हिंदु धर्म पहले आया और इस्मे से दो धर्म उप्जे जैन और बौद्ध धर्म लेकिन आप कह्ते है जैन धर्म अनादिकाल

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  • Опубліковано 12 вер 2024
  • हिंदु धर्म पहले आया और इस्मे से दो धर्म उप्जे जैन और बौद्ध धर्म लेकिन आप कह्ते है जैन धर्म अनादिकाल
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КОМЕНТАРІ • 582

  • @hemantchourey365
    @hemantchourey365 2 дні тому +8

    गुरुजी ने कितने सरल भाव से समझाया और किसी धर्म विशेष को भला बुरा नहीं कहा जैसा कि आज कल सुनने को मिलता है। यही भारतीय संस्क्रति और सभ्यता है।

  • @NarpatSingh-lf3rc
    @NarpatSingh-lf3rc 5 днів тому +37

    जैन मुनि आपके चरणों में कोटि कोटि प्रणाम । आपकों इतिहास का बहुत अच्छा ज्ञान है इस पर कोई शंका नहीं है पर जैन धर्म के प्रथम ऋषभदेव,पार्श्वनाथ , भगवान महावीर के पुर्वज सभी के सभी सनातनी थें। मेरा आपसे हाथ जोड़ कर निवेदन है कि वर्तमान में जो सनातन को नष्ट-भ्रष्ट करने का सड़यंत्र चल रहा है इस बच्ची का प्रश्न में भी वही अंश दिखाई दे रहा है। आपके सम्मान को कोई ठेस पहुंचाने का मेरा कोई उद्देश्य नहीं है पर डर यह है देश में जातीये जनगणना वाले टुल किट का आप हिस्सा नहीं बन जायें।

    • @namanpatni7984
      @namanpatni7984 4 дні тому +2

      अपने आप जायदा समझदार मैं समझ हमारा जैन धर्म बहुत पुराना धर्म है कोई हिन्दू धर्म का अंग नहीं है और मुनि महाराज को बहुत जानकारी है

    • @sammyjain2624
      @sammyjain2624 4 дні тому

      Jain logo ki janganna vese hi alag hoti he , han kafi sare jainiyon ko Hindu darshaya jata he janganna me , lekin hamara jatigat janganna se koi kam nhi

    • @sammyjain2624
      @sammyjain2624 4 дні тому +4

      Jaha tak bat bhagwan ke mata pita ki he , bhagwan Mahavir ke mata pita bhagwan Parshwanath ki parampara ko manne wale the , or bhagwan Rishabhdev ji ke mata pita kisi bhi dharm ko nhi mante the, kyunki dharm ki sthapana krne wale hi bhagwan Rishabh dev ji the unse phle tisre are me koi dharm tha hi nhi , kyunki kisi bhi kal me shuru ke 3 aro me dharm nhi hota he ,

    • @amishajain4307
      @amishajain4307 4 дні тому

      Sanatan me hee Jain anadikal se the ,jo kabhee jain ,kabhee shiv bakht hoti rahti the.. Morya samarjya me Jain ke alawa Hindu man ne wale bhee the ,ant me Bodh bhee ho gaye

    • @123456754411
      @123456754411 4 дні тому

      Mere hisab se hum ye siddh karna chod de ki kaun jyada purana aur superior he......sab apne dharm ko sahi tarike se samman do......par hum jain, hindu, Sikh , boddh sab apne aap ko sanatan bole,. Bhai maane, apas me divide naa ho, aur apne desh aur apne baccho ko aage leke jaaye har field me .........2000 saal pehle kam kya the wo jaruri he......par 200 saal baad hum kaha hoge uspe bhi sab milke kaam kare.....

  • @prabhatkumarjha1965
    @prabhatkumarjha1965 5 днів тому +30

    जैन धर्म , सिख धर्म और बौद्ध धर्म , ये तीनो धर्म सनातन की ही शाखाएं हैँ इसको कैसे झुठला सकते है ।

    • @dharmgurupandit4886
      @dharmgurupandit4886 3 дні тому +3

      Right ✅️

    • @monisingh6978
      @monisingh6978 3 дні тому +1

      Ye sach nahi hai.sanatan med machuare adiwasi ka dharam tha.Hindu dharam Vikramaditya ne 4 sankrachrya ke sath banaya 2080 sal pahle.aaj bhi 4 sankrachrya Hindu Dhram ko chalate hain wo rajneeti nahi karte.

    • @aagamjain8069
      @aagamjain8069 День тому

      Aap jain dharm ko mahaveer swami ke samay se jante hai bhagwan rishabh dev se nhi

    • @ravijain7097
      @ravijain7097 День тому

      Pahle Gyan lo bhai fir bolo​@@dharmgurupandit4886

    • @ravijain7097
      @ravijain7097 День тому

      Lagta he aapne thik se suna nahi video ko

  • @manoharsinghraghuwanshi3075
    @manoharsinghraghuwanshi3075 7 днів тому +18

    इन्हें वाकई बहुत गहरा ज्ञान है,, बड़े ही संतुलित ढ़ंग से ज़वाब दिया,, तर्क तथ्य नाम किताब काल विद्वान सभी के नाम कंठस्थ है,, शानदार गुरूदेव प्रणाम,,,

  • @ramgopalrathore7982
    @ramgopalrathore7982 4 дні тому +14

    सारे धर्म सनातन धर्म से ही निकले है। और सब धर्मों के पूर्वज पहले सनातनी ही थे। इसलिए प्रत्येक धर्मी यही कहता है , की हमारे पूर्वजों का या हमारे इतिहास का वर्णन वेदों और पुराणों में मिलता है । इसलिए हमारा धर्म ही प्राचिन है।

    • @manojgarg9073
      @manojgarg9073 День тому

      और वास्तव में सनातन धर्म ही मानवता का धर्म है 😇 यह तो बाद में विचारधारा में कुछ अंतर या फर्क आने के कारण अपने अपने रास्ते बने उसी को धर्म का नाम दिया गया 😇

    • @Savejainism
      @Savejainism 3 години тому

      जैन धर्म स्वयं एक स्वतंत्र वृक्ष है शाखा समझने की भूल तुम हिंदू कर रहे हो। जैन धर्म सनातन है लेकिन सनातन नाम वाले धर्म का हिस्सा नही। वैदिक और श्रमण दोनों अलग परंपरा है।। सनातन एक time period है कोई नाम नही।
      वेदो का नाम इसलिए लेना पड़ता है क्योकि मूर्ख जिस भाषा मे समझते है उन्हे उसी भाषा मे बताना पड़ता है

    • @aniketlesiwala7104
      @aniketlesiwala7104 31 хвилина тому

      राम गोपाल जी आप ने कभी भी वेद पुराण पढ़ा हे क्या? आप किसी भी कथा वाचक का वीडियो देखना चाहिए वेद पुराण भागवत , शिव पुराण पड़ना चाहिए तो आप को पता चलेगा.

  • @Raj-h8z4b
    @Raj-h8z4b 6 днів тому +33

    जैन वर्ग है, रास्ता है उसे पाने का वैदिक या सनातन धर्म ही सत्य है , जैन से सनातन का उदय केवल एक अहंकार है जो ज्ञान को नष्ट करके रास्ते से भटका देगा ।

    • @msc-fs7mo
      @msc-fs7mo 5 днів тому

      Satya vachan

    • @namanpatni7984
      @namanpatni7984 4 дні тому +2

      जैन धर्म अलग धर्म है

    • @SumitSharma-od2yt
      @SumitSharma-od2yt 3 дні тому

      सत्य को स्वीकार नही करेंगे और कई झूठी कहानी रच देते है ये लोग😂

    • @ravijain7097
      @ravijain7097 День тому

      ​@@SumitSharma-od2ytjese tune rsch liya 😂😂😂

    • @Savejainism
      @Savejainism 3 години тому

      जैन धर्म स्वयं एक स्वतंत्र वृक्ष है शाखा समझने की भूल तुम हिंदू कर रहे हो। जैन धर्म सनातन है लेकिन सनातन नाम वाले धर्म का हिस्सा नही। वैदिक और श्रमण दोनों अलग परंपरा है।। सनातन एक time period है कोई नाम नही।

  • @darsh8397
    @darsh8397 3 дні тому +9

    मे हिन्दू हू
    और मे जैन मंदिर, बौद्ध मंदिर, सिख गुराद्वारा भी जाता हूं ।
    हमारे सभी पंथ सनातन संस्कृति है। और सब एक समान है।

    • @vivekshah4908
      @vivekshah4908 13 годин тому

      Vo log agar ye maante to Sanatan se alag nahi hote

  • @dungargehlot7345
    @dungargehlot7345 3 дні тому +7

    जब ऋषभदेव ही सनातन हिन्दू क्षत्रिय धर्म से संबंधित थे तो फिर जैन धर्म हिन्दू धर्म से पुराना कैसे हो गया????
    ऋषभ देव को ही प्राचीन हिन्दू ग्रंथो में भगवान श्रीकृष्ण का अवतार माना जाता है।
    जैन धर्म सनातन हिन्दू धर्म से ही निकला है.... बस उसकी उपासना पद्धति अलग है

    • @Savejainism
      @Savejainism 3 години тому

      😂😂😂
      जैन धर्म स्वयं एक स्वतंत्र वृक्ष है शाखा समझने की भूल तुम हिंदू कर रहे हो। जैन धर्म सनातन है लेकिन सनातन नाम वाले धर्म का हिस्सा नही। वैदिक और श्रमण दोनों अलग परंपरा है।। सनातन एक time period है कोई नाम नही।
      जैन धर्म मे अवतार को माना ही नही गया।
      और कृष्ण तो 22ve तीर्थैंकर के समय हुए थे ऋषभ देव प्रथम है।

  • @kaafirpagan
    @kaafirpagan 7 днів тому +34

    सबको अलग दिखने की होड़ मची है,
    योगी जी बात याद रखें "बटोगे तो कटोगे" ,
    आज के समय अस्तित्व की लड़ाई चल रही है, याद रखें

    • @Optiontradeking
      @Optiontradeking 5 днів тому +1

      Satya sunke bura lagta h apke sabdo me dikh rha h aur rhi bt batne jodne ki to pehle apne dharma me jaat paat uch nich htao pehle use ek kro durachari Brahman ki neetiyo aur khaniyo me fas ke tm khud apne aradhya ka mulya swaroop aur udessh nai pehchan paa rhe ho.. isiliye na tm vairagi ho paye na tm sansarik na tm veg ho paye na tm no veg... yha gyaan na do

