कैलाश गौतम | Kailash Gautam | अमउसा का मेला | Amausa Ka Mela | 1993

Поділитися
Вставка
  • Опубліковано 4 січ 2025

КОМЕНТАРІ •

  • @sarojkumarsinghpatel5173
    @sarojkumarsinghpatel5173 10 місяців тому +39

    कैलाश गौतम जी की कालजयी कविता तकरीबन हरवर्ष मौनी अमावस्या पर सुनी जाती है।पूरा मेला आंखों के सामने जीवन्त हो जाता है।आदरणीय गौतम जी को शत शत नमन।

  • @Dharmendrakumar-fc1zx
    @Dharmendrakumar-fc1zx 3 роки тому +111

    यह कविता मैंने तीस साल पहले लखनऊ रेडियो पर सुनी थी, आज फिर सुनकर मन खुश हो गया।

  • @Golu0204
    @Golu0204 2 роки тому +37

    हम अपने बचपन में रेडियो पर सुनते थे हेलो फैजाबाद कार्यक्रम आता था उसमें हमे लगा था कि अब सुनने को नहीं मिलेगा लेकिन आज बहुत बहुत खुशी हुई फिरसे सुनकर 🙏🙏🙏🙏🙏🙏

  • @jaggudadasmaths994
    @jaggudadasmaths994 Рік тому +9

    इससे अच्छी भोजपुरी कविता आज तक नही सुनी। मौज आ गई

  • @gulabsinghpatel7227
    @gulabsinghpatel7227 Рік тому +25

    Mai prayagraj se hu aj amausha ka mela ka din bhi h adbhut kavita 😘😘

  • @soniyag.g.i.ckldskn6871
    @soniyag.g.i.ckldskn6871 2 роки тому +25

    बचपन में इसको हम लोग आकाशवाणी लखनऊ पर सुनते रहते थे बहुत आनंद आता था आज आज इसे पुनः सुनकर मन बहुत प्रसन्न हो गया और एक मधुर मुस्कान आई चेहरे पर 🙏🙏🙏

  • @Sunderkandbyvishalupadhyay
    @Sunderkandbyvishalupadhyay 18 днів тому +98

    कौन कौन रील देखकर आया है।😊

  • @sangeetasangeetadevi3086
    @sangeetasangeetadevi3086 3 роки тому +21

    हम अपने परिवार के साथ शाम को बैठ कर सुनते थे आज काफी दिन बाद सुनकर दिल खुश हो गया है😊😊

