शिव संस्कृत शब्द है Shiv Mana Kalyan ka ri शिव ही ज्ञान का सागर है प्रेम का सागर है सुख का सागर है इसलिए सत्यम शिवम सुंदरम भी कहते हैं शिवजी ब्रह्मा के द्वारा सृष्टि की रचना की थी यह जानकारी स्पष्ट रूप से समझने के लिए आप राजयोग शिक्षा ले भाई जी ने भी अच्छा समझाया है thank you so much ओम शांति
बहुत ही गहराई से तर्क संवत करके शिवलिंग के बारे में जानकारी दी ।। इसे ब्रम्ह ।। कुंडली आदि से जोड़ते हुए जो बताया गया वो मन को संतुष्ट करता है ।। लिंग का अर्थ प्रतीक या रूप भी होता है ।। इस बात को लेकर चर्चा भी की जा सकती है ।। जानकारी के लिए धन्यवाद ।। दानेश्वर रावत ।। रायपुर
Wah wah sir ji aapko manna padega main aapko salaam karta hun. Ye dekh kar mera jiwan sarthak ho geya mere jiwan ka sabhi confusion dur ho geya. Aapki gyan ko phir ek baar salam karta hun.🙋♂️ aap mahan gyani purush hain....
Very nice , सर आपको ये विडिओ नही बलकी बाकी भी विडिओ मैने देखे , इतना गहन ज्ञान आपको काहसे मिला , आपकी जय हो.......यह सब बातें वही समजे गा जिस को अध्यमत का ज्ञान हो।।
आपने जो स्पष्टीकरण दिया है वह दिमाग उड़ाने वाला है मैं आपकी बात से चकित हूं और यह सरल रूप से समझाया गया था। बहुत बहुत धन्यवाद आपको नमन करता हूं........मैं भी अपने चैनल पर सनातन मूल्यों को समझाने और दिखाने की कोशिश कर रहा हूं लेकिन आपके सामने मैं बहुत छोटा हूं
आप की बात बड़ी तकॅ संगत है, जो मनुष्य के इस बारें में जो तुच्छ धारणा है, उसको नष्ट करतीं हैं, बहोत बहोत धन्यवाद आपको !! जय परशुराम जयहिन्द जय भारत वंदेमातरम ।
शिवलिंग: -- सबसे पहली बात संस्कृत में "लिंग" का अर्थ होता है प्रतीक। जननेंद्रिय (sex organ) के लिए संस्कृत में एक दूसरा शब्द है - "शिश्न". √ पुरुष लिंग यानि पुरुष का प्रतिक, √ स्त्री लिंग यानि स्त्री का प्रतिक, √ शिवलिंग यानि शिव का प्रतिक।। # अगर लिंग का अर्थ पुरुष जननेंद्रिय होता तो:- ● स्त्रीलिंग शब्द के अनुसार स्त्री में भी पुरुष का जननेंद्रिय होता। ● और पुरुष लिंग का अर्थ होता पुरुष का जननेंद्रिय। इसके अनुसार अगर मै पुरुष लिंग हूँ , तो इसका मतलब मै पुरुष का जननेंद्रिय हूँ। । शिवलिंग के नीचे का जो गोल हिस्सा होता है उसे योनि या पीठ कहते है। योनि का अर्थ प्रकटीकरण या origin होता है। here origin of shivling , शिवलिंग का प्रकटीकरण।। ● योनि इसलिए बनाया जाता है ताकी शिवलिंग पर चढ़ाया हुआ सारा जल एकत्रित होकर केवल एक दिशा उत्तर में जाये क्यों की उत्तर की दिशा में गंगा प्रवाहित हुई है। इसलिए सारा शिवलिंग केवल उत्तर दिशा में ही स्थापित होता है। √ मनुष्य योनि √ पशु योनि √ वृक्ष योनि √ पुरुष योनि √ स्त्री योनि ● यदि योनि का अर्थ स्त्री जननेंद्रिय होता तो पुरुषयोनि के शब्द के अनुसार पुरुष में भी स्त्री का जननेंद्रिय होता। ● और इस अनुसार अगर मै स्त्रीलिंग हूँ तो इसका मतलब मै स्त्री की जननेंद्रिय हूँ। फिर योनि को पीठ कहना संभव नहीं होता। ●●) शिवलिंग भगवान शिव के निर्गुण-निराकार रूप का प्रतीक है और ब्रह्मा,विष्णु, महेश तीनो का मेल है ; अतः यह शरीर का कोई हिस्सा नहीं हो सकता। # ब्रह्मा,विष्णु, महेश एक ही निराकार शक्ति शिव के तीन रूप है। शिवलिंग में ऊपर के भाग में शंकर जी का स्थान है। बीच में विष्णु जी का और सतह में ब्रह्मा जी का। अतः शिवलिंग की पूजा से भगवान के तीनो रूप की पूजा हो जाती है। शिव जी का स्थान ऊपर के भाग में होने के कारन श्रृंगार में उसपर शिव जी का मुख बनता है।ह ● इसलिए यदि शिवलिंग शिव जी का जनेन्द्रिय होता तो कभी भी उसपर भगवान का मुख नहीं बनता। 👇 अतः शिवलिंग का गलत शाब्दिक अर्थ ना निकाले। कोई गलत मतलब निकाले तो उसकी कनपट पे भन्ना के चमाट मारो।
आप ने सहमत हो ने के काफी अच्छे उदाहरण दिए है। जो सहमत होने योग्य है। और आप ने बहुत अच्छा अध्यन किया है। आप के अध्यन ज्ञान से मुझे कुछ समझ में आया है। आप के ज्ञान वृद्धि के लिए धन्यवाद।
बहुत सुंदर बढ़िया जानकारी दी आप ने मानना पड़ेगा कि आप में जितना भी ज्ञान है उसके अनुसार से भगवान शिव के बारे में आप ने जो जानकारी दी है वो भी बहुत ही बढ़िया जानकारी दी आप ने पर ब्रम्ह को समझना आसान नहीं है लेकिन आप की जानकारी भी बहुत ही खाश है
apky bichar bhut hi stik bhai ji mera bhi bichar asha hi tha pr apny bhi yhi bichar rkh kr stikta ki mohr lga di m bhut khush hu m bhi is birmmand k bary m mnnn chintn krna acha lgta h apki brabr mujy giyan to nhi pr sty ko phchanny ki skkkti sayd prmatma ny di
I bet that Iskcon people would 100%disagree with this Supreme hidden truth about lord Shiva Supreme Reality as shown n explained very well in the given video
@@tejasmishra8387 bhrata ji Mai inn arya samajio Ki sachai jana chata hun aur mere kuch questions hai. Please call kariye 8920686779 ya messages kariye na
main aapke vicharon se bilkul sehmat hun... mera bhi yahi maan-na hai Shiv he ParmBrahama hai... Aadi Anadi Anant Akhand Abhedh Akhed Subhed Batawe Alakh Agochar Roop Mahesh ko Yogi Jati Muni Dhiyan na paave Aagam Nigam Puran sabhi Itihaas sada jinke gun gaave.... Bhadbhaghi Nar Naari soi jo Shambh Sada Shiv ko nit dhiyaave... Om namah shivaye om
Sahi baat hai... Kitna resemble krha hai ek dusre se.. Thankku sir aisa explanation toh pehla baar sune 🙏..it is very convincing also and very much with proof and scientific..
Sir, I was in the profession of science.Now i am retired and want to understand/ explore science behind the knowledge in our scriptures.I am impressed by your knowledge and want to associate with you in your pursuit to understand the wisdom in our spiritual literature. Please tell me in case you are willing to help me in my endeavor.
