आदरणीय@kalakrushnanayak7315 ! 🙏 भारतीय व्यवस्था में कोई वैज्ञानिक दृष्टिकोण नहीं है। हमारे देश में जब भी कोई इतिहास पर बात करता है तो विवाद में पड़ जाता है। एक नया मौखिक युद्ध शुरू होता है। हमारे देश में ऐसा क्यों है? इसलिए मैं आपको उपाय सहित इसके मूल कारण तक ले जा रहा हूं। भारत विश्वगुरु था या नहीं यह एक बहस का मुद्दा है। आज, विशेष रूप से 2015 से, इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था के संदर्भ में भारत दुनिया में मूर्ख राष्ट्र है।हमारे राष्ट्र को एक बुद्धिमान राष्ट्र बनाने के लिए आज मैं देशव्यापी चर्चा का संक्षिप्त विचार दे रहा हूँ । कोई भी धर्म अपने सामाजिक कानूनों से महान हो सकता है। धर्म की महानता वैज्ञानिक शोधों या युद्ध विजयों या साहित्य या दर्शन पर टिकी नहीं होती। यह सब उस धर्म के सामाजिक कानूनों पर स्थायी रूप से करता है........... धर्म अपने मानवीय सदस्यों के साथ कैसा व्यवहार करता है यह महत्वपूर्ण है। और ये मोर्चों पर हिंदू धर्म के बहुत गंभीर संकट हैं। आप डॉ बाबासाहेब अम्बेडकरजी जैसे समाज सुधारकों के विचारों के बारे में सोच सकते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।यह पवित्र समझौता एससी/एसटी/ओबीसी समुदायों की भावनाओं के सम्मान में किया गया।आज कई लोग हिंदू धर्म में गर्व महसूस करते हैं। यह पवित्र संहिता या संविधान की आत्मा के विरुद्ध है। यह विपरीत बात हर जगह समस्या पैदा कर रही है। इसलिए मैं इसे देशव्यापी चर्चा के माध्यम से सुलझाना चाहता हूं। यही सबसे सही तरीका है जो संविधान में दिए गए वैज्ञानिक दृष्टिकोण को भी अपनाता है। किसी भी बुद्धिमान राष्ट्र, लोकतांत्रिक राष्ट्र के लिए यह आवश्यक है कि हम चर्चा के माध्यम से सत्य की खोज करें। यह हो सकता है।मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। मैंने 2012 में अपनी नौकरी छोड़ दी और इन विषयों का अध्ययन शुरू कर दिया और अब इस तरह की राष्ट्रव्यापी चर्चा करने की स्थिति में हूं। मैं देश के हर नागरिक को शामिल करना चाहता हूं। मैंने जरूरतों के अनुरूप चर्चा की एक ऐसी विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है 1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है। यह हमारे देश में सभी इतिहास, जाति और धर्म संबंधी विवादों को हल करने के लिए एक वैध, आधिकारिक प्रयास है। इसलिए मैं अधिकारी शब्द का प्रयोग कर रहा हूं। अगर सरकार इस प्रक्रिया में मदद करती है तो यह होगा। यह कैसे किया जाएगा? 1) मुझे सरकार का निमंत्रण - और इस मोर्चे पर मैं सरकार से नाखुश हूं। 1400 अनुरोध के बाद भी सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं आया है। 2) मैं अपनी कानूनी स्थिति, अधिकार और सरकार के रुख के बारे में सरकार से स्पष्ट करूंगा. 3) चर्चा का आधार क्या होना चाहिए? क्या यह हिंदुत्व दर्शन या धर्मनिरपेक्ष दर्शन पर आधारित होगा? यह बहुत जरूरी है। मैं 2012 से हमारे राजनेताओं द्वारा बुनियादी बातों पर पूरी तरह से विपरीत रुख देख रहा हूं। इसलिए मैं सरकार से लिखित आधिकारिक संचार में ही विश्वास करूंगा। 4)राष्ट्रव्यापी चर्चा के लिए बुनियादी ढांचा स्थापित किया जाएगा 5) चर्चा के लिए मानसिक तैयारी (सभी नागरिकों की) मैं सभी को शामिल करना चाहता हूं। राष्ट्र के प्रत्येक नागरिक को जाति और धार्मिक विवादों के समाधान में सक्रिय रूप से शामिल होना चाहिए। 6) चर्चा की विशेष प्रणाली का परिचय। 7) वास्तविक राष्ट्रव्यापी चर्चा और पुराने धार्मिक और जाति, इतिहास विवादों पर समाधान आइए हम सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें। अवधूत जोशी
May Odia hoon or mujhe bohot proud feel hoti hai☺☺Sir aaj apne DNA may Sri Jagannath ji ke bare bohot sari baate kahi isiliye aap ka Thank you☺☺ Sab bolo Jay Jagannath🙏🙏☺ 👇👇👍
Sarthak Joshi because scientifically one complete side of Odisha is surrounded by water so eating fish is evolutionary inheritance of Odia people, religiously some goddess(chandi,kali etc) eats fish as bhog!
Boraa bor hai lekin Sudhir chaudhary dna aur Tahir gora tag TV yeah 2journalist aur news channel hameshaa sach bolte hain tavi tow librandu katarpanthi kotwo kaa pichwarda main aag log jataa hai
Sudhir chaudhary the great person .....love u from bottom of heart ...u realy have knowledge ...you know how to explain anything in front of anyone...🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳
आदरणीय @monugupta6927🙏 !जय जगन्नाथ कुछ लोग मुझसे कहते हैं कि लिखित बात लंबी है। जैसा कि मैं इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था के बारे में बात करता हूं, यह जरूरी है। महिला उत्पीड़न, जाति/धर्म के नाम पर अपराध, इतिहास के नाम पर विवाद और दंगे आदि में इन कारकों का भारी योगदान है। इसलिए इन विषयों की उचित समझ के लिए हजारों पृष्ठों को पढ़ने की आवश्यकता होती है। तो कृपया इन कुछ वाक्यों को पढ़ें। 2015 में माननीय मोदीजी/बीजेपी के नेतृत्व में, वर्तमान हिंदू पार्टी भारत, इतिहास के संदर्भ में दुनिया का सबसे मूर्ख राष्ट्र बन गया है। राजनीतिक विरोधाभास हो या कोई सामाजिक/धार्मिक विवाद, दोनोंका मूल कारण हिंदू धर्म पर विरोधाभास है। मैं 2015 को विश्वमूर्ख स्थिति की उपलब्धि के लिए एक वर्ष के रूप में क्यों दे रहा हूं? कारण- 2015 में, मैंने खुद को इतिहास, जाति/धर्म के संबंध में सभी पुराने विवादों को हल करने की स्थिति में ला दिया।लेकिन माननीय मोदीजी/भाजपा के नेतृत्व में वर्तमान तथाकथित हिंदू सरकार ने मुझे इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर एक राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करने का अवसर नहीं दिया है। अहंकार से नहीं, बल्कि वास्तविकता के तौर पर, मैं कहता हूं कि मैं इन विषयों पर सबसे सही व्यक्ति हूं, खासकर विवादों के संबंध में। मुझे इन विवादों पर स्थायी समाधान मिलने का भरोसा है.' अतः 2015 के बाद भारत में जितने भी जाति/धर्म/इतिहास संबंधी विवाद हैं, उसके लिए वर्तमान सरकार जिम्मेदार है। स्वतंत्रता संग्राम के काल में डॉ. अम्बेडकर जी और सावरकर जी के हिन्दू धर्म पर बिल्कुल विपरीत अतिवादी विचार थे। और नेहरू ने हमारे देश के हित में इस पर एक सुनहरा समझौता किया। सौभाग्य से बहुसंख्यक बहुजन समाज और बहुसंख्यक ब्राह्मणों ने नेहरू/कांग्रेस का समर्थन किया, इस एकता ने हमें स्वतंत्रता प्राप्त करने में मदद की। इसीलिए डॉ. अम्बेडकरजी और श्यामाप्रसादजी (सावरकर के शिष्य और वर्तमान भाजपा के संस्थापक) को नेहरू/कांग्रेस पार्टी, उस काल की हिंदू पार्टी के नेतृत्व में भारत की पहली सरकार में शामिल किया गया था। दोनों की अपनी-अपनी राजनीतिक पार्टी थी, और कांग्रेस का कोई सदस्य नहीं था। यह समझौता एससी, एसटी और ओबीसी समुदायों की भावनाओं के सम्मान के रूप में किया गया था। समय के साथ चीजें गलत होती गईं. किसी भी समझौते के लिए उच्च स्तर की बुद्धिमत्ता और समझ की आवश्यकता होती है। 15 अगस्त 1947 को भारत ज्ञान के चरम पर था। समय के साथ, एक राष्ट्र के रूप में हमने उस ज्ञान और समझ को खोना शुरू कर दिया। 2015 में, हम एक राष्ट्र के रूप में, मूर्ख राष्ट्र हैं। मैं भारत को बुद्धिमान राष्ट्र का दर्जा वापस दिलाना चाहता हूं। मैंने जरूरतों के अनुसार चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निम्नलिखित बिंदुओं पर उचित ध्यान देता है 1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) किसी भी जाति और धर्म के वास्तविक सम्मान को कोई नुकसान नहीं 4) हमारे देश की विशाल आबादी शिक्षित लोगों से बनी है और अशिक्षित वर्ग 5) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 6) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य का पता लगाने में सक्षम है। कृपया राष्ट्रव्यापी चर्चा के विचार का समर्थन करें और साझा करें। आइए हम सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें। अवधूत जोशी
I'm from odisha...Tnx zee news for telecast about my lord 🙏🙏... I kindly invited to all plzz come to our state and b blessed by lord jagannath and look the unity of hinduism....
आदरणीय @rupashreedash3084🙏 ! कुछ लोग मुझसे कहते हैं कि लिखित बात लंबी है। जैसा कि मैं इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था के बारे में बात करता हूं, यह जरूरी है। महिला उत्पीड़न, जाति/धर्म के नाम पर अपराध, इतिहास के नाम पर विवाद और दंगे आदि में इन कारकों का भारी योगदान है। इसलिए इन विषयों की उचित समझ के लिए हजारों पृष्ठों को पढ़ने की आवश्यकता होती है। तो कृपया इन कुछ वाक्यों को पढ़ें। 2015 में माननीय मोदीजी/बीजेपी के नेतृत्व में, वर्तमान हिंदू पार्टी भारत, इतिहास के संदर्भ में दुनिया का सबसे मूर्ख राष्ट्र बन गया है। राजनीतिक विरोधाभास हो या कोई सामाजिक/धार्मिक विवाद, दोनोंका मूल कारण हिंदू धर्म पर विरोधाभास है। मैं 2015 को विश्वमूर्ख स्थिति की उपलब्धि के लिए एक वर्ष के रूप में क्यों दे रहा हूं? कारण- 2015 में, मैंने खुद को इतिहास, जाति/धर्म के संबंध में सभी पुराने विवादों को हल करने की स्थिति में ला दिया।लेकिन माननीय मोदीजी/भाजपा के नेतृत्व में वर्तमान तथाकथित हिंदू सरकार ने मुझे इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर एक राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करने का अवसर नहीं दिया है। अहंकार से नहीं, बल्कि वास्तविकता के तौर पर, मैं कहता हूं कि मैं इन विषयों पर सबसे सही व्यक्ति हूं, खासकर विवादों के संबंध में। मुझे इन विवादों पर स्थायी समाधान मिलने का भरोसा है.' अतः 2015 के बाद भारत में जितने भी जाति/धर्म/इतिहास संबंधी विवाद हैं, उसके लिए वर्तमान सरकार जिम्मेदार है। स्वतंत्रता संग्राम के काल में डॉ. अम्बेडकर जी और सावरकर जी के हिन्दू धर्म पर बिल्कुल विपरीत अतिवादी विचार थे। और नेहरू ने हमारे देश के हित में इस पर एक सुनहरा समझौता किया। सौभाग्य से बहुसंख्यक बहुजन समाज और बहुसंख्यक ब्राह्मणों ने नेहरू/कांग्रेस का समर्थन किया, इस एकता ने हमें स्वतंत्रता प्राप्त करने में मदद की। इसीलिए डॉ. अम्बेडकरजी और श्यामाप्रसादजी (सावरकर के शिष्य और वर्तमान भाजपा के संस्थापक) को नेहरू/कांग्रेस पार्टी, उस काल की हिंदू पार्टी के नेतृत्व में भारत की पहली सरकार में शामिल किया गया था। दोनों की अपनी-अपनी राजनीतिक पार्टी थी, और कांग्रेस का कोई सदस्य नहीं था। यह समझौता एससी, एसटी और ओबीसी समुदायों की भावनाओं के सम्मान के रूप में किया गया था। समय के साथ चीजें गलत होती गईं. किसी भी समझौते के लिए उच्च स्तर की बुद्धिमत्ता और समझ की आवश्यकता होती है। 15 अगस्त 1947 को भारत ज्ञान के चरम पर था। समय के साथ, एक राष्ट्र के रूप में हमने उस ज्ञान और समझ को खोना शुरू कर दिया। 2015 में, हम एक राष्ट्र के रूप में, मूर्ख राष्ट्र हैं। मैं भारत को बुद्धिमान राष्ट्र का दर्जा वापस दिलाना चाहता हूं। मैंने जरूरतों के अनुसार चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निम्नलिखित बिंदुओं पर उचित ध्यान देता है 1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) किसी भी जाति और धर्म के वास्तविक सम्मान को कोई नुकसान नहीं 4) हमारे देश की विशाल आबादी शिक्षित लोगों से बनी है और अशिक्षित वर्ग 5) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 6) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य का पता लगाने में सक्षम है। कृपया राष्ट्रव्यापी चर्चा के विचार का समर्थन करें और साझा करें। आइए हम सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें। अवधूत जोशी
आखिरकार साईं ट्रस्ट ने माना की साईं मुस्लिम फकीर थे। ट्रस्ट ने शंकराचार्य से मांगी माफी... साईं मामले में ज्योतिष एवं द्वारकापीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में रिट दायर करने वाले मुंबई-साईंधाम चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रमुख रमेश जोशी ने मीडिया के समक्ष माफी मांगी है। शनिवार को परमहंसी गंगा आश्रम पहुंचे रमेश जोशी ने साईं से संबंधित विभिन्न साहित्य और साक्ष्यों-दस्तावेजों के आधार पर यह घोषणा भी की, कि साईं मुस्लिम फकीर थे। इस दावे के बाद अब मंदिरों को साई की मूर्ति को बाहर फैंकना ही चाहिए क्योंकि हमारे महान देवताओं भगवनाओ के मध्य एक मांसाहारी मुस्लिम फकीर का कोई कार्य नही... वास्तव मे साई का बाप अफगानिस्तान एक पिंडारी मुसलमान था जो बहुत बड़ा लूटेरा था, अमर अकबर एंथोनी फिल्म (1977) मे साई बाबा का भरपूर झूठा प्रचार किया गया था उसके पहले साई बाबा को कोई इतना नही जानता था. फिर उसके बाद साई के नाम से कई फिल्म और टीवी सीरियल बनने लगी जिससे लोग साई जैसे पाखंडी को भगवान समझने लगे, यदि सच मे साई बाबा कोई चमत्कारी थे तो एक भी मस्जिद या दरगाह मे उसकी कोई फोटो या नाम भी क्यु नही है? क्यु कोई मुसलमान साई बाबा को नही मानता? क्यु किसी जैन मंदिर, गुरुद्वारा मे साई की एक तस्वीर या मूर्ति नही? राम कृष्ण जैसे युग पुरुषो को भूल कर जब साई जैसे पाखंडी की पूजा होगी तो हिंदुओ के जीवन मे इतना दुख आना स्वाभाविक है. यदि अब भी साई की प्रतिमा को कोई अपने घर में रख रहे है तो उस से बडा सनातन धर्म का द्रोही कोई नही...l
ठाकुर, उच्चारण टैगोर, अंग्रेजी। शिष्य उच्चारण सिक्ख, गुरु मुखी। पंच प्यारे, सभी सनातनी हिन्दू। संविधान,और उसके बाद, और आज की स्थिति, इमरजेंसी में सेकुलर, वहीं से सारा, तमाशा।
@@harry.oo7 hey where is hate against muslims its our history and every indian should know it sirf meethi meethi batin kerte rahe kya? Sach to pta chalna hi chahiye or ye sach to muslims ko bhi sabse jada pta chalna chahiye kyi ki ve to is julm se hi muslim bane hai.
Bhai bibek kash west bengal ke log bhi orisa ke jaise hote..main rehta hoon west bengal me .. aur mujhe yahan ke logo ki asliyat pata hain.. yaha par 50% se jyada muslim hain.. aur ye log bangladeshi illegal and rohingya hain. Yahan illegal immigrants ke wajah se hi west bengal tabah ho chuka hain..... main ek utkal brahmin hoon.. aur mujhe apne utkal hone par garv hain. Lekin unfortunately humlog west bengal me rehte hain.. Main apne sanatan dharm ki rakhsha ke liye logo ko anupranit kar rahi hoon. Ap bhi kijiye.
@@TinyTalesAP Aapko mera pranam👏 We are the soldiers to save our Great Culture. Agar Subash Ch. Boss 1947 mein Prime minister bante, to aaj Bharat Mata ko itna pastana nehin padta... Please come to Odisha and enjoy the natural beauty.
@@bibeknayakwriter mere purbaj orisa ke hi hain.. mera title mohanty hain.. apse ek request hain aj bhi jo sanatani secularism ka chola pehne huye hain unki ankhe kholiye. unko apne dharma ki rakhsha karne ke liye jagruk kijiye.. aur is video ko viral kijiye saath hi sathh west bengal ki haalat bhi batao..
I am from puri,Odisha My home is 20km from jaggatnath mandir. We all know about our history of jaggatnath mandir. We will protect our faith and culture till our last breath. And Modi again.
सुधीर चौधरी जी आपका लाख लाख धन्यवाद है आप पत्रकारिता के क्षेत्र में आदर्श मानदंड हो🙏🏼🙏🏼 आपके द्वारा प्रस्तुत यह रिपोर्ट हमारे भगवान जगन्नाथ के प्रति श्रद्धा के साथ साथ अपने स्वाभिमान को प्रज्वलित करती है 🙏🏼🙏🏼
आदरणीय @ranjeet6159 ! 🙏 कुछ लोग मुझसे कहते हैं कि लिखित बात लंबी है। जैसा कि मैं इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था के बारे में बात करता हूं, यह जरूरी है। महिला उत्पीड़न, जाति/धर्म के नाम पर अपराध, इतिहास के नाम पर विवाद और दंगे आदि में इन कारकों का भारी योगदान है। इसलिए इन विषयों की उचित समझ के लिए हजारों पृष्ठों को पढ़ने की आवश्यकता होती है। तो कृपया इन कुछ वाक्यों को पढ़ें। भारतीय व्यवस्था में कोई वैज्ञानिक दृष्टिकोण नहीं है। हमारे देश में जब भी कोई इतिहास पर बात करता है तो विवाद में पड़ जाता है। एक नया मौखिक युद्ध शुरू होता है। हमारे देश में ऐसा क्यों है? इसलिए मैं आपको उपाय सहित इसके मूल कारण तक ले जा रहा हूं। भारत विश्वगुरु था या नहीं यह एक बहस का मुद्दा है। आज, विशेष रूप से 2015 से, इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था के संदर्भ में भारत दुनिया में मूर्ख राष्ट्र है।हमारे राष्ट्र को एक बुद्धिमान राष्ट्र बनाने के लिए आज मैं देशव्यापी चर्चा का संक्षिप्त विचार दे रहा हूँ । कोई भी धर्म अपने सामाजिक कानूनों से महान हो सकता है। धर्म की महानता वैज्ञानिक शोधों या युद्ध विजयों या साहित्य या दर्शन पर टिकी नहीं होती। यह सब उस धर्म के सामाजिक कानूनों पर स्थायी रूप से करता है........... धर्म अपने मानवीय सदस्यों के साथ कैसा व्यवहार करता है यह महत्वपूर्ण है। और ये मोर्चों पर हिंदू धर्म के बहुत गंभीर संकट हैं। आप डॉ बाबासाहेब अम्बेडकरजी जैसे समाज सुधारकों के विचारों के बारे में सोच सकते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।यह पवित्र समझौता एससी/एसटी/ओबीसी समुदायों की भावनाओं के सम्मान में किया गया।आज कई लोग हिंदू धर्म में गर्व महसूस करते हैं। यह पवित्र संहिता या संविधान की आत्मा के विरुद्ध है। यह विपरीत बात हर जगह समस्या पैदा कर रही है। इसलिए मैं इसे देशव्यापी चर्चा के माध्यम से सुलझाना चाहता हूं। यही सबसे सही तरीका है जो संविधान में दिए गए वैज्ञानिक दृष्टिकोण को भी अपनाता है। किसी भी बुद्धिमान राष्ट्र, लोकतांत्रिक राष्ट्र के लिए यह आवश्यक है कि हम चर्चा के माध्यम से सत्य की खोज करें। यह हो सकता है।मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। मैंने 2012 में अपनी नौकरी छोड़ दी और इन विषयों का अध्ययन शुरू कर दिया और अब इस तरह की राष्ट्रव्यापी चर्चा करने की स्थिति में हूं। मैं देश के हर नागरिक को शामिल करना चाहता हूं। मैंने जरूरतों के अनुरूप चर्चा की एक ऐसी विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है 1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है। यह हमारे देश में सभी इतिहास, जाति और धर्म संबंधी विवादों को हल करने के लिए एक वैध, आधिकारिक प्रयास है। इसलिए मैं अधिकारी शब्द का प्रयोग कर रहा हूं। अगर सरकार इस प्रक्रिया में मदद करती है तो यह होगा। यह कैसे किया जाएगा? 1) मुझे सरकार का निमंत्रण - और इस मोर्चे पर मैं सरकार से नाखुश हूं। 1400 अनुरोध के बाद भी सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं आया है। 2) मैं अपनी कानूनी स्थिति, अधिकार और सरकार के रुख के बारे में सरकार से स्पष्ट करूंगा. 3) चर्चा का आधार क्या होना चाहिए? क्या यह हिंदुत्व दर्शन या धर्मनिरपेक्ष दर्शन पर आधारित होगा? यह बहुत जरूरी है। मैं 2012 से हमारे राजनेताओं द्वारा बुनियादी बातों पर पूरी तरह से विपरीत रुख देख रहा हूं। इसलिए मैं सरकार से लिखित आधिकारिक संचार में ही विश्वास करूंगा। 4)राष्ट्रव्यापी चर्चा के लिए बुनियादी ढांचा स्थापित किया जाएगा 5) चर्चा के लिए मानसिक तैयारी (सभी नागरिकों की) मैं सभी को शामिल करना चाहता हूं। राष्ट्र के प्रत्येक नागरिक को जाति और धार्मिक विवादों के समाधान में सक्रिय रूप से शामिल होना चाहिए। 6) चर्चा की विशेष प्रणाली का परिचय। 7) वास्तविक राष्ट्रव्यापी चर्चा और पुराने धार्मिक और जाति, इतिहास विवादों पर समाधान आइए हम सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें। अवधूत जोशी
सुधीर चौधरी जी आपको बहुत बहुत साधुवाद आप जैसे निष्पक्ष और सत्य वक्ता पत्र कार की आज बहुत आवस्यकता है आपकी रिपोर्टिंग सटीक और तथ्यों पर आधारित होती है 🙏🙏👍👍🌹
I'm from West Bengal.. I want to Sri Jagannath temple more than 18 times.. It gives a pleasure to see my Lord every time I visit.. I got the rare opportunity to hug Sri Jagannath once.. and that was the moment I'll never forget.. Jai Sri Jagannath... 🙏🏻
