इस वीडियो में जो आर्य समाज के विद्वान हैं इनके साथ हमारा अत्यंत सौहार्द पूर्ण संवाद हुआ है मान मर्यादा के साथ इन्होंने हमें समय और पूर्ण सम्मान दिया। अतः जो भी समर्थक हैं वह दर्शन विज्ञान और व्यवहार की सीमा में रहकर ही कोई टिप्पणी करें। आचार्य जी के लिए किसी भी प्रकार के आपत्तिजनक शब्दों उपयोग न करें। यही आप सबका इस धर्मार्थ कार्य में हमारे लिए सहयोग होगा। ध्यान रखें हमारे बीच वैचारिक मतभेद अवश्य हैं परंतु किसी भी प्रकार का द्वेष पूर्ण भाव एक दूसरे के प्रति नहीं होना चाहिए। जय श्री राम 🙏
Satyug main 4 avatar dharti ya prithvi par nahi hue. Mataya avatar pralay ke time aaye, kurma, narsimha, varah yeh sab dharti par nahi aaye yeh sab ghatna dusre lok ki hain
@@AryaRakesh-ff9it रायता तुम फैलाते हो आर्य समाजी विदुषि ने बेवजय उवाच गाली बाज के वहाँ जा कर .........रायता फैलाया था शिवांश जी जैसी चर्चा होती हैं वैसी डालते हैं कोई काट-पिट नहीं करते हैं तुम लोग उछलते हो बस
जय श्रीराम ! हर हर महादेव ! शंकराचार्य भगवान की जय ! बहुत बढियां चर्चा रही। शिवांशु भाई और इन आर्य समाजी विद्वान का अभिनंदन। सौहार्दपूर्ण चर्चा से बहुत आनंद आता है। शिव शिव 🙏
22:24 गोस्वामी तुलसीदास की चौपाई ही खा गए उसका रेफरेंस देते देते स्वयं ही फंस गए - "हरि ब्यापक सर्बत्र समाना। " जबकि आगे कोई और ही चौपाई बोल देते है। परन्तु यही अवतारवाद सिद्ध हो जाता है। "हरि ब्यापक सर्बत्र समाना। प्रेम तें प्रगट होहिं मैं जाना॥ " यह है पूरी चौपाई।
@@gautampandey1807 वैदिक परंपरा से नहीं जुड़ने के कारण मनुष्य के कुतर्क निकलते हैं और कुतर्कों का कोई जवाब नहीं होता अध्ययन और चिंतन करना चाहिए पक्षपात रहित होकर ।
जय श्री राम भैया 🙏🚩🚩🙏 ये बहुत बढ़िया चर्चा रही । और हमलोगो को इन आर्य समाजी के विषय में जो पता चला वो निम्नलिखित है तथा जो बाते इस चर्चा में सिद्ध हुई है वो भी इसमें लिखा हुआ है🙏😁 1)सर्वशक्तिमान आत्मनिर्भर एक दूसरे का पर्यायवाची है 🤣 2) "हरि अनंत हरि कथा अनंता" में जो "कथा" बताया जा रहा है उसका अर्थ "व्याख्या , कर्मक्षेत्र " है न की कहानी 🤣 3) ईश्वर क्या क्या कर सकता है यह पता नही , पर वो क्या क्या नहीं कर सकता वो पता है 🤣 4) मानस का उदाहरण देंगे पर पूरी तरह मानस को मानना भी नही 🤣 5) दयानंद जी के कारण देश में आज़ादी की क्रांति आई 🤣 6) ईश्वर के अवतार ( राम , कृष्ण ) के बाद भी धर्म नही बढ़ा (अधर्म ज्यों का त्यों रहा ) पर महापुरुषों (राम , कृष्ण ) के कारण धरती का भार ( अधर्म) हट गया 🤣 दोमुही बातें 🤣 7) ईश्वर प्रकृति के माध्यम से कार्य करता है लेकिन ईश्वर प्रकृति की सहायता नही लेता 🤣🤣 दोमुही बातें 🤣 8) ऋषियों ने ज्ञान ले कर जन्म लिए पर किसी ने ज्ञान दिया । दोमुही बातें🤣 9) गुरु परंपरा के निषेध का प्रयास करते हुए वाल्मिकी रामायण का उदाहरण देना है , पर पूरा वाल्मिकी रामायण मानना भी नही 🤣 10) "आवश्यकता" के आधार पर पुराणादि शास्त्रों में तथा महाभारत और रामायण में वर्णित अवतार को नकार दो। पर वेदों की प्राचीनता बताने के लिए पुराणों , महाभारत , रामायण के पात्र और कहानी को ढाल बनाओ। 🤣 11) वशिष्ठ जी शुद्र थे 🤣 12) शुद्र पिता से उत्पन्न संतान शुद्र बोला जाएगा पर जन्म से वर्ण नही माना जाएगा 🤣 दोमुही बात 🤣 13) दयानंद के गुरु विरजानंद जी , और उनके गुरु संपूर्णानंद जी , और उनके गुरु पता नही 🤣 14) वेद का ज्ञान परंपरा से प्राप्त होता है और ज्ञान का परंपरा से कोई मतलब नहीं है 🤣🤣 15) बुद्ध दर्शन को स्वीकारना भी है और बुद्ध के ज्ञान को गलत तथा बुद्ध को पूर्ण ज्ञानी मानने से नकारना भी है 🤣🤣 16)गुरु अज्ञानी भी हो सकता है 🤣 17) वेद जहां से प्राप्त होता है उस पर विश्वास करना है पर जिसने वेद दिया उसके वेद के अर्थ पर विश्वास भी नहीं करना 🤣 # ये चर्चा में जो बातें सिद्ध हुई है वो निम्नलिखित है :- 1) जो चीज़ पहले से ही है उसका भी आना जाना सिद्ध होता है। 🚩 2) सर्वव्यापी होते हुए भी वह एक देश में कार्यरत हो सकता है।🚩 3) ईश्वर दंड देने के लिए छल कर सकता है।🚩 4) आर्य समाज द्वारा दी गई मुक्ति से उसी के आचार्य सहमत नहीं है।🚩 5) जिस प्रकार व्यवहार कर सकने हेतु ज्ञान को मंत्रों के रूप में दिया जाता है उसी प्रकार व्यवहार में आ सकने के लिए ईश्वर अवतार लेता है।🚩 6) जिस प्रकार संक्षिप्त और सरल करने के लिए ईश्वर वेदों में अलंकार का उपयोग कर सकता है उसी प्रकार भक्ति को सरल करने के लिए ईश्वर अवतार ले सकता है।🚩
@@rishabh-k1e जय श्रीमन्नारायण 🙏 इसमें हमने जो कुछ भी समझा जैसे "इन आर्य समाजियों के दोमुही विचारधारा " तो वो हमने लिख दिया । तथा जो भी निष्कर्ष इस चर्चा से प्राप्त हुआ है वो भी दे दिया 🙏😅 जय श्री कृष्ण 🙏🚩
@@harshjha9743 बहुत ही कम समय में और बहुत ही अच्छी बातें लिख दी आपने। कम से कम 2 घंटे उस व्यक्ति के भाषण से तो लोग बच सकते हैं।। उनका खुद कोई पक्का सिद्धांत नहीं हैं तो वो दूसरों को क्या देंगे।। नारायण नारायण नारायण नारायण 🙏🙏🙏
