आचार्य प्रशांत से समझें गीता, लाइव सत्रों का हिस्सा बनें: acharyaprashant.org/hi/enquiry-gita-course?cmId=m00022 ✨ प्रतिमाह 20+ लाइव सत्र और नियमित परीक्षाएँ ✨ 40,000+ गीता छात्रों की कम्युनिटी ✨ पिछले 1,000+ घंटों के सत्रों की रिकॉर्डिंग - निशुल्क ✨ आचार्य प्रशांत से पूछें अपने सवाल
0:53 जब मैं था तब हरि नही, अब हरी मै नाही। प्रेम गली अति सांकरी, जामे दो ना समाहि।। कबीर मार्ग कठिन है, नही कायर का काम। इसपर चले कोई सूरमा, आठों पहर संग्राम।। 3:30 जो घट प्रेम ना संचरे, सो घट जान मसान। जैसे खाल लुहार की, सांस लेत बिनु प्राण।। ते दिन गए अकारथ ही, जब संगति भई ना संत। प्रेम बिना पशु जीवन, भक्ति बिना भगवंत।। 5:18 मन को मारू पटक के, टूक टूक होई जाए। विष की क्यारी बोए के, फिर पाछे पछताय।। 8:21 दुविधा में दोनो गए, माया मिली ना राम।। कबीर माया पापणीं, हरि सूं करे हराम। मुखि कड़ियाली कुमति की, कहण न देई राम।। 11:48 दोस पराए देखि करि, चला हसन्त हसन्त। अपने याद न आवई, जिनका आदि न अंत।। 13:06 जहां काम तहां नाम नहि, जहां नाम नही काम। दोनो कबहू ना मिलै, रवि रजनी एक ठाम।। 14:08 घूंघट के पट खोल रे, तुझे पिया मिलेंगे। मोको कहां ढूंढे रे बंदे, मैं तो तेरे पास में। खोजी हो तो तुरंत मिल जाऊ, एक पल की तलाश में।।
आप से जुड़ने के बाद वास्तविक धर्म और लोग धर्म के बीच अंतर समझ आया है, और अब यह भी समझ पा रहे हैं की दुनिया में न मुसलमान है, ना इसाई, ना हिंदू और ना ही किसी धर्म के लोग। इन सब का केवल एक धर्म है कामना। इन सब ने केवल एक एक धर्म का ठप्पा लगा लिया है खुद पर, ताकी उसके नाम पर यह अपनी कामना पूरी कर पाए।
आचार्य जी ने जीसस के कथनों का जो अर्थ समझाया है वो ऐसा लग रहा था जैसे अद्वैत वेदांत की बात हो रही है। #Acharyaprashant जी का धन्यवाद इस misinformation, disinformation के माहौल में सभी को प्रेरित करना कि "स्वयं को जानो" self के प्रति aware हो जाओ।❤❤
उन्होंने बताया कि body एक tool है, न कि जीवन का अंतिम objective। इसे सही तरीके से utilize करना चाहिए, न कि इसे बोझ बना लेना चाहिए। Religion का अर्थ आत्मज्ञान है, लेकिन लोग इसे बाहरी traditions, superstitions और कट्टरवाद में खो देते हैं।
यह वीडियो human के जीवन में self-awareness, body और mind की भूमिका, तथा religion के मूल उद्देश्य पर केंद्रित है। आचार्य जी समझाते हैं कि human को अपने भीतर झांकने की need है, क्योंकि हमारी consciousness और जीवन का असली goal केवल खाने-पीने या भौतिक desires को पूरा करना नहीं है।
जीवन के महत्वपूर्ण issues में कोई समझौता नहीं किया जा सकता। आचार्य जी इस बात पर जोर देते हैं कि truth कहीं छुपा नहीं है, बल्कि हमारी अपनी desires और भ्रम के कारण अनदेखा रह जाता है। खुद को जानने से ही जीवन की heights प्राप्त की जा सकती है।
Self knowledge, इसके लिए आपको अपने प्रतिदिन के दिन के दिन चर्या को देखना होगा ,क्या कर रहे हो ,कौन सा काम आपके ईमानदारी से आ रहा है ,कौन सा काम आपके लालच ,डर से आ रहा है , अपने कर्म ,फिर अपने मन को देखना ,
