"बेटी पढाओ बेटी बचाओ"

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  • Опубліковано 20 січ 2025
  • साफ है कि जब तक पुरुष और महिला दोनों सामान रुप से मिलकर देश के विकास में अपना सहयोग नहीं करेंगे, तब तक देश का सही मायने में विकास नहीं हो सकेगा। वहीं भारत सरकार भी कई योजनाओं की शुरुआत कर और अभियान चलाकर महिलाओं की स्थिति को सुधारने में लगातार प्रयास रही है।
    आपको बता दें कि महिलाओं की सुरक्षा, शिक्षा और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने लिए भारत सरकार बेटी बचाओ, बेटी, पढ़ाओ, सुकन्या समृद्धि योजना, महिला शक्ति केन्द्र योजना समेत तमाम योजनाएं भी चला रही हैं, लेकिन इसके बाबजूद महिलाओं की स्थिति में कुछ खासा सुधार नहीं देखने को मिल रहा है।
    क्योकि आज भी कन्या भ्रूण हत्या, अपहरण, रेप, मर्डर जैसे जघन्य अपराधों को ग्राफ लगातार बढ़ रहा है। इसलिए इस दिशा में सबको मिलकर कदम उठाए की जरूरत है, ताकि देश की आधी आबादी को उनका हक मिल सके। वहीं महिला सशक्तिकरण पर लिखे गए यह स्लोगन काफी मद्दगार साबित होंगे और महिलाओं को उनका हक दिलवाने में मद्द मिलेगी।
    महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने और उन पर हो रहे अत्याचार और शोषण के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद करने के लिए और महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए हर साल से 8 मार्च को अंतराष्ट्रीय महिला दिवस का भी आयोजन किया जाता है, जिसमें समाज में अच्छा काम करने वाली महिलाओं को सम्मानित भी किया जाता है।
    ताकि महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने में मद्द मिले साथ ही महिलाओं के प्रति समाज की दकियानूसी मानसिकता में परिवर्तन लाया जा सके और भारत एक विकसित देश की लिस्ट में शुमार हो सके।

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