ज्ञान, जानकारी पृथक पृथक है। जीवात्मा तथा ईश्वर के जो जानने का सामर्थ ज्ञान जो स्वाभाविक गुण है वह कभी घटता बढ़ता नहीं है। विषयक जानकारी वह घटता बढ़ता है। जो आत्मा का गुण नहीं है ।
सत्यार्थ प्रकाश सभी शंकाओं का समाधान नहीं करता। पार ब्रम्ह सच्चिदानंद का खुलासा सत्यार्थ प्रकाश में नहीं है। वह साकार निराकार को ही परमात्मा मानते हैं। जबकि यह वेद विरुद्ध है। यजुर्वेद का मंत्र है संभूति अ संभूति अर्थात साकार निराकार यह सब माया है। लेकिन महर्षि दयानंद माया को ही परमात्मा बताते हैं। यह सबसे बड़ा पर्दा है। दूसरी बात यथार्थ का ज्ञान न होने के कारण महर्षि दयानंद पुराणों का खंडन करते हैं इसलिए सनातन में आर्य समाज का कोई स्थान नहीं है।
Bhut bhut dhanyawad Swami ji Sadar
सादर नमस्ते स्वामी जी
नमस्ते जी 🙏
Swami ji Sadar Namaste
Aum 🙏 🙏 🙏
🙏ji, Atiuttam vyakhyan.
Aapko bahut bahut bahut hi gyan he aap bahut hi gyani he aapko dandwat prnam
🙏🙏🙏
स्वामी जी नमस्ते, आपको शत शत प्रणाम और बहुत बहुत धन्यवाद l बहुत अच्छी तरह सरल करके समझाया गया l
ओम प्रभु जी जेम्मसवाट ने भाप का इंजन बिना पढ़े बना दिया
Swami ji Sadar namaste
Baijayanti ooom namaste Swamiji 🙏
बहुत ही अच्छा लगा सुनकर 🙏🙏🙏🙏
स्वामीजी सादर प्रणाम
नमस्ते जी, बहुत सरल करके समज आया
काम अर्थात कामनाएं
नमस्ते आचार्य जी 🙏
बहुत-बहुत अच्छा! धन्यवाद
बहुत ही अच्छी प्रकार आप सत्यार्थ प्रकाश का ज्ञान दे रहे हैं प्रश्नोत्तर भी करवा रहे हैं उससे अधिक लाभ मिल रहा है बहुत-बहुत धन्यवाद स्वामी जी
स्वामी जी,सादर नमस्ते 🙏🙏🙏.
🕉️🙏🙏👌👏🙇🔥
SWAMIJE NAMASTE. VERY NICE EXPLANATION
ओ३म् स्वामी जी सादर प्रणाम 🙏🙏🏻🙏🏼
आदरणीय स्वामी जी सादर नमस्ते आपके सरल कर के समझाने से अति उत्तम ज्ञान वर्धन हुआ धन्यवाद पृथ्वी में कितने तत्व हैं प्रमाण सहित बताने का कष्ट कष्ट करें।
O...m
राम मूरत, शक्तिनगर, सोनभद्र, उत्तर प्रदेश, 58 वर्ष, कार्यक्रम में उपस्थित हूं।
Very nice bahut kuchh conferm ho gaya thanks mujhe apka prabachan style bahut achha lagta hai aur sunta bhi hun koti koti NAMAN
Ved ka prachar aise hi karna chahiye
SWAMIJEE NAMASTEA . VERY VERY NICE EXPLANATION ON DHARMA, KAMA MOKHA ETC . BESIDE OTHER POINTS OF 7TH SAMULAS OF SATYARTH PRAKASH
अगर ईशवर योजना के बाद जानेगा तो ईश्वर का ज्ञान बढ जाऐगा यानी ईश्वर का ज्ञान घटता ओर बढता है
जो घटती है वह उम्र है जो बढती है वह तृष्णा है जो घटता है और बढता है वह मन है जो घटता नही और बढता नही वह ईश्वर है
ज्ञान, जानकारी पृथक पृथक है। जीवात्मा तथा ईश्वर के जो जानने का सामर्थ ज्ञान जो स्वाभाविक गुण है वह कभी घटता बढ़ता नहीं है। विषयक जानकारी वह घटता बढ़ता है। जो आत्मा का गुण नहीं है ।
Ye rishtivar kha rhata hai ,,mujha ensa diksha leni hai,,,
नमन स्वामीजी। 🙏
Nice video
Ham kon hai kaha se aaye h kyu aaye h mirtyu ke bad kaha jayenge iswar hme sidha sidha moksh me kyu nhi dal deta
Enka koi phone no hai
Kash hme bhi aapse pdne ka moka mile.
Sobhagya hoga hmara.
Aapke darshan krna bhi kismat se milega.
नमस्ते जी,
7027026175 में पूज्य स्वामी जी का समय ले कर पधार सकते है।
ईश्वर ने ही संस्कृति अन्यदेशो में क्यो भेजा।आपलोगोने संस्कति समूलनास करने का ठेका ले रक्खा है
L
🙏🧘♂️🇮🇳
सत्यार्थ प्रकाश सभी शंकाओं का समाधान नहीं करता।
पार ब्रम्ह सच्चिदानंद का खुलासा सत्यार्थ प्रकाश में नहीं है। वह साकार निराकार को ही परमात्मा मानते हैं। जबकि यह वेद विरुद्ध है। यजुर्वेद का मंत्र है संभूति अ संभूति अर्थात साकार निराकार यह सब माया है। लेकिन महर्षि दयानंद माया को ही परमात्मा बताते हैं। यह सबसे बड़ा पर्दा है।
दूसरी बात यथार्थ का ज्ञान न होने के कारण महर्षि दयानंद पुराणों का खंडन करते हैं इसलिए सनातन में आर्य समाज का कोई स्थान नहीं है।
क्या राम व हनुमान व क्रष्ण को मोक्ष मिला
स्वामी जी प्रणाम
मेरे को उत्तर नही मिला
आप सिद्ध कर सकते है क्या नहीं मिला ?
जो 5कलेश दागद बीज करता ह सन्य्स डारन करता ह उसी का मोक्ष होता ह
नमस्ते स्वामी जी🙏🙏🙏
🙏🙏🙏
स्वामी जी नमस्ते, आपको शत शत प्रणाम और बहुत बहुत धन्यवाद l बहुत अच्छी तरह सरल करके समझाया गया l