मुझे प्रसन्नता होगी कि कोई विज्ञान को समझने वाला भी हिन्दू धर्म पर शोध करे। पाखंडियों ने अपने निजी स्वार्थ के कारण हिन्दू धर्म के गूढ़ रहस्यमय तथ्यों को अपनी कुटिल बुद्धि से बिगाड़ दिया है। इसे हम सबको मिलकर ठीक करना होगा।
महोदय आपने बहुत सुंदर व्याख्या की है वैज्ञानिक और शास्त्र दोनों के दृष्टिकोण से, आपको साधुवाद । इस संदर्भ में पूरी वीडियो को देखने के बाद जो मेरी समझ आया जैसा कि आपने भी समझाया भी की भगवान शिव का जो लिंग है वो भूलोक है और उसके ऊपर बिभिन्न चक्र हैं तो उस दृष्टिकोण से तो पूरा शिवलिंग ब्रह्म है और उसमें जो नीचे मूलाधार चक्र है सिर्फ वही लिंग का द्योतक होगा यानी भूलोक । कृपया मेरी इस समझ को अपनी टिप्पणी से स्पष्ट करने की कृपा करेंगे।।
गुरु जी प्रणाम मैं आपके द्वारा दिये गये सभी बातों से पूर्ण रूप से सहमत हूँ।हमारे हिन्दू धर्म को मानने वालों को सही जानकारी की बहुत अभाव हैं। तो आप हमेशा ऐसे ही जानकारी हमे देते रहे। और मैं कबीर पंथ को मानने वाले परिवार से हु तो आप से अनुरोध हैं।कि आप कबीर साहेब के बारे में एक वीडियो बनाइये क्योकि अभी तक कोई कबीर जी के बारे में तर्क संगत विडियो नही बनाये हैं।प्लीज मैं आपके वीडियो का इंतिजार करूँगा।धन्यवाद
आपके समग्र तथ्य शत प्रतिशत विज्ञान पे आधारित है। आपके ज्ञान का वहाँ कर अंतरात्मा शांत हो गई। विगत कई वर्षो से मेरे अंदर एक ज्वाला सी उठती थी की कृष्ण ब्रह्म है या शिव जी । किन्तु एक तथ्य आज भी सभी के लिए संशय का कारण बना हुआ है आपने अपने ज्ञान अनुसार यह बताया की शिव जी है परम ब्रह्म किन्तु गीता मे भगवान कृष्ण ने जो विराट स्वरूप दिखाया था जिसमे सभी देवी देवता विध्यमान थे जिसमे सारा ब्र्हाम मांड विसद्यमान था जिसमे शिव भी थे और ब्रम्हा भी और केंद्र मे थे कृष्ण तो अब आपके ज्ञान अनुसार शिव ही परम ब्रहम है और गीता मे कृष्ण कृपया उत्तर दे आपका उत्तर करोड़ो की जिंदगी सवार सकता है।
UA-cam tutorial , आपने बहुत ही अच्छा प्रश्न पूछा है। ये विषय अति गंभीर है। इसे ठीक से समझने के लिए हमें अपनी बुद्धि को थोड़ी देर के लिए शून्य में ले जाना होगा। मैंने अपने कई वीडियो में बताया है कि ब्रह्म एक है, उनके रूप तीन हैं, ब्रह्मा, विष्णु और महेश। अतः ये तीनों ही कभी भी अपने विराट रूप में आ सकते हैं। परन्तु प्रजा की रक्षा का जिम्मा केवल भगवान विष्णुजी का ही है। इसीलिए जब अर्जुन किसी भी प्रकार से समझ नहीं रहा था तो उन्हें अपना विराट रूप दिखाना ही पङा। अब सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि उस समय वे अपने ब्रह्म रूप में थे, कृष्ण रूप में नहीं। अब ये लोगों की अपनी समझ पर निर्भर करता है कि वे इस रूप की कल्पना किस प्रकार करते हैं। क्योंकि ये रूप कृष्णजी ने लिया था इसीलिए लोगों ने कृष्णजी को मध्य में मान लिया। अन्यथा भगवान के इस रूप की कल्पना कर पाना किसी के लिए भी संभव नहीं है। जिन्हें ब्रह्मज्ञान लग जाता है वे ईश्वर के हर रूप का आदर करतें हैं, और जिन्हें ब्रह्मज्ञान नहीं लगता वे ईश्वर के एक रूप का तो आदर करतें हैं, परन्तु उनके दूसरे रूपों को तुच्छ समझते हैं।
Secrets of Hindu Dharm सर इन सबका सोर्स क्या है आप जो ये सारे धर्म और बिज्ञान आधारित बात करते है ये सब किन माध्यमो से करते है आप किस पुराण या वेद का आशय लेकर आप ये समग्र ज्ञान प्रस्तुत करते है मैन सौर्स क्या है आपके ज्ञान का बताएंगे
आदरणीय सत्यप्रकाश जी आपने एक वीडियो में भगवान शंकर और भगवान विष्णु के बारे मे जो वेदों में पहले से ही बताया गया है कि शिव जी और विष्णु जी एक दूसरे के पूरक हैं परन्तु कुछ संस्थाएँ भगवान शिव को विष्णु भगवान से छोटा बताकर के समाज में और हिंदू धर्म के प्रति गलत प्रचार कर रहे हैं आपने जो वेदों में सही है कि शिव और विष्णु में कोई अंतर नहीं हैं उसी को दोहराया हैं आपको कोटि कोटि धन्यवाद 🙏🙏🙏🙏🙏🙏 और आशा करता हूँ कि हिंदू धर्म के माध्यम से ऐसी चर्चाये वीडियो के माध्यम से देते रहेंगे! हरि ओम् नमः शिवाय
prapt Karne wale brahm Gyan ki jaane ki jankari Dene wale aise bahut hi milte Hain aapko dhanyvad ji dhanyvad aapane apun jankari bataiye aur is to take manav ko apne yoga aur meditation karne ke liye ismein mat postmen de ja raha hai aapko dhanyvad hai tak ki sabhi ko Gyan prapt ho gaye aur aarogya
Bahaut gajab videos banate ho aap aaj hi dekha mei to. Aapke vichaar aur vedic gyaan dono ko sahi sahi rakhke. Ki yh mera vichaar hai yeh vedic gyaan. Samjhna sabko apne hisab se hai.
nirupma Misra …My dear , iss me aap ko kia Scientific veekhayee dia . He says @3:37 k Shivling ka na aad hai , na aant bhav koi Sirraa hee nahi hai…tau veh possible nahi hai ..JS Aujla USA
Jay 🙏🙏🙏🙏🙏 Bholenath Har har Mahadev ji. Om Namah Shivay... And very 👌👌👌👍👍👍 very Nice Your Story Sir ji.. You are write Sir your Story Sir.. Very very Beautiful nice 👍👍Story Sir.. Thank you So much Sir ji .. God bless you Sir ji. And Take care Sir ji
भाई साहब , बहुत सी बातें इतनी रहस्यमय रही हैं ,, जो किसी भी शास्त्र में दर्ज नहीं हैं । अर्थात वैदिक काल से पूर्व -- भगवान शिव जी ने प्रत्येक ग्रहस्थी स्त्री - पुरुषों को , एक ऐसी गुह विद्या प्रदान की थी , जिसको अपनाने से - पती - पत्नि के विचार तो एक समान रहते ही थे ,साथ ही साथ वो - दो जिस्म एक जान रह कर - ऊत्तम कर्म व सर्व श्रेष्ट संस्कार अथवा पराक्रमी सन्तान की उत्पत्ति भी किया करते थे । उस गुप्त विद्या का नाम है " ग्रहस्थ आश्रम का गुहा विज्ञान " । जिसका मूल आधार प्रत्यक्ष रूप में " सुर्य , चन्द्रमाँ और पंच तत्व " हैँ । आदि काल में पती - पत्नि अपने नवजात शिशुओं के गले में - सोँनें चांदी के , चाँद-सूरज बांधते थे , और वही परंपरा आज तक भी चल रही है । ग्रहस्थ आश्रम का गुहा विज्ञान , इस गुप्त दिव्य विद्या में , ऐसी - ऐसी योग क्रियाएँ व मुद्राएँ मौजुद हैं , जिनके द्वारा स्त्री अपने म्रत पती को भी जीवित कर लेती हैं । इसिलिए कहा गया है कि , ग्र्ह्स्थाश्रम- सभी आश्रमोँ से श्रेष्ट एवं बड़ा है ,, क्योंकि यहाँ बड़े-- बड़े ऋषि-मुनियोँ ने जन्म लिया है । भाई साहब , इस वीडियो में आपने शिव लिंग के बारे में कई महत्वपूर्ण बातें बताई हैं । लेकिन अब सबसे महत्वपूर्ण जानकारी मैँ भी दे रहा हूँ । भाई साहब , शिव लिंग की यह आक्रति - ग्र्ह्स्थाश्रम का गुहा विज्ञान, की एक योग क्रिया है , जो कि भगवान शिव जी ने समझाने के लिए बनाई है । इस आक्रति में - लिंग व यौनि का योग दिखाया गया है । यानि कि, योग के द्वारा रतिक्रिया ( सैक्स ) दिखाई गई है । और यह योग क्रिया इस प्रकार से है । 13 अंगुल लम्बी - 1 सूत मोटी , चाँदी की, पीतल की या स्वैटर बुनने वाली सलाई लें , और उसे इस प्रकार मोड़ कि , 3 अंगुलियों में सटीक बैठ जाए । इस पर देसी घी लगा कर 1इंच प्रति दिन - लिंग इंद्री में डाला जाता है । इस क्रिया को करने से -- 3 महिनें पहले से भोजन का त्याग करना पडता है , और केवल आधा से एक किलो दुध में घी डाल कर पिया जाता है । अन्यथा लिंग में चिर मिराट हो जाती है । जब 13 अंगुल सलाई पूरी लिंग में प्रवेश कर जाए- तो इसे " ब्ज्रोली क्रिया " कहते हैं । इसके बाद उदियान बन्ध के द्वारा घी को - लिंग के द्वारा भीतर खींचा जाता है । इस क्रिया में परिपूर्ण होने के बाद -- नीँचे लेट कर - लिंग योग यौनि के द्वारा पत्नि के रजोगुण को खींच कर - ब्र्म्ह्र्ंधर में स्थापित किया जाता है । इसे " सहजोली क्रिया " कहते हैं । जो कि , शिव लिंग के रुप में -शिवालयोँ में मौजुद हैं । इस क्रिया में द्वारा " ईड़ा नाड़ी, पिंगला नाड़ी का योग होकर - प्राण वायु का शुष्मना नाड़ी में वास हो जाता है । इस नाड़ी में "" ईश्वरीय अणु या फिर गॉड पार्टिकल्स " होते हैं और भगवान शिव जी हर समय शुष्मना नाड़ी में रमण करते हैं । इन दोनों योग क्रियाओं के बाद - आखरी " अम्रोली क्रिया " जो कि , शरीर को " अद्रश्य" करने के साथ ही साथ " जीव को अमर " कर देती है । अब तो आप समझ ही गए होंगे कि , शिव लिंग - पुजा करने के लिए है या फिर शिवजी की बताई यह योग विधि- ग्र्ह्स्थाश्रम में अपनाने के लिए है । भाई साहब , शिव लिंग योग , के बारे में बताने के लिए अभी बहुत कुछ है , बहुत से लोग मेरे अनुभवों को अच्छा कहेगेँ ,और बहुत से लोग मेरा मजाक भी बनाएगें । जैसी जिसकी सोच ,,,। भाई साहब , ग्र्ह्स्थाश्रम का गुहा विज्ञान , आज भी भारत के मात्र 7 लोगों के पास है । जो कि, नई दिल्ली , उत्तरप्रदेश , हिमाचल प्रदेश , बिहार और बंगाल - देश के अलग-अलग प्रांतोँ से हैं । सभी सन 1970 से गुप्त रुप में शिव योग में संलग्न हैं । धन्यवाद मैं आधुनिक ग्रहस्थी योगी बलराज शर्मा (68) सिद्धाश्रम ज्ञान गंज - तिब्बत , कैलाश पर्वत के समीप -शिवालय के सिद्ध योगियों का शिष्य हूँ । और पहली बार आपके सामने आया हूँ । नई दिल्ली से । Yogisnsfoundation1@gmail.com ( R ) ॐ सिद्धाय न्ंम: जय हिंद जय भारत
Apke lekh se prabhawit hua hun ......or wakai apke lekh me dam hai main kai salo se yog tantr mantr dharm etc ko samjhne ki kosis kar raha hun shiv ling ka apne kafi accha arth bataya dhanywad apko
#YogiBalrajSharma I want to ask one question sir..... The question is.... Shiva is eternal or he also has a ending?? Can you give me some ideas regarding this?