आज मैने पहली बार इतनी बड़ी वीडियो किसी आर्य समाजी का इतनी समय निकाल कर पूरा देखा वो भी इसलिए कि ये आर्य समाजी महाशय बहुत बड़े उम्र के हैं, तो जरूर शिवांश भाई आपके तर्कों का, तर्क सहित और शास्त्र सम्मत उत्तर देंगे और आपसे इन सभी विषयों पर चर्चा भी करेंगे, लेकिन पूरा वीडियो देखने पर मैं एक ही बात बोलता हूं कि कुल मिलाकर चर्चा कम और आर्य समाजी महाशय ने, अपनी मनमाना प्रवचन ज्यादा दिया है।। किसी भी प्रश्न का उन्होंने सार्थक उत्तर नहीं दिया, वहीं पुरानी परंपरा जो सभी आर्य समाजी करते आए हैं, केवल बातों को गोलमाल करना और अपनी मनमाना तर्क देना और पुराणों और अवतार वाद को केवल इसलिए गलत बोल देना, क्योंकि उनके तथाकथित वैदिक विद्वान स्वामी दयानंद ने इसे नहीं माना और सत्यार्थ प्रकाश में इसका खंडन किया इसलिए हम नहीं मानेंगे, तो नहीं मानेंगे, भले ही हमें कोई शास्त्र और तर्क दोनों से ही क्यों न समझा ले?? यदि सच कहूं तो इन महाशय ने आधी से ज्यादा समय केवल सटीक प्रश्नों के उत्तर देने के बजाय ,केवल अपनी मानसिकता को सही कहने वाले सिद्धांतों को कहने में लगा दिया।। इन महाशय ने कहा कि ईश्वर ने सतयुग में 4 अवतार लिया और ईश्वर का अवतार धर्म स्थापना के लिए होता है फिर भी आगे चलकर अधर्म क्यों हुआ?? इसपर मेरा एक ही उत्तर है, ईश्वर का अवतार बिल्कुल गीता ने ठीक कहा है धर्म स्थापना के लिए ही होता है और इसका प्रमाण सतयुग है क्योंकि जिस युग में भगवान के जितने अवतार हुए उस युग में उतने ही ज्यादा धर्म मजबूत थे तो बात तो सही हुआ।।😅😅😅😅 दूसरी बात इन महाशय ने कहा कि यदि राम और कृष्ण ईश्वर के अवतार हैं तब तो उन्होंने धर्म की स्थापना नहीं कि किंतु यदि आर्य समाजियों के नजर में केवल महापुरुष हैं तो धर्म की स्थापना की 😅😅😅😅 मतलब कुछ भी 😂😂😂😂 तीसरी बात इन महाशय ने कहा कि जब जब अधर्म की हानि होती है तो ईश्वर अपने पास से किसी महापुरुष को भेजता है धर्म स्थापना के लिए 😅😅😅😅 अब कौन बताए इन्हें कि दयानंद का ये सिद्धांत नहीं है यहां पर ये महाशय इसमें भी भूल कर बैठे।। हां ये सिद्धांत मुस्लिमों और क्रिश्चियनो के कुरान और बाइबल का जरूर है कि उनका खुदा या God खुद नहीं आता बल्कि उनके मित्र या पुत्र आते हैं।। अब मैं लास्ट में यही बात बोलता हूं कि आज के बाद मैं किसी भी आर्य समाजी का अवतारवाद और धर्म तथा ईश्वर के विषय में चर्चा का वीडियो देखकर अपना कीमती समय बर्बाद नहीं करूंगा बल्कि इसके जगह खुद से ही गीता, रामायण, भागवत और उपनिषद आदि पढ़कर या फिर स्वामी करपात्री जी महाराज, स्वामी रामसुखदास जी महाराज, स्वामी श्री जयदयाल गोयन्दका और भाई श्री हनुमान प्रसाद पोदार आदि का लिखी गई ग्रंथ पढ़कर अपना समय सार्थक कर लूंगा क्योंकि मैं समझ गया हूं कि ये आर्य समाजी अपने तथाकथित वैदिक विद्वान स्वामी दयानंद को इस धरती का सबसे बड़ा विद्वान मानते हैं और उनके सत्यार्थ प्रकाश को ही परम सत्य मानते हैं उसके आगे ये लोग हमारे सारे आचार्य चाहे वो वैष्णवाचार्य हो या शैवाचार्य या स्वयं शंकराचार्य ही क्यों न हो, सभी को ये आर्य समाजी मूर्ख और पाखंडी तथा पुराणों को गापोड कल्पना मानते हैं और ये कितना भी समझने पर भी नहीं समझेंगे क्योंकि यदि आप किसी शास्त्र से भी आप प्रमाण दे देंगे तो ये उसको मिलावटी बोल देंगे और खुद को ही धर्म का बड़ा ज्ञाता जो घोषित कर चुके हैं तो आप समझाएंगे भी इन्हें कैसे?? कुल मिलाकर इनसे चर्चा करना मतलब अपने समय को बर्बाद करना इसलिए मैं एक ही बात बोलूंगा शिवांश भाई कि आप ऐसे लोगों से अब दूर ही रहो और अपना समय ईश्वर चिंतन, शास्त्र स्वाध्याय, गुरुओं के सत्संग और धर्म संबंधी वीडियो बनाने में लगाईये।। जय श्री राम कृष्ण हरि हर नारायण।। और दूसरी तरफ कलयुग है इसमें सबसे ज्यादा अधर्म होता है क्योंकि इसमें भगवान के अवतार सबसे कम होते हैं केवल 1 2:03:29
उदाहरण के लिए वेद से इतर ग्रंथो का सहारा लेना ही पड रहा है उस परम् तत्व को जानने के लिए प्रकृति का अवलंबन लेना ही पडेगा ईश्वर छल नहीं करता पर स्थापित सत्य को ही करता है
vo tulsidas ji ke vachan de rahe hain ye siddh karne ke liye ki bhagavan saakaar nahi ho sakte aur avataar nahi le sakte 🤣🤣🤣🤣🤣 isi ko kehte hain ardha kukkuta nyaaya... aap keval utna amsh uthalo jo aapko lage apne samarthan me hai... in logon ko zabardasti pakadke tarka shastra sikhana chahiye taaki aage aisi bevkoofon wali baat na kare
@ganeshchandrasuyal3576 अरे मुर्ख किस बात की चर्चा और कंमेंट मैने किया है जरा वो देख!! और हा भगवती द्रोपती का विवाह पांडवो से हुआ था वरदान स्वरूप न की व्यभिचार स्वरूप!! और हा जिसको इसमें व्यभिचार दिखता होगा वो अवश्य ही 5 बाप के अलग अलग वीर्य से उत्पन्न हुआ होगा 🗿
अंत में पूरी चर्चा बहुत अच्छी रही दर्शकों के लिए भी ठीक रहा कहां तर्क है और कहां वितर्क है । आचार्य जी को भी भी वितर्क का कैसे उत्तर दिया जाए इसका अध्ययन करने की जरूरत है ।
