हिंदी साहित्य के प्रखर कवि स्वर्गीय रामधारी सिंह दिनकर के चरणों में कोटि कोटि नमन जिन्होंने हिंदी साहित्य के माध्यम सेमानवीय भावना को कलम से उकेरा है जहा सभी प्रकार का दर्शन देखने को मिलता है ।
सफल साहित्यकार अतीत के गौरव गायक, वर्तमान के द्रष्टा और भविष्य के कुशल सारथि हुआ करते हैं। दिनकर जैसे महान कलमकार जाति, धर्म और संप्रदाय की संकीर्ण परिधि से परे हैं।उनकी महानतम साहित्यिक प्रतिभा को मेरा कोटिश: नमन!
बहु ही प्रेरणा दाई है आदरणीय दिनकर जी की कविताएं, सब एक से एक बढ़कर है मण ओर हृदय में ज्वाला फूकने वाली हैं धन्य है इस महाकवि की रचनाएं, कोटि कोटि प्रणाम इस महान कविता के सेनानी के चरणों में, 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
आप काव्य प्रेमी एवं कला पारखी है। 🙏 ua-cam.com/video/Yqtm9W77MCk/v-deo.html एक विनम्र निवेदन है कि ऊपर दिये लिंक को देख नव काव्य पाठ का प्रोत्साहन करने की महती कृपा करें। सादर सद्भावनाओं सहित धन्यवाद। 🙏
मैं राष्ट्र कवि दिनकर को शत् शत् नमन् करता हूँ दिनकर को पढे बिना कोई अच्छा लेखक व कवि नहीं बन सकता मैने इनकी 7 पुस्तकें पढी है रश्मिरथी को सबसे अधिक पसंद करता हूँ बहुत सीरिया कविताएँ याद हैं क्षमा दया तप त्याग, सच है विपत्ति जब आती है, कलम आज उनकी जय बोल आदि डॉ सुधीर कवि वीर रस
वो हिन्दी साहित्य का दिनकर, जिसने लिखा रश्मिरथी। कुरूक्षेत्र,सामधेनी और उर्वशी। परशुराम की प्रतिज्ञा, और लिखा दिल्ली, रसवन्ती भी जिसके लेखनी से निकली। बापू, संस्कृति के चार अध्याय, जिसको सराहता जन-जन है। ऐसे राष्ट्रकवि दिनकर को, बार बार नमन है।
दिनकर जी के प्रति आपकी श्रद्धा देखकर हार्दिक प्रसन्नता हुई 😊 केवल भूमिहार समाज ही नहीं अपितु पूरा भारतवर्ष एवं समूचा हिंदी साहित्य चिरकाल तक इस महाकवि पर गर्व करेगा।
जी आप सही कह रहे हैं परंतु भूमिहार समाज के लिए मैंने इसलिए कहा क्योंकि आज हमारे समाज में 75% लोगों को नही पता है कि भाषा के अनन्त विस्तृत व्योम के जाज्वल्यमान नक्षत्र दिनकर जी भूमिहार थे । अतः मैंने उस पर विशेष बल दिया जिससे मेरा समाज ऐसे महान आदित्य की लेखनी का लाभ ले अपने समाज का उत्कर्ष करे। भाई वैसे तो दिनकर जी वर्ण व्यवस्था और जाति व्यवस्था के विरुद्ध थे जो की उनकी रश्मिरथी में प्रत्यक्ष दृष्टव्य है और मैं उनके गांव सिमरिया, बेगूसराय (बिहार) गया तो उनके एक वयोवृद्ध मित्र ने मुझे बताया कि दिनकर जी ने रश्मिरथी की रचना ही वर्ण, जाति व्यवस्था पर प्रश्न उठाने के लिए कर्ण को केन्द्र में रखा। मित्र जब भारत का समाज ही मानवीय मूल्यों नही वरन् जाति के आधार पर विभाजित है तब यही चारा ही बचता है की अपनी जाति की ओर ध्यान देना अत्यावश्यक हो जाता है । उदाहरणार्थ यदि आप के साथ कहीं भेदभाव हुआ हो अथवा आप को कोई कहे कि मै राजपूत हूं या मैं ब्राह्मण हूं मेरा इतिहास अमुक है और इस पुराण में उद्धृत है या मैं सूर्यवंशी क्षत्रिय हूं या मैं सरयूपारीण गर्ग गोत्रिय पंक्ति पावन ब्राह्मण हूं आदि आदि..... तो आप अपना, अपने कुल, जाति, वंश का परिचय किस प्रकार देंगे बिना किसी जानकारी के और तब आप अपने समाज के महान् विभूतियों के बारे में अन्वेषण करना शुरू कर देंगे। भारतीय समाज में जातीय भेद का कारण इस समाज के ही कुछ घटक हैं जो अन्य को अपनी वंश परम्परा खोजने पर बाध्य कर देते हैं। जाति पर विशेष बल देने का मेरा उद्देश्य मात्र सामाजिक जागृति और उसका उत्थान है ।प्रणाम।
