मां का बेटा शहीद हो गया जब मां सांत्वना और हमदर्दी धैर्य बंधना तक नहीं मिला मतलबी निकली शहीद की पत्नी भूल गयी सब कुछ शहीद को जन्म देने वाली मां की ममता सिसकती हुई रह गई। it's very sad
जब परिवार का एक सदस्य वीरगति को प्राप्त हुआ हो या किसी पत्नी का पति किसी का पुत्र हो तो बहू को माता पिता को तथा की इज्जत करनी चाहिए तथा जीन माता पिता ने एक वीर पुत्र को जन्म दिया था इस घर में वीर चक्र होना चाहिए जहां तक धनराशि की बात है वह प्रेम प्यार से आदान प्रदान होनी चाहिए यदि बच्चे हो तो संपूर्ण राशि में से 25% हिस्सा
बहू जब शादीशुदा कोई लड़की हो जाती है तो उसका भी हृदय टूट जाता है ऐसी स्थिति में हर कोई एक जैसा नहीं होते हैं यह महिलाओं को परिवार की स्थिति के अनुसार कार्य करना चाहिए वीरगति को प्राप्त आत्मा को शांति प्राप्त हो
Mataji toh theekh par Shahid ke Pita kuch zyada Tez dikhte hai.... Yadi unhe Medal ki parwah hoti toh thoda Dil bada rakhkar bahu ko beta samajhte....Let her Settle down nearly a year,keh dete beta jab theek Lage tab baat kar lena,tab medal dikhana....par yeh Maa baap kuch Alag lagte hai....pata nahi kyu issue bana diya ? Shaheed ki shahdat par daag laga diya,usse toh, Shaheed ki bewa achhi ,jisne keh diya jaisi jiski soch
यदि शहीद की पत्नी ससुराल में रहकर शहीद के माता पिता का सहारा बनती है। तो ही उसे शहीद की पत्नी का दर्जा और सम्मान मिले अन्यथा माता पिता को ही अधिकार हो।
Maa ka sbse pehla adhikar h apne bete par .....maa ki jagah koi ni le skta ..ladki pati ko bhula skti h magar ek maa apne bete ko kabhi ni bhul skti ..i love maa❤
वीर चक्कर पर पहला हक मां बाप का है माँ बाप के न होने पर पत्नी का हक बनता है इस पर सरकार और सेना को दोबारा से विचार करना चाहिए। माँ बाप का रिश्ता निस्वार्थ होता है बाकी सभी स्वार्थी। कुछ दिनों बाद सब अपनी जिंदगी में आगे बढ़ जाते हैं पर मां बाप तो वहीं ठहर जाते हैं और एक दिन इसी गम में दुनिया छोड़ जाते हैं😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢
सास ससुर और ससुराल को छोड़ ही दिया 100% दूसरी शादी करेगी फिर घिनौना खेल क्यों खेली है, मगरमच्छ की आंसू दिखा कर सब कुछ ले गई" उसके आस्था निष्ठा पर सवाल उठता है ।। माता-पिता जन्म दिया भरण पोषण किया बॉर्डर पर भेजे उस सम्मान और मुआवजा राशि पर पूर्ण अधिकार शाहिद की माता जी पिता जी का होना चाहिए।। स्मृति सिंह दूसरी शादी करके वह तो घर बसा लगी इन दोनों बुजुर्ग को कौन सहारा देगा कौन जीवन का भरण पोषण करेगा, लड़का तो शहीद हो गय पूरा समर्थन माता पिता को 🙏😓
पहली बात यह है कि जिस बीर सहीद हो जाता है , पहले सोचना चाहिए कि उनके माता पिता कितना कष्ट और प्रेरणा देकर उन्हें उस योग बनाया है । अगर एक बीर सहीद हो जाताहै और उसके पत्नी को पैसा, सम्मान , पदक मिल जाताहै । पर क्या लड़के का सादी हो गया , इसलिए सारे हक , सम्मान , पैसा और दुःख कष्ट चला जाता है पत्नी का पास ? क्या मा पिता का कोई दुःख, दर्द , पीड़ा या अपूरणीय क्षति नहीं होताहै ? माता पिता ओ ब्यक्ति होतेहैं जिस बेटेको जन्म देकर अपने पैर पर खड़ा करने तक सारे कर्तब्य, दुःख , दर्द निभाते हैं और योग्य बनाते हैं । क्या ओ बीबी कभी सादी नहीं करेगी अपने बाकी जीबन बिताने के लिए ? और अगर सादी करके सास ससुर से दूर होगया तो , क्या ओ सब मुआबजा , सम्मान, पदक सहीद की मातापिता को लौटा देता है ? अब यह बात को ध्यान में लेते हुए कानून बनना चाहिए । जय जवान भारत माता की जय । # जीबन चान्द पट्टनायक ओडिशा ।
सलाम है ऐसे माता पिता को जिन्होंने सारे दुनिया का भला किया है बहुत तो दूसरी शादी कर लेंगे लेकिन मात पिता का क्या होगा दोनों माता पिता को मेरा सत सत प्रणाम जो उन्होंने सरे लोगों का भला किया है 🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉❤❤❤❤❤❤❤😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏👍👌👍👌👍👌❤❤❤❤❤🙏👍👌❤❤❤
Swagt hai aise ma baap ka hm b guzr rahe hai aise halato se bhut dukhi hai bhu ne second marriage kr lee pension b le rahi jameen jaydab le gai new husband ki khila Rahi ma ro ro ke mr gai kaisa desh kaisa Kanoon hai ye jis tan lage wohi Jane jb second marriage new admi mil gya pehle ki property kyon lete hai
कीर्ति चक्र पर उनकी माता पिता का अधिकार है अगर बहू के बच्चे होते तो वीर चक्र पर बहू का अधिकार था लेकिन बच्चे नहीं है तो इस पर उनके माता-पिता का अधिकार होना चाहिए
यदि किसी शहीद की पत्नी शहीद के परिवार को छोडकर अपने मायके चली जाती है या पुनः विवाह कर लेती है तो मुआवजा और सम्मान चक्र शहीद के माता पिता को मिलना चाहिए
Sir pasia ke baat chodo ek ma baba apena beta ki parvrih karta hia us ko us ke kabil banata hia ke bo foj main bharti ho us ke liya bho risvit be deta hia ab tak patni ka kiti roll nhi bEta army mien bharti ho giyak us ko to beta giya kiya kriti chaker per us ka koi adkar nhi patni ka ho giya jis ne fuje mien jane tak koi kam nhi kiya us ke baad bi bo us ke maat pita ke saath na rahe
जन्म के अनुसार पहले माता पिता ही हैँ 👍👍👍 उन्होंने पाला, पोसा, पढ़ाया लिखाया, इन वर्षों में उन्होंने न जाने कितने दुख झेले होंगे 😭💞 किन्तु जब हक़ जताने का समय आया तो कल की आई पत्नी पहली हक़दार हो गई, जो कि एकदम गलत है 🤔😖😖 इसलिए संपत्ति तीन सदस्य, माता पिता, पत्नी में समान हिस्सा मिलना चाहिए 👍👌🙏 किन्तु कीर्ति चक्र माता पिता को दिया जाए 👍👌🙏 क्योंकि पहला हक़ उनका ही है 👍👍👍💞💞💞
मैं एक फौजी/ सेनाधिकारी होने के नाते जानता हूं कि सैनिक की मृत्यु के पश्चात पत्नी की क्या हालत होती है लेकिन जो मां बाप बेटे को जन्म से लेकर एक अधिकारी बनते तक कितना परिश्रम करते हैं और बेटा अधिकारी बनने पर क्या अपेक्षाएं होती है भलीभांति जानता हूं। मां बाप ने बेटे को इतना काबिल बनाया इस लिए बहूं ने शादी करी। जितना हक पत्नी का है उससे ज्यादा मां बाप का हक़ है। पत्नी सब कुछ लेकर मायके जाकर दुसरी शादी कर लेगी। लेकिन वृद्ध मां बाप का क्या होगा जिन्होंने बड़े सपने लेकर बेटा पाले थे?
Sahi apka javab,,,,agar dhanrashi leke nikl gayi ...to use us pariwar ke prati koi hamdardi nhi hai....aj kl ki ladkiya aise hi ho gayi hai .taki unko mayke me hakdaar mila hai tb se..
