@@Devisahai-do5lm सारी लड़ाई भिलों ने ही लड़ी. इन तिलचट्टों ने सिर्फ लतखोरी और हरामखोरी की है. बाप चौहान पीठ दिखा के भगा था, फफूँदी साफ होगी अब इन तिलचट्टों की जमात का.
@@nkumarrj-2178 બાબા સાહેબ આંબેડકર ની વાત ના થાય તેઓ એ અનેક પ્રકારની યાતનાઓ ભોગવવી,અનેક પ્રકારે અપમાનો સહન કરી ને સમાજ ના ઉદ્ધાર માટે અને દેશના તમામ લોકો માટે અને સ્ત્રીઓ માટે કામ કર્યું છે.બાબા સાહેબ આંબેડકર જેવા સપૂતો હજજારો સાલ સુધી થવા મુશ્કેલ છે.બાબા સાહેબ આંબેડકર ને મારા સો સો સલામ છે.હું બાબા સાહેબ આંબેડકર નો ઋણી છું.બાબા સાહેબ આંબેડકર ના જન્મ્યા હોત તો અમારી શું હાલત હોત એની કલ્પના માત્ર ધ્રુજારી લાવી દે છે. જય ભીમ.નમો બુદ્ધાય
सभी विडियो देखने वाले महोदय मित्रों को एक बात का जरूर ध्यान रखना चाहिए कि इतिहास की पूरी जानकारी ना हो तो कुछ भी लिखना नहीं चाहिए इससे माहौल बिगडता है पन्ना धाय एक गुर्जर जाति की अपने बेटे की बलि देने वाली देवी थी ? न कि दलित समाज की और गुर्जर कौम क्षत्रिय हैं। इस बात का इतिहास गवाह है ।।
महराण प्रताप जी को अपने ही भाई बंद अकबर के साथ खड़े थे वो समय देश धर्म मेवाड बचन केली शूर वीर भील और उनके सरदार रणपुंजा भील साथ आये जय राणा पुंजा भील जय महाराणा प्रताप
@@JayHind-fm5nh sahi baat hai...Hakim senepati ka balidaan bhulaya nahi ja sakta... Senapati Hakim ne 1000 sipahiyon ki sena ke saath qurbaani dee tthee
😂,,,,,, किसने कहा। वहां के निवासियों से सच्चा इतिहास जानों फिर पता चलेगा। जयपुर में राजपूतों का आगमन 12 सदी में हुआ, आमेर दुर्ग उससे पहले ही निर्मित था। तब वहां मीणा शासकों का शासन था और दुर्ग भी उन्हीं का था। सबूत है, सुभाष चारण सर, गूगल और वहां के मूल निवासी ।
Bhai ji pahle aap bharat ke hi nhi puri parthvi pr sanatani ek chhatr raj ke itiha Or sanatan vedik dhrm ko ke itihas ko jano ,sudar. ya rajput , jaat ya koi varn ki kisi ke pichhvade pr mohar nhi legi h,, yh viddha ke anusaran gyan ke Anusar varn badalte rahte the,,, yh bhai maharana ka vansaj h hmko buhat khushi hui, lekin bhai ji se yh apna gotr Or vasn bataye, Chandar vans h ya suariy vans, fir yh bataye yh chharti h ya rajput, , aap itihas ki jankari rakhte ho hm iski jati sarnem sab batayge,,, pahle yh bataye, or parthvi pr Rajput sabd ka uday kb hua,,, hm batayge ki yh kis jati se talukat h,, pahle yani 20 vi sadi ke pahle, , pusva mitr song ke samy,, hi buht badlva ya mikas hua, pahle ke sudar aaj ke pandit h,,,kisi ko koi sak h to mujh phone kar sakta h,, , bharat me hi kuchh samy ke doran 100 se 150varsh ke doran 7jatiyo se 1300jatiya to ab bn gai h,, sc st me,, jati karm Adhar thi or, , bharat me sab chandarvansiyo ka raj tha, isa se 800varsh pahle tk,, or yh aaj bhi hmko murkh bna rahe h gulaam hi samjhte h, isa ka kena dena ek, jahil sansakrti ko hm kyu mane, vh apne bada or samjhdar dikhane ke liye asa thopate h,,, , kisi ke pichhvade pr mohar nhi legi,,, h, vh sudar h , ya chhatri,,, brhamn to aaj birle hi milege,,, pandit ek jati h brhamn nhi,, brhamn , chtri koi bhi ho sakta sudar koi bhi ho sakta yh badal samy Anusar hote rahte h,,, Jativad ka doshi h to ambedkar h,, congi gddar privar,h, ek dedh batne ke bad jo nam badlkr musalim se padit bn hmko sabko murkh bnkr aaj tk raj karte aye h, Jihind jai bharat sty sanatan vedik dhrm ki jai ho
@@Premkumar-rx8zw o bhai itihas gawah hai ki kabhi bhi ek kom puri tarah se ekmat nahi hui .aur har kom ko dusare kom ki maadat karna padati hai ya lena padati hai . Isliye jativadi bate chodo sabhi samaj mai mahapurush huye hai. Bas kuch logo ke bare mai jyada prachaar hua hai kuch ke liye n ke brabr
@@Indiangamer78689 Mohammed ghori ko laye rajput babar ko laye raput akbar ka senapati rajput rajput regiment angrezo ne banayi thi jo angrezo ki taraf se ladi thi
@@Indiangamer78689 Mohammed ghori ko laye rajput babar ko laye raput akbar ka senapati rajput rajput regiment angrezo ne banayi thi jo angrezo ki taraf se ladi thi
मां पन्नाधाय के त्याग और समर्पण के कारण जो उसने अपने बेटे का बलिदान दिया i उसी त्याग और बलिदान से महाराणा प्रताप जैसा यशश्वी पैदा हुआ i नमन है मां पन्नाधाय को i
मां पन्ना के बलिदान को शत-शत नमन दुनियां में कहीं भी ऐसी मिसाल नहीं है। राणा उदय सिंह को बचाने के लिए अपने खुद के जिगर के टुकड़े का बलिदान कर दिया पर उनका साथ उस वक्त किरत बारी ने दिया था जोकि मां पन्ना का उस महल में सबसे ज्यादा वफादार था राणा उदय सिंह को सकुशल महल से बाहर इसी सरदार ने निकाला था उसके बाद मां पन्ना के साथ कूम्भलगड के किले तक सुरक्षित पहुंचाया गया था जहां उनका लालन-पालन किया गया फिर उनकी संतान के रूप में महाराणा प्रताप जी का जन्म हुआ और भारत का इतिहास लिखा गया जो सभी भारतवासियों को याद है। पर अफसोस है कि मां पन्ना ओर बीर शिरोमणि कीरत बारी जी का बलिदान भारतवासियों को याद ही नहीं है। या इनको याद कोई नहीं करना चाहता है।
@@manojjat3338 ekjut hokar bolenge to kuch hoga na muzaffarnagar mein Muslims se lade gurjar Jat to gunda rajput lade to neta taimur Lang ko gurjar aur jaaton me haraya wo nhi padaye par jo mughalon se hara Rana pratap usko veer bolte hain
बिल्कुल सही कहा आपने इतिहास को कुछ ज्यादा ही बढ़ा चढ़ा कर लिखा गया है ताकि भविष्य में ये मजाक बन जाएं। हां हांथी घोड़ा की जिक्र किया लेकिन सेना प्रमुख का वर्णन नहीं हुआ वो भी बहुत कुशल सेनापति थे जो मुस्लिम थे। साथ ही साथ भील जनजाति ने भी महाराणा प्रताप का साथ दिया यह भी लिखा जाना चाहिए इतिहास के पन्नों में।
@@kasifmalik280 khilji parai Aur to par gandi najar rakhataa hai aur akbar ne mevad me nirdosh aadmiyo ko mara tha aur hamaare rajao ne mariyada me rahna shikha jai shree ram🙏🙏🙏