  • @akankshaupadhyay9983
    @akankshaupadhyay9983 5 років тому +58

    ई भक्ति के रंग में रंगल गाँव देखा
    धरम में करम में सनल गाँव देखा
    अगल में बगल में सगल गाँव देखा
    अमवसा नहाये चलल गाँव देखा॥
    एहू हाथे झोरा, ओहू हाथे झोरा
    अ कान्ही पे बोरी, कपारे पे बोरा
    अ कमरी में केहू, रजाई में केहू
    अ कथरी में केहू, दुलाई में केहू
    अ आजी रंगावत हईं गोड़ देखा
    हँसत ह‍उवैं बब्बा तनी जोड़ देखा
    घुँघुटवै से पूँछै पतोहिया कि अ‍इया
    गठरिया में अबका रखाई बत‍इहा
    एहर ह‍उवै लुग्गा ओहर ह‍उवै पूड़ी
    रमायन के लग्गे हौ मड़ुआ के ढूँढ़ी
    ऊ चाउर अ चिउरा किनारे के ओरी
    अ नयका चपलवा अचारे के ओरी
    अमवसा क मेला अमवसा क मेला
    इह‌इ ह‍उवै भ‍इया अमवसा क मेला॥
    मचल ह‍उवै हल्ला चढ़ावा उतारा
    खचाखच भरल रेलगाड़ी निहारा
    एहर गुर्री-गुर्रा ओहर लोली-लोला
    अ बिच्चे में ह‍उवै सराफत से बोला
    चपायल हौ केहू, दबायल हौ केहू
    अ घंटन से उप्पर टंगायल हौ केहू
    केहू हक्का-बक्का केहू लाल-पीयर
    केहू फनफनात ह‍उवै कीरा के नीयर
    अ बप्पारे बप्पा, अ द‍इया रे द‍इया
    तनी हमैं आगे बढ़ै देत्या भ‍इया
    मगर केहू दर से टसकले न टसकै
    टसकले न टसकै, मसकले न मसकै
    छिड़ल हौ हिताई नताई क चरचा
    पढ़ाई लिखाई कमाई क चरचा
    दरोगा क बदली करावत हौ केहू
    अ लग्गी से पानी पियावत हौ केहू
    अमवसा क मेला अमवसा क मेला
    इह‌इ ह‍उवै भ‍इया अमवसा क मेला॥
    जेहर देखा ओहरैं बढ़त ह‍उवै मेला
    अ सरगे क सीढ़ी चढ़त ह‍उवै मेला
    बड़ी ह‍उवै साँसत न कहले कहाला
    मूड़ैमूड़ सगरों न गिनले गिनाला
    एही भीड़ में संत गिरहस्त देखा
    सबै अपने अपने में हौ ब्यस्त देखा
    अ टाई में केहू, टोपी में केहू
    अ झूँसी में केहू, अलोपी में केहू
    अखाड़न क संगत अ रंगत ई देखा
    बिछल हौ हजारन क पंगत ई देखा
    कहीं रासलीला कहीं परबचन हौ
    कहीं गोष्ठी हौ कहीं पर भजन हौ
    केहू बुढ़िया माई के कोरा उठावै
    अ तिरबेनी म‍इया में गोता लगावै
    कलपबास में घर क चिन्ता लगल हौ
    कटल धान खरिहाने व‍इसै परल हौ
    अमवसा क मेला अमवसा क मेला
    इह‌इ ह‍उवै भ‍इया अमवसा क मेला॥
    गुलब्बन क दुलहिन चलैं धीरे-धीरे
    भरल नाव ज‍इसे नदी तीरे-तीरे
    सजल देह हौ ज‍इसे गौने क डोली
    हँसी हौ बताशा शहद ह‍उवै बोली
    अ देखैलीं ठोकर बचावैलीं धक्का
    मनै मन छोहारा मनै मन मुनक्का
    फुटेहरा नियर मुस्किया-मुस्किया के
    ऊ देखेलीं मेला सिहा के चिहा के
    सबै देवी देवता मनावत चलैंलीं
    अ नरियर पे नरियर चढ़ावत चलैलीं
    किनारे से देखैं इशारे से बोलैं
    कहीं गांठ जोड़ैं कहीं गांठ खोलैं
    बड़े मन से मन्दिर में दरसन करैलीं
    अ दूधे से शिवजी क अरघा भरैलीं
    चढ़ावैं चढ़ावा अ गोठैं शिवाला
    छुवल चाहैं पिन्डी लटक नाहीं जाला
    अमवसा क मेला अमवसा क मेला
    इह‌इ ह‍उवै भ‍इया अमवसा क मेला॥
    बहुत दिन पर चम्पा चमेली भेट‍इलीं
    अ बचपन क दूनो सहेली भेंट‍इलीं
    ई आपन सुनावैं ऊ आपन सुनावैं
    दूनों आपन गहना गदेला गिनावैं
    असों का बनवलू असों का गढ़वलू
    तू जीजा क फोटो न अब तक पठवलू
    न ई उन्हैं रोकैं न ऊ इन्हैं टोकैं
    दूनौ अपने दुलहा क तारीफ झोकैं
    हमैं अपनी सासू क पुतरी तू जान्या
    अ हम्मैं ससुर जी क पगरी तू जान्या
    शहरियों में पक्की देहतियो में पक्की
    चलत ह‍उवै टेम्पो चलत ह‍उवै चक्की
    मनैमन जरै अ गड़ै लगलीं दूनों
    भयल तू-तू मैं-मैं लड़ै लगली दूनों
    अ साधू छोड़ावैं सिपाही छोड़ावै
    अ हलुवाई ज‍इसे कराही छोड़ावैं
    अमवसा क मेला अमवसा क मेला
    इह‌इ ह‍उवै भ‍इया अमवसा क मेला॥
    कलौता क माई क झोरा हेरायल
    अ बुद्धू क बड़का कटोरा हेरायल
    टिकुलिया क माई टिकुलिया के जोहै
    बिजुलिया क भाई बिजुलिया के जोहै
    माचल ह‍उवै मेला में सगरों ढुंढाई
    चमेला क बाबू चमेला का माई
    गुलबिया सभत्तर निहारत चलैले
    मुरहुवा मुरहुवा पुकारत चलैले
    अ छोटकी बिटिउवा क मारत चलैले
    बिटिउवै पर गुस्सा उतारत चलैले
    गोबरधन क सरहज किनारे भेंट‍इलीं
    गोबरधन के संगे प‍उँड़ के नह‍इलीं
    घरे चलता पाहुन दही-गुड़ खियाइत
    भतीजा भयल हौ भतीजा देखाइत
    उहैं फेंक गठरी पर‍इलैं गोबरधन
    न फिर-फिर देख‍इलैं धर‍इलैं गोबरधन
    अमवसा क मेला अमवसा क मेला
    इह‌इ ह‍उवै भ‍इया अमवसा क मेला॥
    केहू शाल सुइटर दुशाला मोलावै
    केहू बस अटैची क ताला मोलावै
    केहू चायदानी पियाला मोलावै
    सोठ‍उरा क केहू मसाला मोलावै
    नुमाइस में जातैं बदल ग‍इलीं भ‍उजी
    अ भ‍इया से आगे निकल ग‍इलीं भ‍उजी
    हिंडोला जब आयल मचल ग‍इलीं भ‍उजी
    अ देखतै डरामा उछल ग‍इलीं भ‍उजी
    अ भ‍इया बेचारू जोड़त ह‍उवैं खरचा
    भुल‍इले न भूलै पकौड़ी क मरचा
    बिहाने कचहरी कचहरी क चिन्ता
    बहिनिया क गौना मसहरी क चिन्ता
    फटल ह‍उवै कुरता फटल ह‍उवै जूता
    खलित्ता में खाली केराया क बूता
    तबौ पीछे-पीछे चलत जात ह‍उवन
    गदेरी में सुरती मलत जात ह‍उवन
    अमवसा क मेला अमवसा क मेला
    इह‌इ ह‍उवै भ‍इया अमवसा क मेला॥

