Fòols do not know hinyana And mahayan And vajrayan Buddh never considered every one equal Women's were considered unfit for kevalya And other wrong facts could not make this Vedio useful Pathetic
अरे ब्राह्मण से भी पहले हर व्यक्ति समान ही था। लेकिन आपको आपने गलत ज्ञान हासिल किया है बुद्ध के समय कोई चातुर वर्ण व्यवस्था नहीं थी। एक बात को अच्छी तरह से ध्यान में रख लो कि बुद्ध के समय क्ष श्र ऋ ष श ज्ञ वर्ण नहीं था ।
Yadav meena se kyu shadi nahi karta Meena chamar se kyu shadi nahi karta Chamar jatav se shadi nahi karta Jatav jaat se shadi nahi karta Sab schedule caast hai Muslman apni larki kisi sedule caast ko nahi dega Sikh hukamnana mei kaha sikh agar apni larki kisis non sikh ko dega tau samjho sikh ne apni larki ko khade mei daal diya
❤❤❤❤❤ सही कहा आपने नमो बुद्धाय बुद्धमय भारतवर्ष जय संविधान जय भीम जय किसान जय जवान जय विज्ञान जय महान चक्रवर्ती सम्राट अशोक जी जय चंद्रगुप्त मौर्य जी जय पूर्वजों
Budha ke pehle saman parampara thi orr unke pehle 27 budha orr huve the baad me Bodhisattva avlokiteshwara orr brahma jinka bastavik naam Aabraham aisa hamara ateet channel pe dekha mene aisa vo bata rahe ki ho sakta he orr Vishnu jo ki avlokiteshwara ji ke hriday se releted paida huve baad me brahma orr indra budha ke aage haath jode puratan sabut he orr krishna jisey Hercules se jodna sab ek sidh me he Hercules budha ka dhamma chakra haath me liye budha ke prachin khudai murtiya unme mila he jo budha ka dhamma ko follow karne ka kaam kar rahe they jo mathura ke yha abhi bhi he mujhe yeh samjh nahi AA Raha hai ki Hercules mathura me kya kar raha tha orr vo gai ko charane vala basuri bajane vala hydra naag ko marne vala orr haath me chakra lene wala kaise ho sakta he this is impossible 🧐
Bilkul bhodh dharm nahi dham hai or we kewal parkati me ishwar ko khojne ke liye kahaa bina paakhand ke bina dhokha diye logo ko kyoki ishwar dekh nahi ahsaas karne ki sakti hai 💯 or sab ko hak hai great
बौद्ध धम्म प्राकृतिक नियमों पर आधारित होने से वास्तविक है और अन्य तथाकथित धर्म ( मत ,पंथ , सम्प्रदाय ) मानव निर्मित कल्पना पर आधारित होने से काल्पनिक हैं , जिनका कोई भी अस्तित्व ही नहीं है ।
👉🏾पाखंड के पोषक, पाखंड और अंधभक्त होतें हैं, या नहीं ❓🤔। 👉🏾और अगर होतें हैं तो दिखतें कैसे हैं ❓❓🤔🤔🤔। 💙जय मानवता, जय भारत, नमो बुद्धाय, जय भीम, जय पेरियार साहब, जय ज्योतिबाफुले, जय महान् सम्राट अशोक, जय माई सावित्रीबाई फुले, जय ललई सिंह यादव, जय संविधान, जय विज्ञान। 🇮🇳✍🏾☸️👌🏾🙏🏻🙏🏾💙💐💐
बुध्द आत्मा परमात्मा ,स्वर्ग नरक को नही मानते थे।बौध्द भिक्षा उतनी ही मांगते थे,जितना एक समय के लिये आवश्यक था,वह भी पका पकाया भोजन।एक ही समय भोजन करते थे।
Buddham shranam gachchhami. Jay bheem.hamein es kahani se ye siksha mili hai ki braham wad me nahi rahna hai.ekta vishwash aur sangharsh ki mark par chalna hai.live in Bihar.welcom story ❤❤