*सबसे ज्यादा अधिकार माता पिता का है, और स्मृति की कोई औलाद ही नही है।तो क्या मतलब वो तो पास्ट भूल जायेगी,कोई औलाद होता तो बेटे के निशानी के तौर पर वो जीवित भी रहता,वो तो दूसरा शादी करेगी,फिर वो अंशुमन का जिग्र भी नही करेगा वो कभी।* 😢😢😢
बहुत ग़लत किया बहूं ने , ऐसा नहीं करना चाहिए, वो तुम्हारे भरोसे अपने माता-पिता को छोड़कर भारत माता के लिए जान दे दिए, लेकिन आपने क्या किया उनके माता पिता को अकेले छोड़ कर चली गई और उनके अंतिम संस्कार में भी नहीं आई पैसे भले पत्नी ले जाए पर किरती चक्र पर माता पिता का अधिकार है
Mai v 1 x army ki wife hu or Maine v bohot jagah par dekhi hai ki is bat ko lekar bohot bar aysi problem khari hoti hai but wo sab ayse media k pas Nehi pohuchti.....meri v yehi ray hai ki jo rashi hoti hai wo v 50/50 ho or jo medel hai wo 2 di jay ...taki 1 patni k pas ho or dusri mata pita k pas.....kyuki iiss kirti chakra ka bohot jada mohotbbo hoti hai....Jai hind
इसमें एक यही रास्ता हैं कि अगर शहीद की पत्नी शहीद के माता पिता के साथ सम्मान रहती हैं तब तो वह सम्मान ले सकती हैं लेकिन अगर वह उस परिवार से सम्बंध नही रखती या अपने मा बाप के साथ जाती हैं तब वह इस सम्मान की अधिकारी नहीँ होनी चाहिए
The medal belongs to the parents who gave birth to their son, had relationship 10 months before his birth, raised through thick and thin, got educated and made capable for the dignified job. The parents have the first right on the medal and the right on him. No relationship is biggar than the parents. It has the longest relationship. How government can give the priority to her on short term relationship over the longest relationship?
@@kuntal2310 सती प्रथा चल रही है क्या अब भी यहां पर अपनी सोच सही कर 2000 साल पीछे की दुनिया में जी रहा है अब की दुनिया की तरहा सोचा कर पुरानी सड़ी गली प्रथा से आगे बढ़कर नई दुनिया में जीना सीखा गंदी सोच को सही कर अपनी
अंशुमान सिंह की माता-पिता ही सही है उनको भी उतना ही अधिकार मिलना चाहिए जितनी उनकी पत्नी को मिल रही है यह ही सही है, जय हिन्द, वन्दे मातरम् भारत माता की जय इंकलाब जिंन्दाबाद...
वह भाई क्या सोच है तुम्हारी इतनी छोटी सोच कहा से लेकर आए हो तुम अपनी सोच का विकास करो लड़की सब कुछ छोड़ कर शादी करती है और उसका कोई अधिकार नही होता है तुम्हारी घटिया सोच क्या करे ऐसी सोच का ससुराल वाले बोल रहे है लडकी को हमारे छोटे लड़के से शादी कर लो अभी तो मृत्यु हुई है और ससुराल वाले ऐसी बात बोल रहे है और लड़की की मर्जी है उसको किस्से शादी करनी है कोई उसके साथ जबरदस्ती नही कर सकता की इससे शादी कर लो इसलिए ही तो सुसराल वालो की छोटी सोच देख कर अपने घर चली गईं लड़की सही किया लड़की ने ( और लड़की ने सही बोला है जिसकी जैसे सोच वैसा ही सोचेगा ) ससुराल वालो की छोटी सोच है
बेटे को जन्म और परवरिश देकर अंशुमान के मां बाप ने कोई नई काम नहीं किया है। इतना ही प्यार होता इन्हे अपने बेटे से तो आज ये बातें मीडिया और जनता में न होती। दुनिया और देश में परिवार में बहुत ऐसी समस्याएं हैं जिसे मां बाप अपने बच्चों के खुशी के लिए चुप चाप सहन कर जातें है,और एक ये लोग है जो रात दिन एक ही चाचा। कही न कही कीर्ति चक्र से अधिक पैसे की पीड़ा भी हो सकती है
घर छोड़कर के आप चले जाओगे और उसके बाद मेडल लेकर चले जाओगे दूसरा शादी कर लोगे तो मेडल रखने का हक है आपका नहीं नहीं रहेगा भैया वह माता-पिता का शहर है जब तक जीवन रहेगा तब तक आज आज उनके पास पत्नी के पास में एक बच्चा भी रहता है ना तो कम से कम सबको पूरे भारतवर्ष में लगता है जो लड़का के पास जो है भारत जीतने वाले को एक लड़का भी है या लड़की भी होता तो चलता लेकिन उसके बाद चाहिए इसलिए बनाना चाहिए जो भारत देश में तो एक ही एक ही यही तो नहीं शहीद हुआ वह तो शहीद होता बहुत तो आएगा बहुत हो जाएगा भारत माता की जय जय करेगा इसलिए ऐसा कानून जरूर बनना चाहिए जो मां बाप के साथ में जो हम एक लड़का भी रहता है ना एक लड़की भी रहता तो उनके साथ में रहना जरूरी था लेकिन उसके पास में बाल बच्चा नहीं है तो उसके बाद वह बोलेगा जो मैं दूसरा भी शादी कर लूंगा तो मैं मेरे ही पास में डाल रहेगा ऐसा नहीं होता है माता पिता माता-पिता जो इतना बड़ा करके फिर भी उसके बाद फौजी में भेजे हैं तो माता-पिता को गम नहीं होना चाहिए जो हमारा बेटा का यह चक्र है यह जो है भारत में मिला है तो यह चीज सब तो माता-पिता के पास मेंरहना जरूरी है
@@ushagupta5393 लडकी का भी अधिकार है उस सम्मान पर चाहाये लड़की कही पर भी रहे किसी से भी शादी करे पर लड़की उनके छोटे बेटे से शादी करे ये सोच गंदी है ससुराल वालो की लड़की जिससे चाहाये उससे शादी कर सकती है कोई जबरदस्ती नही कर सकता उस लड़की के साथ उसका अधिक है अपनी जिंदगी अपनी मर्जी से जीने का
@@ushagupta5393 मैडल बहु के नाम पर है तो बहु के पास ही रहेगा सोच समझ कर नाम किया है मैडल जिसका था उसने बहु का भी हक होता है मैडल पर चाहाये वो कही भी रहे तुम 150 साल पुरानी दुनिया में जी रहे हो उस समय ही नही होता था बहु का हक किसी भी मैडल और सम्मान पर वो कही पर भी रहे
बदलते सामाजिक और वैवाहिक सबंध और आज हर तरफ दिखाई देती मॉडर्न,स्वैर मनमानी कल्चर को सामने रखकर , वीरगती प्राप्त जवान को मिलने वाले मुआवजे के नियमो मे बदलाव आवश्यक है.वर्तमान मे जो नियम है वह आदर्श भारतीय संस्कृती को सामने रखकर बनाये गये हैं,जो की अब कालबाह्य हो चुके है.
आमी॔ और भारत सरकार को चाहिऐ कि शहीद के मैडल एवं क्लेम के मामले में प्रथम अधिकार माँ-बाप का होना चाहिए ।दुसरा अधिकार पत्नि को तब मिलें जब वह पति के घर में रहे । यदि मायके मे रहती है तो उसे पति के सारे अधिकारों से बंचित रखा जाय ।क्योंकि माँ-बाप न जाने कितनी कठिनाईयों से इस मुकाम तक पहूँचाते है । जय हिंद ।
मेरे गांव में भी एक जवान शहीद हुआ था आज से 20 साल पहले मात्र 11 12 महीने ड्यूटी ज्वाइन किया हुआ था शहीद होने के बाद रिटायरमेंट तक पेमेंट आई थी अब पेंशन आता है और वह भी जवान की मां के नाम पर है सब कुछ मा को मिला और मां को मिल रहा है उसकी शादी नहीं हुई थी
Patni or maa dono ka barabar adhikar hai kirti chakra rakhne ka 6 6 mahine dono log rakhe Jis tarh maa apne bacche se pyar karti hai usi trah biwi bhi bhot bhot pyar karti hai
कीर्ति चक्र माता और पिता को मिलना चाहिए कियोकी उनके जन्म से माता _पिता ने पाला पोसा के जवान किया और अपने बच्चे का सपना पूरा किया इसके बाद अनुमान। सिंह का शादी हुआ । इसलिए माता पिता को यह सम्मान मिलना चाहिए।🥰🥰🥰🥰🥰🥰🙏🙏🙏🙏🙏
सबसे दुःख की बात है एक जवान देश के लिए वीरगति को प्राप्त होता है, और उसके जाने के बाद उसकी पत्नी मां बाप को तवज्जो न दे और अपने मां बाप की सुनती है तो उसको जवान की विधवा मानना नहीं चाहिए 😢😢
जिस कुल वंश का वंशज हैं पहला उसका जन्म सिद्ध अधिकार है पत्नी का धर्म है बिपति बुढ़े सास ससुर जी का ख्याल रखना होता है हक दुसरे नंबर पर है वो देश पर बलिदान दिया है जै श्रीराम सत्य सनातन धर्म की जय जय हो
इस विषय पर मीडिया ट्रायल बंद करना चाहिए ।शहीद अंशुमान की शहादत किसी भी कीर्तिचक्र पत्नी और देश से भी बड़ी है। अंशुमान की आत्मा को दुखी न करो ।अमर रहे शहीद अंशुमान !