शिवांश भैया जी..सत्य सनातन के सदा विजय ही होती आ रही है 😊❤ जय आदिशंकराचार्य भगवान ♥️जय रामानंदाचार्य भगवान ।। जय जय सियाराम ।। ।। हर हर शिव शंभू ।। 🐄❤️🌺🙏🪷🚩🌎🌹✅
आचार्य जी की शैली उनका धैर्य बहुत अच्छा लगा। लेकिन उन्होंने बहुत सी बातें कही हैं जो आर्य समाज के विपरीत है। और इन्होंने सिर्फ तर्क का प्रयोग किया है प्रमाण का नहीं, जितनी बार भी प्रमाण की बात आई इन्होंने बात आगे बढ़ा दिया।
35:11 भगवान वामन ने छल नहीं किया था । राजा बलि को शुक्राचार्यजी ने बता दिया था कि वामनजी भगवान हैं । राजा बलि ने विश्वास भी किया था ।ब्राह्मणोऽस्य मुखमासीद्
Aishi hi aur charcha kriye off. Line jitna ho sake hamko ish tarah jyada samjh aata hai aur samne wala prashno se bhag bhi nhi pata nai shiv appe kripa kre... ❤❤❤
इन अनार्य नमाजी महाशय के बातों को सुनने पर पता लगता है कि बच्चों की तरह बातें कर रहे हैं। विद्वान मनुष्य इस प्रकार की बातें नहीं किया करते हैं। विद्वान मनुष्यों के सभा में ये हंसी के पात्र माने जायेंगे।
"Nari narkashya duarkam".. yeh baat sastra me bhi hai.. Yeah baat "vishnu puran" me rishi kundu ke story me Mill jaiega... Jab kundli rishi ka tapasya bhang ho jata hai wo khud ko koste hue kahete hai.. Vishu Puran 1st part, adhaya 14, shloka number 38..
अगर ईश्वर केवल निराकार है और न्यायकारी भी है, तो इस संसार में कहीं भी अधर्म नहीं होना चाहिए था, अगर ईश्वर बुरे का फल देता है इस जन्म में तो उस बुरे फल की परिभाषा क्या है ??
@@Sanatan_rakshak410 vedo me toh ye bhi nhi likha E=mc² toh isse bhi nished hi mana jayega 😂😂 waah ! ( Einstein be like : meri mehnat par pani fer diya 😢)
यह कह रहे हैं कि हमारे अवतारों को ईसाइयों ने नहीं माना है और नहीं मुसलमान ने माना है तो वह लोग जो विधर्मी है और वेद विरुद्ध परंपरा में जन्मे है और नूतन सभ्यता के लोग है जो सृष्टि को 7 या 5000 साल की समझते हैं , यह महाशय उन लोगों का प्रमाण स्वीकार कर रहे है, वह नहीं मानेंगे तो हमारे ईश्वर, ईश्वर नहीं रहेंगे क्या ??
वेद में ईश्वर ने हमें जो जो चीज बताया है वह वह उसके बारे में हमें पूर्ण ज्ञान है और जो जो चीज उसने वेद में नहीं बताई है वह हमें नहीं मालूम है और वह इस संसार के किसी भी जीव को मालूम नहीं हो सकता है वेद में ईश्वर ने हमें बताया है कि वह अवतार नहीं लेता है इस लिए आर्य समाज वाले ईश्वर का अवतार नहीं मानते हैं । कुतर्कों का तो कोई जवाब नहीं हो सकता है कुतर्कों का छोटा ही अध्ययन करना पड़ता है
Ishwar ko insaan jesa samjhne ki bhul mat karo...Jo kaam ruler, police ya army ka hai, wo kaam ishwar kyon kare ?Ishwar se tum chaukidar, havaldar ka duty kyon karwana chahte ho ?..😂
जीवात्मा का अनादि गुण है वह एक जगह पर नहीं रह सकता । जीवात्मा का स्वभाव ही वैसा है और वह उसका स्वभाव अनादि है आप खुद भी अध्ययनकर कर देख लो अध्ययन की भी आवश्यकता होती है मनुष्य को स्वाध्याय करना चाहिए इन दोनों विद्वानों की चर्चा सुनकर हमें कुछ सीखने को मिलता है पक्षपात करके नहीं सीखना चाहिए ।
1:44:11 aaj ke samay vigyan bhi Hume pashu manti hai, yahan tak ki brahman granth me bhi purushmedha me bola gya purush jo uttam pashu hai, parampara anusar
ईश्वर की ऐसी अवधारणा तो Abrahamic God जैसी प्रतीत हो रही हैं। आर्य समाज का ईश्वर, Abrahamic God जैसा हैं,जो जन्म नहीं लेता हैं। Abrahamic God के Followers का Claim हैं कि उनका God " Moral " हैं , क्योंकि उनका God प्रकृति का हिस्सा नहीं हैं, Non Abrahamic God जैसे। Abrahamic God कभी जन्म नहीं लेता हैं, Abrahamic God , Part of Nature नहीं हैं, इसलिए वो " Moral" हैं, ऐसा उनका Claim हैं। जो God Part of Nature हैं, वो "amoral ( अनैतिक) " हैं, ऐसा Abrahamics का मानना हैं . Abrahamic Religions से पहले सभी Gods Part of Nature थे, इससे आपको कुछ समझ आ रहा हैं, कि क्यों Abrahamic God ,Part of Nature नहीं हैं.
Agyani apas me agyan ki hi bate charcha hoti he. Yaha gyan ki bat keise ujagar hoga. Tamuguni ko( shiv) mannewala murkh, angry, jyada prabhav hote he. Dharti pe Sachcha satguru he toh sirf sant rampal maharaj ji hi he.
दयानंद सरस्वती भांग पीले वाले महापुरुष थे वेदों का यथार्थ ज्ञान सरलार्थ नहीं कर पाए बात नहीं पाए वह पूर्ण ब्रह्म कौन है उसका नाम क्या है और उसकी पूजा विधि क्या है
In mahashay ki ek baat se mein apàtti karta hu. Inhone kaha alankar lagane se chize asani se samjh me aata hai.. Asa nhi hi hai jinko alankar ka matalb pata hota hai wo samjh sakte hai. Jinko pata nhi wo samjh nhi sakte ulta arth nikal sakte hai jayda confused ho sakte hai. Isliye sidha sidha kahene se kya problem tha ishwar ko.. Alankar kyun dala??