There is a priestly class at that time brother. Influence of iran was there from 1500 bc times. They didnot want to mix with natives and want to maintain they blood lineage. It may not be in the same form as today but they maintained a separate classes in society and they spent time in yagnas
ब्राह्मण ही नहीं था बुद्ध के समय तो ब्राह्मणवाद कहां से होगा...वो बमण थे जो बौद्ध भिक्खू ही होते थे....सबूत बताओ ना आज के ब्राह्मणों का बुद्ध के समय...किसी राजा का शिलालेख,या पुराना ग्रंथ है हिंदुओं का बुद्ध के समय का ? वैदिक युग का ही सबूत दे दो।
जम्बुदीपचा (भारत) ज्ञात इतिहास कळतो तो ई. सण पूर्व 6 व्या शतकापासून, समणसंस्कृती: मुख्यत्वाने सांख्य(कपिल), बुद्ध, बुद्धिस्ट-जैन, आजीवक(गोशाल), चार्वाक/लोकायण(कांबळी). दर्शण, जी प्रकृतीप्रती कृतज्ञता व्यक्त करणारी, ईश्वर-आत्मा या तत्वांना न मानणारी.(बुद्ध या तत्वांवर काही टिप्पणी नाही करत, महत्व देतात प्राकृतिक व सामाजिक नीतीनियमावर आधारित व्यवस्थेवर- सम्यक आचारविचार) तर जैन फक्त आत्मा मानत) वैज्ञानिक अधिष्ठान असल्यामुळेच बुद्ध-धम्माचे चलन अधिक होते. त्याकाळी पाली व अर्ध मागधी भाषा आणि धम्म (बंभी/ब्राम्ही) व अन्य काही लिपी अस्तित्वात होत्या.... समाज मुख्यतः 3 भागात विभागलेला: कृषक, पशुपालक व कारागीर, या समाज घटकामधून तत्वज्ञानी, निरीक्षक-गुप्तचर, प्रशासक व सैनिक निवडले जात. तत्वज्ञानी हे दोन भागात विभागलेले, एक बमण (विद्वान) आणि दुसरा समण (भिक्षू), ना की पुरोहित, हे देशोदेशी भ्रमण करत, समाजाला सम्यक आचार विचारांचे महत्त्व काय याबद्दल उपदेश करीत असत.... ई. सण पूर्वकाळात 6-5 व्या शतकांत पर्शियन साम्राज्याने (अनुक्रमे सायरस द्वितीय व डेरीयस) भारताच्या काही भागावर आक्रमण केले.... ई. सण पूर्व 4थ्या शतकात बुधधम्म विभागला गेला, थेरवाद शाखा (हियान) की जे फक्त गोतम बुध यांच्या आचारविचारावर अंमल करीत, अरिहंत यांनाही मानाचे स्थान तर महसंघिक- चैत्यवादी शाखा, काळानुरूप परिवर्तनीय आचार विचार सरणी. बुद्धा प्रमाणेच बोधीसत्व यांनाही मानाचे स्थान, परंतु अरिहंत यांना विशेष दर्जा नव्हता.... याच शतकात, अलेक्झांडर/सिंकदर या ग्रीक सम्राटाने भारतावर आक्रमण करण्याचा अयशस्वी प्रयत्न केला, सीमांत प्रदेशातूनच त्याला पाठी फिरावे लागले; असे असले तरी पर्शियन साम्राज्य आणि भारताच्या काही सीमांत प्रदेशावर ग्रीक यांचेच अधिपत्य होते. अलेक्झांडर नंतर सेनापती सेल्युकस निकेटर यांच्या हाती या भागाचा राज्य कारभार आला. युद्धात चंद्रगुप्त मौर्य यांनी सेलुकस यांना परास्त केले, राजकीय समीकरण: सेलुकसकन्या व चंद्रगुप्त विवाहबद्ध, रोटीबेटी व्यवहार या दोन्ही संस्कृतीत सुरू होतात, या समुदायालाच आपण इंडो-ग्रीक असे संबोधतो. असोक या मौर्य चक्रवर्ती सम्राटाने तर इराणचा काही भाग इंडो- ग्रीकाकडून युद्धात जिंकून घेतला, याच काळात इराण, इराक, इजिप्त, सीरिया, तुर्कस्थान, श्रीलंका, म्यानमार ई. देशात बुद्ध धम्म पोहचला होता. मौर्य सम्राट बृहद्रथ यांच्या आकस्मित निधना नंतर इंडो-ग्रीकांनी उत्तर भारतावर आक्रमण केले व साम्राज्य प्रस्थापित केले.... युरेशिया येथून आलेल्या सिथिअन(शक) यांनी