फिल्मी धुन

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  • Опубліковано 31 січ 2025

КОМЕНТАРІ • 2

  • @bhanvarsingh3086
    @bhanvarsingh3086 3 місяці тому +3

    पूर्णिमा शब्द की आवृत्ति पर दोनों कलाकारों की ओर से बेहतरीन प्रस्तुती |
    लेकिन गुरू पूर्णिमा को गुरू पूर्ण मा कहना सुसंगत नहीं | माँ का अपना अलग स्थान है, पिता का अलग और गुरू का अलग |
    राम कृष्ण से को बड़ा, तिनहूं तो गुरू कीन्ह |
    तीन लोक के वे धनी, गुरू आगे आधीन ||
    माता पिता द्वारा दिए गए ज्ञान का एक सीमित दायरा है |
    मातु पिता बालकहिं बोलावहिं |उदर भरै सोइ धर्म सिखावहिं || लेकिन गुरू
    गुरू बिन ज्ञान न ऊपजै,गुरू बिन मिलै न मोष | (मोक्ष)
    गुरू बिन लखै न सत्य को, गुरू बिन मिटै न दोष ||
    यह तन विषय की बेलरी, गुरू अमृत की खान |
    सीस दिए जो गुरु मिलैं, तौ भी सस्ता जान ||

  • @RamSingh-g6x5c
    @RamSingh-g6x5c 3 місяці тому +2

    Poore rat ki jaani ek sath lod karo