    • @kaafirpagan
      @kaafirpagan 4 дні тому

      @@Optiontradeking dear अपने को कुछ भी न बुरा लग रहा है न कोई द्वेष है, हम तो सम्मान करते हैं जैन गुरुओं का और करते रहेंगे,ना ही हमारा परिवार वालों ने कोई द्वेष करना सिखाया है, अगर हिंदु धर्म k बारे पूरा ज्ञान नहीं है तो ऐसे उल जलूल और घृणा भरी बातें नहीं करनी चाहिए जो तुम्हारे वाक्यों से प्रतीत हो रहा है, मैंने सिर्फ एक होने की बात बोली है ये नहीं कहा की किसी और को मानो, जब ज्ञान न हो तो परेहज़ करें रायता फैलाने से

    • @kaafirpagan
      @kaafirpagan 4 дні тому

      @@Optiontradeking दुराचारी ब्राह्मण की नीतियां और कहानियां,जात पात के बारे में क्या पढ़ाई की ओर क्या ज्ञान है और इस तरह तुम्हारे घृणा भरी हुई है, तू तेरा परिवार भी जैन साधुओं की कहानियां ही सुना रहा है या कोई है परिवार में जो 5 या 7 हजार साल उम्र का है और आज भी ज्ञान दे रहा है, तुम भी जैन साधु जो ज्ञान दे रहे वही सुन रहा है, वैसे तेरी बातों से लग रहा है, सिवाय घृणा के कुछ और सिखाते नहीं तुझे

    • @Optiontradeking
      @Optiontradeking 4 дні тому

      @@kaafirpagan apko dikhna chaiye wo batne ki bt nai kr rhe h wo bs jo satya h usko prakashit kr rhe h jo aaj ka samaj bhul gya h hm to sb ka samman krte h dhindora nai pitte lekin hme hi hmare desh me nicha dikhya jta h aur rhi hindu dharma ki bt to ek br khud chintan kro sb smjh aane lagega apne prabhu ka vastvik gud smjh aa jayega, hmne jana h hindu dharma ko bhi aap shuru ke Charan me hi smjh jaoge ki yha ghaplebazi ki jaa rhi h.

    • @kaafirpagan
      @kaafirpagan 4 дні тому

      @@Optiontradeking जी दिखता है उसको समझना चाहिए, दिखने के लिए तो बहुत कुछ है मगर समझ और ज्ञान का फर्क है

  • @harishankarsharma7085
    @harishankarsharma7085 10 днів тому +35

    जैन धर्म ही सनातन धर्म है सभी हिन्दू जैन है और सभी जैन हिन्दू है बाकी सभी मत या सम्प्रदाय है. वास्तव में जैन धर्म वैराग्य का धर्म है. जिसमे दया और करुणा है छमा है ये सब धर्म के मूल तत्व है. कोई उपासना पद्धति नहीं है. जैन धर्म का इतिहास अत्यंत पुराना है. उसको बताना संभव नहीं है

    • @sonujain6525
      @sonujain6525 9 днів тому +3

      जय जिनेन्द्र जय श्रीराम

    • @shashisoni09
      @shashisoni09 7 днів тому +7

      Chal hat. Kuch bhi bakwas mat kar. Waah re choro, Hindus ke grantho se Hindu ke hi Rishabh dev ka naam sunakar khud ko prachin bolte ho. Kitne gaye gujre ho. Tum khud hi pramanit kar diye Sanatan Hindu Dharm hi prachintam hain.🤣😊☺️

    • @hiteshpanwar54
      @hiteshpanwar54 7 днів тому +1

      @@harishankarsharma7085 सिंधु सरस्वती सभ्यता वैदिक सभ्यता थी जहाँ शिवलिंग, यज्ञ कुंड, हवन कुंड मिले है पशुपति सील मिली है वो पशुपति शिव है जिसमे तीन सर है वहां त्रिशूल के चिन्ह मिले है बलि देते हुए सील मिली है।

  • @subhashlakshkar8517
    @subhashlakshkar8517 3 дні тому +7

    ऋषभदेव भगवान विष्णु के ही अवतार है उन्होंने जैन धर्म का प्रारूप दिया अच्छी बात है हम उन्हे पूजते है परंतु हमारा धर्म पुराना तुम्हारा नया यह प्रश्न ही गलत है आज समय की मांग है की हम सब सनातनी एक है वरना आने वाले समय को अपनी पीढ़ी नही जेल पाएगी !

  • @mordhwaj1
    @mordhwaj1 3 години тому

    जैन, और बौद्ध धर्म पहले से हैं हिंदू धर्म का आविर्भाव इस्लाम के भारत में आने के बाद हुआ
    इसमें वेद, त्रिपिटक , नैतिक आचरण जोड़ कर नवीन ऊर्जा भरने का प्रयत्न किया गया

  • @PrakashBillore-cl2qv
    @PrakashBillore-cl2qv 5 днів тому +7

    धर्मों के चक्कर में नही पढ़ना चाहिए बंधन है सब ,ईश्वर मुक्त है हमे ईश्वर के अनुसार रहना चाहिए

    • @SpidermanKoli
      @SpidermanKoli 3 дні тому

      इसी सोचके कारण जेहादी तुमपर हावी हो गए है ।

  • @jitendrasinghh001
    @jitendrasinghh001 4 дні тому +4

    मै इतना ज्ञानी तो नही कि मुनिवर के कथन को काट्य करने की क्षमता रखूं, परंतु मुनिवर द्वारा प्रदत जानकारी ने मेरे मन में एक शंका उत्पन्न की जिसमें सनातन के वर्णन के बिना जैन धर्म की प्राचीनता को वर्णित करना मेरे मन को किंचित असहज कर गया ।जबकि आर्यावर्त भारतभूमि में धर्म की स्थापना का सूत्र प्रारंभ ही सनातन से होता है । जिस प्रकार आज के समय अलग-अलग सिद्धांतों को धर्म मानकर सिद्ध किया गया है, वह वर्तमान कालखंड में कलयुगी विचारधारा को प्रबल सिद्ध करता है। प्रचीन काल को वैदिक काल की संज्ञा दी गयी है न कि धार्मिक काल जैसा आज के परिप्रेक्ष्य में है क्योंकि प्राचीन काल में धर्म वेद आधारित था ना कि किसी नाम से प्रचलित था तथा धर्म का अर्थ ही यही था कि "न जिसका आदि है न जिसका अंत" अर्थात धर्म केवल और केवल वैदिक और वो सनातन है। धर्म वह है जिसको न बनाया जा सकता है न मिटाया जा सकता सिर्फ उसका पालन किया जा सकता और जब धर्म के विपरित अधर्म प्रबल हो जाये और जो भूलोक को अस्थिर करें मनुष्यो को धर्म से विमुख करे तब ईश्वर एक रुप में अवतरित होकर पुनः धर्म की स्थापना करते हैं। और जैन धर्म के अवतार भी उसी ईश्वर का अंश है जो एक रुप में अवतरित हुए। जैन कोई धर्म नही एक सिद्धांत है और हिन्दू कोई धर्म नही एक पंत है और इन दोनों के मूल में वेद है । जिनका पालन करना ही धर्म है और धर्म वह है जिसका न कोई आदि है न जिसका कोई अंत, जो है अनंत । ठीक इसी प्रकार इस्लाम भी एक विचारधारा है जो सनातन से विमुख है । इस्लाम का उदाहरण एक छोटे से दृष्टांत से समझने का प्रयास करें तो कुछ ऐसा है कि मादा बिच्छू अपने जीवनकाल में केवल एक बार ही प्रजनन करती है क्योंकि प्रजनन के उपरांत उसके स्वयं के बच्चे उसकी पीठ पर चिपक जाते हैं और उसे खाना प्रारंभ कर देते है अपनी भूख को शांत करने के लिए और इस प्रकार वे अपनी ही मां की जीवनलीला को समाप्त कर देते हैं ठीक इसी प्रकार इस्लाम की विचार धारा सनातन और उससे संबंधित समस्त स्त्रोतों को नष्ट करने के लिए प्रयासरत है जबकि वो भी सनातन से ही उत्पन्न एक विचारधारा है परंतु सनातन के विपरित।
    मुनिवर के समक्ष मेरा ज्ञान मात्र रज के एक कण के बराबर है और मेरे विचार में जो बहन ने प्रश्न किया और मुनिवर ने बहन की जिज्ञासा को शांत करने के लिए मार्गदर्शन प्रदान किया उसमें जो मेरे विचार में शंका उत्पन्न हुई वो मैंने मुनिवर के चरणो में प्रस्तुत की जिसके लिए मैं क्षमा प्रार्थी भी हूं। कृपया मेरे विचारों को अन्यथा न लें 🙏

    • @saurabh.gupta9680
      @saurabh.gupta9680 3 дні тому +2

      बिल्कुल ठीक कहा आपने आपका ज्ञान साधारण ज्ञान नहीं है। इसे हर कोई नहीं समझ सकता, कुछ पुण्य आत्माओं को ही तत्व का ठीक ठीक ज्ञान हो पाता है या यह कह लीजिए जब भगवान उसे स्वयं जनाना चाहे तभी वह भगवान को जान सकता है।
      आज वर्तमान में उन्हीं भगवान नारायण को अलग अलग नाम से जाना जा रहा है और अलग अलग सिद्धांतों से उनकी ही पूजा अर्चना हो रही है परंतु दुख वहां होता है जब उन्हीं भगवान नारायण का जीव खंडन करता है। खैर अनंत जीव पड़े हैं मनुष्य जन्म लेने के लिए और सभी के संस्कार भी अलग अलग है जिसके जैसे संस्कार उसको वेसी ही व्यवस्था वर्तमान समय में मिल जाती है।
      और फिर सनातन के पक्ष में बात रखने वाले से यूं ही लोग बाग लड़ पडते है 😄
      जय जय श्री राधा रमण
      जय जय श्री कृष्ण

    • @jitendrasinghh001
      @jitendrasinghh001 3 дні тому +1

      @@saurabh.gupta9680 हरि अनंत। कृतार्थ हूं 🙏

    • @SURYA698
      @SURYA698 3 дні тому

      Sabhi sanatani hai bhagwan rishabhnath bhi bhagwan ke panda se hai

    • @Savejainism
      @Savejainism 3 години тому

      जैन धर्म स्वयं एक स्वतंत्र वृक्ष है शाखा समझने की भूल तुम हिंदू कर रहे हो। जैन धर्म सनातन है लेकिन सनातन नाम वाले धर्म का हिस्सा नही। वैदिक और श्रमण दोनों अलग परंपरा है।। सनातन एक time period है कोई नाम नही।
      जैन धर्म मे प्रत्येक आत्मा को पूर्ण ईश्वर माना है, किसी अन्य ईश्वर का अंश नही।
      जैन धर्म वेद को और अवतार वाद को ही स्वीकार नही करता।
      सच्चाई सुन कर असहज नही हो, स्वीकार करो।

  • @nagendrajain9521
    @nagendrajain9521 17 днів тому +11

    Jai Jinendra, also, it was proved in the Supreme Court of India by Jain person that ancient name Bharat of modern India was after son of lord Rishabdevji. This case was against Kaun banega corerpati. This was just 2-3 year ago.