या इंडो-ग्रीकांना परास्त करत पर्शिया व उत्तर भारत त्यांच्या अधिपत्याखाली आणला, तदनंतर पर्थियन यांनी सिथिअन समुदायाचा बऱ्याच भागात बीमोड केला. यानंतर कुशाण यांनी सीथियन व पर्थीयन यांना परास्त करत भव्य साम्राज्य प्रस्थापित केले, कनिष्क हा कुशाण राजा सम्राट अशोक यांच्या प्रमाणेच प्रसिद्ध आहे. नंतर आले हूण, काही भागा पुरतेच मर्यादित राहिले. हे आक्रमणकारी व यांच्याबरोबर आलेले अन्य समुदाय: सुमेरियन, इजीप्तशियन, इराणी, तुर्की, ज्यू ई. तसेच या व्यतिरिक्त काही विदेशी समुदाय हि वेळोवेळी येत गेले, यातील बहुतेक इथेच स्थायिक झाले, या पैकी बहुतेकांनी बुधधम्म स्वीकारला.... कुशाणानी 4 थ्या बुद्ध संगतीत महासंघिक या शाखेला बरोबर घेवून महायान ही एक नवीन बुद्ध शाखा अस्तित्वात आणली. या शाखेने सर्व विदेशी समुदायाच्या देव/देवी यांनाही मान्यता दिली. महत्वाचे बोधीसत्व हे अवलोकितेश्र्वर बुद्ध (पद्-मपाणी) , स्त्री- पुरुष या दोन्ही रुपात, यांना 108 नावे होती, यांच्या शरीरातील विविध अवयावतून या सर्व देव/देवी यांचा जन्म झाला अशी मान्यता: उदा. ब्रम्हा, विष्णू, महेश, शिव, रुद्र, नीळकंठेश्र्वर, अर्धनारेश्र्वर, इंद्र, वरुण, काली, लक्ष्मी व महालक्ष्मी ई. बुद्धधम्म धर्म म्हणून अस्तित्वात आला. या सर्व इसवी सणाच्या पहिल्या शतकात व त्या आधी घडलेल्या घटना आहेत. (आजचा हिंदू धर्म हा याच महायान शाखेची देण) याच काळात या विदेशी मंडळीच्या भाषेचा प्रभाव पडून पाली भाषेचे रूपांतर हायब्रीड बुद्धिस्ट संस्कृत भाषेत झाले. (आजची क्लासिकल संस्कृत हिचेच अद्यावत रूप)
Mai bas ye hi kehna chahta hu ye sari batein islam ki bato se match karti hai namaz khud bhi padh sakte hai aur jamaat ke saath bhi aur zaruri nahi ki maulana ho namaz padhane ke liye koi bhi jo ache se surat padh sakta ho ya kisi ko bhi 4 khul ke surat aate ho woh 4 rakat namaz padh bhi sakta hai aur padha bhi sakta hai.aur apne aapko sudhaar karna jisko Arabic mein islah karna matlab apne aap ko sudharna dono batein same hai bas language ka hi farq hai.shayad is liye bahut se buddh samaj ke log muslims ko pasand karte hai similarities hai dono mein. jaise justice ko upar rakha gaya aur apne aamal(karm) ko ache karne wali baat,charity,gharibo ka khayal karna har chiz mein,last but not least duniya ki zindagi ek test hai jaha ache karm karne ka result per mark ki jagah neki(ache points) milte hai jis se exam mein paas hone mein mauka milta hai Bure amaal(Bure karm ) ke mukable mein.
Aaj ke daur mein jo sabse zyada islam jaldi kubul kar rahe hai woh Buddhist honge kyunki jo values bataye huwe hai Buddhism mein aaj Buddhist log ke buddist dham bhi pandit ki tarah bhautik samagri jama kar rahe hai aur ameer ban rahe hai jabki unka kaam knowledge spread karna tha woh raaste se bhatak gaye hai.per ye muslim ke maulana aaj bhi gharib aur deen ko apne khwahish ke upar rakhe huwe hai.shayad is liye Buddhist log islam kubul kar rahe hai sahi se keh nahi sakta.
