हिंदी साहित्य जगत में ऐसा कहा जाता है कि मुंशी प्रेमचंद ने लगभग 300 कहानी लिखी हैं उनमें कफनकहानी को सर्वश्रेष्ठ घोषित किया गया है ठीक उसी तरह आदरणीय मदन बाबू ने जितने भी निर्गुण गाएहैं उन सब में यह निर्गुण मेरे समझ से ज्यादा कर्णप्रिय और इसके धुन लय ताल की दृष्टि से अति प्रिय है अगर इस धुन में निर्गुण के रहस्य को अर्थ सहित पंकज उदास की तरह बीच बीच मेंबताया जाए और शास्त्रीयसंगीत के तहत बीच मेंअलाप विनोद अग्रवाल कीतरह दिया जाए तो मैं समझ रहा हूं यह निर्गुण मुंशी प्रेमचंद की कहानी कफनकी तरह सबसे लोकप्रिय भजनों में से एक होता इसी निर्गुण को मदनराय जी ने पहले भी गाया है लेकिन इसमें जोखुलकर गाया है उसका जवाबनहीं है यहभजन हृदय की गहराइयों में उतर जा रहा है मेरेविचार से यदि एकबार इसी भजन को लय मैं फिर से गाया जाता तो निश्चित यहप्रस्तुति नंबर वन की होती ।मैं आदरणीय मदन राय जी से प्रार्थना करूंगा एक बार जैसा मैं कह रहाहूं वैसा गाकर फिर से हम तमाम श्रोताओं को मंत्र मुग्ध करने कीकृपा करें मदन राय जी की आवाज में जो कशिश है जो वेदना को प्रकट करने की अद्भुत कला है वह अन्य गायको में नहीं है ।यही कारण है इन्हें निर्गुण सम्राट कहना अधिक समीचीन है ।मैं भोजपुरी भाषी नहीं हूं फिर भी मदन बाबूका मैं प्रशंसक बन गया हूं ।
Super Madan bhaiya 🙏🙏
Bahut babhiya bhiya rewtipur tika baba
Very nice 👍👍👍 Guru ji
वाह
लोकगीत मेंऔर गायकी जो माधुर्य है बे.मिसाल है
Nice program
Ñamaste.vyasji.very.good
जय हो गुरु जी
जियो हो संघतिया महाकाल के आशीर्वाद बन ल रहे ।
Pravin bhaiyaa ji aur guru ji ke pradaam
Iska matlab bataye please
Aapko bar bar Naman karta hun
Nice performance
My fain madan ray chacha g
साहेब साहेब बंदगी, समझाए नही बिच में हि छोर दिए
A😅😮
हिंदी साहित्य जगत में ऐसा कहा जाता है कि मुंशी प्रेमचंद ने लगभग 300 कहानी लिखी हैं उनमें कफनकहानी को सर्वश्रेष्ठ घोषित किया गया है ठीक उसी तरह आदरणीय मदन बाबू ने जितने भी निर्गुण गाएहैं उन सब में यह निर्गुण मेरे समझ से ज्यादा कर्णप्रिय और इसके धुन लय ताल की दृष्टि से अति प्रिय है अगर इस धुन में निर्गुण के रहस्य को अर्थ सहित पंकज उदास की तरह बीच बीच मेंबताया जाए और शास्त्रीयसंगीत के तहत बीच मेंअलाप विनोद अग्रवाल कीतरह दिया जाए तो मैं समझ रहा हूं यह निर्गुण मुंशी प्रेमचंद की कहानी कफनकी तरह सबसे लोकप्रिय भजनों में से एक होता इसी निर्गुण को मदनराय जी ने पहले भी गाया है लेकिन इसमें जोखुलकर गाया है उसका जवाबनहीं है यहभजन हृदय की गहराइयों में उतर जा रहा है मेरेविचार से यदि एकबार इसी भजन को लय मैं फिर से गाया जाता तो निश्चित यहप्रस्तुति नंबर वन की होती ।मैं आदरणीय मदन राय जी से प्रार्थना करूंगा एक बार जैसा मैं कह रहाहूं वैसा गाकर फिर से हम तमाम श्रोताओं को मंत्र मुग्ध करने कीकृपा करें मदन राय जी की आवाज में जो कशिश है जो वेदना को प्रकट करने की अद्भुत कला है वह अन्य गायको में नहीं है ।यही कारण है इन्हें निर्गुण सम्राट कहना अधिक समीचीन है ।मैं भोजपुरी भाषी नहीं हूं फिर भी मदन बाबूका मैं प्रशंसक बन गया हूं ।
Bindeshwar Ray 🎉❤🎉❤ 1:12
Har har Mahadev
Hii ❤❤❤❤❤
Hii
❤❤❤❤❤❤
Guru ji 🙏🙏🙏🙏
❤
Super singer hai 🎉
Aapko bar bar Naman karta hun