Research हुई है। ua-cam.com/video/vO3Ak0RR2Ek/v-deo.html लेकिन सावधान। दिगंबर आचार्य भी ऐसे जोडतोड वाली ऐसी सफाई से मिथ्यात्व का प्रचार कर रहे है। वेद और वेद आधारित अन्य शास्त्रों; जैन को नास्तिक कहते है, अनार्य मानते है, कुसंगी कहते है। शंकर कि जो रुद्र देव है, जो प्रलय के देवता है, जो कषाय युक्त है, जीनके गुणो का विवरण और परिवार का जो विवरण हम-आप सब भलीभांति जानते है, उसमे से कुछ भी जैन धर्म के वर्तमान चोविसी के प्रथम तिर्थंकर आदिनाथ भगवान से नहीं मिलता है, नाहीं हिंदू और जैन शास्त्रों मे मिलता है। शंकर, गणेश, ॐ कि ऐसी बिन जरूरी और जबरन हि गलत परिभाषा कर के क्युं जैन धर्म के नाम पर मिथ्या प्रचार दिगंबर पंथ के आचार्य करते है उसके उपर एक research होनी चाहिए। वरना अल्प संख्या मे रह गये जैन भी भटक जायेंगे और जैन धर्म कि वेदिक धर्म से तद्दन भीन्न अलग धर्म है ऐसी अपनी पहचान मीट जाएगी, और वेद-हिंदू धर्म का हि एक अलग पंथ है ऐसी जैन कि पहचान रह जायेगी।😢
भगवान आदिनाथ पर research कि गई है। दिगंबर साधु प्रमाण सागर महाराज कि शंका और समाधान youtube channel पर देख सकते है। लेकिन सावधान। दिगंबर आचार्य भी ऐसे जोडतोड ऐसी सफाई से मिथ्यात्व का प्रचार कर रहे है। वेद और वेद आधारित अन्य शास्त्रों जैन को नास्तिक कहते है, अनार्य मानते है, कुसंगी कहते है। शंकर कि जो रुद्र देव है, जो कषाय युक्त है, जीनके गुणो का विवरण और परिवार का जो विवरण हम-आप सब भलीभांति जानते है उसमे से कुछ भी जैन धर्म के वर्तमान चोविसी के प्रथम तिर्थंकर आदिनाथ भगवान से नहीं मिलता है, नाहीं हिंदू और जैन शास्त्रों मे मिलता है। शंकर, गणेश, ॐ कि ऐसी बिन जरूरी और जबरन हि गलत परिभाषा कर के क्युं जैन धर्म के नाम पर मिथ्या प्रचार दिगंबर पंथ के आचार्य करते है उसके उपर एक research होनी चाहिए। वरना अल्प संख्या मे रह गये जैन भी भटक जायेंगे और जैन धर्म कि वेदिक धर्म से तद्दन भीन्न अलग धर्म है ऐसी अपनी पहचान मीट जाएगी, और वेद-हिंदू धर्म का हि एक अलग पंथ है ऐसी जैन कि पहचान रह जायेगी।😢
गौतम गणेशाय नमः के नाम पर झूठ मत बोलिये।। मंगलम गौतमो गणि गणधर मतलब गणेश नही ।। सिर्फ नाम मे समानता हो सकती है।। मान्यता में नही। इसीलिए कहते है कि मुनिराजों को मंदिर नही बनवाना चाहिए, गुणायतन के चक्कर मे ये कुछ भी बयान दे सकते है।।
भैया, सार्थकता सभी को हजम नहीं हो सकती जैसे शेरनी का दूध हर किसी बर्तन में नहीं ठहर सकता, केवल सोने के बर्तन में ही रह सकता है, उसी प्रकार सत्य / सार्थकता को स्वीकार करने के लिए सम्यक्त्व से शुद्ध व्यक्ति / जीव आवश्यक है | जिस द्वेष भाव को लेकर आप इस प्रकार की चर्या कर रहे हैं, वही आपकी मुक्ति में बाधक है |
Bahut sundar
Namostu gurudev 🙏🏻
नमोस्तु नमोस्तु नमोस्तु भगवन 🙇🏻🙇🏻
Namostu gurudevji Namostu gurudevji Namostu gurudevji🙏🙏🙏🙏🙏
👏👏🙏🙏
ऋषभ देव तीर्थंकर स्वामी है
शिव जी के देव है जो उच्च कोटि के है
पर तीर्थंकर नही है
क्या
Sachi Dharam connection but appa kuch Alag dikhana he
भगवान ऋषभदेव भगवान शिव जी का एक नाम तो नही, इस पर भी शोध होना चाहिए
Han fir toh vo bhi jain dharm se he the 🙏...