@@quadriwaseemnoorulhaq8346 tum apna dekho . Agr bola toh tum ulta gussa kroge .. Muhammad ne choti bachi se shadi ki 🧐. Uff kon gyaan de rha hai dekho toh 🧐
10% सवर्ण 👉 90% सम्पत्ति 90%SC ST OBC 👉 10% सम्पत्ति फिर भी गरीब सुदामा कोटा EWS में सवर्ण ही है कैसा न्याय है ये जागो SC ST OBC जागो मोडानी बाह्ममण बनिया ठाकुर की सरकार है 😶आ
शानदार जानकारी के लिए आपको बहुत बहुत धन्यवाद 🌹🙏🌹 हार्दिक शुभकामनाएं 🌹🙏🌹😊
Fòols do not know hinyana
And mahayan
And vajrayan
Buddh never considered every one equal
Women's were considered unfit for kevalya
And other wrong facts could not make this Vedio useful
Pathetic
अरे ब्राह्मण से भी पहले हर व्यक्ति समान ही था। लेकिन आपको आपने गलत ज्ञान हासिल किया है बुद्ध के समय कोई चातुर वर्ण व्यवस्था नहीं थी। एक बात को अच्छी तरह से ध्यान में रख लो कि बुद्ध के समय क्ष श्र ऋ ष श ज्ञ वर्ण नहीं था ।
Yadav meena se kyu shadi nahi karta
Meena chamar se kyu shadi nahi karta
Chamar jatav se shadi nahi karta
Jatav jaat se shadi nahi karta
Sab schedule caast hai
Muslman apni larki kisi sedule caast ko nahi dega
Sikh hukamnana mei kaha sikh agar apni larki kisis non sikh ko dega tau samjho sikh ne apni larki ko khade mei daal diya
❤❤❤❤❤ सही कहा आपने नमो बुद्धाय बुद्धमय भारतवर्ष जय संविधान जय भीम जय किसान जय जवान जय विज्ञान जय महान चक्रवर्ती सम्राट अशोक जी जय चंद्रगुप्त मौर्य जी जय पूर्वजों
बुध्द आत्मा परमात्मा को स्वर्ग नरक को नही मानते थे। भिक्षा भी पका पकाया भोजन ,जितनी आवश्यकता थी ,उतना ही मांगते थे।
Mahaparnibbana sutta padho
Budha ke pehle saman parampara thi orr unke pehle 27 budha orr huve the baad me Bodhisattva avlokiteshwara orr brahma jinka bastavik naam Aabraham aisa hamara ateet channel pe dekha mene aisa vo bata rahe ki ho sakta he orr Vishnu jo ki avlokiteshwara ji ke hriday se releted paida huve baad me brahma orr indra budha ke aage haath jode puratan sabut he orr krishna jisey Hercules se jodna sab ek sidh me he Hercules budha ka dhamma chakra haath me liye budha ke prachin khudai murtiya unme mila he jo budha ka dhamma ko follow karne ka kaam kar rahe they jo mathura ke yha abhi bhi he mujhe yeh samjh nahi AA Raha hai ki Hercules mathura me kya kar raha tha orr vo gai ko charane vala basuri bajane vala hydra naag ko marne vala orr haath me chakra lene wala kaise ho sakta he this is impossible 🧐
बहुत ही सुंदर एवं ज्ञानवर्धक जानकारी प्रदान की है। सादर जय भीम नमो बुध्दाय ।
बहुत हि अच्छी तरहे समझ मे आ गया ये वीडियो जय भीम नमो बुद्धाय
सायन्स जर्नी, रॅशनल वर्ल्ड, रियालीस्ट आझाद, अमित तिवारी..
👌☸️🙏👑💯
Ha bhai❤
❤❤❤❤❤ नमो बुद्धाय बुद्धमय भारतवर्ष जय संविधान जय भीम जय किसान जय जवान जय विज्ञान जय महान चक्रवर्ती सम्राट अशोक जी जय चंद्रगुप्त मौर्य जी जय पूर्वजों
Samvidhane-al-jhaantebaal 😉
Bilkul sahi baat Jay Bheem namo buddhay 🙏🏼🙏🏼
Namo budhay 🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Bilkul bhodh dharm nahi dham hai or we kewal parkati me ishwar ko khojne ke liye kahaa bina paakhand ke bina dhokha diye logo ko kyoki ishwar dekh nahi ahsaas karne ki sakti hai 💯 or sab ko hak hai great
Muftkhori, masahar chor ke pure Buddist ban ke math me chale jau 😂😂
jayse vante sumit ratan jayse scroundrel, dheduawadi, fake, rapist vante khojte hay!😂
Namo budhay, Jay Mulnivaasee, Jay Sambidhaan, Jay Vigyaan. Jay Bhim.