आदरणीय @Shubhankar1999 ! 🙏जय जग्गनाथ कुछ लोग मुझसे कहते हैं कि लिखित बात लंबी है। जैसा कि मैं इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था के बारे में बात करता हूं, यह जरूरी है। महिला उत्पीड़न, जाति/धर्म के नाम पर अपराध, इतिहास के नाम पर विवाद और दंगे आदि में इन कारकों का भारी योगदान है। इसलिए इन विषयों की उचित समझ के लिए हजारों पृष्ठों को पढ़ने की आवश्यकता होती है। तो कृपया इन कुछ वाक्यों को पढ़ें। भारतीय व्यवस्था में कोई वैज्ञानिक दृष्टिकोण नहीं है। हमारे देश में जब भी कोई इतिहास पर बात करता है तो विवाद में पड़ जाता है। एक नया मौखिक युद्ध शुरू होता है। हमारे देश में ऐसा क्यों है? इसलिए मैं आपको उपाय सहित इसके मूल कारण तक ले जा रहा हूं। भारत विश्वगुरु था या नहीं यह एक बहस का मुद्दा है। आज, विशेष रूप से 2015 से, इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था के संदर्भ में भारत दुनिया में मूर्ख राष्ट्र है।हमारे राष्ट्र को एक बुद्धिमान राष्ट्र बनाने के लिए आज मैं देशव्यापी चर्चा का संक्षिप्त विचार दे रहा हूँ । कोई भी धर्म अपने सामाजिक कानूनों से महान हो सकता है। धर्म की महानता वैज्ञानिक शोधों या युद्ध विजयों या साहित्य या दर्शन पर टिकी नहीं होती। यह सब उस धर्म के सामाजिक कानूनों पर स्थायी रूप से करता है........... धर्म अपने मानवीय सदस्यों के साथ कैसा व्यवहार करता है यह महत्वपूर्ण है। और ये मोर्चों पर हिंदू धर्म के बहुत गंभीर संकट हैं। आप डॉ बाबासाहेब अम्बेडकरजी जैसे समाज सुधारकों के विचारों के बारे में सोच सकते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।यह पवित्र समझौता एससी/एसटी/ओबीसी समुदायों की भावनाओं के सम्मान में किया गया।आज कई लोग हिंदू धर्म में गर्व महसूस करते हैं। यह पवित्र संहिता या संविधान की आत्मा के विरुद्ध है। यह विपरीत बात हर जगह समस्या पैदा कर रही है। इसलिए मैं इसे देशव्यापी चर्चा के माध्यम से सुलझाना चाहता हूं। यही सबसे सही तरीका है जो संविधान में दिए गए वैज्ञानिक दृष्टिकोण को भी अपनाता है। किसी भी बुद्धिमान राष्ट्र, लोकतांत्रिक राष्ट्र के लिए यह आवश्यक है कि हम चर्चा के माध्यम से सत्य की खोज करें। यह हो सकता है।मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। मैंने 2012 में अपनी नौकरी छोड़ दी और इन विषयों का अध्ययन शुरू कर दिया और अब इस तरह की राष्ट्रव्यापी चर्चा करने की स्थिति में हूं। मैं देश के हर नागरिक को शामिल करना चाहता हूं। मैंने जरूरतों के अनुरूप चर्चा की एक ऐसी विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निम्नलिखित बिंदुओं पर उचित ध्यान देता है 1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) किसी भी जाति और धर्म के वास्तविक सम्मान को कोई नुकसान नहीं 4) हमारे देश की विशाल आबादी शिक्षित लोगों से बनी है और अशिक्षित वर्ग 5) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 6) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य का पता लगाने में सक्षम है। यह हमारे देश में सभी इतिहास, जाति और धर्म संबंधी विवादों को हल करने के लिए एक वैध, आधिकारिक प्रयास है। इसलिए मैं अधिकारी शब्द का प्रयोग कर रहा हूं। अगर सरकार इस प्रक्रिया में मदद करती है तो यह होगा। आइए हम सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें। अवधूत जोशी
आदरणीय @avijitbanerjee6369 ! 🙏 कुछ लोग मुझसे कहते हैं कि लिखित बात लंबी है। जैसा कि मैं इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था के बारे में बात करता हूं, यह जरूरी है। महिला उत्पीड़न, जाति/धर्म के नाम पर अपराध, इतिहास के नाम पर विवाद और दंगे आदि में इन कारकों का भारी योगदान है। इसलिए इन विषयों की उचित समझ के लिए हजारों पृष्ठों को पढ़ने की आवश्यकता होती है। तो कृपया इन कुछ वाक्यों को पढ़ें। भारतीय व्यवस्था में कोई वैज्ञानिक दृष्टिकोण नहीं है। हमारे देश में जब भी कोई इतिहास पर बात करता है तो विवाद में पड़ जाता है। एक नया मौखिक युद्ध शुरू होता है। हमारे देश में ऐसा क्यों है? इसलिए मैं आपको उपाय सहित इसके मूल कारण तक ले जा रहा हूं। भारत विश्वगुरु था या नहीं यह एक बहस का मुद्दा है। आज, विशेष रूप से 2015 से, इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था के संदर्भ में भारत दुनिया में मूर्ख राष्ट्र है।हमारे राष्ट्र को एक बुद्धिमान राष्ट्र बनाने के लिए आज मैं देशव्यापी चर्चा का संक्षिप्त विचार दे रहा हूँ । कोई भी धर्म अपने सामाजिक कानूनों से महान हो सकता है। धर्म की महानता वैज्ञानिक शोधों या युद्ध विजयों या साहित्य या दर्शन पर टिकी नहीं होती। यह सब उस धर्म के सामाजिक कानूनों पर स्थायी रूप से करता है........... धर्म अपने मानवीय सदस्यों के साथ कैसा व्यवहार करता है यह महत्वपूर्ण है। और ये मोर्चों पर हिंदू धर्म के बहुत गंभीर संकट हैं। आप डॉ बाबासाहेब अम्बेडकरजी जैसे समाज सुधारकों के विचारों के बारे में सोच सकते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।यह पवित्र समझौता एससी/एसटी/ओबीसी समुदायों की भावनाओं के सम्मान में किया गया।आज कई लोग हिंदू धर्म में गर्व महसूस करते हैं। यह पवित्र संहिता या संविधान की आत्मा के विरुद्ध है। यह विपरीत बात हर जगह समस्या पैदा कर रही है। इसलिए मैं इसे देशव्यापी चर्चा के माध्यम से सुलझाना चाहता हूं। यही सबसे सही तरीका है जो संविधान में दिए गए वैज्ञानिक दृष्टिकोण को भी अपनाता है। किसी भी बुद्धिमान राष्ट्र, लोकतांत्रिक राष्ट्र के लिए यह आवश्यक है कि हम चर्चा के माध्यम से सत्य की खोज करें। यह हो सकता है।मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। मैंने 2012 में अपनी नौकरी छोड़ दी और इन विषयों का अध्ययन शुरू कर दिया और अब इस तरह की राष्ट्रव्यापी चर्चा करने की स्थिति में हूं। मैं देश के हर नागरिक को शामिल करना चाहता हूं। मैंने जरूरतों के अनुरूप चर्चा की एक ऐसी विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है 1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है। यह हमारे देश में सभी इतिहास, जाति और धर्म संबंधी विवादों को हल करने के लिए एक वैध, आधिकारिक प्रयास है। इसलिए मैं अधिकारी शब्द का प्रयोग कर रहा हूं। अगर सरकार इस प्रक्रिया में मदद करती है तो यह होगा। यह कैसे किया जाएगा? 1) मुझे सरकार का निमंत्रण - और इस मोर्चे पर मैं सरकार से नाखुश हूं। 1400 अनुरोध के बाद भी सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं आया है। 2) मैं अपनी कानूनी स्थिति, अधिकार और सरकार के रुख के बारे में सरकार से स्पष्ट करूंगा. 3) चर्चा का आधार क्या होना चाहिए? क्या यह हिंदुत्व दर्शन या धर्मनिरपेक्ष दर्शन पर आधारित होगा? यह बहुत जरूरी है। मैं 2012 से हमारे राजनेताओं द्वारा बुनियादी बातों पर पूरी तरह से विपरीत रुख देख रहा हूं। इसलिए मैं सरकार से लिखित आधिकारिक संचार में ही विश्वास करूंगा। 4)राष्ट्रव्यापी चर्चा के लिए बुनियादी ढांचा स्थापित किया जाएगा 5) चर्चा के लिए मानसिक तैयारी (सभी नागरिकों की) मैं सभी को शामिल करना चाहता हूं। राष्ट्र के प्रत्येक नागरिक को जाति और धार्मिक विवादों के समाधान में सक्रिय रूप से शामिल होना चाहिए। 6) चर्चा की विशेष प्रणाली का परिचय। 7) वास्तविक राष्ट्रव्यापी चर्चा और पुराने धार्मिक और जाति, इतिहास विवादों पर समाधान आइए हम सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें। अवधूत जोशी
I’m Sikh good to hear that Sikh people are allow to enter SHREE jagannath mandir we respect all religions I like to see this mandir thank you 🙏 jai jagannath
आदरणीय @Vinaypatel.99🙏 ! कुछ लोग मुझसे कहते हैं कि लिखित बात लंबी है। जैसा कि मैं इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था के बारे में बात करता हूं, यह जरूरी है। महिला उत्पीड़न, जाति/धर्म के नाम पर अपराध, इतिहास के नाम पर विवाद और दंगे आदि में इन कारकों का भारी योगदान है। इसलिए इन विषयों की उचित समझ के लिए हजारों पृष्ठों को पढ़ने की आवश्यकता होती है। तो कृपया इन कुछ वाक्यों को पढ़ें। 2015 में माननीय मोदीजी/बीजेपी के नेतृत्व में, वर्तमान हिंदू पार्टी भारत, इतिहास के संदर्भ में दुनिया का सबसे मूर्ख राष्ट्र बन गया है। राजनीतिक विरोधाभास हो या कोई सामाजिक/धार्मिक विवाद, दोनोंका मूल कारण हिंदू धर्म पर विरोधाभास है। मैं 2015 को विश्वमूर्ख स्थिति की उपलब्धि के लिए एक वर्ष के रूप में क्यों दे रहा हूं? कारण- 2015 में, मैंने खुद को इतिहास, जाति/धर्म के संबंध में सभी पुराने विवादों को हल करने की स्थिति में ला दिया।लेकिन माननीय मोदीजी/भाजपा के नेतृत्व में वर्तमान तथाकथित हिंदू सरकार ने मुझे इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर एक राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करने का अवसर नहीं दिया है। अहंकार से नहीं, बल्कि वास्तविकता के तौर पर, मैं कहता हूं कि मैं इन विषयों पर सबसे सही व्यक्ति हूं, खासकर विवादों के संबंध में। मुझे इन विवादों पर स्थायी समाधान मिलने का भरोसा है.' अतः 2015 के बाद भारत में जितने भी जाति/धर्म/इतिहास संबंधी विवाद हैं, उसके लिए वर्तमान सरकार जिम्मेदार है। स्वतंत्रता संग्राम के काल में डॉ. अम्बेडकर जी और सावरकर जी के हिन्दू धर्म पर बिल्कुल विपरीत अतिवादी विचार थे। और नेहरू ने हमारे देश के हित में इस पर एक सुनहरा समझौता किया। सौभाग्य से बहुसंख्यक बहुजन समाज और बहुसंख्यक ब्राह्मणों ने नेहरू/कांग्रेस का समर्थन किया, इस एकता ने हमें स्वतंत्रता प्राप्त करने में मदद की। इसीलिए डॉ. अम्बेडकरजी और श्यामाप्रसादजी (सावरकर के शिष्य और वर्तमान भाजपा के संस्थापक) को नेहरू/कांग्रेस पार्टी, उस काल की हिंदू पार्टी के नेतृत्व में भारत की पहली सरकार में शामिल किया गया था। दोनों की अपनी-अपनी राजनीतिक पार्टी थी, और कांग्रेस का कोई सदस्य नहीं था। यह समझौता एससी, एसटी और ओबीसी समुदायों की भावनाओं के सम्मान के रूप में किया गया था। समय के साथ चीजें गलत होती गईं. किसी भी समझौते के लिए उच्च स्तर की बुद्धिमत्ता और समझ की आवश्यकता होती है। 15 अगस्त 1947 को भारत ज्ञान के चरम पर था। समय के साथ, एक राष्ट्र के रूप में हमने उस ज्ञान और समझ को खोना शुरू कर दिया। 2015 में, हम एक राष्ट्र के रूप में, मूर्ख राष्ट्र हैं। मैं भारत को बुद्धिमान राष्ट्र का दर्जा वापस दिलाना चाहता हूं। मैंने जरूरतों के अनुसार चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निम्नलिखित बिंदुओं पर उचित ध्यान देता है 1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) किसी भी जाति और धर्म के वास्तविक सम्मान को कोई नुकसान नहीं 4) हमारे देश की विशाल आबादी शिक्षित लोगों से बनी है और अशिक्षित वर्ग 5) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 6) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य का पता लगाने में सक्षम है। कृपया राष्ट्रव्यापी चर्चा के विचार का समर्थन करें और साझा करें। आइए हम सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें। अवधूत जोशी
Dear,Anchor you discussed less about our God Sri JAGANNATH and more about gandhi family. Do you know Bhakta Salebega,who was great bhakta of Lord JAGANNATH. Sorry anchor your intentions are not good for our country. Asharam bapu also visit our temple.
आदरणीय @lilygouda920 ! 🙏जय जगन्नाथ कुछ लोग मुझसे कहते हैं कि लिखित बात लंबी है। जैसा कि मैं इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था के बारे में बात करता हूं, यह जरूरी है। महिला उत्पीड़न, जाति/धर्म के नाम पर अपराध, इतिहास के नाम पर विवाद और दंगे आदि में इन कारकों का भारी योगदान है। इसलिए इन विषयों की उचित समझ के लिए हजारों पृष्ठों को पढ़ने की आवश्यकता होती है। तो कृपया इन कुछ वाक्यों को पढ़ें। भारतीय व्यवस्था में कोई वैज्ञानिक दृष्टिकोण नहीं है। हमारे देश में जब भी कोई इतिहास पर बात करता है तो विवाद में पड़ जाता है। एक नया मौखिक युद्ध शुरू होता है। हमारे देश में ऐसा क्यों है? इसलिए मैं आपको उपाय सहित इसके मूल कारण तक ले जा रहा हूं। भारत विश्वगुरु था या नहीं यह एक बहस का मुद्दा है। आज, विशेष रूप से 2015 से, इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था के संदर्भ में भारत दुनिया में मूर्ख राष्ट्र है।हमारे राष्ट्र को एक बुद्धिमान राष्ट्र बनाने के लिए आज मैं देशव्यापी चर्चा का संक्षिप्त विचार दे रहा हूँ । कोई भी धर्म अपने सामाजिक कानूनों से महान हो सकता है। धर्म की महानता वैज्ञानिक शोधों या युद्ध विजयों या साहित्य या दर्शन पर टिकी नहीं होती। यह सब उस धर्म के सामाजिक कानूनों पर स्थायी रूप से करता है........... धर्म अपने मानवीय सदस्यों के साथ कैसा व्यवहार करता है यह महत्वपूर्ण है। और ये मोर्चों पर हिंदू धर्म के बहुत गंभीर संकट हैं। आप डॉ बाबासाहेब अम्बेडकरजी जैसे समाज सुधारकों के विचारों के बारे में सोच सकते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।यह पवित्र समझौता एससी/एसटी/ओबीसी समुदायों की भावनाओं के सम्मान में किया गया।आज कई लोग हिंदू धर्म में गर्व महसूस करते हैं। यह पवित्र संहिता या संविधान की आत्मा के विरुद्ध है। यह विपरीत बात हर जगह समस्या पैदा कर रही है। इसलिए मैं इसे देशव्यापी चर्चा के माध्यम से सुलझाना चाहता हूं। यही सबसे सही तरीका है जो संविधान में दिए गए वैज्ञानिक दृष्टिकोण को भी अपनाता है। किसी भी बुद्धिमान राष्ट्र, लोकतांत्रिक राष्ट्र के लिए यह आवश्यक है कि हम चर्चा के माध्यम से सत्य की खोज करें। यह हो सकता है।मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। मैंने 2012 में अपनी नौकरी छोड़ दी और इन विषयों का अध्ययन शुरू कर दिया और अब इस तरह की राष्ट्रव्यापी चर्चा करने की स्थिति में हूं। मैं देश के हर नागरिक को शामिल करना चाहता हूं। मैंने जरूरतों के अनुरूप चर्चा की एक ऐसी विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निम्नलिखित बिंदुओं पर उचित ध्यान देता है 1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) किसी भी जाति और धर्म के वास्तविक सम्मान को कोई नुकसान नहीं 4) हमारे देश की विशाल आबादी शिक्षित लोगों से बनी है और अशिक्षित वर्ग 5) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 6) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य का पता लगाने में सक्षम है। यह हमारे देश में सभी इतिहास, जाति और धर्म संबंधी विवादों को हल करने के लिए एक वैध, आधिकारिक प्रयास है। इसलिए मैं अधिकारी शब्द का प्रयोग कर रहा हूं। अगर सरकार इस प्रक्रिया में मदद करती है तो यह होगा। यह कैसे किया जाएगा? 1) मुझे सरकार का निमंत्रण - और इस मोर्चे पर मैं सरकार से नाखुश हूं। 1400 अनुरोध के बाद भी सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं आया है। 2) मैं अपनी कानूनी स्थिति, अधिकार और सरकार के रुख के बारे में सरकार से स्पष्ट करूंगा. 3) चर्चा का आधार क्या होना चाहिए? क्या यह हिंदुत्व दर्शन या धर्मनिरपेक्ष दर्शन पर आधारित होगा? यह बहुत जरूरी है। मैं 2012 से हमारे राजनेताओं द्वारा बुनियादी बातों पर पूरी तरह से विपरीत रुख देख रहा हूं। इसलिए मैं सरकार से लिखित आधिकारिक संचार में ही विश्वास करूंगा। 4)राष्ट्रव्यापी चर्चा के लिए बुनियादी ढांचा स्थापित किया जाएगा 5) चर्चा के लिए मानसिक तैयारी (सभी नागरिकों की) मैं सभी को शामिल करना चाहता हूं। राष्ट्र के प्रत्येक नागरिक को जाति और धार्मिक विवादों के समाधान में सक्रिय रूप से शामिल होना चाहिए। 6) चर्चा की विशेष प्रणाली का परिचय। 7) वास्तविक राष्ट्रव्यापी चर्चा और पुराने धार्मिक और जाति, इतिहास विवादों पर समाधान आइए हम सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें। अवधूत जोशी
Feeling so blessed and good after watching this video becoz I am from Odisha and i had visited to Jagannath temple more than 10times in summer vacation my whole Travel to Puri . Jay Jagannath 🙏🙏
मैं उन सभी उड़ीसा वासियों को कोटि कोटि नमन करता हूँ जिन्होंने अपने हिन्दू धर्म को बनाए रखने के लिए कई सदियों तक भीषण लड़ाईयाँ लड़कर भगवान जगन्नाथ जी की मूर्ति की रक्षा की ।मंदिर परिसर के भीतर सनातन धर्म यानी केवल हिन्दू धर्म के लोगों को ही प्रवेश की इजाजत देना ।यह एक बहुत बड़ी खूबी है ।
Aisa kuchh ni he ji , Me bhi odisha se hu ,aapko pata he sudhir ji ab isai or cristan log baharese aate he jaggnath darsan karne keliye , amreica or London se bahut log aate he ,yaha jat or dharam kuchh ni he ,kisibhi jatka log yaha jaha Sakta he ,sudhir ji asap logoko kuchh bhi pata ni he
Those rulers are attacked Jagannath temple; all are Afghan and Islamic king and that's why only orthodox Hindu are allowed inside the temple. After all for other religions Lord Jagannath come out every year from temple in the festival of Rath Yatra. ଜୟ ଜଗନ୍ନାଥ 🙏🙏
भगवान श्री जगन्नाथ मंदिर के पुजारियों को शत् शत् नमन, जो कि उन्होंने मंदिर में दर्शन और प्रवेश के लिए हिन्दु , सिक्ख,जैन और बौद्ध धर्म के लोगों को ही स्वीकृति दी। कृपया इस परम्परा को आगे भी जारी रखना ।
और ऐसा ना हर बड़े मंदिरों में होना था क्योकि वहां जाने के बाद लुटेरे को हिन्दू मंदिरों को सबसे पहले योजना लूटने का उसके बाद तोड़ने का और उसके बाद अपने धर्म का जगहा घोषित कर देते है
आदरणीय @prayasrath1192 ! 🙏जय जगन्नाथ कुछ लोग मुझसे कहते हैं कि लिखित बात लंबी है। जैसा कि मैं इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था के बारे में बात करता हूं, यह जरूरी है। महिला उत्पीड़न, जाति/धर्म के नाम पर अपराध, इतिहास के नाम पर विवाद और दंगे आदि में इन कारकों का भारी योगदान है। इसलिए इन विषयों की उचित समझ के लिए हजारों पृष्ठों को पढ़ने की आवश्यकता होती है। तो कृपया इन कुछ वाक्यों को पढ़ें। भारतीय व्यवस्था में कोई वैज्ञानिक दृष्टिकोण नहीं है। हमारे देश में जब भी कोई इतिहास पर बात करता है तो विवाद में पड़ जाता है। एक नया मौखिक युद्ध शुरू होता है। हमारे देश में ऐसा क्यों है? इसलिए मैं आपको उपाय सहित इसके मूल कारण तक ले जा रहा हूं। भारत विश्वगुरु था या नहीं यह एक बहस का मुद्दा है। आज, विशेष रूप से 2015 से, इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था के संदर्भ में भारत दुनिया में मूर्ख राष्ट्र है।हमारे राष्ट्र को एक बुद्धिमान राष्ट्र बनाने के लिए आज मैं देशव्यापी चर्चा का संक्षिप्त विचार दे रहा हूँ । कोई भी धर्म अपने सामाजिक कानूनों से महान हो सकता है। धर्म की महानता वैज्ञानिक शोधों या युद्ध विजयों या साहित्य या दर्शन पर टिकी नहीं होती। यह सब उस धर्म के सामाजिक कानूनों पर स्थायी रूप से करता है........... धर्म अपने मानवीय सदस्यों के साथ कैसा व्यवहार करता है यह महत्वपूर्ण है। और ये मोर्चों पर हिंदू धर्म के बहुत गंभीर संकट हैं। आप डॉ बाबासाहेब अम्बेडकरजी जैसे समाज सुधारकों के विचारों के बारे में सोच सकते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।यह पवित्र समझौता एससी/एसटी/ओबीसी समुदायों की भावनाओं के सम्मान में किया गया।आज कई लोग हिंदू धर्म में गर्व महसूस करते हैं। यह पवित्र संहिता या संविधान की आत्मा के विरुद्ध है। यह विपरीत बात हर जगह समस्या पैदा कर रही है। इसलिए मैं इसे देशव्यापी चर्चा के माध्यम से सुलझाना चाहता हूं। यही सबसे सही तरीका है जो संविधान में दिए गए वैज्ञानिक दृष्टिकोण को भी अपनाता है। किसी भी बुद्धिमान राष्ट्र, लोकतांत्रिक राष्ट्र के लिए यह आवश्यक है कि हम चर्चा के माध्यम से सत्य की खोज करें। यह हो सकता है।मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। मैंने 2012 में अपनी नौकरी छोड़ दी और इन विषयों का अध्ययन शुरू कर दिया और अब इस तरह की राष्ट्रव्यापी चर्चा करने की स्थिति में हूं। मैं देश के हर नागरिक को शामिल करना चाहता हूं। मैंने जरूरतों के अनुरूप चर्चा की एक ऐसी विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है 1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है। यह हमारे देश में सभी इतिहास, जाति और धर्म संबंधी विवादों को हल करने के लिए एक वैध, आधिकारिक प्रयास है। इसलिए मैं अधिकारी शब्द का प्रयोग कर रहा हूं। अगर सरकार इस प्रक्रिया में मदद करती है तो यह होगा। यह कैसे किया जाएगा? 1) मुझे सरकार का निमंत्रण - और इस मोर्चे पर मैं सरकार से नाखुश हूं। 1400 अनुरोध के बाद भी सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं आया है। 2) मैं अपनी कानूनी स्थिति, अधिकार और सरकार के रुख के बारे में सरकार से स्पष्ट करूंगा. 3) चर्चा का आधार क्या होना चाहिए? क्या यह हिंदुत्व दर्शन या धर्मनिरपेक्ष दर्शन पर आधारित होगा? यह बहुत जरूरी है। मैं 2012 से हमारे राजनेताओं द्वारा बुनियादी बातों पर पूरी तरह से विपरीत रुख देख रहा हूं। इसलिए मैं सरकार से लिखित आधिकारिक संचार में ही विश्वास करूंगा। 4)राष्ट्रव्यापी चर्चा के लिए बुनियादी ढांचा स्थापित किया जाएगा 5) चर्चा के लिए मानसिक तैयारी (सभी नागरिकों की) मैं सभी को शामिल करना चाहता हूं। राष्ट्र के प्रत्येक नागरिक को जाति और धार्मिक विवादों के समाधान में सक्रिय रूप से शामिल होना चाहिए। 6) चर्चा की विशेष प्रणाली का परिचय। 7) वास्तविक राष्ट्रव्यापी चर्चा और पुराने धार्मिक और जाति, इतिहास विवादों पर समाधान आइए हम सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें। अवधूत जोशी
हिम्मत केबल मात्र पुरी के जगन्नाथ धाम के पुरोहित के ही है जो बड़े से बड़े हमला से लेकर प्रधानमंत्री तक को रोक दिया इसे कहते है सनातन धर्म के सच्चे और हिम्मत बाले
@@mkalam-yh9of jagannath temple puri mai brahman ke sath tribes puja karte hai jagannath ji ki.... Aur pehle ekk kam karo sare shíàs ko sunni banao.. Pher hmm ko bolna... 😂😂😂😂
As an Odia I am so happy after watching this news on Shri Jagannath mandir, even i got to know history of this temple which we never studied in our school...THANK YOU Sudhir Sir
Bhai kash west bengal ke log bhi orisa ke jaise hote..main rehta hoon west bengal me .. aur mujhe yahan ke logo ki asliyat pata hain.. yaha par 50% se jyada muslim hain.. aur ye log bangladeshi illegal and rohingya hain. Yahan illegal immigrants ke wajah se hi west bengal tabah ho chuka hain..... main ek utkal brahmin hoon.. aur mujhe apne utkal hone par garv hain. Lekin unfortunately humlog west bengal me rehte hain.. Main apne sanatan dharm ki rakhsha ke liye logo ko anupranit kar rahi hoon. Ap bhi kijiye.
