हमारे गायत्री मां की आरती में भी मिलावट कर दी है। वहां राधा रुद्राणी कर दिया है रुक्मणी रुद्राणी होना चाहिए। हमारी सनातन संस्कृति तभी से बिगड़ी है जब से राधा को मंदिर में बिठाया है। तभी भारत के टुकड़े सनातन संस्कृतिके टुकड़े जैन बुद्ध सिख सनातन से अलगहुए हैं। और आज राधा कृष्ण जीवन भी तोड़ रही है पति पत्नी के रिश्ते टूट रहे हैं। कृष्णा की पत्नी रुक्मणी है रुक्मणी को मंदिर में बैठा हूं जब हमारे उदाहरण शिव पार्वती राम सीता कृष्ण रुक्मणी जैसे होंगे तो। अपने आप ग्रस्त जीवन बचेंगे और संस्कृति भी बचेगी देश भीबचेगा। राधा को मंदिर से हटाओ और संस्कृति को बचाओ। हमारी पूजा पाठ में पत्नी का स्थान है दूसरी औरत देवी ही क्यों ना हो तब भी पत्नी के स्थान पर नहीं बिठाया जाता है। ऐसा करने से समाज का संतुलन बिगड़ा है। और संस्कृति भी नष्ट होती चली जा रही है घर गृहस्ती भी टूट रहे हैं। साड़ी परेशानियां ठीक हो जाएंगे जब उदाहरण हमारी संस्कृति के सही हो जाएंगे।
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Yogesh sir ji ko.kotti kotti naman
हमारे गायत्री मां की आरती में भी मिलावट कर दी है। वहां राधा रुद्राणी कर दिया है रुक्मणी रुद्राणी होना चाहिए। हमारी सनातन संस्कृति तभी से बिगड़ी है जब से राधा को मंदिर में बिठाया है। तभी भारत के टुकड़े सनातन संस्कृतिके टुकड़े जैन बुद्ध सिख सनातन से अलगहुए हैं। और आज राधा कृष्ण जीवन भी तोड़ रही है पति पत्नी के रिश्ते टूट रहे हैं। कृष्णा की पत्नी रुक्मणी है रुक्मणी को मंदिर में बैठा हूं जब हमारे उदाहरण शिव पार्वती राम सीता कृष्ण रुक्मणी जैसे होंगे तो। अपने आप ग्रस्त जीवन बचेंगे और संस्कृति भी बचेगी देश भीबचेगा। राधा को मंदिर से हटाओ और संस्कृति को बचाओ। हमारी पूजा पाठ में पत्नी का स्थान है दूसरी औरत देवी ही क्यों ना हो तब भी पत्नी के स्थान पर नहीं बिठाया जाता है। ऐसा करने से समाज का संतुलन बिगड़ा है। और संस्कृति भी नष्ट होती चली जा रही है घर गृहस्ती भी टूट रहे हैं। साड़ी परेशानियां ठीक हो जाएंगे जब उदाहरण हमारी संस्कृति के सही हो जाएंगे।