शहीद की पत्नी स्मृति, यदि ससुराल में नहीं रहना चाहती है तो कीर्ति चक्र ससुरालियों को लौटा देना चाहिए, सरकारी सुविधाएं भी सरेंडर कर देना चाहिए, यही नैतिकता है। सेना को और सरकार को नये नियम कानून बनाने चाहिए। जै जै श्रीराम हर हर महादेव। वन्दे मातरम्, भारत माता की जय।
🙏सम्मान पर पहला हक मां का,दूसरा पिता का, तीसरा बहनों का और उसके बाद पत्नी का और भाई का होना चाहिए। मिलने वाली रकम पर हक जैसा सैनिक NOK के अनुसार घोषित करे वैसा मिलना चाहिए।🙏 इसमें किसी को कोई शक नहीं होना चाहिए।🇮🇳
जो मां अपने बच्चे को बड़ा करने में इतना बलिदान करती है अगर उनका बेटा शहीद हो और दो चार साल की आई बहु उनके बेटे का सारा हक ले जाय तो मां बाप पर क्या बीतेगी सोचने वाला विषय तो है ही साथ ही सरकार का सोचने का विषय भी है।
Hey listen everyone Jisne jana tha duniya shod kr boh chla gya Ab app jis cheej k pishe ldai kr rhe hain boh ab koi value nahi rakhti Bahut acha udhharn de rhe ho puri duniya ko Medal and money is much important What a love
❤भारत माता की जय जवान और शहीद मेरे दिल में सबसे बड़ी जगह है मै देश भक्ति फिल्म बहुत देखती हूँ औरभावनाऔ को समझती हू लेकिन शहीद अंश के माता पिता पत्नीः तीनो को बराबरी का हर सम्मान मिलना चाहिए सिर्फ पत्नी को नहीं मिलना चाहिए।
कीर्ति चक्र सिर्फ मां को मिलना चाहिए, एक मां ने कितने अरमानों से बलिदानों से बच्चे को जन्म देती और पालती है और डेटा शहीद हो जावें इसका दर्द एक मां अपने जीवन काल में कभी नहीं भूल सकती है ,
पत्नी परीवार के साथ है तो रुपया बहु के पास हो या मां के पास, कोई अंतर नहीं। लेकिन बहू सिर्फ रुपया के लिए संबंध है तो सोचने पर बाध्य किया है। मां ने जन्म दिया,उनका क्या अधिकार है,जरा सोचिए।बहू अगर बहू नहीं हो तो ❤
एक आदमी पर बीवी बच्चों के साथ साथ मां बाप की जिम्मेदारी होती है बहू ने जब सारी धनराशि ली है तो जिम्मेदारी भी लेनी चाहिए सरकार को नियम बनाना चाहिए मां बाप और बहू को आधा आधा पेंशन और मौज मिलना चाहिए
जब अपना मां बाप के पास में जब बहू रहती है ना उसके बाद जो आदमी मर चुका है उसका मेडल मिला ठीक है उसी के पास मिलना चाहिए पत्नी को मां बाप के सामने में मिला लेकिन वह जब मां बाप के साथ रहेगा तब तो उसका है आजा मां बाप के साथ नहीं रहेगा तो फिर वह पत्नी का नहीं है जो दूसरे जगह जाने के बाद तो दूसरे जगह शादी कर लेगा और दूसरे के साथ रहेगा तो मेडल बदल कुछ नहीं है उसके साथ में पूरे भारतवर्ष का सवाल है पूरे भारतवर्ष का सवाल है जो एक ही आज यह नहीं है जो वही भर गए हैं तो वही उनके पास मेडल आया है ऐसे ऐसे मेडल तो कितने लाखों के आदमी के पास में जाएगा जो भारत माता का सेवा करते हैं ऐसे माता-पिता को मिलना चाहिए जो की माता पिता के पास में मेडल रहना चाहिए जो काम से कम उनको लगेगी जो मेरा बेटा गौरव से चला गया है उनको मां बाप को लगना चाहिए जो मेरा बेटा जिंदा है मेडल को देखकर अपना जीवन कटलेंगे
यह स्थिति दुःखद है।शहीद की पत्नी को इतनी जल्दी यह कदम उठाना सही नही कहा जा सकता है।शहीद के माता -पिता का सम्मान पर पहला हक बनता है ,मैडल को मां की छूने नही देना सही नही है।सरकार को नियमों में बदलाव करना चाहिए।
मैं तो कहूंगा कि यह विवाद वर्तमान समय में फूल फल रहा है वह विजातीय विवाह की जड़ है। इस समय की सिचुएशन में गलतियों का पलड़ा स्मृति पर भारी पड़ रहा है। बाकी फैसला तो सरकार के ऊपर निर्भर है।
आपका बात लेकिन मेरे को बहुत अच्छा लगा जो आप दिए हो बहुत अच्छा लगा जो जब तक वह शादी नहीं की है तब तक जो है जो उनके पास रहेगा लेकिन माता-पिता का सेवा भी तो करना जरूरी है जब माता-पिता के पास आप रहोगे तब तक तो आपके पास रहना जरूरी है लेकिन जब आप दूसरे शादी कर लोगे तो फिर आपका तो जरूरत नहीं है वह अपना पति का क्या मिला नहीं मिला वह तो माता-पिता के पास रहना जरूरी है
ससुराल वालो की सोच छोटी है अभी तो मृत्यु हुई है और वो लोग लड़की को बोल रहे है हमारे छोटे बेटे से शादी कर लो कितनी छोटी सोच है सुसराल वालो की ये भी समझना चाहिए लडकी की मर्जी है जब चाहाये जिससे चाहाए उससे शादी कर सकती है ये लड़की का अधिकार है ( अगर वो किसी और से शादी करती है तब भी लड़की का उस सम्मान पर अधिकार होता है चाहाये थोड़ा काम हो जाए पर अधिकार होता है )
@@S.k.Pubg.gamer960 bhai tum chutiya ho kya , faltu bat karte ho , ladke k maa bap sahi h , wo ladki hi lalchi h, kam se kam usko bat to karna chahiye but ye western culture wali h
@@S.k.Pubg.gamer960Bhai usne ye bhi bola jab kabhi bhi o kisi se bhi shaadi karna chahegi ham beti ki taraha vidaai karenge lekin yaha rahe tab kiya beta ki shaadi kar to fir maa baap ka koi hak nahi hota beta par pura hak patni biwi ka hi hoga matlab yahi huaa na pati shahid ho jaaye sab pariwar ko chodh do aur pati ke Maan samman paysa sab me patni ka hi hak ho ghar me rahe tab tak to thik hai lekin jab chli jaaye tab maa baap kuch bhi kare pura adhikaar leke chali jaaye apne maayke jisne apna beta khoya uska kiya
5 महीने का प्यार 25 साल के प्यार में भारी पड़ गया ऐसा भारत का संविधान बदलना चाहिए बहू को पैसे मिले ऑस्ट्रेलिया पढ़ाई करने चली गई मां बाप बेचारे घुट घुट के जी रहे हैं
मेरा कहना है की रासी पत्नी को बच्च्या हो तो 75%और किर्ती चक्र देना चाहि ऐ। अगर पत्नी को बच्च्या नहि है तो 30% राशी पत्नी को देना चाहिऐ। और विर चक्र और 75% राशी माँ बाप को देना चाहिऐ। और पत्नी को बहुत साल शादी को हो गये है,और बच्चा नही हो रहा हैै। तो पत्नी को 50%राशी देना चाहिऐ। और विर चक्र देना चाहिऐ।
शहिद अंशुमन की पत्नी अंशुमन के शहीद होने के बावजूद भी अपने ससुराल में रह कर अपनी मर्यादा का पालन करती तो मेडल, कीर्ति चक्र एवं सहयोग राशि पर पूर्ण रूपेण अधिकार होता, ससुराल को छोड़कर वह अमर्यादित काम कि है अतः उसे किसी भी अधिकार से वंचित ही रहना चाहिए।
किसी भी शहीद की निसन्तान विधवा पत्नी यदि दुसरी शादी करना चाहे तो अपने सास-ससुर एवं परिवार से मिल-बेठ कर अनुमति ले तो ससुराल पक्ष विधवा बहु को अपनी बेटी समझ कर उसकी दुसरी शादी करना चाहिए और शहिद की विधवा पत्नी एवं उसके माता-पिता बहु के सास-ससुर की बिना सहमति शादी करे तो शहीद के सब कुछ पर शहीद के माता-पिता का अधिकार होना चाहिए..! जय हिन्द..! जय भारत..!!
