Aise dada ji hamare hote..pahli baar philosphy ko kisi kahani ki tarh samjh raha hu..sochta bht tha padhne ko but samjh nahi aata tha.. Thank u dada ji.❤️❤️
Darshan jagat ke itane bade Vidwan vyakti ka labh sabhi ko mil pa raha hai,.. Aane wali generation ko bhi inka labh mil sakega... res. Sir ko pranam ... video bananewale ko punya karya ke liye bahut dhanywad 🙏
महात्मन को नमन 🙏 हर विषय पर पारगामि दृष्टि और अभ्यास के साथ ईश्वरीयकृपा से इस आयु में भी अद्भुत स्मृति और स्वस्थ चेतना भी । हमारे संतो ने कहा है कि गगन मंड़ल में गाय बियाही कागद दही जमाया छाछ छाछ पंडिता पीनी संता माखन खाया गगन मंडल योग का परिभाषीक शब्द है चिदाकाश चित्ताकाश में गा य बियाही ,तत्व बोध हुआ उसका पूर्ण प्रकटीकरण संभव नही होने पर भी यथाशक्ति कागज पर उतारा कागद दही जमाया उसका मंथन कर समय समय पर पंडितों ने वाद प्रतिवाद करा यानी बिलोना मंथन करा, पर साधना और रहणी के अभाव में छाछ तक ही पहुंचे, और संतो ने गुरुतत्व की कृपा और शरणागति और साधना के बल से माखन खाया ,सार को अनुभूत किया। संतो का एक और कथन है पढ़ालिखा चूहा बिलाई खाया पंडित के हाथ मे रहेगई पोथी .... पढ़ने लिखने के बाद भी काल रूपी बिल्ली भक्षण कर लेती है पोथी हाथ में धरी रह जाती है एक और कथन है कि अनहद बाणी पूंजी संतन हाथ रखी कुंजी वाणी की पूंजी का कोई पार नही है लेकिन आत्मतत्व की कुंजी यानी चाबी संतो के हाथ मे है । अरविंद ने भी अपनी साधना के सार रूप दो ही शब्द कहे और कई अरविंद होम यानी अरविंद की साधना के सेंटर में वो लिखे मिलेंगे "समर्पण" और "अभीप्सा " वादान सप्रतिवादान तिलपीडकवद यदगतौ तदगति मैववोचत वाद संघट्टम नाविधुते तमः स्कंधे ग्नेयेज्ञानं प्रवर्तते ठीक से पूरा याद नही किन्तु ऐसा ही कुछ श्लोक ऋषि का है वाद विवादों की गति तिलपीडक यानी घानी के बैल की तरह ही होगी तमः स्कंध तमोगुण और रजोगुण के कारण ग्नेये अथवा ज्ञेय जो जानने योग्य है उसमे ज्ञान की प्रवृत्ति ही नही होगी इसी लिए वाद विवाद का संघट्ट छोड़कर रजोगुण तमोगुण को सत्य तप साधना के बल से काटकर सत्व में प्रतिष्ठित हो ओ ,ज्ञान प्रकट होगा। यह भावार्थ है।
डाक्टर हिम्मत सिंह जी सद ज्ञान के महासागर है।निवेदन कि टीवी चैनलों पर प्रसारण होना चाहिए ताकि जनसामान्य को लाभ मिल सके।आप अमर है।बार बार नमस्कार करता हूँ।
Really Indian culture n philosophy ko smjhane me ap ka bht bht dil se thanks.....great teacher....itni age me bhi itne energetic like 18year old....my wishes with you ..
Knowledge and it's experience in a limited time period than same thing goes again and again make you either knowledgeable or add your wisdom....life...
