जो लोग हिंदी के प्रचार और प्रसार की बात कर रहें हैं वही हिंदी की असेवा कर रहे हैं। लीलाधर जी ने जो कहा वो सौ प्रतिशत सच हैं। हिंदी की डिक्शनरी इतनी शास्त्रीय क्यों हैं? इसमें आम लोगो के रोजमर्रा के शब्द क्यों नही शामिल किए जाते? बिलकुल वाजिब सवाल हैं।
बहुत सारगर्भित और सार्थक परिचर्चा
सादर प्रणाम 🙏🙏♥️
कहां इन बिकाऊ लोगों के बीच चले गए कवि लोग ??😡😡
नरेश सक्सेना जी ने बिलकुल सही कहा।🙏🙏
जो लोग हिंदी के प्रचार और प्रसार की बात कर रहें हैं वही हिंदी की असेवा कर रहे हैं। लीलाधर जी ने जो कहा वो सौ प्रतिशत सच हैं। हिंदी की डिक्शनरी इतनी शास्त्रीय क्यों हैं? इसमें आम लोगो के रोजमर्रा के शब्द क्यों नही शामिल किए जाते? बिलकुल वाजिब सवाल हैं।
सही कहा आपने