरा ज्ञान प्रतीत होता है ।
इतने दिन हो गये, लेकिन पूर्वोक्त किसी भी टिप्पणी का जवाब खान सर ने क्यों नहीं दिया। यह उपरोक्त वीडियो के साथ न्याय नहीं है। मैं इस मनोवृत्ति की निन्दा करता हूँ। यहाँ खान सर ने अपनी पारदर्शिता का परिचय नहीं दिया है।
❤हर एक का अपना-अपना महत्व है, हर एक की तुलना नहीं की जानी चाहिए। यह ज्ञान अर्जित करने के बाद हमारा जीवन अगर सुंदर हो रहा है तो हम बोल सकते कौन सा ज्ञान अच्छा है, कौन सा ज्ञान अधूरा है?
इसको ये पूछ मोहमद से पहले मुस्लामानो का कोन सा धर्म मजहब था ईशा मशीय से पहले कोन ईशायी था शंकराचार्य से पहले कोन सा हिंदू था नानक से पहले कोन सिख था कुरान को आए हुए 1400 बर्ष हुए है वेद को आए हुए इतने साल हो गए 1,9,6,08,53,121 ये बता जब कुरान 1400 बर्ष पहले नही था तो मुस्लमान क्या पड़ते थे क्या मानते थे हम तेरे भी बाप है तेरी भी date of birth बता denge जीव हमारी जाती है मानव धर्म हमारा हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई धर्म नही कोई न्यारा एक मालिक के बच्चे है सभी
Khan Sir Se Ek Sawal Aur Bhi Kardo Khan Sir To Gyaani Hain Hi Science Kahin Bhi In DharamGrantho Ko Nhi Manta Na Hi Bhagwan Ke Astitva Ko Khan Sir Padhe Likhe Hain Science Ka Achha Khasa Knowledge Hoga To Unse Science Ko Lekar Jeevan Ki Utapatti Kaise Huyi Sawal Karo Phir Answar Mein Bhagwan Ko Allah Ko Kahan Fit Karnge Ye Bhi Puchh Lo...😂😂😂
सनातन धर्म मे प्रश्न ही महत्वपूर्ण है बिना प्रश्न के सनातन की कल्पना नही की जा सकती है, शास्त्रार्थ सनातन धर्म का मुल है, महत्वपूर्ण यह है,की प्रश्न पुछने वाले और बताने वाले का ज्ञान कीतना है ,
आज से ढाई हजार साल पहले भगवान बुद्ध और महावीर हो गए थे और उनसे पहले उनकी तीर्थंकर हुए थे 24 जब 1915 में खुदाई हुई तो पूरे भारत में जमीन के नीचे बुद्ध मिले चारों तरफ अशोक के शिलालेख मिले जिसमें कहीं भी हिंदू धर्म वैदिक धर्म सनातन धर्म का उल्लेख नहीं था बौद्ध धर्म की 80 से ज्यादा यूनिवर्सिटी मिली है पूरे भारत में , और यह धर्म जापान तक फैल गया था , जबकि हिंदू धर्म का एक गुरुकुल भी नहीं मिला है और ना ही उसकी कोई ईट मिली है 😂 वैदिक धर्म के सारे के सारे ग्रंथ संस्कृत में देवनागरी लिपि में लिखे गए हैं परंतु वर्तमान खोज में यह सिद्ध हो गया है कि संस्कृत पाली और प्राकृत से बनी है और देवनागरी लिपि धम्म लिपि जिसे ब्राह्मी लिपि का नाम दिया गया है से बनी हुई है,,,, धम्म लिपि में कोई भी संस्कृत में लिखा हुआ लेख नहीं मिल रहा है 😂 क्योंकि भारत का ब्राह्मणी करण आठवीं सदी से शुरू हुआ था , इन्होंने बौद्ध धर्म की जातक कथाओं से रामायण महाभारत को कॉपी किया और उसको बढ़ा चढ़ाकर ब्राह्मनी करण , ब्राह्मणों के सारे ग्रंथ अश्लीलता से भरे हुए हैं वेदों में तो 35% लोगों का इंद्र पर लिखे हुए हैं जो कि बलात्कारी है और साथ ही साथ उसको सांड की बलि दिए जाने का प्रावधान है यह लोग पारसियों की तरह अग्नि की पूजा करते थे तैमूर लंग के समय खुद ब्राह्मणों ने माना कि हम विदेशी है और अग्नि पूजा करते हैं उपनिषद से लगाकर सारे ग्रंथ इनके भेद भाव से भरे हुए और ब्राह्मण को श्रेष्ठ बताते हुए बाकी सब को तुच्छ सिद्ध करते हुए नारी का शोषण करते हुए अश्लीलता से भरे हुए हैं वेदों की मिलावट की बात करते हैं परंतु वेदों के ओरिजिनल भाष्य से भी देख ले तो उसमें भी अश्लीलता नारी शोषण और भेदभाव भरा हुआ है , खुद ब्रह्मा अपनी बेटी सरस्वती का बलात्कार करता है और उसी से शादी भी करता है 😂,,, यही सेम कहानी अब्राहम और सारा की है 😂,,, भारत का गोल्डन समय तो बौद्ध धर्म का था यह कचरा धर्म कभी भी भारत का महान समय नहीं हो सकता चंद्रगुप्त से पहले महावीर के समय 8 से ज्यादा नास्तिक धर्म मौजूद थे पर किसी में भी ब्राह्मण का इतिहास नहीं है और आज ब्राह्मण अपना इतिहास भी बोद्ध धर्म में ही देख रहे है और ढूंढ रहे हैं मतलब उनका कोई स्वतंत्र अस्तित्व ही नहीं था अब मेसोपोटामिया की सभ्यता मिल गई सिंधु घाटी सभ्यता मिल गई सब कुछ मिल गया पर इन लोगों का कुछ नहीं मिला😂 जब अकबर ने अशोक के शिलालेख को पढ़ाने के लिए ब्रह्मणों को बुलाया तो वे उसे पढ़ ही नहीं पाए 😂 , ना सिंधु घाटी सभ्यता की लिपि पढ़ पाए और अपने आप को सनातन कहते हैं 😂 यह सनातन शब्द भी बुद्ध के एसौ धम्मो सनंतानो से लिया गया है 😂 मूर्तिकला भी जैन और बौद्ध धर्म में मिली है जबकि वेदों में तो मूर्ति पूजा थी ही नहीं और बाद में ही बौद्ध धर्म की तारादेवी को काली देवी बनाया गया जैन और बौद्ध मंदिरों को कब्जा करके उसे हिंदू मंदिर में बदला गया , आठवीं सदी में शंकराचार्य की द्वारा जो खुद प्रच्छन्न बुद्ध था उसके द्वारा इस काल्पनिक धर्म की नींव रखी गई😂 यहां तक कि गणेश जी भी बोद्ध धर्म से थे जिसे एलीफेंट बुद्धा कहा जाता है जिसकी जापान में भी मूर्तियां है , उसको भी कॉपी किया जिसको भी प्रॉब्लम हो , जो सनातन धर्म के प्राचीन होने के सबूत देना चाहता है वह Science journy चैनल देखे और Rational world पर डिबेट के लिए आ सकता है😁
@@kumar2022bloger. भाई धर्म का मतलब है धारण करने योग्य। क्या धारण करना है? उत्तर- अच्छी आचरण, अच्छा गुण, अच्छा कर्म, अच्छी शिक्षा। हर पदार्थ और हर जीव कुछ न कुछ धारण किए हुए हैं। पर मनुष्य को स्वयं से पता नही होता की उसे क्या धारण करना चाहिए। वेद में ही वो सब कुछ ज्ञान है, जिससे पता चलता है मनुष्य को क्या धारण करना चाहिए। धर्म के बारे में जानने के लिए सत्यार्थ प्रकाश पढ़ो।
जब तक विभिन्न धर्मों के जानकार मन्च साझा नहीं करते और साझा मत नहीं बना पाते जैसा कि वैज्ञानिक बिरादरी में होता है, तब तक आम लोगों को धर्म को शक की दृष्टि से देखना चाहिए कि यह रियल एस्टेट पर कब्जा करने और आम लोगों से धन वसूलने का धंधा है। इन कार्यों की शुरुआत सबसे पहले ब्राह्मणों ने किया था जो यहुदियों का वह मिसिंग कबिला (lost tribes) है जो ईसा मसीह के जन्म के पहले भारत आया था। बाद में यहुदियों के ही दो अलग गुटों ने ईसाई और इस्लाम धर्म को जन्म दिया। धर्म का सही मतलब जानना जरूरी है। दुर्भाग्य से बनिया जाति ब्राह्मणों के पैर धोकर चरनाम्रित पीने को अपना सौभाग्य और धर्म समझ्ती है।
Sir सती प्रथा में स्त्री को जलया नहीं जाता था, stree ko चिता के चारो और चक्कर लगाकार मंत्र बोलना होता था, और समाज स्त्री को नहीं स्वीकार करता था तो स्त्री अपने आप को मंदिर में भगवान को समरपित कर देती थी, इतिहास में इसे बदल दिया गया था
Right kyunki yadi sabhi istiri ko sati pratha me jalaya jata to ramji ki tino mata bhi toh sati hui rahti yadi kisi ko sati hona rahta to oh apni ikchha se hoti thi
सती जाना कंपल्सरी / अनिवार्य नहीं था स्त्री के युवावस्था या मध्यम आयु के समय अगर उसके पति का किसी कारणवश निधन होता, तो स्त्री के सती जाने का प्रचलन था । लेकिन अगर स्त्री की इच्छा ना हो, तो कुछ संहिता का पालन कर के वह अपना जीवन व्यतीत कर सकती थी। कुछ जगह पे, कुछ समुहो ने इसे सक्ति से लागू किया। लेकिन शास्त्रों में ये अनिवार्य नहीं था ।
उस समय सती प्रथा जैसी कोई कुप्रथा नही था । उदाहरणस्वरूप आप रामायण में भगवान राम के पिता राजा दशरथ और महाभारत के पांडु का ले सकते हैं। दूसरी बात वेदों की तुलना आप कुरान से कैसे कर सकते हैं?? कुरान, जो गैर मुस्लिम को काफिर कहता है?? और वेद तो वसुधैव कुटुंबकम् को लेकर को मानता है। 🙏🙏
कुरान और वेद में बहुत समानताएं है। कुरान को पांच भाग में बाटा गया है तो वेद को पांच खण्ड में विभक्त किया गया है। अल्लाह को ईश्वर यानी ॐ, इबादत गाह यानी मस्जिद को अराधना स्थल यानी मठ, कुरान के अनुसार पांच वक्त वेद के अनुसार आठ प्रहर। इबादत को साधना, कलमा को संकल्प, सुन्नत को यज्ञ यो पवित, जनेऊ वाला कार्यक्रम। अज़ान को आह्वान संख फूक कर। नामकरण विवाह और सत्कार सब वेद से है, कुरान से भी है। इन दोनो जगहों कोई मूर्तिया नही लगती। हे सच्चिदानंद प्रभू तुम नित्य सर्व सशक्त हो अनुपम हो, अगोचर हो, अजन्मा अनादि अनंत हो, अविकल हो, अविनाशी हो। The Defination of Allah means ॐ हम भगवान का नाम भी लेने से पहले ॐ का उच्चारण करते है। गलतफहमी में न रहे भगवान ईश्वर नही है।
कुरान में गैर मुस्लिमों की हत्या और उन्हें यातना देने का आदेश है, हलाला, तलाक, मुताह निकाह, औरत जैसे घृणित शब्द है?? यहां जिहाद करने का हुक्म दिया गया है। किस प्रकार इसे महत्व दे रहे हो??