मैंने इसी विडियो में बताया है कि जहाँ ब्रह्म का मूलाधार है वही हमारा सौरमण्डल है और मूलाधार के मूल में ही लिंग होता है और लिंग से ही सृष्टि उत्पन्न होती है। शिवलिंग का जहाँ उत्पत्ति स्थान है वही हमारी पृथ्वी है, इसीलिए केवल पृथ्वी पर ही सृष्टि उत्पन्न होती है और मुक्ति पाकर जीवात्मा अन्य लोकों में जाते हैं।
महोदय आपने योग, भक्ती या असिम ध्यान से इस्को जाना हो या नाहो , परन्तु जो ब्यख्या दि है बहुत कुछ सहि है। समाधी से परे अन्तहिन अन्तरीक्ष हैं और उससे परे सिर्फ विराट अन्तहिन प्रकाश है और उससे परे निल रुप का महा विश्व है, और उससे परे परा शून्य है , जहाँ कुछ भि कहने और दिख्ने का कोइ नामो निशान भि नहि है जिसको अङ्ग्रेजी में absolute nothingness कहते हैं। ऐसा अनुभव में मृत्यु जैसी अवस्था में हो चुका है, चुंकी मेरे पास इसके वयानके लिए कोइ शब्द बचा हि नहि। धन्यवाद हुजुर, आपने ईश विदिओ में सहि फर्माया है।
This great knowledge that you have passed to next generation. We lack this spiritual information, we seek them, but we don't have power to deep dive Veda or Upanishads, it requires a understanding level we don't have obviously we were never groomed in with this knowledge that even our parents lack. But with people like you, we are grateful that such information is shared and we know what is the true meaning of life. Like to see more such spiritual knowledge.
➡️🕺बचपन में पढ़ते समय पढ़ाया गया कि मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर करना पर कुरान पढ़ने के बाद मेरा विचार सर के बल पलट गये और इसके कारण है कुरान की आयत सुरा आयते :- ➡️2:98 अल्लाह गैर मुस्लिमों का शत्रु है। ➡️3:85 इस्लाम के अलावा कोई अन्य धर्म स्वीकार नहीं। ➡️8:85 इस्लाम को इनकार करने वालों के दिलों में अल्लाह खौफ भर देगा और मुसलमानों तुम उनकी गर्दन पर वार करके उनका अंग काट दो। ➡️3:118 केवल मुसलमानों को भी अपना मित्र बनाओ। ➡️3:28,9:23 - गैर मुस्लिमों को दोस्त ना बनाओ। ➡️8:39- गैर मुस्लिमों से तब तक युद्ध करो जब तक कि अल्लाह का दिन पूरी तरह कायम ना हो जाए ➡️22:30 - मूर्तियां गंदगी है। ➡️9:5 - मूर्ति पूजको को जहां और जैसे पाओ वहां घात लगा कर मार दो। ➡️33:61- मुनाफिक और मूर्तिपूजक जहां भी पकड़े जाएंगे बुरी तरह कत्ल किए जाएंगे ➡️3:62 , 2:2:55 , 27:61, और 35:3 - अल्लाह के अलावा कोई अन्य प्रभु पूज्य नहीं है। ➡️21:98 - अल्लाह के सिवाय किसी और को पूजनीय वाले जहन्नुम का इंधन है। ➡️9:28 - मूर्तिपूजक नपाक है। ➡️4:101 - काफिर तुम्हारे खुले दुश्मन हैं। ➡️9:123 - काफिरों पर जुल्म करो। ➡️9:29 - काफिरों को अपमानित कर उससे जजिया कर लो। ➡️66:9 - काफिरों और मुनाफ इको से जिहाद (जंग) करो। ➡️8:69 - आयतो को इनकार करने वालों को खाल पकाएंगे । ➡️9:14 - अल्लाह मोमिनो के हाथों काफिरों को यातना देगा। ➡️8:57 - युद्ध बंदियों से नीरिशंसता करो। ➡️32:22 - इस्लाम छोड़ने वालों से बदला लो। हिंदुओं को अगर विश्वास ना हो तो कुरान को डाउनलोड करके रेफरेंस को चेक कर ले और मुसलमानों को इसमें कोई गलती नजर आवे तो मुझे भी बेझिझक बता देवें। Note- हमें माफ कीजिए हमारा उद्देश्य नफरत फैलाना नहीं हमारा उद्देश्य भविष्य में भारत में दंगा रोकना और इस्लामिक देश सीरिया और पाकिस्तान बनने से रोकना है। हमने 1200 साल का इस्लामिक इतिहास पढ़ा इसी कुरान की आयतों को विश्वास में रखने के कारण मुस्लिम आक्रांता ओं ने करोड़ों गैर-मुसलमानों का कत्ल और धर्म परिवर्तन और हजारों मंदिरों को तोड़ा है और लाखों महिलाओं का बलात्कार किया है क्योंकि मुसलमान भाई कुरान को बोलते हैं अल्लाह का भेजा हुआ आसमानी किताब है लेकिन मुझे इसमें कुछ भी ऐसा नजर नहीं आता है। ➡️ इस्लाम का प्रसार निर्दोषों के खून पर हुआ है ➡️ प्रमाण के तौर पर वर्तमान में अभी भी काफी पुरानी मस्जिदें हैं जो मंदिरों को तोड़कर बनी है उसमें मंदिर के चिन्ह और मूर्तियों के चिन्न देखे जा सकते हैं ➡️सभी हिंदू भाइयों से निवेदन है कि कृपया सनातनी हिंदू बनो सनातन धर्म में पूरे विश्व को परिवार माना गया है वसुदेव कुटुंब और सर्वे भवंतू सुखिनाह सनातन धर्म की विचारधारा है मस्जिद मंदिर मस्जिद के झगड़े से दूर होकर कर्तव्य सत्य अहिंसा न्याय सदाचार के रास्ते पर चलो ➡️ कर्म ही धर्म है (श्रीमद भगवत गीता) ➡️धर्म और मजहब और रिलीजन में क्या अंतर है??? धर्म शब्द की उत्पत्ति ही सनातन हिंदू धर्म से है धर्म कोई उपासना या या पूजा नहीं है ⚛कर्म ही धर्म है। (श्रीमद भगवत गीता) धर्म आस्तिक नास्तिक सब पर लागू होती है :🚩मानव धर्म के दस लक्षण बताये हैं:🚩 धृतिः क्षमा दमोऽस्तेयं शौचमिन्द्रियनिग्रहः। धीर्विद्या सत्यमक्रोधो, दशकं धर्मलक्षणम् ॥ (धृति (धैर्य), क्षमा (दूसरों के द्वारा किये गये अपराध को माफ कर देना, क्षमाशील होना), दम (अपनी वासनाओं पर नियन्त्रण करना), अस्तेय (चोरी न करना), शौच (अन्तरंग और बाह्य शुचिता), इन्द्रिय निग्रहः (इन्द्रियों को वश मे रखना), धी (बुद्धिमत्ता का प्रयोग), विद्या (अधिक से अधिक ज्ञान की पिपासा), सत्य (मन वचन कर्म से सत्य का पालन) और अक्रोध (क्रोध न करना) ; ये दस मानव धर्म के लक्षण हैं।) ⚛अर्थात कर्तव्य अहिंसा न्याय सदाचार सदगुण आदि। ➡️बाकी religion और मजहब शब्द दिन का शब्द मुसलमान और ईसाई का है इसका कोई अर्थ नहीं आता है