शहीद की धर्म पत्नी अगर पुनर्विवाह नहीं करेंगी तथा ताउम्र मेडल रखते हुए शहीद की धर्मपत्नी बनकर रहेगी ,चाहे अलग रहकर उसके पति की पहचान बनेगी तो फिर मेडल उसके पास ही रहेगा। यही उसकी मुख्य पहचान होगी। वह चाहेगी तो मिलीटरी में भर्ती होकर स्वयं देश की रक्षा के लिए समर्पित होगी। अगर बहू पर दोषारोपण करते हैं तो लगता है उन्होंने बहू का सम्मान नहीं किया है। बहू पति की शहादत से विधवा हुई है। एकबार तो उसकी दुनिया लूट गयी हैं। इसलिए स्वार्थ रखकर पुनः बहू बनाने की गलत धारणा है। वह स्वतंत्र जीवन जीने के लिए बंदिश से परे हैं। धन्यवाद। 🙏🙏
यह एक जगह की बात नहीं है यह बहुत जगह ऐसे हो रहा है लड़कियां पैसे लेकर अपने मां बाप के पास चल जाती हैं लड़के के मां बाप रोटी दिल करते रहते हैं उनके पास कुछ नहीं रहता ना बेटा ना पैसा ना भाव
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कल को ये लड़की दूसरी शादी कर आपदा घर बसा लेगी तो माँ और बाप के पास क्या रह गाया
Bat ko aaplog galat dhang se le rhe h
Bete ka purashkar ma bap ko milna chahiye
Because wo bachpan se lekar usko is layak bnaya
Please help mother and father
Shandiko kitanebhi sal ho hanabanke sabi ham 0pat! Ikohi? Ilana chahiai
Means jiski wajah se mila, aur usi ko chhod kr chali gyi
मां का पहला हक ।धन्य है वो जननी जिसने बीर सपूत को जन्म दी धन्य हो मां कोटि कोटि नमन
संत कहते हैं।
मां का बेटा शहीद हो गया जब मां सांत्वना और हमदर्दी धैर्य बंधना तक नहीं मिला मतलबी निकली शहीद की पत्नी भूल गयी सब कुछ शहीद को जन्म देने वाली मां की ममता सिसकती हुई रह गई। it's very sad
बिलकुल सत्य अब नियमों में बदलाव होना चाहिए। जय श्रीराम
बच्चे को तैयार करने में मां बाप अपनी जवानी कुर्बान कर देते है ऐसे में मां बाप का सम्मान व सहयता राशि पर पहला अधिकार होना चाहिए ।
बच्चे को तैयार करने में मां बाप अपनी जवानी की आहुति दे देते हैं तो मां बाप का सम्मान पर पहला हक है
जब परिवार का एक सदस्य वीरगति को प्राप्त हुआ हो या किसी पत्नी का पति किसी का पुत्र हो तो बहू को माता पिता को तथा की इज्जत करनी चाहिए तथा जीन माता पिता ने एक वीर पुत्र को जन्म दिया था इस घर में वीर चक्र होना चाहिए जहां तक धनराशि की बात है वह प्रेम प्यार से आदान प्रदान होनी चाहिए यदि बच्चे हो तो संपूर्ण राशि में से 25% हिस्सा
बहू जब शादीशुदा कोई लड़की हो जाती है तो उसका भी हृदय टूट जाता है ऐसी स्थिति में हर कोई एक जैसा नहीं होते हैं यह महिलाओं को परिवार की स्थिति के अनुसार कार्य करना चाहिए वीरगति को प्राप्त आत्मा को शांति प्राप्त हो
बिल्कुल सही है।माँ पिता का सम्मान पर बिल्कुल हक है
Mataji toh theekh par Shahid ke Pita kuch zyada Tez dikhte hai.... Yadi unhe Medal ki parwah hoti toh thoda Dil bada rakhkar bahu ko beta samajhte....Let her Settle down nearly a year,keh dete beta jab theek Lage tab baat kar lena,tab medal dikhana....par yeh Maa baap kuch Alag lagte hai....pata nahi kyu issue bana diya ? Shaheed ki shahdat par daag laga diya,usse toh, Shaheed ki bewa achhi ,jisne keh diya jaisi jiski soch
Iss kahani mein Maa Baap ka adhikar hain
यदि शहीद की पत्नी ससुराल में रहकर शहीद के माता पिता का सहारा बनती है। तो ही उसे शहीद की पत्नी का दर्जा और सम्मान मिले अन्यथा माता पिता को ही अधिकार हो।
🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳 माता _पिता से बड़ा कर इस संसार में कोई नही होता है।🥰🥰🥰🥰😍😍😍😍😍
माँ बाप ने पड़ा लिखा कर बेटे को काबिल किया तो कीर्ति चक भी मत पिता को मिलना चाहिए 🙏🙏
Ghr pr rhna chahiye kirthi chkr
Maa ka sbse pehla adhikar h apne bete par .....maa ki jagah koi ni le skta ..ladki pati ko bhula skti h magar ek maa apne bete ko kabhi ni bhul skti ..i love maa❤
वीर चक्कर पर पहला हक मां बाप का है माँ बाप के न होने पर पत्नी का हक बनता है इस पर सरकार और सेना को दोबारा से विचार करना चाहिए।
माँ बाप का रिश्ता निस्वार्थ होता है बाकी सभी स्वार्थी। कुछ दिनों बाद सब अपनी जिंदगी में आगे बढ़ जाते हैं पर मां बाप तो वहीं ठहर जाते हैं और एक दिन इसी गम में दुनिया छोड़ जाते हैं😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢
इस वीर चक्र पर माता पिता का अधिकार है ❤❤❤ कानून में बदलाब होना चाहिए
सास ससुर और ससुराल को छोड़ ही दिया 100% दूसरी शादी करेगी फिर घिनौना खेल क्यों खेली है, मगरमच्छ की आंसू दिखा कर सब कुछ ले गई" उसके आस्था निष्ठा पर सवाल उठता है ।। माता-पिता जन्म दिया भरण पोषण किया बॉर्डर पर भेजे
उस सम्मान और मुआवजा राशि पर पूर्ण अधिकार शाहिद की माता जी पिता जी का होना चाहिए।। स्मृति सिंह दूसरी शादी करके वह तो घर बसा लगी इन दोनों बुजुर्ग को कौन सहारा देगा कौन जीवन का भरण पोषण करेगा, लड़का तो शहीद हो गय पूरा समर्थन माता पिता को 🙏😓
कीर्ति चक्र अंशुमन के घर में होना चाहिए ना की स्मृति के मायके में
मां बाप बच्चे को मेडल के योग्य बनाते हैं उनका भी मेडल पर अधिकार होना चाहिए
उनका भी नहीं ब्लकि उनका ही हक्क है मेडल और muaphje par
Mata pita is great ❤hk phla ma bap ❤
@@user-rg1sz6cf4e Ma pa ka hak hy is lehy. Wife dusri Shadi ker lehy gi. Ager Shaheed ky Bachy hoty to Pir Ma Bap or wife Bacho 50/50 hak banta hy
जिस परिवार ने पाल-पोस कर अपना बच्चा देश को समर्पित कर दिया सम्मान तो मां बाप को मिलना चाहिए।
माता पिता को मीलनना चाहिए.
पहली बात यह है कि जिस बीर सहीद हो जाता है , पहले सोचना चाहिए कि उनके माता पिता कितना कष्ट और प्रेरणा देकर उन्हें उस योग बनाया है ।
अगर एक बीर सहीद हो जाताहै और उसके पत्नी को पैसा, सम्मान , पदक मिल जाताहै । पर क्या लड़के का सादी हो गया , इसलिए सारे हक , सम्मान , पैसा और दुःख कष्ट चला जाता है पत्नी का पास ?