  • @harishankarsharma7085
    @harishankarsharma7085 10 днів тому +39

    बौद्ध. धर्म जैन धर्म से अलग है वास्तव में बौद्ध धर्म नहीं है केवल उपासना पद्धति है. बौद्ध धर्म के लोग मांस खाते है और अहिंसा की बात करते है जो ढोंग के अतिरिक्त कुछ नहीं है.

    • @rahulmranade
      @rahulmranade 4 дні тому +1

      Bauddh dharma upasna paddhati bhi nahi hai kyonki wo to kisi bhagvan ko hi nahi mante.. ye to sirf ek sanyas lene ka marg hai.. dukh aur mrutyu se dar ke jivan se bhagne ki baat karta hai..

    • @Ulpzexkgwjjzx8655
      @Ulpzexkgwjjzx8655 3 дні тому

      ​@@rahulmranadetu to pakhandi baman hai 😂 tujhe kya pata? Karmakand se devta aate hai 😂 kabhi devi dikhi bhi hai? 😂 Bs 10 fake avtar avtar banao aur logo ko murkh banao 😂

    • @dhirajkumarnagdeote3667
      @dhirajkumarnagdeote3667 3 дні тому +2

      Kisi dharm ko samjane ke liye utani intellectual bhi chahiye. Hindu dharm ko samjane ke liye koi intellectual nahi chahiye.. log jyada gawar the isiliye Bharat se bauddha dharm nashta ho gaya aur jain dharm bhi jyada faila nahi...bewkuf logo ke liye jo dharm chahiye wo hi bas sabut raha

    • @dhirajkumarnagdeote3667
      @dhirajkumarnagdeote3667 3 дні тому

      ​@@rahulmranade Bharat ke logo ke pass itani intellectual level nahi thi..jo bauddha dharm ko samaj sakhe ..isi liye Bharat se bauddha dharm nashta ho gaya...jo tumhare jaise gawaro ke liye jo dharm chahiye wo hi bacha hai

  • @knowledgeforbetterlife3983
    @knowledgeforbetterlife3983 День тому +1

    वैसे गुरु जी का ऐतिहासिक ज्ञान उच्च कोटि का है परंतु थोड़ा सा परिवर्तन कर दे तो समाज बना रहेगा जय श्री राम वंदे भारत

  • @manishjain113
    @manishjain113 10 днів тому +8

    At least 6 Tamil Brahmi Jain Inscriptions (of 4th century BC, 3rd century BC and 2nd centuryBC) found at Mengulam, Ovamalai, Meenakshipuram, Kidaripatti, Pandamuthumalai are older than Khandgiri-Udaygiri inscription of Emperor Kharvela of 1st century BC.
    Gurudev must mention those as well, while considering oldest inscriptions related to Jainism or even any inscription.

  • @balramsharma5767
    @balramsharma5767 3 дні тому +4

    यदि किसी व्यक्ति को सनातन संस्कृति के बारे में जानना ह तो उसे जैन धर्म के ग्रंथो का अध्ययन करना चाहिए
    जय सनातन संस्कृति

    • @sukhramsolanki3320
      @sukhramsolanki3320 День тому

      ua-cam.com/users/liveAui9p7Q6Wqc?si=XIu44JsLK5zkDI0H
      जैन शास्त्रों में जो यह लिखा हुआ है वह ज्ञान और विज्ञान की कसौटी पर खरा उतरता हैं

  • @studyraj6195
    @studyraj6195 11 днів тому +11

    साधु संत मुनियों को सम्मान 😊
    सही ज्ञान जहां से मिले लेना आवश्यक है
    सनातन, जैन ,सिख,बौद्ध में अंतर नही करना चाइए
    केवल ज्ञान सर्वोपरि है

  • @BalmukundGolhani
    @BalmukundGolhani 11 днів тому +20

    अपनी अपनी डफ़ली अपना अपना राग यार एक बात सोचिये सनातन धर्म मानव के जन्म की शुरूआत से चला आ रहा है,बाकी सभी कुछ विद्वानों का मत है जो सभी जग्रह उनके विचारों का प्रचार प्रसार करने के संगठन है।

    • @ghanvedsingh8946
      @ghanvedsingh8946 7 днів тому +2

      Lekin usko priskrit karne ke baad jo panth v sampraday samne aaye Vo jain v Bodh kehlaate hain inko hindu dharam ka Pratidavandvi samajhna hamaari bhul hai

    • @Hunter-r9w
      @Hunter-r9w 4 дні тому

      Lekin durbhagya se bodh dharm me bodh ko chodkar ambedkar ki puja hoti h😂😂😂​@@ghanvedsingh8946

    • @meetshah6792
      @meetshah6792 11 годин тому

      Proof do .varna jain religion prachin hai

    • @Savejainism
      @Savejainism 3 години тому

      जैन धर्म स्वयं एक स्वतंत्र वृक्ष है शाखा समझने की भूल तुम हिंदू कर रहे हो। जैन धर्म सनातन है लेकिन सनातन नाम वाले धर्म का हिस्सा नही। वैदिक और श्रमण दोनों अलग परंपरा है।। सनातन एक time period है कोई नाम नही।

  • @kantilalagrawal2801
    @kantilalagrawal2801 16 днів тому +12

    जैन धर्म किसी ने नहीं चलाया, अनादि निधन है,जो वस्तु का स्वभाव है वहीं धर्म है, हमारे निरर्थकरो वहीं बताया, उदाहरण के तौर पर जल अनादिकाल से शीतल है और शीतल ही रहेगा, अग्नि गरम, शक्कर मीठी,इनको किसी ने बनाया नहीं।

    • @shashisoni09
      @shashisoni09 7 днів тому +6

      Bus karo. Jhuth kitna bologe. Waah re choro, Hindus ke grantho se Hindu ke hi Rishabh dev ka naam sunakar khud ko prachin bolte ho. Kitne gaye gujre ho. Tum khud hi pramanit kar diye Sanatan Hindu Dharm hi prachintam hain.🤣😊☺️

  • @DeepakKumarKumar-ys6if
    @DeepakKumarKumar-ys6if День тому +1

    जैन धर्म का आदि है अंत है तभी आप बता रहे हम जैन धर्म के बारे में❤😂 क्योंकि जैन धर्म अभी से चला❤😂 सनातन धर्म का कोई याद है ना अंत है इसका मतलब सनातन धर्म सबसे पुराना हाय ❤

  • @vishwasgupta3012
    @vishwasgupta3012 5 днів тому +4

    महाराज श्री का ज्ञान अदभुत है।

  • @sunilpatil3121
    @sunilpatil3121 День тому

    हर धर्म की उपज हज्जारो सालोंके पूर्व "मानवता धर्म" से हुई है. जैसे जैसे लोकसंख्या बढने लगी और जीवन जिने की लडाई(मानसिक/आर्थिक/भावनिक ई.) बढने लगी, तब परिस्थितीनुरुप मानवगृपोंका जीवनशैली बदलने लगी. इसीको अलग अलग धर्म, पंथ, जाती का उगम हो गया.

  • @user-gh9xe8px7s
    @user-gh9xe8px7s 17 днів тому +63

    दुनिया का सबसे पुराना और अनादि काल से चला आ रहा है जैन धर्म इसके करोड़ों सबूत आज भी मौजूद है उन्हें खोजे और देखे। धन्यवाद

    • @om23005
      @om23005 17 днів тому

      ससम्मान,
      1) मैं हिन्दू धर्म से हुँ। और मेरे गुरु एक महान जैन आचार्य रहे है। 2) बहुत दुःख होता है यह देखकर की यह लड़की और अनेक हिन्दू-जैन-सिख बंधु, फोकट के अभिमान मे पड़े है। की कौन पुराना है, यानि अपरोक्ष यह भावना कि ज्यादा महत्वपूर्ण हम है। 3) वो भी तब, जब इन दिनों बंगलादेश मे सभी हिन्दू, जैन, सिख परिवारों पर हमले, बलात्कार, हत्याये हो रही है। सबसे जबरन नौकरियो से त्यागपत्र लिखवाये जा रहे है। 4) क्या फर्क पड़ता है, कि कौन ज्यादा पुराना है। सत्य यह है कि जो भी सनातनी पूजा करता था अफ़ग़ानिस्तान मे, और जो नहीं भी करता था। चाहे हिन्दू था, जैन था, सिख था या भारतीय बौद्ध। सबको या मरना/भागना पड़ा। 5) या फिर convert होना पड़ा। और जितनी नाक ऊँची रखी, की मेरा देवता ज्यादा बड़ा, उतना ही उसके मुँह मे गाय का मांस ठूँसा गया। उनके सामने ही उनकी माँ, बहन, पत्नी, बेटी, बहु के बलात्कार किये गये। 6) फिर भी हम सनातनियों को अकक्ल नहीं आ रही है। 7) वैसे भी सनातन के चारो अंग के शास्त्र, हमें विनम्रता रखने का संदेश देते है। अपने धर्म की superiority complex मे जी कर हम अपनी ही टांगे स्वयं काट रहे है। 8) यदि हम सनातनी एक दूसरे से, स्वयं को ज्यादा ऊँचा मानते है, तो हमारे देवता भी हमसे कभी खुश नहीं होंगे। 9) समय की जरूरत है, हम सभी सनातनी एक हो। अपने समाज/ परिवार/गुरु अनुसार अपनी विधि से पूजा अर्चना जरूर करें। पर अपने समुदाय को दुसरो से उत्कृष्ट दिखाने के चककर मे हमारी एकता को भंग ना करें। 🙏 जय गौरीशंकर जी, जय जिनेन्द्र, सत श्री अकाल, जय गौतम बुद्ध जी 🙏

    • @Finsmart1
      @Finsmart1 11 днів тому +7

      तर्क तथ्य और प्रमाण दीजिए.