29:55 क्या तर्क दिया है स्वामी जी 😂😂😂🤣🤣 इसका अर्थ है आपने इन अवतारों ने क्या किया वह जानकारी ही नहीं है। आपने सिर्फ यदा यदा हि धर्मस्य..... श्लोक ही पढ़ा है। (गीता -4/7) इसके बाद का श्लोक ... परित्राणाय साधुना.... (गीता -4/8) पढ़ा ही नहीं है। 😂😂😂😂 अद्भुत स्वामी जी अद्भुत 😂
शिवांश द्विवेदी तुम्हें कुछ ज्ञान नहीं अगर परमात्मा सर्वशक्तिमान है तो सिर्फ कुछ कर सकता है संत रामपाल जी महाराज जी के ज्ञान का जवाब तुम ज्ञान से नहीं दे सकते तुम्हारे अंदर वह ताकत नहीं क्योंकि तुमने सब ग्रंथन को सही तरीके से नहीं पढ़ा आज संत रामपाल जी महाराज सभी ग को खोलकर हमारे सामने रख दिया जिससे हमें सच्चाई का पता चल गया
इस वीडियो में जो आर्य समाज के विद्वान हैं इनके साथ हमारा अत्यंत सौहार्द पूर्ण संवाद हुआ है मान मर्यादा के साथ इन्होंने हमें समय और पूर्ण सम्मान दिया। अतः जो भी समर्थक हैं वह दर्शन विज्ञान और व्यवहार की सीमा में रहकर ही कोई टिप्पणी करें। आचार्य जी के लिए किसी भी प्रकार के आपत्तिजनक शब्दों उपयोग न करें। यही आप सबका इस धर्मार्थ कार्य में हमारे लिए सहयोग होगा। ध्यान रखें हमारे बीच वैचारिक मतभेद अवश्य हैं परंतु किसी भी प्रकार का द्वेष पूर्ण भाव एक दूसरे के प्रति नहीं होना चाहिए।
जय श्री राम 🙏
Satyug main 4 avatar dharti ya prithvi par nahi hue. Mataya avatar pralay ke time aaye, kurma, narsimha, varah yeh sab dharti par nahi aaye yeh sab ghatna dusre lok ki hain
Bad me rayta mat phailana lal dhoti wale।😍
@@AryaRakesh-ff9it रायता तुम फैलाते हो आर्य समाजी विदुषि ने बेवजय उवाच गाली बाज के वहाँ जा कर .........रायता फैलाया था
शिवांश जी जैसी चर्चा होती हैं वैसी डालते हैं कोई काट-पिट नहीं करते हैं तुम लोग उछलते हो बस
इसको पूछो परमात्मा अपनी इच्छा से क्या क्या कर सकता है 😅😅
शिवांश भाई इनके अंदर शिशुपाल बैठा है जो इनको श्री कृष्ण जी को परमात्मा नही मानने दे रहा
वन्दे विष्णु जगतगुरुम्
Thanks!
जय श्रीराम ! हर हर महादेव ! शंकराचार्य भगवान की जय !
बहुत बढियां चर्चा रही। शिवांशु भाई और इन आर्य समाजी विद्वान का अभिनंदन।
सौहार्दपूर्ण चर्चा से बहुत आनंद आता है।
शिव शिव 🙏
22:24 गोस्वामी तुलसीदास की चौपाई ही खा गए उसका रेफरेंस देते देते स्वयं ही फंस गए -
"हरि ब्यापक सर्बत्र समाना। " जबकि आगे कोई और ही चौपाई बोल देते है। परन्तु यही अवतारवाद सिद्ध हो जाता है।
"हरि ब्यापक सर्बत्र समाना। प्रेम तें प्रगट होहिं मैं जाना॥ " यह है पूरी चौपाई।
जब जब होइ धरम कै हानी। बाढहिं असुर अधम अभिमानी।।
करहिं अनीति जाइ नहिं बरनी। सीदहिं बिप्र धेनु सुर धरनी।।
तब तब प्रभु धरि बिबिध सरीरा। हरहि कृपानिधि सज्जन पीरा।।
ये भी
@@chillboy6406 श्रीमान जी तुलसीदास जी की इस चौपाई का क्या अर्थ निकाले
"बिनु पद चलइ,सुनइ बिन काना।कर बिनु करम,करइ बिधि नाना॥"
jai shree ram . ||NARAYAN||🚩🚩🚩मत पढ़ो चक्कर में कोई नहीं है टक्कर में🚩।
1:00:39 - 1:02:23 आचार्य जी ने तो स्वयं ही आर्य समाज के त्रैतवाद की धज्जियां उड़ा दी 😀
जय श्री राम 🙏🚩🚩
निष्कर्ष अंत में यही निकलता है, परंपरा से रिक्त होने की अवस्था में केवल confusion
❤ हर हर महादेव ❤
@@gautampandey1807 वैदिक परंपरा से नहीं जुड़ने के कारण मनुष्य के कुतर्क निकलते हैं और कुतर्कों का कोई जवाब नहीं होता अध्ययन और चिंतन करना चाहिए पक्षपात रहित होकर ।
Shai
शिवांश जी सत्य से अवगत कराने के लिए,आर्यसमाज की न समझी दिखाने के लिए सहृदय धन्यवाद।बहुत बहुत साधुवाद जय श्री राम
Aap ne inhe baton baton me hi unka mat ko unhin se kaat diya ,jay ho,har har Mahadev
Thanks
❤🙇 नारायण हर हर महादेव 🙇❤ प्रणाम भैया जी 🙏🙇🙏
आदि गुरु भगवान शंकराचार्य की जय हो
ये इनकी मन की बातें है इनको जो अच्छा लगा वो मानेंगे जो अच्छा नहीं लगेगा वो नहीं मानेंगे
Har Har mahadev
Jay shree ram ram 🕉️❤
जय श्री राम भैया 🙏🚩🚩🙏 ये बहुत बढ़िया चर्चा रही । और हमलोगो को इन आर्य समाजी के विषय में जो पता चला वो निम्नलिखित है तथा जो बाते इस चर्चा में सिद्ध हुई है वो भी इसमें लिखा हुआ है🙏😁
1)सर्वशक्तिमान आत्मनिर्भर एक दूसरे का पर्यायवाची है 🤣
2) "हरि अनंत हरि कथा अनंता" में जो "कथा" बताया जा रहा है उसका अर्थ "व्याख्या , कर्मक्षेत्र " है न की कहानी 🤣
3) ईश्वर क्या क्या कर सकता है यह पता नही , पर वो क्या क्या नहीं कर सकता वो पता है 🤣