🙏याने कि, हम कह सकते हैं कि... कोई है! कोई ऐसी परम शक्ति है... जिसे हम माता, पिता, बन्धु व सखा कह सकते हैं ! "परमात्मा /परमेश्वर /पूर्ण ब्रह्म /सिच्चदानन्दघन ब्रम्ह /पारब्रम्ह /कविर्देव/कबीरसाहेब (वास्तविक नाम,) वेदों के अनुसार कह सकते हैं! ।🙏
Ancient is execelant. Old is gold. A great contribution by revered Dr. H. S. Sinha ji to rediscover and present in a platable form for modern seekers of truth realityof existance. All of us offer our deep respects and regards for this sublime teaching. We request and pray to relevant authorities to confer Gyan Rattan or some high national award to recognise his ability and cotibution to higher knowledge. Thankful pranams..n. s. mann.
Sir please also put some light on aurobindo concept of Nationalism Respected Sir I am lifelong grateful towards you for such knowledge My humble request please also make videos on hegal kant and marx If possible also on kautilya philosophy
Sir what I find the difference is that Shri Aurbindo saw the God almighty in jail during independence movement instead of Bhaktimarg he totally gone for Gyanmarg.I mean it is amazing
सुपरामेन्टल क्या है औरोबिन्दो का...??? साइकिक बींग क्या है औरोबिन्दो का...??? औरोबिन्दो ने श्रीकृष्ण को टौप औफ ओवर माइंड बताया है और कहा है कि श्रीकृष्ण सुपरमाइंड नहीं है। कृपया स्पष्ट करें
Pranam gurudeo mai philosophy ki students hu yadi aap ke pass mere liye koi book ho to ati prika hogi kyuki mai poor class family se belong karti hu our mughe padh ne ka bhut shoak hai
ईश्वर की भी इच्छा है क्रियेशन की। यदि इच्छा है तो ईश्वर मुक्त नहीं है। यदि ईश्वर अकेले में बोर हो रहा था और इसलिए क्रियेशन करी। मनोविज्ञान में बोर होना मानसिक रोग है। हिम्मत हो तो मेरी बातों का उत्तर दें
🙏श्रीमान् जी! , इतने कठिन व रहस्यमयी फिलॉसोफी... को आपने बहुत ही सुन्दर व सरल तरीके से समझा दिया ।
आप एक महान शिक्षक हैं ।🙏
मेरे परम पुज्य गुरूजी को बारम्बार मेरा प्रणाम🙏
Your teaching is VERY INTERESTING!!
Overwhelming for me🙏🙏🙏🙏🙏🌹🌹🌹🌹🌹
Aise dada ji hamare hote..pahli baar philosphy ko kisi kahani ki tarh samjh raha hu..sochta bht tha padhne ko but samjh nahi aata tha..
Thank u dada ji.❤️❤️
Darshan jagat ke itane bade Vidwan vyakti ka labh sabhi ko mil pa raha hai,.. Aane wali generation ko bhi inka labh mil sakega... res. Sir ko pranam ... video bananewale ko punya karya ke liye bahut dhanywad 🙏
Guru jee hs Sinha bahut saral aur pulkit tarike se kathin se kathin bhashya ko hamare jaise logon k Chetan Manas me sanand utar dete hai
महात्मन को नमन 🙏
हर विषय पर पारगामि दृष्टि और अभ्यास के साथ ईश्वरीयकृपा से इस आयु में भी अद्भुत स्मृति और स्वस्थ चेतना भी ।
हमारे संतो ने कहा है कि
गगन मंड़ल में गाय बियाही
कागद दही जमाया
छाछ छाछ पंडिता पीनी
संता माखन खाया
गगन मंडल योग का परिभाषीक शब्द है चिदाकाश चित्ताकाश में गा य बियाही ,तत्व बोध हुआ
उसका पूर्ण प्रकटीकरण संभव नही होने पर भी यथाशक्ति कागज पर उतारा कागद दही जमाया
उसका मंथन कर समय समय पर पंडितों ने वाद प्रतिवाद करा यानी बिलोना मंथन करा, पर साधना और रहणी के अभाव में छाछ तक ही पहुंचे, और संतो ने गुरुतत्व की कृपा और शरणागति और साधना के बल से माखन खाया ,सार को अनुभूत किया।
संतो का एक और कथन है
पढ़ालिखा चूहा बिलाई खाया पंडित के हाथ मे रहेगई पोथी ....