@@TinyTalesAP Sure karunga...and one more thing abhi bhi west bengal bacha sakte ho by voting BJP kyun ke waha ka govt. Momta Didi chahti hi nai ki WB ek Hindu state bane...Bass state govt change hone do sab thik ho jayega...Vote for Narendra Modi
आदरणीय @sachita1993 ! 🙏जय जगन्नाथ कुछ लोग मुझसे कहते हैं कि लिखित बात लंबी है। जैसा कि मैं इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था के बारे में बात करता हूं, यह जरूरी है। महिला उत्पीड़न, जाति/धर्म के नाम पर अपराध, इतिहास के नाम पर विवाद और दंगे आदि में इन कारकों का भारी योगदान है। इसलिए इन विषयों की उचित समझ के लिए हजारों पृष्ठों को पढ़ने की आवश्यकता होती है। तो कृपया इन कुछ वाक्यों को पढ़ें। भारतीय व्यवस्था में कोई वैज्ञानिक दृष्टिकोण नहीं है। हमारे देश में जब भी कोई इतिहास पर बात करता है तो विवाद में पड़ जाता है। एक नया मौखिक युद्ध शुरू होता है। हमारे देश में ऐसा क्यों है? इसलिए मैं आपको उपाय सहित इसके मूल कारण तक ले जा रहा हूं। भारत विश्वगुरु था या नहीं यह एक बहस का मुद्दा है। आज, विशेष रूप से 2015 से, इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था के संदर्भ में भारत दुनिया में मूर्ख राष्ट्र है।हमारे राष्ट्र को एक बुद्धिमान राष्ट्र बनाने के लिए आज मैं देशव्यापी चर्चा का संक्षिप्त विचार दे रहा हूँ । कोई भी धर्म अपने सामाजिक कानूनों से महान हो सकता है। धर्म की महानता वैज्ञानिक शोधों या युद्ध विजयों या साहित्य या दर्शन पर टिकी नहीं होती। यह सब उस धर्म के सामाजिक कानूनों पर स्थायी रूप से करता है........... धर्म अपने मानवीय सदस्यों के साथ कैसा व्यवहार करता है यह महत्वपूर्ण है। और ये मोर्चों पर हिंदू धर्म के बहुत गंभीर संकट हैं। आप डॉ बाबासाहेब अम्बेडकरजी जैसे समाज सुधारकों के विचारों के बारे में सोच सकते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।यह पवित्र समझौता एससी/एसटी/ओबीसी समुदायों की भावनाओं के सम्मान में किया गया।आज कई लोग हिंदू धर्म में गर्व महसूस करते हैं। यह पवित्र संहिता या संविधान की आत्मा के विरुद्ध है। यह विपरीत बात हर जगह समस्या पैदा कर रही है। इसलिए मैं इसे देशव्यापी चर्चा के माध्यम से सुलझाना चाहता हूं। यही सबसे सही तरीका है जो संविधान में दिए गए वैज्ञानिक दृष्टिकोण को भी अपनाता है। किसी भी बुद्धिमान राष्ट्र, लोकतांत्रिक राष्ट्र के लिए यह आवश्यक है कि हम चर्चा के माध्यम से सत्य की खोज करें। यह हो सकता है।मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। मैंने 2012 में अपनी नौकरी छोड़ दी और इन विषयों का अध्ययन शुरू कर दिया और अब इस तरह की राष्ट्रव्यापी चर्चा करने की स्थिति में हूं। मैं देश के हर नागरिक को शामिल करना चाहता हूं। मैंने जरूरतों के अनुरूप चर्चा की एक ऐसी विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निम्नलिखित बिंदुओं पर उचित ध्यान देता है 1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) किसी भी जाति और धर्म के वास्तविक सम्मान को कोई नुकसान नहीं 4) हमारे देश की विशाल आबादी शिक्षित लोगों से बनी है और अशिक्षित वर्ग 5) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 6) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य का पता लगाने में सक्षम है। आइए हम सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें। अवधूत जोशी
@Aryan Tanwar भाई हमे अखिलेश और मुलायम को यादव होने पर संसय लगता है क्यो की पूर्व मे जो जो घृणित कार्य मुलायम ने हिन्दूओ के विरूद्ध किया उसकोअखिलेश निरंतर आगे बढा रहा है शर्म आती है इन्हें यादव कहने पर
आदरणीय ! 🙏जय जगन्नाथ कुछ लोग मुझसे कहते हैं कि लिखित बात लंबी है। जैसा कि मैं इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था के बारे में बात करता हूं, यह जरूरी है। महिला उत्पीड़न, जाति/धर्म के नाम पर अपराध, इतिहास के नाम पर विवाद और दंगे आदि में इन कारकों का भारी योगदान है। इसलिए इन विषयों की उचित समझ के लिए हजारों पृष्ठों को पढ़ने की आवश्यकता होती है। तो कृपया इन कुछ वाक्यों को पढ़ें। भारतीय व्यवस्था में कोई वैज्ञानिक दृष्टिकोण नहीं है। हमारे देश में जब भी कोई इतिहास पर बात करता है तो विवाद में पड़ जाता है। एक नया मौखिक युद्ध शुरू होता है। हमारे देश में ऐसा क्यों है? इसलिए मैं आपको उपाय सहित इसके मूल कारण तक ले जा रहा हूं। भारत विश्वगुरु था या नहीं यह एक बहस का मुद्दा है। आज, विशेष रूप से 2015 से, इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था के संदर्भ में भारत दुनिया में मूर्ख राष्ट्र है।हमारे राष्ट्र को एक बुद्धिमान राष्ट्र बनाने के लिए आज मैं देशव्यापी चर्चा का संक्षिप्त विचार दे रहा हूँ । कोई भी धर्म अपने सामाजिक कानूनों से महान हो सकता है। धर्म की महानता वैज्ञानिक शोधों या युद्ध विजयों या साहित्य या दर्शन पर टिकी नहीं होती। यह सब उस धर्म के सामाजिक कानूनों पर स्थायी रूप से करता है........... धर्म अपने मानवीय सदस्यों के साथ कैसा व्यवहार करता है यह महत्वपूर्ण है। और ये मोर्चों पर हिंदू धर्म के बहुत गंभीर संकट हैं। आप डॉ बाबासाहेब अम्बेडकरजी जैसे समाज सुधारकों के विचारों के बारे में सोच सकते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।यह पवित्र समझौता एससी/एसटी/ओबीसी समुदायों की भावनाओं के सम्मान में किया गया।आज कई लोग हिंदू धर्म में गर्व महसूस करते हैं। यह पवित्र संहिता या संविधान की आत्मा के विरुद्ध है। यह विपरीत बात हर जगह समस्या पैदा कर रही है। इसलिए मैं इसे देशव्यापी चर्चा के माध्यम से सुलझाना चाहता हूं। यही सबसे सही तरीका है जो संविधान में दिए गए वैज्ञानिक दृष्टिकोण को भी अपनाता है। किसी भी बुद्धिमान राष्ट्र, लोकतांत्रिक राष्ट्र के लिए यह आवश्यक है कि हम चर्चा के माध्यम से सत्य की खोज करें। यह हो सकता है।मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। मैंने 2012 में अपनी नौकरी छोड़ दी और इन विषयों का अध्ययन शुरू कर दिया और अब इस तरह की राष्ट्रव्यापी चर्चा करने की स्थिति में हूं। मैं देश के हर नागरिक को शामिल करना चाहता हूं। मैंने जरूरतों के अनुरूप चर्चा की एक ऐसी विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निम्नलिखित बिंदुओं पर उचित ध्यान देता है 1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) किसी भी जाति और धर्म के वास्तविक सम्मान को कोई नुकसान नहीं 4) हमारे देश की विशाल आबादी शिक्षित लोगों से बनी है और अशिक्षित वर्ग 5) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 6) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य का पता लगाने में सक्षम है। यह हमारे देश में सभी इतिहास, जाति और धर्म संबंधी विवादों को हल करने के लिए एक वैध, आधिकारिक प्रयास है। इसलिए मैं अधिकारी शब्द का प्रयोग कर रहा हूं। अगर सरकार इस प्रक्रिया में मदद करती है तो यह होगा। आइए हम सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें। अवधूत जोशी
आदरणीय @chinu.chinu🙏 ! कुछ लोग मुझसे कहते हैं कि लिखित बात लंबी है। जैसा कि मैं इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था के बारे में बात करता हूं, यह जरूरी है। महिला उत्पीड़न, जाति/धर्म के नाम पर अपराध, इतिहास के नाम पर विवाद और दंगे आदि में इन कारकों का भारी योगदान है। इसलिए इन विषयों की उचित समझ के लिए हजारों पृष्ठों को पढ़ने की आवश्यकता होती है। तो कृपया इन कुछ वाक्यों को पढ़ें। 2015 में माननीय मोदीजी/बीजेपी के नेतृत्व में, वर्तमान हिंदू पार्टी भारत, इतिहास के संदर्भ में दुनिया का सबसे मूर्ख राष्ट्र बन गया है। राजनीतिक विरोधाभास हो या कोई सामाजिक/धार्मिक विवाद, दोनोंका मूल कारण हिंदू धर्म पर विरोधाभास है। मैं 2015 को विश्वमूर्ख स्थिति की उपलब्धि के लिए एक वर्ष के रूप में क्यों दे रहा हूं? कारण- 2015 में, मैंने खुद को इतिहास, जाति/धर्म के संबंध में सभी पुराने विवादों को हल करने की स्थिति में ला दिया।लेकिन माननीय मोदीजी/भाजपा के नेतृत्व में वर्तमान तथाकथित हिंदू सरकार ने मुझे इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर एक राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करने का अवसर नहीं दिया है। अहंकार से नहीं, बल्कि वास्तविकता के तौर पर, मैं कहता हूं कि मैं इन विषयों पर सबसे सही व्यक्ति हूं, खासकर विवादों के संबंध में। मुझे इन विवादों पर स्थायी समाधान मिलने का भरोसा है.' अतः 2015 के बाद भारत में जितने भी जाति/धर्म/इतिहास संबंधी विवाद हैं, उसके लिए वर्तमान सरकार जिम्मेदार है। स्वतंत्रता संग्राम के काल में डॉ. अम्बेडकर जी और सावरकर जी के हिन्दू धर्म पर बिल्कुल विपरीत अतिवादी विचार थे। और नेहरू ने हमारे देश के हित में इस पर एक सुनहरा समझौता किया। सौभाग्य से बहुसंख्यक बहुजन समाज और बहुसंख्यक ब्राह्मणों ने नेहरू/कांग्रेस का समर्थन किया, इस एकता ने हमें स्वतंत्रता प्राप्त करने में मदद की। इसीलिए डॉ. अम्बेडकरजी और श्यामाप्रसादजी (सावरकर के शिष्य और वर्तमान भाजपा के संस्थापक) को नेहरू/कांग्रेस पार्टी, उस काल की हिंदू पार्टी के नेतृत्व में भारत की पहली सरकार में शामिल किया गया था। दोनों की अपनी-अपनी राजनीतिक पार्टी थी, और कांग्रेस का कोई सदस्य नहीं था। यह समझौता एससी, एसटी और ओबीसी समुदायों की भावनाओं के सम्मान के रूप में किया गया था। समय के साथ चीजें गलत होती गईं. किसी भी समझौते के लिए उच्च स्तर की बुद्धिमत्ता और समझ की आवश्यकता होती है। 15 अगस्त 1947 को भारत ज्ञान के चरम पर था। समय के साथ, एक राष्ट्र के रूप में हमने उस ज्ञान और समझ को खोना शुरू कर दिया। 2015 में, हम एक राष्ट्र के रूप में, मूर्ख राष्ट्र हैं। मैं भारत को बुद्धिमान राष्ट्र का दर्जा वापस दिलाना चाहता हूं। मैंने जरूरतों के अनुसार चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निम्नलिखित बिंदुओं पर उचित ध्यान देता है 1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) किसी भी जाति और धर्म के वास्तविक सम्मान को कोई नुकसान नहीं 4) हमारे देश की विशाल आबादी शिक्षित लोगों से बनी है और अशिक्षित वर्ग 5) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 6) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य का पता लगाने में सक्षम है। कृपया राष्ट्रव्यापी चर्चा के विचार का समर्थन करें और साझा करें। आइए हम सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें। अवधूत जोशी
@Mangrath Hembram MAIN OBC HUN.....AUR SANATANI HOON...GENERAL OBC ST SC YA BOUDH...SAB SHREE JAGANNATH MANDIR JATE HAIN....SHREE RAM AUR SHANATAN DHARM HUM LOGON KO EKJUT RAKH SAKTA HAI....ALAG ALAG NAHIN EK JUT REHENA HI HINDUSTAN KELIYE THIK HAI....BAMPANTHI ISHLAM YA ISHAIYAT YE SAB AKRAANTA HAI....
@Mangrath Hembram abe mulle sun be tera muslim dharm koi dharm nhi blki ek jita jagta diyansor hai sabhi ke liye dharmo ke leye khatara hai abe sun mulle ji tumne likha hai uper to sune tera dharm unmadio ki bhid hai sajhey katuye
@Rupesh Thakare Kya dimag paaya hai tune, bilkul apne hi bhagwan ki respect nhi Kar rha unhi par vishwas nhi aur Hindu banne ka naatak Kar rha hai. Gjb hai tum jaise neech buddi k log bhi
आदरणीय @meetkhandelwal4674 ! 🙏जय जगन्नाथ कुछ लोग मुझसे कहते हैं कि लिखित बात लंबी है। जैसा कि मैं इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था के बारे में बात करता हूं, यह जरूरी है। महिला उत्पीड़न, जाति/धर्म के नाम पर अपराध, इतिहास के नाम पर विवाद और दंगे आदि में इन कारकों का भारी योगदान है। इसलिए इन विषयों की उचित समझ के लिए हजारों पृष्ठों को पढ़ने की आवश्यकता होती है। तो कृपया इन कुछ वाक्यों को पढ़ें। भारतीय व्यवस्था में कोई वैज्ञानिक दृष्टिकोण नहीं है। हमारे देश में जब भी कोई इतिहास पर बात करता है तो विवाद में पड़ जाता है। एक नया मौखिक युद्ध शुरू होता है। हमारे देश में ऐसा क्यों है? इसलिए मैं आपको उपाय सहित इसके मूल कारण तक ले जा रहा हूं। भारत विश्वगुरु था या नहीं यह एक बहस का मुद्दा है। आज, विशेष रूप से 2015 से, इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था के संदर्भ में भारत दुनिया में मूर्ख राष्ट्र है।हमारे राष्ट्र को एक बुद्धिमान राष्ट्र बनाने के लिए आज मैं देशव्यापी चर्चा का संक्षिप्त विचार दे रहा हूँ । कोई भी धर्म अपने सामाजिक कानूनों से महान हो सकता है। धर्म की महानता वैज्ञानिक शोधों या युद्ध विजयों या साहित्य या दर्शन पर टिकी नहीं होती। यह सब उस धर्म के सामाजिक कानूनों पर स्थायी रूप से करता है........... धर्म अपने मानवीय सदस्यों के साथ कैसा व्यवहार करता है यह महत्वपूर्ण है। और ये मोर्चों पर हिंदू धर्म के बहुत गंभीर संकट हैं। आप डॉ बाबासाहेब अम्बेडकरजी जैसे समाज सुधारकों के विचारों के बारे में सोच सकते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।यह पवित्र समझौता एससी/एसटी/ओबीसी समुदायों की भावनाओं के सम्मान में किया गया।आज कई लोग हिंदू धर्म में गर्व महसूस करते हैं। यह पवित्र संहिता या संविधान की आत्मा के विरुद्ध है। यह विपरीत बात हर जगह समस्या पैदा कर रही है। इसलिए मैं इसे देशव्यापी चर्चा के माध्यम से सुलझाना चाहता हूं। यही सबसे सही तरीका है जो संविधान में दिए गए वैज्ञानिक दृष्टिकोण को भी अपनाता है। किसी भी बुद्धिमान राष्ट्र, लोकतांत्रिक राष्ट्र के लिए यह आवश्यक है कि हम चर्चा के माध्यम से सत्य की खोज करें। यह हो सकता है।मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। मैंने 2012 में अपनी नौकरी छोड़ दी और इन विषयों का अध्ययन शुरू कर दिया और अब इस तरह की राष्ट्रव्यापी चर्चा करने की स्थिति में हूं। मैं देश के हर नागरिक को शामिल करना चाहता हूं। मैंने जरूरतों के अनुरूप चर्चा की एक ऐसी विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निम्नलिखित बिंदुओं पर उचित ध्यान देता है 1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) किसी भी जाति और धर्म के वास्तविक सम्मान को कोई नुकसान नहीं 4) हमारे देश की विशाल आबादी शिक्षित लोगों से बनी है और अशिक्षित वर्ग 5) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 6) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य का पता लगाने में सक्षम है। यह हमारे देश में सभी इतिहास, जाति और धर्म संबंधी विवादों को हल करने के लिए एक वैध, आधिकारिक प्रयास है। इसलिए मैं अधिकारी शब्द का प्रयोग कर रहा हूं। अगर सरकार इस प्रक्रिया में मदद करती है तो यह होगा। आइए हम सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें। अवधूत जोशी
Jub aap Mandir ke bahar lagaye gaye board ko dekhenge toh tab aapko aur bhi Garv hoga. Usme clearly likha hua hai... Non Hindus are not allow to enter inside the tample.
भाई केवल मराठा ही नही राजपूत और सिखो ने भी बलिदान दिया है सनातन धर्म के लिए।राजपूतो ने 400 साल मुस्लिम अरब आक्रमणकारियो को भारत मे घुसने नही दिया जबकी अरब आक्रमणकारियो ने तो 70 मे ईरान ईराक तुर्की उजेबिकस्तान ईजिप्ट पश्चिमी चीन सहित आधि दुनियॉ जीत ली थी।और 300 साल मुस्लिम सुल्तानो से लडाई की।और बाबर , हूमायू अकबर शाहाजहा औरंगजैब से लडने वाले कई राजपूत शाशको जैसे महाराणा सांगा,महाराणा प्रताप,महाराणा राज सिंह,महाराजा छत्रसाल बुंदेला,वीर अमर सिंह राठौड ,जैसे कई राजपूत शाशको ने आजिवन मुगलो से युद्ध किया।
pranjit sharma मराठा अंग्रेजो को भी हरा देते ।अगर उन्होने भारत की दुसरी महाशक्तियो राजपूतो और सिखो को अपना सहयोगी बना लिया होता।मराठो ने राजपूताने मे भारी लुट पाट करी।उन्होने तो लुटने मे उस सुर्यवंशी मेवाड को भी नही छोडा जिस मेवाड मे बप्पा रावल ,रावल खुमाण,महाराणा सांगा,महाराणा कुंभा,महाराणा प्रताप,महाराणा राज सिंह जैसे कई सनातन धर्म रक्षक शाशक पैदा हूऐ।और मराठा लुट पाट मे ये भी भुल गए की छत्रपती शिवाजी महाराज के पूर्वज भी मेवाड के ही सुर्यवंशी सिसोदिया राजपूत थे।जिस मेवाड का एक भी महाराणा ने दिल्ली दरबार मे उपस्थित नही हूआ।जिस मेवाड ने महुमद बीन कासिम से लेकर ,ईलतुमिस,अलाउधिन खिलजी,महुमद बिन तुगलक,इम्ब्राहिम लोदी,बाबर,अकबर,औरंगजैब।आदि सभी क्रुर मुस्लिम शाशको से युद्ध किया और सुर्य की छाप वाला हिन्दु झंडा जिस मेवाड मे सदा लहरता रहा।उस मेवाड को मराठो ने इतना लुटा कि मेवाड की आम प्रजा मराठो को लुटेरा कहने लगे।अगर मराठा राजपूतो और सिखो को साथ लेके चलते तो।उनको राजस्थान,गुजरात,जम्मु कश्मिर,हिमाचल,उत्तर प्रदेश,और मध्य प्रदेश आदि शक्तीशाली राजपूत राज्यो की भी सैना और ताकत मिलती।और पंजाब के सिखो की भी।
Bhai maratha ne bhi kosish ki thi Jagannath Mandir me apna sashan chalane keliye Us waqt maratha sashako ne bhi hindutwa ke naam pe Jagannath Mandir ko apna bas me karna chahte the
अच्छा करते हैं जब हमारे आराध्य देवी देवता का सम्मान नहीं करते तो क्यों धुसने देंगे सच बताने के लिए थैंक यू जी न्यूज को सुधीर जी को जय माता की जय गुरुवर की
महाराणा प्रताप,छत्रपति शिवाजी और गुरू गोविंद जैसे कई और स्वतंत्रता सैनानियो की बहादुरी पर हमे गर्व है जो मुगलो से आखरी दम तक लङते रहे लेकिन कभी अपना धर्म परिवर्तन नहीं किया। जय जगनाथ...जय श्री राम...
Jai Jagannath .. Proud of you my Oriya brothers and sisters... You stood like a rock for a millennia.. Wish whole Bharatvarsh stood like that... Love and Respect from Delhi
आदरणीय @mukul919 ! 🙏जय जग्गनाथ कुछ लोग मुझसे कहते हैं कि लिखित बात लंबी है। जैसा कि मैं इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था के बारे में बात करता हूं, यह जरूरी है। महिला उत्पीड़न, जाति/धर्म के नाम पर अपराध, इतिहास के नाम पर विवाद और दंगे आदि में इन कारकों का भारी योगदान है। इसलिए इन विषयों की उचित समझ के लिए हजारों पृष्ठों को पढ़ने की आवश्यकता होती है। तो कृपया इन कुछ वाक्यों को पढ़ें। भारतीय व्यवस्था में कोई वैज्ञानिक दृष्टिकोण नहीं है। हमारे देश में जब भी कोई इतिहास पर बात करता है तो विवाद में पड़ जाता है। एक नया मौखिक युद्ध शुरू होता है। हमारे देश में ऐसा क्यों है? इसलिए मैं आपको उपाय सहित इसके मूल कारण तक ले जा रहा हूं। भारत विश्वगुरु था या नहीं यह एक बहस का मुद्दा है। आज, विशेष रूप से 2015 से, इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था के संदर्भ में भारत दुनिया में मूर्ख राष्ट्र है।हमारे राष्ट्र को एक बुद्धिमान राष्ट्र बनाने के लिए आज मैं देशव्यापी चर्चा का संक्षिप्त विचार दे रहा हूँ । कोई भी धर्म अपने सामाजिक कानूनों से महान हो सकता है। धर्म की महानता वैज्ञानिक शोधों या युद्ध विजयों या साहित्य या दर्शन पर टिकी नहीं होती। यह सब उस धर्म के सामाजिक कानूनों पर स्थायी रूप से करता है........... धर्म अपने मानवीय सदस्यों के साथ कैसा व्यवहार करता है यह महत्वपूर्ण है। और ये मोर्चों पर हिंदू धर्म के बहुत गंभीर संकट हैं। आप डॉ बाबासाहेब अम्बेडकरजी जैसे समाज सुधारकों के विचारों के बारे में सोच सकते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।यह पवित्र समझौता एससी/एसटी/ओबीसी समुदायों की भावनाओं के सम्मान में किया गया।आज कई लोग हिंदू धर्म में गर्व महसूस करते हैं। यह पवित्र संहिता या संविधान की आत्मा के विरुद्ध है। यह विपरीत बात हर जगह समस्या पैदा कर रही है। इसलिए मैं इसे देशव्यापी चर्चा के माध्यम से सुलझाना चाहता हूं। यही सबसे सही तरीका है जो संविधान में दिए गए वैज्ञानिक दृष्टिकोण को भी अपनाता है। किसी भी बुद्धिमान राष्ट्र, लोकतांत्रिक राष्ट्र के लिए यह आवश्यक है कि हम चर्चा के माध्यम से सत्य की खोज करें। यह हो सकता है।मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। मैंने 2012 में अपनी नौकरी छोड़ दी और इन विषयों का अध्ययन शुरू कर दिया और अब इस तरह की राष्ट्रव्यापी चर्चा करने की स्थिति में हूं। मैं देश के हर नागरिक को शामिल करना चाहता हूं। मैंने जरूरतों के अनुरूप चर्चा की एक ऐसी विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निम्नलिखित बिंदुओं पर उचित ध्यान देता है 1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) किसी भी जाति और धर्म के वास्तविक सम्मान को कोई नुकसान नहीं 4) हमारे देश की विशाल आबादी शिक्षित लोगों से बनी है और अशिक्षित वर्ग 5) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 6) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य का पता लगाने में सक्षम है। यह हमारे देश में सभी इतिहास, जाति और धर्म संबंधी विवादों को हल करने के लिए एक वैध, आधिकारिक प्रयास है। इसलिए मैं अधिकारी शब्द का प्रयोग कर रहा हूं। अगर सरकार इस प्रक्रिया में मदद करती है तो यह होगा। आइए हम सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें। अवधूत जोशी
आदरणीय @aninditasahu881 ! 🙏जय जगन्नाथ कुछ लोग मुझसे कहते हैं कि लिखित बात लंबी है। जैसा कि मैं इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था के बारे में बात करता हूं, यह जरूरी है। महिला उत्पीड़न, जाति/धर्म के नाम पर अपराध, इतिहास के नाम पर विवाद और दंगे आदि में इन कारकों का भारी योगदान है। इसलिए इन विषयों की उचित समझ के लिए हजारों पृष्ठों को पढ़ने की आवश्यकता होती है। तो कृपया इन कुछ वाक्यों को पढ़ें। भारतीय व्यवस्था में कोई वैज्ञानिक दृष्टिकोण नहीं है। हमारे देश में जब भी कोई इतिहास पर बात करता है तो विवाद में पड़ जाता है। एक नया मौखिक युद्ध शुरू होता है। हमारे देश में ऐसा क्यों है? इसलिए मैं आपको उपाय सहित इसके मूल कारण तक ले जा रहा हूं। भारत विश्वगुरु था या नहीं यह एक बहस का मुद्दा है। आज, विशेष रूप से 2015 से, इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था के संदर्भ में भारत दुनिया में मूर्ख राष्ट्र है।हमारे राष्ट्र को एक बुद्धिमान राष्ट्र बनाने के लिए आज मैं देशव्यापी चर्चा का संक्षिप्त विचार दे रहा हूँ । कोई भी धर्म अपने सामाजिक कानूनों से महान हो सकता है। धर्म की महानता वैज्ञानिक शोधों या युद्ध विजयों या साहित्य या दर्शन पर टिकी नहीं होती। यह सब उस धर्म के सामाजिक कानूनों पर स्थायी रूप से करता है........... धर्म अपने मानवीय सदस्यों के साथ कैसा व्यवहार करता है यह महत्वपूर्ण है। और ये मोर्चों पर हिंदू धर्म के बहुत गंभीर संकट हैं। आप डॉ बाबासाहेब अम्बेडकरजी जैसे समाज सुधारकों के विचारों के बारे में सोच सकते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।यह पवित्र समझौता एससी/एसटी/ओबीसी समुदायों की भावनाओं के सम्मान में किया गया।आज कई लोग हिंदू धर्म में गर्व महसूस करते हैं। यह पवित्र संहिता या संविधान की आत्मा के विरुद्ध है। यह विपरीत बात हर जगह समस्या पैदा कर रही है। इसलिए मैं इसे देशव्यापी चर्चा के माध्यम से सुलझाना चाहता हूं। यही सबसे सही तरीका है जो संविधान में दिए गए वैज्ञानिक दृष्टिकोण को भी अपनाता है। किसी भी बुद्धिमान राष्ट्र, लोकतांत्रिक राष्ट्र के लिए यह आवश्यक है कि हम चर्चा के माध्यम से सत्य की खोज करें। यह हो सकता है।मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। मैंने 2012 में अपनी नौकरी छोड़ दी और इन विषयों का अध्ययन शुरू कर दिया और अब इस तरह की राष्ट्रव्यापी चर्चा करने की स्थिति में हूं। मैं देश के हर नागरिक को शामिल करना चाहता हूं। मैंने जरूरतों के अनुरूप चर्चा की एक ऐसी विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निम्नलिखित बिंदुओं पर उचित ध्यान देता है 1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) किसी भी जाति और धर्म के वास्तविक सम्मान को कोई नुकसान नहीं 4) हमारे देश की विशाल आबादी शिक्षित लोगों से बनी है और अशिक्षित वर्ग 5) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 6) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य का पता लगाने में सक्षम है। आइए हम सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें। अवधूत जोशी