    • @namahshivay5956
      @namahshivay5956 10 днів тому +3

      😂

    • @jagdishvaishnav6128
      @jagdishvaishnav6128 9 днів тому +12

      धर्म केवल सनातन मानव धर्म है बाकी सभी मज़हब और पंथ है

    • @sonujain6525
      @sonujain6525 9 днів тому

      ​@@Finsmart1जाकर उदयगिरी की गुफाओं में पढ़ लो, और भी बहुत सी जगह मिल जाएंगे सवूत, और कुछ नही तो महाराज जी ने जिन लेखको का नाम लिया उनकी किताबे ही पढ़ लो, बाकी व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी जिंदाबाद छोड़ो तो कुछ नजर अच्छे से आएगा

  • @sudeepkumarjain8267
    @sudeepkumarjain8267 3 дні тому +1

    जीवन के अस्तित्व का अर्थ जानने के लिए, यदि हम इतिहास पर दृष्टि डालें तो हमें दो सबसे प्राचीन धाराएँ मिलती हैं, जो "अहिंसा परमो धर्म" के सिद्धांत को मानती हैं, जिसे हम जैन धर्म (श्रमण परम्परा) और हिंदू धर्म (वैदिक परम्परा) के नाम से जानते हैं। इन दोनों धर्मों की शुरुआत ज्ञात इतिहास से परे है या हम कहें कि ब्रह्माण्ड एवं खगोल संरचना संबंधी आधुनिक विज्ञान मान्यतायें इन धर्मों को पूरी तरह से समझा पाने में सक्षम नहीं हैं या समझने में बाधा उत्पन्न करती है, उदाहरण के लिए ये दोनों धर्म इस बात से सहमत हैं कि श्री राम एक वास्तविक ऐतिहासिक महापुरुष थे, जो लगभग 10 लाख वर्ष पहले हुए थे लेकिन आधुनिक इतिहास का सिद्धांत इस तथ्य को स्वीकार नहीं करता है। "अहिंसा परमो धर्म" ही सनातन या शाश्वत धर्म है एवं जैन धर्म और हिन्दू धर्म एक ही सनातन सच्चाई को देखने के दो नजरिये हैं । जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर ऋषवदेव जी का हिन्दू धर्म के वेदों और पुराणों में भी वर्णन हैं और जिन्हें दोनों मान्यताओं ने श्री राम ( जैन धर्मं के अनुसार श्री राम जी आठवें बलभद्र थे जो कि बीसवें तीर्थंकर मुनिसुव्रतनाथ जी के मोक्ष जाने के बाद हुए व उन्ही के शासनकाल में मोक्ष गए) के भी कई वर्षो पहले होना स्वीकार किया हैं |जैन धर्म में प्रथम तीर्थंकर ऋषवदेव जी को आदि या प्रथम क्षत्रिय माना गया हैं इन्ही से ईक्ष्वाकु कुल की स्थापना हुई थी, व इनके ज्येष्ठ पुत्र चक्रवर्ती सम्राट भरत के नाम पर हमारे देश का नाम भारत पड़ा जिसका उल्लेख दोनों धर्मो के ग्रंथो में मिलता हैं । एक ही सनातन सच्चाई "अहिंसा परमो धर्मं" की व्याख्या करने में दोनों धर्मों में भिन्नताएं आने का मुख्य कारण यह हो सकता है कि एक तीर्थंकरों की परम्परा से प्राप्त हुआ है जो कि केवलज्ञानी या सर्वज्ञ थे अतः उन्होंने यथार्थ वर्णन किया होगा, दूसरा ऐसी परम्परा है जिनके गुरु केवलज्ञानी या सर्वज्ञ नहीं थे हालांकि उनके गुरुओं को देवों ने सहायता की लेकिन केवलज्ञान न होने की वजह से अलग अलग समय में हुए महापुरुषों को उन्होंने एक ही महापुरुष का अवतार मान लिया होगा इसीलिए हिन्दू धर्मं में ईश्वर को अवतार लेने वाला व सृष्टि का कर्ता मान लिया जबकि जैन धर्मं में ईश्वर को सर्वज्ञ व सर्व शक्तिमान तो माना है लेकिन सृष्टि का कर्ता नहीं माना एवं कर्म सिद्धांत को मानते हुए ये माना है कि सृष्टि के सभी अन्नत जीव अपने पुरुषार्थ से जन्म मृत्यु के अनादि चक्र से छूटकर परम पद या मोक्ष प्राप्त कर ईश्वर बन सकते हैं। "अहिंसा परमो धर्म" कथन में हम परमो या परम (absolute) शब्द पर ध्यान आकर्षित करना चाहते हैं, जिसका अर्थ है निरपेक्ष, इस प्रकार यह बताना कि अहिंसा एक परम सनातन नियम है जो तीनों लोकों को संचालित करता है। जैन धर्म में इसे संपूर्ण विज्ञान कहा गया है जो संपूर्ण अस्तित्व के कार्य और नियमों की व्याख्या करता है।
    जैन धर्मं के अनुसार संपूर्ण सृष्टि या लोक ६ द्रव्यों से मिलकर के बना हैं
    १) आकाश (Space), २) काल (Time) ३) पुद्गल (Matter and Energy) ,
    ४) जीव (Living beings or souls) ५) धर्मास्तिकाय (Medium of Motion)
    ६) अधर्मास्तिकाय (Medium of Rest)
    आधुनिक विज्ञान उपरोक्त ६ द्रव्यों में से प्रारंभ के ३ को ही जनता हैं इसीलिए अपूर्ण हैं| इसीलिए आधुनिक विज्ञान के सिद्धांत जो कि लोक की सनातनता (eternity) पर प्रश्न चिन्ह लगाये, को सत्य मान लेना बहुत बड़ी भूल हैं |

  • @rakeshmehta9800
    @rakeshmehta9800 16 днів тому +6

    Please also read book "Bharatnama" by Dr. Prabha Kiran Jain

  • @dharmeshshah6137
    @dharmeshshah6137 8 днів тому +9

    Jainam jaiti shashanam. Ache naseeb chahiye yeh adbhut dharam pane ke liye.

    • @shashisoni09
      @shashisoni09 7 днів тому +5

      Bus kar jokes mat suna. Waah re choro, Hindus ke grantho se Hindu ke hi Rishabh dev ka naam sunakar khud ko prachin bolte ho. Kitne gaye gujre ho. Tum khud hi pramanit kar diye Sanatan Hindu Dharm hi prachintam hain.🤣😊☺️

    • @dharmeshshah6137
      @dharmeshshah6137 7 днів тому +1

      @@shashisoni09 mithya

    • @dharmeshshah6137
      @dharmeshshah6137 7 днів тому +1

      @@shashisoni09 agar rigveda mey Shri.Rishabdev ka naam hai...toh Rishabdev ko pujte kyu nahi...mithya mat felao. Rishabdev hi Mahadeo hai...dono sirf naam hi alag hai.

    • @bosshai972
      @bosshai972 6 днів тому

      @@shashisoni09 vaise hi hindu keh kar janam lena pagalpan ki nishani hoti hai

    • @onlyforyouavin355
      @onlyforyouavin355 5 днів тому

      ghanta

  • @shashisoni09
    @shashisoni09 7 днів тому +8

    Waah re choro, Hindus ke grantho se Hindu ke hi Rishabh dev ka naam sunakar khud ko prachin bolte ho. Kitne gaye gujre ho. Tum khud hi pramanit kar diye Sanatan Hindu Dharm hi prachintam hain.🤣😊☺️

    • @shitalmagdum5004
      @shitalmagdum5004 3 дні тому +1

      Jara padho history .aapne churaya rishabhadev ko hindu koi dharm nahi sankriti hai.dharm jain hai

    • @dheerajvaishnav
      @dheerajvaishnav 3 дні тому

      Yhi bat me soch rha tha ki nam sare hinduo ke le rhe he. Nishani hunduo ki le rhe or khud ko alg bta rhe he or bda bta rhe h😂😂😂😂

    • @anujjain9492
      @anujjain9492 2 дні тому

      Beta yah dhyan rakho ki tumhari bhasha achhi ho nahi to tum ek murkh ke alawa kuchh nahi samjhe jaoge

  • @krushnakumarpaliwal3385
    @krushnakumarpaliwal3385 17 днів тому +12

    Hindu, jain, baudh, sikh ye sab bhartiya dharm he.
    Khatra hame videshi dharm walo se he dhyan rakho.

    • @urbandsouza7279
      @urbandsouza7279 6 днів тому

      Real fear to be the truth.truth is truth
      Swadeshi videshi irrelevant

  • @prabhatkumarjha1965
    @prabhatkumarjha1965 5 днів тому +6

    जैन पुराणों के अनुसार अन्तिम कुलकर राजा नाभिराज और महारानी मरुदेवी के पुत्र भगवान ऋषभदेव का जन्म चैत्र कृष्ण अष्टमी व नवमी को अयोध्या में एक इक्ष्वाकुवंशी क्षत्रिय परिवार में हुआ था।

    • @SumitSharma-od2yt
      @SumitSharma-od2yt 3 дні тому

      @@prabhatkumarjha1965 बड़े भैया ये सब इनकी कल्पनिक किताब है जिनको प्रभावशाली बताने के लिए इन्होंने अपने किताब का नाम पुराण रखा है।
      पद्म पुराण और भी कई फर्जी पुराण है इनके।
      अगर आपको विश्वाश नही तो किसी भी जैन से उनके धर्म ग्रंथ मांग कर देखा।
      कोई एक भी नही देगा ।
      जैन बौद्ध और मुस्लिम किताबो को ये अन्य को पढ़ने नही देते।
      आप ब्राह्मण है गुरु देव आप भी जानते है वॉल्मीकि जी ने रामायण की रचना की है जो की मूल रामायण है जो संस्कृत मे लिखी गयी है। उसके बाद तुलसीदास जी और अन्य ने अपने हिसाब से अनुवाद किया है थोड़ा बहुत तोड़ मरोड़ हुआ है लेकिन किसी चरित्र का हनन नही हुआ है।
      आप गूगल मे जैन रामायण पढ़े एक बार प्लीज।

    • @dheerajvaishnav
      @dheerajvaishnav 3 дні тому

      तो भगवान राम के वंश में ही हुआ न। ओर राम जी के तो कितना ही बाद में हुआ होगा।।

    • @prabhatkumarjha1965
      @prabhatkumarjha1965 3 дні тому +1

      @@dheerajvaishnav मे भी यही बताना चाहता हू की जैन धर्म सनातन से पहले खुद को आना साबित क्यू करना चाहता है ।

    • @girijaprabhufan6619
      @girijaprabhufan6619 2 дні тому +1

      ​@@dheerajvaishnavram to baad me huye hai. Research kijiye.

