मेघनाथ ने स्वर्ग पे विजय प्राप्त कर इन्द्र को नागपाश में बाँदा - Indra or Meghnath ka Yudh

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  • Опубліковано 7 жов 2024
  • मेघनाथ गया युद्ध करने (Indra Vs Meghnath)
    जब रावण के पुत्र मेघनाथ को इस बात का पता चला तो वह अत्यंत क्रोधित हो गया। वह उसी समय अपने सभी अस्त्र-शस्त्र लेकर देवलोक गया व देवताओं पर आक्रमण कर दिया (Indra Meghnath Yudh)। चूँकि उसके पास भगवान ब्रह्मा, विष्णु व महेश के दिए गये सबसे बड़े अस्त्र थे इसलिये उसने देवताओं को इंद्र समेत परास्त कर दिया। यह सभी अस्त्र व शक्तियां उसे राक्षसों के गुरु शुक्राचार्य की सहायता से प्राप्त हुई थी (Why Did Meghnad Fight With Indra)।
    सभी देवताओं के परास्त होने के बाद मेघनाथ ने अपने पिता रावण को वहां से मुक्त करवाया व देव राजा इंद्र को बंदी बनाकर लंका ले आया। अब इंद्र देव लंका में रावण व मेघनाथ के बंदी बन चुके थे। दोनों ने एक दिन इंद्र का वध करने का निश्चय किया।
    ब्रह्मा जी आये इंद्र को बचाने (Meghnath Ne Indra Ko Bandi Banaya)
    जब भगवान ब्रह्मा को रावण व मेघनाथ के द्वारा इंद्र के वध करने की योजना के बारें में पता लगा तो वे मेघनाथ के पास आये व इंद्र को मुक्त करने को कहा। ब्रह्मा जी जानते थे कि मेघनाथ इतनी जल्दी नही मानने वाला है इसलिये उन्होंने मेघनाथ को इंद्र को मुक्त करने के बदले उनसे कोई वरदान मांगने को कहा।
    मेघनाथ ने माँगा अमर होने का वरदान
    इंद्र को मुक्त करने के बदले में मेघनाथ ने भगवान ब्रह्मा से अमर होने का वर मांग लिया तो भगवान ब्रह्मा ने मना कर दिया। उन्होंने कहा कि यह सृष्टि के नियमों के विरुद्ध है व यदि भगवान भी मानव रूप में जन्म लेते है तो उन्हें भी एक दिन अपनी देह का त्याग करना होता है। इसलिये वे उन्हें अमर होने का वरदान नही दे सकते।
    Video Name - Om Namah Shivay #Episode390
    Copyright - Creative Eye Private Limited
    Licenses By - Dev Films And Marketing Delhi

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