आपने बताया कि मेवाड़ के किले पर एक मेवाड़ का चीन लगा हुआ हैं जिसमें महाराणा प्रताप के साथ भील जाति के व्यक्ति के साथ है लेकिन जाति का नाम नहीं बताया राजपूतों का साथ देने वाली जाति धानुक जाति है जो आज गुमनामी और आर्थिक तंगी से गुजर रही हैं धनुषधारी धानुक जाति ही हैं जो मार्शल कोम थी जो सेनापति और सेना थी धानुक जाति का मुख्य काम धनुष चलना ही था जो आज भूख मरी की कगार में हैं
@@SitaRamstudio-k7k अकबर के विरुद्ध जंग में महाराणा का साथ केवल भीलों ने दिया वह भी निस्वार्थ अब युवराज भीलों की वीरता और कुर्बानी को बताने में हिचक रहा है यदि किसी और।जाति के होते तो कसीदे पढ़ते मनुवादी सोच , पत्रकार चाटुकार
हम लोग चित्तौड़ से ही थे महाराणा प्रताप के साथ हमारे पूर्वज भी पहाड़ो जंगलों में रहे। लेकिन अब चितौड़ मेवाड़ की रियासत हमे भूल गई है। इतिहास को स्वीकार करना पड़ता है
@@ssdggaming7987 अरे तुम को मुगलों के आने से पहले गुर्जर प्रतिहार राज वंश के राजकीय पदों पर बिठा रखा था गुर्जर राज वंश ने लेकिन तुमने और ब्राह्मणों ने मुगलों के लिए 9वीं सदी से ही गुर्जर वंश से गद्दारी कर जासूसी की जिससे मुगल जीत गए और उनका राज हो गया तुम कायर गद्दार लोग असल में तो मुगल पूत हो क्षत्रिय नहीं हो। हां मुगलपुत बनने से पहले क्षत्रिय थे अब तो मुगल पूत ही हो। तुम्हारे पुरखों ने शर्म से बचे रहने के लिए क्षत्रिय वर्ण के बोझ को ऊंचे रहना मजबूरी समझा जैसे आज वीर कहलाने और सत्ता शासन की भूख के कारण सबसे बड़े क्षत्रिय कहलाने को तुले हुए हो।
लक्ष्यराज जी मेवाड़ को बहुत बहुत धन्यवाद जो वास्तविक जानकारी आम जनता तक जन जन तक बताने और महाराणा प्रताप के साथ लडने वाले राणा पुंजा भील दोनों महामानवों को लाख लाख प्रकृति जय जोहार
@@Rajendradasvalog वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप ने अकेले ही एक सिंह को मार दिया था इस कारण मै व्यक्तिगत रूप से सिंह का सम्मान भेंट किया हूं। डूब गया सूरज धरती का स्वाभिमान की सांझ ढली जब तक जीया लड़ा वीर तू झुका नहीं तू रूका नहीं तू चला गया प्रताप तू धरती पर सबकी आँखे बही धरती का वीर पुत्र महाराणा प्रताप सिंह की जय हो। जय हो राजपुताना की। जय हो भारत माता की। वन्दे मातरम्।
जब महाराणा प्रताप सिंह के पिता उदयप्रताप सिंह को जान बचाने के लिए कोई राजपूत ने साथ नहीं दिया सब राजपूत खानदान ने जान नहीं बचाया बचाया भी एक दलित समाज की महिला पन्ना धाय ने अपने बेटे की बलि देकर कुंवर उदय प्रताप सिंह की जान बचाई थी सब राजपूत की खानदानी राजपूत कहां मर गये थे
@@manitZvlogs7007mahoday obc samaj dalit me hi aati hai purv samay me in samajo k mahan raja rahe kanishk mihir bhoj par aaj k smay dalit hi hai mahadalit bhi
@@santoshmandrai8113 राजपूत केंद्र में सामान्य हैं, लेकिन पंजाब (सिख राजपूत), दक्षिण भारत और बिहार और बंगाल के कुछ हिस्सों में ओबीसी हैं। ब्राह्मण केंद्र में सामान्य हैं, लेकिन बंगाल और दक्षिण भारत के कुछ राज्यों में ओबीसी हैं तो आपके हिसाब से ये bhi दलित हि हुए 👍
@@HK-jw7lo राजपूतो के बारे में आप बेहतर जानते होंगे, hmare गांव में कश्यप राजपूत, नाई राजपूत बहुत हैं लेकिन उनको क्षत्रिय नहीं कहा जा सकता और जहां तक वर्ण व्यवस्था की बात है तो वर्ण 4 हैं :- 1. ब्राह्मण 2. क्षत्रिय 3. वैश्य 4. शूद्र क्षत्रिय में बहुत सी जातियां सम्मलित हैं जैसे कि गुर्जर, रोड़, जाट, कम्बोज, शेट्टी, रेड्डी etc.... वैसे आपकी जानकारी के लिए बता दूँ गुर्जर जाति ब्राह्मण और क्षत्रिय दोनों वर्णो में आते हैं | बाकि राजपूतों कि उत्पत्ति सर्वविदित है...... 🙏
लक्ष्यराज की को उनका नाम बहुत अच्छा लगता है और वो बहुत सादगी से रहते है उनमें बिल्कुल भी घमंड नहीं है।।रामप्रसाद हाथी का जिक्र करके अच्छी जानकारी दी चेतक के साथ-साथ रामप्रसाद का बलिदान भी सबको याद होना चाहिए।।❤❤❤❤❤❤
*मिर्झाराजे जयसिंघ और सिंहगडके किलेदार ऊदेभानसिंघ यह लोग मुघलोंके गुलाम थे,जब छत्रपती शिवाजी महाराज मुघलोंसे लढ रहे थे तब महाराष्ट्रके बाहरके लोगोने माराजका साथ नही दिया मगर महाराजके मर्द मावलोने मुघलोंको ईसी मिट्टी मे दफना दिया• "जय महाराष्ट्र" ~•~•~•~•~•~•~•~•~•~•~•~•~•
मूलनिवासी लोग ही युद्ध करके आगे बढ़े और बाद मे इन्हे अलग कैटेगरी दिखाकर क्षत्रिय बना दिया। ये आज के क्षत्रिय, मूलनिवासी आदिवासी ही है। किसी भी व्यक्ति मूलनिवासी आदिवासी को अस्त्र शस्त्र, कवच, तलवार, भाला से विभूषित कर दिया जाए तो उसको अलग नाम से पुकारते थे - क्षत्रिय और क्षत्रिय एक कुशल योद्धा का नाम है ना कि किसी जाति या कैटेगरी। अभी भी अगर नही समझ आया तो , हे मूर्खो लड़ते रहो।
महाराणा प्रताप सिंह जी का साथ भील जाति ने साथ दिया, जब कि राजपूतों ने साथ नहीं दिया। इसी लिए भारत गुलाम हुआ था। वर्तमान में बीजेपी सरकार काम कर रही, भारत का विभाजन हो जायेगा।
मां पन्ना के बलिदान ओर बीर शिरोमणि किरत बारी के के सहयोग बिना महाराणा प्रताप जी का जन्म नहीं होता ।ओर इतिहास में राणा उदय सिंह राणा प्रताप का जिक्र भी नहीं होता अगर मां पन्ना अपने बेटे चंदन का बलिदान ना देती।ओर बीर शिरोमणि सरदार कीरत बारी उनको सकुशल कुम्भल गड के किले में नहीं पहुंचाते तो तुम हम आज महाराणा का यशोगान नहीं कर पाते। मतलब यह है कि कभी मां पन्ना धाय एवं बीर शिरोमणि सरदार कीरत बारी एवं मां पन्ना के पूत्र चंदन को भी याद कर लिया करें क्योंकि इनका बलिदान बहुत बड़ा है बहुत ही बड़ा। जय राजपुताना जय महाराणा प्रताप जय मेवाड़।
घर का भेदी लंका ढाये। यदि राजपूतो ने गद्दारी नहीं की होती तो वीर सिरोमणी महाराणा प्रताप मुगलों से कभी नहीं हारते। धन्य हैं वो भील जो महाराणा का साथ देकर मर के भी अमर हो गए 😢😢😢
मां पन्नाधाय को याद नही करते हैं ने राणा उदय सिंह को पाला रंथबोर मे जब राजपूत अकबर कि चाटुकारिता करने लगे हुए थे गुजरी मां पन्नाधाय उदय सिंह को शासक बनाने कि शिक्षा दे कर मेवाड़ का राजा घोषित किया और जब राणा प्रताप जी को महान से पहले मां पन्नाधाय से सिखो
@@tejpalsingh8650 bahut sahi bat hai. Murkh log is baat ko nahi smazhate. Koi bhi Rajaa apne rajya ke liye hi ladata tha apne parivar ke liye vansh ke liye n ki.hindustan ke liye Ab udaharan umarkot riyasat ka ho ya kashmir ka ho.
