ब्रह्मकमल और बर्फबारी के साथ सप्तकुंड ट्रैक || mahadev 7spta ke prti sapta kund || Kamal Negi track
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- Опубліковано 3 лип 2024
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ब्रह्मकमल और बर्फबारी के साथ सप्ताकुंड ट्रैक || mahadev 7spta ke prti sapta kund || Kamal Negi track
उत्तराखंड के निजमुला घाटी में पहाड़ों का एकदम अलग संसार है, सप्तकुंड। समुद्र तल से लगभग 5000 हजार मीटर की ऊँचाई पर यहाँ 7 बड़े-बड़े कुंड हैं। माना ये भी जाता है कि सप्तकुंड भगवान शिव का निवास स्थान है। इसलिए ये जगह जितनी खूबसूरत और प्यारी है उतनी ही पवित्र भी है। यहाँ जो सात कुंड हैं उनके नाम पार्वती कुंड, गणेश कुंड, नारद कुंड, नंदी कुंड, भैरव कुंड, शक्ति कुंड और शिव कुंड हैं। शिव कुंड का पानी गर्म है और बाकी सभी का पानी इतना ठंडा है उसमें हाथ डालने पर ही परे
सप्तकुंड ट्रेक करने का सबसे अच्छा समय है बारिश के बाद और पहले का समय। सर्दियों में यहाँ खूब बर्फ पड़ती है। तब आप यहाँ आ नहीं सकते हैं और मानसून में पहाड़ खतरनाक बन जाते हैं। इसलिए मेरा सुझाव मानें तो मार्च से जून और सितबंर से नवंबर के बीच में कभी भी इस जगह पर आ सकते हैं। यहाँ ठहरने के लिए झींझी गाँव में अच्छी व्यवस्था है। ये गाँव भी प्यार है और यहाँ के लोग थी। याएको एक बार जरूर मानतंत की गाना करनी
झींझी वो गाँव है जहाँ से सप्तकुंड ट्रेक शुरू होता है। चमोली से गाड़ी पकड़िए और निकल पड़ि झींझी की ओर। चमोली से बिरही होते हुए निजमुला घाटी के पगना तक आप गाड़ी से पहुँच जाएंगे। इसके आगे गाड़ी नहीं जा पाती है। पगना से झींझी गाँव की दूरी लगभग 8 किमी. है। इसका ये मतलब है कि आपको ट्रेक से पहले भी ट्रेक करना होगा। पगना गाँव से झींझी तक पैदल चल पड़िए। हरे-भरे रास्तों के बीच चलना सुकून देता है। यही सुकून आपको इस रास्ते में मिलेगा। 8 किमी. पैदल चलने बाद आप झींझी गाँव पहुँच जाएंगे। थकान दूर करने के लिए आपको इस गाँव में रूकना होगा। यहाँ हर घर होमस्टे है, आप आराम से किसी भी घर में ठहर सकते हैं। रात को यहाँ अच्छी नींद लीजिए और तैयार हो जाइए लंबे ट्रेक के लिए।
फूलों की घाटी के अलावा इस ट्रेक में आपको हरे-भरे बुग्याल मिलेंगे। रास्ते में मंत्रमुग्ध करने वाले झरने देखने को मिलेंगे। इसके अलावा यहाँ आपको चीड. देवदार
❤❤nic