Guru ji presence always motivates us ,as like the term brahm cannot be expained in words similarly contibution of guru ji is beyond the limit of words Keep blessing us guru ji with your infinite knowledge, infinite power ,infinite faith and infinite bliss
अनासक्त मायने क्या,क्या मनुष्य की देह अनासक्त होती है,नही,मनुष्य का भाव ही आसक्त या अनासक्त होता है।गीता में भगवान श्री कृष्ण ने यही कहा है की हे अर्जुन कोरवो से युद्ध करते हुए मन में ये भाव ही न आने दो के वह मेरे प्रिय या संबंधी है केवल कुशलता से युद्ध करो, अपने कार्य को कुशलता पूर्वक करना हि कर्मयोग है। और श्री कृष्ण कहते है की केवल मनुष्य के कर्मों पर ही मेरा अधिकार नहीं है।
Hahaha. Good examples. Lot of commentators had misunderstood the Gita and that is why many people were afraid of Gita. Nishkaam means doing something without thinking about the result but with full energy and purpose.
Apko nahi mila niskaam lekin mujhe mila " N karmnaam anarambhaat NAISHKARMYAM purusho ashnute" Ye naishkarmyam shabd hai isi ko samanya bhasa me niskaam bolte hai. Jai ho....
Bilkul sahi nahi,unhune har chezz ki galat translation kare ha;itne bade nade yog ko sirf bhakti likh dia unhune. Read Geeta Press Bhagvad Gita of Bhagwaan Krishna real words Jai shree krishna
हमें अपने कर्म को भगवान की पूजा बना देना चाहिए। इस कर्म से हमें क्या मिलेगा इस विचार को छोड़ने का प्रयास करना चाहिए। कर्म भगवान के पूजा तब बन जाता है जब उसके द्वारा दूसरे कहे तो और इस प्रकार के कर्म को ही कर्म योग कहते हैं। ua-cam.com/video/yGoUa1-6Ivo/v-deo.html
आप ने लोगो के द्वारा किया गया गलत अनुवाद तो सामने लाया । पर कर्म से योग तक पहुंचने कि जो बात कृष्ण ने की वो आप भी नही समझ पाए । आप ने जो बताया वो duty और morality कि बात बताई । पर पर कृष्ण जिस योग की बात करते हैं that is the state of mind वो आप भी नही समझ पाए 🙏🙏
one of the greatest scholars of our times !
Wah acharya ji apne to meri sabse badi confusion dur kar di. Sadar charand sprash.
Guru jee ke charno me sadar pranam
Simplest explanation on the whole UA-cam
Jai Gurudev
Jai Shree Krishn🙏
Anasakt karm yog hai jaruri, niskam karm yog nahi hai, ye baat aaj janane ko mili...koti koti pranam Guruji 🙏🙏🙏💐
✨ ज्ञान का सागर ✨ गुरुजी आपकी बातें बड़े मन से सुनते हैं हम बहुत बहुत धन्यवाद ✨🙏
Dr. Sinha is one of the wisest gyaanis of Bhaarat. Thanks for bringing his messages.
🙏🙏🏿🙏
जातिवाद और पाखण्ड को समाप्त कर दिया जाय❤❤ संत गाडगे महाराज
अति सुंदर व्याख्यान।
हार्दिक आभार।
गुरू जी को परनाम नमस्ते Jai Shri krishna from raghav Verma KARNAL
Guru ji presence always motivates us ,as like the term brahm cannot be expained in words similarly contibution of guru ji is beyond the limit of words
Keep blessing us guru ji with your infinite knowledge, infinite power ,infinite faith and infinite bliss
Hare Krishna hare Krishna
🙏🙏 जय श्री कृष्णा-- राधे राधे 🙏🙏🕉🕉🕉🕉🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹
Duty for the sake of duty.