@@tejpalsingh8650 murkh shiromani vah matrabhumi aur swabhiman ki tadap thhi.Rana Pratap chahte to MALECHH Akbar se milkar RAJSUKH bhogte vah Raja hi rahte anya rajputon ki tarah LEKIN vah swabhiman ko sarvopari mante rahe.ISLIYE RANA PRATAP ko ham pujniya mante hain.VAH hamari sanskruti ke amar sipahi hain .ZAHILIYAT par mat utaru ghumo
@@AtulMishra-z1y ha samajh tu ab to log bhi samzh rahe ki kaise tum khud ko bahut super aur dusare ko tucch samzhate ho jis ko tum malecch kaha rahe ho uska ikbal kaha tak buland tha aur tum sirf hado mai rah gaye . Apne pujy sthalo ko nahi bacha paye tab kisi ke purkho mai dam nahi tha sirf khuf tha aaj nikal paade . Jab mai itihas padhata hu to muzhe sirf soudebaji aur kisi ka kisi ke sath bhedbhav hi dikhata hai aur jab musibat ayi to sabka sath chahiye nahi to khud ko bahut bada manate hai sb glt koi bhi uncha nahi sab swarthi makkar hai jati kke nam pr khud ko bada batate ho
हम हिन्दू हे ओर हमे गर्व है महाराणा प्रताप पर हम आज भी बडे गर्व से कहते हैं की हम मेवाड़ की उस पावन धरा से हे जहाँ मिरा बाई पनाधाय ओर महाराणा प्रताप जेसे सकती भक्ति तियाग ओर बलिदान की धरती से हे
लेखकों की चापलूसी होती है कि हमारी कविता और लेख ज्यादा से ज्यादा लोग पढें उनके बाद के जितने राजपूत थे मुगलों के गुलाम थे एक ही शुरवीर इस धरा था बीर शिवाजी महाराज कभी मुगलों की पराधीनता स्वीकार नहीं किया हमेशा लड्ते रहें धन्यवाद शिवाजी महाराज मर कर भी हर एक भारत वासी के दिल मे है
@@lilavatipal5584 bhai pahale majboot log lutere hi the phir chahe vo ghar ke ho ya bahar ke rajsthan jaha pr jamin jyada upjau nahi thi phir vaha kuch vishesh log smruddh kaise.huye Aur bade bade daku jinko kuch log jati ka hero mante hai. Dharmsthalo ati vishisht kitane kisse sune hai ki kuch vishesh log kaise loot lete hai. Aur maharashtra ka ek video hai you tube pr jaha angrejo ke samy rajpoot ko bhamata in ilako mai samzha gaya jinka kam loot tha . Ab devendra ji ne usko nikal diya hai. Ye bat abhi abhi ki hai. Dusari baat mai to yahi manata hu ki pahale ke log anpadh jyada the aur koi bhi majboot vyakti ya raja ke liye ve log kuch acchi rachana banakar sunate phirate the kyunki isase unka pet palata tha Agr Bharat mai sabhi padhe likhe log hote to bahut se zhoot aur gulami ki mansikata bahut pahale hi khatm ho jati. Aaj bhi jaise kaahi bhi jao jaha pr koi prabhavshali vyakti dusre ko taklif ya lootate hai bahut si jagah pr hai kuch jagah pr nahi hoga .
@@lilavatipal5584 angrejo ko bhi khoon chusane.vala kaha gaya hai Muslim logo ko bhi atyachari bataya gaya hai par mai samzhta hu ki sabse bade atyachari vo log hai jinhone kisi ko bhadhane.nahi diya
@@lilavatipal5584 aur mai to yaah bhi kahata hu aaj jis sanatan sanskruti ki bat karte ho itana ubaal aa raha hai sab mai to jab videshi akrantao ne jab talwar ki jor pr apne ilako mai loot aur bhagwan ke mandiro ko apvitra kar diya tab koi sher nahi tha hindusthan mai ek do log kuch hajaro logo ko ekkhtta karke lade aur phir sab shant ho gaye khoon ka ubal thanda kyunki khoon ubalne ke liye bhi kanoon aur anukul sthiti chahiye . Agr aisa hota to afganistan pakistan bangaladesh mai bhi jo khud ko top samzhate hai vaha pr bhi hote . Yaha bahut tilak laga kr dikhava bolo ya bhakti bhav darshate ho vaha to tilak laga kr ghum bhi nahi sakte you tube pr video hai shav jalane ki bhi permissions nahi hai dafan karana padata hai. Vaha hindu ko mandir mai jane pr bhi bahut dar lagata hai . Aur kitane log dharm parivartan kar ke ajrak kahalane lage aur apni parmparao ko chod diye kis samaj mai kitana dharm parivartan hua hai ye bhi dekho. Is liye mai kisi ko n sher manata hu n kisi ko gidhad pr itihas ye jarur sikha deta hai ki kisi ko bada mat samzho kisi ko tuchh bhi mat samzho kyunki yaha kuch log dharm vishesh ke ya jati vishesh ke logo ke sath hum khana nahi khate pakistan mai muslim inke sath khana nahi khate . Kitane log apni shan chodkar dumdaba kar bhag aye pakistan se ye maloom hoga purane logo ko .kyu Kyu ki kannon aur anukul paristhiti musalmano ke anukul thi
@@lilavatipal5584 isliye sabhi dalit pichade aadiwaasi bhaiyo se nivedan hai ki in sabhi baton mai n padkar khud ko ucch shikshit kare kabhi bhi dusara apna nahi hoga aur apna bhi apna sath nahi dega isliye atmunnati aur arthik rup se samruddh bano aur nich parvrutti ke logo ko kabhi vote mat do nalayak kabhi n tumhare honge n kabhi ve apne khud ke
Maharana pratap is pride of whole nation not only rajputs .aise veer swabhimani sadion me ek baar hi janam lete hain .koti koti naman aise mahan yodha ko .
समय का न्याय देखो किसी अकबर, किसी औरंगज़ेब के नाम से चार ईंटों का ढेर भी दिखाई नहीं देता जबकि पूरे सनातन और भारत को लूटने में कसर नहीं छोड़ी और किसी भी हिंदू राजा की धरोहर ज्यों की त्यों मिलती है 🙏🙏🙏, जय श्री सनातन धर्म विजय श्री सनातन धर्म ❤❤❤
लक्ष्य राज जी आप जमीन से जुड़े हैं। अपनी संस्कृति को पहचान देना। लोगों को सम्मान देना हर किसी के वश की बात नहीं। जानवरों को मान देना, जैसे भील, पन्ना धाय को भी सम्मान देते रहें।
Jhootha itihaas iss video mein nahin hai, jhootha itihaas vo hai jo aaye din tumhare log insta aur FB par failaate hain...80 kilo ka bhala, 35 kilo ki 2 talwar, height 7'5", his weight 150 kilo..😅...aur yeh jhooth itna jyada failaya gaya hai, ki aaj ke 18-20 saal ke rajput ladko ko agar koi correct karna chahe, toh vo maanna toh door, seedha gaali galoch par aa jaate hain 😅...woh kahawat suni hai, kisi jhooth ko agar hazaar baar bola jaaye, toh usey bolne wala khud bhi uss jhooth ko sach maanne lag jata hai...bass yoon samajh le ye jhooth hazaar baar nahin, lakh baar bola ja chuka already...ab toh humne bhi unhe correct karna bandh kar diya hai, jeene do jhooth mein.
महाराणा प्रताप दुर्गावती इस बहुजन नायक थे कहां से बकवास कर रहे हैं महाराणा प्रताप मीराबाई को बहुत मानते थे उनके गुरु संत रविदास थे यही जलन थी कि रविदास के चक्कर में मुगलों के यहां बैठे ब्राह्मण लोग यह सब हमला करवा रहे
@@sattarkhan7398 Suri khatri muslim hotay hain koe akarmankari Mughals nahin hotay. Shakha lgakar deemag kharab kar rakha hai. Vedeshi Mughals to chalay gaye.
हकीम खान की मूर्ति के लिए क्यों तड़प रहे हो क्योंकि वह खान है इसलिए।महाराणा प्रताप के लिए लाखों हिन्दू लड़े ,उनकी मूर्ति भी कहां हैं।और लाखों गद्दार खान अपनी गद्दार मुस्लिम कौम के लिए अकबर का साथ दिया उनकी भी मूर्ति लगवा दो क्योंकि मुस्लिम कौम का हीरो लंपट मीना बाजार का भडवा जलालुद्दीन अकबर था और उसका साथ देने वाले केवल गद्दार खान ही नहीं कुछ मानसिंह जैसे हिन्दू भी थे उनका भी फोटो होना चाहिए।
भाई साहब आप लोग राणा प्रताप के भाला और तलवार की बात नहीं कर रहे है। उनके चाकू को बता रहे है। आप बीरों के बारे मे बात मत ही करिये। आप लोगों की भी इज्जत बचेगी और वीरों की भी।
राणा पूंजा भील और अनेकों भील सैनिकों का असली योगदान रहा है,,, जय जोहार जय भील प्रदेश
भीलों के योगदान का जिक्र बहुत महत्वपूर्ण होगा । भीलों के योगदान/सहयोग का बखान जरूरी ।
Bheelo ko inhonay kuch nahin diya. Ab ghumantru jatti bankar ghum rahay hain. BSP he sabka bhala karaygee. Jai bhim.