वाह पुष्कर भाई 👌 आपने तो 'जातीय गर्व' पर व्याख्यान ही दे दिया। आपके तर्क बहुत ही श्लाघनीय हैं। व्यक्ति के निर्माण में समाज विशेष का भी बहुत बड़ा योगदान होता है अतः यदि किसी समाज में कोई महापुरुष निर्मित हुआ हो('पैदा' जानबूझकर नहीं कह रहा) तो समाज को भी उस महापुरुष पर गर्व करने का अधिकार होना ही चाहिए।
@@VimalKumar-co4yt भाई वैसे तो दिनकर जी वर्ण व्यवस्था और जाति व्यवस्था के विरुद्ध थे जो की उनकी रश्मिरथी में प्रत्यक्ष दृष्टव्य है और मैं उनके गांव सिमरिया, बेगूसराय (बिहार) गया तो उनके एक वयोवृद्ध मित्र ने मुझे बताया कि दिनकर जी ने रश्मिरथी की रचना ही वर्ण, जाति व्यवस्था पर प्रश्न उठाने के लिए कर्ण को केन्द्र में रखा। मित्र जब भारत का समाज ही मानवीय मूल्यों नही वरन् जाति के आधार पर विभाजित है तब यही चारा ही बचता है की अपनी जाति की ओर ध्यान देना अत्यावश्यक हो जाता है । उदाहरणार्थ यदि आप के साथ कहीं भेदभाव हुआ हो अथवा आप को कोई कहे कि मै राजपूत हूं या मैं ब्राह्मण हूं मेरा इतिहास अमुक है और इस पुराण में उद्धृत है या मैं सूर्यवंशी क्षत्रिय हूं या मैं सरयूपारीण गर्ग गोत्रिय पंक्ति पावन ब्राह्मण हूं आदि आदि..... तो आप अपना, अपने कुल, जाति, वंश का परिचय किस प्रकार देंगे बिना किसी जानकारी के और तब आप अपने समाज के महान् विभूतियों के बारे में अन्वेषण करना शुरू कर देंगे। भारतीय समाज में जातीय भेद का कारण इस समाज के ही कुछ घटक हैं जो अन्य को अपनी वंश परम्परा खोजने पर बाध्य कर देते हैं। जाति पर विशेष बल देने का मेरा उद्देश्य मात्र सामाजिक जागृति और उसका उत्थान है ।प्रणाम।
राष्ट्रकवि दिनकर जी की वह कविता निरीह ग़रीबी में पलने वाले बच्चों पर.... "मां की हड्डी से चिपक ठिठुर जाड़े की रात....."। को भी इस ऐप पर कृपया देने का काम करें।🙏🙏
ये कविता मुझे भी काफ़ी पसंद है। वैसे तो दिनकर जी की सभी कविताएँ महत्वपूर्ण और महान हैं। समय निकाल कर इस कविता को भी आप सबों के बीच प्रस्तुत करने का प्रयास करूंगा। धन्यवाद 🙏
दिनकर जी की श्रेष्ठतम रचना रश्मि रथी है ua-cam.com/video/Yqtm9W77MCk/v-deo.html कृपया ऊपर दिये लिंक को देख नव काव्य पाठ का प्रोत्साहन करने की महती कृपा करें। सादर सद्भावनाओं सहित धन्यवाद।