शरीर की एहमियत बस तभी तक है जब वो ऊंचे उद्देश्य में काम आ रहा हो,,शरीर संसाधन है मालिक नहीं , बाधा बने तो एहमियत नहीं 🙏🌄 जब अपनी हालत बहुत ज्यादा खराब होती है तभी बाहर दूसरों में बुराई दिखती है ( lack of self knowledge) दूसरे को देखने से पहले अपनी आंखें साफ करो ( self knowledge/awareness)
तुम्हारा शरीर यदि तुम्हे उद्देश्य की ओर काम आ रहा हो ,यदि वो काम आने की जगह बाधा बनने लगे ,तो शरीर की कोई अहमियत नहीं है। शरीर की देखभाल इसीलिए करते हो ताकि वो चले शरीर एक माध्यम है शरीर अंत नहीं है। जीवन के महत्वपूर्ण मुद्दों में yes या no होता है। बड़ी चीजों में कॉम्प्रोमाइज नहीं चलता।
तुम्हारे ही शारीरिक हस्ती का कोई हिस्सा तुम्हारे रास्ते में बाधा बनता है तो उसको जुदा कर दो । शरीर पालने के लिए पैदा नहीं हुए हो। बॉडी इस नॉट योर मास्टर, बॉडी इस योर रिर्सोसेस । शरीर की अहमियत तभी है जब वो हमारे ऊँचे उद्देश्य में काम आए ।
आचार्य प्रशांत से समझें गीता,
लाइव सत्रों का हिस्सा बनें: acharyaprashant.org/hi/enquiry-gita-course?cmId=m00022
✨ प्रतिमाह 20+ लाइव सत्र और नियमित परीक्षाएँ
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✨ पिछले 1,000+ घंटों के सत्रों की रिकॉर्डिंग - निशुल्क
✨ आचार्य प्रशांत से पूछें अपने सवाल
जब काम भरा हो आंख में तो सच नजर नहीं आता है ❤
धर्म केवल आत्मज्ञान है बाकी सब प्रपंच है ❤
सत्य और पैसे को एक साथ नहीं पूज सकते।💐
0:53 जब मैं था तब हरि नही, अब हरी मै नाही।
प्रेम गली अति सांकरी, जामे दो ना समाहि।।
कबीर मार्ग कठिन है, नही कायर का काम।
इसपर चले कोई सूरमा, आठों पहर संग्राम।।
3:30 जो घट प्रेम ना संचरे, सो घट जान मसान।
जैसे खाल लुहार की, सांस लेत बिनु प्राण।।
ते दिन गए अकारथ ही, जब संगति भई ना संत।
प्रेम बिना पशु जीवन, भक्ति बिना भगवंत।।
5:18 मन को मारू पटक के, टूक टूक होई जाए।
विष की क्यारी बोए के, फिर पाछे पछताय।।
8:21 दुविधा में दोनो गए, माया मिली ना राम।।
कबीर माया पापणीं, हरि सूं करे हराम। मुखि कड़ियाली कुमति की, कहण न देई राम।।
11:48 दोस पराए देखि करि, चला हसन्त हसन्त। अपने याद न आवई, जिनका आदि न अंत।।
13:06 जहां काम तहां नाम नहि, जहां नाम नही काम। दोनो कबहू ना मिलै, रवि रजनी एक ठाम।।
14:08 घूंघट के पट खोल रे, तुझे पिया मिलेंगे।
मोको कहां ढूंढे रे बंदे, मैं तो तेरे पास में। खोजी हो तो तुरंत मिल जाऊ, एक पल की तलाश में।।
आप से जुड़ने के बाद वास्तविक धर्म और लोग धर्म के बीच अंतर समझ आया है, और अब यह भी समझ पा रहे हैं की दुनिया में न मुसलमान है, ना इसाई, ना हिंदू और ना ही किसी धर्म के लोग। इन सब का केवल एक धर्म है कामना। इन सब ने केवल एक एक धर्म का ठप्पा लगा लिया है खुद पर, ताकी उसके नाम पर यह अपनी कामना पूरी कर पाए।
शरीर जो रास्ता बताता है वो सब चुनता है जिसे वाइड गेट कहा गया है। जीज़स चेतना का रास्ते को नैरो गेट कह रहे है।
I've come here from Gita Community to listen to Acharya Ji 🎉❤❤🎉🎉
आचार्य जी ने जीसस के कथनों का जो अर्थ समझाया है वो ऐसा लग रहा था जैसे अद्वैत वेदांत की बात हो रही है।
#Acharyaprashant जी का धन्यवाद इस misinformation, disinformation के माहौल में सभी को प्रेरित करना कि "स्वयं को जानो" self के प्रति aware हो जाओ।❤❤
सत्य दो थोड़ी होता ही। साधो रे दूई जगदीश कहा से आया?