Punja ji bheel ko bohot jgh rajput bta rhe h solanki h vo but yaha bheel bta rhe h
@@Devisahai-do5lm सारी लड़ाई भिलों ने ही लड़ी. इन तिलचट्टों ने सिर्फ लतखोरी और हरामखोरी की है. बाप चौहान पीठ दिखा के भगा था, फफूँदी साफ होगी अब इन तिलचट्टों की जमात का.
Sahee
राजस्थान में रजवाड़ों को सुरक्षित रखने में भील समाज की बहुत बड़ी भूमिका रही है।
👍 जैसे राजस्थान में महाराणा प्रताप, वैसे ही भारत में बाबा साहेब आंबेडकर का इतिहास में जीता जागता उदारण है ,, जय हिंद जय भारत ,,,🎉🎉🎉🎉🎉
@@nkumarrj-2178 બાબા સાહેબ આંબેડકર ની વાત ના થાય તેઓ એ અનેક પ્રકારની યાતનાઓ ભોગવવી,અનેક પ્રકારે અપમાનો સહન કરી ને સમાજ ના ઉદ્ધાર માટે અને દેશના તમામ લોકો માટે અને સ્ત્રીઓ માટે કામ કર્યું છે.બાબા સાહેબ આંબેડકર જેવા સપૂતો હજજારો સાલ સુધી થવા મુશ્કેલ છે.બાબા સાહેબ આંબેડકર ને મારા સો સો સલામ છે.હું બાબા સાહેબ આંબેડકર નો ઋણી છું.બાબા સાહેબ આંબેડકર ના જન્મ્યા હોત તો અમારી શું હાલત હોત એની કલ્પના માત્ર ધ્રુજારી લાવી દે છે.
જય ભીમ.નમો બુદ્ધાય
सभी विडियो देखने वाले महोदय मित्रों को एक बात का जरूर ध्यान रखना चाहिए कि इतिहास की पूरी जानकारी ना हो तो कुछ भी लिखना नहीं चाहिए इससे माहौल बिगडता है पन्ना धाय एक गुर्जर जाति की अपने बेटे की बलि देने वाली देवी थी ? न कि दलित समाज की और गुर्जर कौम क्षत्रिय हैं। इस बात का इतिहास गवाह है ।।
महराण प्रताप जी को अपने ही भाई बंद अकबर के साथ खड़े थे वो समय देश धर्म मेवाड बचन केली शूर वीर भील और उनके सरदार रणपुंजा भील साथ आये जय राणा पुंजा भील जय महाराणा प्रताप
@@Gemar2050 sahi hai..
Lekin Maharana ji ke saath 18000 Rajput fauj bhee theek .1000 pathan.3000 bheel
राणा प्रताप को के साथी है स्थानीय भील थे, भामाशाह, हाकिम सूरी थें कोई राजपूत नहीं थें जयपुर के राजा तो मुगलों की तरफ से युद्ध किया करते थे
भीलों के बलिदान को भूलकर अपनी खोखली शेखी बघारना ही इनका सबकुछ है।
@@mahatamyadav6754 esa nhi he bhilo ka yogdan koi kabhi nahi bhul sakta
@@mahatamyadav6754🌝
@@mahatamyadav6754 sahi jatt aryan videshi
महाराणा प्रताप जी के सेनापति हकीम खां सुरी के योगदान को क्यों छुपा देते हो जबकि युद्ध मे सबसे ज्यादा योगदान और लीडरशिप सेनापति का ही होता है।
@@JayHind-fm5nh sahi kaha inhe esa nhi karna chahiye
@@JayHind-fm5nh sahi baat hai...Hakim senepati ka balidaan bhulaya nahi ja sakta... Senapati Hakim ne 1000 sipahiyon ki sena ke saath qurbaani dee tthee
Sahee
Sahee
Right
भील लडे थे रण भुमी मे जय जोहार
लक्ष्य ऋषि ने सलाम राम राम बहुत बढ़िया इंटरव्यू दिया और जो बोला वह सच बोल सच के साथ हम भी खड़े हैं
आमेर किले के मालिक मानसिंह एक राजपूत शासक था लेकिन उसने महाराणा प्रताप का साथ देने की बजाय अकबर का साथ दिया 😊 तो ये कहा की एकता हुई
😂,,,,,, किसने कहा। वहां के निवासियों से सच्चा इतिहास जानों फिर पता चलेगा। जयपुर में राजपूतों का आगमन 12 सदी में हुआ, आमेर दुर्ग उससे पहले ही निर्मित था। तब वहां मीणा शासकों का शासन था और दुर्ग भी उन्हीं का था। सबूत है, सुभाष चारण सर, गूगल और वहां के मूल निवासी ।
स्वाभिमान की मिसाल महाराणा प्रताप के शौर्य पूर्ण इतिहास को सुनकर हिन्दु होने का गर्व होता है। जय भारत के गौरव आर्य वीर महाराणा प्रताप।
महाराणा प्रताप की सबसे अधिक रक्षा करने वाले भील लोग थे जो आज राणा प्रताप के वंशज के नजर में शूद्र है अब और अधिक नही कहूंगा समझने वाले समझ रहे हैं
Bhai ji pahle aap bharat ke hi nhi puri parthvi pr sanatani ek chhatr raj ke itiha Or sanatan vedik dhrm ko ke itihas ko jano ,sudar. ya rajput , jaat ya koi varn ki kisi ke pichhvade pr mohar nhi legi h,,
yh viddha ke anusaran gyan ke Anusar varn badalte rahte the,,,
yh bhai maharana ka vansaj h hmko buhat khushi hui, lekin bhai ji se yh apna gotr Or vasn bataye,
Chandar vans h ya suariy vans, fir yh bataye yh chharti h ya rajput, ,
aap itihas ki jankari rakhte ho hm iski jati sarnem sab batayge,,, pahle yh bataye, or parthvi pr Rajput sabd ka uday kb hua,,, hm batayge ki yh kis jati se talukat h,, pahle yani 20 vi sadi ke pahle, , pusva mitr song ke samy,, hi buht badlva ya mikas hua, pahle ke sudar aaj ke pandit h,,,kisi ko koi sak h to mujh phone kar sakta h,,
, bharat me hi kuchh samy ke doran 100 se 150varsh ke doran 7jatiyo se 1300jatiya to ab bn gai h,, sc st me,, jati karm Adhar thi or, , bharat me sab chandarvansiyo ka raj tha, isa se 800varsh pahle tk,, or yh aaj bhi hmko murkh bna rahe h gulaam hi samjhte h, isa ka kena dena ek, jahil sansakrti ko hm kyu mane, vh apne bada or samjhdar dikhane ke liye asa thopate h,,, , kisi ke pichhvade pr mohar nhi legi,,, h, vh sudar h , ya chhatri,,, brhamn to aaj birle hi milege,,, pandit ek jati h brhamn nhi,, brhamn , chtri koi bhi ho sakta sudar koi bhi ho sakta yh badal samy Anusar hote rahte h,,,
Jativad ka doshi h to ambedkar h,, congi gddar privar,h, ek dedh batne ke bad jo nam badlkr musalim se padit bn hmko sabko murkh bnkr aaj tk raj karte aye h,
Jihind jai bharat sty sanatan vedik dhrm ki jai ho
@@Premkumar-rx8zw o bhai itihas gawah hai ki kabhi bhi ek kom puri tarah se ekmat nahi hui .aur har kom ko dusare kom ki maadat karna padati hai ya lena padati hai .
Isliye jativadi bate chodo sabhi samaj mai mahapurush huye hai.