इसको ये पूछ मोहमद से पहले मुस्लामानो का कोन सा धर्म मजहब था ईशा मशीय से पहले कोन ईशायी था शंकराचार्य से पहले कोन सा हिंदू था नानक से पहले कोन सिख था कुरान को आए हुए 1400 बर्ष हुए है वेद को आए हुए इतने साल हो गए 1,9,6,08,53,121 ये बता जब कुरान 1400 बर्ष पहले नही था तो मुस्लमान क्या पड़ते थे क्या मानते थे हम तेरे भी बाप है तेरी भी date of birth बता denge जीव हमारी जाती है मानव धर्म हमारा हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई धर्म नही कोई न्यारा एक मालिक के बच्चे है सभी
इसको ये पूछ मोहमद से पहले मुस्लामानो का कोन सा धर्म मजहब था ईशा मशीय से पहले कोन ईशायी था शंकराचार्य से पहले कोन सा हिंदू था नानक से पहले कोन सिख था कुरान को आए हुए 1400 बर्ष हुए है वेद को आए हुए इतने साल हो गए 1,9,6,08,53,121 ये बता जब कुरान 1400 बर्ष पहले नही था तो मुस्लमान क्या पड़ते थे क्या मानते थे हम तेरे भी बाप है तेरी भी date of birth बता denge जीव हमारी जाती है मानव धर्म हमारा हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई धर्म नही कोई न्यारा एक मालिक के बच्चे है सभी
वेदों की और कुरान की कभी तुलना हो ही नहीं सकती क्योंकि सनातन धर्म साइंटिफिक भी है और सती प्रथम मुगल काल में आई थी और मुगलों के ही कारण. बहुत ही ऐसी partha है जो मुगलो के कारण बनाई गई थी हिंदू धर्म को चेंज करके मुगल में बदलना चाहते थे
आज से ढाई हजार साल पहले भगवान बुद्ध और महावीर हो गए थे और उनसे पहले उनकी तीर्थंकर हुए थे 24 जब 1915 में खुदाई हुई तो पूरे भारत में जमीन के नीचे बुद्ध मिले चारों तरफ अशोक के शिलालेख मिले जिसमें कहीं भी हिंदू धर्म वैदिक धर्म सनातन धर्म का उल्लेख नहीं था बौद्ध धर्म की 80 से ज्यादा यूनिवर्सिटी मिली है पूरे भारत में , और यह धर्म जापान तक फैल गया था , जबकि हिंदू धर्म का एक गुरुकुल भी नहीं मिला है और ना ही उसकी कोई ईट मिली है 😂 वैदिक धर्म के सारे के सारे ग्रंथ संस्कृत में देवनागरी लिपि में लिखे गए हैं परंतु वर्तमान खोज में यह सिद्ध हो गया है कि संस्कृत पाली और प्राकृत से बनी है और देवनागरी लिपि धम्म लिपि जिसे ब्राह्मी लिपि का नाम दिया गया है से बनी हुई है,,,, धम्म लिपि में कोई भी संस्कृत में लिखा हुआ लेख नहीं मिल रहा है 😂 क्योंकि भारत का ब्राह्मणी करण आठवीं सदी से शुरू हुआ था , इन्होंने बौद्ध धर्म की जातक कथाओं से रामायण महाभारत को कॉपी किया और उसको बढ़ा चढ़ाकर ब्राह्मनी करण , ब्राह्मणों के सारे ग्रंथ अश्लीलता से भरे हुए हैं वेदों में तो 35% लोगों का इंद्र पर लिखे हुए हैं जो कि बलात्कारी है और साथ ही साथ उसको सांड की बलि दिए जाने का प्रावधान है यह लोग पारसियों की तरह अग्नि की पूजा करते थे तैमूर लंग के समय खुद ब्राह्मणों ने माना कि हम विदेशी है और अग्नि पूजा करते हैं उपनिषद से लगाकर सारे ग्रंथ इनके भेद भाव से भरे हुए और ब्राह्मण को श्रेष्ठ बताते हुए बाकी सब को तुच्छ सिद्ध करते हुए नारी का शोषण करते हुए अश्लीलता से भरे हुए हैं वेदों की मिलावट की बात करते हैं परंतु वेदों के ओरिजिनल भाष्य से भी देख ले तो उसमें भी अश्लीलता नारी शोषण और भेदभाव भरा हुआ है , खुद ब्रह्मा अपनी बेटी सरस्वती का बलात्कार करता है और उसी से शादी भी करता है 😂,,, यही सेम कहानी अब्राहम और सारा की है 😂,,, भारत का गोल्डन समय तो बौद्ध धर्म का था यह कचरा धर्म कभी भी भारत का महान समय नहीं हो सकता चंद्रगुप्त से पहले महावीर के समय 8 से ज्यादा नास्तिक धर्म मौजूद थे पर किसी में भी ब्राह्मण का इतिहास नहीं है और आज ब्राह्मण अपना इतिहास भी बोद्ध धर्म में ही देख रहे है और ढूंढ रहे हैं मतलब उनका कोई स्वतंत्र अस्तित्व ही नहीं था अब मेसोपोटामिया की सभ्यता मिल गई सिंधु घाटी सभ्यता मिल गई सब कुछ मिल गया पर इन लोगों का कुछ नहीं मिला😂 जब अकबर ने अशोक के शिलालेख को पढ़ाने के लिए ब्रह्मणों को बुलाया तो वे उसे पढ़ ही नहीं पाए 😂 , ना सिंधु घाटी सभ्यता की लिपि पढ़ पाए और अपने आप को सनातन कहते हैं 😂 यह सनातन शब्द भी बुद्ध के एसौ धम्मो सनंतानो से लिया गया है 😂 मूर्तिकला भी जैन और बौद्ध धर्म में मिली है जबकि वेदों में तो मूर्ति पूजा थी ही नहीं और बाद में ही बौद्ध धर्म की तारादेवी को काली देवी बनाया गया जैन और बौद्ध मंदिरों को कब्जा करके उसे हिंदू मंदिर में बदला गया , आठवीं सदी में शंकराचार्य की द्वारा जो खुद प्रच्छन्न बुद्ध था उसके द्वारा इस काल्पनिक धर्म की नींव रखी गई😂 यहां तक कि गणेश जी भी बोद्ध धर्म से थे जिसे एलीफेंट बुद्धा कहा जाता है जिसकी जापान में भी मूर्तियां है , उसको भी कॉपी किया जिसको भी प्रॉब्लम हो , जो सनातन धर्म के प्राचीन होने के सबूत देना चाहता है वह Science journy चैनल देखे और Rational world पर डिबेट के लिए आ सकता है😁
@@raya_ashokतर्क तो तुम नवबौद्धों में भी नहीं किया कभी अपने ग्रंथों पर या अपने शिल्प पर । बता पीपल के नीचे बैठने से ज्ञान कैसे प्राप्त होता है , कोई पीछे से कैसे पैदा हो सकता है 😜 I
इसको ये पूछ मोहमद से पहले मुस्लामानो का कोन सा धर्म मजहब था ईशा मशीय से पहले कोन ईशायी था शंकराचार्य से पहले कोन सा हिंदू था नानक से पहले कोन सिख था कुरान को आए हुए 1400 बर्ष हुए है वेद को आए हुए इतने साल हो गए 1,9,6,08,53,121 ये बता जब कुरान 1400 बर्ष पहले नही था तो मुस्लमान क्या पड़ते थे क्या मानते थे हम तेरे भी बाप है तेरी भी date of birth बता denge जीव हमारी जाती है मानव धर्म हमारा हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई धर्म नही कोई न्यारा एक मालिक के बच्चे है सभी
वेद के बारे आपने भी गलत सुना है और उसे सही मान लिया है। अच्छा ये बताएं हमारी देवनागरी लिपि कितनी पुरानी है जिसमें हिंदी और संस्कृत भाषा लिखी जाती है और उसमें ऋ क्ष त्र ज्ञ शब्द कब शामिल हुई?? देवनागरी लिपि की जो 12 खड़ी होती हैं उसमें पहले कितनी खड़ी होती थी फिर कितनी हुई।
During Vedic age... there was no satipratha...it was formed in later period. Hence Khan sir should be aware of it. He should take the help of Sankaracharya and sudhansu Dwibedi to know authentic facts.
Sir Chanakya was wonderful person who esblished Maurya empires Chandragupta Bindusara and Ashoka. He wrote Arthashastra. Like Chandragupta in the end 92 age left food and water.
Devata bhi nahin kiya. Rision ki hrudaya ke sphuran hua ved ka mantra. Isiliye ved ke rision ko mantra drasta kehte the. Khan Sir ko isi visaya mein thoda gyan kam hai. Aise aap achhe sastra ka vakhya karte hain, hum sunte hain, achha lagta hai. Dhanyabad.
आज से ढाई हजार साल पहले भगवान बुद्ध और महावीर हो गए थे और उनसे पहले उनकी तीर्थंकर हुए थे 24 जब 1915 में खुदाई हुई तो पूरे भारत में जमीन के नीचे बुद्ध मिले चारों तरफ अशोक के शिलालेख मिले जिसमें कहीं भी हिंदू धर्म वैदिक धर्म सनातन धर्म का उल्लेख नहीं था बौद्ध धर्म की 80 से ज्यादा यूनिवर्सिटी मिली है पूरे भारत में , और यह धर्म जापान तक फैल गया था , जबकि हिंदू धर्म का एक गुरुकुल भी नहीं मिला है और ना ही उसकी कोई ईट मिली है 😂 वैदिक धर्म के सारे के सारे ग्रंथ संस्कृत में देवनागरी लिपि में लिखे गए हैं परंतु वर्तमान खोज में यह सिद्ध हो गया है कि संस्कृत पाली और प्राकृत से बनी है और देवनागरी लिपि धम्म लिपि जिसे ब्राह्मी लिपि का नाम दिया गया है से बनी हुई है,,,, धम्म लिपि में कोई भी संस्कृत में लिखा हुआ लेख नहीं मिल रहा है 😂 क्योंकि भारत का ब्राह्मणी करण आठवीं सदी से शुरू हुआ था , इन्होंने बौद्ध धर्म की जातक कथाओं से रामायण महाभारत को कॉपी किया और उसको बढ़ा चढ़ाकर ब्राह्मनी करण , ब्राह्मणों के सारे ग्रंथ अश्लीलता से भरे हुए हैं वेदों में तो 35% लोगों का इंद्र पर लिखे हुए हैं जो कि बलात्कारी है और साथ ही साथ उसको सांड की बलि दिए जाने का प्रावधान है यह लोग पारसियों की तरह अग्नि की पूजा करते थे तैमूर लंग के समय खुद ब्राह्मणों ने माना कि हम विदेशी है और अग्नि पूजा करते हैं उपनिषद से लगाकर सारे ग्रंथ इनके भेद भाव से भरे हुए और ब्राह्मण को श्रेष्ठ बताते हुए बाकी सब को तुच्छ सिद्ध करते हुए नारी का शोषण करते हुए अश्लीलता से भरे हुए हैं वेदों की मिलावट की बात करते हैं परंतु वेदों के ओरिजिनल भाष्य से भी देख ले तो उसमें भी अश्लीलता नारी शोषण और भेदभाव भरा हुआ है , खुद ब्रह्मा अपनी बेटी सरस्वती का बलात्कार करता है और उसी से शादी भी करता है 😂,,, यही सेम कहानी अब्राहम और सारा की है 😂,,, भारत का गोल्डन समय तो बौद्ध धर्म का था यह कचरा धर्म कभी भी भारत का महान समय नहीं हो सकता चंद्रगुप्त से पहले महावीर के समय 8 से ज्यादा नास्तिक धर्म मौजूद थे पर किसी में भी ब्राह्मण का इतिहास नहीं है और आज ब्राह्मण अपना इतिहास भी बोद्ध धर्म में ही देख रहे है और ढूंढ रहे हैं मतलब उनका कोई स्वतंत्र अस्तित्व ही नहीं था अब मेसोपोटामिया की सभ्यता मिल गई सिंधु घाटी सभ्यता मिल गई सब कुछ मिल गया पर इन लोगों का कुछ नहीं मिला😂 जब अकबर ने अशोक के शिलालेख को पढ़ाने के लिए ब्रह्मणों को बुलाया तो वे उसे पढ़ ही नहीं पाए 😂 , ना सिंधु घाटी सभ्यता की लिपि पढ़ पाए और अपने आप को सनातन कहते हैं 😂 यह सनातन शब्द भी बुद्ध के एसौ धम्मो सनंतानो से लिया गया है 😂 मूर्तिकला भी जैन और बौद्ध धर्म में मिली है जबकि वेदों में तो मूर्ति पूजा थी ही नहीं और बाद में ही बौद्ध धर्म की तारादेवी को काली देवी बनाया गया जैन और बौद्ध मंदिरों को कब्जा करके उसे हिंदू मंदिर में बदला गया , आठवीं सदी में शंकराचार्य की द्वारा जो खुद प्रच्छन्न बुद्ध था उसके द्वारा इस काल्पनिक धर्म की नींव रखी गई😂 यहां तक कि गणेश जी भी बोद्ध धर्म से थे जिसे एलीफेंट बुद्धा कहा जाता है जिसकी जापान में भी मूर्तियां है , उसको भी कॉपी किया जिसको भी प्रॉब्लम हो , जो सनातन धर्म के प्राचीन होने के सबूत देना चाहता है वह Science journy चैनल देखे और Rational world पर डिबेट के लिए आ सकता है😁
तुम्हारे बेवकूफ सवालों के जवाब देने नही बैठा सनातन को जान हर प्रश्न का उत्तर है उसमे चारो वेदों और 18 पुराण में वो भी लिखा है जितनी तुम्हारी सोच नही है और जहा तक वैज्ञानिक भी नही पहुंच पाए🔱🚩🚩🚩
इसको ये पूछ मोहमद से पहले मुस्लामानो का कोन सा धर्म मजहब था ईशा मशीय से पहले कोन ईशायी था शंकराचार्य से पहले कोन सा हिंदू था नानक से पहले कोन सिख था कुरान को आए हुए 1400 बर्ष हुए है वेद को आए हुए इतने साल हो गए 1,9,6,08,53,121 ये बता जब कुरान 1400 बर्ष पहले नही था तो मुस्लमान क्या पड़ते थे क्या मानते थे हम तेरे भी बाप है तेरी भी date of birth बता denge जीव हमारी जाती है मानव धर्म हमारा हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई धर्म नही कोई न्यारा एक मालिक के बच्चे है सभी😊
Khan Sir, your teaching style is unique because you use comedy to explain....! Hinduism in India developed from the amalgamation of cultures, especially the Aryan and Dravidian cultures. The development of the Aryan and Dravidian cultures was significantly influenced by the climate. Due to the difference in climate between Northern and Southern India, their cultures also developed differently. Northern India experiences both cold and hot climates, while Southern India has a maritime climate. As a result, the Aryan culture in Northern India and the Dravidian culture in Southern India underwent different types of changes. However, both the Aryan and Dravidian cultures are followers of Hindu (Sanatan) religion. The exchange of culture, religion, and lifestyle between them has contributed to the uniqueness and diversity of Indian culture. The contact and exchange between the Aryan and Dravidian cultures played a significant role in the development of Indian culture. The cultural contacts between these two cultures resulted in a unique culture that includes elements from both. This is the result of the unique confluence of both cultures, which has given Indian culture its uniqueness and diversity. According to you, both Aryans and Dravidians have made an unprecedented contribution to Hindu or Sanatan Dharma, and this is clearly visible in ancient temples and art forms. Not only that, Hindu (Sanatan) Dharma has also received a lot of respect outside India, the evidence of which is also seen in those countries. And recent investigations have also revealed that the Aryans also belonged to India (India), they did not come from outside. The Vedas are the highest and supreme religious scriptures of Hinduism. There are four main branches of the Vedas. The use and usefulness of the Vedas in simple words: - Rigveda: This is the first Veda which is poetic. It contains 1028 hymns in 10 mandalas (chapters) which have 11 thousand mantras. This Veda has 5 branches - Shakalp, Vaskal, Ashwalayan, Shankhayan, Mandukayan. It describes the prayers of the gods, their praises, and their status in the heavenly world. It also provides information on water treatment, air treatment, solar treatment, mental treatment, and treatment by sacrifice. - Yajurveda: It contains the rituals of sacrifice and the mantras used in sacrifices. This Veda provides knowledge about religion and salvation. This Veda contains the rituals of sacrifice and the mantras used in sacrifices. This Veda is prose. This Veda has two branches, Shukla and Krishna. The Yajurveda describes the element of knowledge in addition to sacrifice. - Samaveda: The main subject of this Veda is worship. It contains 1875 musical mantras for singing in music. This Veda provides knowledge about work, i.e., fulfilling desires. - Atharvaveda: It contains 5977 poetic mantras for qualities, religion, health, and sacrifice. This Veda provides knowledge about wealth, i.e., the attainment of wealth. There are also sub-Vedas of the Vedas: Ayurveda of Rigveda, Dhanurveda of Yajurveda, Gandharvaveda of Samaveda, and Sthapatyaveda of Atharvaveda. These sub-Vedas cover special areas of knowledge, such as medicine, archery (archery), music, and architecture (Vastu Shastra). The knowledge of the Vedas was told to the sages by God. Hearing this knowledge, the sages passed it on from time to time. The Vedas are an inexhaustible storehouse of ancient knowledge and science. It contains the solution to every problem of man. The Vedas are full of knowledge related to Brahma (God), deities, universe, astrology, mathematics, chemistry, medicine, nature, astronomy, geography, religious rules, history, customs, etc., almost all subjects.