बौद्ध धम्म प्राकृतिक नियमों पर आधारित होने से वास्तविक है और अन्य तथाकथित धर्म ( मत ,पंथ , सम्प्रदाय ) मानव निर्मित कल्पना पर आधारित होने से काल्पनिक हैं , जिनका कोई भी अस्तित्व ही नहीं है ।
बौद्ध धम्म के समय ब्राह्मण नही थे, बमन थे, बमन का मतलब पंडित (बुद्धिमान )है उस समय समन और बमन संस्कृती थी
❤❤❤❤❤ नमो बुद्धाय बुद्धमय भारतवर्ष जय संविधान जय भीम जय किसान जय जवान जय विज्ञान जय महान चक्रवर्ती सम्राट अशोक जी जय चंद्रगुप्त मौर्य जी जय पूर्वजों
Bahut khubsurat ❤yjan hai Jay mulniwashi jay bhim jay smbidhan Jay asok smrat 🇮🇳 nmo budhaye jay bhart
Right vedio 😊 ........jay.........bheem namobudhay
नमो बुध्दाय, जय भिम,
आपका कहना सत्य है।
Buddhism its philosophy realty simple living life ❤❤❤❤
बहुत सुंदर वीडियो ❤
इसलिए डरते हैं की उन्का सच्चाई पताचला तो धंधा बन्द हो जायेगा।
Jay Bheem namo buddhay
🙏 नमाे बुद्धाय 🌷
सही सन्देश दिया अापने ।
👉🏾पाखंड के पोषक, पाखंड और अंधभक्त होतें हैं, या नहीं ❓🤔।
👉🏾और अगर होतें हैं तो दिखतें कैसे हैं ❓❓🤔🤔🤔।
💙जय मानवता, जय भारत, नमो बुद्धाय, जय भीम, जय पेरियार साहब, जय ज्योतिबाफुले, जय महान् सम्राट अशोक, जय माई सावित्रीबाई फुले, जय ललई सिंह यादव, जय संविधान, जय विज्ञान। 🇮🇳✍🏾☸️👌🏾🙏🏻🙏🏾💙💐💐
Super super Superior video 📷📷📷📸📸📸📸 Namo Buddhay namo dhammay
नमो बुद्धाय यह घटनाएंसत्य है
Achha lagta hai ❤ namo budhay Jai Ashok samrat
Bahut sundar alochana Kiya apnea. Thank you sir
नमोबुद्धाय
नमो बुद्धाय जय भीम जय संविधान
Om namo buddhay
बुध्द आत्मा परमात्मा ,स्वर्ग नरक को नही मानते थे।बौध्द भिक्षा उतनी ही मांगते थे,जितना एक समय के लिये आवश्यक था,वह भी पका पकाया भोजन।एक ही समय भोजन करते थे।
Very good bhaiyo yas good
नमो बुद्धाय भंते जी सत सत नमन नमो बुद्धाय जय भीम जय संविधान जय भारत 💙💙💙💙💙🌹🇮🇳🌹🇮🇳
Buddham shranam gachchhami. Jay bheem.hamein es kahani se ye siksha mili hai ki braham wad me nahi rahna hai.ekta vishwash aur sangharsh ki mark par chalna hai.live in Bihar.welcom story ❤❤
❤namo buddhay❤🎉🎉🎉
Sahi kaha aapane Bhagwan Buddh shreshth hai
Namo buddhay Jay Bheem❤
Namo Budhay
Very very good sir 👍❤😅❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
अरे भाई बुद्ध के समय में ब्राह्मणवाद था ही नहीं और ना ही ब्राह्मण नाम का कोई व्यक्ति थे क्यों समाज को गुमराह कर रहे हो
Namo... Budhaye
Jai bhim namo buddhay jai mulnivasi bahut badiya jankari di hai aapne
#NarayanNarayan 😊❤❤😊🚩🚩🙏🙏❣️❣️💪💪🥰🥰🥰😍😍😍
Good
Jai bhim ❤❤
Good THANK YOU SIR
सही कहा
Jai Bhim nmo budhay budham surname gaghhami❤❤❤❤❤❤
विश्व का सबसे सर्वोत्तम धर्म है तो बौद्ध धर्म।
Yah video bahut pasand aaya bahut achcha Laga Jay Bheem namo buddhay
Sahi vishlesh apne Kiya hai
Very good information video thanks you sir
Jai shree Ram ji
First Tathagat Buddha later other
Namo buddhay jai Bhim jai Periyar Lalai Saadhuwaad 🙏🙏🙏
Buddhism k Samay Branham drama nahi tha ye Dharam bahut bat ka hai agar ap k pass koi pramaan hai ki us Samay Branham dharm tha to Sanjha kare.