4) मानस का उदाहरण देंगे पर पूरी तरह मानस को मानना भी नही 🤣
5) दयानंद जी के कारण देश में आज़ादी की क्रांति आई 🤣
6) ईश्वर के अवतार ( राम , कृष्ण ) के बाद भी धर्म नही बढ़ा (अधर्म ज्यों का त्यों रहा ) पर महापुरुषों (राम , कृष्ण ) के कारण धरती का भार ( अधर्म) हट गया 🤣 दोमुही बातें 🤣
7) ईश्वर प्रकृति के माध्यम से कार्य करता है लेकिन ईश्वर प्रकृति की सहायता नही लेता 🤣🤣 दोमुही बातें 🤣
8) ऋषियों ने ज्ञान ले कर जन्म लिए पर किसी ने ज्ञान दिया । दोमुही बातें🤣
9) गुरु परंपरा के निषेध का प्रयास करते हुए वाल्मिकी रामायण का उदाहरण देना है , पर पूरा वाल्मिकी रामायण मानना भी नही 🤣
10) "आवश्यकता" के आधार पर पुराणादि शास्त्रों में तथा महाभारत और रामायण में वर्णित अवतार को नकार दो। पर वेदों की प्राचीनता बताने के लिए पुराणों , महाभारत , रामायण के पात्र और कहानी को ढाल बनाओ। 🤣
11) वशिष्ठ जी शुद्र थे 🤣
12) शुद्र पिता से उत्पन्न संतान शुद्र बोला जाएगा पर जन्म से वर्ण नही माना जाएगा 🤣 दोमुही बात 🤣
13) दयानंद के गुरु विरजानंद जी , और उनके गुरु संपूर्णानंद जी , और उनके गुरु पता नही 🤣
14) वेद का ज्ञान परंपरा से प्राप्त होता है और ज्ञान का परंपरा से कोई मतलब नहीं है 🤣🤣
15) बुद्ध दर्शन को स्वीकारना भी है और बुद्ध के ज्ञान को गलत तथा बुद्ध को पूर्ण ज्ञानी मानने से नकारना भी है 🤣🤣
16)गुरु अज्ञानी भी हो सकता है 🤣
17) वेद जहां से प्राप्त होता है उस पर विश्वास करना है पर जिसने वेद दिया उसके वेद के अर्थ पर विश्वास भी नहीं करना 🤣
# ये चर्चा में जो बातें सिद्ध हुई है वो निम्नलिखित है :-
1) जो चीज़ पहले से ही है उसका भी आना जाना सिद्ध होता है। 🚩
2) सर्वव्यापी होते हुए भी वह एक देश में कार्यरत हो सकता है।🚩
3) ईश्वर दंड देने के लिए छल कर सकता है।🚩
4) आर्य समाज द्वारा दी गई मुक्ति से उसी के आचार्य सहमत नहीं है।🚩
5) जिस प्रकार व्यवहार कर सकने हेतु ज्ञान को मंत्रों के रूप में दिया जाता है उसी प्रकार व्यवहार में आ सकने के लिए ईश्वर अवतार लेता है।🚩
6) जिस प्रकार संक्षिप्त और सरल करने के लिए ईश्वर वेदों में अलंकार का उपयोग कर सकता है उसी प्रकार भक्ति को सरल करने के लिए ईश्वर अवतार ले सकता है।🚩
bhut badiya kia jha ji logon ko sanchipt m nishkarsh tak pahuchne m sahiyog prapt hoga . ||NARAYAN||
@@rishabh-k1e जय श्रीमन्नारायण 🙏
इसमें हमने जो कुछ भी समझा जैसे "इन आर्य समाजियों के दोमुही विचारधारा " तो वो हमने लिख दिया । तथा जो भी निष्कर्ष इस चर्चा से प्राप्त हुआ है वो भी दे दिया 🙏😅
जय श्री कृष्ण 🙏🚩
बहुत बढ़िया, बहुत सुंदर लिखा और निष्कर्ष निकाला । जय श्री राम ❤❤
@@harshjha9743 बहुत ही कम समय में और बहुत ही अच्छी बातें लिख दी आपने।
कम से कम 2 घंटे उस व्यक्ति के भाषण से तो लोग बच सकते हैं।।
उनका खुद कोई पक्का सिद्धांत नहीं हैं तो वो दूसरों को क्या देंगे।।
नारायण नारायण नारायण नारायण 🙏🙏🙏
@@harshjha9743 आपने जिस प्रकार से यह सब लिखा हुआ है बहुत अच्छी बात है आप भारतीय आस्तिक 6 दर्शनों का अध्ययन करें ।
आज मैने पहली बार इतनी बड़ी वीडियो किसी आर्य समाजी का इतनी समय निकाल कर पूरा देखा वो भी इसलिए कि ये आर्य समाजी महाशय बहुत बड़े उम्र के हैं, तो जरूर शिवांश भाई आपके तर्कों का, तर्क सहित और शास्त्र सम्मत उत्तर देंगे और आपसे इन सभी विषयों पर चर्चा भी करेंगे, लेकिन पूरा वीडियो देखने पर मैं एक ही बात बोलता हूं कि कुल मिलाकर चर्चा कम और आर्य समाजी महाशय ने, अपनी मनमाना प्रवचन ज्यादा दिया है।।
किसी भी प्रश्न का उन्होंने सार्थक उत्तर नहीं दिया, वहीं पुरानी परंपरा जो सभी आर्य समाजी करते आए हैं, केवल बातों को गोलमाल करना और अपनी मनमाना तर्क देना और पुराणों और अवतार वाद को केवल इसलिए गलत बोल देना, क्योंकि उनके तथाकथित वैदिक विद्वान स्वामी दयानंद ने इसे नहीं माना और सत्यार्थ प्रकाश में इसका खंडन किया इसलिए हम नहीं मानेंगे, तो नहीं मानेंगे, भले ही हमें कोई शास्त्र और तर्क दोनों से ही क्यों न समझा ले??
यदि सच कहूं तो इन महाशय ने आधी से ज्यादा समय केवल सटीक प्रश्नों के उत्तर देने के बजाय ,केवल अपनी मानसिकता को सही कहने वाले सिद्धांतों को कहने में लगा दिया।।
इन महाशय ने कहा कि ईश्वर ने सतयुग में 4 अवतार लिया और ईश्वर का अवतार धर्म स्थापना के लिए होता है फिर भी आगे चलकर अधर्म क्यों हुआ??