Bas kuch logo ke bare mai jyada prachaar hua hai kuch ke liye n ke brabr
@@Indiangamer78689 Mohammed ghori ko laye rajput babar ko laye raput akbar ka senapati rajput rajput regiment angrezo ne banayi thi jo angrezo ki taraf se ladi thi
@@Indiangamer78689 Mohammed ghori ko laye rajput babar ko laye raput akbar ka senapati rajput rajput regiment angrezo ne banayi thi jo angrezo ki taraf se ladi thi
@@SatyaprakashRathee itihaas gawah hai mughalput Kaun hai angrezo ki taraf se kada Kaun krantikarion k khilaf
मां पन्नाधाय के त्याग और समर्पण के कारण जो उसने अपने बेटे का बलिदान दिया i उसी त्याग और बलिदान से महाराणा प्रताप जैसा यशश्वी पैदा हुआ i नमन है मां पन्नाधाय को i
मां पन्ना के बलिदान को शत-शत नमन दुनियां में कहीं भी ऐसी मिसाल नहीं है। राणा उदय सिंह को बचाने के लिए अपने खुद के जिगर के टुकड़े का बलिदान कर दिया पर उनका साथ उस वक्त किरत बारी ने दिया था जोकि मां पन्ना का उस महल में सबसे ज्यादा वफादार था राणा उदय सिंह को सकुशल महल से बाहर इसी सरदार ने निकाला था उसके बाद मां पन्ना के साथ कूम्भलगड के किले तक सुरक्षित पहुंचाया गया था जहां उनका लालन-पालन किया गया फिर उनकी संतान के रूप में महाराणा प्रताप जी का जन्म हुआ और भारत का इतिहास लिखा गया जो सभी भारतवासियों को याद है। पर अफसोस है कि मां पन्ना ओर बीर शिरोमणि कीरत बारी जी का बलिदान भारतवासियों को याद ही नहीं है। या इनको याद कोई नहीं करना चाहता है।
@@premkhatana3591 wo sab achi baat hai per lade tou sisodiya rajput hi
जिस औरत की वजह से आज ये परिवार नामों निशान में है पन्नाधाय आज उस परिवार की स्थिति दयनीय है शर्म की बात है😢😢😢
Sahi kaha Jat bhai Jat aur gurjar ne kitni ladai ladi ye baat itihaas mein chupayi gayi
@@gajendrasinghgurjar9587Ha Vo to sab ko Pta h pr original itihaas to ktm hi kr diya gya
Haan ye sach hai panna dhay ki family aaj bhi dayneey parishthiti me hai
unko bo samman kbhi nahi mila jinka aaj be hakdar hain
@@manojjat3338 ekjut hokar bolenge to kuch hoga na muzaffarnagar mein Muslims se lade gurjar Jat to gunda rajput lade to neta taimur Lang ko gurjar aur jaaton me haraya wo nhi padaye par jo mughalon se hara Rana pratap usko veer bolte hain
@@gajendrasinghgurjar9587Bilkul Shi h bhai
नमन वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप, ⚔️🗡️और साथ सहयोगी राणा पूंजा भील 🏹 की। वीरता को। एवम वंशज कुंवर लक्ष्यराज जी के सच्चाई व
ईमानदारी को।।
🙏🌹🌷
बहुत बूरा लगा एसे कमैटो को पढ़कर ।इसे हमें यह मालूम पड़ता है कि मेवाड़ से जलने वालों की संख्या कितनी हैं । हर हर महादेव ।जय महाराणा ।जय मेवाड़ ❤
बिल्कुल सही कहा आपने इतिहास को कुछ ज्यादा ही बढ़ा चढ़ा कर लिखा गया है ताकि भविष्य में ये मजाक बन जाएं।
हां हांथी घोड़ा की जिक्र किया लेकिन सेना प्रमुख का वर्णन नहीं हुआ वो भी बहुत कुशल सेनापति थे जो मुस्लिम थे। साथ ही साथ भील जनजाति ने भी महाराणा प्रताप का साथ दिया यह भी लिखा जाना चाहिए इतिहास के पन्नों में।
Itihaas ko maharana pratap ne apne haatho se nahi likha hai sarkar ne likha hai aur vo akbar ko bhi mahaan bataate hai
@@KaranSingh-r8c6vAkbar khraab raja q hai , khilaji khraab raja q hai , or peshva maharana, puspmitr sangu jese raja ache q hai iski vjh btaye
@@kasifmalik280 khilji parai Aur to par gandi najar rakhataa hai aur akbar ne mevad me nirdosh aadmiyo ko mara tha aur hamaare rajao ne mariyada me rahna shikha jai shree ram🙏🙏🙏
@@kasifmalik280 aap naam tik se likhna sikhle aur itihaas ache se padna sikhe aur bhai--bahan ki mariyada ko samaj le
🚩🚩जय श्री राम 🚩🚩🔸🚩🚩 जय श्री लोधेश्वर महाकाल 🚩
Tum sab apni -apni khinchne aur oudhne Wale ho . Pratap se kahan mukaabla karoge.
❤🎉 जय मीनेष मीणा समाज की जय, जय आदिवासी जय मूलनिवासी,,🎉❤
लोहार के बिना राणा प्रताप की वाजुड नाही ठी...जय गदिया लोहार जी
बहुत बढ़िया सादगी , ओर साच बोलने वाले कहीं कोई घमंड तो ईगो जैसा नहीं जय राम जी
आपने बताया कि मेवाड़ के किले पर एक मेवाड़ का चीन लगा हुआ हैं जिसमें महाराणा प्रताप के साथ भील जाति के व्यक्ति के साथ है
लेकिन जाति का नाम नहीं बताया
राजपूतों का साथ देने वाली जाति धानुक जाति है जो आज गुमनामी और आर्थिक तंगी से गुजर रही हैं
धनुषधारी धानुक जाति ही हैं जो मार्शल कोम थी जो सेनापति और सेना थी
धानुक जाति का मुख्य काम धनुष चलना ही था जो आज भूख मरी की कगार में हैं
महाराणा का साथ आदिवासी भील जनजाति ने दिया था कोई धानुक मानुक नहीं
@@SitaRamstudio-k7k अकबर के विरुद्ध जंग में महाराणा का साथ केवल भीलों ने दिया वह भी निस्वार्थ अब युवराज भीलों की वीरता और कुर्बानी को बताने में हिचक रहा है यदि किसी और।जाति के होते तो कसीदे पढ़ते मनुवादी सोच , पत्रकार चाटुकार
हम लोग चित्तौड़ से ही थे महाराणा प्रताप के साथ हमारे पूर्वज भी पहाड़ो जंगलों में रहे। लेकिन अब चितौड़ मेवाड़ की रियासत हमे भूल गई है। इतिहास को स्वीकार करना पड़ता है
@@natwarsingh9965 कोई नहीं भूला
जय राणा पूंजा भील जी को कोटि-कोटि नमन
Jai maharana pratap 🙏🚩
Anand Lothi Rajput 👍💪💪 Rajputana
लक्ष्यराज सही में राजाशाही खानदान से।बहुत भले, उदार और सादगी में रहने वाले इन्सान है। मुझे उनकी सादगी और महानता पर गौरव है।He is a great man।
नमन वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की वीरत व कुंवर लक्ष्य राज्य जी की ईमानदारी को
सब राजा अपने अपने राज्य के लिये लड़े पर इसके लिए सबने धर्म का सहारा लिया।
गुलाम बनकर राजपूत जीता रहें हैं सच्चाई यही है गुलामो कि कोई जाती नहीं होती है
राजपूतों का ईतिहास रहा है तभी तों सभी जातियाँ सिंह और राजपूत क्षत्रिय बनने पर तुली हुई है
@@ssdggaming7987
अरे
तुम को
मुगलों के आने से पहले गुर्जर प्रतिहार राज वंश के राजकीय पदों पर बिठा रखा था गुर्जर राज वंश ने लेकिन तुमने और ब्राह्मणों ने मुगलों के लिए 9वीं सदी से ही गुर्जर वंश से गद्दारी कर जासूसी की जिससे मुगल जीत गए और उनका राज हो गया
तुम कायर गद्दार लोग असल में तो मुगल पूत हो
क्षत्रिय नहीं हो।
हां मुगलपुत बनने से पहले क्षत्रिय थे
अब तो मुगल पूत ही हो।
तुम्हारे
पुरखों ने शर्म से बचे रहने के लिए
क्षत्रिय वर्ण के बोझ को ऊंचे रहना मजबूरी समझा जैसे आज वीर कहलाने और सत्ता शासन की भूख के कारण सबसे बड़े क्षत्रिय कहलाने को तुले हुए हो।
लक्ष्यराज जी मेवाड़ को बहुत बहुत धन्यवाद जो वास्तविक जानकारी आम जनता तक जन जन तक बताने और महाराणा प्रताप के साथ लडने वाले राणा पुंजा भील दोनों महामानवों को लाख लाख प्रकृति जय जोहार
जय राजपुताना नमन है सहा वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप
लक्ष्यराज जी धन्यवाद आपको और शानदार जय भीम। आपका मंगल हो आपका कल्याण हो सदा सुखी रहें और खुश रहें।
बिलकुल सही बात कह रहे हैं भाई जी ❤महाराणा प्रताप अमर रहें ❤❤❤
महाराणा प्रताप सिंह की जय हो।
जय हो राजपुताना की
जय भारत माता की।
प्रताप जी के नाम के साथ सिंह लगाकर एक योद्धा के साथ क्यों मज़ाक कर रहे हो.