You are right 🎉
Sataybachan hai
There is a priestly class at that time brother. Influence of iran was there from 1500 bc times. They didnot want to mix with natives and want to maintain they blood lineage. It may not be in the same form as today but they maintained a separate classes in society and they spent time in yagnas
भगवान ने कभी भी यज्ञ की चर्चा नही किया क्योंकि न तो उस समय ब्राहम्ण था न ही सूद्र आप अपने ज्ञान को सही करें
ब्राह्मण ही नहीं था बुद्ध के समय तो ब्राह्मणवाद कहां से होगा...वो बमण थे जो बौद्ध भिक्खू ही होते थे....सबूत बताओ ना आज के ब्राह्मणों का बुद्ध के समय...किसी राजा का शिलालेख,या पुराना ग्रंथ है हिंदुओं का बुद्ध के समय का ? वैदिक युग का ही सबूत दे दो।
Namo buddhay jay bhim
Jai bheem namo budhay 💙🌹💙🌹🌹💙💙🌹💙🌹🌹💙💙🌹💙🌹🌹💙💙🌹💙🌹🌹💙
हाम बौद्ध धर्म का आदर करते है और देश को बुद्ध के विचारो कि जरूरत है नमो बुद्धाय
जम्बुदीपचा (भारत) ज्ञात इतिहास कळतो तो ई. सण पूर्व 6 व्या शतकापासून, समणसंस्कृती: मुख्यत्वाने सांख्य(कपिल), बुद्ध, बुद्धिस्ट-जैन, आजीवक(गोशाल), चार्वाक/लोकायण(कांबळी). दर्शण, जी प्रकृतीप्रती कृतज्ञता व्यक्त करणारी, ईश्वर-आत्मा या तत्वांना न मानणारी.(बुद्ध या तत्वांवर काही टिप्पणी नाही करत, महत्व देतात प्राकृतिक व सामाजिक नीतीनियमावर आधारित व्यवस्थेवर- सम्यक आचारविचार) तर जैन फक्त आत्मा मानत) वैज्ञानिक अधिष्ठान असल्यामुळेच बुद्ध-धम्माचे चलन अधिक होते. त्याकाळी पाली व अर्ध मागधी भाषा आणि धम्म (बंभी/ब्राम्ही) व अन्य काही लिपी अस्तित्वात होत्या....
समाज मुख्यतः 3 भागात विभागलेला: कृषक, पशुपालक व कारागीर, या समाज घटकामधून तत्वज्ञानी, निरीक्षक-गुप्तचर, प्रशासक व सैनिक निवडले जात. तत्वज्ञानी हे दोन भागात विभागलेले, एक बमण (विद्वान) आणि दुसरा समण (भिक्षू), ना की पुरोहित, हे देशोदेशी भ्रमण करत, समाजाला सम्यक आचार विचारांचे महत्त्व काय याबद्दल उपदेश करीत असत....
ई. सण पूर्वकाळात 6-5 व्या शतकांत पर्शियन साम्राज्याने (अनुक्रमे सायरस द्वितीय व डेरीयस) भारताच्या काही भागावर आक्रमण केले....
ई. सण पूर्व 4थ्या शतकात बुधधम्म विभागला गेला, थेरवाद शाखा (हियान) की जे फक्त गोतम बुध यांच्या आचारविचारावर अंमल करीत, अरिहंत यांनाही मानाचे स्थान तर महसंघिक- चैत्यवादी शाखा, काळानुरूप परिवर्तनीय आचार विचार सरणी. बुद्धा प्रमाणेच बोधीसत्व यांनाही मानाचे स्थान, परंतु अरिहंत यांना विशेष दर्जा नव्हता....