@@Amitagupta7 आज से ढाई हजार साल पहले भगवान बुद्ध और महावीर हो गए थे और उनसे पहले उनकी तीर्थंकर हुए थे 24 जब 1915 में खुदाई हुई तो पूरे भारत में जमीन के नीचे बुद्ध मिले चारों तरफ अशोक के शिलालेख मिले जिसमें कहीं भी हिंदू धर्म वैदिक धर्म सनातन धर्म का उल्लेख नहीं था बौद्ध धर्म की 80 से ज्यादा यूनिवर्सिटी मिली है पूरे भारत में , और यह धर्म जापान तक फैल गया था , जबकि हिंदू धर्म का एक गुरुकुल भी नहीं मिला है और ना ही उसकी कोई ईट मिली है 😂 वैदिक धर्म के सारे के सारे ग्रंथ संस्कृत में देवनागरी लिपि में लिखे गए हैं परंतु वर्तमान खोज में यह सिद्ध हो गया है कि संस्कृत पाली और प्राकृत से बनी है और देवनागरी लिपि धम्म लिपि जिसे ब्राह्मी लिपि का नाम दिया गया है से बनी हुई है,,,, धम्म लिपि में कोई भी संस्कृत में लिखा हुआ लेख नहीं मिल रहा है 😂 क्योंकि भारत का ब्राह्मणी करण आठवीं सदी से शुरू हुआ था , इन्होंने बौद्ध धर्म की जातक कथाओं से रामायण महाभारत को कॉपी किया और उसको बढ़ा चढ़ाकर ब्राह्मनी करण , ब्राह्मणों के सारे ग्रंथ अश्लीलता से भरे हुए हैं वेदों में तो 35% लोगों का इंद्र पर लिखे हुए हैं जो कि बलात्कारी है और साथ ही साथ उसको सांड की बलि दिए जाने का प्रावधान है यह लोग पारसियों की तरह अग्नि की पूजा करते थे तैमूर लंग के समय खुद ब्राह्मणों ने माना कि हम विदेशी है और अग्नि पूजा करते हैं उपनिषद से लगाकर सारे ग्रंथ इनके भेद भाव से भरे हुए और ब्राह्मण को श्रेष्ठ बताते हुए बाकी सब को तुच्छ सिद्ध करते हुए नारी का शोषण करते हुए अश्लीलता से भरे हुए हैं वेदों की मिलावट की बात करते हैं परंतु वेदों के ओरिजिनल भाष्य से भी देख ले तो उसमें भी अश्लीलता नारी शोषण और भेदभाव भरा हुआ है , खुद ब्रह्मा अपनी बेटी सरस्वती का बलात्कार करता है और उसी से शादी भी करता है 😂,,, यही सेम कहानी अब्राहम और सारा की है 😂,,, भारत का गोल्डन समय तो बौद्ध धर्म का था यह कचरा धर्म कभी भी भारत का महान समय नहीं हो सकता चंद्रगुप्त से पहले महावीर के समय 8 से ज्यादा नास्तिक धर्म मौजूद थे पर किसी में भी ब्राह्मण का इतिहास नहीं है और आज ब्राह्मण अपना इतिहास भी बोद्ध धर्म में ही देख रहे है और ढूंढ रहे हैं मतलब उनका कोई स्वतंत्र अस्तित्व ही नहीं था अब मेसोपोटामिया की सभ्यता मिल गई सिंधु घाटी सभ्यता मिल गई सब कुछ मिल गया पर इन लोगों का कुछ नहीं मिला😂 जब अकबर ने अशोक के शिलालेख को पढ़ाने के लिए ब्रह्मणों को बुलाया तो वे उसे पढ़ ही नहीं पाए 😂 , ना सिंधु घाटी सभ्यता की लिपि पढ़ पाए और अपने आप को सनातन कहते हैं 😂 यह सनातन शब्द भी बुद्ध के एसौ धम्मो सनंतानो से लिया गया है 😂 मूर्तिकला भी जैन और बौद्ध धर्म में मिली है जबकि वेदों में तो मूर्ति पूजा थी ही नहीं और बाद में ही बौद्ध धर्म की तारादेवी को काली देवी बनाया गया जैन और बौद्ध मंदिरों को कब्जा करके उसे हिंदू मंदिर में बदला गया , आठवीं सदी में शंकराचार्य की द्वारा जो खुद प्रच्छन्न बुद्ध था उसके द्वारा इस काल्पनिक धर्म की नींव रखी गई😂 यहां तक कि गणेश जी भी बोद्ध धर्म से थे जिसे एलीफेंट बुद्धा कहा जाता है जिसकी जापान में भी मूर्तियां है , उसको भी कॉपी किया जिसको भी प्रॉब्लम हो , जो सनातन धर्म के प्राचीन होने के सबूत देना चाहता है वह Science journy चैनल देखे और Rational world पर डिबेट के लिए आ सकता है😁
पोथी पढ़-पढ़ जग मुआ पंडित भया न कोय, ढाई आखर सत्य और प्रेम का, पढ़े सो पंडित होय। सच्चा ज्ञान और अच्छा काम हीं ग्रंथों का सार है, बाकी सब मिलावट का संसार है। सच्चा धर्म सबके लिए एक है ,नकली धर्म अनेक है । सत्य के बिना धर्म नही तथा शांति और प्रेम के बिना कर्म नही ।
कलयुग me kiska aotaar hoga mujhe nahi pta kyo ki aotaar vaad par mujhe भरोसा नहीं मै पुरुषार्थ वाद पर भरोसा करता हूं महान भगवान और शैतान इंसान तो अपने कर्मो के अनुसार बनता है जय हिन्द सर
@@v.king12इसको ये पूछ मोहमद से पहले मुस्लामानो का कोन सा धर्म मजहब था ईशा मशीय से पहले कोन ईशायी था शंकराचार्य से पहले कोन सा हिंदू था नानक से पहले कोन सिख था कुरान को आए हुए 1400 बर्ष हुए है वेद को आए हुए इतने साल हो गए 1,9,6,08,53,121 ये बता जब कुरान 1400 बर्ष पहले नही था तो मुस्लमान क्या पड़ते थे क्या मानते थे हम तेरे भी बाप है तेरी भी date of birth बता denge जीव हमारी जाती है मानव धर्म हमारा हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई धर्म नही कोई न्यारा एक मालिक के बच्चे है सभी
वेद ब्रह्मा से मुख से निकला है, उनके चार शिष्य थे इसीलिए वेद को चार भाग में बांटा है, ऊपर ऊपर का ज्ञान कभी ज्यादा नुकशान करता है, थोड़ा और पढ़ो तो पता चल जाएगा।
Nhi Ved apurushey hai Puran me jiss ved ka baat kiya jata hai wo holy scripture ved nhi blki knowledge ka baat hota hai Ved apurushey hai aur unko kisike through likh nhi gya aur bola nhi gya
Bewakoof Aaisa nhi hai Bolne se pahle thoda info collect kr lena chahiye Ved apurushey hai Unko kisi ne invent nhi kiya Discover kiya Isaliye jo discover krta hai usi mantradrashta lahte haj6 Drashta- dekhne wala Discoverer Jb rishi muni gahri sadhna me baithte hai to unko jo awaj jo knowledge attain hota hai Unko wo mantra me likhte hai That is ved
During the period of Ramayana, the vedas existed in the form of sruthi and smrithi and were passed down generations after generation by the sages. They must have been constantly added or redacted by the sages depending upon the need of the age. Kayi years tak ved oral , verbal form me transfer kiye jate the , uske baad ye written form me aye ! And the other thing is Vedic period was the most good period of time us samay sati pratha jaisi cheez exist nahi karti thi , females bhi Education leti thi Ashram and Female Gurukuls se jaha unhe Bramhavedini sikha deti thi , Ved me 22 se bhi jayda female scholars ki baat ki gayi hai jinme se kuchh ne ved ke Kai hyms bhi likhe hai ,.... please don't spread wrong information!!
Bhai varna pratha to kisi God ne shuru nahi ki hogi Kyuki aaj bhi mai logo ko dekhta hu to mujhe yahi samajh aaya ki varna lookism par depend karti thi Sare gore log uche varna ke aur jo garib aur color me dark hai wo Sare nichle varna ke How?
Khan Khan sar aap galat bol rahe ho hamare Desh mein sati pratha hamesha se nahin thi iska example bhi mein de raha hun Raja Dashrath ke marne ke bad Ram ki Mata sati sati nahin Hui Arjun ke pita ke marne ke bad Mata Kunti sati nahin Hui
उदीर्ष्व नार्यभि जीवलोकं गतासुमेतमुप शेष एहि । हस्तग्राभस्य दिधिषोस्तवेदं पत्युर्जनित्वमभि सं बभूथ॥८॥ हे मृतक पत्नी ! आपके पति मृत्यु को प्राप्त कर चुके हैं। इन्हें छोड़कर आप अपने पुत्रादि और घर-परिवार पर विचार करती हुई उठे । आप अपने पति के साथ सन्तानोत्पादन आदि स्त्री- कर्तव्य का निर्वाह कर चुकी हैं, अत: घर लौट चलें॥८॥
Dharma 2 hai.. 1 which snatches your power to question which khan sir is referring to.. 2. Which gives you liberty to ask question even about your existence and it will revert back in the best way possible.. start reading religion and not just your religion, read all religions and you will realise what Dharma can do to change your life.
@@musafir123 hai sale Or earth chapti hai tumhre dimah ki trha Or jannat m daru plus gf free enjoy like a boy🤣😆 piye jaa jiye jaa sala zmeen m kya km h jo uper pub hai or gandu mene to kisi dhrum ka naam hi nhi liye 😆😆eska MTLv Trko bhi lgta hai ki पंचतंत्र 🤣🤣 ki kahani
No, No No.. Completely disagree with you Khan sir. Sati started since 1500 years in a limited place, a curse for society, it stayed for almost 200 years. Removed by Raja Ram Mohan Roy when his sister-in-law was being sati 1700 around. In India Hinduism, Sanatanism was giving flexibility to women. After the Muslim invasion, things were getting changed.
Ved shrusthi ke armbh me Mila jab mobile liya to digdarshika sath me mili Vaise hi jab shrusthi bani to uski digdarshika sathame hi mili Tab manav ne sab Gyan Paya.
वेद की तुलना संसार किसी और पुस्तक नही की जा सकती। ❤
❤❤ Ye sachhe sanatni ki nishani hai ved
True❤❤❤❤
ऐसा क्या है वेदों में??
घटिया किताबों मे से एक है जिसमे कल्पना मांसाहार और व्यभिचार भरा है। कहिए तो कुछ मंत्र दिखाए??
Ved Brahmins Granth hai jo Brahmins jatiwad felaneke liye banaye the
@@mangeshkumarman4144to khan sir support kyo kiye
Bilkul galat hai aap sanatan samiksha par bat kar lijiye jaiye par jayada boliye mat nhi to sab nastikta gand me dal denge@@mangeshkumarman4144
वेद महान ग्रंथ है। वेदों की सही व्याख्या करने के लिए इनका अध्ययन जरूरी है।
धर्म और मजहब में बहुत अंतर है भाई साहब।
जरा धर्म और मजहब समझाए??
आपके धर्म का नाम और मजहब का नाम क्या है
😂 chu
धर्म मानवता का है,,, मजहब का ईसांनियत से कोई भी संबंध नही है
@@BharatManglam धर्म क्या है और मजहब क्या है??
@@mangeshkumarman4144दूसरों की भलाई करना
या दूसरों की मदत करने को हीं धर्म कहते हैं
धर्म कभी बुरा नहीं होता
इसीलिए अच्छे लोगों का हीं धर्म होता है
जो लोग हिंसा और मतलब के रास्ते पर चलते हैं
उन्हें बुरे लोग कहा जाता है
और धर्म बुरे लोगों का नहीं होता
बुरे लोगों का महजब होता है !
सनातन धर्म का सत्य रहित ज्ञान है आपको जनाब खान साहब ।
Sanatan dharm jhuta hai
❌सत्य रहित❌✅सत्य सहित ✅
वेद पर ज्ञान के लिए, किसी गुरु के शरण में जाना चाहिए..!!
@@raghunathjha6863 आप खुद ऋग्वेद के 1/62 /...
मंत्रो को पढ़िए मांस पकाने की बात क्यों की जा रही है
@@mangeshkumarman4144achcha Bhai jara us mantra ko likhana kon sa mantra hai or kaha mas pakane ki baat hai usme
वेद और कुरान में तुलना हो ही नहीं सकता।
इसको ये पूछ मोहमद से पहले मुस्लामानो
का कोन सा धर्म मजहब था
ईशा मशीय से पहले कोन ईशायी था
शंकराचार्य से पहले कोन सा हिंदू था
नानक से पहले कोन सिख था
कुरान को आए हुए 1400 बर्ष हुए है
वेद को आए हुए इतने साल हो गए 1,9,6,08,53,121
ये बता जब कुरान 1400 बर्ष पहले नही था तो मुस्लमान क्या पड़ते थे क्या मानते थे
हम तेरे भी बाप है तेरी भी date of birth बता denge
जीव हमारी जाती है मानव धर्म हमारा हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई धर्म नही कोई न्यारा एक मालिक के बच्चे है सभी
निसंदेह वेदों और कुरान में तुलना नहीं हो सकती
Right
@@teligram8😂😂😂😂achi comedy kar lete ho...
@@ambujsingh3219 Comedy nahi karte ..
Jab aapko pata na ho toh bolna nahi chahiye ..
सती प्रथा मुगल काल में आया
खान सर अभी आपको और रिसर्च की जरूरत है 🙏🙏🙏
Aisa nhi h sati pratha bharat me mughals ke aane se pehle se thi , sati pratha aaj se 1500 saal pehle se forced form me chal rhi thi. Kyuki treta aur dwapar Yugo me vidhva stree ki marzi hoti thi ki veh sati hona chahti h ya nhi ..
Edit : Sanatan Dharma me sati ki koi vyaakhya nhi h ..
Sati Pratha Mughal Kal Se Pehle Se Hi Thi Karib Karib 700 Sal Se 1850 Sal Tak Chala Tha Uske Bad Raja Rammohan Ray Ne Iss Pratha Ko Bandh Kiya Tha.
