पातालकोट के पोषक अनाज

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  • Опубліковано 11 вер 2024
  • एक अद्भुत प्राकृतिक दर्शनीय स्थल है पाटलकोट। सतपुड़ा की घाटी में तकरीबन 2700 फिट नीचे बसा है। ऊपर से देखें तो पातालकोट घोड़े की नाल की तरह दिखता है। पाटलकोट की गहराई में भरिया जनजाति निवास करते हैं। भरिया समुदाय को ये हैबिटेट प्रकृति ने कुदरती तौर पर सौगात में दिया है। इस गहराई में अमूल्य जड़ी-बूटी, वनौषधियों का भंडार छुपा है। भरिया लोगों के पास पारंपरिक ज्ञान का भंडार है। हाल ही में ये इस 79 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को वन अधिकार कानून के तहत यहां के भरिया समुदाय को हैबिटेट अधिकार का मान्यता दिया है। इस अधिकार से यहां के लोग अब उनके लुप्त हो रहे पारंपरिक खाद्य और खाद्य संस्कृति तथा विलुप्त हो रहे सफेद गिद्ध का संरक्षण करने का निर्णय ले सकेंगे। ऐसे बड़ी परियोजनाएं जिससे भरिया जनजाति के संस्कृति और आजीविका तथा पर्यावरण पारिस्थितिकी पर संकट या खतरा का अंदेशा होगा उसे रोक सकेंगे।
    इस विडियो को देख कर आप पाटलकोट के जनजीवन, जनजाति संस्कृति और भरिया समुदाय की पारंपरिक खाद्य व्यवस्था एवं जंगल आधारित खाद्य संस्कृति को समझ सकेंगे। इस विडियो को माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्व विद्यालय के फिल्म और प्रोडक्शन के प्रथम वर्ष की छात्रा ने बनाई है। इसमें इंगलिश सब टाइटल भी दिया है।

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