Me 10th me tha tab dinkr ki calrc kvita pathaykrm me thi or use sun me yhi sochrha tha Ki hmara mhan sahity kchre me kese chlgya or secspiyr jeso ko mhan kese bnadiya gya kyoki ye hmare desh ki sekulr shiksha he jha mhan kviyo ke nam se kchra prstut kiya jata he or jo kavy ye he abhi aapne bole sach khu mujhe ak bhi smhhnhi aaya karn ye log 1947 ke taim ke gulam jnreshn se he jo cod me kvitaye bolted or inke log smjhteisliye Hindi sahity dbakuchla hogya or urdu ke jahil ser hogye hmare prachin Bharat me sapsht kvita ka chln rha he jo saf sbdo me apni bat krti he bad hinsa ki Ho or kvita janvro pe esa nhi sath hi un sbhi logo pe tajub hota he jo inhe ratlete he or ese sunate he jese pura mtlb smjhgye kvita ke sath har sabd ko aasan bhasa me smjhaye ye 22sdi he jha Hindi me 70% cngreji 10%sthaniybhasa 20 %chalu Hindi mix chlrhi he to 90% log in kvitao ka karn or arth nhi smjhte 😊
आप काव्य प्रेमी एवं कला पारखी है। 🙏 ua-cam.com/video/Yqtm9W77MCk/v-deo.html एक विनम्र निवेदन है कि ऊपर दिये लिंक को देख नव काव्य पाठ का प्रोत्साहन करने की महती कृपा करें। सादर सद्भावनाओं सहित धन्यवाद। 🙏
इतने उच्च कोटि के कवि की कविताओं का पाठ भी उतनी ही श्रद्धा से होना चाहिए ।
हिंदी साहित्य के प्रखर कवि स्वर्गीय रामधारी सिंह दिनकर के चरणों में कोटि कोटि नमन जिन्होंने हिंदी साहित्य के माध्यम सेमानवीय भावना को कलम से उकेरा है जहा सभी प्रकार का दर्शन देखने को मिलता है ।
महाकवि दिनकर जी के चरणों में कोटि कोटि प्रणाम 🙏🌷🌷
सफल साहित्यकार अतीत के गौरव गायक, वर्तमान के द्रष्टा और भविष्य
के कुशल सारथि हुआ करते हैं। दिनकर
जैसे महान कलमकार जाति, धर्म और
संप्रदाय की संकीर्ण परिधि से परे हैं।उनकी महानतम साहित्यिक प्रतिभा को
मेरा कोटिश: नमन!
महाकवि रामधारी सिंह दिनकर के चरणों में कोटि - कोटि नमन 🙏
साहित्य जगत के दिनकर ; रामधारी सिंह ' दिनकर ' जी को शत् कोटिशः नमन🙏।
महान् कलमकार की कलम धन्य,इनकी महानता को शत् शत् नमन है।
रामधारी सिंह दिनकर जी को कोटि कोटि नमन नमन और नमन
साहित्य जगत को प्रकाशित कर दिनकर जी ने अपने नाम की सार्थकता सिद्ध कर दिया दिनकर जी को कोटि कोटि नमन है
बहु ही प्रेरणा दाई है आदरणीय दिनकर जी की कविताएं, सब एक से एक बढ़कर है
मण ओर हृदय में ज्वाला फूकने वाली हैं
धन्य है इस महाकवि की रचनाएं,
कोटि कोटि प्रणाम
इस महान कविता के सेनानी के चरणों में,
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
आप दिनकर जी के इतने बड़े प्रशंसक हैं जानकार बहुत प्रसन्नता हुई 🙏🙏
स्वागत है आपका इस 'माँ हिंदी' चैनल पर
दिनकर सचमुच भारत रत्न हैं।🌠🔝
सभी कवियों में से सर्वश्रेष्ठ कवि दिनकर जी है इनके जैसा कोई कवि नही
आप काव्य प्रेमी एवं कला पारखी है। 🙏
ua-cam.com/video/Yqtm9W77MCk/v-deo.html
एक विनम्र निवेदन है कि ऊपर दिये लिंक को देख नव काव्य पाठ का प्रोत्साहन करने की महती कृपा करें।
सादर सद्भावनाओं सहित धन्यवाद। 🙏
Premchand dekho ro doge😢
@@ashishroy8275yaha kaviyo ki baat ho Rahi hai 😂 Premchand ji mool rup se Nibandhkaar the... 😂
😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅😅
@@ashishroy8275😊
😊
दिनकर जैसे दीप्त गगन में,हिन्दी के हैं दिनकर |
श्रद्धावनत!