रिसर्च करने की जरूरत तो आपको है क्योंकि खान सर बिल्कुल सही बोल रहे हैं।। सती प्रथा केवल हिंदू धर्म की प्रथा है।। बाकी किसी भी धर्म में इस प्रथा का कोई भी उल्लेख नहीं किया गया है।। और वैसे भी सबसे पहले मां दुर्गा सती हुई थी।। और आपको इतना तो पता ही होगा की मां दुर्गा को हिंदू धर्म में मानते हैं।। और मां दुर्गा के बारे में वेदों में संक्षिप्त में विवरण दिया गया है।। पहले वेदों को पढ़ फिर बताना यह प्रथा मुगलों ने बनाई थी या हिन्दूओ ने।। अगर सती प्रथा मुगलों ने बनाई होती तो आज यह मुस्लिम धर्म में होती ना कि हिन्दू धर्म में।। वेदों की रचना इंसानों की थी इसलिए इन पर आज इतने सवाल उठ रहे हैं।। क्योंकि अगर भगवान ने इन वेदों की रचना की होती तो आज इन पर कोई सवाल नही उठाता।। दुनिया में कोई भी धर्म हो और कितना भी बढ़ा हो उस धर्म की स्थापना इंसानों द्वारा हुई है।।
Mugal to musalman the or wo pirtha hindusam mai thi
क्यों न तुम्ही रिसर्च कर देते 😂😂😂😂
जिस भारत में आजादी के बाद सिर्फ 75 साल में इतना इतिहास बदल जा सकता है तो उस देश में मुगलों द्वारा 800 साल और अंग्रेजों के 200 साल के अंदर देश का कितना इतिहास बदलने की कोशिश की गई होगी परंतु फिर भी आज भी वेद सही है यह बात किसी से छुपी नहीं है🎉🎉
सत्य से ही वेद की रचना होती है अब ये नहीं पूछना की ये सत्य कहां से आता है । ओम नमः शिवाय जय श्रीराम जय हनुमान जी जय श्री कृष्णा
सती प्रथा पूर्व काल मे नहीं थी!
यदि होती तो श्रीराम के पिताजी दशरथ के मरने के बाद उनकी किसी भी पत्नियों ने सती की आग मे नहीं जली!
हा
28 rishikao ne Sukta likha ved ka aur Ved me mahila ka samman nhi tha?
Kiss religion me religion book ko aurat likhi hai Hinduism chor ke
Yaha to Aurat par hi book hai
DeviBhagwat aur na jane kitne
@@aa-in2ivaree mere maha gyani baba
Kaha the aap abhi tk?
@@aa-in2iv kaha pe sati pratha likha he ved se pahle aur ved mein kripya pramaan dete to achha lagta
कब लिखा गया है राम की कहानी????
सती प्रथा जैसी कुप्रथा भारत में कभी नहीं चली यह सारा षड्यंत्र के तहत हुआ था।
यदि रहा भी था तो रिफार्म भी हुआ ....
पर मानवता के खिलाफ जो आसमानी बुक है वो रिफार्म होना चाहिए
Aur jati pratha
@@KUSUMLATA-is9zh जाति मतलब क्या होता है इसका तो उल्लेख ही नहीं है
@@KUSUMLATA-is9zhjaati Mughalo ne banai unhone varm vyawastha ko jaati pratha bana Diya aur brits ne caste system introduce Kiya
वेदों को समझना और समझाना आप के बस की बात नहीं है; आप बच्चों को प्रतियोगिता की हीं तैयारी कराने वाले शिक्षक हैं बस वहीं तक हीं ठीक है।
कहां जी रहे हो ढोंगी जी
इतना ही नही पता वेदों का कितना भाष्य हो चुका कई भाषा में। वेदों में व्यभिचार मांसाहार खूब भरा पड़ा पढ़ो पहले यजुर्वेद ऋग्वेद
यह सारा संसार एक और मात्र एक ईश्वर से पूर्णतः आच्छादित और नियंत्रित है । इसलिए कभी भी अन्याय से किसी के धन की प्राप्ति की इच्छा नहीं करनी चाहिए अपितु न्यायपूर्ण आचरण के द्वारा ईश्वर के आनंद को भोगना चाहिए । आखिर वही सब सुखों का देने वाला है ।यजुर्वेद 40.1
ऋग्वेद 10.48.1
एक मात्र ईश्वर ही सर्वव्यापक और सारे संसार का नियंता है । वही सब विजयों का दाता और सारे संसार का मूल कारण है । सब जीवों को ईश्वर को ऐसे ही पुकारना चाहिए जैसे एक बच्चा अपने पिता को पुकारता है । वही एक मात्र सब जीवों का पालन पोषण करता और सब सुखों का देने वाला है ।
ऋग्वेद 10.48.5
ईश्वर सारे संसार का प्रकाशक है । वह कभी पराजित नहीं होता और न ही कभी मृत्यु को प्राप्त होता है । वह संसार का बनाने वाला है । सभी जीवों को ज्ञान प्राप्ति के लिए तथा उसके अनुसार कर्म करके सुख की प्राप्ति के लिए प्रयत्न करना चाहिए । उन्हें ईश्वर की मित्रता से कभी अलग नहीं होना चाहिए ।
ऋग्वेद 10.49.1
केवल एक ईश्वर ही सत्य की प्राप्ति के लिए प्रयत्न करने वालों को सत्य ज्ञान का देने वाला है । वही ज्ञान की वृद्धि करने वाला और धार्मिक मनुष्यों को श्रेष्ठ कार्यों में प्रवृत्त करने वाला है । वही एकमात्र इस सारे संसार का रचयिता और नियंता है । इसलिए कभी भी उस एक ईश्वर को छोड़कर और किसी की भी उपासना नहीं करनी चाहिए ।
यजुर्वेद 13.4
सारे संसार का एक और मात्र एक ही निर्माता और नियंता है । एक वही पृथ्वी, आकाश और सूर्यादि लोकों का धारण करने वाला है । वह स्वयं सुखस्वरूप है । एक मात्र वही हमारे लिए उपासनीय है ।
अथर्ववेद 13.4.16-21
वह न दो हैं, न ही तीन, न ही चार, न ही पाँच, न ही छः, न ही सात, न ही आठ, न ही नौ , और न ही दस हैं । इसके विपरीत वह सिर्फ और सिर्फ एक ही है । उसके सिवाय और कोई ईश्वर नहीं है । सब देवता उसमे निवास करते हैं और उसी से नियंत्रित होते हैं । इसलिए केवल उसी की उपासना करनी चाहिए और किसी की नहीं ।
अथर्ववेद 10.7.38
han sirf Brahmano ka kaam he - Ved le ke nacho nachaniya
@@sameersameer3279that god is lord shiva he is one without a second
@@Srinivasan34-y3h kahe ka god apne putra ko pahchan nahi paya gardan udhadi uper se hathi ko markar uski khopdi ganesh per laga di shiva ishwar nahi kal panic hai ishwar nirankar hai na koi uska beta na baap wo annant kal se hai wed padh waha ye kal panic bhagwan nahi milenge 😊
वेद में ही साइंस निहित है। जो सत है वही सनातन है। और आप इस पर तर्क भी कर सकते हैं।
😂
Usi se comment kar do
Ved gyan se bhara hua hai duniya ki koi bhi book ya koi bhi gyan ved se takkar nahi le sakta💖
जहा ं पूरे विश्व मे कही ं भी सरवोच्च किताबो पर कोई प्रश्न नही कर सकता, वहीं हमारी वैदिक सँस्कृति में निरंतर शास्त्रार्थ से ही हमारा ज्ञान पल्लवित पुष्पित हुआ, धन्य ह ूँ प्रभु जो मुझ े सनातन कुल मे ं जन्म दिया
कुरान और वेद मे कोई तुलना नहीं है...
इतने सारे like के liye धन्यवाद
तुलना है भाई कुरान चुतीयप्पा
Satya
Puran ko copy kar kuran banaya gaya
"'वेद "......अल्लाह और 😂और कुरान दोनों का पिता है
Acha beta sharm ani chahiye
सती प्रथा का उल्लेख वेद में नही है, और ये प्रथा बाबर अकबर के काल से चला आ कर 1800 ईस्वी में समाप्त हुआ है। ये प्रथा हिंदुओं के धर्म का हिस्सा नहीं है। जैसे की दहेज। ये सामाजिक प्रथा है। ये धर्म का हिस्सा नहीं है और न ही वेद में इसका उल्लेख है।
Babar ki den thi toh koi muslim kyu nhi sati प्रथा ki
Jinki phele se hi kati hui hai jinki aurten halllala ke e naaam par sasur ke sath so jaati hai unka koi kya karega modi jiii😅
@@ashishkumar-eg5oe aa gye gali galauj pe उचित जबाब h tumahre pass
@@modi3973 modi sahab aap to hindu hai na ye baat meri unke liye jinki chunni kaati jaati hai unke kin yahi hota hai
@@modi3973 सती प्रथा सनातन धर्म में नहीं है ....सति प्रथा इस्लिए हुई इसका उदाहरणaap इजराइल में औरतों के हाल से कश्मीर पंडितों के हाल को देख सकते हैं...ab samj lo phele kya hota hoga
मियां उस युग में सती प्रथा नहीं थी अगर होती तो राजा दशरथ सारी राशियां सती हो 😢जाती ।बाली ,रआबण,की भी पत्नियां भी सती नहीं हुई।
Sir Meghnath ki patni ka kya hua tha?
सती प्रथा कब आई और चली क्यों इतने साल? कभी सोचा है?
रामायण मे दशरथ की तीनो पत्नी सती नहीं हुई महाभारत मे शान्तनु की दोनो पत्नी सती नहीं हुई अभिमन्यु की पत्नी उतरा सती नहीं हुई कुन्ती सती नहीं हुई ,धृतराष्ट्र की माँ पाडव की माँ सती नहीं हुई ,, बहुत बाद मे लक्ष्मी बाई सती नहीं हुई
Bhai m bhi yhi baat khena chati hu ....in logo ko kuch pta nhi h faltu m Gyaaan baat rhe h .....lgta h pgla gy h Khan sir 😂😂😂😂 ........humare VED ko Asmani kitaabo se jod rhe h
Sulochana.to sati hoye thi ramayan me
आपकी बात तो ठीक है पर यहाँ पर कुछ सुधार की आवश्यकता है:
1) अभिमन्यु की पत्नी उत्तरा सती होना चाहती थी किँतु वह गर्भवती थी तो उन्हें ऐसा नहीं करने दिया गया यह अधर्म होता ।
2) कुंती माता भी सती होना चाहती थीं पर माद्री ने ऐसा करने से उन्हें रोका और कहा आपको बालकों का पालन करना चाहिये ।
दरसल सती होने का अधिकार केवल उन्हीं स्त्रियों को होता था जो पति को अपना परमेश्वर मानती थी, गर्भवती न हों, दूध पीता बालक न हो, जिसने एक बार भी पति में दोष न देखा हो, जिसने पति से एक बार भी असत्य न कहा हो, जिसने कभी पति की आज्ञा का उल्लंघन न किया हो, अर्थात वो अपने पति को ही ईश्वर मानकर पूर्णतः समर्पित हो । मानवों और कलियुग में क्या ऐसा तो सतयुग और देवताओं में भी दुर्लभ है इसलिए पुराणों में दो या तीन स्त्रियाँ ही सती हुई हैं।
प्रक्षेप (मिलावट) हुआ, मध्यकाल और अंग्रेजों के समय वामपंथियों ने मिलावट की।
सती प्रथा भारत में कभी नहीं थी।
मध्यकाल में मुसलमानों के कारण आयी।
Sati ka अर्थ पति ke sath jalkar marna nahi hota है अर्थ ka Anarth mat करो sat purush ka istri ling sati mahila hota जैसे बीर ka beersngna kavi ka kaviyatri istri long hota hai baise hee sat purush ka istri ling hai sati mahila hai chakkar me mat pado
हिंदू धर्म में सती प्रथा जैसी कोई कु प्रथा नहीं थी और स्त्री यो को भी शिक्षण और वेद अभ्यास का पूर्ण अधिकार था 🙏
Kab tha ye mahan pal?
जब knowledge न हो तो चर्चा न करें, वेदों की तुलना न करें, सती प्रथा मुगल आने के बाद शुरू हुआ
उस समय स्त्रीया ज्ञान अर्जन करती थी, वाद विवाद करती थी, शस्त्र चलाती थी, शासन चलाती थी । गार्गी, मैत्रेयी, कैकेयी, माद्री, कुंती ऐसे अनेक उदाहरण हैं ।
सती प्रथा तो इसवी सन के बाद में शुरू हुई । वो विवशता से शुरू हुई हैं ।
Kyoki bahari muslman jo hawas k pujari te ..angrej te ...wo ladkia ut le jte te
जलांधर की पत्नी वृंदा किस ईस्वी की थीं?
@@jitendrabhardwaj8688 👍🏼
Correct✅
@@jitendrabhardwaj8688 yani ki aap ka kehna hai ki vedic age mein satipratha thi. Khan sir bhramak jankari de rahe hai..
सिर्फ़ एक ही धर्म है जिस्मे भगवान बुद्ध स्वयं ने कहा है की प्रश्न करो, जाँच करो, जैसे सोनार सोने को जिस तरह जाँच करता है चिर फाड़, गलाके असली सोना है या नक्सली पता लगाता है उसी तरह बुद्ध ने कहा हुवा वचन को भी तब तक जाँच करो जब तक सत्य तथ्य प्रकट ना हो,
खान सर सती प्रथा वेद काल में नहीं थी। पूर्व के इतिहास को देखे महर्सी यागवल्यक काल आदि में कई महिला विद्वानों का वर्णन मिलता है। शंकराचार्य काल में भी भारती मंडन का वर्णन मिलता है लेकिन इस्लाम धर्म आदि में कहीं कोई महिलाओं का वर्णन नहीं।
ये कुछ ज्यादा बोल जाता है
Sati pratha ishlam jb bhart me aya q ki ye log jinke pati ni rhte the unko rakhail bna lete the isi se bachne ke liye log atmdah kr lete the agar phle aisa hota to kaikeyi kaushilya aur kunti q ni sati hui.