याच शतकात, अलेक्झांडर/सिंकदर या ग्रीक सम्राटाने भारतावर आक्रमण करण्याचा अयशस्वी प्रयत्न केला, सीमांत प्रदेशातूनच त्याला पाठी फिरावे लागले; असे असले तरी पर्शियन साम्राज्य आणि भारताच्या काही सीमांत प्रदेशावर ग्रीक यांचेच अधिपत्य होते. अलेक्झांडर नंतर सेनापती सेल्युकस निकेटर यांच्या हाती या भागाचा राज्य कारभार आला. युद्धात चंद्रगुप्त मौर्य यांनी सेलुकस यांना परास्त केले, राजकीय समीकरण: सेलुकसकन्या व चंद्रगुप्त विवाहबद्ध, रोटीबेटी व्यवहार या दोन्ही संस्कृतीत सुरू होतात, या समुदायालाच आपण इंडो-ग्रीक असे संबोधतो. असोक या मौर्य चक्रवर्ती सम्राटाने तर इराणचा काही भाग इंडो- ग्रीकाकडून युद्धात जिंकून घेतला, याच काळात इराण, इराक, इजिप्त, सीरिया, तुर्कस्थान, श्रीलंका, म्यानमार ई. देशात बुद्ध धम्म पोहचला होता. मौर्य सम्राट बृहद्रथ यांच्या आकस्मित निधना नंतर इंडो-ग्रीकांनी उत्तर भारतावर आक्रमण केले व साम्राज्य प्रस्थापित केले....
युरेशिया येथून आलेल्या सिथिअन(शक) यांनी या इंडो-ग्रीकांना परास्त करत पर्शिया व उत्तर भारत त्यांच्या अधिपत्याखाली आणला, तदनंतर पर्थियन यांनी सिथिअन समुदायाचा बऱ्याच भागात बीमोड केला. यानंतर कुशाण यांनी सीथियन व पर्थीयन यांना परास्त करत भव्य साम्राज्य प्रस्थापित केले, कनिष्क हा कुशाण राजा सम्राट अशोक यांच्या प्रमाणेच प्रसिद्ध आहे. नंतर आले हूण, काही भागा पुरतेच मर्यादित राहिले. हे आक्रमणकारी व यांच्याबरोबर आलेले अन्य समुदाय: सुमेरियन, इजीप्तशियन, इराणी, तुर्की, ज्यू ई. तसेच या व्यतिरिक्त काही विदेशी समुदाय हि वेळोवेळी येत गेले, यातील बहुतेक इथेच स्थायिक झाले, या पैकी बहुतेकांनी बुधधम्म स्वीकारला....
कुशाणानी 4 थ्या बुद्ध संगतीत महासंघिक या शाखेला बरोबर घेवून महायान ही एक नवीन बुद्ध शाखा अस्तित्वात आणली. या शाखेने सर्व विदेशी समुदायाच्या देव/देवी यांनाही मान्यता दिली. महत्वाचे बोधीसत्व हे अवलोकितेश्र्वर बुद्ध (पद्-मपाणी) , स्त्री- पुरुष या दोन्ही रुपात, यांना 108 नावे होती, यांच्या शरीरातील विविध अवयावतून या सर्व देव/देवी यांचा जन्म झाला अशी मान्यता: उदा. ब्रम्हा, विष्णू, महेश, शिव, रुद्र, नीळकंठेश्र्वर, अर्धनारेश्र्वर, इंद्र, वरुण, काली, लक्ष्मी व महालक्ष्मी ई. बुद्धधम्म धर्म म्हणून अस्तित्वात आला. या सर्व इसवी सणाच्या पहिल्या शतकात व त्या आधी घडलेल्या घटना आहेत. (आजचा हिंदू धर्म हा याच महायान शाखेची देण) याच काळात या विदेशी मंडळीच्या भाषेचा प्रभाव पडून पाली भाषेचे रूपांतर हायब्रीड बुद्धिस्ट संस्कृत भाषेत झाले. (आजची क्लासिकल संस्कृत हिचेच अद्यावत रूप)
Great Great Great comparison I salute you
Good vichar
Namo buddhay
Nice
Budha k samay koi brahmanvad nahi tha (no evidence). Budha rudhivad aur agyanta se lad rahe the.