पढ़ने लिखने के बाद भी काल रूपी बिल्ली भक्षण कर लेती है पोथी हाथ में धरी रह जाती है
एक और कथन है कि अनहद बाणी
पूंजी संतन हाथ रखी कुंजी
वाणी की पूंजी का कोई पार नही है लेकिन आत्मतत्व की कुंजी यानी चाबी संतो के हाथ मे है ।
अरविंद ने भी अपनी साधना के सार रूप दो ही शब्द कहे और कई अरविंद होम यानी अरविंद की साधना के सेंटर में वो लिखे मिलेंगे
"समर्पण" और "अभीप्सा "
वादान सप्रतिवादान तिलपीडकवद यदगतौ तदगति
मैववोचत वाद संघट्टम
नाविधुते तमः स्कंधे ग्नेयेज्ञानं प्रवर्तते
ठीक से पूरा याद नही किन्तु ऐसा ही कुछ श्लोक ऋषि का है
वाद विवादों की गति तिलपीडक यानी घानी के बैल की तरह ही होगी
तमः स्कंध तमोगुण और रजोगुण के कारण ग्नेये अथवा ज्ञेय जो जानने योग्य है उसमे ज्ञान की प्रवृत्ति ही नही होगी इसी लिए वाद विवाद का संघट्ट छोड़कर रजोगुण तमोगुण को सत्य तप साधना के बल से काटकर सत्व में प्रतिष्ठित हो ओ ,ज्ञान प्रकट होगा। यह भावार्थ है।
डाक्टर हिम्मत सिंह जी सद ज्ञान के महासागर है।निवेदन कि टीवी चैनलों पर प्रसारण होना चाहिए ताकि जनसामान्य को लाभ मिल सके।आप अमर है।बार बार नमस्कार करता हूँ।
Really Indian culture n philosophy ko smjhane me ap ka bht bht dil se thanks.....great teacher....itni age me bhi itne energetic like 18year old....my wishes with you ..
विश्व सदैव आभारी रहेगी
Shat shat naman Guruji!!
Wah guru ji aap ki bato ne meri jindagi badalne Mai bahut sakti Di hai 😇😇😇😇😇
Excellent unparlallal the simplest scientic way of explaination of lndian philosophy by Guruji
अति सुन्दर 🙏🏼
Koti koti sastang pranam guruji saty param saty ki pachan karnekelie koti koti dhanyawad 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏❤️❤️
Ati sundar explanation ati uttam
Jai Maa.Pranam Prabhu.
"गरीब, अनन्त कोटी ब्रम्हण्ड का एक रती नहीं भार ।
सतगुरु पुरूष कबीर हैं, कुल के सिरजनहार ।।"🙏
Knowledge and it's experience in a limited time period than same thing goes again and again make you either knowledgeable or add your wisdom....life...
।। ॐ नमो भगवते वासुदेवाय ।। 🕉️
Thanks for light 🙏
Wah bahut khoob. Very learned man and amazing teacher. Keep up the good work….Quest.
प्रणाम करते है, सूरत से।
Guru sakshat parbrahma 🛐
Guru Gobind dou khade kake lagu paye, Balihari guru apne govind Dio milaye 💐
बहोत खूब
Wow beautiful
धन्य भारत भूमि🙏🙏🙏
Jay Gurudev 🙌🌸🙏🚩🇮🇳😇
शत शत नमन 🙏
You are very very great knowledge..pranam..God bless you more and more energy to serve as a amazing knowledge..hari om.
पृणाम गुरु जी
Thanks for the enlightenment pl have a good health sir 🙏🏻🙏🏻
धन्यवाद गुरुजी
जय श्री कृष्ण 🙏
Beautiful😍 explanation
🙏याने कि, हम कह सकते हैं कि... कोई है! कोई ऐसी परम शक्ति है... जिसे हम माता, पिता, बन्धु व सखा कह सकते हैं !