आदरणीय @DD84301 ! 🙏 कुछ लोग मुझसे कहते हैं कि लिखित बात लंबी है। जैसा कि मैं इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था के बारे में बात करता हूं, यह जरूरी है। महिला उत्पीड़न, जाति/धर्म के नाम पर अपराध, इतिहास के नाम पर विवाद और दंगे आदि में इन कारकों का भारी योगदान है। इसलिए इन विषयों की उचित समझ के लिए हजारों पृष्ठों को पढ़ने की आवश्यकता होती है। तो कृपया इन कुछ वाक्यों को पढ़ें। भारतीय व्यवस्था में कोई वैज्ञानिक दृष्टिकोण नहीं है। हमारे देश में जब भी कोई इतिहास पर बात करता है तो विवाद में पड़ जाता है। एक नया मौखिक युद्ध शुरू होता है। हमारे देश में ऐसा क्यों है? इसलिए मैं आपको उपाय सहित इसके मूल कारण तक ले जा रहा हूं। भारत विश्वगुरु था या नहीं यह एक बहस का मुद्दा है। आज, विशेष रूप से 2015 से, इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था के संदर्भ में भारत दुनिया में मूर्ख राष्ट्र है।हमारे राष्ट्र को एक बुद्धिमान राष्ट्र बनाने के लिए आज मैं देशव्यापी चर्चा का संक्षिप्त विचार दे रहा हूँ । कोई भी धर्म अपने सामाजिक कानूनों से महान हो सकता है। धर्म की महानता वैज्ञानिक शोधों या युद्ध विजयों या साहित्य या दर्शन पर टिकी नहीं होती। यह सब उस धर्म के सामाजिक कानूनों पर स्थायी रूप से करता है........... धर्म अपने मानवीय सदस्यों के साथ कैसा व्यवहार करता है यह महत्वपूर्ण है। और ये मोर्चों पर हिंदू धर्म के बहुत गंभीर संकट हैं। आप डॉ बाबासाहेब अम्बेडकरजी जैसे समाज सुधारकों के विचारों के बारे में सोच सकते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।यह पवित्र समझौता एससी/एसटी/ओबीसी समुदायों की भावनाओं के सम्मान में किया गया।आज कई लोग हिंदू धर्म में गर्व महसूस करते हैं। यह पवित्र संहिता या संविधान की आत्मा के विरुद्ध है। यह विपरीत बात हर जगह समस्या पैदा कर रही है। इसलिए मैं इसे देशव्यापी चर्चा के माध्यम से सुलझाना चाहता हूं। यही सबसे सही तरीका है जो संविधान में दिए गए वैज्ञानिक दृष्टिकोण को भी अपनाता है। किसी भी बुद्धिमान राष्ट्र, लोकतांत्रिक राष्ट्र के लिए यह आवश्यक है कि हम चर्चा के माध्यम से सत्य की खोज करें। यह हो सकता है।मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। मैंने 2012 में अपनी नौकरी छोड़ दी और इन विषयों का अध्ययन शुरू कर दिया और अब इस तरह की राष्ट्रव्यापी चर्चा करने की स्थिति में हूं। मैं देश के हर नागरिक को शामिल करना चाहता हूं। मैंने जरूरतों के अनुरूप चर्चा की एक ऐसी विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है 1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है। यह हमारे देश में सभी इतिहास, जाति और धर्म संबंधी विवादों को हल करने के लिए एक वैध, आधिकारिक प्रयास है। इसलिए मैं अधिकारी शब्द का प्रयोग कर रहा हूं। अगर सरकार इस प्रक्रिया में मदद करती है तो यह होगा। यह कैसे किया जाएगा? 1) मुझे सरकार का निमंत्रण - और इस मोर्चे पर मैं सरकार से नाखुश हूं। 1400 अनुरोध के बाद भी सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं आया है। 2) मैं अपनी कानूनी स्थिति, अधिकार और सरकार के रुख के बारे में सरकार से स्पष्ट करूंगा. 3) चर्चा का आधार क्या होना चाहिए? क्या यह हिंदुत्व दर्शन या धर्मनिरपेक्ष दर्शन पर आधारित होगा? यह बहुत जरूरी है। मैं 2012 से हमारे राजनेताओं द्वारा बुनियादी बातों पर पूरी तरह से विपरीत रुख देख रहा हूं। इसलिए मैं सरकार से लिखित आधिकारिक संचार में ही विश्वास करूंगा। 4)राष्ट्रव्यापी चर्चा के लिए बुनियादी ढांचा स्थापित किया जाएगा 5) चर्चा के लिए मानसिक तैयारी (सभी नागरिकों की) मैं सभी को शामिल करना चाहता हूं। राष्ट्र के प्रत्येक नागरिक को जाति और धार्मिक विवादों के समाधान में सक्रिय रूप से शामिल होना चाहिए। 6) चर्चा की विशेष प्रणाली का परिचय। 7) वास्तविक राष्ट्रव्यापी चर्चा और पुराने धार्मिक और जाति, इतिहास विवादों पर समाधान आइए हम सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें। अवधूत जोशी
पता नही सिसुपाल के 100 अपराध भगवान ने माफ किये थे। रावण को भी माफ किया था। पर फिर वध जरूर किया। कलियुग में भगवान अब इन लोगो का सर्वनाश करने अवतरित हों यही प्राथना कर सकते है।
आदरणीय @natabarabehera5014🙏 ! कुछ लोग मुझसे कहते हैं कि लिखित बात लंबी है। जैसा कि मैं इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था के बारे में बात करता हूं, यह जरूरी है। महिला उत्पीड़न, जाति/धर्म के नाम पर अपराध, इतिहास के नाम पर विवाद और दंगे आदि में इन कारकों का भारी योगदान है। इसलिए इन विषयों की उचित समझ के लिए हजारों पृष्ठों को पढ़ने की आवश्यकता होती है। तो कृपया इन कुछ वाक्यों को पढ़ें। 2015 में माननीय मोदीजी/बीजेपी के नेतृत्व में, वर्तमान हिंदू पार्टी भारत, इतिहास के संदर्भ में दुनिया का सबसे मूर्ख राष्ट्र बन गया है। राजनीतिक विरोधाभास हो या कोई सामाजिक/धार्मिक विवाद, दोनोंका मूल कारण हिंदू धर्म पर विरोधाभास है। मैं 2015 को विश्वमूर्ख स्थिति की उपलब्धि के लिए एक वर्ष के रूप में क्यों दे रहा हूं? कारण- 2015 में, मैंने खुद को इतिहास, जाति/धर्म के संबंध में सभी पुराने विवादों को हल करने की स्थिति में ला दिया।लेकिन माननीय मोदीजी/भाजपा के नेतृत्व में वर्तमान तथाकथित हिंदू सरकार ने मुझे इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर एक राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करने का अवसर नहीं दिया है। अहंकार से नहीं, बल्कि वास्तविकता के तौर पर, मैं कहता हूं कि मैं इन विषयों पर सबसे सही व्यक्ति हूं, खासकर विवादों के संबंध में। मुझे इन विवादों पर स्थायी समाधान मिलने का भरोसा है.' अतः 2015 के बाद भारत में जितने भी जाति/धर्म/इतिहास संबंधी विवाद हैं, उसके लिए वर्तमान सरकार जिम्मेदार है। स्वतंत्रता संग्राम के काल में डॉ. अम्बेडकर जी और सावरकर जी के हिन्दू धर्म पर बिल्कुल विपरीत अतिवादी विचार थे। और नेहरू ने हमारे देश के हित में इस पर एक सुनहरा समझौता किया। सौभाग्य से बहुसंख्यक बहुजन समाज और बहुसंख्यक ब्राह्मणों ने नेहरू/कांग्रेस का समर्थन किया, इस एकता ने हमें स्वतंत्रता प्राप्त करने में मदद की। इसीलिए डॉ. अम्बेडकरजी और श्यामाप्रसादजी (सावरकर के शिष्य और वर्तमान भाजपा के संस्थापक) को नेहरू/कांग्रेस पार्टी, उस काल की हिंदू पार्टी के नेतृत्व में भारत की पहली सरकार में शामिल किया गया था। दोनों की अपनी-अपनी राजनीतिक पार्टी थी, और कांग्रेस का कोई सदस्य नहीं था। यह समझौता एससी, एसटी और ओबीसी समुदायों की भावनाओं के सम्मान के रूप में किया गया था। समय के साथ चीजें गलत होती गईं. किसी भी समझौते के लिए उच्च स्तर की बुद्धिमत्ता और समझ की आवश्यकता होती है। 15 अगस्त 1947 को भारत ज्ञान के चरम पर था। समय के साथ, एक राष्ट्र के रूप में हमने उस ज्ञान और समझ को खोना शुरू कर दिया। 2015 में, हम एक राष्ट्र के रूप में, मूर्ख राष्ट्र हैं। मैं भारत को बुद्धिमान राष्ट्र का दर्जा वापस दिलाना चाहता हूं। मैंने जरूरतों के अनुसार चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निम्नलिखित बिंदुओं पर उचित ध्यान देता है 1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) किसी भी जाति और धर्म के वास्तविक सम्मान को कोई नुकसान नहीं 4) हमारे देश की विशाल आबादी शिक्षित लोगों से बनी है और अशिक्षित वर्ग 5) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 6) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य का पता लगाने में सक्षम है। कृपया राष्ट्रव्यापी चर्चा के विचार का समर्थन करें और साझा करें। आइए हम सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें। अवधूत जोशी
धन्यवाद इस संघर्ष और बलिदान कि कहानी को दुनिया के सामने लाने के लिए।जय जगन्नाथ
आदरणीय@kalakrushnanayak7315 ! 🙏
भारतीय व्यवस्था में कोई वैज्ञानिक दृष्टिकोण नहीं है।
हमारे देश में जब भी कोई इतिहास पर बात करता है तो विवाद में पड़ जाता है। एक नया मौखिक युद्ध शुरू होता है। हमारे देश में ऐसा क्यों है? इसलिए मैं आपको उपाय सहित इसके मूल कारण तक ले जा रहा हूं।
भारत विश्वगुरु था या नहीं यह एक बहस का मुद्दा है। आज, विशेष रूप से 2015 से, इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था के संदर्भ में भारत दुनिया में मूर्ख राष्ट्र है।हमारे राष्ट्र को एक बुद्धिमान राष्ट्र बनाने के लिए आज मैं देशव्यापी चर्चा का संक्षिप्त विचार दे रहा हूँ ।
कोई भी धर्म अपने सामाजिक कानूनों से महान हो सकता है। धर्म की महानता वैज्ञानिक शोधों या युद्ध विजयों या साहित्य या दर्शन पर टिकी नहीं होती। यह सब उस धर्म के सामाजिक कानूनों पर स्थायी रूप से करता है........... धर्म अपने मानवीय सदस्यों के साथ कैसा व्यवहार करता है यह महत्वपूर्ण है। और ये मोर्चों पर हिंदू धर्म के बहुत गंभीर संकट हैं।
आप डॉ बाबासाहेब अम्बेडकरजी जैसे समाज सुधारकों के विचारों के बारे में सोच सकते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।यह पवित्र समझौता एससी/एसटी/ओबीसी समुदायों की भावनाओं के सम्मान में किया गया।आज कई लोग हिंदू धर्म में गर्व महसूस करते हैं। यह पवित्र संहिता या संविधान की आत्मा के विरुद्ध है। यह विपरीत बात हर जगह समस्या पैदा कर रही है।
इसलिए मैं इसे देशव्यापी चर्चा के माध्यम से सुलझाना चाहता हूं। यही सबसे सही तरीका है जो संविधान में दिए गए वैज्ञानिक दृष्टिकोण को भी अपनाता है। किसी भी बुद्धिमान राष्ट्र, लोकतांत्रिक राष्ट्र के लिए यह आवश्यक है कि हम चर्चा के माध्यम से सत्य की खोज करें।
यह हो सकता है।मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं।
मैंने 2012 में अपनी नौकरी छोड़ दी और इन विषयों का अध्ययन शुरू कर दिया और अब इस तरह की राष्ट्रव्यापी चर्चा करने की स्थिति में हूं। मैं देश के हर नागरिक को शामिल करना चाहता हूं। मैंने जरूरतों के अनुरूप चर्चा की एक ऐसी विशेष प्रणाली विकसित की है।
यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है
1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है।
यह हमारे देश में सभी इतिहास, जाति और धर्म संबंधी विवादों को हल करने के लिए एक वैध, आधिकारिक प्रयास है। इसलिए मैं अधिकारी शब्द का प्रयोग कर रहा हूं। अगर सरकार इस प्रक्रिया में मदद करती है तो यह होगा।
यह कैसे किया जाएगा?
1) मुझे सरकार का निमंत्रण - और इस मोर्चे पर मैं सरकार से नाखुश हूं। 1400 अनुरोध के बाद भी सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं आया है।
2) मैं अपनी कानूनी स्थिति, अधिकार और सरकार के रुख के बारे में सरकार से स्पष्ट करूंगा.
3) चर्चा का आधार क्या होना चाहिए? क्या यह हिंदुत्व दर्शन या धर्मनिरपेक्ष दर्शन पर आधारित होगा? यह बहुत जरूरी है। मैं 2012 से हमारे राजनेताओं द्वारा बुनियादी बातों पर पूरी तरह से विपरीत रुख देख रहा हूं। इसलिए मैं सरकार से लिखित आधिकारिक संचार में ही विश्वास करूंगा।
4)राष्ट्रव्यापी चर्चा के लिए बुनियादी ढांचा स्थापित किया जाएगा
5) चर्चा के लिए मानसिक तैयारी (सभी नागरिकों की) मैं सभी को शामिल करना चाहता हूं। राष्ट्र के प्रत्येक नागरिक को जाति और धार्मिक विवादों के समाधान में सक्रिय रूप से शामिल होना चाहिए।
6) चर्चा की विशेष प्रणाली का परिचय।
7) वास्तविक राष्ट्रव्यापी चर्चा और पुराने धार्मिक और जाति, इतिहास विवादों पर समाधान
आइए हम सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें।
अवधूत जोशी
हमारे सभी मंदिरों में गैर हिंदू प्रवेश नहीं कर सकता सभी मंदिरों में ऐसा ही होना चाहिए जय जगन्नाथ🔱🙏👌🙏🙏🙏
May Odia hoon or mujhe bohot proud feel hoti hai☺☺Sir aaj apne DNA may Sri Jagannath ji ke bare bohot sari baate kahi isiliye aap ka Thank you☺☺ Sab bolo Jay Jagannath🙏🙏☺
👇👇👍
Jai jagnath
Jai jagannath
Jay jaganatha
Its my third house😍😍
I am disappointed that odia people eat non veg diet majority .😫
odishabytes.com/over-97-per-cent-odias-prefer-non-veg-govt-study/
Sarthak Joshi because scientifically one complete side of Odisha is surrounded by water so eating fish is evolutionary inheritance of Odia people, religiously some goddess(chandi,kali etc) eats fish as bhog!
भारत की है कहानी सदियों से भी पुरानी है ज्ञान की ये गंगा ऋषियों की अमर वाणी विश्व भारती है वीरों की आरती है है इतनी पुरानी भारत की ये कहानी😢😢😢😢😢
मैंने टीवी इतिहास में पहली बार किसी पत्रकार को सच बोलते हुए देखा है"
हम सब हिंदुस्तानियों को और आप पर गर्व है
जय श्री राम 🚩🚩
Bhai मुझे लगता है। भारतीय कहना ज्यादा सही होगा। हिन्दुस्तानी कहने से क्योंकि हिन्दुस्तानी नाम अरबों और आक्रमण कारियो द्वारा दिया था।
जय भारत।
Bhai sabse badha jutta hi jail.ja chuka hai .Aur sting operation toh dekha hi tha nah yeskha .. 100 core walla
Jai shree Ram
Boraa bor hai lekin Sudhir chaudhary dna aur Tahir gora tag TV yeah 2journalist aur news channel hameshaa sach bolte hain tavi tow librandu katarpanthi kotwo kaa pichwarda main aag log jataa hai
Sudhir Chaudhary jaisa Koi news ankar nahin h🚩🚩🚩🚩🚩
Sudhir chaudhary the great person .....love u from bottom of heart ...u realy have knowledge ...you know how to explain anything in front of anyone...🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳
आदरणीय @monugupta6927🙏 !जय जगन्नाथ
कुछ लोग मुझसे कहते हैं कि लिखित बात लंबी है। जैसा कि मैं इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था के बारे में बात करता हूं, यह जरूरी है। महिला उत्पीड़न, जाति/धर्म के नाम पर अपराध, इतिहास के नाम पर विवाद और दंगे आदि में इन कारकों का भारी योगदान है। इसलिए इन विषयों की उचित समझ के लिए हजारों पृष्ठों को पढ़ने की आवश्यकता होती है। तो कृपया इन कुछ वाक्यों को पढ़ें।
2015 में माननीय मोदीजी/बीजेपी के नेतृत्व में, वर्तमान हिंदू पार्टी भारत, इतिहास के संदर्भ में दुनिया का सबसे मूर्ख राष्ट्र बन गया है।
राजनीतिक विरोधाभास हो या कोई सामाजिक/धार्मिक विवाद, दोनोंका मूल कारण हिंदू धर्म पर विरोधाभास है।
मैं 2015 को विश्वमूर्ख स्थिति की उपलब्धि के लिए एक वर्ष के रूप में क्यों दे रहा हूं?
कारण- 2015 में, मैंने खुद को इतिहास, जाति/धर्म के संबंध में सभी पुराने विवादों को हल करने की स्थिति में ला दिया।लेकिन माननीय मोदीजी/भाजपा के नेतृत्व में वर्तमान तथाकथित हिंदू सरकार ने मुझे इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर एक राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करने का अवसर नहीं दिया है। अहंकार से नहीं, बल्कि वास्तविकता के तौर पर, मैं कहता हूं कि मैं इन विषयों पर सबसे सही व्यक्ति हूं, खासकर विवादों के संबंध में। मुझे इन विवादों पर स्थायी समाधान मिलने का भरोसा है.' अतः 2015 के बाद भारत में जितने भी जाति/धर्म/इतिहास संबंधी विवाद हैं, उसके लिए वर्तमान सरकार जिम्मेदार है।
स्वतंत्रता संग्राम के काल में डॉ. अम्बेडकर जी और सावरकर जी के हिन्दू धर्म पर बिल्कुल विपरीत अतिवादी विचार थे। और नेहरू ने हमारे देश के हित में इस पर एक सुनहरा समझौता किया। सौभाग्य से बहुसंख्यक बहुजन समाज और बहुसंख्यक ब्राह्मणों ने नेहरू/कांग्रेस का समर्थन किया, इस एकता ने हमें स्वतंत्रता प्राप्त करने में मदद की। इसीलिए डॉ. अम्बेडकरजी और श्यामाप्रसादजी (सावरकर के शिष्य और वर्तमान भाजपा के संस्थापक) को नेहरू/कांग्रेस पार्टी, उस काल की हिंदू पार्टी के नेतृत्व में भारत की पहली सरकार में शामिल किया गया था। दोनों की अपनी-अपनी राजनीतिक पार्टी थी, और कांग्रेस का कोई सदस्य नहीं था।
यह समझौता एससी, एसटी और ओबीसी समुदायों की भावनाओं के सम्मान के रूप में किया गया था।
समय के साथ चीजें गलत होती गईं. किसी भी समझौते के लिए उच्च स्तर की बुद्धिमत्ता और समझ की आवश्यकता होती है। 15 अगस्त 1947 को भारत ज्ञान के चरम पर था। समय के साथ, एक राष्ट्र के रूप में हमने उस ज्ञान और समझ को खोना शुरू कर दिया। 2015 में, हम एक राष्ट्र के रूप में, मूर्ख राष्ट्र हैं। मैं भारत को बुद्धिमान राष्ट्र का दर्जा वापस दिलाना चाहता हूं।
मैंने जरूरतों के अनुसार चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निम्नलिखित बिंदुओं पर उचित ध्यान देता है
1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) किसी भी जाति और धर्म के वास्तविक सम्मान को कोई नुकसान नहीं
4) हमारे देश की विशाल आबादी शिक्षित लोगों से बनी है और अशिक्षित वर्ग 5) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था।
6) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य का पता लगाने में सक्षम है।
कृपया राष्ट्रव्यापी चर्चा के विचार का समर्थन करें और साझा करें। आइए हम सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें।
अवधूत जोशी
I'm from odisha...Tnx zee news for telecast about my lord 🙏🙏... I kindly invited to all plzz come to our state and b blessed by lord jagannath and look the unity of hinduism....
Proud to be a jagannathian 🙏
Our jagannath
Hy
Jay Jagannath 🚩
आदरणीय @rupashreedash3084🙏 !
कुछ लोग मुझसे कहते हैं कि लिखित बात लंबी है। जैसा कि मैं इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था के बारे में बात करता हूं, यह जरूरी है। महिला उत्पीड़न, जाति/धर्म के नाम पर अपराध, इतिहास के नाम पर विवाद और दंगे आदि में इन कारकों का भारी योगदान है। इसलिए इन विषयों की उचित समझ के लिए हजारों पृष्ठों को पढ़ने की आवश्यकता होती है। तो कृपया इन कुछ वाक्यों को पढ़ें।
2015 में माननीय मोदीजी/बीजेपी के नेतृत्व में, वर्तमान हिंदू पार्टी भारत, इतिहास के संदर्भ में दुनिया का सबसे मूर्ख राष्ट्र बन गया है।
राजनीतिक विरोधाभास हो या कोई सामाजिक/धार्मिक विवाद, दोनोंका मूल कारण हिंदू धर्म पर विरोधाभास है।
मैं 2015 को विश्वमूर्ख स्थिति की उपलब्धि के लिए एक वर्ष के रूप में क्यों दे रहा हूं?
कारण- 2015 में, मैंने खुद को इतिहास, जाति/धर्म के संबंध में सभी पुराने विवादों को हल करने की स्थिति में ला दिया।लेकिन माननीय मोदीजी/भाजपा के नेतृत्व में वर्तमान तथाकथित हिंदू सरकार ने मुझे इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर एक राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करने का अवसर नहीं दिया है। अहंकार से नहीं, बल्कि वास्तविकता के तौर पर, मैं कहता हूं कि मैं इन विषयों पर सबसे सही व्यक्ति हूं, खासकर विवादों के संबंध में। मुझे इन विवादों पर स्थायी समाधान मिलने का भरोसा है.' अतः 2015 के बाद भारत में जितने भी जाति/धर्म/इतिहास संबंधी विवाद हैं, उसके लिए वर्तमान सरकार जिम्मेदार है।
स्वतंत्रता संग्राम के काल में डॉ. अम्बेडकर जी और सावरकर जी के हिन्दू धर्म पर बिल्कुल विपरीत अतिवादी विचार थे। और नेहरू ने हमारे देश के हित में इस पर एक सुनहरा समझौता किया। सौभाग्य से बहुसंख्यक बहुजन समाज और बहुसंख्यक ब्राह्मणों ने नेहरू/कांग्रेस का समर्थन किया, इस एकता ने हमें स्वतंत्रता प्राप्त करने में मदद की। इसीलिए डॉ. अम्बेडकरजी और श्यामाप्रसादजी (सावरकर के शिष्य और वर्तमान भाजपा के संस्थापक) को नेहरू/कांग्रेस पार्टी, उस काल की हिंदू पार्टी के नेतृत्व में भारत की पहली सरकार में शामिल किया गया था। दोनों की अपनी-अपनी राजनीतिक पार्टी थी, और कांग्रेस का कोई सदस्य नहीं था।
यह समझौता एससी, एसटी और ओबीसी समुदायों की भावनाओं के सम्मान के रूप में किया गया था।
समय के साथ चीजें गलत होती गईं. किसी भी समझौते के लिए उच्च स्तर की बुद्धिमत्ता और समझ की आवश्यकता होती है। 15 अगस्त 1947 को भारत ज्ञान के चरम पर था। समय के साथ, एक राष्ट्र के रूप में हमने उस ज्ञान और समझ को खोना शुरू कर दिया। 2015 में, हम एक राष्ट्र के रूप में, मूर्ख राष्ट्र हैं। मैं भारत को बुद्धिमान राष्ट्र का दर्जा वापस दिलाना चाहता हूं।
मैंने जरूरतों के अनुसार चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निम्नलिखित बिंदुओं पर उचित ध्यान देता है
1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) किसी भी जाति और धर्म के वास्तविक सम्मान को कोई नुकसान नहीं
4) हमारे देश की विशाल आबादी शिक्षित लोगों से बनी है और अशिक्षित वर्ग 5) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 6) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य का पता लगाने में सक्षम है।
कृपया राष्ट्रव्यापी चर्चा के विचार का समर्थन करें और साझा करें। आइए हम सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें।
अवधूत जोशी
ଓଡ଼ିଆ ବୋଲ
my eyes becomes full of tears after watching this.really our ancestors had to fight hard to save our civilization
Me too
@@Movie-explaination yeah dear,we will survive,we will be greater than ever
Our culture is the oldest and we the future generations will support and spread it....all over the world
Same here bro😭😭
Matlab soch rahe hoo .. kitna veer the..❤️ hamare purbaj
मैं बहुत सौभाग्यशाली हूँ कि मैं भगवान श्री जगन्नाथ से मिला🥰🥰🥰🥰
"जय जगन्नाथ, जय ओडिशा"
आखिरकार साईं ट्रस्ट ने माना की साईं मुस्लिम फकीर थे। ट्रस्ट ने शंकराचार्य से मांगी माफी...
साईं मामले में ज्योतिष एवं द्वारकापीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में रिट दायर करने वाले मुंबई-साईंधाम चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रमुख रमेश जोशी ने मीडिया के समक्ष माफी मांगी है।
शनिवार को परमहंसी गंगा आश्रम पहुंचे रमेश जोशी ने साईं से संबंधित विभिन्न साहित्य और साक्ष्यों-दस्तावेजों के आधार पर यह घोषणा भी की, कि साईं मुस्लिम फकीर थे।
इस दावे के बाद अब मंदिरों को साई की मूर्ति को बाहर फैंकना ही चाहिए क्योंकि हमारे महान देवताओं भगवनाओ के मध्य एक मांसाहारी मुस्लिम फकीर का कोई कार्य नही...
वास्तव मे साई का बाप अफगानिस्तान एक पिंडारी मुसलमान था जो बहुत बड़ा लूटेरा था, अमर अकबर एंथोनी फिल्म (1977) मे साई बाबा का भरपूर झूठा प्रचार किया गया था उसके पहले साई बाबा को कोई इतना नही जानता था. फिर उसके बाद साई के नाम से कई फिल्म और टीवी सीरियल बनने लगी जिससे लोग साई जैसे पाखंडी को भगवान समझने लगे, यदि सच मे साई बाबा कोई चमत्कारी थे तो एक भी मस्जिद या दरगाह मे उसकी कोई फोटो या नाम भी क्यु नही है? क्यु कोई मुसलमान साई बाबा को नही मानता? क्यु किसी जैन मंदिर, गुरुद्वारा मे साई की एक तस्वीर या मूर्ति नही?
राम कृष्ण जैसे युग पुरुषो को भूल कर जब साई जैसे पाखंडी की पूजा होगी तो हिंदुओ के जीवन मे इतना दुख आना स्वाभाविक है.