  • @शुभम_भारती
    @शुभम_भारती 16 днів тому +4

    ग्रामीण भारत की सादगी और सांस्कृतिक विरासत का अद्भुत चित्रण!
    नमन है कैलाश गौतम सर को🙏🙏

  • @kumkumsinghkumkumsingh4687
    @kumkumsinghkumkumsingh4687 2 роки тому +9

    यह कविता मैने बचपन सुनी थी पर अभी तक याद थी आज फिर एक बार सुन कर बहुत खुशी हुई धन्यवाद भाईसाहब

  • @sanchitasrivastava1753
    @sanchitasrivastava1753 15 днів тому +1

    अद्भुत है हमारी संगम नगरी,और अद्भुत है ये रचना, पूरा मेला चलचित्र की तरह सामने आ गया।

  • @shobharai3436
    @shobharai3436 2 роки тому +7

    हमें रवीश कुमार जी ने सुनाया था। कैलाश जी की कविता। और आज़ आप के मुखारविंद से सुनकर बहुत आनन्द आया। बहुत बहुत धन्यवाद सर जी 👍👍

  • @shivsingh6397
    @shivsingh6397 7 днів тому +1

    कैलाश जी ने ग्रामीणों के मेले देखते हुए उनके मनोदशा का बड़ा सटीक चित्रण प्रस्तुत किया है

  • @gopalojha8963
    @gopalojha8963 2 роки тому +4

    बचपन में रेडियो के आकाशवाणी लखनऊ पे जब ये आता तो हम सभी सारा काम छोड़कर सुनने को भागते ,,,😊

  • @dileep-kumar
    @dileep-kumar 10 годин тому +1

    Seen on fb short videos... couldn't stop a bit to search him😊

  • @ravikumar8132
    @ravikumar8132 Рік тому +11

    कौन कौन ऐसा है जिसने यह कविता रेडियो पर सुनी और फिर खोजते हुए yutube पर आया है ❤

  • @bhav_manjari7283
    @bhav_manjari7283 12 днів тому

    एक एक दृश्य जीवंत कर दिया इसे कहते हैं कविता जो आपको सीधे मेला में ही पहुंचा देती है ऐसा लगता है कि जैसे हम भी मेले में हैं और सबकुछ चलचित्र की भांति सामने हो रहा है और अंतिम बंध में जो परिवार के मुखिया की स्थिति दिखाई है बिल्कुल वास्तविक है एक दम सटीक अवलोकन😊