@@कौशल्यादेवी-ज7घ आज से ढाई हजार साल पहले भगवान बुद्ध और महावीर हो गए थे और उनसे पहले उनकी तीर्थंकर हुए थे 24
जब 1915 में खुदाई हुई तो पूरे भारत में जमीन के नीचे बुद्ध मिले चारों तरफ अशोक के शिलालेख मिले जिसमें कहीं भी हिंदू धर्म वैदिक धर्म सनातन धर्म का उल्लेख नहीं था
बौद्ध धर्म की 80 से ज्यादा यूनिवर्सिटी मिली है पूरे भारत में , और यह धर्म जापान तक फैल गया था , जबकि हिंदू धर्म का एक गुरुकुल भी नहीं मिला है और ना ही उसकी कोई ईट मिली है 😂
वैदिक धर्म के सारे के सारे ग्रंथ संस्कृत में देवनागरी लिपि में लिखे गए हैं परंतु वर्तमान खोज में यह सिद्ध हो गया है कि संस्कृत पाली और प्राकृत से बनी है और देवनागरी लिपि धम्म लिपि जिसे ब्राह्मी लिपि का नाम दिया गया है से बनी हुई है,,,, धम्म लिपि में कोई भी संस्कृत में लिखा हुआ लेख नहीं मिल रहा है 😂
क्योंकि भारत का ब्राह्मणी करण आठवीं सदी से शुरू हुआ था , इन्होंने बौद्ध धर्म की जातक कथाओं से रामायण महाभारत को कॉपी किया और उसको बढ़ा चढ़ाकर ब्राह्मनी करण ,
ब्राह्मणों के सारे ग्रंथ अश्लीलता से भरे हुए हैं वेदों में तो 35% लोगों का इंद्र पर लिखे हुए हैं जो कि बलात्कारी है और साथ ही साथ उसको सांड की बलि दिए जाने का प्रावधान है यह लोग पारसियों की तरह अग्नि की पूजा करते थे तैमूर लंग के समय खुद ब्राह्मणों ने माना कि हम विदेशी है और अग्नि पूजा करते हैं
उपनिषद से लगाकर सारे ग्रंथ इनके भेद भाव से भरे हुए और ब्राह्मण को श्रेष्ठ बताते हुए बाकी सब को तुच्छ सिद्ध करते हुए नारी का शोषण करते हुए अश्लीलता से भरे हुए हैं
वेदों की मिलावट की बात करते हैं परंतु वेदों के ओरिजिनल भाष्य से भी देख ले तो उसमें भी अश्लीलता नारी शोषण और भेदभाव भरा हुआ है , खुद ब्रह्मा अपनी बेटी सरस्वती का बलात्कार करता है और उसी से शादी भी करता है 😂,,, यही सेम कहानी अब्राहम और सारा की है 😂,,, भारत का गोल्डन समय तो बौद्ध धर्म का था यह कचरा धर्म कभी भी भारत का महान समय नहीं हो सकता
चंद्रगुप्त से पहले महावीर के समय 8 से ज्यादा नास्तिक धर्म मौजूद थे पर किसी में भी ब्राह्मण का इतिहास नहीं है और आज ब्राह्मण अपना इतिहास भी बोद्ध धर्म में ही देख रहे है और ढूंढ रहे हैं मतलब उनका कोई स्वतंत्र अस्तित्व ही नहीं था अब मेसोपोटामिया की सभ्यता मिल गई सिंधु घाटी सभ्यता मिल गई सब कुछ मिल गया पर इन लोगों का कुछ नहीं मिला😂
जब अकबर ने अशोक के शिलालेख को पढ़ाने के लिए ब्रह्मणों को बुलाया तो वे उसे पढ़ ही नहीं पाए 😂 , ना सिंधु घाटी सभ्यता की लिपि पढ़ पाए और अपने आप को सनातन कहते हैं 😂
यह सनातन शब्द भी बुद्ध के एसौ धम्मो सनंतानो से लिया गया है 😂
मूर्तिकला भी जैन और बौद्ध धर्म में मिली है जबकि वेदों में तो मूर्ति पूजा थी ही नहीं और बाद में ही बौद्ध धर्म की तारादेवी को काली देवी बनाया गया जैन और बौद्ध मंदिरों को कब्जा करके उसे हिंदू मंदिर में बदला गया ,
आठवीं सदी में शंकराचार्य की द्वारा जो खुद प्रच्छन्न बुद्ध था उसके द्वारा इस काल्पनिक धर्म की नींव रखी गई😂
यहां तक कि गणेश जी भी बोद्ध धर्म से थे जिसे एलीफेंट बुद्धा कहा जाता है जिसकी जापान में भी मूर्तियां है , उसको भी कॉपी किया
जिसको भी प्रॉब्लम हो , जो सनातन धर्म के प्राचीन होने के सबूत देना चाहता है वह
Science journy चैनल देखे और Rational world पर डिबेट के लिए आ सकता है😁
@@कौशल्यादेवी-ज7घ यह तो ब्राम्हण के आने के बाद आठवीं सदी में शुरू हुई है
@@rajnitripathirajnitripathi1324 अरे मूर्ख किताबें पढ़ पहले भी मौजूद थी सती प्रथा
भारत में पढ़ाये जाने वाले इतिहास में अत्यंत सुधार की जरूरत है।हमारे देश राजाओं महाराजाओ की केवल बुराइयों को गिनाया गया है।जबकि मुगल काल में हिंदुओ पर निर्मम तरीके से कहर ढाया गया हजारों हज़ार साल तक मठ मंदिर भारत की संस्कृति समभ्यता के साथ खेलता रहा।
इसको ये पूछ मोहमद से पहले मुस्लामानो
का कोन सा धर्म मजहब था
ईशा मशीय से पहले कोन ईशायी था
शंकराचार्य से पहले कोन सा हिंदू था
नानक से पहले कोन सिख था
कुरान को आए हुए 1400 बर्ष हुए है
वेद को आए हुए इतने साल हो गए 1,9,6,08,53,121
ये बता जब कुरान 1400 बर्ष पहले नही था तो मुस्लमान क्या पड़ते थे क्या मानते थे
हम तेरे भी बाप है तेरी भी date of birth बता denge
जीव हमारी जाती है मानव धर्म हमारा हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई धर्म नही कोई न्यारा एक मालिक के बच्चे है सभी
Sahi baat hai sirf mugal or akbar k mahan bataya gay balki ithihas mai Hindu raja ka naam nhi jda nahi rahta hai .
❤❤❤❤हमारे देश की वेदोवाली शिक्षा को विद्यालय के पाठ में जोड़ना चाहिए क्योंकि इससे हमारे देश की संस्कृति और मानवता का विकाश होगा?
❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
विद्यालय में भी तो वेद है।वेद शब्द मुलरूप से विद धातु से बना है ।
Hansi aati hai aap jaise soch rakhne walo par
Agar itna hi accha tha ved,puran, ramayan to samvidhan banane ki kya jarurat padi?
कोई अध्यापक यदि तर्कशील वैज्ञानिक विचार रखने वाला न हो वो अपने छात्रों के साथ धोखा करता है। क्योंकि हर छात्र का गुरु मार्ग प्रशस्त करने वाला होता है।
चोर चोरी करेगा
बलात्कारी बलात्कार करेगा
जिहादी जिहाद करेगा
यही सनातनसिद्धान्त है?इसमें कोई लॉजिक नहीं चलती😂
@@arjunpandit245और तनातनी उच्च नीच करेगा😂
इसको ये पूछ मोहमद से पहले मुस्लामानो
का कोन सा धर्म मजहब था
ईशा मशीय से पहले कोन ईशायी था
शंकराचार्य से पहले कोन सा हिंदू था
नानक से पहले कोन सिख था
कुरान को आए हुए 1400 बर्ष हुए है
वेद को आए हुए इतने साल हो गए 1,9,6,08,53,121
ये बता जब कुरान 1400 बर्ष पहले नही था तो मुस्लमान क्या पड़ते थे क्या मानते थे
हम तेरे भी बाप है तेरी भी date of birth बता denge
जीव हमारी जाती है मानव धर्म हमारा हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई धर्म नही कोई न्यारा एक मालिक के बच्चे है सभी
Sanatani unch nich nai karta so called brahmano ne banaya tha or angrejone ise badhaya or Congress ne aagg mai ghee dal diya@@voicesms
वाणी संयम लाइए, बोलने से पहले पुष्ट जानकारी आवश्यक है।अपाला,घोषा,गार्गी पर भी वीडियो बनाइए।
सर जी सती प्रथा के बारे में आप बताते हो अच्छीबात है जो मुसलमान विदेश से आए थे उनके कारण हमारे समाज की महिलाएं जोहर भी करतीथी जैसे पद्मिनी इस जौहर के बारे में भी सर्दी पढ़ना करो
Questions are encouraged in all of Hindu and Vaidic discourses.
First time feeling saddened to listen to Khan sir
Me too 😢
इस विषय में तुम्हारा अन्त्यन्त अधुरा ज्ञान है खान महोदय । शिक्षक यथार्थ शिक्षा दीया करता है न कि भ्रममूलक शिक्षा । भारती आपको भारतवान् बनावे ।
तुम दे दो सही ज्ञान
@@amitarora7448 शिक्षक बन चम्मच नहि अगर गलत है तो गलत बोल
भाई सच क्या है आप ही बतायैं.
@@amitarora7448 इस वीडियो में वेद , सती प्रथा , अशोक , भगवान राम , कलकी सब को एक कालखंड के आस पास मिल कर बताया है । जिससे अधूरा ज्ञान प्रतीत होता है ।
आप भी सत्य को स्वीकार करने का साहस रखे।
वेद भगवान की जय
Ved ko humare char rishiyo ne likh hai. Sir ji
सती प्रथा मुग़ल काल से सुरू हुई थी कृपया सर गलत ज्ञान ना दे आप एक अच्छे टीचर है
इतने दिन हो गये, लेकिन पूर्वोक्त किसी भी टिप्पणी का जवाब खान सर ने क्यों नहीं दिया। यह उपरोक्त वीडियो के साथ न्याय नहीं है। मैं इस मनोवृत्ति की निन्दा करता हूँ। यहाँ खान सर ने अपनी पारदर्शिता का परिचय नहीं दिया है।
❤हर एक का अपना-अपना महत्व है,
हर एक की तुलना नहीं की जानी चाहिए।
यह ज्ञान अर्जित करने के बाद हमारा जीवन अगर सुंदर हो रहा है तो हम बोल सकते कौन सा ज्ञान अच्छा है, कौन सा ज्ञान अधूरा है?
सर आपका नॉलेज ठीक कीजिए वेदो के निर्माण के वक्त सती प्रथा नही थी,मुगलो के दोर मे सती प्रथा चालू हो गई
इसको ये पूछ मोहमद से पहले मुस्लामानो
का कोन सा धर्म मजहब था
ईशा मशीय से पहले कोन ईशायी था
शंकराचार्य से पहले कोन सा हिंदू था
नानक से पहले कोन सिख था
कुरान को आए हुए 1400 बर्ष हुए है
वेद को आए हुए इतने साल हो गए 1,9,6,08,53,121
ये बता जब कुरान 1400 बर्ष पहले नही था तो मुस्लमान क्या पड़ते थे क्या मानते थे
हम तेरे भी बाप है तेरी भी date of birth बता denge
जीव हमारी जाती है मानव धर्म हमारा हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई धर्म नही कोई न्यारा एक मालिक के बच्चे है सभी
Tum v apna knowledge thik kro.. jitna age yha Bata rhe ho un pr Thora tarq v kr lo.. ya ye bolo ki dharm tarq ki ijajat nhi deta,, blindly faith kro 😅
Khan Sir Se Ek Sawal Aur Bhi Kardo Khan Sir To Gyaani Hain Hi Science Kahin Bhi In DharamGrantho Ko Nhi Manta Na Hi Bhagwan Ke Astitva Ko Khan Sir Padhe Likhe Hain Science Ka Achha Khasa Knowledge Hoga To Unse Science Ko Lekar Jeevan Ki Utapatti Kaise Huyi Sawal Karo Phir Answar Mein Bhagwan Ko Allah Ko Kahan Fit Karnge Ye Bhi Puchh Lo...😂😂😂
@@ErT02k क्या बोला मेने समझ आया कुछ । अनपढ़ आदमी
@@teligram8 tu p.hd h ke? Nali k kide
कशम से मेरे मन में कई घंटो से एक सवाल था जो इस वीडियो के माध्यम से ans milgya❤❤❤❤ मतलब पाषाण काल कलयुग की शुरुआत में था .....