सत्य को ढुंढने की जरूरत नहीं है।
झूठ को पहचानने की, जानने की और जान जाने पर उसे छोड़ने की जरूरत है।
हम सच जानते है फिर भी झूठ को होते रहते हैं।
शरीर एक मशीन है,और मशीन का सही काम के लिए उपयोग किया जाता है,लेकिन हमे कभी बताया कि नहीं जाता कि शरीर से आगे भी कुछ है।
नींद अगर सिर्फ बिस्तर पे चिपका के रखने वाली होतो वो नींद से जाग जाओ गाड़ी अगर न चले और काम दे रही है तो उस गाड़ी को छोड़ दो😴🛏️❌🚗🧰❌
🎉🎉
प्रेम गली अति साकरी, जा में दो न समाय
~ कबीर साहब
उन्होंने बताया कि body एक tool है, न कि जीवन का अंतिम objective। इसे सही तरीके से utilize करना चाहिए, न कि इसे बोझ बना लेना चाहिए। Religion का अर्थ आत्मज्ञान है, लेकिन लोग इसे बाहरी traditions, superstitions और कट्टरवाद में खो देते हैं।
खुद को हराने की लिए खुद की ही सबसे साजिश रचता है ये अहम...🙏🙏
जिंदगी के सबसे महत्वपूर्ण मुद्दों के साथ कंप्रोमाइज नहीं कियाजा सकता। 🙏🙏
यह वीडियो human के जीवन में self-awareness, body और mind की भूमिका, तथा religion के मूल उद्देश्य पर केंद्रित है। आचार्य जी समझाते हैं कि human को अपने भीतर झांकने की need है, क्योंकि हमारी consciousness और जीवन का असली goal केवल खाने-पीने या भौतिक desires को पूरा करना नहीं है।
धर्म का अर्थ केवल आत्म ज्ञान है।
सबसे पहले अपनी ज़िन्दगी के डर और पाखंड को चुनौती देना चाहिए- आचार्य प्रशांत
आग दहके पर धुएं से प्रकाश ढक जाता है,
काम भरा जब आंख में सच नजर नही आता है। 🪔
जीवन के महत्वपूर्ण issues में कोई समझौता नहीं किया जा सकता। आचार्य जी इस बात पर जोर देते हैं कि truth कहीं छुपा नहीं है, बल्कि हमारी अपनी desires और भ्रम के कारण अनदेखा रह जाता है। खुद को जानने से ही जीवन की heights प्राप्त की जा सकती है।
❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤ Acharya ji ko koti koti naman
स्कूल मे बहुत सी प्रार्थना गाई हैं लेकिन गहरे अर्थ तो अब ही समझ आया है कुछ अंतर नही है सीख तो सबकी एक ही है
देह केवल एक संसाधन हैं।
शरीर हमारे लिए केवल मुक्ति पाने का साधन होना चाहिए।
🔥self knowledge🔥
Self knowledge❤
Very nice video ,self observation is important ,learn to say big no , thank you ! 🙏 ❤️🧡🙂
शरीर का सार्थक उपयोग करना है।
एक ही पाप है की जीवन में मुक्ति की दिशा न बढ़ाना ( आत्म अज्ञान ही पाप है)
❤❤🎉🎉
सत्य का द्वार सदा खुला रहता है।
Gurujike charanme juga juga rahunga 🙏🙏🙏🙏
आग दहके पर धुएँ से,
प्रकाश ढक जाता है।
जब काम भरा हो आँखों में,
सच नजर नहीं आता है ॥3.38 ॥
अद्भुत
The Geeta community is the narrow gate in this present arena. ❤❤
❤❤❤❤❤❤❤
शरीर द्वारा चलाए गए रास्ता=वाइड गेट
नैरो गेट= कामनाओं की कामना।
आचार्य जी आपके बिना हमारे भेद कौन मिटा पाता और सबको समाहित कर एक दिखा पाता,,,आज ही ये पक्तियां पढ़ी थी और आज ही समझा दी आपने ❤गुरु बिन भरम ना जासी 🙏
बहुत अच्छा समझाते हैं आचार्य जी 🙏🙏
शरीर को संसाधन की तरह इस्तेमाल करना है मुक्ति की दिशा में।
आंखों को बंद करके सुरज नहीं दिखेगा। आंख खोलोगे तो सुरज दिखेगा
सारी अध्यात्म ही यहीं है -आत्मज्ञान ❤❤
Atmgyaan means what?