  • @dr.govindsharanjaiswal6463
    @dr.govindsharanjaiswal6463 19 днів тому +1

    बहुत शानदार बहुत दिनों बाद बहुत ढूंढने पर मिली ये कविता आज तक की सबसे सुंदर कविता

  • @akpandey9742
    @akpandey9742 15 днів тому +1

    एकदम प्रयाग के मूल को कविता के माध्यम से लाकरके दर्शकों के सामने रखने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद,प्रयाग का निवासी ❤

  • @rampatiyadav8717
    @rampatiyadav8717 16 днів тому +1

    Maine ye kavita 1992 me Sangam prayaraj me kavi sammelan me live suna tha .Aaj khoj liya ..kavi ka nam yaad nhi tha..Aaj sun kar maja aa gaya ❤🎉🎉

  • @pradoshtiwari3720
    @pradoshtiwari3720 16 днів тому +2

    लाजवाब, एकदम सटीक चित्रण

  • @worldtourister
    @worldtourister 5 місяців тому +3

    भोजपुरी भाषा आप जैसे लोगों को पाकर धन्य हो गई। नमन है आपको

  • @Cartoonduniya-h2m
    @Cartoonduniya-h2m 9 днів тому

    Bachpan me suna tha
    ..aawaj fir sun liya .... Ek ek sabd. Chun ke liya gya hai...❤
    Bina mela dekhe pura drishy samne aa jata hai sun kr

  • @AvneeshMishra-d8r
    @AvneeshMishra-d8r 4 дні тому +3

    Koun koun 2025 me sunne aya hai 😅

  • @ashasharma5591
    @ashasharma5591 2 місяці тому +12

    Kon 2024 me sun rha hi

    • @mamtarai4821
      @mamtarai4821 17 днів тому

      Mai

    • @MeraGhosla
      @MeraGhosla 4 хвилини тому

      Bahut Sunder, listen for the first time and going to visit in Jan 2025

  • @Sanyasicgk
    @Sanyasicgk 17 годин тому

    मैं एक महीने के अंदर 5 वीं बार सुन रहा हूँ....... पहले भी सुन चूका हूं

  • @ReenaYadav-m4b
    @ReenaYadav-m4b 7 днів тому +2

    बहुत सुंदर कवी जी❤🎉❤🎉🎉❤

  • @priyaojha2237
    @priyaojha2237 5 років тому +4

    Wah gutam jee Kavita ka jariya Kya khoob prayagraj ka maila ki prastuti di hai aapna bhut sunder tarika sai bhartiya sanskrti ko bataya hai aapna 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏👌👌👌👌👌👌👌👌👌