    • @SumitSharma-od2yt
      @SumitSharma-od2yt День тому +1

      @@prabhatkumarjha1965 kam se kam khud ka colender to bana lete😀😀😀
      Hamare hi varn vyavastha chhatriye
      Hamare ki ved puran ke bina tum apne tithankro ko pramadit bhi nahi kr sakte😀😀😃😃

  • @drimranmustafa9373
    @drimranmustafa9373 6 днів тому +3

    I'm from Asansol West Bengal, it was seat of Jainism in past

  • @ramgopalrathore7982
    @ramgopalrathore7982 День тому +1

    जो भी धर्म वाले ये कहते है, की हमारे पूर्वजों का इतिहास वेद और पुराणों में मिलता है, तो फिर उन सबको वेद और , पुराणों को भी मानना चाहिए। और जो बात उनमें लीखी है।उन्हे भी मानना चाहिए। और यह भी मानना चाहिए की,हम पहले सनातनी ही थे। जबकि आप खुद मान रहे हैं। की वेद पुराण सबसे प्राचीन है। तो वेद और पुराण तो सनातन धर्म के है। मतलब आप भी सनातनी ही थे। फिर यह क्यों कहते हैं की हम सनातन से नही निकले।

    • @SumitSharma-od2yt
      @SumitSharma-od2yt День тому

      @@ramgopalrathore7982 Ved aur purano se chura kr hum apne bachcho ka naam rakhte hai....
      Inhone bhi hamare grantho se chun chun kr naam chura kr apne granth apne hisab se likhe hai jiska koi sir pair nahi hai.
      Inke siddhant vichitra hite hai😀😀😃 ye apne tirthankaro ka pramad sanatani vedo aur purano se dete hai😁
      Inke siddhant ke hisab se mere mama Ji ka naam bharat hai unka naam Ramayan aur Mahabharat me bhi milta hai, mere mama bharat ke naam se hi is desh ka naam bharat pada😄😃😃😀😃😄😁😁😆😆😆😂😅🤪

    • @sapnajain9154
      @sapnajain9154 День тому

      Guru var ne bataya ki ved me bhi 10:23 bhagwan Rishabh ke baare me likha gaya hai, matlab vedon ke likhne se pahale se hi jain dharm aur uske pahle teerthankaron rishbhdev sthapit the

  • @devisinghsisodiya3779
    @devisinghsisodiya3779 8 годин тому

    महाराज को नमन प्रणाम 🌺🌹🙏🙋, सनातन धर्म में जैन बौद्ध सिक्ख यहां तक सभी सचेत मनुष्य आते हैं 😀।।

  • @Rudra-yu1gy
    @Rudra-yu1gy День тому

    सनातन संस्कृति में भी नागा साधु का कल्चर था।
    संस्कृति एक जैसी पूजा पद्धति एक जैसी ।
    मंत्र एक जैसे ।
    फिर भी जैन अकेले क्यों रहना चाहते है।
    अपने सिद्धांतों तो मैने लेकिन हिंदू से अलग न माने।
    ❤❤❤❤❤❤

    • @Savejainism
      @Savejainism 3 години тому

      एक साथ रहने का मतलब ये नही अपना स्वतंत्र अस्तित्व खो दे।
      जैन धर्म स्वयं एक स्वतंत्र वृक्ष है शाखा समझने की भूल तुम हिंदू कर रहे हो। जैन धर्म सनातन है लेकिन सनातन नाम वाले धर्म का हिस्सा नही। वैदिक और श्रमण दोनों अलग परंपरा है।। सनातन एक time period है कोई नाम नही।

  • @sitaramkumharsitaramkumhar2281

    सनातन या हिन्दु धर्म भारतियों पर आर्यों द्वारा थोपा गया है!

  • @pawanjain1386
    @pawanjain1386 7 днів тому +6

    ऋषभ का अर्थ श्रेष्ठ, उत्कृष्ट होता है वह परब्रह्म के लिए कहा है न की विष्णुजी के अवतार ऋषभदेव के लिए नहीं।
    वेदों में इंद्र ब्रहस्पति अरिष्टनेमी की भी स्तुति और महिमा गाई गई है लेकिन यह सब स्तुति परब्रह्म परमात्मा के लिए है न की देवी देवताओं और न तीर्थंकरों के लिए है।
    प्रणाम

  • @VinitMehta2008
    @VinitMehta2008 2 дні тому

    All are same, dono dharmo ka ek hi lakshya hai Ahinsa Parmo Dharm.. ❤

  • @professornarharipandya8793
    @professornarharipandya8793 4 дні тому +8

    प्राचीनतम धर्म तो सनातन हिन्दू धर्म ही है बौद्ध भी बुद्ध के साथ , सिक्ख, जैन बौद्ध तो सनातन की शाखा ही है विवाद की कोई गुंजाइश नहीं, कई लोग भ्रमितकारते है

    • @nagendrajain9521
      @nagendrajain9521 2 дні тому

      @professornarharipandya8793 Wrong.... there was no Hindu Dharma. The word Hindu became popular by invaders because of the Sindhu River from Sindhu it became Hindu.
      So called today's Hindu Dharma is a branch of Sanatan Dharma. There are two branches of Sanatan Dharma Verdic and Sharavan. Sharavan sanatan Dharma is Jain Dharma.
      Also don't compare Jain Dharma with Budh Dharma or Sikh Dharma (no offence to these Dharmas). Mahaveer Tirthanker is 24th Tirthanker of Jain religion. During Mahaveer times, Budhha coexisted. There are 23 Tirthankers prior to Mahaveer. Jain religion is very, very old and Rishabdev was first Tirthanker. Please read and do research before posting things. Thanks

    • @Savejainism
      @Savejainism 3 години тому

      जैन धर्म स्वयं एक स्वतंत्र वृक्ष है शाखा समझने की भूल तुम हिंदू कर रहे हो। जैन धर्म सनातन है लेकिन सनातन नाम वाले धर्म का हिस्सा नही। वैदिक और श्रमण दोनों अलग परंपरा है।। सनातन एक time period है कोई नाम नही।

  • @bhoopsuthar7180
    @bhoopsuthar7180 13 днів тому +5

    नमोस्तु नमोस्तु नमोस्तु 🙏🙏 आचार्य श्री के चरणों मो नमन करता हूं। मेरा सवाल है। की जब जैन धर्म अनादिकाल से चल रहा है। फिर हम हिंदू कैसे हुए। और जैन जो हमारे भाई है। और अपने व्यापार में अपना जीवन व्यतीत करते है। वो बनिया है क्यों होते है। मतलब बनिया ही जैन क्यों होते है। हम जैन क्यों नहीं है

    • @harshkshirsagar7170
      @harshkshirsagar7170 13 днів тому +5

      Kisne bola sirf baniya jain hote hai. I am also jain and Im not baniya.
      Jain me koi caste nhi hoti jain sirf jain hota hai
      North India me jyadatar jain business karte hai isliye log unhe baniya bolte hai

    • @bhoopsuthar7180
      @bhoopsuthar7180 12 днів тому +2

      @@harshkshirsagar7170 जी में इस बारे में नही जानता था। आपने बताया। धन्यवाद आपका

    • @mitalichaudhary05
      @mitalichaudhary05 7 днів тому +3

      ​@@bhoopsuthar7180yeh aisa kya bataya usne. Apki baat ko hi repeat kiya. Yeh darpok hote hai. Sena may kyu nahi bharti hote. Bank loans ke saare ghotale yahi log kyu karte hai,pucho issey.

    • @swapniljain5576
      @swapniljain5576 4 дні тому +2

      ​@@mitalichaudhary05we jains are very patriotic. Captain Abhinandan varthaman jinhone pakistan ka F16 giraya tha wo bhi jain he. Inke father bhi Air chief marshal Rahe he and his wife is also retired squadron leader. Don't spread hatred against jains.

    • @paulomi9351
      @paulomi9351 День тому

      @@swapniljain5576 tell her about queen abacca and queen chennabhairavadevi who were Jainism followers
      Chennabhairavadevi was titled pepper queen who ruled over her kingdom for over fifty years and even fought Portuguese invaders and even queen abacca fought Portuguese
      Bhama sha was treasurer and minister of Rana Pratap
      Likewise there are lots of examples of jains khastriya roots

  • @praveejain1714
    @praveejain1714 15 днів тому +3

    Hamara jain dharam bhut pure and true hai itna pracheen hai fir bhi hum log minority ho gaye wo hamare hi karan hai, hum apna dharam chhod kar idhr udhar bhatak rahe hain

  • @padmkumarjain
    @padmkumarjain 17 днів тому +8

    Marvelous memory!

  • @abhayrockstar9244
    @abhayrockstar9244 7 днів тому +7

    भगवान श्रीकृष्ण और २२ वे तीर्थंकर नेमीनाथ भगवान चचेरे भाई थे.
    भगवान राम और तीर्थंकर मुनिसुव्रतनाथ एक दूसरे के मित्र थे.
    तीर्थंकर ऋषभदेव को भगवान विष्णु का अवतार माना गया है.
    इसी तरह हम एक दूसरे जुड़े हुए है.
    तो जैन या हिंदू इनमें से कोन पहले आया ये प्रश्न आज के समय में ज्यादा मायने नही रखता.
    प्रश्न और उत्तर तक ठीक है पर ये पहले की ओ पहले आया इसपर दोनो समुदाय के बीच कभीभी झगड़ा, विवाद नही होना चाइए.
    एक समय में भारत के हम सब लोग कभी हिंदू भी थे, कभी जैन भी थे और कभी बुद्ध थे.
    हिंदू, जैन, बुद्ध, सिख हम सब एकही भारत मां की संतान है.
    हिंदू भाईयो को दिगंबर जैन मुनि के दिगंबर होने पर फालतू प्रश्न नही पूछने चाइए और जैन भाईयो को भी कुछ हिंदुओ के मांसाहार खाने पर ज्यादा आपत्ति नहीं दिखानी चाइए.
    बटोगे तो कटना तय है.
    साथ में रहने में ही हम सबकी भलाई है
    जय श्रीराम, जय जिनेन्द्र

    • @sukhramsolanki3320
      @sukhramsolanki3320 День тому

      क्षमा करें आपको इतिहास ठीक था ठीक ज्ञान नही हैं योगेश्वर श्रीकृष्ण जी के काल में जैन मत का नामोनिशान नही था यह तो लगभग तीन हजार पैंतीस सौ वर्ष पहले अस्तित्व में आया

    • @SumitSharma-od2yt
      @SumitSharma-od2yt День тому

      @@sukhramsolanki3320 2600 saal pahale aaya

  • @jaybhavani8416
    @jaybhavani8416 2 дні тому

    🌞
    We expect discussion on
    different types of
    Sadhan Padhatiya
    for moksha
    in jain Dharma .
    🙏

  • @mahandrsinghpardeshi9171
    @mahandrsinghpardeshi9171 8 днів тому +4

    पुराण किसने लिखे?