मैं राष्ट्र कवि दिनकर को शत् शत् नमन् करता हूँ दिनकर को पढे बिना कोई अच्छा लेखक व कवि नहीं बन सकता मैने इनकी 7 पुस्तकें पढी है रश्मिरथी को सबसे अधिक पसंद करता हूँ बहुत सीरिया कविताएँ याद हैं क्षमा दया तप त्याग, सच है विपत्ति जब आती है, कलम आज उनकी जय बोल आदि डॉ सुधीर कवि वीर रस
आपकी दिनकर जी की कविताओं के प्रति श्रद्धा देखकर मन प्रसन्न हो गया।
राष्ट्र कवि दिनकर की ओ ज पूर्ण कविताएं राष्ट्र प्रेम को और प्रगाढ़ करती हैं ।
रश्मिरथी ( दिनकर जी को सादर प्रणाम)
Rashtriy. Kavi. Dinker. Ki. Ye
Kavitay. Sun kar Man. Aoar
Drare. Ho Jata. Hae Honsla
Bar. Jata. Hae Mera. Apko
Koti. Koti. Naman. 👃👃
आभार आपका 🙏
मान्यवर आपने पूज्य दिनकर की पंक्तियों से जीवन्ता भर दी है। सुबह - सुबह बेजान में जान भरने का अच्छा नुस्खा होगा ।
दिनकर जी के शब्दों को सुनना और सुनाना दोनों ऊर्जा से भर देता है।
🙏🙏
सभी kvitayen pdhi है और आग की भीख मुझे बहुत अच्छी lgti है
Kvi shiromni dinkr जी को शत शत नमन
वो हिन्दी साहित्य का दिनकर,
जिसने लिखा रश्मिरथी।
कुरूक्षेत्र,सामधेनी और उर्वशी।
परशुराम की प्रतिज्ञा, और लिखा दिल्ली,
रसवन्ती भी जिसके लेखनी से निकली।
बापू, संस्कृति के चार अध्याय,
जिसको सराहता जन-जन है।
ऐसे राष्ट्रकवि दिनकर को,
बार बार नमन है।
🙏🙏
अति सुन्दर बहूत हि ह्रदय स्पर्शी कविता आपजि नेसुनाइ अपको साधुवाद
आभार आपका 🙏
ओजपूर्ण भाषा में कविता पढ़ने का एक अलग ही आनंद है 😍
दिनकर जी के शब्द ही ओजमय होते हैं
Mahan kavi raj Dinkar ji ko koti-koti naman pranam ❤️🙏
मां हिन्दी को नमन
बहुत बहुत धन्यवाद भाई🙏🙏🙏🙏🙏💐💐💐💐
अपने समय के सूर्य
दिनकर जी को उनकी जयंती पर नमन 🎉
Mahakavi ke charnon me shat- shat naman
Very nice 👌
एक वीडियो मिली जो मैं जो चाहता था ओ मुझे मिला बहुत बहुत धन्यवाद sir इतनी आग लग गई है लगता है नस न फट नए
मेरा प्रयास आपको पसंद आया ये मेरे लिए बहुत खुशी की बात है।😊
बहुत बहुत धन्यवाद आपका 🙏
All 5 poems are greatest.