@@Rajendradasvalog वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप ने अकेले ही एक सिंह को मार दिया था इस कारण मै व्यक्तिगत रूप से सिंह का सम्मान भेंट किया हूं।
डूब गया सूरज धरती का
स्वाभिमान की सांझ ढली
जब तक जीया लड़ा वीर तू
झुका नहीं तू रूका नहीं तू
चला गया प्रताप तू
धरती पर सबकी आँखे बही
धरती का वीर पुत्र महाराणा प्रताप सिंह की जय हो।
जय हो राजपुताना की।
जय हो भारत माता की।
वन्दे मातरम्।
चेतक में तो सूंड क्या ये हाथी दांत भी लगा सकते हैं
ठाकुरों से बड़ी समस्या है, हिंदुओ को..... हे प्रभु......
Hinduo ko nhi bas bhainschoro ko
जब महाराणा प्रताप सिंह के पिता उदयप्रताप सिंह को जान बचाने के लिए कोई राजपूत ने साथ नहीं दिया सब राजपूत खानदान ने जान नहीं बचाया बचाया भी एक दलित समाज की महिला पन्ना धाय ने अपने बेटे की बलि देकर कुंवर उदय प्रताप सिंह की जान बचाई थी सब राजपूत की खानदानी राजपूत कहां मर गये थे
पन्ना धाय दलित समाज से नहीं गुर्जर समाज से थी, अपनी जानकारी दुरुस्त करें |
@@manitZvlogs7007mahoday obc samaj dalit me hi aati hai purv samay me in samajo k mahan raja rahe kanishk mihir bhoj par aaj k smay dalit hi hai mahadalit bhi
@@santoshmandrai8113 राजपूत केंद्र में सामान्य हैं, लेकिन पंजाब (सिख राजपूत), दक्षिण भारत और बिहार और बंगाल के कुछ हिस्सों में ओबीसी हैं। ब्राह्मण केंद्र में सामान्य हैं, लेकिन बंगाल और दक्षिण भारत के कुछ राज्यों में ओबीसी हैं तो आपके हिसाब से ये bhi दलित हि हुए 👍
@@manitZvlogs7007 पन्ना धाय गुर्जर है तो गुर्जर दलित नहीं है तो राजपूत है, बनिया है पंडित है चार ही वर्ग हैं। अगर दलित नहीं है तो किस वर्ग में है?
@@HK-jw7lo राजपूतो के बारे में आप बेहतर जानते होंगे, hmare गांव में कश्यप राजपूत, नाई राजपूत बहुत हैं लेकिन उनको क्षत्रिय नहीं कहा जा सकता और जहां तक वर्ण व्यवस्था की बात है तो वर्ण 4 हैं :-
1. ब्राह्मण 2. क्षत्रिय 3. वैश्य 4. शूद्र
क्षत्रिय में बहुत सी जातियां सम्मलित हैं जैसे कि गुर्जर, रोड़, जाट, कम्बोज, शेट्टी, रेड्डी etc....
वैसे आपकी जानकारी के लिए बता दूँ गुर्जर जाति ब्राह्मण और क्षत्रिय दोनों वर्णो में आते हैं |
बाकि राजपूतों कि उत्पत्ति सर्वविदित है...... 🙏
भाई जोधा बाई को कियू नही बचाई उसने तो मजबूरी में सादी की बिचारी ने
गया.दौर.ए.सरमाया.दारी.गया.
तमाशा.दिखा.कर.मदारी.गया.
महाराणा.प्रताप.जी.भारत.की धरोहर.है.उन.के.वंशज.हमारा.गौरव.है.हम.उन्हे.स्थापित.और.सुरक्षित.सम्मान.पूर्वक.रखे.
यही.हमारा.कर्तव्य.है.
लक्ष्यराज की को उनका नाम बहुत अच्छा लगता है और वो बहुत सादगी से रहते है उनमें बिल्कुल भी घमंड नहीं है।।रामप्रसाद हाथी का जिक्र करके अच्छी जानकारी दी चेतक के साथ-साथ रामप्रसाद का बलिदान भी सबको याद होना चाहिए।।❤❤❤❤❤❤
*मिर्झाराजे जयसिंघ और सिंहगडके किलेदार ऊदेभानसिंघ यह लोग मुघलोंके गुलाम थे,जब छत्रपती शिवाजी महाराज मुघलोंसे लढ रहे थे तब महाराष्ट्रके बाहरके लोगोने माराजका साथ नही दिया मगर महाराजके मर्द मावलोने मुघलोंको ईसी मिट्टी मे दफना दिया•
"जय महाराष्ट्र"
~•~•~•~•~•~•~•~•~•~•~•~•~•
Maharana pratap was bravest hindu and he will remain the bravest and for us strongest.... ❤
जो आज महा राणा प्रताप जी की DP लगाते हैं
उनके पूर्वज राणा जी को समझने जाते थे, मुगलों की अधीनता स्वीकार कर लो
तुम्हे राजा बनादेगें
मूलनिवासी लोग ही युद्ध करके आगे बढ़े और बाद मे इन्हे अलग कैटेगरी दिखाकर क्षत्रिय बना दिया। ये आज के क्षत्रिय, मूलनिवासी आदिवासी ही है। किसी भी व्यक्ति मूलनिवासी आदिवासी को अस्त्र शस्त्र, कवच, तलवार, भाला से विभूषित कर दिया जाए तो उसको अलग नाम से पुकारते थे - क्षत्रिय
और क्षत्रिय एक कुशल योद्धा का नाम है ना कि किसी जाति या कैटेगरी।
अभी भी अगर नही समझ आया तो , हे मूर्खो लड़ते रहो।
महाराणा प्रताप सिंह जी का साथ
भील जाति ने साथ दिया, जब कि राजपूतों ने साथ नहीं दिया। इसी लिए भारत गुलाम हुआ था।
वर्तमान में बीजेपी सरकार काम कर रही, भारत का विभाजन हो जायेगा।
Are kaun si history padha hai 😂
आपके विचार जान कर मुझे बहुत गर्व हुआ जय महाराणा जय मेवाड़ जय हिंद
भील जमात देश के पन्ना से गायब क्यु , 😢😢😢 😢 हमने उनकी किताब पडी है भील समाज कोई धरम ना मानो ,हर हर महादेव
जय वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप सिंह जी 🚩🙏
जय राजपुताना 🚩🚩
ये भारत है साढ़े पांच फुट का आदमी देखते देखते साढ़े सात का हो गया चार किलो का भला 57किलो का हो गया बकचोदी की भी हद है।
किंतु SC OBC St आदि के साथ भेदभाव आज भी चरम पर है राजस्थान में। कियो
राजस्थान बहुत डैमेज जगह है
Kyo ki har jaati ka neta nikal ke aa raha hai taki apni jaati ko use karke apne ko utha sake... bad and bitter but truth.
Dharm ka dhandha ab chalne wala nhi hai india mai.