  • @Sanjaygoswami2463
    @Sanjaygoswami2463 8 днів тому +5

    प्रथम तिर्थंकर हे और अतीम भी
    तो साफ है कि यह आदि धर्म है नाकी अनादि
    और यह भी निश्चित हे जैन धर्म कि शुरुआत शिवजी हुई थी और यह सनातन सत्य है के सभी धर्मों का बीज शिवजी ही है शिव हि सभी धर्मों के मूल है पसंद आये तो लाईक किजिए 😊

  • @dayaljadav18
    @dayaljadav18 7 годин тому

    वेद का अर्थ ज्ञान वेदों में कोई विशेष कि बात नहीं है,वेद ईश्वर क्रीत है और सब मनुष्य के दुःख दूर हो सुख की प्राप्ति के लिए है|अगर किसी को धर्म का इतिहास जानना चाहते हैं तो (महर्षि दयानंद सरस्वती क्रुत{सत्यार्थ प्रकाश} पढ़ें)अगर मेरी इस को मेंटेन से किसी का दिल दूंगा है तो में क्षमा करें (सत्य की ओर एक कदम

  • @gajendrakamvar97
    @gajendrakamvar97 День тому

    वैसे तो जैन धर्म और बौद्ध धर्म वेदों को प्रमाण नहीं मानते हैं और जब बात अपने अस्तित्व की आई तो उन्हीं को चर्चा में ले आओ धन्य हो विद्वानों।

    • @Savejainism
      @Savejainism 3 години тому

      जो जिस भाषा को जानता है उसी भाषा मे समझाना पड़ता है।।

  • @AnilBariya-ev5bp
    @AnilBariya-ev5bp День тому

    Namasaru Gurudev

  • @sukhramsolanki3320
    @sukhramsolanki3320 День тому +1

    क्या जैन साधु जी वैदिक विद्वानों से सार्वजनिक मंच पर शास्त्रार्थ द्वारा सिद्ध कर सकते हैं कि वेदों में इतिहास हैं या किसी व्यक्ति विशेष मत विशेष संप्रदाय विशेष का उल्लेख हैं

    • @SumitSharma-od2yt
      @SumitSharma-od2yt День тому

      @@sukhramsolanki3320 Mahaveer nihshandeh maha purush huye
      Lekin inke jane ke baad inke anuyayi inke mritu jo Diwali ko huyi thi FIR bhi ye Diwali ka tyohar manate hai.
      Ye vaidik sinddhant ke viprit hua
      Humko to hamare Ram aur Krishna kab mritu lok se gaye ye us din ka hum parv kaha manate hai

  • @SunilKumar-du3ce
    @SunilKumar-du3ce 9 годин тому

    धर्म कुछ नहीं बस पूजा, उपासना,की एक पद्धति है.

  • @user-bd5dr2cz8e
    @user-bd5dr2cz8e День тому

    ❤ બિટિયા ભારત માં કોઈ ધર્મ પહેલા અને કયો પછી, કયો શ્રેષ્ઠ એ શાસ્ત્ર અને લોકો ના મત અલગ છે તે બોધપઠ સમજી મહત્વ ન આપવું પણ ભારતનો ધર્મ સનાતન છે યા ને અનાદિકાળથી છે.સર્વસંમતિ છે આપણે મોક્ષ યા ને આત્મસાક્ષાત્કાર કે સર્વજ્ઞપદ કે બ્રહ્મ માં વિલીન થવાનું છે આ સિદ્ધાંત છે . તેમાં બે મત નથી એક જ મત છે ્આત્મસાક્ષાત્કાર એ જ ટોચ છે.જેતમામ ધર્મ થી પર. છે❤

  • @harishankerrajpurohit3373
    @harishankerrajpurohit3373 3 дні тому

    मुझे पुस्तक चाहिए कृपया भेजे payment करूगा, ज्ञान वृद्धक, साधुवाद

  • @b.rchaudhary4224
    @b.rchaudhary4224 День тому

    Wah bhai wah kya Gyan hai.

  • @aniruddhanawale6046
    @aniruddhanawale6046 3 дні тому

    कलियुगचा प्रताप, आहे। २००० वर्ष पूर्व महावीर स्वामी नंतर कोनिही जैन मुनि निर्वाण का पावला नाही?याचा विचार करावा।
    आत्मकल्याण सोडून समाज मधे भांडण लावने योग्य नाही। बाकि आपल्या धर्मिक विचारा बद्दल आदर भाव आहे

  • @maheshkumarbanjare4379
    @maheshkumarbanjare4379 2 дні тому

    Great 100% true

  • @user-hm6wn7kn2v
    @user-hm6wn7kn2v 5 днів тому +6

    ऋग्वेद में ऋषभ देव्यो कहा है यानि ऋषि और देवों को प्रणाम किया गया है, उनका आवाह्न किया गया है न कि जैनियों के ऋषभदेव अगर और जानना चाहते हो तो सत्यार्थ प्रकाश पढ़ो

    • @RJ27ProductionsUniversal
      @RJ27ProductionsUniversal 3 дні тому

      फर्जी है सत्यार्थ प्रकाश

    • @ketucozy413
      @ketucozy413 День тому +1

      ​@@RJ27ProductionsUniversalवहां मुर्ख

    • @shivaa2413
      @shivaa2413 12 годин тому

      Uska lekhak to bhang pita tha kya pdega usko sabse bekar kitab h ​@@RJ27ProductionsUniversal

  • @AJ-kk8uk
    @AJ-kk8uk 13 днів тому +5

    नमोस्तु गुरुदेव 🙏🙏🙏

  • @Chauchau8888
    @Chauchau8888 День тому

    Namo jaha aata hai vahi se sanaatan hai

  • @pooranmalverma9212
    @pooranmalverma9212 5 днів тому

    कोई हमारे गृहमंत्री श्री अमित शाह को भी समझाएं कि वे अपने आप को हिंदू धर्म का अनुयाई बता कर जैनधर्म का अपमान ना करें l

    • @SumitSharma-od2yt
      @SumitSharma-od2yt День тому

      @@pooranmalverma9212 Kyoki unke andar sanatani ka khon taudata hai isliye wo agresiva rahte hai, lekin ye baat kayaro ko samajh nahi aayegi😀😀

  • @Nobody-hj6hh
    @Nobody-hj6hh 9 годин тому

    Dekhiye me hindu hu or me ni manta ke kon pahle aya ya kon nahi bas itna kahunga ap or hum ek hai,mere kayi jain frnd mere sth mandir jte hai or me apke,koi bhed ni hai sab ek hai sbko parampita parameshwar tak jana hai, milke rhe sath rhe varna koi hai jo hme batne katne bethe hai

  • @kamaldugar9249
    @kamaldugar9249 2 дні тому

    We should not go for argument.we should priroty for piece.

  • @kameshwarojha2850
    @kameshwarojha2850 2 дні тому

    Charansparsh mahamuni.

  • @bharatrawal1933
    @bharatrawal1933 14 годин тому

    जैन समुदाय में जो rishbhdev की बात की जा रही है असल में वो सीधे सीधे महादेव को इंगित कर रह है क्युकी आप इनके रिषभ देव जी के बारे मे पढ़िए आपको पता चल जाएगा

  • @BabaMahakal
    @BabaMahakal 5 днів тому +2

    किसी पंथ की श्रेष्ठता उसके प्राचीनता से नाही बल्कि उसकी उपयोगिता व्यवहारिकता से होती है।
    वैदिक धर्म सभी उत्कृष्ट ज्ञान का निरपेक्ष संकलन है सब देवताओं महापुरुषों का वर्णन है, वृषभ देव का नाम उपासना होने से जैन की प्राचीनता सिद्ध नाही होती ऋग्वेद से ही निकल कर जैन ने वृषभ देव को अलग स्थापित कर लिया ऐसा भी चिंतन करिये । अलागाव वाद से बचिए ज्ञान तपस्या साधना पर ध्यान दीजिये महापुरुषों ।

  • @KrishnaGMisra
    @KrishnaGMisra День тому

    धर्म का कोई नाम नहीं होता धर्म धर्म ही है।

  • @gaganjain2265
    @gaganjain2265 12 днів тому +5

    Namostu guruver Bhagavan

  • @fulchandmaru9962
    @fulchandmaru9962 4 дні тому

    सनातन धर्म से जैन धर्म का प्रादूरभाव हुआ है।
    चौबीस अवतारों में गणना करने पर पता चलता है।

  • @Goumatasevasanstha108
    @Goumatasevasanstha108 7 днів тому +2

    जैन मुनि केवल जैन धर्म के हर समय पर उपस्थिति बता रहे हैं। लेकिन सनातन धर्म तो ब्रह्माण्ड के सृष्टि भी उद्धृत है। दुसरे धर्म में तो केवल ग्रंथ या पुस्तकें स्तूप यादि हीं है। लेकिन सनातन धर्म में , रामायण है तो साक्ष्य राम सेतु, लंका अयोध्या। इस तरह से बहुत साक्ष्य मिलेंगे।

  • @chetanchoudhary94
    @chetanchoudhary94 День тому +1

    धंधे में चोरी यहां भी चोरी 😂😂😂

  • @kiranchoudhary1567
    @kiranchoudhary1567 3 дні тому

    Aap ne chaturai se jvab dia h lekin guruji har jain k gar par ganeshji ki Lakshmi ji ki puja hoti lekin guruji kisi hindu k gar m mahavir swami ki nahi ab saf h ki hindu dharm se hi Jain aaye h

  • @praveenramteke6551
    @praveenramteke6551 2 дні тому

    बौद्ध या जैन धर्म से पहले हिंदू धर्म के होने का कोई एविडेंस नहीं है। बुद्ध के चौदह सौ साल बाद हिंदू धर्म अस्तित्व में आया। इसका संस्थापक शंकराचार्य खुद प्रच्छन्न बौद्ध कहलाता है।ऐक भी प्राचीन मूर्ति नहीं मिलती है हिंदू देवी-देवताओं की।

  • @Childrendesire1001
    @Childrendesire1001 3 дні тому

    Gyaan ka prvaah dekhiye
    Itna knowledge.....✨✨✨

  • @sukhramsolanki3320
    @sukhramsolanki3320 День тому

    वैसे अर्धज्ञानी ईसाई वेदों में ईशा को ढूंढ लेते है मुसलमान मदीना ढुंढ लेते है और रामपाल दास कबीर ढुंढ लेते है
    वेद के मंत्र को समझने के लिए १ शिक्षा २ कल्प ३ छन्द ४ ज्योतिष ५ निरुक्त्त ६ व्याकरण इन छः शास्त्रों को ज्ञान पहले प्राप्त करना पड़ता है तब सही सही अर्थ निकलते हैं नही तो फिर शब्दों के अनुसार मनमर्जी के अर्थ निकाले जा सकते है और यह किया है जैन साधु जी ने

  • @vedprakashsonthalia4490
    @vedprakashsonthalia4490 5 днів тому +1

    Satye ये hai ki sanatan dharm hi सबसे pahilay था. Jain dharam की utpatti raja श्री dashrath जी kay purkho से huyi है awaakchuk vansh से. Jain muni log Jain धर्म को prachintum बता कर anjaanay may हिन्दुओं को जाती वर्ग may बाँट कर कॉंग्रेस jaisi muslim parties को anuchit लाभ पहुंचा रहे हैं.