🙏🙏
भूमिहार ब्राह्मण समाज की अमूल्य धरोहर हैं दिनकर
आपको नमन
भूमिहार समाज आपको सदियों तक याद रखेगा
दिनकर जी के प्रति आपकी श्रद्धा देखकर हार्दिक प्रसन्नता हुई 😊
केवल भूमिहार समाज ही नहीं अपितु पूरा भारतवर्ष एवं समूचा हिंदी साहित्य चिरकाल तक इस महाकवि पर गर्व करेगा।
जी आप सही कह रहे हैं परंतु भूमिहार समाज के लिए मैंने इसलिए कहा क्योंकि आज हमारे समाज में 75% लोगों को नही पता है कि भाषा के अनन्त विस्तृत व्योम के जाज्वल्यमान नक्षत्र दिनकर जी भूमिहार थे । अतः मैंने उस पर विशेष बल दिया जिससे मेरा समाज ऐसे महान आदित्य की लेखनी का लाभ ले अपने समाज का उत्कर्ष करे।
भाई वैसे तो दिनकर जी वर्ण व्यवस्था और जाति व्यवस्था के विरुद्ध थे जो की उनकी रश्मिरथी में प्रत्यक्ष दृष्टव्य है और मैं उनके गांव सिमरिया, बेगूसराय (बिहार) गया तो उनके एक वयोवृद्ध मित्र ने मुझे बताया कि दिनकर जी ने रश्मिरथी की रचना ही वर्ण, जाति व्यवस्था पर प्रश्न उठाने के लिए कर्ण को केन्द्र में रखा।
मित्र जब भारत का समाज ही मानवीय मूल्यों नही वरन् जाति के आधार पर विभाजित है तब यही चारा ही बचता है की अपनी जाति की ओर ध्यान देना अत्यावश्यक हो जाता है । उदाहरणार्थ यदि आप के साथ कहीं भेदभाव हुआ हो अथवा आप को कोई कहे कि मै राजपूत हूं या मैं ब्राह्मण हूं मेरा इतिहास अमुक है
और इस पुराण में उद्धृत है या मैं सूर्यवंशी क्षत्रिय हूं या मैं सरयूपारीण गर्ग गोत्रिय पंक्ति पावन ब्राह्मण हूं आदि आदि.....
तो आप अपना, अपने कुल, जाति, वंश का परिचय किस प्रकार देंगे बिना किसी जानकारी के और तब आप अपने समाज के महान् विभूतियों के बारे में अन्वेषण करना शुरू कर देंगे।
भारतीय समाज में जातीय भेद का कारण इस समाज के ही कुछ घटक हैं जो अन्य को अपनी वंश परम्परा खोजने पर बाध्य कर देते हैं।
जाति पर विशेष बल देने का मेरा उद्देश्य मात्र सामाजिक जागृति और उसका उत्थान है ।प्रणाम।
वाह पुष्कर भाई 👌
आपने तो 'जातीय गर्व' पर व्याख्यान ही दे दिया।
आपके तर्क बहुत ही श्लाघनीय हैं।
व्यक्ति के निर्माण में समाज विशेष का भी बहुत बड़ा योगदान होता है अतः यदि किसी समाज में कोई महापुरुष निर्मित हुआ हो('पैदा' जानबूझकर नहीं कह रहा) तो समाज को भी उस महापुरुष पर गर्व करने का अधिकार होना ही चाहिए।
कोई भी साहित्य साधक जाति- धर्म में बंधा नहीं रहता है, उन्मुक्त गगन में विचरण करता है।
@@VimalKumar-co4yt
भाई वैसे तो दिनकर जी वर्ण व्यवस्था और जाति व्यवस्था के विरुद्ध थे जो की उनकी रश्मिरथी में प्रत्यक्ष दृष्टव्य है और मैं उनके गांव सिमरिया, बेगूसराय (बिहार) गया तो उनके एक वयोवृद्ध मित्र ने मुझे बताया कि दिनकर जी ने रश्मिरथी की रचना ही वर्ण, जाति व्यवस्था पर प्रश्न उठाने के लिए कर्ण को केन्द्र में रखा।
मित्र जब भारत का समाज ही मानवीय मूल्यों नही वरन् जाति के आधार पर विभाजित है तब यही चारा ही बचता है की अपनी जाति की ओर ध्यान देना अत्यावश्यक हो जाता है । उदाहरणार्थ यदि आप के साथ कहीं भेदभाव हुआ हो अथवा आप को कोई कहे कि मै राजपूत हूं या मैं ब्राह्मण हूं मेरा इतिहास अमुक है
और इस पुराण में उद्धृत है या मैं सूर्यवंशी क्षत्रिय हूं या मैं सरयूपारीण गर्ग गोत्रिय पंक्ति पावन ब्राह्मण हूं आदि आदि.....