इसी शब्द की पालन ठीक से नहीं करने के कारण पूरे विश्व में अशांति हैं भारत में भी हम लोग ख mix हुए हैं रिलीजन मजहब सब mix हुए हैं किसी को ज्ञान ही नहीं है इसीलिए पूरे विश्व में अशांति है इसका ज्ञान पढ़ाई स्कूलों में होना चाहिए लेकिन धर्मनिरपेक्ष भारत में हम क्या उम्मीद कर सकते हैं। हिंदू सनातन वाले जिस दिन धर्म के रास्ते पर चलने लगेंगे उस दिन भारत फिर से सोने के चिड़िया हो जाएगा लेकिन दुर्भाग्यवश मजहब और रिलीजन के मानने वाले लोग हैं उनको पता ही नहीं है कि धर्म क्या है रिलीजन क्या है और मजहब क्या है? ➡️अर्थात कर्म ही धर्म है (श्रीमद भगवत गीता) ➡️1200साल का खूनी खेल कारण पूरे भारत देश का धर्म परिवर्तन हो चुका है जिस दिन हम अपने मूल में आ जाएंगे फिर से पूरे भारत में शांति ही शांति होगी।🕉🚩🙏🙏🙏🙏🇮🇳🌷
Manav dharam ka10lekhshen aapne ginaye .bahut acha sanathan walon may ekh bhi vyekthi ko aap batha saktha hai jo in gunom sey paripurna hai. Aap swayam paripurna hai kya? Yeh bathaiyeyay yedi in gunom par koi chaltha hai tho uska MRITHEW ke bad uska kya hoga?aur jo nahi chal Saka uska bhi kya hoga?
😂😂💩 Kisi chutiya pandit ke dwara likhi hui kuran padh liye ho kya. Aur ek baat sanatan koi dharm nahi hai aur na hi sanatan dharm me moorti puji jati hai. Galat kitab padh rahe ho.
@@aftabahmadahmad9 lagta h tum bhi kisi chutiye ki hi wajah se paida hue ho. Tumhe kis ne kah diya ki sanatan koi dharam nahi. Jabki sanatan hi sabse purana dharm h jo hajaroo saalo se present h.
धन्य हैं आप सर जय हो सत्य सनातन धर्म 💥🚩
♥️हर हर महादेव ♥️
The shape of the universe is also like shivling ,Har har mahadev 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🥰🥰🥰🥰🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩
जब तक हमारे शिवजी का नाम रहेगा तब तक हिंदू धर्म अमर रहेगा
Shiv hi Satya hai ,Shiv hi parbhrm hai Sadashiv hai, સ્થાન ll ૐ નમઃ શિવાય ll
शिव संस्कृत शब्द है Shiv Mana Kalyan ka ri शिव ही ज्ञान का सागर है प्रेम का सागर है सुख का सागर है इसलिए सत्यम शिवम सुंदरम भी कहते हैं शिवजी ब्रह्मा के द्वारा सृष्टि की रचना की थी यह जानकारी स्पष्ट रूप से समझने के लिए आप राजयोग शिक्षा ले भाई जी ने भी अच्छा समझाया है thank you so much ओम शांति
बहुत ही गहराई से तर्क संवत करके शिवलिंग के बारे में जानकारी दी ।। इसे ब्रम्ह ।। कुंडली आदि से जोड़ते हुए जो बताया गया वो मन को संतुष्ट करता है ।। लिंग का अर्थ प्रतीक या रूप भी होता है ।। इस बात को लेकर चर्चा भी की जा सकती है ।। जानकारी के लिए धन्यवाद ।। दानेश्वर रावत ।। रायपुर
सर आपका बहुत बहुत धन्यवाद इतनी महत्वपूर्ण जानकारी और इतने वैज्ञानिक तरींके से समझाने के लिए।
Aaj tak itni sukshamta se kisi ne nhi samjhaya adbhut avismarniya koti koti dhanyawaad 🙏🙏
Wah wah sir ji aapko manna padega main aapko salaam karta hun. Ye dekh kar mera jiwan sarthak ho geya mere jiwan ka sabhi confusion dur ho geya. Aapki gyan ko phir ek baar salam karta hun.🙋♂️ aap mahan gyani purush hain....
I'm totally speechless .Your video has left me shaken. It has transported me to a different place .Thank you for sharing your knowledge Sir🙏🙏🙏🙏🙏🙏
right information sir ji ,shivling is the symbol of the universe, har har mahadev 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🥰🥰🥰🥰🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩
Jai jai bholenath tumare koudi nahi khajane m , Teenon lok m basti basai khud aap base beerane m. Har har mhadev
Very nice , सर आपको ये विडिओ नही बलकी बाकी भी विडिओ मैने देखे , इतना गहन ज्ञान आपको काहसे मिला , आपकी जय हो.......यह सब बातें वही समजे गा जिस को अध्यमत का ज्ञान हो।।
आपने जो स्पष्टीकरण दिया है वह दिमाग उड़ाने वाला है मैं आपकी बात से चकित हूं और यह सरल रूप से समझाया गया था। बहुत बहुत धन्यवाद आपको नमन करता हूं........मैं भी अपने चैनल पर सनातन मूल्यों को समझाने और दिखाने की कोशिश कर रहा हूं लेकिन आपके सामने मैं बहुत छोटा हूं
आज मुझे समझ में आया कि
यह सृष्टि का मतलब क्या है
इसी लिए साधुओं ने सभी प्राणियों में
भगवान शिव की दर्शन करते हैं
Namaste Sathya Prakashji, bas kuch 2 hafte se main aapke vedio dhek rahi hu. Bahut se vicharo par aapne clarity dee hai. Aap ka bahot bahot danyavaad.
आप की बात बड़ी तकॅ संगत है, जो मनुष्य के इस बारें में जो तुच्छ धारणा है, उसको नष्ट करतीं हैं, बहोत बहोत धन्यवाद आपको !! जय परशुराम जयहिन्द जय भारत वंदेमातरम ।
बहुत ही बढ़िया तरीके से समझाया सर आपने यही सत्य है आपका ये ज्ञान अद्भुत है 🙏🙏
शिव ही सनातन है सनातन धर्म सर्वोपरि हर हर महादेव 🙏🙏
Wow
aap mahan hai sir
🙏🙏🙏❤❤❤
aap hi ek gyani sache sanatani hai
har har mahadev❤🙏
सर आपके वीडियो बहुत ही तर्क शिल होते है बहुत ही ज्ञानवान ,कृपया आप वीडियो बनाते रहे एक दिन आपका चैनल और आपका ये ज्ञान बहुत लोगो तक पहुंचेगा
शिवलिंग: --
सबसे पहली बात संस्कृत में "लिंग" का अर्थ
होता है
प्रतीक।
जननेंद्रिय (sex organ) के लिए संस्कृत में एक दूसरा शब्द
है - "शिश्न".