यदि अब भी साई की प्रतिमा को कोई अपने घर में रख रहे है तो उस से बडा सनातन धर्म का द्रोही कोई नही...l
ठाकुर, उच्चारण टैगोर, अंग्रेजी।
शिष्य उच्चारण सिक्ख, गुरु मुखी।
पंच प्यारे, सभी सनातनी हिन्दू।
संविधान,और उसके बाद, और
आज की स्थिति, इमरजेंसी में
सेकुलर, वहीं से सारा, तमाशा।
Jagannath swami nayan path gami🙏
@@anitashukla9887 ppppm
Jai odisha ke saath Saath jai hind likhna chahiye tha Bhayia aapko
Jagannath swami
Nayana patha gami
Bhaba tume .... Bhaba tume ..... Bhaba tume ....
Proud to be an odia
So beautiful bat kahe ho
@@ziiavatarcamera7092 ও ওষুধ ওজনঝঝ্যঝ্যঝঝ্য ওর ঝঝ্যোঞঝ্য কোন না ঝঝঝঝ ওজন ঝ্যঝ্য তো ঝঝঝঝঝ্য জন ঝঝঝঝ ঝঝঝঝ ঝ্য না ঝঝঝঝ ওঝ্যঝ্য নন ঝঝঝঝঝ্যঝ্যঝ্য ঝঝঝঝ ঝঝঝঝ ঝঝঝঝ ঝঝঝঝ ও ওর ঝঝঝঝ ঝ্যঝ্যঝঝ ঝঝঝঝ ঝঝঝঝঝ্যঝ্যঝঝঝ্যো ঝঝঝঝ ও ঝঝঝঝঝ শোনো ও ঝঝঝঝঝ ঝোঝ্যঝ ঝঝঝঝ ও ঝঝঝঝঝ ওর ও ঝঝঝঝঝ ঝঝঝোওওধ ঔষধ ওধঝ ঝঝঝঝ ঝঝঝোঝঝঝোঝ ঝঝঝঝ ঝ্যঝ্যঝ জল ঝো ঝঝঝঝ ও ঔষধ ঝঝঝঝ ঝঝ্যো ঝঝঝঝ ঝঝঝোঝঝঝোঝ ঝঝধোঝ ঝঝঝঝ ঝঝঝঝ ও ঝঝঝঝঝ ঝোঝ ঝঝঝঝ ওঝ জন ঝঝঝঝ ও ঝঝঝঝঝ ঝোঝ ঝঝঝঝ ঝঝঝঝ ঝঝঝোঝঝঝোঝ ঝোঝঝঝ ঝো ঝঝঝঝ ঝঝঝঝ ওধোওঝঝঝষঝঝ ঝঝঝঝ ওঝ্যঝ দোষ ওঝ ঝঝ্যঝ্য ঝঝঝঝ ঝঝঝঝ ঝঝঝঝ ও ঝঝঝঝঝ ও ঝঝঝঝঝ ও ঝঝঝঝঝ ঝোঝ ঝঝষঝ্যো ওঝ নো ঝঝ্য ঝঝঝঝ ওঝ ঝঝঝোওওধ ঝঝ ঝঝঝোঝঝঝোঝ ও ঝঝঝঝঝ ঔষধ ঝঝঝঝ ঝঝঝঝ ঝঝ ওঝ ও ওর ওঝ ঝঝঝোওওধ ঝঝ ঝঝঝোঝঝঝোঝ ঝঝঝঝ ওঝ জন ঝোঝঝো ওঝ ঝঝঝোওওধ ঝ্য ঝঝঝঝ ঝঝঝোঝঝঝোঝ ঝঝঝঝ ঝঝঝোঝঝঝোঝ ও ঝঝঝোঝঝঝোঝ ঝঝধোঝ ঝঝঝঝ ঝঝঝঝ ও ঝঝঝঝঝ ঝোঝ ও ঝঝঝঝঝ ওঝঝো ঝঝঝোওওধ নো ঝঝঝঝঝ্য ঝঝঝোঝঝঝোঝ ঝঝঝঝ ঝঝঝঝ ঝঝঝঝ ধোনও ঝঝঝঝ ঝঝঝোঝঝঝোঝ ও ঝঝঝঝঝ ঝধো ওঝ ও ওর ওঝঝঝঝো ঝঝঝোঝঝঝোঝ ঝ্য ঝঝঝঝ ঝঝঝঝ ঝঝঝোঝঝঝোঝ জন ঝোঝঝো ঝঝঝোওওধ ওঝ্যঝ ঝঝঝোঝঝঝোঝ ঝ্যঝ্যঝোঝওওঝ ওঝ ঝও ঝঝঝোঝঝঝোঝ ওঝোঝঝঝ ঝঝঝঝ ঝঝঝঝ ঝঝঝোঝঝঝোঝধঝ ঝঝঝোঝঝঝোঝ ঝঝঝঝ না ঝঝঝঝ ও ঝঝঝঝঝ ঝঝধোঝ ঝঝ ঝঝঝোঝঝঝোঝ ওঝ নো ঝঝঝোঝঝঝোঝ ঝঝ নন ও ঝঝঝঝঝ ও ঝঝঝোঝঝঝোঝ ঝঝঝোঝঝঝোঝ ঝঝঝঝ ঝোঝঝ্যঝ ওঝ ঝোঝ ঝঝঝঝ ওঝ ওঝ্ওঝ ঝঝঝোঝঝঝোঝ ও ঝঝঝঝঝ ঝ্য ঝঝঝঝ ও ঝঝঝঝঝ ওঝ ঔষধ ঝঝঝঝ ওঝ্যঝ ঝঝঝোঝঝঝোঝ ঝঝঝঝ ঝঝঝঝ ওোঝোওধঝ্যঝো ওঝ ঝঝঝোঝঝঝোঝ ঝঝো ওষুধ ওঝ ঝ্যো ওঝ ঝ্যধোও ঝোঝ ঝঝ ঝঝঝোঝঝঝোঝ ঝঝ ঝঝঝোঝঝঝোঝ ওঝোঝঝঝ ওঝোঝঝঝ ঝষঝ ঝঝঝোঝঝঝোঝ ওঝ ওঝ্ওঝ ওজোন ঝঝঝোওওধ ঝঝঝোঝঝঝোঝ ওঝোঝঝঝ ঝোঝোঝ ওঝ ঝ্য ঝঝঝঝ জো ঝঝঝোওওধ ও ওর ওঝ জন ঝোঝঝো ঝঝঝঝ ঝঝ নো ঝ্যো ঝঝঝঝঝ ঝঝঝোঝঝঝোঝধঝঝ ওঝোঝঝঝ ঝোঝোঝ ঝঝো ওঝঝোঝ্যঝ্য ঝঝঝোঝঝঝোঝ ধ ওঝোঝঝঝ ঝোঝোঝ ঝঝঝোওওধও ঝঝধোঝ ও ওর ও ঝঝঝঝঝ ঝঝঝনো ওঝ ও ঝঝঝঝঝ ঝ্যঝ নো ঝঝঝোঝঝঝোঝ ঝঝঝোঝঝঝোঝষ ঝোঝঝো ও ঝঝঝোঝঝঝোঝ ও ঝঝঝঝঝ ওঝ ঝ্যঝ ওঝ জো ওঝোঝঝঝ জো ওঝোঝঝঝ ঝঝঝঝ ঝঝ ঝঝঝোঝঝঝোঝ ও ঝঝঝঝঝ ঝঝঝোওওধ ঝ্যঝঝো ঝঝঝোঝঝঝোঝ ঝঝঝোঝঝঝোঝষ ঝঝঝঝ ঝঝঝোঝঝঝোঝ ঝঝধোঝ ঝঝোঝ ঝঝঝোঝঝঝোঝষ ওঝ ঝোঝ ঝঝঝঝ ঝঝো ঝঝঝোঝঝঝোঝ জো ওঝোঝঝঝ ও ঝঝঝোঝঝঝোঝো ওঝ ওঝঝো ঝোঝঝঝ ঝঝঝঝ ও ঝঝঝোঝঝঝোঝ ওন ঝঝঝোঝঝঝোঝ ঝঝঝোঝঝঝোঝ ওঝোঝঝঝ ঝঝঝঝ ঝঝ্য ঝঝঝঝ নো ঝঝঝোঝঝঝোঝ ওধঝ ঝঝঝঝ ঝঝো ওঝ ঝঝঝঝওওওও ওঝ ওঝঝো ঝষঝোঝঝঝষো ওঝ ওঝঝো ঝোঝঝঝ ঝঝঝোঝঝঝোঝ ওঝোঝঝঝ ও ঝঝঝোঝঝঝোঝ ঝঝধোঝ ঝঝোঝ ঝঝঝঝ োঝঝ ঝঝঝোঝঝঝোঝ ওঝ ওঝঝো ও ওন ও ঝঝঝঝঝ ঝঝঝোওওধ নো ওঝ ওঝ ওঝঝো ঝোঝঝঝ ওঝঝো ঝোঝঝঝ ওধো ঝঝঝোঝঝঝোঝ ওঝঝ্যোঝোওঝ ওঝ ওঝ ঝ্য ঝঝঝঝ ঝঝঝঝ ঝঝঝঝ ঝঝো ঝঝঝোঝঝঝোঝ ঝঝোঝঝঝ ওঝ ও ঝঝঝঝঝ ওঝঝো ওঝ ওঝঝো ওঝোঞোঝ ওঝ ঝ্যঝ্য ঝঝঝোওওধ ওঝওঝ ওঝ ওঝঝো ঝঝঝোওওধ নো ওওও ঝঝঝোওওধ ও ঝঝঝঝঝ ঝঝঝোওওধ ও ঝঝঝোঝঝঝোঝ ওঝনোঝঝোওওঝঝধোওওওওঝোওষোষো ওন ও ঝঝঝঝঝ ঝঝঝোওওধ ঝ্যঝোওধ ঝঝঝোঝঝঝোঝ ঝোঝো ঝঝঝোঝঝঝোঝ োোওঝোষঝঝ ঝঝঝোঝঝঝোঝ ঝঝোঝঝঝ ঝঝঝোঝঝঝোঝো ওঝ ওঝ ওঝঝো ঝঝঝোওওধ ঝঝ ওঝোঝঝঝ ঝঝঝঝ ঝঝ ওঝঝ্যোওঝোধঝঝ ঝঝঝঝ জো ওঝোঝঝঝ ঝঝঝঝ ওন ও ঝঝঝঝঝ ঝঝঝোওওধ ও ঝঝঝোঝঝঝোঝ ও ঝঝঝঝঝ ওঝ ঝঝঝোঝঝঝোঝ ও ঝঝঝোঝঝঝোঝ ঝোঝ ঝঝঝোঝঝঝোঝ ওওঝঝঝো ওন ওঝঞঝোননঝঝ ঝঝধোঝ ঝঝঝঝ ও ঝঝঝঝঝ ও ওর ওঝ ঝঝঝোঝঝঝোঝ ঔষধ ঝঝঝঝ ও ঝঝঝঝঝ ঝঝঝোওওধ ও ঝঝঝোঝঝঝোঝ ঝোওঝঝ ঝঝঝোঝঝঝোঝ ওনোওওওও ঝঝঝোঝঝঝোঝ ওঝ ওঝঝো ঝোও ওঝোঝঝঝ ঝোঝোঝ ঝঝো ঝঝঝ ঝঝঝোঝঝঝোঝ ওঝোঝ্য শোনো নো নো ঝঝঝোঝঝঝোঝ ঝ্যঝঝ ঝঝঝোঝঝঝোঝঝ ঔষধ ও ওর ওঝ ঝ্যঝঝঝঝ ঝঝঝঝ ঝঝঝঝ ওঝ ওষো ওন ওঝ ও ঝঝঝঝঝ ওঝ্যঝঝোওওো ওঝ ও ঝঝঝঝঝ ঝঝঝোওওধ ঝ্য ঝঝঝঝ ঝঝ ওঝ ঝঝঝোঝঝঝোঝঝ ওঝ ওঝঝো ওওঝোও ওঝোঝঝঝ ঝনঝোষোওষোঝ ওঝোঝঝঝ ও ঝঝঝঝঝ ও ওন ও ঝঝঝঝঝ ঝঝ ওঝোঝঝঝ ওঝোঝঝঝ ঝঝঝোঝঝোঝঝ ঝঝঝোঝঝঝোঝ ও ঝঝঝোঝঝঝোঝ ওঝোঝঝঝ ঝঝঝঝ ঝোঝঝ ঝঝঝোঝঝঝোঝ ওঝ ওষো োোওওঝ ওঝোঝঝঝ ঝোঝ ঝঝঝোঝঝঝোঝঝ ওঝ ওঝ ও ঝঝঝঝঝ ঝোও ঔষধ ওঝ ওঝ ঝঝঝঝোঝ ঝঝঝোওওধ নো ঝঝঝোঝঝঝোঝ ঝঝষ ওঝোঝঝঝ ঝঝোধো ঝোঝ ওওঝঝঝো ওঝোঝঝঝ ওোঝঝঝ নন ওওও ঝঝঝোওওধ নো ওওও ঝঝ ঝঝঝোঝঝঝোঝ ওঝনঝ ওঝঝো ওঝ ওওও ঝঝ ওঝোঝঝঝ ওঝ ওঝঝো ওওঝোও ও ঝঝঝঝঝ ওঝ ওষো ও ঝঝঝোঝঝঝোঝ ঝোওঝঝ ওঝ ওজোন টা ঝোঝ
Iam from Assam iam proud to be a Hindu🕉️ . Very good Dicition Jagahnath puri Sanaatan basi. Jai ho jagannath baba 🙏🙏
Jay jagannath to u and your family. Jagannath blessing to you always
राधे-राधे राधे-राधे हार्दिक शुभकामनाएं जयंत श्यामपुर गाय को राष्ट्रिय पशु घोषित करो ❤❤❤❤। ७८६
Thanx a lot sudhir sir for limelighting odisha and it's cultural heritage 😍 love from odisha
You have a great history bro. Awsome culture
।। ଜୟ ଜଗନ୍ନାଥ ।।
Why thnx.....for spreading hate against muslims.....this man is a snake
@@harry.oo7 hey where is hate against muslims its our history and every indian should know it sirf meethi meethi batin kerte rahe kya? Sach to pta chalna hi chahiye or ye sach to muslims ko bhi sabse jada pta chalna chahiye kyi ki ve to is julm se hi muslim bane hai.
@@harry.oo7 yes i hate muslims coz who told them to attack on our temple....
मुझे सुधीर चौधरी जी पर गर्व है.
और इनका बोलने का व समझाने का तरीका अद्वितीय है.
जय हिन्द......!!
🙏
Yishu Ke Vachan
J ch Viv ch bb I see be ab bhi ho us
Right 🙏🙏🙏🙏
@Indian boy official. X
Proud to be an Odia... Thanks for exploring my culture... Request to all to come Odisha... And onemore please vote for Modi
Lucky guy......😉😉😉👍👍👍
Bhai bibek kash west bengal ke log bhi orisa ke jaise hote..main rehta hoon west bengal me .. aur mujhe yahan ke logo ki asliyat pata hain.. yaha par 50% se jyada muslim hain.. aur ye log bangladeshi illegal and rohingya hain. Yahan illegal immigrants ke wajah se hi west bengal tabah ho chuka hain..... main ek utkal brahmin hoon.. aur mujhe apne utkal hone par garv hain. Lekin unfortunately humlog west bengal me rehte hain.. Main apne sanatan dharm ki rakhsha ke liye logo ko anupranit kar rahi hoon. Ap bhi kijiye.
@@gauravchaturvedi6080 Thanks Bhaiya! I Welcome u to Odisha to feel our culture...
@@TinyTalesAP Aapko mera pranam👏 We are the soldiers to save our Great Culture. Agar Subash Ch. Boss 1947 mein Prime minister bante, to aaj Bharat Mata ko itna pastana nehin padta... Please come to Odisha and enjoy the natural beauty.
@@bibeknayakwriter mere purbaj orisa ke hi hain.. mera title mohanty hain.. apse ek request hain aj bhi jo sanatani secularism ka chola pehne huye hain unki ankhe kholiye. unko apne dharma ki rakhsha karne ke liye jagruk kijiye.. aur is video ko viral kijiye saath hi sathh west bengal ki haalat bhi batao..
जय जगन्नाथ 🚩🙏
I'm from Punjab , now residing in Odisha. Have visited Lord Jagannath lots of time. Would like to settle down in Puri after 60
I am from puri,Odisha
My home is 20km from jaggatnath mandir.
We all know about our history of jaggatnath mandir.
We will protect our faith and culture till our last breath.
And Modi again.
Lucky 😊
Lucky
vote for modi
@@MMaheshThakur obviously bro..
Kyun pade ho chakkar me koi nahin he Takkar me...
Only modi
@@santoshmansingh5672 2004 me bhi log ewi confidence me but har gyi atal jee
सुधीर चौधरी जी आपका लाख लाख धन्यवाद है
आप पत्रकारिता के क्षेत्र में आदर्श मानदंड हो🙏🏼🙏🏼 आपके द्वारा प्रस्तुत यह रिपोर्ट हमारे भगवान जगन्नाथ के प्रति श्रद्धा के साथ साथ अपने स्वाभिमान को प्रज्वलित करती है 🙏🏼🙏🏼
😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😅p0p
I am proud to be Hindu from Bangladesh 🇧🇩🇧🇩. ISKCON help us in many ways to perform RathYatra & others occasions.
Hare Krishna 🙏🙏
Kemon acho dada
Hare krishna🚩
@@SM-ze1gn to
@@SM-ze1gn to
@@SM-ze1gn look
I am Hindu and I am proud of my religion jai Jagarnath
जय श्री जगन्नाथ जय श्री राधे कृष्ण जय श्री राम जय सनातन धर्म जय श्री नारायण
y6😊😊
आदरणीय @ranjeet6159 ! 🙏
कुछ लोग मुझसे कहते हैं कि लिखित बात लंबी है। जैसा कि मैं इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था के बारे में बात करता हूं, यह जरूरी है। महिला उत्पीड़न, जाति/धर्म के नाम पर अपराध, इतिहास के नाम पर विवाद और दंगे आदि में इन कारकों का भारी योगदान है। इसलिए इन विषयों की उचित समझ के लिए हजारों पृष्ठों को पढ़ने की आवश्यकता होती है। तो कृपया इन कुछ वाक्यों को पढ़ें।
भारतीय व्यवस्था में कोई वैज्ञानिक दृष्टिकोण नहीं है।
हमारे देश में जब भी कोई इतिहास पर बात करता है तो विवाद में पड़ जाता है। एक नया मौखिक युद्ध शुरू होता है। हमारे देश में ऐसा क्यों है? इसलिए मैं आपको उपाय सहित इसके मूल कारण तक ले जा रहा हूं।
भारत विश्वगुरु था या नहीं यह एक बहस का मुद्दा है। आज, विशेष रूप से 2015 से, इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था के संदर्भ में भारत दुनिया में मूर्ख राष्ट्र है।हमारे राष्ट्र को एक बुद्धिमान राष्ट्र बनाने के लिए आज मैं देशव्यापी चर्चा का संक्षिप्त विचार दे रहा हूँ ।
कोई भी धर्म अपने सामाजिक कानूनों से महान हो सकता है। धर्म की महानता वैज्ञानिक शोधों या युद्ध विजयों या साहित्य या दर्शन पर टिकी नहीं होती। यह सब उस धर्म के सामाजिक कानूनों पर स्थायी रूप से करता है........... धर्म अपने मानवीय सदस्यों के साथ कैसा व्यवहार करता है यह महत्वपूर्ण है। और ये मोर्चों पर हिंदू धर्म के बहुत गंभीर संकट हैं।
आप डॉ बाबासाहेब अम्बेडकरजी जैसे समाज सुधारकों के विचारों के बारे में सोच सकते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।यह पवित्र समझौता एससी/एसटी/ओबीसी समुदायों की भावनाओं के सम्मान में किया गया।आज कई लोग हिंदू धर्म में गर्व महसूस करते हैं। यह पवित्र संहिता या संविधान की आत्मा के विरुद्ध है। यह विपरीत बात हर जगह समस्या पैदा कर रही है।
इसलिए मैं इसे देशव्यापी चर्चा के माध्यम से सुलझाना चाहता हूं। यही सबसे सही तरीका है जो संविधान में दिए गए वैज्ञानिक दृष्टिकोण को भी अपनाता है। किसी भी बुद्धिमान राष्ट्र, लोकतांत्रिक राष्ट्र के लिए यह आवश्यक है कि हम चर्चा के माध्यम से सत्य की खोज करें।
यह हो सकता है।मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं।
मैंने 2012 में अपनी नौकरी छोड़ दी और इन विषयों का अध्ययन शुरू कर दिया और अब इस तरह की राष्ट्रव्यापी चर्चा करने की स्थिति में हूं। मैं देश के हर नागरिक को शामिल करना चाहता हूं। मैंने जरूरतों के अनुरूप चर्चा की एक ऐसी विशेष प्रणाली विकसित की है।
यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है
1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है।
यह हमारे देश में सभी इतिहास, जाति और धर्म संबंधी विवादों को हल करने के लिए एक वैध, आधिकारिक प्रयास है। इसलिए मैं अधिकारी शब्द का प्रयोग कर रहा हूं। अगर सरकार इस प्रक्रिया में मदद करती है तो यह होगा।
यह कैसे किया जाएगा?
1) मुझे सरकार का निमंत्रण - और इस मोर्चे पर मैं सरकार से नाखुश हूं। 1400 अनुरोध के बाद भी सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं आया है।
2) मैं अपनी कानूनी स्थिति, अधिकार और सरकार के रुख के बारे में सरकार से स्पष्ट करूंगा.
3) चर्चा का आधार क्या होना चाहिए? क्या यह हिंदुत्व दर्शन या धर्मनिरपेक्ष दर्शन पर आधारित होगा? यह बहुत जरूरी है। मैं 2012 से हमारे राजनेताओं द्वारा बुनियादी बातों पर पूरी तरह से विपरीत रुख देख रहा हूं। इसलिए मैं सरकार से लिखित आधिकारिक संचार में ही विश्वास करूंगा।
4)राष्ट्रव्यापी चर्चा के लिए बुनियादी ढांचा स्थापित किया जाएगा
5) चर्चा के लिए मानसिक तैयारी (सभी नागरिकों की) मैं सभी को शामिल करना चाहता हूं। राष्ट्र के प्रत्येक नागरिक को जाति और धार्मिक विवादों के समाधान में सक्रिय रूप से शामिल होना चाहिए।
6) चर्चा की विशेष प्रणाली का परिचय।
7) वास्तविक राष्ट्रव्यापी चर्चा और पुराने धार्मिक और जाति, इतिहास विवादों पर समाधान
आइए हम सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें।
अवधूत जोशी
राधे-राधे राधे-राधे हार्दिक शुभकामनाएं जयंत श्यामपुर गाय को राष्ट्रिय पशु घोषित करो ❤❤❤❤। ७८६
I'm from odisha jai jagannath. thqu so much zee news 🌻🌹🌻
We proud be Hindu
We love Jagannath Temple our icon
Aao kabhi puri main mulakat ke liye 😋
सुधीर चौधरी जी आपको बहुत बहुत साधुवाद आप जैसे निष्पक्ष और सत्य वक्ता पत्र कार की आज बहुत आवस्यकता है आपकी रिपोर्टिंग सटीक और तथ्यों पर आधारित होती है 🙏🙏👍👍🌹
I'm from West Bengal.. I want to Sri Jagannath temple more than 18 times..
It gives a pleasure to see my Lord every time I visit..
I got the rare opportunity to hug Sri Jagannath once.. and that was the moment I'll never forget..
Jai Sri Jagannath... 🙏🏻
In Bengal, Christian conversation are rapidly going on....
I am an proud Hindu odia and very proud of our ancestors, how they protected our lord Jagannath. Jai Jagannath 🙏🙏🙏
ଜୟ ଶ୍ରୀ ଜଗନ୍ନାଥ
आदरणीय @Shubhankar1999 ! 🙏जय जग्गनाथ
कुछ लोग मुझसे कहते हैं कि लिखित बात लंबी है। जैसा कि मैं इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था के बारे में बात करता हूं, यह जरूरी है। महिला उत्पीड़न, जाति/धर्म के नाम पर अपराध, इतिहास के नाम पर विवाद और दंगे आदि में इन कारकों का भारी योगदान है। इसलिए इन विषयों की उचित समझ के लिए हजारों पृष्ठों को पढ़ने की आवश्यकता होती है। तो कृपया इन कुछ वाक्यों को पढ़ें।
भारतीय व्यवस्था में कोई वैज्ञानिक दृष्टिकोण नहीं है।
हमारे देश में जब भी कोई इतिहास पर बात करता है तो विवाद में पड़ जाता है। एक नया मौखिक युद्ध शुरू होता है। हमारे देश में ऐसा क्यों है? इसलिए मैं आपको उपाय सहित इसके मूल कारण तक ले जा रहा हूं।
भारत विश्वगुरु था या नहीं यह एक बहस का मुद्दा है। आज, विशेष रूप से 2015 से, इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था के संदर्भ में भारत दुनिया में मूर्ख राष्ट्र है।हमारे राष्ट्र को एक बुद्धिमान राष्ट्र बनाने के लिए आज मैं देशव्यापी चर्चा का संक्षिप्त विचार दे रहा हूँ ।
कोई भी धर्म अपने सामाजिक कानूनों से महान हो सकता है। धर्म की महानता वैज्ञानिक शोधों या युद्ध विजयों या साहित्य या दर्शन पर टिकी नहीं होती। यह सब उस धर्म के सामाजिक कानूनों पर स्थायी रूप से करता है........... धर्म अपने मानवीय सदस्यों के साथ कैसा व्यवहार करता है यह महत्वपूर्ण है। और ये मोर्चों पर हिंदू धर्म के बहुत गंभीर संकट हैं।
आप डॉ बाबासाहेब अम्बेडकरजी जैसे समाज सुधारकों के विचारों के बारे में सोच सकते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।यह पवित्र समझौता एससी/एसटी/ओबीसी समुदायों की भावनाओं के सम्मान में किया गया।आज कई लोग हिंदू धर्म में गर्व महसूस करते हैं। यह पवित्र संहिता या संविधान की आत्मा के विरुद्ध है। यह विपरीत बात हर जगह समस्या पैदा कर रही है।
इसलिए मैं इसे देशव्यापी चर्चा के माध्यम से सुलझाना चाहता हूं। यही सबसे सही तरीका है जो संविधान में दिए गए वैज्ञानिक दृष्टिकोण को भी अपनाता है। किसी भी बुद्धिमान राष्ट्र, लोकतांत्रिक राष्ट्र के लिए यह आवश्यक है कि हम चर्चा के माध्यम से सत्य की खोज करें।
यह हो सकता है।मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं।
मैंने 2012 में अपनी नौकरी छोड़ दी और इन विषयों का अध्ययन शुरू कर दिया और अब इस तरह की राष्ट्रव्यापी चर्चा करने की स्थिति में हूं। मैं देश के हर नागरिक को शामिल करना चाहता हूं। मैंने जरूरतों के अनुरूप चर्चा की एक ऐसी विशेष प्रणाली विकसित की है।
यह निम्नलिखित बिंदुओं पर उचित ध्यान देता है
1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) किसी भी जाति और धर्म के वास्तविक सम्मान को कोई नुकसान नहीं
4) हमारे देश की विशाल आबादी शिक्षित लोगों से बनी है और अशिक्षित वर्ग 5) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 6) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य का पता लगाने में सक्षम है।
यह हमारे देश में सभी इतिहास, जाति और धर्म संबंधी विवादों को हल करने के लिए एक वैध, आधिकारिक प्रयास है। इसलिए मैं अधिकारी शब्द का प्रयोग कर रहा हूं। अगर सरकार इस प्रक्रिया में मदद करती है तो यह होगा।
आइए हम सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें।
अवधूत जोशी
धन्यवाद ज़ी न्यूज़ ओर सुधीर जी हिंदुओं की पीड़ा को दिखाने के लिए उनके ऊपर हुए अत्याचारों को दिखाने के लिए । दिल से सक्रिय 🙏🙏🙏🙏🙏
👍👍👍👍👍
जय श्री राम
This documentary literally gave me goosebumps. So many sacrifices are related to the temple.
