मोहतरम जनाब इकबाल अशर साहब , क्या कहने । अज़ीम शख्सियत , पुर वकार कैफियत , शाइरी की आबरू । आशआर का आबशार । जज़्बात का झरना । बड़े अफसोस की बात है कि उतने अर्से बाद भी अब तक महज़ 14 कमेंट्स ।
نہ جانے کتنے چراغوں کو مل گیء شہرت ایک آفتاب کے بے وقت ڈوب جانے سے بہت خوب اشہر صاحب آپکی شاعری قدرت کی تخلیق کا ایک کرشمہ ھے غیاث احمد غیاث ایڈوکیٹ علیگ
मोहतरम जनाब इकबाल अशर साहब , क्या कहने । अज़ीम शख्सियत , पुर वकार कैफियत , शाइरी की आबरू । आशआर का आबशार । जज़्बात का झरना ।
बड़े अफसोस की बात है कि उतने अर्से बाद भी अब तक महज़ 14 कमेंट्स ।
ZINDABAD IQBAL SAHEB. MASHA ALLAH.
Outstanding performance by Iqbal Ashar legend of urdu Adab❤
Waah waah
पिता का खत बेटे के नाम अत्यंत मार्मिक है
نہ جانے کتنے چراغوں کو مل گیء شہرت
ایک آفتاب کے بے وقت ڈوب جانے سے
بہت خوب اشہر صاحب آپکی شاعری قدرت کی تخلیق کا ایک کرشمہ ھے
غیاث احمد غیاث ایڈوکیٹ علیگ
वो दिल जो बाज न आए फरेब खाने से क्या बात है ।।।
Mashallh said
👌👌👌
👌👌👌👌
Iqbal Ashar❤❤❤
Bahut khoob
Behad lajwab
👏👏👏👏
Mashaallah
👏👏👏👏👏
Nice
Baut khub subanallha
waah waha
बेहतर ghazal k liye बेहतर सुनने वाले भी zaruri hn
ऐसे लोग भोपाल की महफ़िल में हैं!
बोतलों पर झगड़ने वाले आते ही क्यों हैं मुशायरे में?
bahut khoob