  • @_adhure_1615
    @_adhure_1615 3 дні тому +1

    1 January 2025😂
    सबसे अच्छा 😅😅😅 मनोरंजन 😊😊 5:21

  • @riteshkryadav16feb96.
    @riteshkryadav16feb96. Рік тому +1

    शुद्ध गरीब किसान मजदूर और भारत के ग्रामीण क्षेत्र के झलक है इस कविता में । 🙏🙏🙏🙏🙏

  • @theshiva-6006
    @theshiva-6006 4 дні тому

    अगर गांव के लोग दिल से देखे तो दिल भर जाएगा , वाह 👏👏

  • @amitkumar-cg3ow
    @amitkumar-cg3ow 2 роки тому +1

    Ravish jee ke Bihan se yaha aaya hu...Bahut achha lga🌻

  • @jamalakhtarsamastipuri9836
    @jamalakhtarsamastipuri9836 3 роки тому +13

    Pure vegiterian poetry,,,, So nice

  • @ShivKumar-bd5mp
    @ShivKumar-bd5mp 3 роки тому +6

    It is very beautiful poem that presents the exact condition our Indian culture

  • @AjayPandey-ry6dw
    @AjayPandey-ry6dw 17 днів тому +1

    इसकी लास्ट लाइन बेहद भावुक मार्मिक है
    आंखों में आशु आ गया 😢😢

  • @shailendrarastogi885
    @shailendrarastogi885 12 годин тому

    Bahot hi sunder kavita aur usse jayada sunder usko bolne ka tarka🎉

  • @TheSiddharthShaw
    @TheSiddharthShaw 3 роки тому +1

    बहुत सुंदर कविता मेरे मैनेजर मनोज तिवारी सर ने मुझे पहली बार दिखाया था।

  • @krishnakumarprajapati77
    @krishnakumarprajapati77 2 роки тому

    Ye Gana Main 16 Saal Pahle Radio Per Suna Tha Parantu Aaj Khojte Khojte Mil Gaya...

  • @amardeepyadav5221
    @amardeepyadav5221 13 днів тому

    बहुत ही सुन्दर लाजवाब कविता हमारे बनारसी भाषा में ❤❤

  • @santoshmishra8151
    @santoshmishra8151 14 днів тому

    यह कविता मै पहली बार 2001 में आल इंडिया रेडियो के लखनऊ केंद्र से प्रस्तुत होने वाले किसी कार्यक्रम सुना था शाम को शायद चौपाल में या किसी और कार्यक्रम के याद नहीं है, लेकिन रेडियो पर सुना था

  • @suryamanisingh9017
    @suryamanisingh9017 5 місяців тому

    1996 me suna tha maine .....salam hai aapko ... bilkul satya vachan hai aapke pure halat ko Banya kar diya

  • @kunwarsumit7765
    @kunwarsumit7765 2 роки тому +20

    भोजपुरी के यह हीरे और हीरो क्यों दब के रह जाते हैं, क्या सुंदर ज़बान औ केतना नीक कविता ।

    • @EasyCraft7
      @EasyCraft7 7 місяців тому

      Ye avadhi hai na ki bhojpuri

    • @suryamohanprasad6429
      @suryamohanprasad6429 3 місяці тому

      ​@@EasyCraft7 ye banaras belt ki bhasa h . Jisme jaunpur,bihar sabhi bhasao ka prabhav h

    • @batuknarayansingh7765
      @batuknarayansingh7765 13 днів тому

      दबे नहीं हैं मंच काव्य पर इनकी एक धमक थी स्वर्गीय कैलाश गौतम जी हम लोग इनको अलीगढ़ के नुमाइश में अखिल भारतीय कवि सम्मेलन में रातभर जागकर सुनते थे।

  • @navianvayvideos2506
    @navianvayvideos2506 2 роки тому +1

    मेरे पापा को भी बहुत ही अच्छा लगता है, और उनको खुश देखकर मुझे बहुत अच्छा लगता है 😍😍😍😍👌👌👌👌👍👍👍

  • @sharadkumar4934
    @sharadkumar4934 8 днів тому

    बहुत अच्छी कविता बहुत ही अच्छे कवि द्वारा

  • @sandeepkumarmishra885
    @sandeepkumarmishra885 15 днів тому

    बात तो सही हम रेल देख कर आए हैं भोजपुरी में कविता सुनकर मैं बहुत ही प्रसन्न हूं जब से मैं सुनाऊं तो तीन नीचे मैं बहुत ही खुश हूं

  • @ratanpal1465
    @ratanpal1465 4 роки тому +4

    Waah.... Kya khoob....aap ko aap ki lekhani ko pranaam

  • @saurabhmedhankar4248
    @saurabhmedhankar4248 10 днів тому

    मैंने इसको F M FAIZABAD पर सुना था लगभग 14 साल पहले

  • @pratikdubey7053
    @pratikdubey7053 15 днів тому

    वाह! क्या अद्भुत रचना है!😍🙏🏻

  • @Tazaviralvideo1285
    @Tazaviralvideo1285 2 дні тому

    अंतिम भाग जो मुखिया की बात हैं।।
    बहुत दर्द भर हैं।।

  • @rajeevsrivastava5266
    @rajeevsrivastava5266 5 місяців тому

    Maine Goutam ji ko live is Kavita ko gate şuna hai apne school ke Kavi sammelan me.Nice memory recall.