Hume aisi garibi se koi aitraz nhi ,Garv Se Kaho Hum Sanatani Hindu hai
Thousands of temple destructions r not recorded. Sad
Not only to this temple but for all the temples
आदरणीय @avijitbanerjee6369 ! 🙏
कुछ लोग मुझसे कहते हैं कि लिखित बात लंबी है। जैसा कि मैं इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था के बारे में बात करता हूं, यह जरूरी है। महिला उत्पीड़न, जाति/धर्म के नाम पर अपराध, इतिहास के नाम पर विवाद और दंगे आदि में इन कारकों का भारी योगदान है। इसलिए इन विषयों की उचित समझ के लिए हजारों पृष्ठों को पढ़ने की आवश्यकता होती है। तो कृपया इन कुछ वाक्यों को पढ़ें।
भारतीय व्यवस्था में कोई वैज्ञानिक दृष्टिकोण नहीं है।
हमारे देश में जब भी कोई इतिहास पर बात करता है तो विवाद में पड़ जाता है। एक नया मौखिक युद्ध शुरू होता है। हमारे देश में ऐसा क्यों है? इसलिए मैं आपको उपाय सहित इसके मूल कारण तक ले जा रहा हूं।
भारत विश्वगुरु था या नहीं यह एक बहस का मुद्दा है। आज, विशेष रूप से 2015 से, इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था के संदर्भ में भारत दुनिया में मूर्ख राष्ट्र है।हमारे राष्ट्र को एक बुद्धिमान राष्ट्र बनाने के लिए आज मैं देशव्यापी चर्चा का संक्षिप्त विचार दे रहा हूँ ।
कोई भी धर्म अपने सामाजिक कानूनों से महान हो सकता है। धर्म की महानता वैज्ञानिक शोधों या युद्ध विजयों या साहित्य या दर्शन पर टिकी नहीं होती। यह सब उस धर्म के सामाजिक कानूनों पर स्थायी रूप से करता है........... धर्म अपने मानवीय सदस्यों के साथ कैसा व्यवहार करता है यह महत्वपूर्ण है। और ये मोर्चों पर हिंदू धर्म के बहुत गंभीर संकट हैं।
आप डॉ बाबासाहेब अम्बेडकरजी जैसे समाज सुधारकों के विचारों के बारे में सोच सकते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।यह पवित्र समझौता एससी/एसटी/ओबीसी समुदायों की भावनाओं के सम्मान में किया गया।आज कई लोग हिंदू धर्म में गर्व महसूस करते हैं। यह पवित्र संहिता या संविधान की आत्मा के विरुद्ध है। यह विपरीत बात हर जगह समस्या पैदा कर रही है।
इसलिए मैं इसे देशव्यापी चर्चा के माध्यम से सुलझाना चाहता हूं। यही सबसे सही तरीका है जो संविधान में दिए गए वैज्ञानिक दृष्टिकोण को भी अपनाता है। किसी भी बुद्धिमान राष्ट्र, लोकतांत्रिक राष्ट्र के लिए यह आवश्यक है कि हम चर्चा के माध्यम से सत्य की खोज करें।
यह हो सकता है।मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं।
मैंने 2012 में अपनी नौकरी छोड़ दी और इन विषयों का अध्ययन शुरू कर दिया और अब इस तरह की राष्ट्रव्यापी चर्चा करने की स्थिति में हूं। मैं देश के हर नागरिक को शामिल करना चाहता हूं। मैंने जरूरतों के अनुरूप चर्चा की एक ऐसी विशेष प्रणाली विकसित की है।
यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है
1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है।
यह हमारे देश में सभी इतिहास, जाति और धर्म संबंधी विवादों को हल करने के लिए एक वैध, आधिकारिक प्रयास है। इसलिए मैं अधिकारी शब्द का प्रयोग कर रहा हूं। अगर सरकार इस प्रक्रिया में मदद करती है तो यह होगा।
यह कैसे किया जाएगा?
1) मुझे सरकार का निमंत्रण - और इस मोर्चे पर मैं सरकार से नाखुश हूं। 1400 अनुरोध के बाद भी सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं आया है।
2) मैं अपनी कानूनी स्थिति, अधिकार और सरकार के रुख के बारे में सरकार से स्पष्ट करूंगा.
3) चर्चा का आधार क्या होना चाहिए? क्या यह हिंदुत्व दर्शन या धर्मनिरपेक्ष दर्शन पर आधारित होगा? यह बहुत जरूरी है। मैं 2012 से हमारे राजनेताओं द्वारा बुनियादी बातों पर पूरी तरह से विपरीत रुख देख रहा हूं। इसलिए मैं सरकार से लिखित आधिकारिक संचार में ही विश्वास करूंगा।
4)राष्ट्रव्यापी चर्चा के लिए बुनियादी ढांचा स्थापित किया जाएगा
5) चर्चा के लिए मानसिक तैयारी (सभी नागरिकों की) मैं सभी को शामिल करना चाहता हूं। राष्ट्र के प्रत्येक नागरिक को जाति और धार्मिक विवादों के समाधान में सक्रिय रूप से शामिल होना चाहिए।
6) चर्चा की विशेष प्रणाली का परिचय।
7) वास्तविक राष्ट्रव्यापी चर्चा और पुराने धार्मिक और जाति, इतिहास विवादों पर समाधान
आइए हम सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें।
अवधूत जोशी
I am from odisha.thanks sudhir ji and zee news for this analysis👍👍
जय श्री जगन्नाथ जय श्री राम जय सियाराम जय सनातन धर्म
Proud to be Hindu 💪
जय श्री जगन्नाथ जय सनातन धर्म
I’m Sikh good to hear that Sikh people are allow to enter SHREE jagannath mandir we respect all religions I like to see this mandir thank you 🙏 jai jagannath
Guru Nanak ji bhai Jagananath Dev ki darshan ke liye aye the....
Unhe Jagannath Dev ki thali mey khana parosa geya tha....
Tejinder Singh Jai Hind
Ashu Biradar jai hind to you sir ji🇮🇳🇮🇳🇮🇳
@Indranil Das, we are Sikh always fallow guru Nanak dev sahib path 🙏good info.about guru ji thanks sir ji🇮🇳🇮🇳🇮🇳
Arey Bhai Kya bat Kara rehi ho. Sikh to sanatan Dharm see he.. main ODISHA se hun.
एक ही धर्म एक ही नारा ।
जय हिन्दू जय श्री राम ।।
आदरणीय @Vinaypatel.99🙏 !
कुछ लोग मुझसे कहते हैं कि लिखित बात लंबी है। जैसा कि मैं इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था के बारे में बात करता हूं, यह जरूरी है। महिला उत्पीड़न, जाति/धर्म के नाम पर अपराध, इतिहास के नाम पर विवाद और दंगे आदि में इन कारकों का भारी योगदान है। इसलिए इन विषयों की उचित समझ के लिए हजारों पृष्ठों को पढ़ने की आवश्यकता होती है। तो कृपया इन कुछ वाक्यों को पढ़ें।
2015 में माननीय मोदीजी/बीजेपी के नेतृत्व में, वर्तमान हिंदू पार्टी भारत, इतिहास के संदर्भ में दुनिया का सबसे मूर्ख राष्ट्र बन गया है।
राजनीतिक विरोधाभास हो या कोई सामाजिक/धार्मिक विवाद, दोनोंका मूल कारण हिंदू धर्म पर विरोधाभास है।
मैं 2015 को विश्वमूर्ख स्थिति की उपलब्धि के लिए एक वर्ष के रूप में क्यों दे रहा हूं?
कारण- 2015 में, मैंने खुद को इतिहास, जाति/धर्म के संबंध में सभी पुराने विवादों को हल करने की स्थिति में ला दिया।लेकिन माननीय मोदीजी/भाजपा के नेतृत्व में वर्तमान तथाकथित हिंदू सरकार ने मुझे इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर एक राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करने का अवसर नहीं दिया है। अहंकार से नहीं, बल्कि वास्तविकता के तौर पर, मैं कहता हूं कि मैं इन विषयों पर सबसे सही व्यक्ति हूं, खासकर विवादों के संबंध में। मुझे इन विवादों पर स्थायी समाधान मिलने का भरोसा है.' अतः 2015 के बाद भारत में जितने भी जाति/धर्म/इतिहास संबंधी विवाद हैं, उसके लिए वर्तमान सरकार जिम्मेदार है।
स्वतंत्रता संग्राम के काल में डॉ. अम्बेडकर जी और सावरकर जी के हिन्दू धर्म पर बिल्कुल विपरीत अतिवादी विचार थे। और नेहरू ने हमारे देश के हित में इस पर एक सुनहरा समझौता किया। सौभाग्य से बहुसंख्यक बहुजन समाज और बहुसंख्यक ब्राह्मणों ने नेहरू/कांग्रेस का समर्थन किया, इस एकता ने हमें स्वतंत्रता प्राप्त करने में मदद की। इसीलिए डॉ. अम्बेडकरजी और श्यामाप्रसादजी (सावरकर के शिष्य और वर्तमान भाजपा के संस्थापक) को नेहरू/कांग्रेस पार्टी, उस काल की हिंदू पार्टी के नेतृत्व में भारत की पहली सरकार में शामिल किया गया था। दोनों की अपनी-अपनी राजनीतिक पार्टी थी, और कांग्रेस का कोई सदस्य नहीं था।
यह समझौता एससी, एसटी और ओबीसी समुदायों की भावनाओं के सम्मान के रूप में किया गया था।
समय के साथ चीजें गलत होती गईं. किसी भी समझौते के लिए उच्च स्तर की बुद्धिमत्ता और समझ की आवश्यकता होती है। 15 अगस्त 1947 को भारत ज्ञान के चरम पर था। समय के साथ, एक राष्ट्र के रूप में हमने उस ज्ञान और समझ को खोना शुरू कर दिया। 2015 में, हम एक राष्ट्र के रूप में, मूर्ख राष्ट्र हैं। मैं भारत को बुद्धिमान राष्ट्र का दर्जा वापस दिलाना चाहता हूं।
मैंने जरूरतों के अनुसार चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निम्नलिखित बिंदुओं पर उचित ध्यान देता है
1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) किसी भी जाति और धर्म के वास्तविक सम्मान को कोई नुकसान नहीं
4) हमारे देश की विशाल आबादी शिक्षित लोगों से बनी है और अशिक्षित वर्ग 5) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 6) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य का पता लगाने में सक्षम है।
कृपया राष्ट्रव्यापी चर्चा के विचार का समर्थन करें और साझा करें। आइए हम सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें।
अवधूत जोशी
हमारे भारत के जगन्नाथ भगवान देश कि ताकद है।
मै साल मे एक बार जरुर दर्शन करने आता हु....महाराष्ट्र से....
Jai Jagannath...
Dear,Anchor you discussed less about our God Sri JAGANNATH and more about gandhi family. Do you know Bhakta Salebega,who was great bhakta of Lord JAGANNATH. Sorry anchor your intentions are not good for our country. Asharam bapu also visit our temple.
Good
I am so proud because I am also odisha Jay Jagannath 🙏🙏
आदरणीय @lilygouda920 ! 🙏जय जगन्नाथ
कुछ लोग मुझसे कहते हैं कि लिखित बात लंबी है। जैसा कि मैं इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था के बारे में बात करता हूं, यह जरूरी है। महिला उत्पीड़न, जाति/धर्म के नाम पर अपराध, इतिहास के नाम पर विवाद और दंगे आदि में इन कारकों का भारी योगदान है। इसलिए इन विषयों की उचित समझ के लिए हजारों पृष्ठों को पढ़ने की आवश्यकता होती है। तो कृपया इन कुछ वाक्यों को पढ़ें।
भारतीय व्यवस्था में कोई वैज्ञानिक दृष्टिकोण नहीं है।
हमारे देश में जब भी कोई इतिहास पर बात करता है तो विवाद में पड़ जाता है। एक नया मौखिक युद्ध शुरू होता है। हमारे देश में ऐसा क्यों है? इसलिए मैं आपको उपाय सहित इसके मूल कारण तक ले जा रहा हूं।
भारत विश्वगुरु था या नहीं यह एक बहस का मुद्दा है। आज, विशेष रूप से 2015 से, इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था के संदर्भ में भारत दुनिया में मूर्ख राष्ट्र है।हमारे राष्ट्र को एक बुद्धिमान राष्ट्र बनाने के लिए आज मैं देशव्यापी चर्चा का संक्षिप्त विचार दे रहा हूँ ।
कोई भी धर्म अपने सामाजिक कानूनों से महान हो सकता है। धर्म की महानता वैज्ञानिक शोधों या युद्ध विजयों या साहित्य या दर्शन पर टिकी नहीं होती। यह सब उस धर्म के सामाजिक कानूनों पर स्थायी रूप से करता है........... धर्म अपने मानवीय सदस्यों के साथ कैसा व्यवहार करता है यह महत्वपूर्ण है। और ये मोर्चों पर हिंदू धर्म के बहुत गंभीर संकट हैं।
आप डॉ बाबासाहेब अम्बेडकरजी जैसे समाज सुधारकों के विचारों के बारे में सोच सकते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।यह पवित्र समझौता एससी/एसटी/ओबीसी समुदायों की भावनाओं के सम्मान में किया गया।आज कई लोग हिंदू धर्म में गर्व महसूस करते हैं। यह पवित्र संहिता या संविधान की आत्मा के विरुद्ध है। यह विपरीत बात हर जगह समस्या पैदा कर रही है।
इसलिए मैं इसे देशव्यापी चर्चा के माध्यम से सुलझाना चाहता हूं। यही सबसे सही तरीका है जो संविधान में दिए गए वैज्ञानिक दृष्टिकोण को भी अपनाता है। किसी भी बुद्धिमान राष्ट्र, लोकतांत्रिक राष्ट्र के लिए यह आवश्यक है कि हम चर्चा के माध्यम से सत्य की खोज करें।
यह हो सकता है।मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं।
मैंने 2012 में अपनी नौकरी छोड़ दी और इन विषयों का अध्ययन शुरू कर दिया और अब इस तरह की राष्ट्रव्यापी चर्चा करने की स्थिति में हूं। मैं देश के हर नागरिक को शामिल करना चाहता हूं। मैंने जरूरतों के अनुरूप चर्चा की एक ऐसी विशेष प्रणाली विकसित की है।
यह निम्नलिखित बिंदुओं पर उचित ध्यान देता है
1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) किसी भी जाति और धर्म के वास्तविक सम्मान को कोई नुकसान नहीं
4) हमारे देश की विशाल आबादी शिक्षित लोगों से बनी है और अशिक्षित वर्ग 5) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 6) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य का पता लगाने में सक्षम है।
यह हमारे देश में सभी इतिहास, जाति और धर्म संबंधी विवादों को हल करने के लिए एक वैध, आधिकारिक प्रयास है। इसलिए मैं अधिकारी शब्द का प्रयोग कर रहा हूं। अगर सरकार इस प्रक्रिया में मदद करती है तो यह होगा।
यह कैसे किया जाएगा?
1) मुझे सरकार का निमंत्रण - और इस मोर्चे पर मैं सरकार से नाखुश हूं। 1400 अनुरोध के बाद भी सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं आया है।
2) मैं अपनी कानूनी स्थिति, अधिकार और सरकार के रुख के बारे में सरकार से स्पष्ट करूंगा.
3) चर्चा का आधार क्या होना चाहिए? क्या यह हिंदुत्व दर्शन या धर्मनिरपेक्ष दर्शन पर आधारित होगा? यह बहुत जरूरी है। मैं 2012 से हमारे राजनेताओं द्वारा बुनियादी बातों पर पूरी तरह से विपरीत रुख देख रहा हूं। इसलिए मैं सरकार से लिखित आधिकारिक संचार में ही विश्वास करूंगा।
4)राष्ट्रव्यापी चर्चा के लिए बुनियादी ढांचा स्थापित किया जाएगा
5) चर्चा के लिए मानसिक तैयारी (सभी नागरिकों की) मैं सभी को शामिल करना चाहता हूं। राष्ट्र के प्रत्येक नागरिक को जाति और धार्मिक विवादों के समाधान में सक्रिय रूप से शामिल होना चाहिए।
6) चर्चा की विशेष प्रणाली का परिचय।
7) वास्तविक राष्ट्रव्यापी चर्चा और पुराने धार्मिक और जाति, इतिहास विवादों पर समाधान
आइए हम सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें।
अवधूत जोशी
I am from odisha,i love my cultural god Jagannath
This fellow only can spread hate news by Zee
Feeling so blessed and good after watching this video becoz I am from Odisha and i had visited to Jagannath temple more than 10times in summer vacation my whole Travel to Puri . Jay Jagannath 🙏🙏
🙏🙏🙏
I'm really proud of Hindu...
I'm from Andhra Pradesh..
My name is Kasiviswanadham
and I kept my son name
Vihas Puri Jagannadham..
I'm from Maharashtra and I'm proud to be a Hindu jai Shivaji jai Bhavani jai Jagannath
Good
Jai jagnatnath
u r a legend
Nice
Jay Jagarnath baba always blessed all Hinduism in the world.....i am so proud of Hindu ❤❤❤🙏🙏🙏
I am from Nepal 🇳🇵 and I am proud of my Sanatan Sanskriti.
Thanks
Bhi oli ka kuch karo... Young nepali come out against braking nepalu hindustan hindu drotherhood... Boycott oli... We welcome you in india always...
Hn prr dheere dheere is bhaichaare me daraar of rhi hai meri vinti hai aapse ki aisa naa hone de
Apane PM ko samjao
Love for nepal
I am from Odisha thank you sir for meking this VDO.. Jagannath ji ka aashirvaad sab k upar Banerahe😊🙏ଜୟ ଜଗନ୍ନାଥ 🚩🙏
जय जगन्नाथ 🚩🙏
Zee news👍
Jai jagannath ji
Jai Jagannath. Lord of Universe.
आपका बहुत बहुत साधुवाद जो आपने भगवान जगन्नाथ जी के दर्शन करवाये
मैं उन सभी उड़ीसा वासियों को कोटि कोटि नमन करता हूँ जिन्होंने अपने हिन्दू धर्म को बनाए रखने के लिए कई सदियों तक भीषण लड़ाईयाँ लड़कर भगवान जगन्नाथ जी की मूर्ति की रक्षा की ।मंदिर परिसर के भीतर सनातन धर्म यानी केवल हिन्दू धर्म के लोगों को ही प्रवेश
की इजाजत देना ।यह एक बहुत बड़ी खूबी है ।
बहुत बहुत धन्यवाद मोहदय,🙏🙏🙏
Jay Jagannath
@@__ayushman__ farz nehi kartabya hota he . Sabdo me bhed hota he
ऐसाराममंदिरमेंलागूकरोआजभविष्यमेंऐसाबक्तन आऐहिंदूकेवलहो100ः
Bilkul
It's not udia
It's Odia
desh ka saccha imandaar tv channrl....
h zee news
I am from jagannath dham puri 🙏🙏🙏🙏🙏🙏jai jagannath love from #puri
Jai jagannath
Thankyou my dear jee news, sach dikhaane k liye.
I'm from ODISHA, Cuttack
Netaji Subhash Chandra Bose ji city se
JAI JAGANNATH 🙏
ଓଡ଼ିଶା ଭାଇ ଉ ଭଉଣୀ ମାନଙ୍କୁ ଜୟ ଜଗନ୍ନାଥ୍! ଉତ୍କଳ ର ଭୂମି କୁ ମୋ ପ୍ରାଣ ହରାଇ ଭି ରକ୍ଷା କରିବି। କୋରାପୁଟ ରୁ ଜୁହାର। 🙏🏻
ଜୟ ଜଗନ୍ନାଥ 🙏🙏 ଓଡ଼ିଆ ପୁଅ 😀😀
Jay jagannath iamfrom odisha
Tumaku bi juhara
Jay jagarnatha.
Jai jagannath maharaj 😍❤️🔥
We odia know this...but it's nice see this information in national news. Thanks sudhir ji. Thanks zee news🙏
କେବେ କଉଠି 'ଜାଣିଚି' ବୋଲି କହିବେନି I
ଆଛା କୁହନ୍ତୁ ତ...
କଳାପାହାଡ଼ ଆକ୍ରମଣ କରିବା ପରେ ଫଳାଫଳ କଣ ହେଲା, ଆଉ ତା'ର ପରିବାରର କେଉଁ ସଦସ୍ୟ ଏବେ ଓଡ଼ିଶାରେ ଜୀବିତ? କୁହନ୍ତୁ I
Aisa kuchh ni he ji , Me bhi odisha se hu ,aapko pata he sudhir ji ab isai or cristan log baharese aate he jaggnath darsan karne keliye , amreica or London se bahut log aate he ,yaha jat or dharam kuchh ni he ,kisibhi jatka log yaha jaha Sakta he ,sudhir ji asap logoko kuchh bhi pata ni he
Those rulers are attacked Jagannath temple; all are Afghan and Islamic king and that's why only orthodox Hindu are allowed inside the temple. After all for other religions Lord Jagannath come out every year from temple in the festival of Rath Yatra. ଜୟ ଜଗନ୍ନାଥ 🙏🙏
@@creativemindmusic9347 Kan kahucha bhai mo ghara b odisha re kau American jagannath Mandira jaithila
Aap Odia ho
Jay Jagannath 🙏🏼
भगवान श्री जगन्नाथ मंदिर के पुजारियों को शत् शत् नमन, जो कि उन्होंने मंदिर में दर्शन और प्रवेश के लिए हिन्दु , सिक्ख,जैन और बौद्ध धर्म के लोगों को ही स्वीकृति दी।
कृपया इस परम्परा को आगे भी जारी रखना ।
Right Bhai...Ham Hindu, Sikh ,Jain Aur Boudh, Bhai Bhai Hai... Kyonki Ye Sabhi Ek Dharm Se Bane Jo Ki Sanatan Dharm Hai
Satyamev Jayate
@@motivationguruamazingfacts1762 se a
Thank bro jay Jagannath me odia hu ap khabhi ghumne ao hamre bhagban ke jaganath mandira jay Jagannath
और ऐसा ना हर बड़े मंदिरों में होना था क्योकि वहां जाने के बाद लुटेरे को हिन्दू मंदिरों को सबसे पहले योजना लूटने का उसके बाद तोड़ने का और उसके बाद अपने धर्म का जगहा घोषित कर देते है
Chilika Lake में एक काली माता का मंदिर है जिसका नाम है कालिजा मंदिर। इसी मंदिर में श्री जगननाथ बलभद्र सुभद्रा की मूर्तियों को छिपाया गया था।
Kalijai temple
Aadi shakti ki chaaya mein toh koi haath laga bhi nahi sakta tha.....🙏🙏
Jai maa kaali
Bhojpuri gana
Thank you Zee News for enlightening everyone about the struggle of our ancestors to protect our heritage...
आदरणीय @prayasrath1192 ! 🙏जय जगन्नाथ
कुछ लोग मुझसे कहते हैं कि लिखित बात लंबी है। जैसा कि मैं इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था के बारे में बात करता हूं, यह जरूरी है। महिला उत्पीड़न, जाति/धर्म के नाम पर अपराध, इतिहास के नाम पर विवाद और दंगे आदि में इन कारकों का भारी योगदान है। इसलिए इन विषयों की उचित समझ के लिए हजारों पृष्ठों को पढ़ने की आवश्यकता होती है। तो कृपया इन कुछ वाक्यों को पढ़ें।
भारतीय व्यवस्था में कोई वैज्ञानिक दृष्टिकोण नहीं है।
हमारे देश में जब भी कोई इतिहास पर बात करता है तो विवाद में पड़ जाता है। एक नया मौखिक युद्ध शुरू होता है। हमारे देश में ऐसा क्यों है? इसलिए मैं आपको उपाय सहित इसके मूल कारण तक ले जा रहा हूं।
भारत विश्वगुरु था या नहीं यह एक बहस का मुद्दा है। आज, विशेष रूप से 2015 से, इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था के संदर्भ में भारत दुनिया में मूर्ख राष्ट्र है।हमारे राष्ट्र को एक बुद्धिमान राष्ट्र बनाने के लिए आज मैं देशव्यापी चर्चा का संक्षिप्त विचार दे रहा हूँ ।
कोई भी धर्म अपने सामाजिक कानूनों से महान हो सकता है। धर्म की महानता वैज्ञानिक शोधों या युद्ध विजयों या साहित्य या दर्शन पर टिकी नहीं होती। यह सब उस धर्म के सामाजिक कानूनों पर स्थायी रूप से करता है........... धर्म अपने मानवीय सदस्यों के साथ कैसा व्यवहार करता है यह महत्वपूर्ण है। और ये मोर्चों पर हिंदू धर्म के बहुत गंभीर संकट हैं।
आप डॉ बाबासाहेब अम्बेडकरजी जैसे समाज सुधारकों के विचारों के बारे में सोच सकते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।यह पवित्र समझौता एससी/एसटी/ओबीसी समुदायों की भावनाओं के सम्मान में किया गया।आज कई लोग हिंदू धर्म में गर्व महसूस करते हैं। यह पवित्र संहिता या संविधान की आत्मा के विरुद्ध है। यह विपरीत बात हर जगह समस्या पैदा कर रही है।
इसलिए मैं इसे देशव्यापी चर्चा के माध्यम से सुलझाना चाहता हूं। यही सबसे सही तरीका है जो संविधान में दिए गए वैज्ञानिक दृष्टिकोण को भी अपनाता है। किसी भी बुद्धिमान राष्ट्र, लोकतांत्रिक राष्ट्र के लिए यह आवश्यक है कि हम चर्चा के माध्यम से सत्य की खोज करें।
यह हो सकता है।मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं।
मैंने 2012 में अपनी नौकरी छोड़ दी और इन विषयों का अध्ययन शुरू कर दिया और अब इस तरह की राष्ट्रव्यापी चर्चा करने की स्थिति में हूं। मैं देश के हर नागरिक को शामिल करना चाहता हूं। मैंने जरूरतों के अनुरूप चर्चा की एक ऐसी विशेष प्रणाली विकसित की है।
यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है
1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है।
यह हमारे देश में सभी इतिहास, जाति और धर्म संबंधी विवादों को हल करने के लिए एक वैध, आधिकारिक प्रयास है। इसलिए मैं अधिकारी शब्द का प्रयोग कर रहा हूं। अगर सरकार इस प्रक्रिया में मदद करती है तो यह होगा।
यह कैसे किया जाएगा?