इसपर मेरा एक ही उत्तर है, ईश्वर का अवतार बिल्कुल गीता ने ठीक कहा है धर्म स्थापना के लिए ही होता है और इसका प्रमाण सतयुग है क्योंकि जिस युग में भगवान के जितने अवतार हुए उस युग में उतने ही ज्यादा धर्म मजबूत थे तो बात तो सही हुआ।।😅😅😅😅
दूसरी बात
इन महाशय ने कहा कि यदि राम और कृष्ण ईश्वर के अवतार हैं तब तो उन्होंने धर्म की स्थापना नहीं कि किंतु
यदि आर्य समाजियों के नजर में केवल महापुरुष हैं तो धर्म की स्थापना की 😅😅😅😅
मतलब कुछ भी 😂😂😂😂
तीसरी बात इन महाशय ने कहा कि जब जब अधर्म की हानि होती है तो ईश्वर अपने पास से किसी महापुरुष को भेजता है धर्म स्थापना के लिए 😅😅😅😅
अब कौन बताए इन्हें कि दयानंद का ये सिद्धांत नहीं है यहां पर ये महाशय इसमें भी भूल कर बैठे।।
हां ये सिद्धांत मुस्लिमों और क्रिश्चियनो के कुरान और बाइबल का जरूर है कि उनका खुदा या God खुद नहीं आता बल्कि उनके मित्र या पुत्र आते हैं।।
अब मैं लास्ट में यही बात बोलता हूं कि आज के बाद मैं किसी भी आर्य समाजी का अवतारवाद और धर्म तथा ईश्वर के विषय में चर्चा का वीडियो देखकर अपना कीमती समय बर्बाद नहीं करूंगा बल्कि इसके जगह खुद से ही गीता, रामायण, भागवत और उपनिषद आदि पढ़कर या फिर स्वामी करपात्री जी महाराज, स्वामी रामसुखदास जी महाराज, स्वामी श्री जयदयाल गोयन्दका और भाई श्री हनुमान प्रसाद पोदार आदि का लिखी गई ग्रंथ पढ़कर अपना समय सार्थक कर लूंगा क्योंकि मैं समझ गया हूं कि ये आर्य समाजी अपने तथाकथित वैदिक विद्वान स्वामी दयानंद को इस धरती का सबसे बड़ा विद्वान मानते हैं और उनके सत्यार्थ प्रकाश को ही परम सत्य मानते हैं उसके आगे ये लोग हमारे सारे आचार्य चाहे वो वैष्णवाचार्य हो या शैवाचार्य या स्वयं शंकराचार्य ही क्यों न हो, सभी को ये आर्य समाजी मूर्ख और पाखंडी तथा पुराणों को गापोड कल्पना मानते हैं और ये कितना भी समझने पर भी नहीं समझेंगे क्योंकि यदि आप किसी शास्त्र से भी आप प्रमाण दे देंगे तो ये उसको मिलावटी बोल देंगे और खुद को ही धर्म का बड़ा ज्ञाता जो घोषित कर चुके हैं तो आप समझाएंगे भी इन्हें कैसे??
कुल मिलाकर इनसे चर्चा करना मतलब अपने समय को बर्बाद करना इसलिए मैं एक ही बात बोलूंगा शिवांश भाई कि आप ऐसे लोगों से अब दूर ही रहो और अपना समय ईश्वर चिंतन, शास्त्र स्वाध्याय, गुरुओं के सत्संग और धर्म संबंधी वीडियो बनाने में लगाईये।।
जय श्री राम कृष्ण हरि हर नारायण।।
और दूसरी तरफ कलयुग है इसमें सबसे ज्यादा अधर्म होता है क्योंकि इसमें भगवान के अवतार सबसे कम होते हैं केवल 1 2:03:29
बहुत सुंदर मेरी यह मान्यता इन लोगों के प्रति वर्षों पहले ही बन चुकी है
इसी लिए तो कहते है
मत पदों चक्कर कोई नहीं है टक्कर में 🔥🚩
हरि अवतार हेतु जेहि होई ।
इदमित्थं कहि जाइ न सोई ।।
||नारायण||. मत पढ़ो चक्कर में कोई नहीं है टक्कर में🚩। जय श्री राम
आचार्य जी को सादर प्रणाम 🙏
हरी हर महादेव🙏🏻🙏🏻🙏🏻
जय श्री राम हर हर महादेव
Har Har mhadev 🙏 jai shree mhakal 👏 jai jai shree ram 💐 🚩 🕉 🙏
शंकराचार्य भगवान की जय
जय श्रीराम जय श्रीकृष्ण हर हर महादेव
वाह,शिवांश जी, आपको बहुत बहुत धन्यवाद।
Kya gajab ki bate he🎉🎉🎉🎉
इस चर्चा के साथ अलंकार समाज के सैद्धांतिक विचारों पर और ज्यादा प्रश्न उत्पन्न हुए। 🎉बहुत बढ़िया।
हर हर महादेव 🚩
उदाहरण के लिए वेद से इतर ग्रंथो का सहारा लेना ही पड रहा है उस परम् तत्व को जानने के लिए प्रकृति का अवलंबन लेना ही पडेगा ईश्वर छल नहीं करता पर स्थापित सत्य को ही करता है
2:00:11 moment of enlightenment
Jai Shree Ram
वह पूर्ण परमात्मा इस धरा धाम पर आ चुके हैं
पूर्व पश्चिम उत्तर दक्षिण फिरता फिरता दाने दाने नू
सद्गुरु साहब की हरि आऐ हरियाणे न्यू
जय श्री सीताराम 🚩
जय श्री राम जय श्री कृष्णा सभी को
Har har Mahadev hare krishna
हर हर महादेव
बड़े सम्मान के साथ कहता हूँ कि आचार्य जी तो कुछ मनाने के लिए तैयार ही नहीं है अभी तक गुरु परंपरा को मानते थे अब वो भी आवश्यक नहीं है बोल रहे है
vo tulsidas ji ke vachan de rahe hain ye siddh karne ke liye ki bhagavan saakaar nahi ho sakte aur avataar nahi le sakte 🤣🤣🤣🤣🤣 isi ko kehte hain ardha kukkuta nyaaya... aap keval utna amsh uthalo jo aapko lage apne samarthan me hai... in logon ko zabardasti pakadke tarka shastra sikhana chahiye taaki aage aisi bevkoofon wali baat na kare
Jay shree ram
Jay Sharee Krishna
Bhiya. Ek bar our achary ji se characha ki jaye❤
जब जब होइ धरम कै हानी। बाढहिं असुर अधम अभिमानी।।
करहिं अनीति जाइ नहिं बरनी। सीदहिं बिप्र धेनु सुर धरनी।।
तब तब प्रभु धरि बिबिध सरीरा। हरहि कृपानिधि सज्जन पीरा।।
@@harkunwarsingroul5194 मान्यवर द्रोपदी के कितने पति थे कृपया कर महाभारत पूरी पढ़कर बताएं । प्रमाण के साथ में।
@ganeshchandrasuyal3576 अरे मुर्ख किस बात की चर्चा और कंमेंट मैने किया है जरा वो देख!!
और हा भगवती द्रोपती का विवाह पांडवो से हुआ था वरदान स्वरूप न की व्यभिचार स्वरूप!!
