अयि गिरि नन्दिनी नन्दिती मेदिनि, विश्व विनोदिनी नन्दिनुते।गिरिवर विन्ध्यशिरोधिनिवासिनी bhakti song
Вставка
- Опубліковано 12 жов 2024
- अयि गिरि नन्दिनी नन्दिती मेदिनि, विश्व विनोदिनी नन्दिनुते।
गिरिवर विन्ध्यशिरोधिनिवासिनी, विष्णु विलासिनीजिष्णुनुते।।
भगवति हे शितिकण्ठ कुटुम्बिनी, भूरि कुटुम्बिनी भूत कृते।
जय जय हे महिषासुर मर्दिनी, रम्य कपर्दिनी शैलसुते।।
अयि जगदम्ब कदम्ब वन प्रिय, वासिनी वासिनी वासरते।
शिखर शिरोमणी तुंग हिमालय, श्रृंगनिजालय मध्यगते।।
मधुमधुरे मधुरे मधुरे, मधुकैटभ भंजनि रासरते।
जय जय हे महिषासुर मर्दिनी, रम्य कपर्दिनी शैलसुते।।
#माँ
#ChandraghantaMataBhajan
#Chandraghanta_Maa_Se_Arji
#anshikafilms #anshikabhaktimusics
Chandraghanta Mata Bhajan, Maa Chandraghanta Bhajan, Chandra ghanta Mata Bhajan, Tisari Maa Chandraghanta Ka Bhajan, Tisare Navratri Ka Bhajan, नवरात्र का तीसरा दिन, चंद्रघंटा माँ से अर्जी मेरी, माँ चंद्रघंटा का भजन, Chandraghanta Maa Se Arji Meri, Devi Chandraghanta Ke Bhajan, Jai Maa Chandraghanta, Tisara Navratri Special, Navratri Bhajan Sunao, Mata Bhajan, Tisara Navratra
तेरा दास तुझे ही ध्याए।भक्त तेरे दर शीश झुकाए