  • @ramprakash8342
    @ramprakash8342 3 роки тому +1

    Ye kavita maine bacpan me suni thi aj mai pachpan ka ho gaya lekin es kavita ko sunne me utna hi Maja aaya👌

  • @bpflower420
    @bpflower420 3 роки тому +2

    आज मेरे हिंदी के अध्यापक ने इस कविता के बारे में बताएं है ।

  • @ayogenterprisesaayurvedpow2082
    @ayogenterprisesaayurvedpow2082 10 днів тому

    30 sal baad sunane ko mila, bahut sakun mila hai, radio par aata tha.

  • @manishagrwal570
    @manishagrwal570 10 місяців тому

    बहुत ही शानदार कविता, और सुनाने की शैली जबरदस्त।।।।

  • @DrFaizaAbbasi
    @DrFaizaAbbasi 3 роки тому

    Haseen behad haseen. Bhasha mein koi banawat nahi. Ek dum aisa lagta hai watan ki mitti ki khushboo jhonka.

  • @rajupandit9567
    @rajupandit9567 16 днів тому +1

    Bachpan me sunte the ......yaad taaza ho gyi

  • @BairaagiYayavar
    @BairaagiYayavar 13 днів тому

    बहुत महीन अवलोकन है श्रीमान जी का❤

  • @NitinKumar-jw1cq
    @NitinKumar-jw1cq 5 років тому +7

    Wah , behtareen , lajwab 😆😆😆😆😆

  • @ajit_5824
    @ajit_5824 3 роки тому +5

    बेहतरीन प्रस्तुति
    कृपया और ऐसी कविताएं लाये

  • @VijayYadav-wh9fi
    @VijayYadav-wh9fi 17 днів тому

    आज तीसरे बर्ष से मेला ड्यूटी कर रहे हैं सर.. आपकी कविता में पुरा मेला का रुप रेखा है

  • @shubhammishra2765
    @shubhammishra2765 5 років тому +5

    Soch rhe..... Chale jaye aaj😍😍😍❤️aaj bhi amavshya hai💗💗💗💗

  • @yashuamazingshort7245
    @yashuamazingshort7245 6 днів тому

    Maine yah Kavita bahut Suni Hai radio per

  • @vikashrajsingh7412
    @vikashrajsingh7412 5 років тому +8

    Bahut bahut dhanyavad.....?
    Gautam ji...
    Apko sunkar bahut acchaaaa Laga.....
    Hm log bhikhari Thakur ji Ko na dekh paye ......
    Kabhi apse milna hua to jiwan dhanya samjhunga......
    Bahut Sara pyar aur aabhar.....
    Apka subhchintak...
    Vikash Raj Singh'shahi'

  • @Piyushpandey05
    @Piyushpandey05 2 роки тому +2

    मेला दिनों का आता है एक बार आके चला जाता है 🥰🥰

  • @pratikshathakur6973
    @pratikshathakur6973 Рік тому

    is Kavita ka koi jawab hi nahin hai..bilkul real life story

  • @the.guptaji44
    @the.guptaji44 2 місяці тому +1

    मेरे को बहुत अच्छा लगता है यह कविता ❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤

  • @NaaniAmmakevlogs
    @NaaniAmmakevlogs 15 днів тому

    बहुत बढ़िया, लोकभाषा की बात ही कुछ और है।

  • @Virtual__Tours
    @Virtual__Tours 17 днів тому +1

    Love from Banaras ❤

  • @Motivationa_f
    @Motivationa_f 16 днів тому +1

    Kya bat h..!!!🙏🙏🙏🙏🙏

  • @sanjutiwarididi8206
    @sanjutiwarididi8206 2 роки тому +1

    Maine bhi aaj se 15 saal pahle aakashwadi lucknow pe suna tha

  • @sheilapandey6242
    @sheilapandey6242 3 роки тому +2

    Wah-wah
    What a description!

  • @hemantraw9942
    @hemantraw9942 5 років тому +6

    Jai bhim sir app ek gerat kavi hai

  • @jokes8259
    @jokes8259 2 роки тому +1

    कितना लोग रविश कुमार के विडियो देखला के बाद आइल बा!!