Self knowledge, इसके लिए आपको अपने प्रतिदिन के दिन के दिन चर्या को देखना होगा ,क्या कर रहे हो ,कौन सा काम आपके ईमानदारी से आ रहा है ,कौन सा काम आपके लालच ,डर से आ रहा है , अपने कर्म ,फिर अपने मन को देखना ,
आचार्य जी नमस्ते❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
Ji acharya ji❤
तो वैसे ही शरीर भी अगर गलत चीज़ से आनंद ले रहा है तो उस शरीर को सही चीज़ की और ले जाओ और ये ही जीसस क्राइस्ट बोलते है✝️
Wow ❤
Marry Christmas Acharya ji and all the listeners❤🎉🎄🎅
बॉडी केवल एक मध्य में अंत नहीं यह याद रखना ap❤
धन्यवाद आचार्य जी ❤
धन्यवाद! 🙏🏻🪔
शरीर की एहमियत बस तभी तक है जब वो ऊंचे उद्देश्य में काम आ रहा हो,,शरीर संसाधन है मालिक नहीं , बाधा बने तो एहमियत नहीं 🙏🌄
जब अपनी हालत बहुत ज्यादा खराब होती है तभी बाहर दूसरों में बुराई दिखती है ( lack of self knowledge)
दूसरे को देखने से पहले अपनी आंखें साफ करो ( self knowledge/awareness)
लाइव गीता सत्र ज्वाइन करो और अपना जीवन बदलो
सत्य तुम्हें मिला इसलिए नहीं क्योंकि तुमने चाहा ही नहीं था। उल्टी पुल्टी चीज तुम चाहते रहोगे तो जिंदगी की असली चीज तुम्हें कैसे मिलेगी
दूसरे की आँख के कचरा दिख जाता हैं लेकिन अपनी आँख में पड़ा डंडा नहीं।
मिला नहीं, क्यों की चाहा ही नहीं।❤
not attempting to attain liberation is the only sin ❤️
आचार्य श्री सादर प्रणाम 🙏🏾
Thanks for explaining in the Best way.
Simple and the most precious ❤❤
सत्य को और पैसे को एक साथ नहीं पूज सकते ।
Thanku sir ji gud guidance 🙏
❤🙏
"सबसे पहले अपनी जिंदगी के डर और पाखंड को चुनौती दें"
Body Exists as a resource not it's for own sakes.
Body is medium not the destination.
तुम्हारा शरीर यदि तुम्हे उद्देश्य की ओर काम आ रहा हो ,यदि वो काम आने की जगह बाधा बनने लगे ,तो शरीर की कोई अहमियत नहीं है।
शरीर की देखभाल इसीलिए करते हो ताकि वो चले
शरीर एक माध्यम है शरीर अंत नहीं है।
जीवन के महत्वपूर्ण मुद्दों में yes या no होता है। बड़ी चीजों में कॉम्प्रोमाइज नहीं चलता।
प्रणाम आचार्य जी 🙏
या तो सत्य के आगे सिर झुका दो अगर नहीं झुकाया तो मान लो कि असत्य के आगे झुके हो।
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🙏
शरीर को हम अपना नौकर बना लेंगे, और नौकर की थोड़ी देखभाल तो करनी पड़ती है
ऐसी कार कोई काम की नहीं जो केवल मेंटेनेंस मांगती है और कहीं ले नही जाती
धर्म = आत्मज्ञान
Nothing else
तुम्हारे ही शारीरिक हस्ती का कोई हिस्सा तुम्हारे रास्ते में बाधा बनता है तो उसको जुदा कर दो ।
शरीर पालने के लिए पैदा नहीं हुए हो।
बॉडी इस नॉट योर मास्टर, बॉडी इस योर रिर्सोसेस ।
शरीर की अहमियत तभी है जब वो हमारे ऊँचे उद्देश्य में काम आए ।
दुसर्याचा डोळ्यातील कूसळ दिखते पण स्वतः क्या डोळ्यातील मूसळ दिसत नाही
जैसे अंधा कहता है पूरी दुनिया में ही अंधेरा है
Acharya ji apki organisation se kaise jude
कोई आपका शर्ट गंदा कर दे चलेगा कोई आपका मन गंदा करें नहीं चलेगा
दूसरे को देखने के लिए पहले अपनी आंखों को साफ करो।👍
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