मां पन्ना के बलिदान ओर बीर शिरोमणि किरत बारी के के सहयोग बिना महाराणा प्रताप जी का जन्म नहीं होता ।ओर इतिहास में राणा उदय सिंह राणा प्रताप का जिक्र भी नहीं होता अगर मां पन्ना अपने बेटे चंदन का बलिदान ना देती।ओर बीर शिरोमणि सरदार कीरत बारी उनको सकुशल कुम्भल गड के किले में नहीं पहुंचाते तो तुम हम आज महाराणा का यशोगान नहीं कर पाते।
मतलब यह है कि कभी मां पन्ना धाय एवं बीर शिरोमणि सरदार कीरत बारी एवं मां पन्ना के पूत्र चंदन को भी याद कर लिया करें क्योंकि इनका बलिदान बहुत बड़ा है बहुत ही बड़ा।
जय राजपुताना जय महाराणा प्रताप जय मेवाड़।
महाराणा प्रताप जी के पवित्र चरणों में अपना शीश झुकाकर सादर नमन करता हूं और करोड़ों करोड़ प्रणाम करता हूं। जय भीम।
Maharana Pratap mhan the mhan hai or rhenge ❤❤
घर का भेदी लंका ढाये। यदि राजपूतो ने गद्दारी नहीं की होती तो वीर सिरोमणी महाराणा प्रताप मुगलों से कभी नहीं हारते। धन्य हैं वो भील जो महाराणा का साथ देकर मर के भी अमर हो गए 😢😢😢
Han bhai sahi kaha apne Aur yah log hamaare samajh ke gayi dete hamare purvajon ko apmanit karte hai😢
Bhil samaj ke logo ne to humesha sath dia he bhai
Pratap ke sath kisne gaddari ki.? Aapko history padhne ki jarurat hai.
kab hare be maharana pratap??? madrsa se padh kr na aaya kro itihas
@@Shyam_kashyap_75 right, पीढ़ियों तक साथ दिया था।
मां पन्नाधाय को याद नही करते हैं ने राणा उदय सिंह को पाला रंथबोर मे जब राजपूत अकबर कि चाटुकारिता करने लगे हुए थे गुजरी मां पन्नाधाय उदय सिंह को शासक बनाने कि शिक्षा दे कर मेवाड़ का राजा घोषित किया और जब राणा प्रताप जी को महान से पहले मां पन्नाधाय से सिखो
मां पन्नाधाय खींची चौहान राजपूत थी ना की गुर्जर थी
Bhainschor dur rhe goojar goo uthane wale
राजपूत रानी ने अकबर को दूध पिलाया था उसने ही पाला था
@@balramgurjar9235 पन्नाधाय हरियाणा school syllabus me hai
@@Dhirendra.shekhawat90 भामाशाह b rajput हो सकते हैं
Thakur pahle mughalon ke sath fir angrejon ke sath mila huaa tha
इन राजकुमार सै बौलौ कि राणासागा जेसे शूरवीर की समाधी कौ ठीक करे जीनके वजह से आज ये महलौ मै आनन्द कर रहे है ।
Good😊
Yuvraj ji ne Puri sach baat batai hai . Good
महाराणा प्रताप को कोटि-कोटि प्रणाम।
राणा प्रताप मेवाड़ के लिए ladey न कि हिन्दुस्तान के लिए कडवा सच विचार करें बुरा न माने
@@tejpalsingh8650 bahut sahi bat hai.
Murkh log is baat ko nahi smazhate.
Koi bhi Rajaa apne rajya ke liye hi ladata tha apne parivar ke liye vansh ke liye n ki.hindustan ke liye
Ab udaharan umarkot riyasat ka ho ya kashmir ka ho.
@@tejpalsingh8650 murkh shiromani vah matrabhumi aur swabhiman ki tadap thhi.Rana Pratap chahte to MALECHH Akbar se milkar RAJSUKH bhogte vah Raja hi rahte anya rajputon ki tarah LEKIN vah swabhiman ko sarvopari mante rahe.ISLIYE RANA PRATAP ko ham pujniya mante hain.VAH hamari sanskruti ke amar sipahi hain .ZAHILIYAT par mat utaru ghumo
@@Indiangamer78689 TU pakka koi BHIMTA hai
@@AtulMishra-z1y ha samajh tu ab to log bhi samzh rahe ki kaise tum khud ko bahut super aur dusare ko tucch samzhate ho jis ko tum malecch kaha rahe ho uska ikbal kaha tak buland tha aur tum sirf hado mai rah gaye .
Apne pujy sthalo ko nahi bacha paye tab kisi ke purkho mai dam nahi tha sirf khuf tha aaj nikal paade .
Jab mai itihas padhata hu to muzhe sirf soudebaji aur kisi ka kisi ke sath bhedbhav hi dikhata hai aur jab musibat ayi to sabka sath chahiye nahi to khud ko bahut bada manate hai sb glt koi bhi uncha nahi sab swarthi makkar hai jati kke nam pr khud ko bada batate ho
ये गढ़ किले सब क्रुररता ओर गुलामी की निशानी है।
Sachacha bharti vahi hai jo sachi baat batay Jai hind
Maharana Pratap was well supported by Bheel Soldiers of Rajasthan. Rajputs were not in support of Rana Ji , it is said.
Truth
ua-cam.com/video/HqyBXY_NIrI/v-deo.htmlsi=NiLvYMJ5o-YigSFL
हम हिन्दू हे ओर हमे गर्व है महाराणा प्रताप पर हम आज भी बडे गर्व से कहते हैं की हम मेवाड़ की उस पावन धरा से हे जहाँ मिरा बाई पनाधाय ओर महाराणा प्रताप जेसे सकती भक्ति तियाग ओर बलिदान की धरती से हे
❤❤❤
Jai mharana partap
Per bhai ye jo ek gurjar hai jo ye mharana partap ke liye galat bol rha hai inko btao ki gurjar kya kerte the us time
लेखकों की चापलूसी होती है कि हमारी कविता और लेख ज्यादा से ज्यादा लोग पढें उनके बाद के जितने राजपूत थे मुगलों के गुलाम थे एक ही शुरवीर इस धरा था बीर शिवाजी महाराज कभी मुगलों की पराधीनता स्वीकार नहीं किया हमेशा लड्ते रहें धन्यवाद शिवाजी महाराज मर कर भी हर एक भारत वासी के दिल मे है
@@lilavatipal5584 bhai pahale majboot log lutere hi the phir chahe vo ghar ke ho ya bahar ke rajsthan jaha pr jamin jyada upjau nahi thi phir vaha kuch vishesh log smruddh kaise.huye
Aur bade bade daku jinko kuch log jati ka hero mante hai.
Dharmsthalo ati vishisht kitane kisse sune hai ki kuch vishesh log kaise loot lete hai.
Aur maharashtra ka ek video hai you tube pr jaha angrejo ke samy rajpoot ko bhamata in ilako mai samzha gaya jinka kam loot tha .
Ab devendra ji ne usko nikal diya hai.
Ye bat abhi abhi ki hai.
Dusari baat mai to yahi manata hu ki pahale ke log anpadh jyada the aur koi bhi majboot vyakti ya raja ke liye ve log kuch acchi rachana banakar sunate phirate the kyunki isase unka pet palata tha
Agr Bharat mai sabhi padhe likhe log hote to bahut se zhoot aur gulami ki mansikata bahut pahale hi khatm ho jati.
Aaj bhi jaise kaahi bhi jao jaha pr koi prabhavshali vyakti dusre ko taklif ya lootate hai bahut si jagah pr hai kuch jagah pr nahi hoga .
@@lilavatipal5584 angrejo ko bhi khoon chusane.vala kaha gaya hai
Muslim logo ko bhi atyachari bataya gaya hai par mai samzhta hu ki sabse bade atyachari vo log hai jinhone kisi ko bhadhane.nahi diya
@@lilavatipal5584 aur mai to yaah bhi kahata hu aaj jis sanatan sanskruti ki bat karte ho itana ubaal aa raha hai sab mai to jab videshi akrantao ne jab talwar ki jor pr apne ilako mai loot aur bhagwan ke mandiro ko apvitra kar diya tab koi sher nahi tha hindusthan mai ek do log kuch hajaro logo ko ekkhtta karke lade aur phir sab shant ho gaye khoon ka ubal thanda kyunki khoon ubalne ke liye bhi kanoon aur anukul sthiti chahiye .
Agr aisa hota to afganistan pakistan bangaladesh mai bhi jo khud ko top samzhate hai vaha pr bhi hote .
Yaha bahut tilak laga kr dikhava bolo ya bhakti bhav darshate ho vaha to tilak laga kr ghum bhi nahi sakte you tube pr video hai shav jalane ki bhi permissions nahi hai dafan karana padata hai.
Vaha hindu ko mandir mai jane pr bhi bahut dar lagata hai .
Aur kitane log dharm parivartan kar ke ajrak kahalane lage aur apni parmparao ko chod diye kis samaj mai kitana dharm parivartan hua hai ye bhi dekho.
Is liye mai kisi ko n sher manata hu n kisi ko gidhad pr itihas ye jarur sikha deta hai ki kisi ko bada mat samzho kisi ko tuchh bhi mat samzho kyunki yaha kuch log dharm vishesh ke ya jati vishesh ke logo ke sath hum khana nahi khate pakistan mai muslim inke sath khana nahi khate .