क्या मा पिता का कोई दुःख, दर्द , पीड़ा या अपूरणीय क्षति नहीं होताहै ? माता पिता ओ ब्यक्ति होतेहैं जिस बेटेको जन्म देकर अपने पैर पर खड़ा करने तक सारे कर्तब्य, दुःख , दर्द निभाते हैं और योग्य बनाते हैं ।
क्या ओ बीबी कभी सादी नहीं करेगी अपने बाकी जीबन बिताने के लिए ?
और अगर सादी करके सास ससुर से दूर होगया तो , क्या ओ सब मुआबजा , सम्मान, पदक सहीद की मातापिता को लौटा देता है ?
अब यह बात को ध्यान में लेते हुए कानून बनना चाहिए ।
जय जवान
भारत माता की जय ।
# जीबन चान्द पट्टनायक
ओडिशा ।
सलाम है ऐसे माता पिता को जिन्होंने सारे दुनिया का भला किया है बहुत तो दूसरी शादी कर लेंगे लेकिन मात पिता का क्या होगा दोनों माता पिता को मेरा सत सत प्रणाम जो उन्होंने सरे लोगों का भला किया है 🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉❤❤❤❤❤❤❤😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏👍👌👍👌👍👌❤❤❤❤❤🙏👍👌❤❤❤
Swagt hai aise ma baap ka hm b guzr rahe hai aise halato se bhut dukhi hai bhu ne second marriage kr lee pension b le rahi jameen jaydab le gai new husband ki khila Rahi ma ro ro ke mr gai kaisa desh kaisa Kanoon hai ye jis tan lage wohi Jane jb second marriage new admi mil gya pehle ki property kyon lete hai
कीर्ति चक्र पर उनकी माता पिता का अधिकार है अगर बहू के बच्चे होते तो वीर चक्र पर बहू का अधिकार था लेकिन बच्चे नहीं है तो इस पर उनके माता-पिता का अधिकार होना चाहिए
यदि किसी शहीद की पत्नी शहीद के परिवार को छोडकर अपने मायके चली जाती है या पुनः विवाह कर लेती है तो मुआवजा और सम्मान चक्र शहीद के माता पिता को मिलना चाहिए
Agree with you. Mother is able to get prize.
Aap ekdam shi bole sir
Kus bi ho pr esa hadsa hota hai to bahu ko turant mayke nhi jana chahiye sasuraal se duri nhi bnani chahiye
Sir pasia ke baat chodo ek ma baba apena beta ki parvrih karta hia us ko us ke kabil banata hia ke bo foj main bharti ho us ke liya bho risvit be deta hia ab tak patni ka kiti roll nhi bEta army mien bharti ho giyak us ko to beta giya kiya kriti chaker per us ka koi adkar nhi patni ka ho giya jis ne fuje mien jane tak koi kam nhi kiya us ke baad bi bo us ke maat pita ke saath na rahe
Agar matA pitA ke beta fuj mien bharti ho giya us ke liya bhut rista ata hia us kiyA ma baba ka koi haal nhi banta
जन्म के अनुसार पहले माता पिता ही हैँ 👍👍👍
उन्होंने पाला, पोसा, पढ़ाया लिखाया, इन वर्षों में उन्होंने न जाने कितने दुख झेले होंगे 😭💞
किन्तु जब हक़ जताने का समय आया तो कल की आई पत्नी पहली हक़दार हो गई, जो कि एकदम गलत है 🤔😖😖
इसलिए संपत्ति तीन सदस्य, माता पिता, पत्नी में समान हिस्सा मिलना चाहिए 👍👌🙏
किन्तु कीर्ति चक्र माता पिता को दिया जाए 👍👌🙏
क्योंकि पहला हक़ उनका ही है 👍👍👍💞💞💞
मैं एक फौजी/ सेनाधिकारी होने के नाते जानता हूं कि सैनिक की मृत्यु के पश्चात पत्नी की क्या हालत होती है लेकिन जो मां बाप बेटे को जन्म से लेकर एक अधिकारी बनते तक कितना परिश्रम करते हैं और बेटा अधिकारी बनने पर क्या अपेक्षाएं होती है भलीभांति जानता हूं। मां बाप ने बेटे को इतना काबिल बनाया इस लिए बहूं ने शादी करी। जितना हक पत्नी का है उससे ज्यादा मां बाप का हक़ है। पत्नी सब कुछ लेकर मायके जाकर दुसरी शादी कर लेगी। लेकिन वृद्ध मां बाप का क्या होगा जिन्होंने बड़े सपने लेकर बेटा पाले थे?
@@shalikramharinkhede3263 ...ekdum sahi. Ma/Pita pahale hai ....kirti chakra or money per bhi PARENT ka adhikar FIRST hai....
true.Anshuman parents are being cheated.
Sahi apka javab,,,,agar dhanrashi leke nikl gayi ...to use us pariwar ke prati koi hamdardi nhi hai....aj kl ki ladkiya aise hi ho gayi hai .taki unko mayke me hakdaar mila hai tb se..
Correct
Sab Kuch Lajar Kaha Mata Pita Nabhe Muyabja Bhe Paya Hai
Give right justice to mother and father by army take care his mother and father jai jawan vandematram bharatmata ki jai 🇮🇳
बहु के पास रहेगा जब वह सास ससुर के साथ रहेगी जो बहु ससुराल में नही रहेगी सम्मान माता पिता को होना चाहिए
@@rameshsinha5337 yes
@@rameshsinha5337 yaha Mata pita hi lalchi h....Anshuman k will k hisab se mila h
Yes ryt
@@rameshsinha5337 মা বাবার কোনো হক নাই তো পয়সা থেকে চলে জায়গা সাদি করেনা তো মা বাব কি করেগা
@@rameshsinha5337 sahi
*सबसे ज्यादा अधिकार माता पिता का है, और स्मृति की कोई औलाद ही नही है।तो क्या मतलब वो तो पास्ट भूल जायेगी,कोई औलाद होता तो बेटे के निशानी के तौर पर वो जीवित भी रहता,वो तो दूसरा शादी करेगी,फिर वो अंशुमन का जिग्र भी नही करेगा वो कभी।* 😢😢😢
बहुत ग़लत किया बहूं ने , ऐसा नहीं करना चाहिए,
वो तुम्हारे भरोसे अपने माता-पिता को छोड़कर भारत माता के लिए जान दे दिए, लेकिन आपने क्या किया उनके माता पिता को अकेले छोड़ कर चली गई और उनके अंतिम संस्कार में भी नहीं आई
पैसे भले पत्नी ले जाए पर किरती चक्र पर माता पिता का अधिकार है
*Comment Karna Bahut Aasan Hah. Uss Bichari Ka Khayal Ab Tu Karegi Kxa??? Faltu Fokat Comment Kar Le. Tu Ek Tarfa Baat Kar Rahi Hai* 💔
Ger bahut ghar me rahe to bahut ko mile
Or agar bahu dusri shadi kare to ma ko milna chahie
Pati se pahale vh beta hota he
Mai v 1 x army ki wife hu or Maine v bohot jagah par dekhi hai ki is bat ko lekar bohot bar aysi problem khari hoti hai but wo sab ayse media k pas Nehi pohuchti.....meri v yehi ray hai ki jo rashi hoti hai wo v 50/50 ho or jo medel hai wo 2 di jay ...taki 1 patni k pas ho or dusri mata pita k pas.....kyuki iiss kirti chakra ka bohot jada mohotbbo hoti hai....Jai hind
दुनिया में बिल्कुल बदलाव जरूरी है जय हिंद जय भारत
जबतक सैनिक की पत्नी अपने पति के घर मे सबको सम्मान देते हुए रहती है तबतक पत्नी का हक बनता है अन्यथा पति का घर छोडने के बाद पत्नी का कोई हक नही है ।
इसमें एक यही रास्ता हैं कि अगर शहीद की पत्नी शहीद के माता पिता के साथ सम्मान रहती हैं तब तो वह सम्मान ले सकती हैं लेकिन अगर वह उस परिवार से सम्बंध नही रखती या अपने मा बाप के साथ जाती हैं तब वह इस सम्मान की अधिकारी नहीँ होनी चाहिए
मेडल पर बहु से ज्यादा मां पिता का हक होना चाहिए बहु का हक तभी होना चाहिए जब ओ सास ससुर के साथ रहे और सास ससुर की सेवा करे
अगर लड़की दूसरी शादी करती है तो उसकी पेंशन भी बंद कर देना चाइए और सारी मुआवजा शहीद के घर वालो को मिलना चाइए
@@JitendraOfficial-h3y right
@@JitendraOfficial-h3y पेनशन बन्द होनेका प्रबन्ध अभी है ।
The medal belongs to the parents who gave birth to their son, had relationship 10 months before his birth, raised through thick and thin, got educated and made capable for the dignified job. The parents have the first right on the medal and the right on him. No relationship is biggar than the parents. It has the longest relationship.