  • @sudeepkumarjain8267
    @sudeepkumarjain8267 3 дні тому +1

    जैन धर्म जिसके अन्य प्राचीन नाम परम् अहिंसामयी विश्वधर्म, अहिंसा परमो धर्म, सनातन धर्म (हालाँकि आज यह केवल हिन्दू धर्म के लिए प्रयोग किया जाता हैं लेकिन यह जैन धर्म का प्राचीन नाम हैं ),वीतराग धर्म, श्रमण धर्म, निर्ग्रन्थ धर्म, परमहंस दिगम्बर धर्म, अर्हत धर्म, वैदिक धर्म( २०वे तीर्थंकर मुनिसुव्रतनाथ के समय तक जैन धर्म को वैदिक धर्म के नाम से भी जाना जाता था और जिनवाणी को ही वेद के रूप में अध्ध्यन किया एवं कराया जाता था लेकिन एक वैदिक गुरु क्षीरकदम्ब के पुत्र पर्वत ने मद में आकर एक व्यंतर के साथ मिलकर खोटे वेदों की रचना कर दी तब दो प्रकार के वेद आर्ष वेद(जिनवाणी) एवं अनार्ष वेद (हिंसा प्रधान खोटे वेद) अस्तित्व में आ गए थे(आचार्य जिनसेन के हरिवंश पुराण के अनुसार), आज जो वेद देखने को मिलते हैं वे संभवतः इन्ही दोनों वेदो के मिश्रण से उत्पन्न होने का अनुमान हैं ), व्रती धर्म, गृहस्थों की अपेक्षा से श्रावक धर्म या क्षत्रिय धर्म (क्षत्रियता का अर्थ प्रजा और राज्य की रक्षा के साथ साथ धर्म के संरक्षण एवं संवर्धन भी होता हैं यही कारण हैं कि सभी तीर्थंकरो का जन्म क्षत्रिय कुल में ही होता हैं ), जिन धर्म आदि हैं के अनुसार संपूर्ण सृष्टि या लोक ६ द्रव्यों से मिलकर के बना हैं
    १) आकाश (Space), २) काल (Time) ३) पुद्गल (Matter and Energy) ,
    ४) जीव (Living beings or souls) ५) धर्मास्तिकाय (Medium of Motion)
    ६) अधर्मास्तिकाय (Medium of Rest)
    आधुनिक विज्ञान उपरोक्त ६ द्रव्यों में से प्रारम्भ के ३ को ही जनता हैं इसीलिए अपूर्ण हैं| इसीलिए आधुनिक विज्ञान के सिद्धांत जो कि लोक की सनातनता (eternity) पर प्रश्न चिन्ह लगाये, को सत्य मान लेना बहुत बड़ी भूल हैं |

    • @sudeepkumarjain8267
      @sudeepkumarjain8267 3 дні тому

      जीवन के अस्तित्व का अर्थ जानने के लिए, यदि हम इतिहास पर दृष्टि डालें तो हमें दो सबसे प्राचीन धाराएँ मिलती हैं, जो "अहिंसा परमो धर्म" के सिद्धांत को मानती हैं, जिसे हम जैन धर्म (श्रमण परम्परा) और हिंदू धर्म (वैदिक परम्परा) के नाम से जानते हैं। इन दोनों धर्मों की शुरुआत ज्ञात इतिहास से परे है या हम कहें कि ब्रह्माण्ड एवं खगोल संरचना संबंधी आधुनिक विज्ञान मान्यतायें इन धर्मों को पूरी तरह से समझा पाने में सक्षम नहीं हैं या समझने में बाधा उत्पन्न करती है, उदाहरण के लिए ये दोनों धर्म इस बात से सहमत हैं कि श्री राम एक वास्तविक ऐतिहासिक महापुरुष थे, जो लगभग 10 लाख वर्ष पहले हुए थे लेकिन आधुनिक इतिहास का सिद्धांत इस तथ्य को स्वीकार नहीं करता है। "अहिंसा परमो धर्म" ही सनातन या शाश्वत धर्म है एवं जैन धर्म और हिन्दू धर्म एक ही सनातन सच्चाई को देखने के दो नजरिये हैं । जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर ऋषवदेव जी का हिन्दू धर्म के वेदों और पुराणों में भी वर्णन हैं और जिन्हें दोनों मान्यताओं ने श्री राम ( जैन धर्मं के अनुसार श्री राम जी आठवें बलभद्र थे जो कि बीसवें तीर्थंकर मुनिसुव्रतनाथ जी के मोक्ष जाने के बाद हुए व उन्ही के शासनकाल में मोक्ष गए) के भी कई वर्षो पहले होना स्वीकार किया हैं |जैन धर्म में प्रथम तीर्थंकर ऋषवदेव जी को आदि या प्रथम क्षत्रिय माना गया हैं इन्ही से ईक्ष्वाकु कुल की स्थापना हुई थी, व इनके ज्येष्ठ पुत्र चक्रवर्ती सम्राट भरत के नाम पर हमारे देश का नाम भारत पड़ा जिसका उल्लेख दोनों धर्मो के ग्रंथो में मिलता हैं । एक ही सनातन सच्चाई "अहिंसा परमो धर्मं" की व्याख्या करने में दोनों धर्मों में भिन्नताएं आने का मुख्य कारण यह हो सकता है कि एक तीर्थंकरों की परम्परा से प्राप्त हुआ है जो कि केवलज्ञानी या सर्वज्ञ थे अतः उन्होंने यथार्थ वर्णन किया होगा, दूसरा ऐसी परम्परा है जिनके गुरु केवलज्ञानी या सर्वज्ञ नहीं थे हालांकि उनके गुरुओं को देवों ने सहायता की लेकिन केवलज्ञान न होने की वजह से अलग अलग समय में हुए महापुरुषों को उन्होंने एक ही महापुरुष का अवतार मान लिया होगा इसीलिए हिन्दू धर्मं में ईश्वर को अवतार लेने वाला व सृष्टि का कर्ता मान लिया जबकि जैन धर्मं में ईश्वर को सर्वज्ञ व सर्व शक्तिमान तो माना है लेकिन सृष्टि का कर्ता नहीं माना एवं कर्म सिद्धांत को मानते हुए ये माना है कि सृष्टि के सभी अन्नत जीव अपने पुरुषार्थ से जन्म मृत्यु के अनादि चक्र से छूटकर परम पद या मोक्ष प्राप्त कर ईश्वर बन सकते हैं। "अहिंसा परमो धर्म" कथन में हम परमो या परम (absolute) शब्द पर ध्यान आकर्षित करना चाहते हैं, जिसका अर्थ है निरपेक्ष, इस प्रकार यह बताना कि अहिंसा एक परम सनातन नियम है जो तीनों लोकों को संचालित करता है। जैन धर्म में इसे संपूर्ण विज्ञान कहा गया है जो संपूर्ण अस्तित्व के कार्य और नियमों की व्याख्या करता है।
      जैन धर्मं के अनुसार संपूर्ण सृष्टि या लोक ६ द्रव्यों से मिलकर के बना हैं
      १) आकाश (Space), २) काल (Time) ३) पुद्गल (Matter and Energy) ,
      ४) जीव (Living beings or souls) ५) धर्मास्तिकाय (Medium of Motion)
      ६) अधर्मास्तिकाय (Medium of Rest)
      आधुनिक विज्ञान उपरोक्त ६ द्रव्यों में से प्रारंभ के ३ को ही जनता हैं इसीलिए अपूर्ण हैं| इसीलिए आधुनिक विज्ञान के सिद्धांत जो कि लोक की सनातनता (eternity) पर प्रश्न चिन्ह लगाये, को सत्य मान लेना बहुत बड़ी भूल हैं |

  • @Swan-rb4jq
    @Swan-rb4jq 17 днів тому +8

    Sabhi jains united rahe.
    Jain dharam Shraman..
    Sab se ancient Purana hain.
    Is country ka naam bhi bharat son of bhagwan aadinath the 1st tirthanker se hain.
    Aur ye pura world dekhega..
    Dharam sprituality science technology Ayurved yog cosmos universe Jainism Shraman is the oldest n highest.
    Jaine ko kisi bhi dusre religion se darna nahi hain. Smart ho ker kaam kerna hain...
    ❤Jai Aadinath

    • @om23005
      @om23005 17 днів тому +2

      अफगानिस्तान मे एक भी सनातनी नहीं बचा, क्यों?🙏

    • @Swan-rb4jq
      @Swan-rb4jq 17 днів тому

      @@om23005 in olden days pak Afghanistan was a part of India. Krishna bhagwan two sons were also taking care..they were in charge of...Afghanistan... Many of our things r there in pak Afghanistan...
      Britishers...other Muslim attacks..
      Everything changed..
      Pak Bangladesh n still more all was part of bharat.
      Many things have happened..
      muslims from other countries, Britishers policy divide n rule..
      Congress who worked for Britishers..
      Badi mushkil se toh azadi mili lekin woh gulami hi thi congress ki with Britishers.
      Aaj bhi dono maa bete...who r not even Indians...a fake name sonia gandhi her real name is Antonio manio.. Rahul Vincy...they r Christians...from Italy. Who have a plan to loot India n run away.
      But we Indians will never allow them to do this...rahul Vincy will never b the pm of bharat.
      Italians shud b kicked out of bharat.
      Congress mamta monster mukt bharat. N America n china.. Ye do Shane... All Indians shud unite..
      Right now we are lacking behind.. Compared to usa n china..
      Pak is all time terror..
      Abhi afhgnstan ki kaha baat Kare
      Right now our country is surrounded by pak Bangladesh usa china..
      Abhi Indians ko bohot aage ana hain.....