और हा जिसको इसमें व्यभिचार दिखता होगा वो अवश्य ही 5 बाप के अलग अलग वीर्य से उत्पन्न हुआ होगा 🗿
अंत में पूरी चर्चा बहुत अच्छी रही दर्शकों के लिए भी ठीक रहा कहां तर्क है और कहां वितर्क है । आचार्य जी को भी भी वितर्क का कैसे उत्तर दिया जाए इसका अध्ययन करने की जरूरत है ।
अंकल जी कलयुग में एक ही रहेगा धर्म का स्तंभ
सभी चरणों में आता है परमात्मा
Aapne bahot badiya faasaya har baar
शिवांश भैया जी..सत्य सनातन के सदा विजय ही होती आ रही है 😊❤ जय आदिशंकराचार्य भगवान ♥️जय रामानंदाचार्य भगवान
।। जय जय सियाराम ।। ।। हर हर शिव शंभू ।। 🐄❤️🌺🙏🪷🚩🌎🌹✅
Jay Sharee ram
इनके अनुसार जनसंख्या वृद्धि करना ही धर्म की रक्षा है। जबकि भगवान धर्म की रक्षा उसकी मर्यादा और पवित्रता बनाये रखने के लिए आते हैं ।
आर्य समाजी, गायत्री परिवार, साईं, रामपाल आदि आदि स्यात भक्तियोग रसावतार जगतगुरूत्तम श्री कृपालु जी महाराज को नहीं जानते 👏
परमात्मा सूक्ष्म से सूक्ष्म है बड़े से बड़ा
संत रामपाल महाराज जी की जय हो
स्वामीजी का प्रत्येक मत विरोधाभास से भरा है।
Acharye toh mahagyani hai naman acharye ji ko
Hàaaa
Akand Gyani hai kiya
Achary
Apne ahe bato ka khandan kiya
@Santanibrahmachari ache se likh le bhai kya likh rha h
@@akashtaak3838 Achary tho apne he batoo ka khandan kar raha hai
Kiya baat hai
@@Santanibrahmachari avtarvaadi toh dundh hibkenge khandan
@@akashtaak3838जब जब होइ धरम कै हानी। बाढहिं असुर अधम अभिमानी।।
करहिं अनीति जाइ नहिं बरनी। सीदहिं बिप्र धेनु सुर धरनी।।
तब तब प्रभु धरि बिबिध सरीरा। हरहि कृपानिधि सज्जन पीरा।।
आचार्य जी की शैली उनका धैर्य बहुत अच्छा लगा। लेकिन उन्होंने बहुत सी बातें कही हैं जो आर्य समाज के विपरीत है। और इन्होंने सिर्फ तर्क का प्रयोग किया है प्रमाण का नहीं, जितनी बार भी प्रमाण की बात आई इन्होंने बात आगे बढ़ा दिया।
35:11 भगवान वामन ने छल नहीं किया था । राजा बलि को शुक्राचार्यजी ने बता दिया था कि वामनजी भगवान हैं । राजा बलि ने विश्वास भी किया था ।ब्राह्मणोऽस्य मुखमासीद्
चर्चा तो आज बहुत अच्छी ओर सार्थक लग रही है। बाकी दर्शक समझ जाएंगे
कि आज की चर्चा से क्या निष्कर्ष निकलने वाला है
हर हर महादेव🙏🏻🙏🏻🙏🏻
Aishi hi aur charcha kriye off. Line jitna ho sake hamko ish tarah jyada samjh aata hai aur samne wala prashno se bhag bhi nhi pata nai shiv appe kripa kre... ❤❤❤
जय श्री राम, हर हर महादेव 🙏🙏🙏🙏
बहुत सुंदर आचार्य जी। दिवेधी जी दूसरे को हराने और नीचे दिखाने की कोशिश करने की बजाय कुछ सत्य को समझने की कोशिश करें।
Aaray namazi😂😂😂😂
इन अनार्य नमाजी महाशय के बातों को सुनने पर पता लगता है कि बच्चों की तरह बातें कर रहे हैं। विद्वान मनुष्य इस प्रकार की बातें नहीं किया करते हैं। विद्वान मनुष्यों के सभा में ये हंसी के पात्र माने जायेंगे।
"Nari narkashya duarkam".. yeh baat sastra me bhi hai..
Yeah baat "vishnu puran" me rishi kundu ke story me Mill jaiega...
Jab kundli rishi ka tapasya bhang ho jata hai wo khud ko koste hue kahete hai..
Vishu Puran 1st part, adhaya 14, shloka number 38..
वेदों में प्रमाण है परमात्मा साकार है उनका नाम कबीरदेव है आर्य समाज साकार परमात्मा को भी नहीं पहचान पाए तो क्या ज्ञान बताएंगे😮
अगर ईश्वर केवल निराकार है और न्यायकारी भी है, तो इस संसार में कहीं भी अधर्म नहीं होना चाहिए था, अगर ईश्वर बुरे का फल देता है इस जन्म में तो उस बुरे फल की परिभाषा क्या है ??
Jai shree Ram bhai Avata uanako manana nahi hai mahapurusa manana hai O uanaki man ki bat hai
Bahut Sundar Shivansh ji❤❤
वेद में कहा कहा है ईश्वर नें की में अवतार नहीं ले सकता ना मुझे अवश्यता है??? आर्यसमाजी लोग वेद से बताये? क्युकि वेद ही प्रमाण है??
जब वेदों मैं अवतारवाद है ही नहीं तो निषेध ही माना जाएगा
@Sanatan_rakshak410 तुम कुछ भी मानो उसका सनातन धर्म से कोई लेना देना नहीं।
@@Sanatan_rakshak410 vedo me toh ye bhi nhi likha E=mc² toh isse bhi nished hi mana jayega 😂😂 waah !
( Einstein be like : meri mehnat par pani fer diya 😢)
@@Sanatan_rakshak410जब जब होइ धरम कै हानी। बाढहिं असुर अधम अभिमानी।।
करहिं अनीति जाइ नहिं बरनी। सीदहिं बिप्र धेनु सुर धरनी।।
तब तब प्रभु धरि बिबिध सरीरा। हरहि कृपानिधि सज्जन पीरा।।
Veri nais
आचार्य जी ने सारे वैलिड सवालों का जवाब दिया कुतर्कों का कोई जवाब नहीं दे सकता वह खुद ढूंढने पड़ते हैं ।
Ajeeb tark diya maharshi dayand ne.
Moksh se bhi ubau ho sakta 😂😂😂
शिव शंकर प्रलयंकर🔱
बहुत बुरा लगा इतने वर्ष से लोग कैसे अंधकार में बैठकर आर्य समाज की समीक्षा नहीं कर सके। अब हो रहा है तो खलबली मची है।
धीरे धीरे आर्य समाजी ये महोदय फंसते गए .....
यह कह रहे हैं कि हमारे अवतारों को ईसाइयों ने नहीं माना है और नहीं मुसलमान ने माना है तो वह लोग जो विधर्मी है और वेद विरुद्ध परंपरा में जन्मे है और नूतन सभ्यता के लोग है जो सृष्टि को 7 या 5000 साल की समझते हैं , यह महाशय उन लोगों का प्रमाण स्वीकार कर रहे है, वह नहीं मानेंगे तो हमारे ईश्वर, ईश्वर नहीं रहेंगे क्या ??
Moksh ka rasta batane wala keval sant rampalji hai.