1) मुझे सरकार का निमंत्रण - और इस मोर्चे पर मैं सरकार से नाखुश हूं। 1400 अनुरोध के बाद भी सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं आया है।
2) मैं अपनी कानूनी स्थिति, अधिकार और सरकार के रुख के बारे में सरकार से स्पष्ट करूंगा.
3) चर्चा का आधार क्या होना चाहिए? क्या यह हिंदुत्व दर्शन या धर्मनिरपेक्ष दर्शन पर आधारित होगा? यह बहुत जरूरी है। मैं 2012 से हमारे राजनेताओं द्वारा बुनियादी बातों पर पूरी तरह से विपरीत रुख देख रहा हूं। इसलिए मैं सरकार से लिखित आधिकारिक संचार में ही विश्वास करूंगा।
4)राष्ट्रव्यापी चर्चा के लिए बुनियादी ढांचा स्थापित किया जाएगा
5) चर्चा के लिए मानसिक तैयारी (सभी नागरिकों की) मैं सभी को शामिल करना चाहता हूं। राष्ट्र के प्रत्येक नागरिक को जाति और धार्मिक विवादों के समाधान में सक्रिय रूप से शामिल होना चाहिए।
6) चर्चा की विशेष प्रणाली का परिचय।
7) वास्तविक राष्ट्रव्यापी चर्चा और पुराने धार्मिक और जाति, इतिहास विवादों पर समाधान
आइए हम सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें।
अवधूत जोशी
जय श्री जगन्नाथ
Really we didn,t know about these attack ,thank you for information
हिम्मत केबल मात्र पुरी के जगन्नाथ धाम के पुरोहित के ही है जो बड़े से बड़े हमला से लेकर प्रधानमंत्री तक को रोक दिया इसे कहते है सनातन धर्म के सच्चे और हिम्मत बाले
Hame garbh hai puri pe
@@vkant2607 हा जी बहुत गर्व है क्योंकि यहा किसी भी राजनीति नहीं चलेगी सिर्फ भगवान का राज चलेगा और इसलिए चमत्कार भी होती है
Right mem
I m from Puri, feeling proud for stay here too.
Suno abhi sabko or har jat ki logoko jane ki anumati he
बिल्कुल इसी तरह भारत के सभी मंदिरों में किसी भी गैर हिन्दू का प्रवेश निषेध होना चाहिए।
जय जगन्नाथ 🙏🚩🚩🚩
Dalito ko rok pae
@@mkalam-yh9of dalito kon he vo hindu hi he unke liye pratiband nahi ho sakta ha agar vo hindu nahi to bilkul nahi jane denge .
@@mkalam-yh9of jagannath temple puri mai brahman ke sath tribes puja karte hai jagannath ji ki.... Aur pehle ekk kam karo sare shíàs ko sunni banao.. Pher hmm ko bolna... 😂😂😂😂
Jayjagannathji
100ःहिदुओंनेसहीफैसलालिआथासभीमंदिरोमेवैनकरोभाईओबहनोअपधरमबचानेकेलिऐहै
आपको बहुत बहुत धन्यबाद है इसको दिखाने के लिए।
इसी तरह राम मंदिर, काशी विश्वनाथ मंदिर, सोमनाथ आदि का भी इतिहास बताये।
आपको बहुत धन्यवाद चौधरी जी ,गुड मॉर्निंग
Proud to be Hindu Maratha🚩🚩🚩🚩 jai shree Ram😍🚩
Tu apla manus ahes . Marathi madhe type karat ja. Jai shivray🚩🚩
@@user-us8nj9gs6p correct ❤️👍🏻🙏
@@user-us8nj9gs6p Marathi 👌👌👌
@@Boycott_bollywood420 ho
जय श्री राम
As an Odia I am so happy after watching this news on Shri Jagannath mandir, even i got to know history of this temple which we never studied in our school...THANK YOU Sudhir Sir
Bhai kash west bengal ke log bhi orisa ke jaise hote..main rehta hoon west bengal me .. aur mujhe yahan ke logo ki asliyat pata hain.. yaha par 50% se jyada muslim hain.. aur ye log bangladeshi illegal and rohingya hain. Yahan illegal immigrants ke wajah se hi west bengal tabah ho chuka hain..... main ek utkal brahmin hoon.. aur mujhe apne utkal hone par garv hain. Lekin unfortunately humlog west bengal me rehte hain.. Main apne sanatan dharm ki rakhsha ke liye logo ko anupranit kar rahi hoon. Ap bhi kijiye.
@@TinyTalesAP Sure karunga...and one more thing abhi bhi west bengal bacha sakte ho by voting BJP kyun ke waha ka govt. Momta Didi chahti hi nai ki WB ek Hindu state bane...Bass state govt change hone do sab thik ho jayega...Vote for Narendra Modi
@@sachita1993 state government me BJP ane ki koi asha nahi hain... kyunki yahan 50% muslim hain, 30% fake liberals, .baki 20% hi hindu hain...
@@TinyTalesAPmilke unn mullo ka Samna karo
आदरणीय @sachita1993 ! 🙏जय जगन्नाथ
कुछ लोग मुझसे कहते हैं कि लिखित बात लंबी है। जैसा कि मैं इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था के बारे में बात करता हूं, यह जरूरी है। महिला उत्पीड़न, जाति/धर्म के नाम पर अपराध, इतिहास के नाम पर विवाद और दंगे आदि में इन कारकों का भारी योगदान है। इसलिए इन विषयों की उचित समझ के लिए हजारों पृष्ठों को पढ़ने की आवश्यकता होती है। तो कृपया इन कुछ वाक्यों को पढ़ें।
भारतीय व्यवस्था में कोई वैज्ञानिक दृष्टिकोण नहीं है।
हमारे देश में जब भी कोई इतिहास पर बात करता है तो विवाद में पड़ जाता है। एक नया मौखिक युद्ध शुरू होता है। हमारे देश में ऐसा क्यों है? इसलिए मैं आपको उपाय सहित इसके मूल कारण तक ले जा रहा हूं।
भारत विश्वगुरु था या नहीं यह एक बहस का मुद्दा है। आज, विशेष रूप से 2015 से, इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था के संदर्भ में भारत दुनिया में मूर्ख राष्ट्र है।हमारे राष्ट्र को एक बुद्धिमान राष्ट्र बनाने के लिए आज मैं देशव्यापी चर्चा का संक्षिप्त विचार दे रहा हूँ ।
कोई भी धर्म अपने सामाजिक कानूनों से महान हो सकता है। धर्म की महानता वैज्ञानिक शोधों या युद्ध विजयों या साहित्य या दर्शन पर टिकी नहीं होती। यह सब उस धर्म के सामाजिक कानूनों पर स्थायी रूप से करता है........... धर्म अपने मानवीय सदस्यों के साथ कैसा व्यवहार करता है यह महत्वपूर्ण है। और ये मोर्चों पर हिंदू धर्म के बहुत गंभीर संकट हैं।
आप डॉ बाबासाहेब अम्बेडकरजी जैसे समाज सुधारकों के विचारों के बारे में सोच सकते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।यह पवित्र समझौता एससी/एसटी/ओबीसी समुदायों की भावनाओं के सम्मान में किया गया।आज कई लोग हिंदू धर्म में गर्व महसूस करते हैं। यह पवित्र संहिता या संविधान की आत्मा के विरुद्ध है। यह विपरीत बात हर जगह समस्या पैदा कर रही है।
इसलिए मैं इसे देशव्यापी चर्चा के माध्यम से सुलझाना चाहता हूं। यही सबसे सही तरीका है जो संविधान में दिए गए वैज्ञानिक दृष्टिकोण को भी अपनाता है। किसी भी बुद्धिमान राष्ट्र, लोकतांत्रिक राष्ट्र के लिए यह आवश्यक है कि हम चर्चा के माध्यम से सत्य की खोज करें।
यह हो सकता है।मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं।
मैंने 2012 में अपनी नौकरी छोड़ दी और इन विषयों का अध्ययन शुरू कर दिया और अब इस तरह की राष्ट्रव्यापी चर्चा करने की स्थिति में हूं। मैं देश के हर नागरिक को शामिल करना चाहता हूं। मैंने जरूरतों के अनुरूप चर्चा की एक ऐसी विशेष प्रणाली विकसित की है।
यह निम्नलिखित बिंदुओं पर उचित ध्यान देता है
1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) किसी भी जाति और धर्म के वास्तविक सम्मान को कोई नुकसान नहीं
4) हमारे देश की विशाल आबादी शिक्षित लोगों से बनी है और अशिक्षित वर्ग 5) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था।
6) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य का पता लगाने में सक्षम है।
आइए हम सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें।
अवधूत जोशी
हम भारतीय हिन्दू अपने पूर्वज के बलिदान को याद रखेगो उनका समान प्रेम सनेह इज्जत जुडे है।
Pujari kitne bali dan huwe
A true reporting ❤ JAY JAGANNATH❤
हमे अपने धर्म और संस्कृति पर गर्वहै, गर्व से कहो हम हिन्दू है जय जगन्नाथ
जी यादव जी
@Aryan Tanwar भाई हमे अखिलेश और मुलायम को यादव होने पर संसय लगता है क्यो की पूर्व मे जो जो घृणित कार्य मुलायम ने हिन्दूओ के विरूद्ध किया उसकोअखिलेश निरंतर आगे बढा रहा है शर्म आती है इन्हें यादव कहने पर
Sahi kaha yaduvanshi veer..Krishna key vansajon ko mara naman.
@@ajitmishra2787 अजित भाई हमे यह नही भूलना चाहिए कि सर्व प्रथम हम हिन्दू है उसके बाद हम यादव है जो की मुलायम का पुरा परिवार भूल चुका है
@@vedprakashyadav4473ji ekdum sahi...
Isse kehte hain zinda bhagwan.. jinme sach me jaan basta he... ❤️❤️❤️
Yes
Jay jagnath 🙏
I am from odisha, So proud of my state which lives god jagannath 🙏🏻🙏🏻🙏🏻...
अपनी राष्ट्र भाषा को कभी भूलना नही चाहिए हमेशा हिंदी मे लिखो
जय श्री राम
@@visheshgupta4757 have
Me too
@@sureshprasad8650 0pppppppp
@@visheshgupta4757 sorry o odisha se hey..so odia mey likhega..odia uska garb hona chahiye..hindi nhi
आज भी इस मंदिर के नाम में चढ़ाया गया धन,95% बाहर जा रहा है,, सभी भाई, सिर्फ दर्शन मात्र कर के वापस आए,,
जय जगन्नाथ पुरी धाम ❤🙏🙏🙏🙏
Hug le sahi se
जय हो परम पिता परमेश्वर जगन्नाथ जी की
आदरणीय ! 🙏जय जगन्नाथ
कुछ लोग मुझसे कहते हैं कि लिखित बात लंबी है। जैसा कि मैं इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था के बारे में बात करता हूं, यह जरूरी है। महिला उत्पीड़न, जाति/धर्म के नाम पर अपराध, इतिहास के नाम पर विवाद और दंगे आदि में इन कारकों का भारी योगदान है। इसलिए इन विषयों की उचित समझ के लिए हजारों पृष्ठों को पढ़ने की आवश्यकता होती है। तो कृपया इन कुछ वाक्यों को पढ़ें।
भारतीय व्यवस्था में कोई वैज्ञानिक दृष्टिकोण नहीं है।
हमारे देश में जब भी कोई इतिहास पर बात करता है तो विवाद में पड़ जाता है। एक नया मौखिक युद्ध शुरू होता है। हमारे देश में ऐसा क्यों है? इसलिए मैं आपको उपाय सहित इसके मूल कारण तक ले जा रहा हूं।
भारत विश्वगुरु था या नहीं यह एक बहस का मुद्दा है। आज, विशेष रूप से 2015 से, इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था के संदर्भ में भारत दुनिया में मूर्ख राष्ट्र है।हमारे राष्ट्र को एक बुद्धिमान राष्ट्र बनाने के लिए आज मैं देशव्यापी चर्चा का संक्षिप्त विचार दे रहा हूँ ।
कोई भी धर्म अपने सामाजिक कानूनों से महान हो सकता है। धर्म की महानता वैज्ञानिक शोधों या युद्ध विजयों या साहित्य या दर्शन पर टिकी नहीं होती। यह सब उस धर्म के सामाजिक कानूनों पर स्थायी रूप से करता है........... धर्म अपने मानवीय सदस्यों के साथ कैसा व्यवहार करता है यह महत्वपूर्ण है। और ये मोर्चों पर हिंदू धर्म के बहुत गंभीर संकट हैं।
आप डॉ बाबासाहेब अम्बेडकरजी जैसे समाज सुधारकों के विचारों के बारे में सोच सकते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।यह पवित्र समझौता एससी/एसटी/ओबीसी समुदायों की भावनाओं के सम्मान में किया गया।आज कई लोग हिंदू धर्म में गर्व महसूस करते हैं। यह पवित्र संहिता या संविधान की आत्मा के विरुद्ध है। यह विपरीत बात हर जगह समस्या पैदा कर रही है।
इसलिए मैं इसे देशव्यापी चर्चा के माध्यम से सुलझाना चाहता हूं। यही सबसे सही तरीका है जो संविधान में दिए गए वैज्ञानिक दृष्टिकोण को भी अपनाता है। किसी भी बुद्धिमान राष्ट्र, लोकतांत्रिक राष्ट्र के लिए यह आवश्यक है कि हम चर्चा के माध्यम से सत्य की खोज करें।
यह हो सकता है।मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं।
मैंने 2012 में अपनी नौकरी छोड़ दी और इन विषयों का अध्ययन शुरू कर दिया और अब इस तरह की राष्ट्रव्यापी चर्चा करने की स्थिति में हूं। मैं देश के हर नागरिक को शामिल करना चाहता हूं। मैंने जरूरतों के अनुरूप चर्चा की एक ऐसी विशेष प्रणाली विकसित की है।
यह निम्नलिखित बिंदुओं पर उचित ध्यान देता है
1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) किसी भी जाति और धर्म के वास्तविक सम्मान को कोई नुकसान नहीं
4) हमारे देश की विशाल आबादी शिक्षित लोगों से बनी है और अशिक्षित वर्ग 5) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 6) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य का पता लगाने में सक्षम है।
यह हमारे देश में सभी इतिहास, जाति और धर्म संबंधी विवादों को हल करने के लिए एक वैध, आधिकारिक प्रयास है। इसलिए मैं अधिकारी शब्द का प्रयोग कर रहा हूं। अगर सरकार इस प्रक्रिया में मदद करती है तो यह होगा।
आइए हम सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें।
अवधूत जोशी
मंदिर को अपवित्र करने की बातें सुनकर , बहुत क्षोभ होता है!!! जय जगन्नाथ!!!
जय श्री जगन्नाथः स्वामी
धर्म एक सनातन धर्म .
वाकि अधर्म
I am proud from Odisha ❤️. 🙏 Jay Jagannath 🙏
जय श्री राधे जय श्री कृष्ण जय श्री राम जय श्री जगन्नाथ
आदरणीय @chinu.chinu🙏 !
कुछ लोग मुझसे कहते हैं कि लिखित बात लंबी है। जैसा कि मैं इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था के बारे में बात करता हूं, यह जरूरी है। महिला उत्पीड़न, जाति/धर्म के नाम पर अपराध, इतिहास के नाम पर विवाद और दंगे आदि में इन कारकों का भारी योगदान है। इसलिए इन विषयों की उचित समझ के लिए हजारों पृष्ठों को पढ़ने की आवश्यकता होती है। तो कृपया इन कुछ वाक्यों को पढ़ें।
2015 में माननीय मोदीजी/बीजेपी के नेतृत्व में, वर्तमान हिंदू पार्टी भारत, इतिहास के संदर्भ में दुनिया का सबसे मूर्ख राष्ट्र बन गया है।
राजनीतिक विरोधाभास हो या कोई सामाजिक/धार्मिक विवाद, दोनोंका मूल कारण हिंदू धर्म पर विरोधाभास है।
मैं 2015 को विश्वमूर्ख स्थिति की उपलब्धि के लिए एक वर्ष के रूप में क्यों दे रहा हूं?
कारण- 2015 में, मैंने खुद को इतिहास, जाति/धर्म के संबंध में सभी पुराने विवादों को हल करने की स्थिति में ला दिया।लेकिन माननीय मोदीजी/भाजपा के नेतृत्व में वर्तमान तथाकथित हिंदू सरकार ने मुझे इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर एक राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करने का अवसर नहीं दिया है। अहंकार से नहीं, बल्कि वास्तविकता के तौर पर, मैं कहता हूं कि मैं इन विषयों पर सबसे सही व्यक्ति हूं, खासकर विवादों के संबंध में। मुझे इन विवादों पर स्थायी समाधान मिलने का भरोसा है.' अतः 2015 के बाद भारत में जितने भी जाति/धर्म/इतिहास संबंधी विवाद हैं, उसके लिए वर्तमान सरकार जिम्मेदार है।
स्वतंत्रता संग्राम के काल में डॉ. अम्बेडकर जी और सावरकर जी के हिन्दू धर्म पर बिल्कुल विपरीत अतिवादी विचार थे। और नेहरू ने हमारे देश के हित में इस पर एक सुनहरा समझौता किया। सौभाग्य से बहुसंख्यक बहुजन समाज और बहुसंख्यक ब्राह्मणों ने नेहरू/कांग्रेस का समर्थन किया, इस एकता ने हमें स्वतंत्रता प्राप्त करने में मदद की। इसीलिए डॉ. अम्बेडकरजी और श्यामाप्रसादजी (सावरकर के शिष्य और वर्तमान भाजपा के संस्थापक) को नेहरू/कांग्रेस पार्टी, उस काल की हिंदू पार्टी के नेतृत्व में भारत की पहली सरकार में शामिल किया गया था। दोनों की अपनी-अपनी राजनीतिक पार्टी थी, और कांग्रेस का कोई सदस्य नहीं था।
यह समझौता एससी, एसटी और ओबीसी समुदायों की भावनाओं के सम्मान के रूप में किया गया था।
समय के साथ चीजें गलत होती गईं. किसी भी समझौते के लिए उच्च स्तर की बुद्धिमत्ता और समझ की आवश्यकता होती है। 15 अगस्त 1947 को भारत ज्ञान के चरम पर था। समय के साथ, एक राष्ट्र के रूप में हमने उस ज्ञान और समझ को खोना शुरू कर दिया। 2015 में, हम एक राष्ट्र के रूप में, मूर्ख राष्ट्र हैं। मैं भारत को बुद्धिमान राष्ट्र का दर्जा वापस दिलाना चाहता हूं।
मैंने जरूरतों के अनुसार चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निम्नलिखित बिंदुओं पर उचित ध्यान देता है
1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) किसी भी जाति और धर्म के वास्तविक सम्मान को कोई नुकसान नहीं
4) हमारे देश की विशाल आबादी शिक्षित लोगों से बनी है और अशिक्षित वर्ग 5) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था।
6) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य का पता लगाने में सक्षम है।
कृपया राष्ट्रव्यापी चर्चा के विचार का समर्थन करें और साझा करें। आइए हम सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें।
अवधूत जोशी
From recent election ,it is proved that odisha is the most educated n real hidu state nself respected state in India
हमें सोचना चाहिए कि हम हिन्दू हैं भारत में जन्मे है भारत माता की जय हो
S
Jai shree ram
ua-cam.com/video/guwAvuEtPug/v-deo.html
@Mangrath Hembram MAIN OBC HUN.....AUR SANATANI HOON...GENERAL OBC ST SC YA BOUDH...SAB SHREE JAGANNATH MANDIR JATE HAIN....SHREE RAM AUR SHANATAN DHARM HUM LOGON KO EKJUT RAKH SAKTA HAI....ALAG ALAG NAHIN EK JUT REHENA HI HINDUSTAN KELIYE THIK HAI....BAMPANTHI ISHLAM YA ISHAIYAT YE SAB AKRAANTA HAI....
@Mangrath Hembram abe mulle sun be tera muslim dharm koi dharm nhi blki ek jita jagta diyansor hai sabhi ke liye dharmo ke leye khatara hai abe sun mulle ji tumne likha hai uper to sune tera dharm unmadio ki bhid hai sajhey katuye
I am from odisha.proud to ba an Indian.jay jagannath🙏
Jai Jaggannath
Jay jagarnnath
Jai Jagannath
सुधीर चौधरी जी आप राष्ट्रवादी पत्रकार हैं हम आपके साथ है आप सत्य दिखाते रहे
Sahi kaha bhai aapane
Galat hai
Sahi hai
सही है
राष्ट्रवादी पत्रकार कैसे कभी आज तक कभी जी न्यूज़
Thanks a lot for spreading the parikrama prakalpa news.... Jay Jagannath
Thanks kalinga warriors to protect our sanatan dharma love from Marathas....
jai Hindu Rashtra....🚩🚩🚩
Marathas in the west and kalinga warriors and ahom warriors in the east stopped the further Islamic invasion prior to Akbar to the south
Love from Odisha
##jai bhabani jai shivaji
Bande utkala janani
Love u bro
Love from odisha
Jai jagannath from odisha😊🙏🙏🙏
यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत ।
अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम् ॥
परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम् ।
धर्मसंस्थापनार्थाय सम्भवामि युगे युगे ॥
@Rupesh Thakare Kya dimag paaya hai tune, bilkul apne hi bhagwan ki respect nhi Kar rha unhi par vishwas nhi aur Hindu banne ka naatak Kar rha hai.
Gjb hai tum jaise neech buddi k log bhi
@@anonymous-gh4tz hame visvas hai lekin god bhi unhi ka help karata hai jo koshis karata hai tu hai to mulla lekin mere ko ullu nahi bana paega
@@PritamKumar-yt8qd ll lo l lo l///
*Zee News Zindabad 🇮🇳🙏*
Hindustan Zindabad 🇮🇳🇮🇳🙏
*Hindu oo Jagte te Rahoo🕉️🌷🕉️🌷🕉️🌷🕉️*
Shree jaganath ke murti me shree hari vishnu ki dhadkan avi v jibit he. Isliye woh murti bhut kimti h humare liye❤
Lots of love from Odisha 🥰🙏🚩🔱. Proud to be a Hindu ❤️💯
Hindu koi darm nhi h darm to Sanatan h hindu to nam afganistan ke Hindus parwart ke nam par diya tha
गर्व से कहो हिंदू हो। जय श्री जन्नाथ
Jai shri ram jai hind
आदरणीय @meetkhandelwal4674 ! 🙏जय जगन्नाथ
कुछ लोग मुझसे कहते हैं कि लिखित बात लंबी है। जैसा कि मैं इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था के बारे में बात करता हूं, यह जरूरी है। महिला उत्पीड़न, जाति/धर्म के नाम पर अपराध, इतिहास के नाम पर विवाद और दंगे आदि में इन कारकों का भारी योगदान है। इसलिए इन विषयों की उचित समझ के लिए हजारों पृष्ठों को पढ़ने की आवश्यकता होती है। तो कृपया इन कुछ वाक्यों को पढ़ें।
भारतीय व्यवस्था में कोई वैज्ञानिक दृष्टिकोण नहीं है।
हमारे देश में जब भी कोई इतिहास पर बात करता है तो विवाद में पड़ जाता है। एक नया मौखिक युद्ध शुरू होता है। हमारे देश में ऐसा क्यों है? इसलिए मैं आपको उपाय सहित इसके मूल कारण तक ले जा रहा हूं।
भारत विश्वगुरु था या नहीं यह एक बहस का मुद्दा है। आज, विशेष रूप से 2015 से, इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था के संदर्भ में भारत दुनिया में मूर्ख राष्ट्र है।हमारे राष्ट्र को एक बुद्धिमान राष्ट्र बनाने के लिए आज मैं देशव्यापी चर्चा का संक्षिप्त विचार दे रहा हूँ ।
कोई भी धर्म अपने सामाजिक कानूनों से महान हो सकता है। धर्म की महानता वैज्ञानिक शोधों या युद्ध विजयों या साहित्य या दर्शन पर टिकी नहीं होती। यह सब उस धर्म के सामाजिक कानूनों पर स्थायी रूप से करता है........... धर्म अपने मानवीय सदस्यों के साथ कैसा व्यवहार करता है यह महत्वपूर्ण है। और ये मोर्चों पर हिंदू धर्म के बहुत गंभीर संकट हैं।
आप डॉ बाबासाहेब अम्बेडकरजी जैसे समाज सुधारकों के विचारों के बारे में सोच सकते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।यह पवित्र समझौता एससी/एसटी/ओबीसी समुदायों की भावनाओं के सम्मान में किया गया।आज कई लोग हिंदू धर्म में गर्व महसूस करते हैं। यह पवित्र संहिता या संविधान की आत्मा के विरुद्ध है। यह विपरीत बात हर जगह समस्या पैदा कर रही है।
इसलिए मैं इसे देशव्यापी चर्चा के माध्यम से सुलझाना चाहता हूं। यही सबसे सही तरीका है जो संविधान में दिए गए वैज्ञानिक दृष्टिकोण को भी अपनाता है। किसी भी बुद्धिमान राष्ट्र, लोकतांत्रिक राष्ट्र के लिए यह आवश्यक है कि हम चर्चा के माध्यम से सत्य की खोज करें।
यह हो सकता है।मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं।
मैंने 2012 में अपनी नौकरी छोड़ दी और इन विषयों का अध्ययन शुरू कर दिया और अब इस तरह की राष्ट्रव्यापी चर्चा करने की स्थिति में हूं। मैं देश के हर नागरिक को शामिल करना चाहता हूं। मैंने जरूरतों के अनुरूप चर्चा की एक ऐसी विशेष प्रणाली विकसित की है।
यह निम्नलिखित बिंदुओं पर उचित ध्यान देता है
1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) किसी भी जाति और धर्म के वास्तविक सम्मान को कोई नुकसान नहीं
4) हमारे देश की विशाल आबादी शिक्षित लोगों से बनी है और अशिक्षित वर्ग 5) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 6) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य का पता लगाने में सक्षम है।
यह हमारे देश में सभी इतिहास, जाति और धर्म संबंधी विवादों को हल करने के लिए एक वैध, आधिकारिक प्रयास है। इसलिए मैं अधिकारी शब्द का प्रयोग कर रहा हूं। अगर सरकार इस प्रक्रिया में मदद करती है तो यह होगा।
आइए हम सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें।
अवधूत जोशी
गर्व से कहो हम हिन्दू हैं और हिन्दुस्तान हमारा है।
जय जगन्नाथ।
हिंदू है हम हिंदुस्तान हमारा h
Jai jagnaath
India that is Bharat
@@mrinalinimishramishra5325 थउह
Jub aap Mandir ke bahar lagaye gaye board ko dekhenge toh tab aapko aur bhi Garv hoga. Usme clearly likha hua hai... Non Hindus are not allow to enter inside the tample.