Very good
Mai bas ye hi kehna chahta hu ye sari batein islam ki bato se match karti hai namaz khud bhi padh sakte hai aur jamaat ke saath bhi aur zaruri nahi ki maulana ho namaz padhane ke liye koi bhi jo ache se surat padh sakta ho ya kisi ko bhi 4 khul ke surat aate ho woh 4 rakat namaz padh bhi sakta hai aur padha bhi sakta hai.aur apne aapko sudhaar karna jisko Arabic mein islah karna matlab apne aap ko sudharna dono batein same hai bas language ka hi farq hai.shayad is liye bahut se buddh samaj ke log muslims ko pasand karte hai similarities hai dono mein. jaise justice ko upar rakha gaya aur apne aamal(karm) ko ache karne wali baat,charity,gharibo ka khayal karna har chiz mein,last but not least duniya ki zindagi ek test hai jaha ache karm karne ka result per mark ki jagah neki(ache points) milte hai jis se exam mein paas hone mein mauka milta hai Bure amaal(Bure karm ) ke mukable mein.
Aaj ke daur mein jo sabse zyada islam jaldi kubul kar rahe hai woh Buddhist honge kyunki jo values bataye huwe hai Buddhism mein aaj Buddhist log ke buddist dham bhi pandit ki tarah bhautik samagri jama kar rahe hai aur ameer ban rahe hai jabki unka kaam knowledge spread karna tha woh raaste se bhatak gaye hai.per ye muslim ke maulana aaj bhi gharib aur deen ko apne khwahish ke upar rakhe huwe hai.shayad is liye Buddhist log islam kubul kar rahe hai sahi se keh nahi sakta.
@@quadriwaseemnoorulhaq8346😂
@@quadriwaseemnoorulhaq8346mar jayege muslim nhi banege . Nech jate rhege par muslim nhi banege . muslim mazhub mai jana se acha mar jana .
@@quadriwaseemnoorulhaq8346 tum apna dekho . Agr bola toh tum ulta gussa kroge .. Muhammad ne choti bachi se shadi ki 🧐. Uff kon gyaan de rha hai dekho toh 🧐
@@quadriwaseemnoorulhaq8346acha dalit logo ne kyu nhi islam apna awi tk
Jai bhim
जय श्री कृष्ण 🚩
सनातन ही सत्य है 🔱
sun ke mizaaj fresh ho gaya waah kya baat hai
Very nice 👍❤
Namo tass bhagwato arhato samasambuddassa . thankyou sir.
नमो बुद्धाय
बिल्कुल सत्य ,,
Satya mev jayte 🎉 🎉 🎉 🎉 🎉
Buddhism kr time Koi Brahmin nahi, please don't mislead
fir 'utter Vedic kaal' me Vedic log kon the. hoshiyar 🧐
hoshiyar Mali 😂
@@prakashchandramahore6576 achha aur tu Euresian Bewkuf hai kya ?
Abe gadhe pahele Tripitak padh ke a. Gadhe
@@prakashchandramahore6576 vedic kaal kalpanik hai, gautam buddha ke waqt koi bramhan tha hi nhi
Jai bheem
Sahamat hai
Jai bheem 💙💙 namoh budhay 💙🙏🙏🙏🙏🙏🙏💙💙💙💙💙💙💙💙💙💙
जय भीम नमो बुद्धाय 🌹🙏🙏🙏
10% सवर्ण 👉 90% सम्पत्ति
90%SC ST OBC 👉 10% सम्पत्ति
फिर भी गरीब सुदामा कोटा EWS में सवर्ण ही है कैसा न्याय है ये
जागो SC ST OBC जागो
मोडानी बाह्ममण बनिया ठाकुर की सरकार है 😶आ
Jai bhim 🙏
Agreed
एक दम सही है
namo buddhay
গৌতম বুদ্ধের সময় ব্রাহ্মণ ধর্মের কোনো অস্তিত ছিল না |
Right
Nom. Budhay
Jay bhim namo budhay
Namoh Buddhay
Dhamma = Dharma
SuAchran, vyavhar
Sheel - Sadachar
❤❤
Thaingsmitro, nmobhimnmobudhaye
To fight against unjustice, unequality, hypocrisy, hypocrite and their's religious hypocrisy Systems heartily...
👍
जय श्री राम 🙏
Jai budhay dhamm parkirtik hai,
❤
Sir lord budhha ke samay Brahman nahi hote the
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साधू साधू साधू
अन्तर साफ दिखता है बौध्द धर्म को मानने वाले जापान और चीन कहा पहुच गये और सनातनी अभी राम को लाने मे जुटे है।
Jay ravan
💯%
Sir app bilkul sahi bol rahe lekin both dharam nahi both dhamm bataya gaya