    • @dhruvkkkk
      @dhruvkkkk 7 днів тому +1

      ase sawalo se hindu jain me nafrat badegi or kya
      leftist ne history ko apne hisab,se banaya he or kon pehle aaya is par ladne se nafrat paida hogi bss

    • @Swan-rb4jq
      @Swan-rb4jq 7 днів тому

      @@dhruvkkkk correct 👍n I was correcting the wrong history of leftist or anyone else.
      N comments were put by few.. So I just answered with very good intentions.
      Anyways...👍

  • @AshwinMaloo79
    @AshwinMaloo79 9 днів тому +2

    Namostu Namostu Namostu Gurudev 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏

  • @kanhaiyajha4246
    @kanhaiyajha4246 5 днів тому +4

    जैन धर्म में जन्म लेना अपने आप को स्वर्गलोक में जन्म लेने के समान है और खास बात ये है की अहिंसा प्रमोधर्मः की बात होती है। ये धर्म को मानने वाले भारत में 3% है जो उच्च शिक्षा प्राप्त करके उच्य पद को प्राप्त भी करते हैं। साथ ही अगर सनातन धर्म से तुलना किया जाय तो कलयुग का प्रभाव बहुत ही कम देखने को मिलता है। जिसका मुख्य कारण सात्विक आहार है । जो विचार को पवित्र बनाते हैं।।

  • @niradave2422
    @niradave2422 4 дні тому

    Jainism is a part of Hinduism.Mahavir was a Kshatriya. Shivpuran me Shivji ne muni ko ashirwad Diya tha ki Kalyug me inka khub prachar hoga.

    • @Savejainism
      @Savejainism 3 години тому

      क्षत्रिय कोई धर्म नही वर्ण है। 😂

  • @Itsyouruser
    @Itsyouruser 4 дні тому +1

    Sanatan Dharma is the roots of Jainism Buddhism, The babaji is respectable but what he is claiming are baseless arguments. For ex. He is saying Pashupati Seal is Rishabhnath which have bull, but when you see it. It is more similar to Shiv ( Hindu god.).

  • @Roots108
    @Roots108 День тому

    Sanatan Dharm se hi Jain, Budh aur Sikh panth nikle hai.

  • @1976truth
    @1976truth 4 дні тому

    Hindusam is way of life. Unlike Buddhism and jainsam is dharma

  • @sumitguptaom
    @sumitguptaom День тому

    जब ऋषभ देव जी भगवान विष्णु के अवतार है तो यह सनातन से ही निकले है न

  • @hiteshpanwar54
    @hiteshpanwar54 12 днів тому +4

    उदयगिरि खंडगिरि अभिलेख में खारवेल को आर्य बताया गया

    • @dwaitastroguru5187
      @dwaitastroguru5187 10 днів тому +3

      मैने स्वयंम खंडगीरी का शिलालेख देखा है आर्यो का कही उल्लेख नही है ।यदी होता तो प्रमाण क्या है। और किस किताब मे यह अभिलेख है।

    • @hiteshpanwar54
      @hiteshpanwar54 10 днів тому +2

      @@dwaitastroguru5187 दिगंबर जैन समाज कटक महताब रोड कटक बुक
      शोध संदर्भ सदानंद अग्रवाल

    • @hiteshpanwar54
      @hiteshpanwar54 10 днів тому +2

      अभिलेख में ऐर लिखा है जिसको डॉ नवीन कुमार साहू मतानुसार प्राकृत के ऐर शब्द को उन्होंने आर्य माना ओर खारवेल ने राजसुयज्ञ भी किया था जो

    • @dwaitastroguru5187
      @dwaitastroguru5187 10 днів тому +1

      @@hiteshpanwar54 "आयरीया" शब्द का अर्थ अर्धमागधी भाषा मे "आचार्य" होता है। नवकार मंत्र पढे। जैन आर्य नही बल्की भारत के श्रमण धर्म के महान सम्राट क्षत्रिय चक्रवर्ती राजा है। आर्य परंपरा धरती के उत्तर ध्रुवीय प्रदेश यज्ञकर्मकांड की रही और जैन धर्म मे यज्ञकर्मकांड का कोही उल्लेख नही है. जैन धर्म पुर्णरुप से अहिंसावादी है।

    • @hiteshpanwar54
      @hiteshpanwar54 10 днів тому +3

      @@dwaitastroguru5187 तो खारवेल ने राजसुयज्ञ क्यों किया। उस अभिलेख में केवल नवकार मंत्र नही लिखा है। उनकी वंश ओर उनके द्वारा किये गए युद्धों का उल्लेख है।

  • @chandrasinhparmar4220
    @chandrasinhparmar4220 10 годин тому

    चारों और से सनातन पर हमला हो रहा है

  • @vipulashokjain4035
    @vipulashokjain4035 14 годин тому +1

    Dhyanya muni raj

  • @jitendrajain5334
    @jitendrajain5334 16 днів тому +4

    जैन धर्म की जय

  • @MastersComputerAcademy
    @MastersComputerAcademy 21 день тому +5

    Bahut Badiya

  • @pawanjain1386
    @pawanjain1386 7 днів тому +9

    प्रणाम मुनि जी , आप इस विषय पर कुछ सत्य तो अधिक गलत हो , ऋषभदेव के पिता नाभी थे उन्हे कोई पुत्र नहीं था तब दान यज्ञ हवन सेवा पुरोहित ब्राह्मणों करके आपने बहुत यत्न उपाय किए, तब जा कर विष्णु ने दर्शन दिए और राजा नाभि ने पुत्र मांगा आप जैसा इसलिए विष्णु के अवतार ही ऋषभदेव का जन्म हुआ।और नाभी के पिता आग्नीध्र और उनके पिता प्रियव्रत थे और उनके पिता स्वयाम्भु मनु थे। और मनु जी के पिता ब्रह्मा जी थे।
    आपने भागवत अधूरी पढ़ी है इसलिए हम भी जैन है किन्तु अंध भक्त नाही।
    प्रणाम भागवत का पंचम स्कंध पड़ लीजिए

    • @shitalmagdum5004
      @shitalmagdum5004 3 дні тому

      Nam jain banakar kuch bhi likhana asan hai

    • @pawanjain1386
      @pawanjain1386 3 дні тому +1

      @@shitalmagdum5004 समझदार को इशारा काफी है, न शास्त्र, पुराण, वेद का ज्ञान है किन्तु सब मन के ही ज्ञानी बन गए है सब अपने आप को बड़ा बता रहे है किन्तु सोने को स्याही नही लगती।

    • @RJ27ProductionsUniversal
      @RJ27ProductionsUniversal 3 дні тому

      भाई जैन शास्त्रों को वेदों या पुराणों का validation चाइये hi क्यू ? क्या सच है क्या झूठ कोई नही जानता।​@@pawanjain1386

    • @Savejainism
      @Savejainism 3 години тому

      ​@@pawanjain1386तू लगता है विधर्मी माता पिता की संतान है मतलब तेरे माता पिता मे से एक पक्का हिंदू है तभी तेरे को जैन धर्म का ज्ञान नही। । नाम के आगे जैन क्यो जोड़ा

  • @chetanchoudhary94
    @chetanchoudhary94 День тому +1

    गलत जानकारी देकर अपने पद को कम ना करें।चार वर्णों में व्यापारी वर्ग ने अपना अलग पंथ चलाया जो आगे चलकर जैन पंथ कहलाया। धर्म तो एक ही है सनातन धर्म।

  • @shashisoni09
    @shashisoni09 7 днів тому +6

    Kirna hasayega. Bus kar. Waah re choro, Hindus ke grantho se Hindu ke hi Rishabh dev ka naam sunakar khud ko prachin bolte ho. Kitne gaye gujre ho. Tum khud hi pramanit kar diye Sanatan Hindu Dharm hi prachintam hain.🤣😊☺️

  • @nileshjain6663
    @nileshjain6663 3 дні тому

    Maharaj ji ko aur unke gyan ko naman vandan... Are bhai log yaha ladki ke prashn aur maharj ji ke jawab ko dhyan se sunoge to kahi bhi koi negative baat kisi ke prati nahi ki gai hai na hi swyam ki supremacy batayi hai balki pure video me jo hai wo sirf aur sirf knowledge ki baat ki gai hai. Baki to ye sab jante hai ki ye india hai yaha sab ko apni baat kehne ki aazadi hai... Lage raho...

  • @vijaytelkar9573
    @vijaytelkar9573 13 днів тому +6

    Jain Dharm Aur Hindu Dharm Dono Bhai Bhai Hai Fono Dharm Bahut Purane Hai
    Hindu Aur Jain Pyar Se Rahate Hai I same Desh Ki Ekata Hai
    Vijay Telkar Bhavsar
    Buldhana Maharasta

  • @NewworldBaby-p6r
    @NewworldBaby-p6r 4 дні тому +4

    जैन धर्म भारत का सबसे प्राचीन संगठित धर्म है।

  • @sureshsuthar4440
    @sureshsuthar4440 15 годин тому

    जैन धर्म सबसे पुराना होते हुए भी संख्या बल में कम क्यों है अगर भारत में संख्या बल कम है तो इनकी मूल उत्पत्ति कहां से हुई

    • @Savejainism
      @Savejainism 3 години тому

      तुम हिंदू इतने सनातन हो तो भारत मे ही क्यो सारे संसार मे क्यो नही। तेरे भागवन ने केवल भारत ही बनाया क्या😂😂

  • @shivdattsinghcharan9307
    @shivdattsinghcharan9307 4 дні тому

    जैनिज्म में अरिहंताणं, सिध्दाणम, चारणम पदों की क्या व्याख्या है

  • @Jatin_cube_gamer
    @Jatin_cube_gamer 5 днів тому +1

    जय जिनेन्द्र ❤❤

  • @niradave2422
    @niradave2422 4 дні тому

    We all should be united for our country.