  • @deepakkoundal5697
    @deepakkoundal5697 11 місяців тому +1

    Maza aa gya pura visualisation ho gya

  • @chandreshshukla152
    @chandreshshukla152 5 років тому +15

    शुद्ध भारतीय कविता।

  • @AmbikaShukla-r4l
    @AmbikaShukla-r4l 13 днів тому

    बचपन में मेले बौछार नाम की किताब लिये थे उसी में पढे थे❤

  • @preetimaurya2464
    @preetimaurya2464 19 днів тому

    हमे ये कविता अंशु मालवीय भईया ने सुनाया था, माघ मेले में जबतक ये कविता ना हो तब तक मेला अधूरा लगता है, हमे तो पूरा आता है अब हम भी इस कविता का पाठ करते हैं ❤❤

  • @GopiGiri-uy8ou
    @GopiGiri-uy8ou 11 днів тому

    सुद‌‌‌‌ भारतीय कवीत 🙏🙏

  • @phoolchand6485
    @phoolchand6485 2 роки тому

    Very clear vision of village enviorment shows poetry like them.

  • @narendratiwari1873
    @narendratiwari1873 14 годин тому

    बहुत सुन्दर कविता

  • @vishaltiwari6466
    @vishaltiwari6466 Рік тому

    गदौरी शब्द बहुत दिनो बाद सुना एवं गर्भवती महिला का किनारे से चलती नाव के साथ तुलना अनुपम था।

  • @SUMITKUMAR-mn4ss
    @SUMITKUMAR-mn4ss 2 роки тому +1

    हमारी समृद्ध संस्कृति

  • @trilokgiri1975
    @trilokgiri1975 4 роки тому +6

    कैलाश गौतम जी भोजपुरी साहित्य के स्तंभकारों की अग्रिम पंक्ति के कवि हैं

    • @manishkumaryadav3315
      @manishkumaryadav3315 3 роки тому

      अवधी के कवि थे कैलाश गौतम

    • @pramodtiwari3080
      @pramodtiwari3080 Рік тому +2

      ​@@manishkumaryadav3315 ye chandauli ke rhne wale the Or waha bhojpuri hi boli jati hai

  • @rakeshpandey9740
    @rakeshpandey9740 6 днів тому

    रेडियो का जमाना याद आ गया

  • @gauravmirzapur3723
    @gauravmirzapur3723 5 років тому +8

    दिल जीत लिया साहब

  • @amarnathkori9205
    @amarnathkori9205 14 днів тому

    वास्तव में जीवंत दर्शन ।जय हो

  • @akashsrivastav3249
    @akashsrivastav3249 16 днів тому

    जबरदस्त कल्पना कला कौशल का प्रदर्शन 😂😂😂

  • @rohitkumarsingh-yv6dv
    @rohitkumarsingh-yv6dv 13 днів тому

    Last wali pankti 101% sahi bola aapane

  • @shaninarayan1214
    @shaninarayan1214 Рік тому

    वाह क्या बात है। बहुत ख़ूब। ❤️ 😊

  • @vikashmishra9124
    @vikashmishra9124 12 днів тому

    कौन कौन 2025 के कुंभ में प्रयागराज आ रहा है ❤❤

  • @Aacharya.chetan_swami_ji
    @Aacharya.chetan_swami_ji 5 років тому +3

    बहुत ही सुन्दर रचना चित्रण👌👌

  • @DimplePandey-vh7oe
    @DimplePandey-vh7oe 8 місяців тому

    Kailash ji bachpan ka gaon yaad aa gaya ❤❤❤❤❤.

  • @anoopsingh8925
    @anoopsingh8925 16 днів тому +1

    अदभुत 👏👏

  • @shobharai3436
    @shobharai3436 2 роки тому +1

    बहुत ही अच्छा लगा 👍👍❤️😂😂😂😂

  • @sunitasrivastava7230
    @sunitasrivastava7230 2 роки тому +1

    Waah mujhe apne daadi baba ki yaad aa gai...aankhen bheeg gayeen...

  • @pawanrai9145
    @pawanrai9145 4 дні тому

    Wahhhhh wahhhhh❤❤❤❤

  • @ravitiwari8153
    @ravitiwari8153 17 днів тому

    अद्धभुत प्रस्तुति 🙏❤️

  • @shivsharma8077
    @shivsharma8077 3 роки тому +1

    2021 me sun raha hu aur bahut achha lga

  • @rishikesh7825
    @rishikesh7825 2 роки тому

    आपबीती सुन कर दिल गदगद हो गया..