"परमात्मा /परमेश्वर /पूर्ण ब्रह्म /सिच्चदानन्दघन
ब्रम्ह /पारब्रम्ह /कविर्देव/कबीरसाहेब (वास्तविक नाम,) वेदों के अनुसार कह सकते हैं! ।🙏
Right 👍
हार्दिक आभार
I am paying my humble gratitude to Gurudev ji and the quest team.
Very nice
Thanks a lot prof sinha!!
Ancient is execelant. Old is gold. A great contribution by revered Dr. H. S. Sinha ji to rediscover and present in a platable form for modern seekers of truth realityof existance. All of us offer our deep respects and regards for this sublime teaching. We request and pray to relevant authorities to confer Gyan Rattan or some high national award to recognise his ability and cotibution to higher knowledge. Thankful pranams..n. s. mann.
Very well explained. Thank you Guruji
Beautifully explained....🙏
परनाम gurudev जी is jai shree krishna from raghav Verma KARNAL
Wahhhh
Thank you so very much....
♾️✨🌟❤️🌷
Satya bichar
Hari om
Wow
🎉👏👏
🙏🙏🙏
आपने कहा यह जगत दुख का घर नहीं है बल्कि आनन्व ही आनन्द है। तो मोक्ष क्यों चाहते है...??? निर्वाण क्यो चाहते हैं...???
🙏🌺🙏🌺🙏🌺
MAYA means temporary ,the broad meaning .
🙏❤️🙏❤️🙏❤️
इनवोलुशन और evolution टॉपिक पर और व्हीडीओ उपलब्ध करायो
Pranam , please explain sun and earth distance as in Hanuman chalisa.
Yug sahastra yojan par bhanu.
Por favor pueden poner subtitulos en español en los. Videos?
Sir please also put some light on aurobindo concept of Nationalism
Respected Sir I am lifelong grateful towards you for such knowledge
My humble request please also make videos on hegal kant and marx
If possible also on kautilya philosophy
Very nice sir!👏
Sir pl.upload vedio of involution....
सरजी,इस टॉपिक पर और विडिओ बनायो
Pls reply jo book aapka pass hai wo kahi our nhi mil rhi hai please please please
Sir vidio ko short karne ke liye cut na kare ye chij phir jaldi upload nahi hoga bat ko pura rakhne digiye please 🙏🙏
🕉️✨❤️🌹
Sir what I find the difference is that Shri Aurbindo saw the God almighty in jail during independence movement instead of Bhaktimarg he totally gone for Gyanmarg.I mean it is amazing
Sir upsc hindi medium philosophy ke book for new students plz sir
सुपरामेन्टल क्या है औरोबिन्दो का...???
साइकिक बींग क्या है औरोबिन्दो का...???
औरोबिन्दो ने श्रीकृष्ण को टौप औफ ओवर माइंड बताया है और कहा है कि श्रीकृष्ण सुपरमाइंड नहीं है।
कृपया स्पष्ट करें
Pranam gurudeo mai philosophy ki students hu yadi aap ke pass mere liye koi book ho to ati prika hogi kyuki mai poor class family se belong karti hu our mughe padh ne ka bhut shoak hai
ईश्वर की भी इच्छा है क्रियेशन की। यदि इच्छा है तो ईश्वर मुक्त नहीं है। यदि ईश्वर अकेले में बोर हो रहा था और इसलिए क्रियेशन करी। मनोविज्ञान में बोर होना मानसिक रोग है।
हिम्मत हो तो मेरी बातों का उत्तर दें
Creation Ishwar ki ichha ka parinam nahi balki leela ka parinam hai...Ichha apurnta ke karan hai jabki leela purnata va Anand ka parinam hai....
@@drdivyam लीला रचने का मनोभाव भी तो इच्छा ही है।
Real thought gurudew ji
🙏🏻
🙏🙏
🙏🙏