ଜୟ ଜଗନ୍ନାଥ ମହାପ୍ରଭୂ ❤🙏
Joy Jogonnath
জয় জগন্নাথ
from Bangladesh
Tum log abhi tk jinda bche ho bangladesh me
Bangladesh me hindu ab bhi bahe hue he kya
@@SatelliteTracker Kyu tum dono ko kya problem hua he...?
@@innocentguy613 Tereko thoda sharam nehi lagrahahe aise bol ne se...
@@nnayak5761 abe inlogo ko to pehle hi mar mar khatm kr diya hai atankio ne inke purwajo ki wajah se
Maratha Empire The proud of Hindustan. The great Hindu the great Maratha.
Jay Shivshambhu Chhatrapati.
Suraj bhai ashoka was great king of India
Bhai jativad se aage aa
भाई केवल मराठा ही नही राजपूत और सिखो ने भी बलिदान दिया है सनातन धर्म के लिए।राजपूतो ने 400 साल मुस्लिम अरब आक्रमणकारियो को भारत मे घुसने नही दिया जबकी अरब आक्रमणकारियो ने तो 70 मे ईरान ईराक तुर्की उजेबिकस्तान ईजिप्ट पश्चिमी चीन सहित आधि दुनियॉ जीत ली थी।और 300 साल मुस्लिम सुल्तानो से लडाई की।और बाबर , हूमायू अकबर शाहाजहा औरंगजैब से लडने वाले कई राजपूत शाशको जैसे महाराणा सांगा,महाराणा प्रताप,महाराणा राज सिंह,महाराजा छत्रसाल बुंदेला,वीर अमर सिंह राठौड ,जैसे कई राजपूत शाशको ने आजिवन मुगलो से युद्ध किया।
If English had not come to Indai the India would be one United kingdom of Maratha
pranjit sharma मराठा अंग्रेजो को भी हरा देते ।अगर उन्होने भारत की दुसरी महाशक्तियो राजपूतो और सिखो को अपना सहयोगी बना लिया होता।मराठो ने राजपूताने मे भारी लुट पाट करी।उन्होने तो लुटने मे उस सुर्यवंशी मेवाड को भी नही छोडा जिस मेवाड मे बप्पा रावल ,रावल खुमाण,महाराणा सांगा,महाराणा कुंभा,महाराणा प्रताप,महाराणा राज सिंह जैसे कई सनातन धर्म रक्षक शाशक पैदा हूऐ।और मराठा लुट पाट मे ये भी भुल गए की छत्रपती शिवाजी महाराज के पूर्वज भी मेवाड के ही सुर्यवंशी सिसोदिया राजपूत थे।जिस मेवाड का एक भी महाराणा ने दिल्ली दरबार मे उपस्थित नही हूआ।जिस मेवाड ने महुमद बीन कासिम से लेकर ,ईलतुमिस,अलाउधिन खिलजी,महुमद बिन तुगलक,इम्ब्राहिम लोदी,बाबर,अकबर,औरंगजैब।आदि सभी क्रुर मुस्लिम शाशको से युद्ध किया और सुर्य की छाप वाला हिन्दु झंडा जिस मेवाड मे सदा लहरता रहा।उस मेवाड को मराठो ने इतना लुटा कि मेवाड की आम प्रजा मराठो को लुटेरा कहने लगे।अगर मराठा राजपूतो और सिखो को साथ लेके चलते तो।उनको राजस्थान,गुजरात,जम्मु कश्मिर,हिमाचल,उत्तर प्रदेश,और मध्य प्रदेश आदि शक्तीशाली राजपूत राज्यो की भी सैना और ताकत मिलती।और पंजाब के सिखो की भी।
Bhai maratha ne bhi kosish ki thi Jagannath Mandir me apna sashan chalane keliye
Us waqt maratha sashako ne bhi hindutwa ke naam pe Jagannath Mandir ko apna bas me karna chahte the
अच्छा करते हैं जब हमारे आराध्य देवी देवता का सम्मान नहीं करते तो क्यों धुसने देंगे सच बताने के लिए थैंक यू जी न्यूज को सुधीर जी को जय माता की जय गुरुवर की
🌲🌲 ऊँ नमःश्री शिव शंभु🌲🌲जय जगन्नाथ जय जगन्नाथ जय जगन्नाथ।
महाराणा प्रताप,छत्रपति शिवाजी और गुरू गोविंद जैसे कई और स्वतंत्रता सैनानियो की बहादुरी पर हमे गर्व है जो मुगलो से आखरी दम तक लङते रहे लेकिन कभी अपना धर्म परिवर्तन नहीं किया। जय जगनाथ...जय श्री राम...
Our odia hindu king from ganga dynasty to gagapti dynasty defended our gaganath temple from jhadi Muslim
True
Ha kaha ho tum mughse sampark kro
@@DEVINEgkp7491 Maratho se sampark kar tere jaise mughaloke ke baap hai Ham Marathe. Jay Shiv Shambhu Chhatrapati.
Sach kaha apne pushpa ji apne aap jaise ladki honee chahiye varna yaha to kuch love jihad ki shikar ho jaati hai. ....
I'm from puri and felling proud to be Born in Jagannath Dham...
Jay Jagannath brother 👏👏
@@badalsahoo707 Jay Jagannath
Jaganthpuri dirty Hai temple bhi chutiyapa ka Kendra Hai
@@00DP Dekh bhai aisa mat bol.. Like nonsense..
Jai Jagganath bhaina
I m from Rajasthan near Mathura bharatpur......I m coming to Bhubaneswar as loco pilot RRB.exam..
I have visited this temple
amezing....
study jaction bro..dobara aao apni family k sth... Rath yatra dekho.... Jai jagannath 🙏💐
Visit again with your family
Please come with your family
As well as with 2 - 3 family group Jai jagannath 🙏🙏🙏🙏😊
Come to Odisha
We'll treat you like a star
Jai Jagannath .. Proud of you my Oriya brothers and sisters... You stood like a rock for a millennia.. Wish whole Bharatvarsh stood like that... Love and Respect from Delhi
जय जगन्नाथ धाम की जय 🙏🏻
सनातन धर्म की जय 🙏🏻
भारत माता की जय 🙏🏻
We need more people like Sudhir Chaudhary who have guts to talk about the cruelty of Mughals.🇮🇳🇮🇳🇮🇳
Ekdam sahi kaha 👍
आदरणीय @mukul919 ! 🙏जय जग्गनाथ
कुछ लोग मुझसे कहते हैं कि लिखित बात लंबी है। जैसा कि मैं इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था के बारे में बात करता हूं, यह जरूरी है। महिला उत्पीड़न, जाति/धर्म के नाम पर अपराध, इतिहास के नाम पर विवाद और दंगे आदि में इन कारकों का भारी योगदान है। इसलिए इन विषयों की उचित समझ के लिए हजारों पृष्ठों को पढ़ने की आवश्यकता होती है। तो कृपया इन कुछ वाक्यों को पढ़ें।
भारतीय व्यवस्था में कोई वैज्ञानिक दृष्टिकोण नहीं है।
हमारे देश में जब भी कोई इतिहास पर बात करता है तो विवाद में पड़ जाता है। एक नया मौखिक युद्ध शुरू होता है। हमारे देश में ऐसा क्यों है? इसलिए मैं आपको उपाय सहित इसके मूल कारण तक ले जा रहा हूं।
भारत विश्वगुरु था या नहीं यह एक बहस का मुद्दा है। आज, विशेष रूप से 2015 से, इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था के संदर्भ में भारत दुनिया में मूर्ख राष्ट्र है।हमारे राष्ट्र को एक बुद्धिमान राष्ट्र बनाने के लिए आज मैं देशव्यापी चर्चा का संक्षिप्त विचार दे रहा हूँ ।
कोई भी धर्म अपने सामाजिक कानूनों से महान हो सकता है। धर्म की महानता वैज्ञानिक शोधों या युद्ध विजयों या साहित्य या दर्शन पर टिकी नहीं होती। यह सब उस धर्म के सामाजिक कानूनों पर स्थायी रूप से करता है........... धर्म अपने मानवीय सदस्यों के साथ कैसा व्यवहार करता है यह महत्वपूर्ण है। और ये मोर्चों पर हिंदू धर्म के बहुत गंभीर संकट हैं।
आप डॉ बाबासाहेब अम्बेडकरजी जैसे समाज सुधारकों के विचारों के बारे में सोच सकते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।यह पवित्र समझौता एससी/एसटी/ओबीसी समुदायों की भावनाओं के सम्मान में किया गया।आज कई लोग हिंदू धर्म में गर्व महसूस करते हैं। यह पवित्र संहिता या संविधान की आत्मा के विरुद्ध है। यह विपरीत बात हर जगह समस्या पैदा कर रही है।
इसलिए मैं इसे देशव्यापी चर्चा के माध्यम से सुलझाना चाहता हूं। यही सबसे सही तरीका है जो संविधान में दिए गए वैज्ञानिक दृष्टिकोण को भी अपनाता है। किसी भी बुद्धिमान राष्ट्र, लोकतांत्रिक राष्ट्र के लिए यह आवश्यक है कि हम चर्चा के माध्यम से सत्य की खोज करें।
यह हो सकता है।मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं।
मैंने 2012 में अपनी नौकरी छोड़ दी और इन विषयों का अध्ययन शुरू कर दिया और अब इस तरह की राष्ट्रव्यापी चर्चा करने की स्थिति में हूं। मैं देश के हर नागरिक को शामिल करना चाहता हूं। मैंने जरूरतों के अनुरूप चर्चा की एक ऐसी विशेष प्रणाली विकसित की है।
यह निम्नलिखित बिंदुओं पर उचित ध्यान देता है
1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) किसी भी जाति और धर्म के वास्तविक सम्मान को कोई नुकसान नहीं
4) हमारे देश की विशाल आबादी शिक्षित लोगों से बनी है और अशिक्षित वर्ग 5) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 6) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य का पता लगाने में सक्षम है।
यह हमारे देश में सभी इतिहास, जाति और धर्म संबंधी विवादों को हल करने के लिए एक वैध, आधिकारिक प्रयास है। इसलिए मैं अधिकारी शब्द का प्रयोग कर रहा हूं। अगर सरकार इस प्रक्रिया में मदद करती है तो यह होगा।
आइए हम सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें।
अवधूत जोशी
जय श्री जगन्नाथ
Bande Utkala Janani...🇮🇳🙏🏻🙏🏻🙏🏻
Proud to be Odia,
Thanks a lot to Sudhir Choudhuri ji for showing the great history of Mahaprabhu Jagannath 🙏🏻🙏🏻🙏🏻
आदरणीय @aninditasahu881 ! 🙏जय जगन्नाथ
कुछ लोग मुझसे कहते हैं कि लिखित बात लंबी है। जैसा कि मैं इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था के बारे में बात करता हूं, यह जरूरी है। महिला उत्पीड़न, जाति/धर्म के नाम पर अपराध, इतिहास के नाम पर विवाद और दंगे आदि में इन कारकों का भारी योगदान है। इसलिए इन विषयों की उचित समझ के लिए हजारों पृष्ठों को पढ़ने की आवश्यकता होती है। तो कृपया इन कुछ वाक्यों को पढ़ें।
भारतीय व्यवस्था में कोई वैज्ञानिक दृष्टिकोण नहीं है।
हमारे देश में जब भी कोई इतिहास पर बात करता है तो विवाद में पड़ जाता है। एक नया मौखिक युद्ध शुरू होता है। हमारे देश में ऐसा क्यों है? इसलिए मैं आपको उपाय सहित इसके मूल कारण तक ले जा रहा हूं।
भारत विश्वगुरु था या नहीं यह एक बहस का मुद्दा है। आज, विशेष रूप से 2015 से, इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था के संदर्भ में भारत दुनिया में मूर्ख राष्ट्र है।हमारे राष्ट्र को एक बुद्धिमान राष्ट्र बनाने के लिए आज मैं देशव्यापी चर्चा का संक्षिप्त विचार दे रहा हूँ ।
कोई भी धर्म अपने सामाजिक कानूनों से महान हो सकता है। धर्म की महानता वैज्ञानिक शोधों या युद्ध विजयों या साहित्य या दर्शन पर टिकी नहीं होती। यह सब उस धर्म के सामाजिक कानूनों पर स्थायी रूप से करता है........... धर्म अपने मानवीय सदस्यों के साथ कैसा व्यवहार करता है यह महत्वपूर्ण है। और ये मोर्चों पर हिंदू धर्म के बहुत गंभीर संकट हैं।
आप डॉ बाबासाहेब अम्बेडकरजी जैसे समाज सुधारकों के विचारों के बारे में सोच सकते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।यह पवित्र समझौता एससी/एसटी/ओबीसी समुदायों की भावनाओं के सम्मान में किया गया।आज कई लोग हिंदू धर्म में गर्व महसूस करते हैं। यह पवित्र संहिता या संविधान की आत्मा के विरुद्ध है। यह विपरीत बात हर जगह समस्या पैदा कर रही है।
इसलिए मैं इसे देशव्यापी चर्चा के माध्यम से सुलझाना चाहता हूं। यही सबसे सही तरीका है जो संविधान में दिए गए वैज्ञानिक दृष्टिकोण को भी अपनाता है। किसी भी बुद्धिमान राष्ट्र, लोकतांत्रिक राष्ट्र के लिए यह आवश्यक है कि हम चर्चा के माध्यम से सत्य की खोज करें।
यह हो सकता है।मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं।
मैंने 2012 में अपनी नौकरी छोड़ दी और इन विषयों का अध्ययन शुरू कर दिया और अब इस तरह की राष्ट्रव्यापी चर्चा करने की स्थिति में हूं। मैं देश के हर नागरिक को शामिल करना चाहता हूं। मैंने जरूरतों के अनुरूप चर्चा की एक ऐसी विशेष प्रणाली विकसित की है।
यह निम्नलिखित बिंदुओं पर उचित ध्यान देता है
1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) किसी भी जाति और धर्म के वास्तविक सम्मान को कोई नुकसान नहीं
4) हमारे देश की विशाल आबादी शिक्षित लोगों से बनी है और अशिक्षित वर्ग 5) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था।
6) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य का पता लगाने में सक्षम है।
आइए हम सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें।
अवधूत जोशी
I am from Odisha, i am proud to be an odia & an Indian ,, this temple is near my home,,,,
Jay Jagannath 🙏🙏
Wow
Your home is near the temple my dear
Jai ho
@@madhavpatwari518 yes bro.
My too
Jay Jagannath🙏
ଓଡିଶା ପାଇଁ ମୁଁ ଆଜି ଗର୍ବିତ ।।। ଜୟ ଜଗନ୍ନାଥ ।।
I m proud for my #ODISHA . JAI_JAGANNATH....
Jay jaganath
Love you bhai
Your pride is only for odisha not for our country? say I PROUD TO BE AN INDIAN FROM ODISHA STATE
Jai Jagannath
@@siddhantgupta3370 not Indian we are sanatani bharatiya 😊 indian name were given by Europeans🙏 joy jagannath
@@tushardewangan958 well said THANK YOU
We are proud as a indian.... Where we found many cultures....💖
आदरणीय @DD84301 ! 🙏
कुछ लोग मुझसे कहते हैं कि लिखित बात लंबी है। जैसा कि मैं इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था के बारे में बात करता हूं, यह जरूरी है। महिला उत्पीड़न, जाति/धर्म के नाम पर अपराध, इतिहास के नाम पर विवाद और दंगे आदि में इन कारकों का भारी योगदान है। इसलिए इन विषयों की उचित समझ के लिए हजारों पृष्ठों को पढ़ने की आवश्यकता होती है। तो कृपया इन कुछ वाक्यों को पढ़ें।
भारतीय व्यवस्था में कोई वैज्ञानिक दृष्टिकोण नहीं है।
हमारे देश में जब भी कोई इतिहास पर बात करता है तो विवाद में पड़ जाता है। एक नया मौखिक युद्ध शुरू होता है। हमारे देश में ऐसा क्यों है? इसलिए मैं आपको उपाय सहित इसके मूल कारण तक ले जा रहा हूं।
भारत विश्वगुरु था या नहीं यह एक बहस का मुद्दा है। आज, विशेष रूप से 2015 से, इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था के संदर्भ में भारत दुनिया में मूर्ख राष्ट्र है।हमारे राष्ट्र को एक बुद्धिमान राष्ट्र बनाने के लिए आज मैं देशव्यापी चर्चा का संक्षिप्त विचार दे रहा हूँ ।
कोई भी धर्म अपने सामाजिक कानूनों से महान हो सकता है। धर्म की महानता वैज्ञानिक शोधों या युद्ध विजयों या साहित्य या दर्शन पर टिकी नहीं होती। यह सब उस धर्म के सामाजिक कानूनों पर स्थायी रूप से करता है........... धर्म अपने मानवीय सदस्यों के साथ कैसा व्यवहार करता है यह महत्वपूर्ण है। और ये मोर्चों पर हिंदू धर्म के बहुत गंभीर संकट हैं।
आप डॉ बाबासाहेब अम्बेडकरजी जैसे समाज सुधारकों के विचारों के बारे में सोच सकते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।यह पवित्र समझौता एससी/एसटी/ओबीसी समुदायों की भावनाओं के सम्मान में किया गया।आज कई लोग हिंदू धर्म में गर्व महसूस करते हैं। यह पवित्र संहिता या संविधान की आत्मा के विरुद्ध है। यह विपरीत बात हर जगह समस्या पैदा कर रही है।
इसलिए मैं इसे देशव्यापी चर्चा के माध्यम से सुलझाना चाहता हूं। यही सबसे सही तरीका है जो संविधान में दिए गए वैज्ञानिक दृष्टिकोण को भी अपनाता है। किसी भी बुद्धिमान राष्ट्र, लोकतांत्रिक राष्ट्र के लिए यह आवश्यक है कि हम चर्चा के माध्यम से सत्य की खोज करें।
यह हो सकता है।मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं।
मैंने 2012 में अपनी नौकरी छोड़ दी और इन विषयों का अध्ययन शुरू कर दिया और अब इस तरह की राष्ट्रव्यापी चर्चा करने की स्थिति में हूं। मैं देश के हर नागरिक को शामिल करना चाहता हूं। मैंने जरूरतों के अनुरूप चर्चा की एक ऐसी विशेष प्रणाली विकसित की है।
यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है
1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है।
यह हमारे देश में सभी इतिहास, जाति और धर्म संबंधी विवादों को हल करने के लिए एक वैध, आधिकारिक प्रयास है। इसलिए मैं अधिकारी शब्द का प्रयोग कर रहा हूं। अगर सरकार इस प्रक्रिया में मदद करती है तो यह होगा।
यह कैसे किया जाएगा?
1) मुझे सरकार का निमंत्रण - और इस मोर्चे पर मैं सरकार से नाखुश हूं। 1400 अनुरोध के बाद भी सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं आया है।
2) मैं अपनी कानूनी स्थिति, अधिकार और सरकार के रुख के बारे में सरकार से स्पष्ट करूंगा.
3) चर्चा का आधार क्या होना चाहिए? क्या यह हिंदुत्व दर्शन या धर्मनिरपेक्ष दर्शन पर आधारित होगा? यह बहुत जरूरी है। मैं 2012 से हमारे राजनेताओं द्वारा बुनियादी बातों पर पूरी तरह से विपरीत रुख देख रहा हूं। इसलिए मैं सरकार से लिखित आधिकारिक संचार में ही विश्वास करूंगा।
4)राष्ट्रव्यापी चर्चा के लिए बुनियादी ढांचा स्थापित किया जाएगा
5) चर्चा के लिए मानसिक तैयारी (सभी नागरिकों की) मैं सभी को शामिल करना चाहता हूं। राष्ट्र के प्रत्येक नागरिक को जाति और धार्मिक विवादों के समाधान में सक्रिय रूप से शामिल होना चाहिए।
6) चर्चा की विशेष प्रणाली का परिचय।
7) वास्तविक राष्ट्रव्यापी चर्चा और पुराने धार्मिक और जाति, इतिहास विवादों पर समाधान
आइए हम सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें।
अवधूत जोशी
LORD OF THE UNIVERSE AND PRIDE OF ODISHA....
OUR MAHAPRABHU JAY SHREE JAGANNATH JI 🙏😇🙏🌹🙏
SANATAN DHARM FOREVER 👍👍👍
पता नही सिसुपाल के 100 अपराध भगवान ने माफ किये थे। रावण को भी माफ किया था। पर फिर वध जरूर किया। कलियुग में भगवान अब इन लोगो का सर्वनाश करने अवतरित हों यही प्राथना कर सकते है।
I am Odia and proud of my jagannath temple. Jay jagannath ki jay.
आदरणीय @natabarabehera5014🙏 !
कुछ लोग मुझसे कहते हैं कि लिखित बात लंबी है। जैसा कि मैं इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था के बारे में बात करता हूं, यह जरूरी है। महिला उत्पीड़न, जाति/धर्म के नाम पर अपराध, इतिहास के नाम पर विवाद और दंगे आदि में इन कारकों का भारी योगदान है। इसलिए इन विषयों की उचित समझ के लिए हजारों पृष्ठों को पढ़ने की आवश्यकता होती है। तो कृपया इन कुछ वाक्यों को पढ़ें।
2015 में माननीय मोदीजी/बीजेपी के नेतृत्व में, वर्तमान हिंदू पार्टी भारत, इतिहास के संदर्भ में दुनिया का सबसे मूर्ख राष्ट्र बन गया है।
राजनीतिक विरोधाभास हो या कोई सामाजिक/धार्मिक विवाद, दोनोंका मूल कारण हिंदू धर्म पर विरोधाभास है।
मैं 2015 को विश्वमूर्ख स्थिति की उपलब्धि के लिए एक वर्ष के रूप में क्यों दे रहा हूं?
कारण- 2015 में, मैंने खुद को इतिहास, जाति/धर्म के संबंध में सभी पुराने विवादों को हल करने की स्थिति में ला दिया।लेकिन माननीय मोदीजी/भाजपा के नेतृत्व में वर्तमान तथाकथित हिंदू सरकार ने मुझे इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर एक राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करने का अवसर नहीं दिया है। अहंकार से नहीं, बल्कि वास्तविकता के तौर पर, मैं कहता हूं कि मैं इन विषयों पर सबसे सही व्यक्ति हूं, खासकर विवादों के संबंध में। मुझे इन विवादों पर स्थायी समाधान मिलने का भरोसा है.' अतः 2015 के बाद भारत में जितने भी जाति/धर्म/इतिहास संबंधी विवाद हैं, उसके लिए वर्तमान सरकार जिम्मेदार है।
स्वतंत्रता संग्राम के काल में डॉ. अम्बेडकर जी और सावरकर जी के हिन्दू धर्म पर बिल्कुल विपरीत अतिवादी विचार थे। और नेहरू ने हमारे देश के हित में इस पर एक सुनहरा समझौता किया। सौभाग्य से बहुसंख्यक बहुजन समाज और बहुसंख्यक ब्राह्मणों ने नेहरू/कांग्रेस का समर्थन किया, इस एकता ने हमें स्वतंत्रता प्राप्त करने में मदद की। इसीलिए डॉ. अम्बेडकरजी और श्यामाप्रसादजी (सावरकर के शिष्य और वर्तमान भाजपा के संस्थापक) को नेहरू/कांग्रेस पार्टी, उस काल की हिंदू पार्टी के नेतृत्व में भारत की पहली सरकार में शामिल किया गया था। दोनों की अपनी-अपनी राजनीतिक पार्टी थी, और कांग्रेस का कोई सदस्य नहीं था।
यह समझौता एससी, एसटी और ओबीसी समुदायों की भावनाओं के सम्मान के रूप में किया गया था।
समय के साथ चीजें गलत होती गईं. किसी भी समझौते के लिए उच्च स्तर की बुद्धिमत्ता और समझ की आवश्यकता होती है। 15 अगस्त 1947 को भारत ज्ञान के चरम पर था। समय के साथ, एक राष्ट्र के रूप में हमने उस ज्ञान और समझ को खोना शुरू कर दिया। 2015 में, हम एक राष्ट्र के रूप में, मूर्ख राष्ट्र हैं। मैं भारत को बुद्धिमान राष्ट्र का दर्जा वापस दिलाना चाहता हूं।
मैंने जरूरतों के अनुसार चर्चा की एक विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निम्नलिखित बिंदुओं पर उचित ध्यान देता है
1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) किसी भी जाति और धर्म के वास्तविक सम्मान को कोई नुकसान नहीं
4) हमारे देश की विशाल आबादी शिक्षित लोगों से बनी है और अशिक्षित वर्ग 5) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था।
6) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य का पता लगाने में सक्षम है।
कृपया राष्ट्रव्यापी चर्चा के विचार का समर्थन करें और साझा करें। आइए हम सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें।
अवधूत जोशी
Hamare purbaja ke baje se
Humare Dharm abbtak jibit hai..Jai Jagannath
Jai Jagannath
We vote only on BJP
Vote 4 only modi ji....
@@eraser2.132 Bhai BJP ku vote deba
@@eraser2.132 Amara Balasore re Pratap nana
Amara kalahandi basanta panda...
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
जय श्री हरि
ଜୟ ଜଗନ୍ନାଥ ସ୍ୱାମୀ ନୟନ ପଥଗାମୀ ଭବତୁ
Jaya Jagannath
ଜୟ ଶ୍ରୀ ଜଗନ୍ନାଥ
ଜୟ ଜଗନ୍ନାଥ ସ୍ଵାମୀ ନୟନ ପଥ ଗାମୀ
Jai Jagannatho...