तो आप अपना, अपने कुल, जाति, वंश का परिचय किस प्रकार देंगे बिना किसी जानकारी के और तब आप अपने समाज के महान् विभूतियों के बारे में अन्वेषण करना शुरू कर देंगे।
भारतीय समाज में जातीय भेद का कारण इस समाज के ही कुछ घटक हैं जो अन्य को अपनी वंश परम्परा खोजने पर बाध्य कर देते हैं।
जाति पर विशेष बल देने का मेरा उद्देश्य मात्र सामाजिक जागृति और उसका उत्थान है ।प्रणाम।
अति उत्तम प्रस्तुति🎉🎉
आभार 🙏
श्रेष्ठ हिन्दी साहित्य की अनुपम अनुभूति मिल पाया।
अति उत्तम प्रयास। साधुवाद।
धन्यवाद आपका 🙏
Great charming personality.
JAY HIND.
Maha kaviwar shrdheya dinkar ji ko sadar naman ewam bhav purn shradhanjali arpit karta hun
Very nice all videos thanks 🙏
आभार 🙏
Rashmi Rathi
Aur sari kavitayen jo aapne padhi
Hamko bahut priya hain.
शानदार प्रयास
एक राष्ट्रकवि के गुणगान के लिए
हमारी प्रार्थना
आप इसे शीर्ष पर ले जाएं
बहुत बहुत आभार रोहित 🙏🙏
सादर नमन 🙏🙏🇮🇳🇮🇳
Jabardast kavita
Sarv sresth rast kavi Jai hind
Jay ho
Koti 2 naman Rastra kavi ko.
❤सादर नमन🎉🎉
Aag ki bhikh jabardast rachna hai vaise to unki sabhi rachna hi utkrisht hai
जी सच में दिनकर हिंदी की शान हैं 🙏
Very best poems...
Great poet of this century
Kotishah Naman Hutatma ko 🙏🙏
अत्युत्तम।
बेहतरीन शैली
आभार आपका🙏🙏
Kavya jagat ke dinkar ko shat shat pranam
बेहतरीन।
आभार आपका 🙏🙏
Koti koti naman
मेरी पसंदीदा कविता है
समर शेष है....
सच में आपकी पसंद बेहतरीन है 👍
Great Vedio
🙏🙏
Sat Sat Naman
Great poetic justice.
I felt immense pleasure to read and to hear your praiseworthy poetic expression.
You are totally right.
With great respect.
इतने ध्यान से सुनने के लिए आपका हार्दिक आभार 🙏
🙏🙏🙏🙏
Mujhe aag ki bheekh aur samdheni se " raat ye kahne laga mujhse gagan ka chand " Bachpan se hi bahut pasand hai.
Dinner gi love koti Koti badhai ho
Naman 🎉🎉
दिनकर जी लेखनी को कोटि-कोटि नमन
Aag ki bhikh mujhe bahut pasand hai.
आग की भीख मेरी भी पसंदीदा कविताओं में एक है
धन्यवाद🙏🙏🙏🙏🙏
Utkrisht kavi
Rasher Kavi Dinkar Jee kee koi Tula a nahin ho
दुध दुध ओ वत्स तुम्हारा दुध खोजने हम जाते हैं यह कविता मैंने बचपन में अपने कोर्स में पढा है
very nice
धन्यवाद जी।
काश इस समय केकवियों मेंइस तरह की भावनाजागृत होतीइस समय केकविलोगों सेनिवेदन हैकीवेदनहीन कविता नौकर केदनशील कविता करें
Since subscribed. Regards
राष्ट्रकवि दिनकर जी की वह कविता निरीह ग़रीबी में पलने वाले बच्चों पर.... "मां की हड्डी से चिपक ठिठुर जाड़े की रात....."। को भी इस ऐप पर कृपया देने का काम करें।🙏🙏
प्रयास रहेगा 🙏
❤🎉
yes
Rashtra Kavi Dinkar jee kee koi Tulsa nahin ho sakti
बिल्कुल सही 👍
Inki kawitao me Buchal Ki anarai,Visuviyas ka lawa aur Lanka ke Unchas Pawan ka prakhar veg rahata hai
जी बिल्कुल सही तुलना की है आपने 🙏
उनकी आवाज में सुनाओ.