@@bhakchandramnagesh6480😂😂😂
Aacharya ji toh geeta toh bohut accha gaa lete h
वेद में ईश्वर ने हमें जो जो चीज बताया है वह वह उसके बारे में हमें पूर्ण ज्ञान है और जो जो चीज उसने वेद में नहीं बताई है वह हमें नहीं मालूम है और वह इस संसार के किसी भी जीव को मालूम नहीं हो सकता है वेद में ईश्वर ने हमें बताया है कि वह अवतार नहीं लेता है इस लिए आर्य समाज वाले ईश्वर का अवतार नहीं मानते हैं ।
कुतर्कों का तो कोई जवाब नहीं हो सकता है कुतर्कों का छोटा ही अध्ययन करना पड़ता है
आर्यसमाज का ईश्वर सर्वशक्तिमान नहीं है।उनका ईश्वर संसार सुव्यवस्था सत्सुरक्षा,दुष्टदलन के लिए नहीं आता है।
Ishwar ko insaan jesa samjhne ki bhul mat karo...Jo kaam ruler, police ya army ka hai, wo kaam ishwar kyon kare ?Ishwar se tum chaukidar, havaldar ka duty kyon karwana chahte ho ?..😂
1:51:10 सज्जन बौखला गए, तर्क विहीन, चित्त
बेचारे आचार्य जी बाद में देखेंगे कि सत्यार्थ प्रकाश में लिखा है कि मोक्ष का लगातार सुख उबाऊ होता है, 😂😂😂😂
Tum bhi dekhna
जीवात्मा का अनादि गुण है वह एक जगह पर नहीं रह सकता । जीवात्मा का स्वभाव ही वैसा है और वह उसका स्वभाव अनादि है आप खुद भी अध्ययनकर कर देख लो अध्ययन की भी आवश्यकता होती है मनुष्य को स्वाध्याय करना चाहिए इन दोनों विद्वानों की चर्चा सुनकर हमें कुछ सीखने को मिलता है पक्षपात करके नहीं सीखना चाहिए ।
इस वीडियो में commentary add करके multiple episodes बनाइये, शायद कुछ आर्य समाजीयों की आंखे खुल जाये
Waiting eagerly
रामराजा सरकार की जय
आचार्य जी द्वारा वहुत ही प्रमाणिक वार्ता की गयी है, उत्कृष्ट 🙏
1:44:11 aaj ke samay vigyan bhi Hume pashu manti hai, yahan tak ki brahman granth me bhi purushmedha me bola gya purush jo uttam pashu hai, parampara anusar
बिना शास्त्रों के ज्ञान चर्चा ऐसी ही होती है😅
ईश्वर की ऐसी अवधारणा तो Abrahamic God जैसी प्रतीत हो रही हैं। आर्य समाज का ईश्वर, Abrahamic God जैसा हैं,जो जन्म नहीं लेता हैं।
Abrahamic God के Followers का Claim हैं कि उनका God " Moral " हैं , क्योंकि उनका God प्रकृति का हिस्सा नहीं हैं, Non Abrahamic God जैसे।
Abrahamic God कभी जन्म नहीं लेता हैं, Abrahamic God , Part of Nature नहीं हैं, इसलिए वो " Moral" हैं, ऐसा उनका Claim हैं। जो God Part of Nature हैं, वो "amoral ( अनैतिक) " हैं, ऐसा Abrahamics का मानना हैं . Abrahamic Religions से पहले सभी Gods Part of Nature थे, इससे आपको कुछ समझ आ रहा हैं, कि क्यों Abrahamic God ,Part of Nature नहीं हैं.
Aarya samaji bahut bhole hai,woh khud hi aapne siddhant ko kaat te hai
Isliye Shivansh bhai interrupt karte hain. Bhaiyyaji aap interrupt kijiye. Anyatha uska vikalp ye hai ki phaltu ka badbad humko sunna padta hai😢
Agyani apas me agyan ki hi bate charcha hoti he. Yaha gyan ki bat keise ujagar hoga. Tamuguni ko( shiv) mannewala murkh, angry, jyada prabhav hote he. Dharti pe Sachcha satguru he toh sirf sant rampal maharaj ji hi he.
आ जाओ सभी मनुवादियों। आज की चर्चा बहुत ही सार्थक होने वाली है
वह वकता सबसे घटिया वकता होता है जो अपने हि सिद्धान्तों का खंडन खूद हि अपने वाक्यो से करे - पुरी शंकराचार्य जी
असंम्भव को सम्भव करने वाले नरसिंह भगवान फाड़ देते हैं नर्सिंग भगवान की जय
दयानंद सरस्वती भांग पीले वाले महापुरुष थे वेदों का यथार्थ ज्ञान सरलार्थ नहीं कर पाए बात नहीं पाए वह पूर्ण ब्रह्म कौन है उसका नाम क्या है और उसकी पूजा विधि क्या है
In mahashay ki ek baat se mein apàtti karta hu.
Inhone kaha alankar lagane se chize asani se samjh me aata hai..
Asa nhi hi hai jinko alankar ka matalb pata hota hai wo samjh sakte hai.
Jinko pata nhi wo samjh nhi sakte ulta arth nikal sakte hai jayda confused ho sakte hai.
Isliye sidha sidha kahene se kya problem tha ishwar ko..
Alankar kyun dala??
जो अपनी शक्तियों का उपयोग नियम में रहकर करता है उसे सर्वशक्तिमान कहते हैं । जो अपनी शक्तियों का उपयोग मनमर्जी से करता है उसे माफिया कहते हैं ।
Sant rampal ji maharaj ji ka सत्संग suno mat chalo दुकान
Thik है नहीं सुनते हैं 😂😂
29:55 क्या तर्क दिया है स्वामी जी 😂😂😂🤣🤣 इसका अर्थ है आपने इन अवतारों ने क्या किया वह जानकारी ही नहीं है।
आपने सिर्फ यदा यदा हि धर्मस्य..... श्लोक ही पढ़ा है। (गीता -4/7)
इसके बाद का श्लोक ...
परित्राणाय साधुना.... (गीता -4/8) पढ़ा ही नहीं है। 😂😂😂😂
अद्भुत स्वामी जी अद्भुत 😂
Wo to milavat hai...
जब जब होइ धरम कै हानी। बाढहिं असुर अधम अभिमानी।।
करहिं अनीति जाइ नहिं बरनी। सीदहिं बिप्र धेनु सुर धरनी।।
तब तब प्रभु धरि बिबिध सरीरा। हरहि कृपानिधि सज्जन पीरा।।
आखिरकर एक बात इस चर्चा मे पता तो चल ही गई।
कि आर्य समाज के आज के वक्ताओं ने परंपरा का खंडन कर दिया । दूसरे आर्यसमाजी ने
शिवांश द्विवेदी तुम्हें कुछ ज्ञान नहीं अगर परमात्मा सर्वशक्तिमान है तो सिर्फ कुछ कर सकता है संत रामपाल जी महाराज जी के ज्ञान का जवाब तुम ज्ञान से नहीं दे सकते तुम्हारे अंदर वह ताकत नहीं क्योंकि तुमने सब ग्रंथन को सही तरीके से नहीं पढ़ा आज संत रामपाल जी महाराज सभी ग को खोलकर हमारे सामने रख दिया जिससे हमें सच्चाई का पता चल गया