Ved is the greatest religion book of the world
सनातन धर्म मे प्रश्न ही महत्वपूर्ण है
बिना प्रश्न के सनातन की कल्पना नही की जा सकती है, शास्त्रार्थ सनातन धर्म का मुल है,
महत्वपूर्ण यह है,की प्रश्न पुछने वाले और बताने वाले का ज्ञान कीतना है ,
आज से ढाई हजार साल पहले भगवान बुद्ध और महावीर हो गए थे और उनसे पहले उनकी तीर्थंकर हुए थे 24
जब 1915 में खुदाई हुई तो पूरे भारत में जमीन के नीचे बुद्ध मिले चारों तरफ अशोक के शिलालेख मिले जिसमें कहीं भी हिंदू धर्म वैदिक धर्म सनातन धर्म का उल्लेख नहीं था
बौद्ध धर्म की 80 से ज्यादा यूनिवर्सिटी मिली है पूरे भारत में , और यह धर्म जापान तक फैल गया था , जबकि हिंदू धर्म का एक गुरुकुल भी नहीं मिला है और ना ही उसकी कोई ईट मिली है 😂
वैदिक धर्म के सारे के सारे ग्रंथ संस्कृत में देवनागरी लिपि में लिखे गए हैं परंतु वर्तमान खोज में यह सिद्ध हो गया है कि संस्कृत पाली और प्राकृत से बनी है और देवनागरी लिपि धम्म लिपि जिसे ब्राह्मी लिपि का नाम दिया गया है से बनी हुई है,,,, धम्म लिपि में कोई भी संस्कृत में लिखा हुआ लेख नहीं मिल रहा है 😂
क्योंकि भारत का ब्राह्मणी करण आठवीं सदी से शुरू हुआ था , इन्होंने बौद्ध धर्म की जातक कथाओं से रामायण महाभारत को कॉपी किया और उसको बढ़ा चढ़ाकर ब्राह्मनी करण ,
ब्राह्मणों के सारे ग्रंथ अश्लीलता से भरे हुए हैं वेदों में तो 35% लोगों का इंद्र पर लिखे हुए हैं जो कि बलात्कारी है और साथ ही साथ उसको सांड की बलि दिए जाने का प्रावधान है यह लोग पारसियों की तरह अग्नि की पूजा करते थे तैमूर लंग के समय खुद ब्राह्मणों ने माना कि हम विदेशी है और अग्नि पूजा करते हैं
उपनिषद से लगाकर सारे ग्रंथ इनके भेद भाव से भरे हुए और ब्राह्मण को श्रेष्ठ बताते हुए बाकी सब को तुच्छ सिद्ध करते हुए नारी का शोषण करते हुए अश्लीलता से भरे हुए हैं
वेदों की मिलावट की बात करते हैं परंतु वेदों के ओरिजिनल भाष्य से भी देख ले तो उसमें भी अश्लीलता नारी शोषण और भेदभाव भरा हुआ है , खुद ब्रह्मा अपनी बेटी सरस्वती का बलात्कार करता है और उसी से शादी भी करता है 😂,,, यही सेम कहानी अब्राहम और सारा की है 😂,,, भारत का गोल्डन समय तो बौद्ध धर्म का था यह कचरा धर्म कभी भी भारत का महान समय नहीं हो सकता
चंद्रगुप्त से पहले महावीर के समय 8 से ज्यादा नास्तिक धर्म मौजूद थे पर किसी में भी ब्राह्मण का इतिहास नहीं है और आज ब्राह्मण अपना इतिहास भी बोद्ध धर्म में ही देख रहे है और ढूंढ रहे हैं मतलब उनका कोई स्वतंत्र अस्तित्व ही नहीं था अब मेसोपोटामिया की सभ्यता मिल गई सिंधु घाटी सभ्यता मिल गई सब कुछ मिल गया पर इन लोगों का कुछ नहीं मिला😂
जब अकबर ने अशोक के शिलालेख को पढ़ाने के लिए ब्रह्मणों को बुलाया तो वे उसे पढ़ ही नहीं पाए 😂 , ना सिंधु घाटी सभ्यता की लिपि पढ़ पाए और अपने आप को सनातन कहते हैं 😂
यह सनातन शब्द भी बुद्ध के एसौ धम्मो सनंतानो से लिया गया है 😂
मूर्तिकला भी जैन और बौद्ध धर्म में मिली है जबकि वेदों में तो मूर्ति पूजा थी ही नहीं और बाद में ही बौद्ध धर्म की तारादेवी को काली देवी बनाया गया जैन और बौद्ध मंदिरों को कब्जा करके उसे हिंदू मंदिर में बदला गया ,
आठवीं सदी में शंकराचार्य की द्वारा जो खुद प्रच्छन्न बुद्ध था उसके द्वारा इस काल्पनिक धर्म की नींव रखी गई😂
यहां तक कि गणेश जी भी बोद्ध धर्म से थे जिसे एलीफेंट बुद्धा कहा जाता है जिसकी जापान में भी मूर्तियां है , उसको भी कॉपी किया
जिसको भी प्रॉब्लम हो , जो सनातन धर्म के प्राचीन होने के सबूत देना चाहता है वह
Science journy चैनल देखे और Rational world पर डिबेट के लिए आ सकता है😁
शुद्र तुझे तो वेद पढ़ने का ही अधिकार नहीं था तो तू शास्त्रार्थ कैसे कर लेता😂
धर्म आस्था नही है। आस्था yek मूल्य हीन सब्द है जिसका कोई ओर छोर नही है। धर्म एक भावना है जिसे पूरी निष्ठा के साथ पालन किया जाता है।
@@kumar2022bloger. भाई धर्म का मतलब है धारण करने योग्य।
क्या धारण करना है? उत्तर- अच्छी आचरण, अच्छा गुण, अच्छा कर्म, अच्छी शिक्षा।
हर पदार्थ और हर जीव कुछ न कुछ धारण किए हुए हैं। पर मनुष्य को स्वयं से पता नही होता की उसे क्या धारण करना चाहिए। वेद में ही वो सब कुछ ज्ञान है, जिससे पता चलता है मनुष्य को क्या धारण करना चाहिए।
धर्म के बारे में जानने के लिए सत्यार्थ प्रकाश पढ़ो।
जब तक विभिन्न धर्मों के जानकार मन्च साझा नहीं करते और साझा मत नहीं बना पाते जैसा कि वैज्ञानिक बिरादरी में होता है, तब तक आम लोगों को धर्म को शक की दृष्टि से देखना चाहिए कि यह रियल एस्टेट पर कब्जा करने और आम लोगों से धन वसूलने का धंधा है। इन कार्यों की शुरुआत सबसे पहले ब्राह्मणों ने किया था जो यहुदियों का वह मिसिंग कबिला (lost tribes) है जो ईसा मसीह के जन्म के पहले भारत आया था। बाद में यहुदियों के ही दो अलग गुटों ने ईसाई और इस्लाम धर्म को जन्म दिया।
धर्म का सही मतलब जानना जरूरी है।
दुर्भाग्य से बनिया जाति ब्राह्मणों के पैर धोकर चरनाम्रित पीने को अपना सौभाग्य और धर्म समझ्ती है।
@S.K KUMAR टीचर के पास आकर भी तेरा दिमाग नहीं आया जो गलत बोला ना उसको सहने की शक्ति भी होनी चाहिए। गलत बोला है तो गलत बोलो
@@kishore1315the
धर्म में आस्था
Sir सती प्रथा में स्त्री को जलया नहीं जाता था, stree ko चिता के चारो और चक्कर लगाकार मंत्र बोलना होता था, और समाज स्त्री को नहीं स्वीकार करता था तो स्त्री अपने आप को मंदिर में भगवान को समरपित कर देती थी, इतिहास में इसे बदल दिया गया था
Tujhe khuch nahi path
AP sahi he kuch log Hindu dharm ko badnam karny ko uthy pary hai
@Shaktiman bilkul
Right kyunki yadi sabhi istiri ko sati pratha me jalaya jata to ramji ki tino mata bhi toh sati hui rahti yadi kisi ko sati hona rahta to oh apni ikchha se hoti thi
सती जाना कंपल्सरी / अनिवार्य नहीं था स्त्री के युवावस्था या मध्यम आयु के समय अगर उसके पति का किसी कारणवश निधन होता, तो स्त्री के सती जाने का प्रचलन था ।
लेकिन अगर स्त्री की इच्छा ना हो, तो कुछ संहिता का पालन कर के वह अपना जीवन व्यतीत कर सकती थी। कुछ जगह पे, कुछ समुहो ने इसे सक्ति से लागू किया।
लेकिन शास्त्रों में ये अनिवार्य नहीं था ।
Shiv ke vina shav.
वेद ईश्वर रचित है। किसी ने नही लिखा।
Kis language me likha tha???
Deba nagari bhasa se likha he
वेद को ईश्वर प्रदत्त में भी कहा जाता है। वेद संस्कृत भाषा में रचित है, और इसे किसी ने नही लिखा है।
@@RajeshGupta-pd4cs Pdho har ved or vedant k niche lekhak vese vese charo ved vedvyas n likhe h
@@RajeshGupta-pd4csफिर लिखा किसने किसने बताया मुंह से जबानी याद रह जायेगी क्या फिर तो स्कूल में किताबे क्यों वेद एएक पन्ने की किताब है क्या?
उस समय सती प्रथा जैसी कोई कुप्रथा नही था ।
उदाहरणस्वरूप आप रामायण में भगवान राम के पिता राजा दशरथ और महाभारत के पांडु का ले सकते हैं।
दूसरी बात वेदों की तुलना आप कुरान से कैसे कर सकते हैं??
कुरान, जो गैर मुस्लिम को काफिर कहता है??
और वेद तो वसुधैव कुटुंबकम् को लेकर को मानता है। 🙏🙏
कुरान और वेद में बहुत समानताएं है। कुरान को पांच भाग में बाटा गया है तो वेद को पांच खण्ड में विभक्त किया गया है। अल्लाह को ईश्वर यानी ॐ, इबादत गाह यानी मस्जिद को अराधना स्थल यानी मठ, कुरान के अनुसार पांच वक्त वेद के अनुसार आठ प्रहर। इबादत को साधना, कलमा को संकल्प, सुन्नत को यज्ञ यो पवित, जनेऊ वाला कार्यक्रम। अज़ान को आह्वान संख फूक कर। नामकरण विवाह और सत्कार सब वेद से है, कुरान से भी है। इन दोनो जगहों कोई मूर्तिया नही लगती।
हे सच्चिदानंद प्रभू तुम नित्य सर्व सशक्त हो अनुपम हो, अगोचर हो, अजन्मा अनादि अनंत हो,
अविकल हो, अविनाशी हो।
The Defination of Allah means ॐ
हम भगवान का नाम भी लेने से पहले ॐ का उच्चारण करते है।
गलतफहमी में न रहे भगवान ईश्वर नही है।
कुरान में गैर मुस्लिमों की हत्या और उन्हें यातना देने का आदेश है, हलाला, तलाक, मुताह निकाह, औरत जैसे घृणित शब्द है?? यहां जिहाद करने का हुक्म दिया गया है।
किस प्रकार इसे महत्व दे रहे हो??
खान सर आप जो दूसरी दुनिया के महान पुरुष
इसको ये पूछ मोहमद से पहले मुस्लामानो
का कोन सा धर्म मजहब था
ईशा मशीय से पहले कोन ईशायी था
शंकराचार्य से पहले कोन सा हिंदू था
नानक से पहले कोन सिख था
कुरान को आए हुए 1400 बर्ष हुए है
वेद को आए हुए इतने साल हो गए 1,9,6,08,53,121
ये बता जब कुरान 1400 बर्ष पहले नही था तो मुस्लमान क्या पड़ते थे क्या मानते थे
हम तेरे भी बाप है तेरी भी date of birth बता denge
जीव हमारी जाती है मानव धर्म हमारा हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई धर्म नही कोई न्यारा एक मालिक के बच्चे है सभी
इसको ये पूछ मोहमद से पहले मुस्लामानो
का कोन सा धर्म मजहब था
ईशा मशीय से पहले कोन ईशायी था
शंकराचार्य से पहले कोन सा हिंदू था
नानक से पहले कोन सिख था
कुरान को आए हुए 1400 बर्ष हुए है
वेद को आए हुए इतने साल हो गए 1,9,6,08,53,121
ये बता जब कुरान 1400 बर्ष पहले नही था तो मुस्लमान क्या पड़ते थे क्या मानते थे
हम तेरे भी बाप है तेरी भी date of birth बता denge
जीव हमारी जाती है मानव धर्म हमारा हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई धर्म नही कोई न्यारा एक मालिक के बच्चे है सभी
वेद का ज्ञान परमात्मा शिव दक्षिणामूर्तिने दिया था जिसे वेद व्यास जी ने 4 वेदो में वर्गीकृत किया था
Bilkul sir
धर्म के मामले में आपका अधूरा ज्ञान है इसको अध्यन करना चाहिए ।
सत्य वचन
पागल भी कह सकते हैं😂
सही बात अंभक्तो को कड़वा लगता है 😂😂
@@BhupendragondGond पता नहीं है दिमाग से पैदल लोग कहां से आ जाते हैं
Koi jarurat nahi hai Tum le lo Gyan science ki hai bus bahut hai
सती प्रथा जब मलेच्छो के कर्ण शुरू क्योंकि विधवा स्त्री को भी नही छोड़ते थे।
Sahi kaha vidhwa stri ko vivah bhi nahi karne dete the unse niyog karne ke bahane sab maje lete the ye ved me bhi hai niyog
@@arsadshekh6837 अरे मूर्ख नियोग के बारे पता कर और नियोग प्रथा खत्म भी हो गई । अपनी बहन से अब भी शादी करते हो। हलाला करते उसके मर्द होने के बाद भी।
जय श्री राम ❤
Sir का नॉलेज बहुत सही है माता पार्वती भी सती थी और सती हुई थी माता अनुसुइया भी सती अनुसुइया थी मेघनाथ की पत्नी सुलोचना भी सती सुलोचना थी
वेदों की और कुरान की कभी तुलना हो ही नहीं सकती क्योंकि सनातन धर्म साइंटिफिक भी है और सती प्रथम मुगल काल में आई थी और मुगलों के ही कारण. बहुत ही ऐसी partha है जो मुगलो के कारण बनाई गई थी हिंदू धर्म को चेंज करके मुगल में बदलना चाहते थे
खान जी सनातन धर्म हमेशा सिखाता है हर चीज का तर्क करें
आज से ढाई हजार साल पहले भगवान बुद्ध और महावीर हो गए थे और उनसे पहले उनकी तीर्थंकर हुए थे 24
जब 1915 में खुदाई हुई तो पूरे भारत में जमीन के नीचे बुद्ध मिले चारों तरफ अशोक के शिलालेख मिले जिसमें कहीं भी हिंदू धर्म वैदिक धर्म सनातन धर्म का उल्लेख नहीं था
बौद्ध धर्म की 80 से ज्यादा यूनिवर्सिटी मिली है पूरे भारत में , और यह धर्म जापान तक फैल गया था , जबकि हिंदू धर्म का एक गुरुकुल भी नहीं मिला है और ना ही उसकी कोई ईट मिली है 😂
वैदिक धर्म के सारे के सारे ग्रंथ संस्कृत में देवनागरी लिपि में लिखे गए हैं परंतु वर्तमान खोज में यह सिद्ध हो गया है कि संस्कृत पाली और प्राकृत से बनी है और देवनागरी लिपि धम्म लिपि जिसे ब्राह्मी लिपि का नाम दिया गया है से बनी हुई है,,,, धम्म लिपि में कोई भी संस्कृत में लिखा हुआ लेख नहीं मिल रहा है 😂
क्योंकि भारत का ब्राह्मणी करण आठवीं सदी से शुरू हुआ था , इन्होंने बौद्ध धर्म की जातक कथाओं से रामायण महाभारत को कॉपी किया और उसको बढ़ा चढ़ाकर ब्राह्मनी करण ,
ब्राह्मणों के सारे ग्रंथ अश्लीलता से भरे हुए हैं वेदों में तो 35% लोगों का इंद्र पर लिखे हुए हैं जो कि बलात्कारी है और साथ ही साथ उसको सांड की बलि दिए जाने का प्रावधान है यह लोग पारसियों की तरह अग्नि की पूजा करते थे तैमूर लंग के समय खुद ब्राह्मणों ने माना कि हम विदेशी है और अग्नि पूजा करते हैं
उपनिषद से लगाकर सारे ग्रंथ इनके भेद भाव से भरे हुए और ब्राह्मण को श्रेष्ठ बताते हुए बाकी सब को तुच्छ सिद्ध करते हुए नारी का शोषण करते हुए अश्लीलता से भरे हुए हैं
वेदों की मिलावट की बात करते हैं परंतु वेदों के ओरिजिनल भाष्य से भी देख ले तो उसमें भी अश्लीलता नारी शोषण और भेदभाव भरा हुआ है , खुद ब्रह्मा अपनी बेटी सरस्वती का बलात्कार करता है और उसी से शादी भी करता है 😂,,, यही सेम कहानी अब्राहम और सारा की है 😂,,, भारत का गोल्डन समय तो बौद्ध धर्म का था यह कचरा धर्म कभी भी भारत का महान समय नहीं हो सकता
चंद्रगुप्त से पहले महावीर के समय 8 से ज्यादा नास्तिक धर्म मौजूद थे पर किसी में भी ब्राह्मण का इतिहास नहीं है और आज ब्राह्मण अपना इतिहास भी बोद्ध धर्म में ही देख रहे है और ढूंढ रहे हैं मतलब उनका कोई स्वतंत्र अस्तित्व ही नहीं था अब मेसोपोटामिया की सभ्यता मिल गई सिंधु घाटी सभ्यता मिल गई सब कुछ मिल गया पर इन लोगों का कुछ नहीं मिला😂
जब अकबर ने अशोक के शिलालेख को पढ़ाने के लिए ब्रह्मणों को बुलाया तो वे उसे पढ़ ही नहीं पाए 😂 , ना सिंधु घाटी सभ्यता की लिपि पढ़ पाए और अपने आप को सनातन कहते हैं 😂
यह सनातन शब्द भी बुद्ध के एसौ धम्मो सनंतानो से लिया गया है 😂
मूर्तिकला भी जैन और बौद्ध धर्म में मिली है जबकि वेदों में तो मूर्ति पूजा थी ही नहीं और बाद में ही बौद्ध धर्म की तारादेवी को काली देवी बनाया गया जैन और बौद्ध मंदिरों को कब्जा करके उसे हिंदू मंदिर में बदला गया ,
आठवीं सदी में शंकराचार्य की द्वारा जो खुद प्रच्छन्न बुद्ध था उसके द्वारा इस काल्पनिक धर्म की नींव रखी गई😂
यहां तक कि गणेश जी भी बोद्ध धर्म से थे जिसे एलीफेंट बुद्धा कहा जाता है जिसकी जापान में भी मूर्तियां है , उसको भी कॉपी किया
जिसको भी प्रॉब्लम हो , जो सनातन धर्म के प्राचीन होने के सबूत देना चाहता है वह
Science journy चैनल देखे और Rational world पर डिबेट के लिए आ सकता है😁
बेटा पिछले हजार साल से जब से ब्राह्मण आया है तब से तुम लोगों ने कोई तर्क नहीं किया है
@@raya_ashok prove that brahmans came thousand years ago. Give any ancient evidence older than missonary propagandist maxmuller
@@raya_ashokतर्क तो तुम नवबौद्धों में भी नहीं किया कभी अपने ग्रंथों पर या अपने शिल्प पर । बता पीपल के नीचे बैठने से ज्ञान कैसे प्राप्त होता है , कोई पीछे से कैसे पैदा हो सकता है 😜 I
इसको ये पूछ मोहमद से पहले मुस्लामानो
का कोन सा धर्म मजहब था
ईशा मशीय से पहले कोन ईशायी था
शंकराचार्य से पहले कोन सा हिंदू था
नानक से पहले कोन सिख था
कुरान को आए हुए 1400 बर्ष हुए है
वेद को आए हुए इतने साल हो गए 1,9,6,08,53,121
ये बता जब कुरान 1400 बर्ष पहले नही था तो मुस्लमान क्या पड़ते थे क्या मानते थे
हम तेरे भी बाप है तेरी भी date of birth बता denge
जीव हमारी जाती है मानव धर्म हमारा हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई धर्म नही कोई न्यारा एक मालिक के बच्चे है सभी
और हा कुरान अभी अभी बना न्यू किबात है और वेद तो आदिकाल से बना है उस दोनो के बनने में एक लंबा समय रहा है
Ye sub Brahman he banaya he jai bhim
वेद के बारे आपने भी गलत सुना है और उसे सही मान लिया है।
अच्छा ये बताएं हमारी देवनागरी लिपि कितनी पुरानी है जिसमें हिंदी और संस्कृत भाषा लिखी जाती है और उसमें ऋ क्ष त्र ज्ञ शब्द कब शामिल हुई?? देवनागरी लिपि की जो 12 खड़ी होती हैं उसमें पहले कितनी खड़ी होती थी फिर कितनी हुई।
Abhi bnta toh tu yaha rehta hi nhi
Vedas recited by lord Brahma himself...no prophet no rishis. Only god made them. 🙏 Since beginning of universe
बिल्कुल सही कहा आपने सर , हमलोग कलयुग का इतिहास पढ़ रहे हैं।
Bahaut badhiya bataya ! No question about Dharm ! Koi bhi Dharmgranth kisi bhi Bhagwan ne nahi likha !