Corrected
Shiv bhagwan Rishabh bhagwan ho skte hai
Rishabh bhagwan original hai .jino ne jainam shtapan kiya
@@Sumedh_Jain correct sumedh bhai 🙏... In agyaaniyo ko nhi pta jain dharm ky hai 😊
Research हुई है। ua-cam.com/video/vO3Ak0RR2Ek/v-deo.html
लेकिन सावधान। दिगंबर आचार्य भी ऐसे जोडतोड वाली ऐसी सफाई से मिथ्यात्व का प्रचार कर रहे है। वेद और वेद आधारित अन्य शास्त्रों; जैन को नास्तिक कहते है, अनार्य मानते है, कुसंगी कहते है।
शंकर कि जो रुद्र देव है, जो प्रलय के देवता है, जो कषाय युक्त है, जीनके गुणो का विवरण और परिवार का जो विवरण हम-आप सब भलीभांति जानते है, उसमे से कुछ भी जैन धर्म के वर्तमान चोविसी के प्रथम तिर्थंकर आदिनाथ भगवान से नहीं मिलता है, नाहीं हिंदू और जैन शास्त्रों मे मिलता है। शंकर, गणेश, ॐ कि ऐसी बिन जरूरी और जबरन हि गलत परिभाषा कर के क्युं जैन धर्म के नाम पर मिथ्या प्रचार दिगंबर पंथ के आचार्य करते है उसके उपर एक research होनी चाहिए। वरना अल्प संख्या मे रह गये जैन भी भटक जायेंगे और जैन धर्म कि वेदिक धर्म से तद्दन भीन्न अलग धर्म है ऐसी अपनी पहचान मीट जाएगी, और वेद-हिंदू धर्म का हि एक अलग पंथ है ऐसी जैन कि पहचान रह जायेगी।😢
भगवान आदिनाथ पर research कि गई है। दिगंबर साधु प्रमाण सागर महाराज कि शंका और समाधान youtube channel पर देख सकते है।
लेकिन सावधान। दिगंबर आचार्य भी ऐसे जोडतोड ऐसी सफाई से मिथ्यात्व का प्रचार कर रहे है। वेद और वेद आधारित अन्य शास्त्रों जैन को नास्तिक कहते है, अनार्य मानते है, कुसंगी कहते है।
शंकर कि जो रुद्र देव है, जो कषाय युक्त है, जीनके गुणो का विवरण और परिवार का जो विवरण हम-आप सब भलीभांति जानते है उसमे से कुछ भी जैन धर्म के वर्तमान चोविसी के प्रथम तिर्थंकर आदिनाथ भगवान से नहीं मिलता है, नाहीं हिंदू और जैन शास्त्रों मे मिलता है। शंकर, गणेश, ॐ कि ऐसी बिन जरूरी और जबरन हि गलत परिभाषा कर के क्युं जैन धर्म के नाम पर मिथ्या प्रचार दिगंबर पंथ के आचार्य करते है उसके उपर एक research होनी चाहिए। वरना अल्प संख्या मे रह गये जैन भी भटक जायेंगे और जैन धर्म कि वेदिक धर्म से तद्दन भीन्न अलग धर्म है ऐसी अपनी पहचान मीट जाएगी, और वेद-हिंदू धर्म का हि एक अलग पंथ है ऐसी जैन कि पहचान रह जायेगी।😢
अज्ञानता का प्रदर्शन
मतलब गणेश जी को पूजे?? गजब हो आप ।।।
Nahi kabhi nahi pujna chaiye maharaji shabdik arth bata rahe hain savdhan mitytva ka dosh lagega 😂
तो क्या आप गणेश को पूजते नहीं है
🚩Jain hindu hi hai.✅
Par ye muni,maharaj jaan buzkar pure jain samaj ko gumrah karte hai.
Tu jaa re gyni apna Gyan apne pass rakh kuch bhi kam ka nahi।।।😂😂😂
Etne ache lagte hai Ganesh ji to lejao hum mna nahi krege or koi bhagvan chahiye to lejana .......ap k lagnese kuch hota nahi😂😂😂😂😂😂
Bas yahi fark h tumhare dharm mai or hmare dharm mai 😊.... Negative perception ppl never have positive attitude 😊
@@Yashhhhhhhhh410ha hindu log ese hi hote hain pagal
जैनधर्म के विरूद्ध झूठा कथन है।
Agar ganesh bhagwan aapke ,shiv bhagwan aapke to phir, bhai aap apne aap ko hindu bol ne me sarmate ho bhai
सच्चा जैन कभी हिंदू कहने में शर्म आता नहीं है हम हिंदू ही हैं जैन धर्म हिंदू धर्म ही है
@@Jainsanskriti2hindu ka matlab Jo hinsa se dur rhe lekin jain vo hindu nhi jo trimurti ko sarvoch Mane hmare 24 tirthankar sarvooch hai
गौतम गणेशाय नमः के नाम पर झूठ मत बोलिये।।
मंगलम गौतमो गणि
गणधर मतलब गणेश नही ।।
सिर्फ नाम मे समानता हो सकती है।। मान्यता में नही।
इसीलिए कहते है कि मुनिराजों को मंदिर नही बनवाना चाहिए, गुणायतन के चक्कर मे ये कुछ भी बयान दे सकते है।।
अपना अपना धर्म है इसमें झूठ बोलने का मेरे भाई कोई काम नहीं है
भैया, सार्थकता सभी को हजम नहीं हो सकती जैसे शेरनी का दूध हर किसी बर्तन में नहीं ठहर सकता, केवल सोने के बर्तन में ही रह सकता है, उसी प्रकार सत्य / सार्थकता को स्वीकार करने के लिए सम्यक्त्व से शुद्ध व्यक्ति / जीव आवश्यक है | जिस द्वेष भाव को लेकर आप इस प्रकार की चर्या कर रहे हैं, वही आपकी मुक्ति में बाधक है |
गच्छ, मत से तो जीन वाणी उपर है पर दूषण काल भी है🙏
👏👏🙏🙏