√ पुरुष लिंग यानि पुरुष का प्रतिक,
√ स्त्री लिंग यानि स्त्री का प्रतिक,
√ शिवलिंग यानि शिव का प्रतिक।।
# अगर लिंग का अर्थ पुरुष जननेंद्रिय होता तो:-
● स्त्रीलिंग शब्द के अनुसार
स्त्री में भी पुरुष
का जननेंद्रिय होता।
● और पुरुष लिंग का अर्थ होता पुरुष का जननेंद्रिय।
इसके अनुसार अगर मै पुरुष लिंग हूँ ,
तो इसका मतलब मै पुरुष का जननेंद्रिय हूँ।
।
शिवलिंग के नीचे का जो गोल हिस्सा होता है
उसे
योनि या पीठ कहते है।
योनि का अर्थ प्रकटीकरण या origin
होता है।
here origin of shivling ,
शिवलिंग का प्रकटीकरण।।
● योनि इसलिए बनाया जाता है ताकी शिवलिंग पर
चढ़ाया हुआ सारा जल एकत्रित होकर केवल एक
दिशा उत्तर में जाये क्यों की उत्तर
की दिशा में
गंगा प्रवाहित हुई है।
इसलिए सारा शिवलिंग केवल उत्तर दिशा में
ही स्थापित
होता है।
√ मनुष्य योनि
√ पशु योनि
√ वृक्ष योनि
√ पुरुष योनि
√ स्त्री योनि
● यदि योनि का अर्थ स्त्री जननेंद्रिय होता तो
पुरुषयोनि के शब्द के अनुसार पुरुष में
भी स्त्री का जननेंद्रिय होता।
● और इस अनुसार अगर मै स्त्रीलिंग हूँ
तो इसका मतलब मै
स्त्री की जननेंद्रिय हूँ।
फिर योनि को पीठ कहना संभव
नहीं होता।
●●) शिवलिंग भगवान शिव के निर्गुण-निराकार रूप
का प्रतीक है और ब्रह्मा,विष्णु, महेश
तीनो का मेल है ;
अतः यह शरीर का कोई
हिस्सा नहीं हो सकता।
# ब्रह्मा,विष्णु, महेश एक ही निराकार
शक्ति शिव के
तीन रूप है।
शिवलिंग में ऊपर के भाग में शंकर जी का स्थान
है। बीच में
विष्णु जी का और सतह में
ब्रह्मा जी का।
अतः शिवलिंग की पूजा से भगवान के
तीनो रूप
की पूजा हो जाती है।
शिव जी का स्थान ऊपर के भाग में होने के कारन
श्रृंगार में
उसपर शिव जी का मुख बनता है।ह
● इसलिए यदि शिवलिंग शिव जी का जनेन्द्रिय
होता तो कभी भी उसपर भगवान
का मुख नहीं बनता। 👇
अतः शिवलिंग का गलत शाब्दिक अर्थ ना निकाले।
कोई गलत मतलब निकाले तो उसकी कनपट पे भन्ना के चमाट मारो।
ये है सत्य कहानी जो अपने कही,
ये लोग झूठ फैला रहे हैं बिना बात का
Aapne bhut hi achha btaya
लिंग ko लिंग hi bolege hm......god nhi.....or kon dekha h god ko....
Nicely explained bro thank you
p
Sach m..aapne.bhut. stik. Risarch. Kiya.h.hr.hr.mhadev.aap.aese.hi.or.jyada.khub
Risarch.kro.bhut.jyada.aawsykta.h
धन्यवाद सर आप इसी तरहा हिंदू धर्म की जानकारी देते रहीये
आप ने सहमत हो ने के काफी अच्छे उदाहरण दिए है। जो सहमत होने योग्य है। और आप ने बहुत अच्छा अध्यन किया है। आप के अध्यन ज्ञान से मुझे कुछ समझ में आया है। आप के ज्ञान वृद्धि के लिए धन्यवाद।
हर हर महादेव ♥️🚩
Har har Mahadev 🙏 jai Sri ram ji 🙏🕉️
Thankyou sir bahut bahut jankari ke liye.
🕉नमःशिवाय 🔱🙏🏽🌹🚩🏹🌺🌏धन्यवाद आपनें कितना कुड रहस्य बताया बिलकुल सही कहा आपने हम आपकी बातों का आदर करते हैं जय श्री महाकाल हर हर महादेव जी राम राम
Har har Mahadev 🙏 jai Sri ram ji 🙏🕉️
बहुत सुंदर बढ़िया जानकारी दी आप ने मानना पड़ेगा कि आप में जितना भी ज्ञान है उसके अनुसार से भगवान शिव के बारे में आप ने जो जानकारी दी है वो भी बहुत ही बढ़िया जानकारी दी आप ने पर ब्रम्ह को समझना आसान नहीं है लेकिन आप की जानकारी भी बहुत ही खाश है
।। सत्यम् शिवम् सुंदरम् ।।
apky bichar bhut hi stik bhai ji mera bhi bichar asha hi tha pr apny bhi yhi bichar rkh kr stikta ki mohr lga di m bhut khush hu m bhi is birmmand k bary m mnnn chintn krna acha lgta h apki brabr mujy giyan to nhi pr sty ko phchanny ki skkkti sayd prmatma ny di
I bet that Iskcon people would 100%disagree with this Supreme hidden truth about lord Shiva Supreme Reality as shown n explained very well in the given video
@Conjuring Karkare yu know very well about the Reality of Arya Samaj better than me
@Conjuring Karkare bhrata ji Arya smaj ke bare mein mai bhi jana chata hun. Please message ya call kariye na 8920686779
@@tejasmishra8387 bhrata ji Mai inn arya samajio Ki sachai jana chata hun aur mere kuch questions hai. Please call kariye 8920686779 ya messages kariye na
main aapke vicharon se bilkul sehmat hun... mera bhi yahi maan-na hai Shiv he ParmBrahama hai... Aadi Anadi Anant Akhand Abhedh Akhed Subhed Batawe Alakh Agochar Roop Mahesh ko Yogi Jati Muni Dhiyan na paave Aagam Nigam Puran sabhi Itihaas sada jinke gun gaave.... Bhadbhaghi Nar Naari soi jo Shambh Sada Shiv ko nit dhiyaave... Om namah shivaye om
आदरणीय सत्यप्रकाशजी,
आपको मेरे कोटी कोटी प्रणाम!
ओम् नमः शिवाय
और
ओम् नमो भगवते वासुदेवाय
WONDERFUL, Sir, आप नया वीडियो क्यूँ नही बना रहे...!
Sahi baat hai... Kitna resemble krha hai ek dusre se.. Thankku sir aisa explanation toh pehla baar sune 🙏..it is very convincing also and very much with proof and scientific..
Neetu Pandeya
ua-cam.com/video/0BBe1Ip9zBY/v-deo.html
Bahut badiya jaankari di hai bahut accha laga
सटीक और सार्थक जानकारी है जहाँ तक विचार इस विडियो में व्यक्त किए गये हैं तथ्यों से परिपूर्ण है।
Bhai ji aapane kitani acchi jankari de di .bahut dhanyavad.aisi jankari kisise nahi mili.apako koti koti naman.
इस वैज्ञानिक विश्लेषण के लिए आपको बहुत बहुत धन्यवाद।
Bahut achchhi baat batayi aapne..
Sir,
I was in the profession of science.Now i am retired and want to understand/ explore science behind the knowledge in our scriptures.I am impressed by your knowledge and want to associate with you in your pursuit to understand the wisdom in our spiritual literature. Please tell me in case you are willing to help me in my endeavor.
मुझे प्रसन्नता होगी कि कोई विज्ञान को समझने वाला भी हिन्दू धर्म पर शोध करे। पाखंडियों ने अपने निजी स्वार्थ के कारण हिन्दू धर्म के गूढ़ रहस्यमय तथ्यों को अपनी कुटिल बुद्धि से बिगाड़ दिया है। इसे हम सबको मिलकर ठीक करना होगा।
@@Secrets_of_Hindu_Dharm sir maine app se baat krni hai plzzzz apna contact nmbr do plzzzz sir request hai hath jod kar
महोदय आपने बहुत सुंदर व्याख्या की है वैज्ञानिक और शास्त्र दोनों के दृष्टिकोण से, आपको साधुवाद । इस संदर्भ में पूरी वीडियो को देखने के बाद जो मेरी समझ आया जैसा कि आपने भी समझाया भी की भगवान शिव का जो लिंग है वो भूलोक है और उसके ऊपर बिभिन्न चक्र हैं तो उस दृष्टिकोण से तो पूरा शिवलिंग ब्रह्म है और उसमें जो नीचे मूलाधार चक्र है सिर्फ वही लिंग का द्योतक होगा यानी भूलोक । कृपया मेरी इस समझ को अपनी टिप्पणी से स्पष्ट करने की कृपा करेंगे।।
ua-cam.com/video/kwlKbKQkGhI/v-deo.html
आप ने जो बताया शत पर्तिशत सही है बहुत बहुत धन्यवाद
गुरु जी प्रणाम मैं आपके द्वारा दिये गये सभी बातों से पूर्ण रूप से सहमत हूँ।हमारे हिन्दू धर्म को मानने वालों को सही जानकारी की बहुत अभाव हैं। तो आप हमेशा ऐसे ही जानकारी हमे देते रहे। और मैं कबीर पंथ को मानने वाले परिवार से हु तो आप से अनुरोध हैं।कि आप कबीर साहेब के बारे में एक वीडियो बनाइये क्योकि अभी तक कोई कबीर जी के बारे में तर्क संगत विडियो नही बनाये हैं।प्लीज मैं आपके वीडियो का इंतिजार करूँगा।धन्यवाद
You explain the fact in very simple language thanks.
Om namah shivay. Shiveling means (shanti swaroop).om namah shivay. N what about OMKAR ?