Wah guruji dhanya hai
🙏🏻🙏🏻🙏🏻 thanks Guruji aapki kripa bani rahe
धन्यवाद गुरुजी
गुरु जी आप ग्रेट हाँ is jai shree krishna from raghav Verma KARNAL
अनासक्त मायने क्या,क्या मनुष्य की देह अनासक्त होती है,नही,मनुष्य का भाव ही आसक्त या अनासक्त होता है।गीता में भगवान श्री कृष्ण ने यही कहा है की हे अर्जुन कोरवो से युद्ध करते हुए मन में ये भाव ही न आने दो के वह मेरे प्रिय या संबंधी है केवल कुशलता से युद्ध करो, अपने कार्य को कुशलता पूर्वक करना हि कर्मयोग है। और श्री कृष्ण कहते है की केवल मनुष्य के कर्मों पर ही मेरा अधिकार नहीं है।
😅
Insaan deh se bhi anasakt ho sakta hai agar vo khud ko sarir na manke sirf aatma maane
साप अपनी रक्षा के लिये डंक मरता है। बाकी आप अपने हिसाब से ठीक बता रहे हैं duty समझकर ,ईश्वर के लिये कर्म करो 🙏🙏👍👌
Saadar Pranam 🙏🙏🙏
Hahaha. Good examples. Lot of commentators had misunderstood the Gita and that is why many people were afraid of Gita. Nishkaam means doing something without thinking about the result but with full energy and purpose.
गुरु जी प्रणाम जयश्री कृष्णा 🙏🙏🙏🙏
Pranam guruji
Dr Sinha sir explain bhagvadgeeta as it is there in bhagvadgeeta.he doesn't mix his thoughts in it.
Thanks a lot sir
जय श्री हरि कृष्ण परब्रम्ह ❣️
🙏
🙏❤️😊
Mai jaha v jata ho...aapko dekta hoo...aap bhaut ache ho😇❤
गुरू जी प्रणाम
hariohm
👌🏻🙏🏻
❤️❤️❤️❤️
Thanks 🙏🙏🙏🙏🙏
Sir muje aapse milna h
Apko nahi mila niskaam lekin mujhe mila
" N karmnaam anarambhaat NAISHKARMYAM purusho ashnute"
Ye naishkarmyam shabd hai isi ko samanya bhasa me niskaam bolte hai. Jai ho....
Sir iskon waale karmyog ko bhi bhakti yog bolte hh yeh kitna sahi sir krpya margadashan kijiyega
karma agar bhagvan ke liye hai to bhakti hai
Bilkul sahi nahi,unhune har chezz ki galat translation kare ha;itne bade nade yog ko sirf bhakti likh dia unhune. Read Geeta Press Bhagvad Gita of Bhagwaan Krishna real words
Jai shree krishna
Kahin jagah toh karmyog ka arth krishnabhavnamrat meh kiya gya karm likha hua toh yeh kitna sahi hh
❤ गीता जातिवाद को बढ़ावा देती है ❤❤संत कबीर जिन्दाबाद
हमें अपने कर्म को भगवान की पूजा बना देना चाहिए। इस कर्म से हमें क्या मिलेगा इस विचार को छोड़ने का प्रयास करना चाहिए। कर्म भगवान के पूजा तब बन जाता है जब उसके द्वारा दूसरे कहे तो और इस प्रकार के कर्म को ही कर्म योग कहते हैं। ua-cam.com/video/yGoUa1-6Ivo/v-deo.html
Guru ji iska jawab samaj ma nahi aya
आप ने लोगो के द्वारा किया गया गलत अनुवाद तो सामने लाया । पर कर्म से योग तक पहुंचने कि जो बात कृष्ण ने की वो आप भी नही समझ पाए ।
आप ने जो बताया वो duty और morality कि बात बताई । पर पर कृष्ण जिस योग की बात करते हैं that is the state of mind वो आप भी नही समझ पाए 🙏🙏
Guru ji sap kisi ko dank nahi marta
Dr H S Sinnha. .93
गुरु जी निष्काम कर्म की नहीं निष्काम भक्ति की बात हो रही है गलत संदेश दे रहे हो
सिन्हा साहब कर्म को शैक्षिक दृष्टि से सही सही नहीं समझाया जा सकता है , कर्म को धार्मिक व आध्यात्मिक दृष्टि से ही पूर्ण रूप से समझा जा सकता है ।
Maharaj ji akarm ko niskaam Maan rahe hai. Niskam ka arth hi nahi samjha hai. Sabdik dekh rahe hai. Niskaam ka arth samajh lete.