Kitane log apni shan chodkar dumdaba kar bhag aye pakistan se ye maloom hoga purane logo ko .kyu
Kyu ki kannon aur anukul paristhiti musalmano ke anukul thi
@@lilavatipal5584 isliye sabhi dalit pichade aadiwaasi bhaiyo se nivedan hai ki in sabhi baton mai n padkar khud ko ucch shikshit kare kabhi bhi dusara apna nahi hoga aur apna bhi apna sath nahi dega isliye atmunnati aur arthik rup se samruddh bano aur nich parvrutti ke logo ko kabhi vote mat do nalayak kabhi n tumhare honge n kabhi ve apne khud ke
@@lilavatipal5584 veer shivaji bhee Rajputon se hee nikle tthe
राजस्थान में यही मेवाड़ एक ऐसा रजवाड़ा है जिस पर हमें गर्व है तथा इनके इतिहास को हम सही मानते हैं।
@@mahipalsingh3032 यही तो शर्म की बात है जो अपने घमंड के लिए लाखों लोगों को कटवा दिया और हज़ारों महिलाओं को जौहर की ज्वाला में डलवा दिया
महापुरुषों को जाति के दायरे में रखना, उनके क द को छोटा करना होता है. वे तो समग्र राष्ट्रीयता के प्रतीक होते हैं.
महाराणा प्रताप कुछ भी हों , उन्होंने देश की सभ्यता संस्कृति बचाने में बहुत महत्वपूर्ण कार्य किया। हमें तो बस इतने से मतलब है।
महाराणा प्रताप एक अच्छे और देश प्रेमी शाशक हुए हैं। जिनका स्थान लोगों के दिल में रहता है।
@@SureshKumar-tk7ys Jin ka sthan jungle mein hai😂😂
@@RijwanKhan-gh4slBabar ke chamche jangal me sher rahte hain.
Maharana pratap is pride of whole nation not only rajputs .aise veer swabhimani sadion me ek baar hi janam lete hain .koti koti naman aise mahan yodha ko .
निसंदेह आप उसी वंश से हो जीवों के प्रति संस्कृति के प्रतिआदर सम्मान देते हो
समय का न्याय देखो किसी अकबर, किसी औरंगज़ेब के नाम से चार ईंटों का ढेर भी दिखाई नहीं देता जबकि पूरे सनातन और भारत को लूटने में कसर नहीं छोड़ी और किसी भी हिंदू राजा की धरोहर ज्यों की त्यों मिलती है 🙏🙏🙏, जय श्री सनातन धर्म विजय श्री सनातन धर्म ❤❤❤
भारत ने बुद्ध को नही अपनाया
@@radheshyam-ik1rh तू अपना ले और बाक़ी हिंदुओं को बख्श ।
अकबर का औरंगजेब का शाहजहां का नाम ही काफीहै
Very nice. Very nice
Jai Rana Pratap Ki
Jai Shiva Sardar Ki
मां पन्ना धाय की जय हो ❤❤
जिस टाइम महाराणा प्रताप थे उसे टाइम आप होते तो आपको पता चलता
मारा मेवाड़ी सरदार वा तो धार दार तलवार जय जय महाराणा प्रताप💪💪💪✊✊✊👌👌👌👍👍👍🙏🙏🙏
लक्ष्य राज जी आप जमीन से जुड़े हैं। अपनी संस्कृति को पहचान देना। लोगों को सम्मान देना हर किसी के वश की बात नहीं। जानवरों को मान देना, जैसे भील, पन्ना धाय को भी सम्मान देते रहें।
चौराहो पर प्रतिमा उन्ही के लगते है जिन्होने घास की रोटिया खाई थी...
🚩 जय मेवाड 🙏
इस वीडियो में सारी बातें बहुत अच्छी बताई है लेकिन इसका शीर्षक यह क्यों रखा है कि ठाकुरों का झूठा इतिहास जब कि एसी तो कोई चर्चा नहीं है।
Jhootha itihaas iss video mein nahin hai, jhootha itihaas vo hai jo aaye din tumhare log insta aur FB par failaate hain...80 kilo ka bhala, 35 kilo ki 2 talwar, height 7'5", his weight 150 kilo..😅...aur yeh jhooth itna jyada failaya gaya hai, ki aaj ke 18-20 saal ke rajput ladko ko agar koi correct karna chahe, toh vo maanna toh door, seedha gaali galoch par aa jaate hain 😅...woh kahawat suni hai, kisi jhooth ko agar hazaar baar bola jaaye, toh usey bolne wala khud bhi uss jhooth ko sach maanne lag jata hai...bass yoon samajh le ye jhooth hazaar baar nahin, lakh baar bola ja chuka already...ab toh humne bhi unhe correct karna bandh kar diya hai, jeene do jhooth mein.
Ab 2.5 futiye wale aa gaye 😂😂😂
Abe limit me smja wrna itne feet tu niche jayega jmin ke @@ripudamansinghjhala9215
Jb kuch na pta ho to Bina mtlb ke udhta teer nhi Lena chaiye wrna ....
महाराणा प्रताप का देश के लिए एक योगदान गिना सकता है राजा थे अपने राज्य के लिए लडे सब राजा यही करते थे
सब अपनी समझ के अनुसार समझते हैं भाई
सब राजा ऐसा नही करते कुछ अपनें बिलास के लिए प्रजा और राज्य को बेच देते है ।😢
महाराणा प्रताप दुर्गावती इस बहुजन नायक थे कहां से बकवास कर रहे हैं महाराणा प्रताप मीराबाई को बहुत मानते थे उनके गुरु संत रविदास थे यही जलन थी कि रविदास के चक्कर में मुगलों के यहां बैठे ब्राह्मण लोग यह सब हमला करवा रहे
अपने रियासत के लिए राणा प्रताप लड़े थे
कृपया इस विडिओ का शीर्षक सुधारे
भाई आप भील आदिवासियों पर भी वीडियो बनाओ ❤
भीमा कोरेगांव कि लड़ाई में एक आदमी 11,फिट लम्बाई थी प्रमाणितहै तो महाराणा प्रताप कि लम्बाई कम से कम 8,फिट होनी चाहिए थीं
पुरानी बातें भूलनी भी जरूरी,परशुराम और ब्रहामनो का अत्ताचार क्षत्रिय के साथ रहा।। उसको भूलना बेहतर।।
लोधा और लोधी एक है तो कैसे और नही हैं तो कैसे? हमारे यहां दोनो ही है पर बेटी के संबध नही करते।
Kaha or bhai
बुद्ध को समझो पेले भारत ने बुद्ध को ही 4भुला दिया जटीवाद! 😂😂😂
मेवाड के भीलों का योगदान नहीं भूलना चाहिये
क्या महाराणा प्रताप के सेनापति हकीम खान सूरी को दिखाने में कष्ट होता है उनकी प्रतिमा कहाँ लगी है दिखा देते
वो मुस्लिम हे उसको दिखाना जरूरी नही सारे सुरमा सिर्फ और सिर्फ इन्ही मे होते है😂😂😂
@@sattarkhan7398 Suri khatri muslim hotay hain koe akarmankari Mughals nahin hotay. Shakha lgakar deemag kharab kar rakha hai. Vedeshi Mughals to chalay gaye.
Sahee
हकीम खान महान व्यक्तित्व डीजे था आजकल मुसलमान मुगलों की हलाला की अवैध संताने है उनको बताने की कोई जरूरत नहीं है क्या खान कौन था
हकीम खान की मूर्ति के लिए क्यों तड़प रहे हो क्योंकि वह खान है इसलिए।महाराणा प्रताप के लिए लाखों हिन्दू लड़े ,उनकी मूर्ति भी कहां हैं।और लाखों गद्दार खान अपनी गद्दार मुस्लिम कौम के लिए अकबर का साथ दिया उनकी भी मूर्ति लगवा दो क्योंकि मुस्लिम कौम का हीरो लंपट मीना बाजार का भडवा जलालुद्दीन अकबर था और उसका साथ देने वाले केवल गद्दार खान ही नहीं कुछ मानसिंह जैसे हिन्दू भी थे उनका भी फोटो होना चाहिए।
Maharana Pratap itihaas ke vah mahapurush Hain jinke aaspaas koi bhi nahin pahunch sakta hai
Jai Maharana Jay Rajputana
Jai rajputana Sarkar Jai Maharana pratap
भाई साहब आप लोग राणा प्रताप के भाला और तलवार की बात नहीं कर रहे है। उनके चाकू को बता रहे है। आप बीरों के बारे मे बात मत ही करिये। आप लोगों की भी इज्जत बचेगी और वीरों की भी।
🚩 जय महाराणा प्रताप
Jay Shiromani Maharana Pratap❤❤❤❤
Maharana Pratap Param VEER ko shat-shat pranaam. Rahi baat hathiyaron ki to hathiyar jitna halka hoga utna hi marak hoga .
Thakur and Mughal were relatives they have bloody relationship