Aapne sch me bhut achhi vyakhya ki hai bhut achhi tq
Sir your videos are highly addictive
The more I dig in the more I want
Appreciate it
Good job sir hats off
Jai mahakaal
धन्यवाद
Tightrope hub mm
धन्यवाद
धन्यवाद प्रणाम, बहुत आसान भाषामे आपने बतादिया 🙏 काेटि काेटि प्रणाम आपकाे 🙏
Your videos really. Help us regaining our knowledge bout hindu dharm
Kya main aapki student ho sakti hoo🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏Shiv ke is Viraat roop ko dekhkar main dhanta ho gayi.Aapko shat shat naman 🙏🙏🙏🙏🙏Om Namah Shivay
आपके समग्र तथ्य शत प्रतिशत विज्ञान पे आधारित है। आपके ज्ञान का वहाँ कर अंतरात्मा शांत हो गई। विगत कई वर्षो से मेरे अंदर एक ज्वाला सी उठती थी की कृष्ण ब्रह्म है या शिव जी । किन्तु एक तथ्य आज भी सभी के लिए संशय का कारण बना हुआ है आपने अपने ज्ञान अनुसार यह बताया की शिव जी है परम ब्रह्म किन्तु गीता मे भगवान कृष्ण ने जो विराट स्वरूप दिखाया था जिसमे सभी देवी देवता विध्यमान थे जिसमे सारा ब्र्हाम मांड विसद्यमान था जिसमे शिव भी थे और ब्रम्हा भी और केंद्र मे थे कृष्ण तो अब आपके ज्ञान अनुसार शिव ही परम ब्रहम है और गीता मे कृष्ण कृपया उत्तर दे आपका उत्तर करोड़ो की जिंदगी सवार सकता है।
UA-cam tutorial , आपने बहुत ही अच्छा प्रश्न पूछा है। ये विषय अति गंभीर है। इसे ठीक से समझने के लिए हमें अपनी बुद्धि को थोड़ी देर के लिए शून्य में ले जाना होगा। मैंने अपने कई वीडियो में बताया है कि ब्रह्म एक है, उनके रूप तीन हैं, ब्रह्मा, विष्णु और महेश। अतः ये तीनों ही कभी भी अपने विराट रूप में आ सकते हैं। परन्तु प्रजा की रक्षा का जिम्मा केवल भगवान विष्णुजी का ही है। इसीलिए जब अर्जुन किसी भी प्रकार से समझ नहीं रहा था तो उन्हें अपना विराट रूप दिखाना ही पङा। अब सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि उस समय वे अपने ब्रह्म रूप में थे, कृष्ण रूप में नहीं। अब ये लोगों की अपनी समझ पर निर्भर करता है कि वे इस रूप की कल्पना किस प्रकार करते हैं। क्योंकि ये रूप कृष्णजी ने लिया था इसीलिए लोगों ने कृष्णजी को मध्य में मान लिया। अन्यथा भगवान के इस रूप की कल्पना कर पाना किसी के लिए भी संभव नहीं है। जिन्हें ब्रह्मज्ञान लग जाता है वे ईश्वर के हर रूप का आदर करतें हैं, और जिन्हें ब्रह्मज्ञान नहीं लगता वे ईश्वर के एक रूप का तो आदर करतें हैं, परन्तु उनके दूसरे रूपों को तुच्छ समझते हैं।
Secrets of Hindu Dharm सर इन सबका सोर्स क्या है आप जो ये सारे धर्म और बिज्ञान आधारित बात करते है ये सब किन माध्यमो से करते है आप किस पुराण या वेद का आशय लेकर आप ये समग्र ज्ञान प्रस्तुत करते है मैन सौर्स क्या है आपके ज्ञान का बताएंगे
श्रीमानजी मैं नहीं जानता कि आप मेरे बारे में क्या विचार रखते हैं, अतः इस विषय पर मैं आपको कुछ भी बताने में असमर्थ हूँ।
सर इसमें कोई संशय नही की इन बातों का कोई काट नही किन्तु इनकी प्रमाणिकता क्या है क्योंकि मैंने आपका वीडियो कई जगह शेयर किया है
किन्तु प्रश्न यही है कि आप इन बातों की प्रामाणिकता भी दे जिससे हम सतपथ पर चल सके क्योंकि आज के समय मे भ्रामक तथ्य बहुत ज्यादा हैं।
आपने बहुत सुन्दर और ग्यान वरधक विडियो बना कर हम सभी को कृतार्थ किया है
संपूर्ण ब्रह्मांड का प्रतीक है शिवलिंग!
आपने बहुत ही सरल शब्दों में शिवलिंग की व्याख्या की मन में जिज्ञासा है यह शिवलिंग पर जल चढ़ाने का क्या प्रयोजन है
Thanx sir for giving information about our great religion
आदरणीय सत्यप्रकाश जी आपने एक वीडियो में भगवान शंकर और भगवान विष्णु के बारे मे जो वेदों में पहले से ही बताया गया है कि शिव जी और विष्णु जी एक दूसरे के पूरक हैं परन्तु कुछ संस्थाएँ भगवान शिव को विष्णु भगवान से छोटा बताकर के समाज में और हिंदू धर्म के प्रति गलत प्रचार कर रहे हैं आपने जो वेदों में सही है कि शिव और विष्णु में कोई अंतर नहीं हैं उसी को दोहराया हैं आपको कोटि कोटि धन्यवाद 🙏🙏🙏🙏🙏🙏 और आशा करता हूँ कि हिंदू धर्म के माध्यम से ऐसी चर्चाये वीडियो के माध्यम से देते रहेंगे! हरि ओम् नमः शिवाय
Very informative sirji
shared your knowledge Very simple way .anybody can understand.thank u
Great knowledge sirji
Har har mahadev
prapt Karne wale brahm Gyan ki jaane ki jankari Dene wale aise bahut hi milte Hain aapko dhanyvad ji dhanyvad aapane apun jankari bataiye aur is to take manav ko apne yoga aur meditation karne ke liye ismein mat postmen de ja raha hai aapko dhanyvad hai tak ki sabhi ko Gyan prapt ho gaye aur aarogya
Jo gyan mujhe aapki video se mila vo gyan mujhe khi nhi mila
Mind blowing.sir you have answered all questions to human
लिंग का अर्थ आकार या जाति होता है न कि शिशन गलत विचार मत फलाओ।समझ बदलो ?
Bahaut gajab videos banate ho aap aaj hi dekha mei to. Aapke vichaar aur vedic gyaan dono ko sahi sahi rakhke. Ki yh mera vichaar hai yeh vedic gyaan. Samjhna sabko apne hisab se hai.
Bahut khub Sr.. Yeh gyan share karne k liye.. Thank you 🙏
Guruji aap ka gyan satya hain.
So true...and so well explained. Thank you
Aap ki ek bat bht aachi lagi aap bht sach bolte he
Bahut khoobsoorat vishleshan. Nicely ,very scientifically explained.
Good job sirji
Om namah: shyvay
nirupma Misra …My dear , iss me aap ko kia Scientific veekhayee dia . He says @3:37 k Shivling ka na aad hai , na aant bhav koi Sirraa hee nahi hai…tau veh possible nahi hai ..JS Aujla USA
ua-cam.com/video/0BBe1Ip9zBY/v-deo.html
Adbhut vishleshan
Great knowledge
Har har mahadev
* Sirji. !!
Really great wonderfully beautifully information. !!