How government can give the priority to her on short term relationship over the longest relationship?
सरकार को नियम बनाना चाहिए अगर पत्नी घर-परिवार छोड़कर जाती है तो सम्मान माता पिता को मिलना चाहिऐ
@@kuntal2310
सती प्रथा चल रही है क्या अब भी यहां पर अपनी सोच सही कर 2000 साल पीछे की दुनिया में जी रहा है
अब की दुनिया की तरहा सोचा कर पुरानी सड़ी गली प्रथा से आगे बढ़कर नई दुनिया में जीना सीखा
गंदी सोच को सही कर अपनी
Shahee bete ke Mata pita ka poora adhikar hai.
मैडल तो माता पिता के पास ही होना चाहिए!!🙏🙏
अंशुमान सिंह की माता-पिता ही सही है उनको भी उतना ही अधिकार मिलना चाहिए जितनी उनकी पत्नी को मिल रही है
यह ही सही है,
जय हिन्द, वन्दे मातरम्
भारत माता की जय
इंकलाब जिंन्दाबाद...
अंशुमान के पिता को to बोलने ही nahi दिया गया
Mai to din bhar ansuman bhai ki video dekhti hu smriti ji ne itni jaldi kese bhula diya 8 sal ka pyar our 2 mahine sadi ke
मां बाप ko bhi अधिकार मिलना चाहिए मां बाप तो जन्म से पाला पोसा रहता हैं जय हिन्द जय जवान 🇮🇳
वह भाई क्या सोच है तुम्हारी
इतनी छोटी सोच कहा से लेकर आए हो तुम अपनी सोच का विकास करो
लड़की सब कुछ छोड़ कर शादी करती है और उसका कोई अधिकार नही होता है तुम्हारी घटिया सोच क्या करे ऐसी सोच का
ससुराल वाले बोल रहे है लडकी को हमारे छोटे लड़के से शादी कर लो अभी तो मृत्यु हुई है और ससुराल वाले ऐसी बात बोल रहे है और लड़की की मर्जी है उसको किस्से शादी करनी है कोई उसके साथ जबरदस्ती नही कर सकता की इससे शादी कर लो इसलिए ही तो सुसराल वालो की छोटी सोच देख कर अपने घर चली गईं लड़की सही किया लड़की ने
( और लड़की ने सही बोला है जिसकी जैसे सोच वैसा ही सोचेगा )
ससुराल वालो की छोटी सोच है
बेटे को जन्म और परवरिश देकर अंशुमान के मां बाप ने कोई नई काम नहीं किया है। इतना ही प्यार होता इन्हे अपने बेटे से तो आज ये बातें मीडिया और जनता में न होती। दुनिया और देश में परिवार में बहुत ऐसी समस्याएं हैं जिसे मां बाप अपने बच्चों के खुशी के लिए चुप चाप सहन कर जातें है,और एक ये लोग है जो रात दिन एक ही चाचा। कही न कही कीर्ति चक्र से अधिक पैसे की पीड़ा भी हो सकती है
सरकार को नियमों में बदलाव होना चाहिए
पहला हक़ माता पिता जी को होना चाहिए
ਮਾ ਦਾ ਪਹਿਲਾ ਹੱਕ ਹੈ ਜੌ ਆਪਣੇ ਜੀਵਨ ਦੀ ਕਈ ਕੁਰਬਾਨੀਆਂ ਦੇ ਕੇ ਬੱਚੇ ਪਾਲਦੀ ਹੈ
पत्नी तो आज नही तो कल दूसरी सादी कर ही लेंगी
मां बाप को सारा सम्मान मिलना चाहिए
सरकार इसपे कोई कानून बनाए
जनता आवाज उठाएंगी तो सरकार
जरूर सुनेंगी
किर्ती cakra आई वडील यांना अर्पण केले पाहिजे. पत्नी दुसरा विवाह करेल. अजून पत्नी तरुणच आहे ती दुसरे लग्न करेल पण आई वडिलांना कोणी नाही.
सही बात है बहू ने शादी तब की जब माँ बाप ने बेटे को उस yogya बनाया इस लिये हर adhikar माँ बाप का है
मेडल पर अधिकार मा. बाप है.दो दिन की आई बहू का किसी भी चीज पर अधिकार नही होना चाहिए.बच्चा होता घर रहती तो सबकुछ बहू का ही होता.
Right 👍
Bilkul shi hai bhai
Bachcha na ho to bahu ki koi value nhi hai😂😂😂 kya soch hai bhai waah😂
@@Aadya87817 jab Ghar ki Bahu Hai To 13 din ke bad Ghar ku chhod Diya Mata pita ke Dil me bete ki jagah par apni jagah bana leti
Bahu Ki Bhi value Hoti Hai Jab.
SAS sasur ko samajhti or Ghar chodkar nahi jaati.।।
Patni bhi bechari . Myheart goes out For d wife😢.bajrang bali kirpa karna ladki pe ..
बहु ने ठीक नहीं किया अंशुमान ke माता पिता ke घर आना था जय हिन्द 🇮🇳
स्मृति नाम बहुत खरनाक है समझदारी से यह नाम ले या रखे, नही तो पछताना न परे।बहुत उदाहरण है।
मेडल घर मे रहना चाहिए, बहू चाहे तो घर मे रहे या घर, छोड़कर जा सकती है।
घर छोड़कर के आप चले जाओगे और उसके बाद मेडल लेकर चले जाओगे दूसरा शादी कर लोगे तो मेडल रखने का हक है आपका नहीं नहीं रहेगा भैया वह माता-पिता का शहर है जब तक जीवन रहेगा तब तक आज आज उनके पास पत्नी के पास में एक बच्चा भी रहता है ना तो कम से कम सबको पूरे भारतवर्ष में लगता है जो लड़का के पास जो है भारत जीतने वाले को एक लड़का भी है या लड़की भी होता तो चलता लेकिन उसके बाद चाहिए इसलिए बनाना चाहिए जो भारत देश में तो एक ही एक ही यही तो नहीं शहीद हुआ वह तो शहीद होता बहुत तो आएगा बहुत हो जाएगा भारत माता की जय जय करेगा इसलिए ऐसा कानून जरूर बनना चाहिए जो मां बाप के साथ में जो हम एक लड़का भी रहता है ना एक लड़की भी रहता तो उनके साथ में रहना जरूरी था लेकिन उसके पास में बाल बच्चा नहीं है तो उसके बाद वह बोलेगा जो मैं दूसरा भी शादी कर लूंगा तो मैं मेरे ही पास में डाल रहेगा ऐसा नहीं होता है माता पिता माता-पिता जो इतना बड़ा करके फिर भी उसके बाद फौजी में भेजे हैं तो माता-पिता को गम नहीं होना चाहिए जो हमारा बेटा का यह चक्र है यह जो है भारत में मिला है तो यह चीज सब तो माता-पिता के पास मेंरहना जरूरी है
@@ushagupta5393
लडकी का भी अधिकार है उस सम्मान पर चाहाये लड़की कही पर भी रहे किसी से भी शादी करे
पर लड़की उनके छोटे बेटे से शादी करे ये सोच गंदी है ससुराल वालो की लड़की जिससे चाहाये उससे शादी कर सकती है कोई जबरदस्ती नही कर सकता उस लड़की के साथ
उसका अधिक है अपनी जिंदगी अपनी मर्जी से जीने का
@@lalaharekant9743Ager बच्चा होता to बच्चा nahi huaa to पूरा अधिकार माता पिता ka होना चाहिए
सही कहा की मैडल उनके घर में रहना चाहिए
@@ushagupta5393
मैडल बहु के नाम पर है तो बहु के पास ही रहेगा सोच समझ कर नाम किया है मैडल जिसका था उसने
बहु का भी हक होता है मैडल पर चाहाये वो कही भी रहे
तुम 150 साल पुरानी दुनिया में जी रहे हो उस समय ही नही होता था बहु का हक किसी भी मैडल और सम्मान पर
वो कही पर भी रहे
बदलते सामाजिक और वैवाहिक सबंध और आज हर तरफ दिखाई देती मॉडर्न,स्वैर मनमानी कल्चर को सामने रखकर , वीरगती प्राप्त जवान को मिलने वाले मुआवजे के नियमो मे बदलाव आवश्यक है.वर्तमान मे जो नियम है वह आदर्श भारतीय संस्कृती को सामने रखकर बनाये गये हैं,जो की अब कालबाह्य हो चुके है.