Sir jankari ka खिचङी नही बनाए। वैदिक काल और सती प्रथा का घालमेल नही किया जाए।
During Vedic age... there was no satipratha...it was formed in later period. Hence Khan sir should be aware of it. He should take the help of Sankaracharya and sudhansu Dwibedi to know authentic facts.
Exactly
धर्म हमारी जीवनशैली है
Thank you...❤ Sir .
Wah sir
Sir
Chanakya was wonderful person who esblished
Maurya empires Chandragupta Bindusara and Ashoka. He wrote Arthashastra. Like Chandragupta
in the end 92 age left food and water.
Hinduism is based on questions only. You can question anything not like any other
भारत देश सनातन धर्म का देश है और रहेगा।
भारत देश में ही चारों युगों में भगवान का अवतार हुआ है और रहेगा।
Sanatan hi Satya hai🚩🚩🚩🇮🇳♥️🚩
Devata bhi nahin kiya. Rision ki hrudaya ke sphuran hua ved ka mantra. Isiliye ved ke rision ko mantra drasta kehte the. Khan Sir ko isi visaya mein thoda gyan kam hai. Aise aap achhe sastra ka vakhya karte hain, hum sunte hain, achha lagta hai. Dhanyabad.
Chanakya was perhaps the greatest person
ever.
Chanakya is a fraud and fraudulent fabricated imaginary character only just to misguide and distract the simple mind.
सनातन के बारे में अभी पढ़ने की जरूरत है
और सनातन में क्रॉस क्वेश्चन का जवाब है
जान जाओगे तो सनातनी हो जाओगे🚩🚩🚩
आज से ढाई हजार साल पहले भगवान बुद्ध और महावीर हो गए थे और उनसे पहले उनकी तीर्थंकर हुए थे 24
जब 1915 में खुदाई हुई तो पूरे भारत में जमीन के नीचे बुद्ध मिले चारों तरफ अशोक के शिलालेख मिले जिसमें कहीं भी हिंदू धर्म वैदिक धर्म सनातन धर्म का उल्लेख नहीं था
बौद्ध धर्म की 80 से ज्यादा यूनिवर्सिटी मिली है पूरे भारत में , और यह धर्म जापान तक फैल गया था , जबकि हिंदू धर्म का एक गुरुकुल भी नहीं मिला है और ना ही उसकी कोई ईट मिली है 😂
वैदिक धर्म के सारे के सारे ग्रंथ संस्कृत में देवनागरी लिपि में लिखे गए हैं परंतु वर्तमान खोज में यह सिद्ध हो गया है कि संस्कृत पाली और प्राकृत से बनी है और देवनागरी लिपि धम्म लिपि जिसे ब्राह्मी लिपि का नाम दिया गया है से बनी हुई है,,,, धम्म लिपि में कोई भी संस्कृत में लिखा हुआ लेख नहीं मिल रहा है 😂
क्योंकि भारत का ब्राह्मणी करण आठवीं सदी से शुरू हुआ था , इन्होंने बौद्ध धर्म की जातक कथाओं से रामायण महाभारत को कॉपी किया और उसको बढ़ा चढ़ाकर ब्राह्मनी करण ,
ब्राह्मणों के सारे ग्रंथ अश्लीलता से भरे हुए हैं वेदों में तो 35% लोगों का इंद्र पर लिखे हुए हैं जो कि बलात्कारी है और साथ ही साथ उसको सांड की बलि दिए जाने का प्रावधान है यह लोग पारसियों की तरह अग्नि की पूजा करते थे तैमूर लंग के समय खुद ब्राह्मणों ने माना कि हम विदेशी है और अग्नि पूजा करते हैं
उपनिषद से लगाकर सारे ग्रंथ इनके भेद भाव से भरे हुए और ब्राह्मण को श्रेष्ठ बताते हुए बाकी सब को तुच्छ सिद्ध करते हुए नारी का शोषण करते हुए अश्लीलता से भरे हुए हैं
वेदों की मिलावट की बात करते हैं परंतु वेदों के ओरिजिनल भाष्य से भी देख ले तो उसमें भी अश्लीलता नारी शोषण और भेदभाव भरा हुआ है , खुद ब्रह्मा अपनी बेटी सरस्वती का बलात्कार करता है और उसी से शादी भी करता है 😂,,, यही सेम कहानी अब्राहम और सारा की है 😂,,, भारत का गोल्डन समय तो बौद्ध धर्म का था यह कचरा धर्म कभी भी भारत का महान समय नहीं हो सकता
चंद्रगुप्त से पहले महावीर के समय 8 से ज्यादा नास्तिक धर्म मौजूद थे पर किसी में भी ब्राह्मण का इतिहास नहीं है और आज ब्राह्मण अपना इतिहास भी बोद्ध धर्म में ही देख रहे है और ढूंढ रहे हैं मतलब उनका कोई स्वतंत्र अस्तित्व ही नहीं था अब मेसोपोटामिया की सभ्यता मिल गई सिंधु घाटी सभ्यता मिल गई सब कुछ मिल गया पर इन लोगों का कुछ नहीं मिला😂
जब अकबर ने अशोक के शिलालेख को पढ़ाने के लिए ब्रह्मणों को बुलाया तो वे उसे पढ़ ही नहीं पाए 😂 , ना सिंधु घाटी सभ्यता की लिपि पढ़ पाए और अपने आप को सनातन कहते हैं 😂
यह सनातन शब्द भी बुद्ध के एसौ धम्मो सनंतानो से लिया गया है 😂
मूर्तिकला भी जैन और बौद्ध धर्म में मिली है जबकि वेदों में तो मूर्ति पूजा थी ही नहीं और बाद में ही बौद्ध धर्म की तारादेवी को काली देवी बनाया गया जैन और बौद्ध मंदिरों को कब्जा करके उसे हिंदू मंदिर में बदला गया ,
आठवीं सदी में शंकराचार्य की द्वारा जो खुद प्रच्छन्न बुद्ध था उसके द्वारा इस काल्पनिक धर्म की नींव रखी गई😂
यहां तक कि गणेश जी भी बोद्ध धर्म से थे जिसे एलीफेंट बुद्धा कहा जाता है जिसकी जापान में भी मूर्तियां है , उसको भी कॉपी किया
जिसको भी प्रॉब्लम हो , जो सनातन धर्म के प्राचीन होने के सबूत देना चाहता है वह
Science journy चैनल देखे और Rational world पर डिबेट के लिए आ सकता है😁
राम ने महाभारत के पांडव ने या किसी ऋषि ने अपने धर्म का नाम सनातन बताया है😂😂
तुम्हारे बेवकूफ सवालों के जवाब देने नही बैठा
सनातन को जान हर प्रश्न का उत्तर है उसमे
चारो वेदों और 18 पुराण में वो भी लिखा है जितनी तुम्हारी सोच नही है और जहा तक वैज्ञानिक भी नही पहुंच पाए🔱🚩🚩🚩
@@raya_ashokji
Har book me se mai dudh sakta hu tumhare liye
Mahabharat me sabha parv
Ramayan ke kiskindhakand
Bolo to shlok laa du
Sir mai aapki bahut badi fan hu lekin aapko sayad vedo par abhi Jayda samjh nahi hai,or ha sati partha suru se nahi thi
Bilkul shi inhone kuran aur ved ko ek saman kr diya
इसको ये पूछ मोहमद से पहले मुस्लामानो
का कोन सा धर्म मजहब था
ईशा मशीय से पहले कोन ईशायी था
शंकराचार्य से पहले कोन सा हिंदू था
नानक से पहले कोन सिख था
कुरान को आए हुए 1400 बर्ष हुए है
वेद को आए हुए इतने साल हो गए 1,9,6,08,53,121
ये बता जब कुरान 1400 बर्ष पहले नही था तो मुस्लमान क्या पड़ते थे क्या मानते थे
हम तेरे भी बाप है तेरी भी date of birth बता denge
जीव हमारी जाती है मानव धर्म हमारा हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई धर्म नही कोई न्यारा एक मालिक के बच्चे है सभी😊
Khan Sir, your teaching style is unique because you use comedy to explain....!
Hinduism in India developed from the amalgamation of cultures, especially the Aryan and Dravidian cultures. The development of the Aryan and Dravidian cultures was significantly influenced by the climate. Due to the difference in climate between Northern and Southern India, their cultures also developed differently. Northern India experiences both cold and hot climates, while Southern India has a maritime climate. As a result, the Aryan culture in Northern India and the Dravidian culture in Southern India underwent different types of changes.
However, both the Aryan and Dravidian cultures are followers of Hindu (Sanatan) religion. The exchange of culture, religion, and lifestyle between them has contributed to the uniqueness and diversity of Indian culture.
The contact and exchange between the Aryan and Dravidian cultures played a significant role in the development of Indian culture. The cultural contacts between these two cultures resulted in a unique culture that includes elements from both.
This is the result of the unique confluence of both cultures, which has given Indian culture its uniqueness and diversity. According to you, both Aryans and Dravidians have made an unprecedented contribution to Hindu or Sanatan Dharma, and this is clearly visible in ancient temples and art forms. Not only that, Hindu (Sanatan) Dharma has also received a lot of respect outside India, the evidence of which is also seen in those countries. And recent investigations have also revealed that the Aryans also belonged to India (India), they did not come from outside.
The Vedas are the highest and supreme religious scriptures of Hinduism.
There are four main branches of the Vedas. The use and usefulness of the Vedas in simple words:
- Rigveda: This is the first Veda which is poetic. It contains 1028 hymns in 10 mandalas (chapters) which have 11 thousand mantras. This Veda has 5 branches - Shakalp, Vaskal, Ashwalayan, Shankhayan, Mandukayan. It describes the prayers of the gods, their praises, and their status in the heavenly world. It also provides information on water treatment, air treatment, solar treatment, mental treatment, and treatment by sacrifice.
- Yajurveda: It contains the rituals of sacrifice and the mantras used in sacrifices. This Veda provides knowledge about religion and salvation. This Veda contains the rituals of sacrifice and the mantras used in sacrifices. This Veda is prose. This Veda has two branches, Shukla and Krishna. The Yajurveda describes the element of knowledge in addition to sacrifice.
- Samaveda: The main subject of this Veda is worship. It contains 1875 musical mantras for singing in music. This Veda provides knowledge about work, i.e., fulfilling desires.
- Atharvaveda: It contains 5977 poetic mantras for qualities, religion, health, and sacrifice. This Veda provides knowledge about wealth, i.e., the attainment of wealth.
There are also sub-Vedas of the Vedas: Ayurveda of Rigveda, Dhanurveda of Yajurveda, Gandharvaveda of Samaveda, and Sthapatyaveda of Atharvaveda. These sub-Vedas cover special areas of knowledge, such as medicine, archery (archery), music, and architecture (Vastu Shastra).
The knowledge of the Vedas was told to the sages by God. Hearing this knowledge, the sages passed it on from time to time. The Vedas are an inexhaustible storehouse of ancient knowledge and science. It contains the solution to every problem of man. The Vedas are full of knowledge related to Brahma (God), deities, universe, astrology, mathematics, chemistry, medicine, nature, astronomy, geography, religious rules, history, customs, etc., almost all subjects.
कूरान और वेदोमे तूलना नही होसकती
Sir pl don't miss guide while teaching Vedic chapter
जिसका ज्ञान नहीं है उस पर मत बोलिये
sir जी
dont spread wrong info. there was no sati pratha at that time
It is a Perpogenda by our historian
Chal madrchod dalit .jut mt bol ..granth pade Tyne..