Jay 🙏🙏🙏🙏🙏 Bholenath Har har Mahadev ji. Om Namah Shivay... And very 👌👌👌👍👍👍 very Nice Your Story Sir ji.. You are write Sir your Story Sir.. Very very Beautiful nice 👍👍Story Sir.. Thank you So much Sir ji .. God bless you Sir ji. And Take care Sir ji
भाई साहब , बहुत सी बातें इतनी रहस्यमय
रही हैं ,, जो किसी भी शास्त्र में दर्ज नहीं हैं ।
अर्थात वैदिक काल से पूर्व -- भगवान शिव जी ने प्रत्येक ग्रहस्थी स्त्री - पुरुषों को , एक
ऐसी गुह विद्या प्रदान की थी , जिसको अपनाने से - पती - पत्नि के विचार तो एक
समान रहते ही थे ,साथ ही साथ वो - दो जिस्म एक जान रह कर - ऊत्तम कर्म व
सर्व श्रेष्ट संस्कार अथवा पराक्रमी सन्तान
की उत्पत्ति भी किया करते थे ।
उस गुप्त विद्या का नाम है " ग्रहस्थ आश्रम का गुहा विज्ञान " । जिसका मूल आधार प्रत्यक्ष रूप में " सुर्य , चन्द्रमाँ और पंच तत्व "
हैँ । आदि काल में पती - पत्नि अपने नवजात शिशुओं के गले में - सोँनें चांदी के , चाँद-सूरज बांधते थे , और वही परंपरा आज
तक भी चल रही है ।
ग्रहस्थ आश्रम का गुहा विज्ञान , इस गुप्त दिव्य विद्या में , ऐसी - ऐसी योग क्रियाएँ व
मुद्राएँ मौजुद हैं , जिनके द्वारा स्त्री अपने म्रत
पती को भी जीवित कर लेती हैं ।
इसिलिए कहा गया है कि , ग्र्ह्स्थाश्रम- सभी
आश्रमोँ से श्रेष्ट एवं बड़ा है ,, क्योंकि यहाँ बड़े-- बड़े ऋषि-मुनियोँ ने जन्म लिया है ।
भाई साहब , इस वीडियो में आपने शिव लिंग
के बारे में कई महत्वपूर्ण बातें बताई हैं ।
लेकिन अब सबसे महत्वपूर्ण जानकारी मैँ
भी दे रहा हूँ ।
भाई साहब , शिव लिंग की यह आक्रति - ग्र्ह्स्थाश्रम का गुहा विज्ञान, की एक योग क्रिया है , जो कि भगवान शिव जी ने समझाने
के लिए बनाई है । इस आक्रति में - लिंग व यौनि का योग दिखाया गया है । यानि कि, योग के द्वारा रतिक्रिया ( सैक्स ) दिखाई गई
है । और यह योग क्रिया इस प्रकार से है ।
13 अंगुल लम्बी - 1 सूत मोटी , चाँदी की,
पीतल की या स्वैटर बुनने वाली सलाई लें ,
और उसे इस प्रकार मोड़ कि , 3 अंगुलियों
में सटीक बैठ जाए । इस पर देसी घी लगा कर
1इंच प्रति दिन - लिंग इंद्री में डाला जाता है ।
इस क्रिया को करने से -- 3 महिनें पहले से
भोजन का त्याग करना पडता है , और केवल
आधा से एक किलो दुध में घी डाल कर पिया
जाता है । अन्यथा लिंग में चिर मिराट हो जाती है । जब 13 अंगुल सलाई पूरी लिंग में प्रवेश कर जाए- तो इसे " ब्ज्रोली क्रिया "
कहते हैं । इसके बाद उदियान बन्ध के द्वारा
घी को - लिंग के द्वारा भीतर खींचा जाता है ।
इस क्रिया में परिपूर्ण होने के बाद -- नीँचे
लेट कर - लिंग योग यौनि के द्वारा पत्नि के
रजोगुण को खींच कर - ब्र्म्ह्र्ंधर में स्थापित
किया जाता है । इसे " सहजोली क्रिया " कहते
हैं । जो कि , शिव लिंग के रुप में -शिवालयोँ
में मौजुद हैं । इस क्रिया में द्वारा " ईड़ा नाड़ी,
पिंगला नाड़ी का योग होकर - प्राण वायु का
शुष्मना नाड़ी में वास हो जाता है । इस नाड़ी में "" ईश्वरीय अणु या फिर गॉड पार्टिकल्स "
होते हैं और भगवान शिव जी हर समय शुष्मना नाड़ी में रमण करते हैं ।
इन दोनों योग क्रियाओं के बाद - आखरी
" अम्रोली क्रिया " जो कि , शरीर को " अद्रश्य"
करने के साथ ही साथ " जीव को अमर " कर
देती है ।
अब तो आप समझ ही गए होंगे कि , शिव लिंग - पुजा करने के लिए है या फिर शिवजी की बताई यह योग विधि- ग्र्ह्स्थाश्रम में
अपनाने के लिए है ।
भाई साहब , शिव लिंग योग , के बारे में बताने के लिए अभी बहुत कुछ है , बहुत से
लोग मेरे अनुभवों को अच्छा कहेगेँ ,और
बहुत से लोग मेरा मजाक भी बनाएगें ।
जैसी जिसकी सोच ,,,।
भाई साहब , ग्र्ह्स्थाश्रम का गुहा विज्ञान ,
आज भी भारत के मात्र 7 लोगों के पास है ।
जो कि, नई दिल्ली , उत्तरप्रदेश , हिमाचल प्रदेश , बिहार और बंगाल - देश के अलग-अलग प्रांतोँ से हैं । सभी सन 1970
से गुप्त रुप में शिव योग में संलग्न हैं ।
धन्यवाद
मैं आधुनिक ग्रहस्थी योगी बलराज शर्मा (68)
सिद्धाश्रम ज्ञान गंज - तिब्बत , कैलाश पर्वत के समीप -शिवालय के सिद्ध योगियों का शिष्य हूँ । और पहली बार आपके सामने
आया हूँ । नई दिल्ली से ।
Yogisnsfoundation1@gmail.com
( R ) ॐ सिद्धाय न्ंम: जय हिंद जय भारत
Sir, please ... Main aapse milna Chahta hoon . Koi tareeka batayein Milne kaa. Pleeease 🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Smj hi ni aya kuch🤔🙄
Apke lekh se prabhawit hua hun ......or wakai apke lekh me dam hai main kai salo se yog tantr mantr dharm etc ko samjhne ki kosis kar raha hun shiv ling ka apne kafi accha arth bataya dhanywad apko
#YogiBalrajSharma
I want to ask one question sir.....
The question is....
Shiva is eternal or he also has a ending??
Can you give me some ideas regarding this?
।। pls contact me ....8225099147 ।।...
हम आपसे और भी बहौत कुछ जानना चाहते हैं ।।
Secret knowledge sir thanks
गुरु जी मैं आपकी कल्पना का आदर करता हूं भगवान आपको सदा खुश रखे भगवान कृपा आप पर सदा बनी रहे
Imagine nahi reality hai
ॐ नमः शिवाय 🌺🙏
Excellent explanation. While listening this I walked tirelessly more than double.
भई महाराष्ट्र मं पंढरपूर में जो विठ्ठल है उनका जो स्तोत्र हे उसमें परब्रम्ह लिंग भजे पांडुरंग लिखा है
Bahut bahut dhannya bad
Grt explanation. I highly appreciate it. A totally different aspect normally not thought of it.
Wish you all the best.
Lovely 👍👍👍👍❤️❤️❤️❤️🙏🙏🙏 God bless you dear sir, you are right 👍
नमस्कार सत्यप्रकाश जी मेने कल आपके वीडियो देखे और मुझे बहोत ही अच्छा महसूस हुआ, बस एक प्रश्न है सिर्फ पृथ्वी पर ही जीवन कियूं है?
मैंने इसी विडियो में बताया है कि जहाँ ब्रह्म का मूलाधार है वही हमारा सौरमण्डल है और मूलाधार के मूल में ही लिंग होता है और लिंग से ही सृष्टि उत्पन्न होती है। शिवलिंग का जहाँ उत्पत्ति स्थान है वही हमारी पृथ्वी है, इसीलिए केवल पृथ्वी पर ही सृष्टि उत्पन्न होती है और मुक्ति पाकर जीवात्मा अन्य लोकों में जाते हैं।
7 it UT a 6666
Bahut hi acchi jankari. Mili Guruji. Dhanyawad. Jay ho Hindu sanatan Dharm ki.
what a great vdo..sir..wonderful
महोदय आपने योग, भक्ती या असिम ध्यान से इस्को जाना हो या नाहो , परन्तु जो ब्यख्या दि है बहुत कुछ सहि है। समाधी से परे अन्तहिन अन्तरीक्ष हैं और उससे परे सिर्फ विराट अन्तहिन प्रकाश है और उससे परे निल रुप का महा विश्व है, और उससे परे परा शून्य है , जहाँ कुछ भि कहने और दिख्ने का कोइ नामो निशान भि नहि है जिसको अङ्ग्रेजी में absolute nothingness कहते हैं। ऐसा अनुभव में मृत्यु जैसी अवस्था में हो चुका है, चुंकी मेरे पास इसके वयानके लिए कोइ शब्द बचा हि नहि। धन्यवाद हुजुर, आपने ईश विदिओ में सहि फर्माया है।
Thank you sir for understanding this conclusion.
आपकी बात एकदम सत्य है सात चक्र के अंदर क्या-क्या है मेरे गुरु जी ने मुझे थोड़ा अनुभव कराया है और आपकी बात सुनकर मुझे बहुत आनंद आया है
Very knowledgeable video 🙏
Thank you 🙏🙏🙏🙏So much sir ji. God bless you Sir.. And Take care Sir ji....
Har har mahadev ❤️
Excellent and thanks...at 70years I am blessed to be aware of this 🙏 and seeking to find more and more of your divine grace
This great knowledge that you have passed to next generation. We lack this spiritual information, we seek them, but we don't have power to deep dive Veda or Upanishads, it requires a understanding level we don't have obviously we were never groomed in with this knowledge that even our parents lack. But with people like you, we are grateful that such information is shared and we know what is the true meaning of life. Like to see more such spiritual knowledge.