अंशुमान की पत्नी ने ग़लत किया अगर वो अपने सास और ससुर को छोड़कर अपने मन से चली जाती है तो सभी पे हक मां और पिता का होना चाहिए
आमी॔ और भारत सरकार को चाहिऐ कि शहीद के मैडल एवं क्लेम के मामले में प्रथम अधिकार माँ-बाप का होना चाहिए ।दुसरा अधिकार पत्नि को तब मिलें जब वह पति के घर में रहे । यदि मायके मे रहती है तो उसे पति के सारे अधिकारों से बंचित रखा जाय ।क्योंकि माँ-बाप न जाने कितनी कठिनाईयों से इस मुकाम तक पहूँचाते है । जय हिंद ।
अगर मां बाप नहीं होती तो बेटे भी नहीं होते ना बहू भी नहींहोते
मां बाप को पहला सम्मान मिलना चाहिए।
मेरे गांव में भी एक जवान शहीद हुआ था आज से 20 साल पहले मात्र 11 12 महीने ड्यूटी ज्वाइन किया हुआ था शहीद होने के बाद रिटायरमेंट तक पेमेंट आई थी अब पेंशन आता है और वह भी जवान की मां के नाम पर है सब कुछ मा को मिला और मां को मिल रहा है उसकी शादी नहीं हुई थी
शादी हुई होती तो मा को नहीं मिलता बीवी को मिलता
Patni or maa dono ka barabar adhikar hai kirti chakra rakhne ka 6 6 mahine dono log rakhe
Jis tarh maa apne bacche se pyar karti hai usi trah biwi bhi bhot bhot pyar karti hai
कीर्ति चक्र माता और पिता को मिलना चाहिए कियोकी उनके जन्म से माता _पिता ने पाला पोसा के जवान किया और अपने बच्चे का सपना पूरा किया इसके बाद अनुमान। सिंह का शादी हुआ । इसलिए माता पिता को यह सम्मान मिलना चाहिए।🥰🥰🥰🥰🥰🥰🙏🙏🙏🙏🙏
Colonel Shailendra Singh's observation is outstanding.
सबसे दुःख की बात है एक जवान देश के लिए वीरगति को प्राप्त होता है, और उसके जाने के बाद उसकी पत्नी मां बाप को तवज्जो न दे और अपने मां बाप की सुनती है तो उसको जवान की विधवा मानना नहीं चाहिए 😢😢
Bakwas Patrakar Anchor. Sawal Samman ka hai, monetary benefit ka nahi.
भले बेटे के मरने के तुरत बाद ये लोग छोटे बेटे से शादी का दबाव बनाने लगे,ताकि सब कुछ घर में ही रह जाए।ये लोग लोभी है
पहला हक मां पिता का दूसरा हक पत्नी का होना चाहिए
जिस कुल वंश का वंशज हैं पहला उसका जन्म सिद्ध अधिकार है पत्नी का धर्म है बिपति बुढ़े सास ससुर जी का ख्याल रखना होता है हक दुसरे नंबर पर है वो देश पर बलिदान दिया है जै श्रीराम सत्य सनातन धर्म की जय जय हो
100% बहुत बदलाव होना ही चाहिए जय हिंद
अगर स्मृति ने ऐसा किया तो कभी भी इस का भला नहीं होगा जहां भी जाएगी इस को खुद पता लग जाएगा और फिर पछताएगी
इस विषय पर मीडिया ट्रायल बंद करना चाहिए ।शहीद अंशुमान की शहादत किसी भी कीर्तिचक्र पत्नी और देश से भी बड़ी है। अंशुमान की आत्मा को दुखी न करो ।अमर रहे शहीद अंशुमान !
शहीद की पत्नी स्मृति, यदि ससुराल में नहीं रहना चाहती है तो कीर्ति चक्र ससुरालियों को लौटा देना चाहिए, सरकारी सुविधाएं भी सरेंडर कर देना चाहिए, यही नैतिकता है। सेना को और सरकार को नये नियम कानून बनाने चाहिए। जै जै श्रीराम हर हर महादेव। वन्दे मातरम्, भारत माता की जय।
🙏सम्मान पर पहला हक मां का,दूसरा पिता का, तीसरा बहनों का और उसके बाद पत्नी का और भाई का होना चाहिए। मिलने वाली रकम पर हक जैसा सैनिक NOK के अनुसार घोषित करे वैसा मिलना चाहिए।🙏 इसमें किसी को कोई शक नहीं होना चाहिए।🇮🇳
जो मां अपने बच्चे को बड़ा करने में इतना बलिदान करती है अगर उनका बेटा शहीद हो और दो चार साल की आई बहु उनके बेटे का सारा हक ले जाय तो मां बाप पर क्या बीतेगी सोचने वाला विषय तो है ही साथ ही सरकार का सोचने का विषय भी है।
अगर ये शहीद जवान की विधवा पत्नी दुसरी शादी करेगी तो उसे 50% राशी सास ससुर को देना हि होगा.
यह आम बात हो गई ऐसी घटना बहुत से शहीदों के घर में हुई है
देश के लिए शहीद होनेवाले जवानको एक मा ही जनम देती है। वो मा के ही एक टुक्रा होत है। ई सीलीये ये सम्मान् माँ को ही मिल्ना चाहिए
शहीद के बाद जो पत्नी घर छोडके चली जाये उस मेडल या राशिपर उसका कोई अधिकार नही होना चाहिए
Correct
Hey listen everyone
Jisne jana tha duniya shod kr boh chla gya
Ab app jis cheej k pishe ldai kr rhe hain boh ab koi value nahi rakhti
Bahut acha udhharn de rhe ho puri duniya ko
Medal and money is much important
What a love
मेरे हिसाब से माता-पिता हकदार है सर
Sabse pehle maa bap ki hak honi chahiye ❤ uske baad bivi ki , kyuki maa bap beti ke liye apni jivan kurban kar dethe hai
किसी भी परिस्थिति में माता पिता को सहृदय वीरगति की चक्र माता पिता को मिलने चाहिए स्पष्ट है सभी पत्नी एक जेसे नहीं होती है जो अभी चर्चित है
❤भारत माता की जय जवान और शहीद मेरे दिल में सबसे बड़ी जगह है मै देश भक्ति फिल्म बहुत देखती हूँ औरभावनाऔ को समझती हू लेकिन शहीद अंश के माता पिता पत्नीः तीनो को बराबरी का हर सम्मान मिलना चाहिए सिर्फ पत्नी को नहीं मिलना चाहिए।
सैनीक को शादी बैंक,ब्यापार के दृष्टिकोण से लडकी वाले शादी करते है
शादी के बाद 95/प्रसेंट घर मे गृहयुद्ध करती है,यह नियम माता पिता के हक
मे होना चाहिए
कीर्ति चक्र सिर्फ मां को मिलना चाहिए, एक मां ने कितने अरमानों से बलिदानों से बच्चे को जन्म देती और पालती है और डेटा शहीद हो
जावें इसका दर्द एक मां अपने जीवन काल में कभी नहीं भूल सकती है ,
@@themarwad 😭
🎉😂❤ कप्तान अंजुमन जी की पत्नी यदि उनके माता/ पिता को छोड़ कर चली गई हैं तो मेडल और सम्मान राशि अंशुमन के माता /पिता को मिलना चाहिए 🎉❤🎉❤
मां आप का भी हक होता है
Bilkul shi. Boli.. Manju.. Madam ne. Bilkul. Jarurat hai
पत्नी परीवार के साथ है तो रुपया बहु के पास हो या मां के पास, कोई अंतर नहीं। लेकिन बहू सिर्फ रुपया के लिए संबंध है तो सोचने पर बाध्य किया है। मां ने जन्म दिया,उनका क्या अधिकार है,जरा सोचिए।बहू अगर बहू नहीं हो तो ❤
@@chandrakishorsingh1930 eska ek hi hl a ladke ki shadi hi mt Karo
अगर बहू ने सास ससुर को छोड़ दिया है तो उसे बेटे की चीज पर भी उसका कोई हक नहीं है और वह सारा अधिकार मां बाप को मिलना चाहिए
एक आदमी पर बीवी बच्चों के साथ साथ मां बाप की जिम्मेदारी होती है बहू ने जब सारी धनराशि ली है तो जिम्मेदारी भी लेनी चाहिए सरकार को नियम बनाना चाहिए मां बाप और बहू को आधा आधा पेंशन और मौज मिलना चाहिए
जब अपना मां बाप के पास में जब बहू रहती है ना उसके बाद जो आदमी मर चुका है उसका मेडल मिला ठीक है उसी के पास मिलना चाहिए पत्नी को मां बाप के सामने में मिला लेकिन वह जब मां बाप के साथ रहेगा तब तो उसका है आजा मां बाप के साथ नहीं रहेगा तो फिर वह पत्नी का नहीं है जो दूसरे जगह जाने के बाद तो दूसरे जगह शादी कर लेगा और दूसरे के साथ रहेगा तो मेडल बदल कुछ नहीं है उसके साथ में पूरे भारतवर्ष का सवाल है पूरे भारतवर्ष का सवाल है जो एक ही आज यह नहीं है जो वही भर गए हैं तो वही उनके पास मेडल आया है ऐसे ऐसे मेडल तो कितने लाखों के आदमी के पास में जाएगा जो भारत माता का सेवा करते हैं ऐसे माता-पिता को मिलना चाहिए जो की माता पिता के पास में मेडल रहना चाहिए जो काम से कम उनको लगेगी जो मेरा बेटा गौरव से चला गया है उनको मां बाप को लगना चाहिए जो मेरा बेटा जिंदा है मेडल को देखकर अपना जीवन कटलेंगे
Sirf sena me hi nahi har job me hona chahiye
अगर लडकी अपने ससुरालमे नरहके मायके मे रहेँ तो ये मेडल लडकी रख्नेका हक नहीँ है ।
Haan, par yeh dekhkar ki kisko zarurat hai.