@@Amitagupta7 आज से ढाई हजार साल पहले भगवान बुद्ध और महावीर हो गए थे और उनसे पहले उनकी तीर्थंकर हुए थे 24
जब 1915 में खुदाई हुई तो पूरे भारत में जमीन के नीचे बुद्ध मिले चारों तरफ अशोक के शिलालेख मिले जिसमें कहीं भी हिंदू धर्म वैदिक धर्म सनातन धर्म का उल्लेख नहीं था
बौद्ध धर्म की 80 से ज्यादा यूनिवर्सिटी मिली है पूरे भारत में , और यह धर्म जापान तक फैल गया था , जबकि हिंदू धर्म का एक गुरुकुल भी नहीं मिला है और ना ही उसकी कोई ईट मिली है 😂
वैदिक धर्म के सारे के सारे ग्रंथ संस्कृत में देवनागरी लिपि में लिखे गए हैं परंतु वर्तमान खोज में यह सिद्ध हो गया है कि संस्कृत पाली और प्राकृत से बनी है और देवनागरी लिपि धम्म लिपि जिसे ब्राह्मी लिपि का नाम दिया गया है से बनी हुई है,,,, धम्म लिपि में कोई भी संस्कृत में लिखा हुआ लेख नहीं मिल रहा है 😂
क्योंकि भारत का ब्राह्मणी करण आठवीं सदी से शुरू हुआ था , इन्होंने बौद्ध धर्म की जातक कथाओं से रामायण महाभारत को कॉपी किया और उसको बढ़ा चढ़ाकर ब्राह्मनी करण ,
ब्राह्मणों के सारे ग्रंथ अश्लीलता से भरे हुए हैं वेदों में तो 35% लोगों का इंद्र पर लिखे हुए हैं जो कि बलात्कारी है और साथ ही साथ उसको सांड की बलि दिए जाने का प्रावधान है यह लोग पारसियों की तरह अग्नि की पूजा करते थे तैमूर लंग के समय खुद ब्राह्मणों ने माना कि हम विदेशी है और अग्नि पूजा करते हैं
उपनिषद से लगाकर सारे ग्रंथ इनके भेद भाव से भरे हुए और ब्राह्मण को श्रेष्ठ बताते हुए बाकी सब को तुच्छ सिद्ध करते हुए नारी का शोषण करते हुए अश्लीलता से भरे हुए हैं
वेदों की मिलावट की बात करते हैं परंतु वेदों के ओरिजिनल भाष्य से भी देख ले तो उसमें भी अश्लीलता नारी शोषण और भेदभाव भरा हुआ है , खुद ब्रह्मा अपनी बेटी सरस्वती का बलात्कार करता है और उसी से शादी भी करता है 😂,,, यही सेम कहानी अब्राहम और सारा की है 😂,,, भारत का गोल्डन समय तो बौद्ध धर्म का था यह कचरा धर्म कभी भी भारत का महान समय नहीं हो सकता
चंद्रगुप्त से पहले महावीर के समय 8 से ज्यादा नास्तिक धर्म मौजूद थे पर किसी में भी ब्राह्मण का इतिहास नहीं है और आज ब्राह्मण अपना इतिहास भी बोद्ध धर्म में ही देख रहे है और ढूंढ रहे हैं मतलब उनका कोई स्वतंत्र अस्तित्व ही नहीं था अब मेसोपोटामिया की सभ्यता मिल गई सिंधु घाटी सभ्यता मिल गई सब कुछ मिल गया पर इन लोगों का कुछ नहीं मिला😂
जब अकबर ने अशोक के शिलालेख को पढ़ाने के लिए ब्रह्मणों को बुलाया तो वे उसे पढ़ ही नहीं पाए 😂 , ना सिंधु घाटी सभ्यता की लिपि पढ़ पाए और अपने आप को सनातन कहते हैं 😂
यह सनातन शब्द भी बुद्ध के एसौ धम्मो सनंतानो से लिया गया है 😂
मूर्तिकला भी जैन और बौद्ध धर्म में मिली है जबकि वेदों में तो मूर्ति पूजा थी ही नहीं और बाद में ही बौद्ध धर्म की तारादेवी को काली देवी बनाया गया जैन और बौद्ध मंदिरों को कब्जा करके उसे हिंदू मंदिर में बदला गया ,
आठवीं सदी में शंकराचार्य की द्वारा जो खुद प्रच्छन्न बुद्ध था उसके द्वारा इस काल्पनिक धर्म की नींव रखी गई😂
यहां तक कि गणेश जी भी बोद्ध धर्म से थे जिसे एलीफेंट बुद्धा कहा जाता है जिसकी जापान में भी मूर्तियां है , उसको भी कॉपी किया
जिसको भी प्रॉब्लम हो , जो सनातन धर्म के प्राचीन होने के सबूत देना चाहता है वह
Science journy चैनल देखे और Rational world पर डिबेट के लिए आ सकता है😁
भाई थी सती प्रथा उस समय
@@raya_ashok then prove it and update my information please
अच्छी जानकारी है।
Bahut knowledgeable hai sir ji
पोथी पढ़-पढ़ जग मुआ पंडित भया न कोय,
ढाई आखर सत्य और प्रेम का, पढ़े सो पंडित होय।
सच्चा ज्ञान और अच्छा काम हीं ग्रंथों का सार है, बाकी सब मिलावट का संसार है।
सच्चा धर्म सबके लिए एक है ,नकली धर्म अनेक है । सत्य के बिना धर्म नही तथा शांति और प्रेम के बिना कर्म नही ।
कलयुग me kiska aotaar hoga mujhe nahi pta kyo ki aotaar vaad par mujhe भरोसा नहीं
मै पुरुषार्थ वाद पर भरोसा करता हूं
महान भगवान और शैतान इंसान तो अपने कर्मो के अनुसार बनता है
जय हिन्द सर
Aakhri Avatar paigambar Muhammad sallallahu alaihi wasallam 14 sal pahle a gaye hain ab Qayamat Tak koi Avatar nahin aaega
@@mdjamshed6049 tere Mohammed k aane se pehle se hi ye duniya me kaafi avatar aa chuke hai ab kalki avatar ayenge jab sablog bure ho jayenge
@@mdjamshed6049 Ha kaliyug me shaitan ka Avtar...
कोई अवतार नहीं होता
सब पैदा होते है
मरने के बाद मिट्टी में मिल जाते है
अब पुनः अवतार कैसे होगा
धर्म नाम की अफीम कम खाओ
इंसान बनकर रहना सीखो
वेद महान है क्यों की उसमे इंसान को जागृत करने का ज्ञान है
वेद एक पुराना विज्ञान है
वेद किसी देवता ने भी नहीं लिखा है वेद भगवान नारायण के स्वास से निकला है ब्रह्मा जी को ज्ञान कराने के लिए🌷
How? 🤔
10,000 sal pahle to yaha hadappa sabhyata rahti thi
😂
वेद को ईश्वर प्रदत्त वस्तु कहा जाता है। यानी आसमानी किताब।
@@RajeshGupta-pd4cs वेद का ज्ञान सब नहीं जान सकता क्योंकि नारायण के द्वारा वह प्रकट हुआ है कल्प के शुरुआत में🌺☘️🌹
@@v.king12इसको ये पूछ मोहमद से पहले मुस्लामानो
का कोन सा धर्म मजहब था
ईशा मशीय से पहले कोन ईशायी था
शंकराचार्य से पहले कोन सा हिंदू था
नानक से पहले कोन सिख था
कुरान को आए हुए 1400 बर्ष हुए है
वेद को आए हुए इतने साल हो गए 1,9,6,08,53,121
ये बता जब कुरान 1400 बर्ष पहले नही था तो मुस्लमान क्या पड़ते थे क्या मानते थे
हम तेरे भी बाप है तेरी भी date of birth बता denge
जीव हमारी जाती है मानव धर्म हमारा हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई धर्म नही कोई न्यारा एक मालिक के बच्चे है सभी
Sati Pratha mughal kaal ke samay ayi thi sir...
Right hi यह सही बात है कि इतनी सारी विषयों पर सिर्फ चार ही पुस्तकें लिखी गई है 4वेद , अब के समय में तो लाइब्रेरीभी कम पड़ती है पुस्तक के लिए
वेद ब्रह्मा से मुख से निकला है, उनके चार शिष्य थे इसीलिए वेद को चार भाग में बांटा है, ऊपर ऊपर का ज्ञान कभी ज्यादा नुकशान करता है, थोड़ा और पढ़ो तो पता चल जाएगा।
Nhi
Ved apurushey hai
Puran me jiss ved ka baat kiya jata hai wo holy scripture ved nhi blki knowledge ka baat hota hai
Ved apurushey hai aur unko kisike through likh nhi gya aur bola nhi gya
@@sidhirbhavatikarmajaTo ye dinosaur ke bad sindhu sabhyata phir North logo ke pas aaya 😂😂
Bewakoof
Aaisa nhi hai
Bolne se pahle thoda info collect kr lena chahiye
Ved apurushey hai
Unko kisi ne invent nhi kiya
Discover kiya
Isaliye jo discover krta hai usi mantradrashta lahte haj6
Drashta- dekhne wala
Discoverer
Jb rishi muni gahri sadhna me baithte hai to unko jo awaj jo knowledge attain hota hai
Unko wo mantra me likhte hai
That is ved
During the period of Ramayana, the vedas existed in the form of sruthi and smrithi and were passed down generations after generation by the sages. They must have been constantly added or redacted by the sages depending upon the need of the age. Kayi years tak ved oral , verbal form me transfer kiye jate the , uske baad ye written form me aye ! And the other thing is Vedic period was the most good period of time us samay sati pratha jaisi cheez exist nahi karti thi , females bhi Education leti thi Ashram and Female Gurukuls se jaha unhe Bramhavedini sikha deti thi , Ved me 22 se bhi jayda female scholars ki baat ki gayi hai jinme se kuchh ne ved ke Kai hyms bhi likhe hai ,.... please don't spread wrong information!!
Actually you can't
Tum ved me kuch bhi add nhi kr sakte agar chaho bhi to aur na kisi ne kiya hai ajj tk
This is guaranteed by Vedang
Bhai varna pratha to kisi God ne shuru nahi ki hogi
Kyuki aaj bhi mai logo ko dekhta hu to mujhe yahi samajh aaya ki varna lookism par depend karti thi
Sare gore log uche varna ke aur jo garib aur color me dark hai wo Sare nichle varna ke
How?
@@v.king12 nhi aisa koi baat nhi krishna ji kale tha lekin woh khastriya tha varn karm according tha caste janm according hogya
Khan Khan sar aap galat bol rahe ho hamare Desh mein sati pratha hamesha se nahin thi iska example bhi mein de raha hun
Raja Dashrath ke marne ke bad Ram ki Mata sati sati nahin Hui
Arjun ke pita ke marne ke bad
Mata Kunti sati nahin Hui
Are bhai Khan sir kalyug ki baat kar re hai
Sati pratha mugal ka Bhart me agman se huwa
@@ola-hu-uber6969 Us time bhi Ved upnishad the .
उदीर्ष्व नार्यभि जीवलोकं गतासुमेतमुप शेष एहि । हस्तग्राभस्य दिधिषोस्तवेदं पत्युर्जनित्वमभि सं बभूथ॥८॥
हे मृतक पत्नी ! आपके पति मृत्यु को प्राप्त कर चुके हैं। इन्हें छोड़कर आप अपने पुत्रादि और घर-परिवार पर विचार करती हुई उठे । आप अपने पति के साथ सन्तानोत्पादन आदि स्त्री- कर्तव्य का निर्वाह कर चुकी हैं, अत: घर लौट चलें॥८॥
सतीप्रथा प्राचीन नही है , अन्यथा पाण्डु वा दशरथ आदि के देहान्त के बाद उनकी रानियाँ भी सती हो जाती
Dharma 2 hai..
1 which snatches your power to question which khan sir is referring to..
2. Which gives you liberty to ask question even about your existence and it will revert back in the best way possible.. start reading religion and not just your religion, read all religions and you will realise what Dharma can do to change your life.
Ved have a logic you should have to more with details
Ap phle apne dhrum ke uper hi question kro sir jismai panchtanter ki kahani hai😅
khan sir hindu hai
sirf naam par gaya khan sir
@@rinanambodary3552 u r wrong.
Khan sir real me bhi muslim hi hai🎉
Panchtantra ki kahani jisme hathika sar lagaya jata he bandar ki puja karvate he
@@musafir123 hai sale Or earth chapti hai tumhre dimah ki trha Or jannat m daru plus gf free enjoy like a boy🤣😆 piye jaa jiye jaa sala zmeen m kya km h jo uper pub hai or gandu mene to kisi dhrum ka naam hi nhi liye 😆😆eska MTLv Trko bhi lgta hai ki पंचतंत्र 🤣🤣 ki kahani
Khan sar hindu hai
No, No No.. Completely disagree with you Khan sir. Sati started since 1500 years in a limited place, a curse for society, it stayed for almost 200 years. Removed by Raja Ram Mohan Roy when his sister-in-law was being sati 1700 around. In India Hinduism, Sanatanism was giving flexibility to women. After the Muslim invasion, things were getting changed.
खान तु ज्यादा ही वोवरकाॅंफिडेंस हो,राहा है बेटा अब्भि वक्त है खुद को संभाल ले तु मास्टर है तो मास्टर हि रहे,ये ही तेरे लिए अछा होगा
Sanatan Dharm = Science
Aap kal hagen ki book padhe sir please ab to 🇺🇸🚀NASA bhi ved per research kr rha hai
Mai kya likhu isame Khan sir ke biruddha bilkul sahi jabab diya hai
सर सनातन धर्म सबसे पुराना धर्म है इसके बाद कोई धर्म आया
सर ने धर्म नहीं वेद पढ़ाया है दोनो अलग अलग है भाई
Sati pratha k written record nhi hai jab tak missionary bharat nhi aye the . Sati pratha ki kahani jhooth h. Vedo k 13 adhyay striyon ne likhe the
28 rishikaye hai
Jinhone ne kai pramukh sukta likhe hai jo aaj bhi puja ke samay bola jata hai
कुरान और हमारे वेदो मे तुलना नही किया जा सकता है
Sati paratha was not in Veda period
Very good
Watch Abhijit chavda on sati sati is false
Ved shrusthi ke armbh me Mila jab mobile liya to digdarshika sath me mili
Vaise hi jab shrusthi bani to uski digdarshika sathame hi mili
Tab manav ne sab Gyan Paya.
Sir aap sach me mahan hai kaha kah ka gyan aapne sanjoy huye hai Gurug me aapke charno ko kotti kotti dandwat namn kartei hu