Shayad AAP ek poem bhool gaye hai, Jo " do mein se tumhe kya chahiye kalam ya ki talwar" . Is Kavita ki vyakhya kare. Dhanyawad.
ये कविता मुझे भी काफ़ी पसंद है। वैसे तो दिनकर जी की सभी कविताएँ महत्वपूर्ण और महान हैं।
समय निकाल कर इस कविता को भी आप सबों के बीच प्रस्तुत करने का प्रयास करूंगा।
धन्यवाद 🙏
दिनकर जी की श्रेष्ठतम रचना रश्मि रथी है
ua-cam.com/video/Yqtm9W77MCk/v-deo.html
कृपया ऊपर दिये लिंक को देख नव काव्य पाठ का प्रोत्साहन करने की महती कृपा करें।
सादर सद्भावनाओं सहित धन्यवाद।
Dinkr hotadinmaakahoo rabeekahooyavaskr kahoo maito geetaka surj hu
Me 10th me tha tab dinkr ki calrc kvita pathaykrm me thi or use sun me yhi sochrha tha Ki hmara mhan sahity kchre me kese chlgya or secspiyr jeso ko mhan kese bnadiya gya kyoki ye hmare desh ki sekulr shiksha he jha mhan kviyo ke nam se kchra prstut kiya jata he or jo kavy ye he abhi aapne bole sach khu mujhe ak bhi smhhnhi aaya karn ye log 1947 ke taim ke gulam jnreshn se he jo cod me kvitaye bolted or inke log smjhteisliye Hindi sahity dbakuchla hogya or urdu ke jahil ser hogye hmare prachin Bharat me sapsht kvita ka chln rha he jo saf sbdo me apni bat krti he bad hinsa ki Ho or kvita janvro pe esa nhi sath hi un sbhi logo pe tajub hota he jo inhe ratlete he or ese sunate he jese pura mtlb smjhgye kvita ke sath har sabd ko aasan bhasa me smjhaye ye 22sdi he jha Hindi me 70% cngreji 10%sthaniybhasa 20 %chalu Hindi mix chlrhi he to 90% log in kvitao ka karn or arth nhi smjhte 😊
आपके विचार सराहनीय हैं।
मेरी कोशिश रहेगी कि कविताओं की व्याख्या भी प्रस्तुत करूं।🙏🙏
काश दिनकर जी film में गीत लिखते तो उर्दू भाषा लुप्त हो जाती,
ap wastawik , Dinkar thea , hain ,aur raheangea bhi . Jabtak prithwee hain .suraj chand raheangea ,ttik usi prakar jabtak dharti mma hai ,rashtra kswee dinkar ji , Dinkar ki bhumika mean banean raheangean .
Apni sadi ke mahantam kavi
सच में दिनकर केवल हिंदी साहित्य के ही नहीं अपितु पूरे भारत के गौरव हैं 🙏🙏
आप काव्य प्रेमी एवं कला पारखी है। 🙏
ua-cam.com/video/Yqtm9W77MCk/v-deo.html
एक विनम्र निवेदन है कि ऊपर दिये लिंक को देख नव काव्य पाठ का प्रोत्साहन करने की महती कृपा करें।
सादर सद्भावनाओं सहित धन्यवाद। 🙏
आग की भीख
Maine unkind Kavita Yachats nahi ab ran hoga Padhi hai
दिनकर के बाद हिंदी साहित्य में कोई कवि नहीं हुआ। परशुराम प्रतीक्षा, रश्मिरथी उर्वशी को मैं ने पढ़ा है।
Vigya kavio Kalam ko Nayaa Moden Do . Sadion Puranee prathaa Todn Doo.
Urvashi
👍
Urvashi pada hu
👍
Parsuram ki prateekchha sa Mera maakan hua
Pandav Aya kuch aur nikhar ksr
😂
बोर मत किया करो.
क्षमा चाहता हूं 🙏
आपकी अलौकिक प्रस्तुति परम् प्रशंसनीय है।
आपका नाम क्या है।
बहुत बहुत आभार पुष्कर जी🙏
नाम में क्या रखा है आप मुझे मेरे काम से जाने तो मुझे ज्यादा अच्छा लगेगा 😊😊
Utkrisht kavi
Urvashi