Agar inki beti ke sath aisa hota tab bhi yeh husban wife aisa hi bolte jaisa apni bahu ke liye bol rahe hain woh bhi social media par????😢😮
यह स्थिति दुःखद है।शहीद की पत्नी को इतनी जल्दी यह कदम उठाना सही नही कहा जा सकता है।शहीद के माता -पिता का सम्मान पर पहला हक बनता है ,मैडल को मां की छूने नही देना सही नही है।सरकार को नियमों में बदलाव करना चाहिए।
बिल्कुल, पहला अधिकार माता पिता फिर पत्नी
मैं तो कहूंगा कि यह विवाद वर्तमान समय में फूल फल रहा है वह विजातीय विवाह की जड़ है। इस समय की सिचुएशन में गलतियों का पलड़ा स्मृति पर भारी पड़ रहा है। बाकी फैसला तो सरकार के ऊपर निर्भर है।
कीर्ति चक्र शहीद के घर में होना चाहिए, पत्नी चाहे कहीं भी रहे
रेम कुमार जी की सोच उल्टी ही चलती है, इनका बच्चा होगा ऐसा ही शायद।
उनकी पत्नी को तब तक मिलना चाहिए जब तक वो दुसरी शादी नहीं कर लेती , लेकिन माता पिता की देख भाल कौन करेगा
आपका बात लेकिन मेरे को बहुत अच्छा लगा जो आप दिए हो बहुत अच्छा लगा जो जब तक वह शादी नहीं की है तब तक जो है जो उनके पास रहेगा लेकिन माता-पिता का सेवा भी तो करना जरूरी है जब माता-पिता के पास आप रहोगे तब तक तो आपके पास रहना जरूरी है लेकिन जब आप दूसरे शादी कर लोगे तो फिर आपका तो जरूरत नहीं है वह अपना पति का क्या मिला नहीं मिला वह तो माता-पिता के पास रहना जरूरी है
ससुराल वालो की सोच छोटी है अभी तो मृत्यु हुई है और वो लोग लड़की को बोल रहे है हमारे छोटे बेटे से शादी कर लो कितनी छोटी सोच है सुसराल वालो की ये भी समझना चाहिए
लडकी की मर्जी है जब चाहाये जिससे चाहाए उससे शादी कर सकती है ये लड़की का अधिकार है
( अगर वो किसी और से शादी करती है तब भी लड़की का उस सम्मान पर अधिकार होता है चाहाये थोड़ा काम हो जाए पर अधिकार होता है )
Bewkufi jaisa bat hui
@@S.k.Pubg.gamer960 bhai tum chutiya ho kya , faltu bat karte ho , ladke k maa bap sahi h , wo ladki hi lalchi h, kam se kam usko bat to karna chahiye but ye western culture wali h
@@S.k.Pubg.gamer960Bhai usne ye bhi bola jab kabhi bhi o kisi se bhi shaadi karna chahegi ham beti ki taraha vidaai karenge lekin yaha rahe tab kiya beta ki shaadi kar to fir maa baap ka koi hak nahi hota beta par pura hak patni biwi ka hi hoga matlab yahi huaa na pati shahid ho jaaye sab pariwar ko chodh do aur pati ke Maan samman paysa sab me patni ka hi hak ho ghar me rahe tab tak to thik hai lekin jab chli jaaye tab maa baap kuch bhi kare pura adhikaar leke chali jaaye apne maayke jisne apna beta khoya uska kiya
5 महीने का प्यार 25 साल के प्यार में भारी पड़ गया ऐसा भारत का संविधान बदलना चाहिए बहू को पैसे मिले ऑस्ट्रेलिया पढ़ाई करने चली गई मां बाप बेचारे घुट घुट के जी रहे हैं
जरूर बदला है हम एक दूसरे अपने बेटे पैदा करते हैं बच्चों को तो हमारा सहारा बने यह सोच करके पैदा करते हैं अब जो सहारा हमारा नहीं रहा
We all are proud of this Father and or parents
मेरा कहना है की रासी पत्नी को बच्च्या हो तो 75%और किर्ती चक्र देना चाहि ऐ। अगर पत्नी को बच्च्या नहि है तो 30% राशी पत्नी को देना चाहिऐ। और विर चक्र और 75% राशी माँ बाप को देना चाहिऐ। और पत्नी को बहुत साल शादी को हो गये है,और बच्चा नही हो रहा हैै। तो पत्नी को 50%राशी देना चाहिऐ। और विर चक्र देना चाहिऐ।
@@devkisandhani1988 kirti chakra same to same dono paksho me de dena chahiye
परिवार बिल्कुल सही है
शहिद अंशुमन की पत्नी अंशुमन के शहीद होने के बावजूद भी अपने ससुराल में रह कर अपनी मर्यादा का पालन करती तो मेडल, कीर्ति चक्र एवं सहयोग राशि पर पूर्ण रूपेण अधिकार होता, ससुराल को छोड़कर वह अमर्यादित काम कि है अतः उसे किसी भी अधिकार से वंचित ही रहना चाहिए।
किसी भी शहीद की निसन्तान विधवा पत्नी यदि दुसरी शादी करना चाहे तो अपने सास-ससुर एवं परिवार से मिल-बेठ कर अनुमति ले तो ससुराल पक्ष विधवा बहु को अपनी बेटी समझ कर उसकी दुसरी शादी करना चाहिए और शहिद की विधवा पत्नी एवं उसके माता-पिता बहु के सास-ससुर की बिना सहमति शादी करे तो शहीद के सब कुछ पर शहीद के माता-पिता का अधिकार होना चाहिए..! जय हिन्द..! जय भारत..!!
शहीद की धर्म पत्नी अगर पुनर्विवाह नहीं करेंगी तथा ताउम्र मेडल रखते हुए शहीद की धर्मपत्नी बनकर रहेगी ,चाहे अलग रहकर उसके पति की पहचान बनेगी तो फिर मेडल उसके पास ही रहेगा। यही उसकी मुख्य पहचान होगी। वह चाहेगी तो मिलीटरी में भर्ती होकर स्वयं देश की रक्षा के लिए समर्पित होगी। अगर बहू पर दोषारोपण करते हैं तो लगता है उन्होंने बहू का सम्मान नहीं किया है। बहू पति की शहादत से विधवा हुई है। एकबार तो उसकी दुनिया लूट गयी हैं। इसलिए स्वार्थ रखकर पुनः बहू बनाने की गलत धारणा है। वह स्वतंत्र जीवन जीने के लिए बंदिश से परे हैं। धन्यवाद। 🙏🙏
Ap bilkul sahi h meri bhi yhi thinking h
बहुत पहले ही ये मां बाप का हतयारा जैसा नियम पहले ही बदल जाना चाहिए था पर अफसोस आज तक राजनाथ सिंह का आख नहीं खुला
यह एक जगह की बात नहीं है यह बहुत जगह ऐसे हो रहा है लड़कियां पैसे लेकर अपने मां बाप के पास चल जाती हैं लड़के के मां बाप रोटी दिल करते रहते हैं उनके पास कुछ नहीं रहता ना बेटा ना पैसा ना भाव