Dhanyabad brahmagyaini satya prakashjee .
bahut bahut sookriya aapka
dhany.avad,Sookra was demon Guru.Be Hindu sanata.Dont be secular boy.take as a geture
Nice dadaji bahut Achh poora sb kuch samjh aaya jo bhi douct tha abhi tk
🙏ओम श्री महाकालेश्वर नमः शिवाय 🙏🙏
Har har mohadev har har mohadev har har mohadev
Om namah shivaya 🙏 jai sri ram 🙏🕉️
Om namah shivaya har har mahadev 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Iskon ki bate to bus kitabi knowledge lagti hai magar apki baat main jo logic hai woh kamal ka hai
➡️🕺बचपन में पढ़ते समय पढ़ाया गया कि मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर करना पर कुरान पढ़ने के बाद मेरा विचार सर के बल पलट गये और इसके कारण है कुरान की आयत सुरा आयते :-
➡️2:98 अल्लाह गैर मुस्लिमों का शत्रु है।
➡️3:85 इस्लाम के अलावा कोई अन्य धर्म स्वीकार नहीं।
➡️8:85 इस्लाम को इनकार करने वालों के दिलों में अल्लाह खौफ भर देगा और मुसलमानों तुम उनकी गर्दन पर वार करके उनका अंग काट दो।
➡️3:118 केवल मुसलमानों को भी अपना मित्र बनाओ।
➡️3:28,9:23 - गैर मुस्लिमों को दोस्त ना बनाओ।
➡️8:39- गैर मुस्लिमों से तब तक युद्ध करो जब तक कि अल्लाह का दिन पूरी तरह कायम ना हो जाए
➡️22:30 - मूर्तियां गंदगी है।
➡️9:5 - मूर्ति पूजको को जहां और जैसे पाओ वहां घात लगा कर मार दो।
➡️33:61- मुनाफिक और मूर्तिपूजक जहां भी पकड़े जाएंगे बुरी तरह कत्ल किए जाएंगे
➡️3:62 , 2:2:55 , 27:61, और 35:3 - अल्लाह के अलावा कोई अन्य प्रभु पूज्य नहीं है।
➡️21:98 - अल्लाह के सिवाय किसी और को पूजनीय वाले जहन्नुम का इंधन है।
➡️9:28 - मूर्तिपूजक नपाक है।
➡️4:101 - काफिर तुम्हारे खुले दुश्मन हैं।
➡️9:123 - काफिरों पर जुल्म करो।
➡️9:29 - काफिरों को अपमानित कर उससे जजिया कर लो।
➡️66:9 - काफिरों और मुनाफ इको से जिहाद (जंग) करो।
➡️8:69 - आयतो को इनकार करने वालों को खाल पकाएंगे ।
➡️9:14 - अल्लाह मोमिनो के हाथों काफिरों को यातना देगा।
➡️8:57 - युद्ध बंदियों से नीरिशंसता करो।
➡️32:22 - इस्लाम छोड़ने वालों से बदला लो।
हिंदुओं को अगर विश्वास ना हो तो कुरान को डाउनलोड करके रेफरेंस को चेक कर ले और मुसलमानों को इसमें कोई गलती नजर आवे तो मुझे भी बेझिझक बता देवें।
Note- हमें माफ कीजिए हमारा उद्देश्य नफरत फैलाना नहीं हमारा उद्देश्य भविष्य में भारत में दंगा रोकना और इस्लामिक देश सीरिया और पाकिस्तान बनने से रोकना है।
हमने 1200 साल का इस्लामिक इतिहास पढ़ा इसी कुरान की आयतों को विश्वास में रखने के कारण मुस्लिम आक्रांता ओं ने करोड़ों गैर-मुसलमानों का कत्ल और धर्म परिवर्तन और हजारों मंदिरों को तोड़ा है और लाखों महिलाओं का बलात्कार किया है
क्योंकि मुसलमान भाई कुरान को बोलते हैं अल्लाह का भेजा हुआ आसमानी किताब है लेकिन मुझे इसमें कुछ भी ऐसा नजर नहीं आता है।
➡️ इस्लाम का प्रसार निर्दोषों के खून पर हुआ है
➡️ प्रमाण के तौर पर वर्तमान में अभी भी काफी पुरानी मस्जिदें हैं जो मंदिरों को तोड़कर बनी है उसमें मंदिर के चिन्ह और मूर्तियों के चिन्न देखे जा सकते हैं
➡️सभी हिंदू भाइयों से निवेदन है कि कृपया सनातनी हिंदू बनो सनातन धर्म में पूरे विश्व को परिवार माना गया है वसुदेव कुटुंब और सर्वे भवंतू सुखिनाह सनातन धर्म की विचारधारा है मस्जिद मंदिर मस्जिद के झगड़े से दूर होकर कर्तव्य सत्य अहिंसा न्याय सदाचार के रास्ते पर चलो
➡️ कर्म ही धर्म है (श्रीमद भगवत गीता)
➡️धर्म और मजहब और रिलीजन में क्या अंतर है???
धर्म शब्द की उत्पत्ति ही सनातन हिंदू धर्म से है धर्म कोई उपासना या या पूजा नहीं है
⚛कर्म ही धर्म है। (श्रीमद भगवत गीता)
धर्म आस्तिक नास्तिक सब पर लागू होती है
:🚩मानव धर्म के दस लक्षण बताये हैं:🚩
धृतिः क्षमा दमोऽस्तेयं शौचमिन्द्रियनिग्रहः।
धीर्विद्या सत्यमक्रोधो, दशकं धर्मलक्षणम् ॥
(धृति (धैर्य), क्षमा (दूसरों के द्वारा किये गये अपराध को माफ कर देना, क्षमाशील होना), दम (अपनी वासनाओं पर नियन्त्रण करना), अस्तेय (चोरी न करना), शौच (अन्तरंग और बाह्य शुचिता), इन्द्रिय निग्रहः (इन्द्रियों को वश मे रखना), धी (बुद्धिमत्ता का प्रयोग), विद्या (अधिक से अधिक ज्ञान की पिपासा), सत्य (मन वचन कर्म से सत्य का पालन) और अक्रोध (क्रोध न करना) ; ये दस मानव धर्म के लक्षण हैं।)
⚛अर्थात कर्तव्य अहिंसा न्याय सदाचार सदगुण आदि।
➡️बाकी religion और मजहब शब्द दिन का शब्द मुसलमान और ईसाई का है इसका कोई अर्थ नहीं आता है
इसी शब्द की पालन ठीक से नहीं करने के कारण पूरे विश्व में अशांति हैं भारत में भी हम लोग ख mix हुए हैं रिलीजन मजहब सब mix हुए हैं किसी को ज्ञान ही नहीं है इसीलिए पूरे विश्व में अशांति है इसका ज्ञान पढ़ाई स्कूलों में होना चाहिए लेकिन धर्मनिरपेक्ष भारत में हम क्या उम्मीद कर सकते हैं।
हिंदू सनातन वाले जिस दिन धर्म के रास्ते पर चलने लगेंगे उस दिन भारत फिर से सोने के चिड़िया हो जाएगा लेकिन दुर्भाग्यवश मजहब और रिलीजन के मानने वाले लोग हैं उनको पता ही नहीं है कि धर्म क्या है रिलीजन क्या है और मजहब क्या है?
➡️अर्थात कर्म ही धर्म है (श्रीमद भगवत गीता)
➡️1200साल का खूनी खेल कारण पूरे भारत देश का धर्म परिवर्तन हो चुका है जिस दिन हम अपने मूल में आ जाएंगे फिर से पूरे भारत में शांति ही शांति होगी।🕉🚩🙏🙏🙏🙏🇮🇳🌷
आतंकवाद का धर्म नहीं लेकिन मजहब होता
भाई जी अपना नमबर दे
Manav dharam ka10lekhshen aapne ginaye .bahut acha sanathan walon may ekh bhi vyekthi ko aap batha saktha hai jo in gunom sey paripurna hai. Aap swayam paripurna hai kya?
Yeh bathaiyeyay yedi in gunom par koi chaltha hai tho uska MRITHEW ke bad uska kya hoga?aur jo nahi chal Saka uska bhi kya hoga?
😂😂💩
Kisi chutiya pandit ke dwara likhi hui kuran padh liye ho kya.
Aur ek baat sanatan koi dharm nahi hai aur na hi sanatan dharm me moorti puji jati hai. Galat kitab padh rahe ho.
@@aftabahmadahmad9 lagta h tum bhi kisi chutiye ki hi wajah se paida hue ho. Tumhe kis ne kah diya ki sanatan koi dharam nahi. Jabki sanatan hi sabse purana dharm h jo hajaroo saalo se present h.
Ati sundar jankari om namha shivaya jai mata di
वाह सर वाह आप बहुत अच्छा
काम कर रहे है ऐसे ही आगे भी वीडियो बनाते रहे।
हरी ओम सर जी अदभुत बहुत सुंदर ऐसे ही अमूल्य ज्ञान रुपी व्हिडिओ बनाते राहिये धन्यवाद