स्वामी जी महाराज को नमस्ते धन्यवाद करते हैं इस धरती पर ऐसा ज्ञान विज्ञान धर्म निष्ठा हमारी वेदिक संस्कृति में है और आप जेसे सत्य पुरुषों का बड़ा उपकार है। नमस्ते जी
कहते है सब बीमारी कर्मो का फल है अब वर्षो पहले कोई को कुत्ता काट लेता था आदमी कष्ट से मरता था कोई इलाज नही था अब जो मरता था उसने बुरे कर्म का फल मिला ठीक है आज भी कोई पागल कुत्ता काट ले मतलब उसे कष्ट आया पर आज वैक्सीन है लगा देंगे ठीक ,,ऐसी कई बीमारी थी जिनका आज इलाज है इसे क्या कहे ,,,,,,,,,, प्रश्न है कि क्या बीमारी कर्मफल ही है या संयोंग दुर्योग भी बुरा फल देते है किसी का कर्म दूसरे निर्दोष को भुगतना होता है जैसे कुत्ते के कर्म को एक व्यक्ति को रैबीज के रूप भुगतना पड़ा ,,और जिन बीमारियों का इलाज अब है वो बीमारियों को अब कर्मफल की सूची से भगवान हटा देते है।।
स्वामी जी क्या आत्मा हमेशा जन्म लेती है हम करोड़ो वर्ष तक अनंत यात्रा करते रहेंगे ,,,,,,आखिर हर यात्रा की मंजिल होती है जहाँ जाकर रुक जाते है । इस विचार से बड़ा डर लगता है मनुष्य जीवन का उद्देश्य क्या है
Udeshya moksh hai yadi moksh ke liye mehnat nai ki ,,Gyan nai Liya anubbv me nai aaya to janm Maran ka chakra chalu hi rHega jab tak ye hum manjshya ke sarir me na kar lete tab tak ohkkk
आप जैसा मानो लो किन्तु सच्चिदानंदस्वरुप, स्वयंभू, सर्वाधार, नित्यशुद्धबुद्ध, सर्वपालक, सर्वकाल का ज्ञाता, नियामक, अर्यमा, आत्मा का भी आत्मा परमात्मा, कालाग्नि ओ३म आदि नामों से भी उसकी क्षमता का बोध न कर पाओ तो कोन समझाए।
नही कोई भी मुक्त आत्म नीच कर्म में और सांसारिक प्रपंचों प्रवृत्त नही होता है। अदृश्य शक्ति प्रेरक और सचेतक हो सकती है इसमें मुझे शंका है, क्योंकि जो जीते जी संसार और माया पर विजय न पा सका वो साधनहीन होकर कुछ कैसे करेगा? देहत्याग उपरान्त काल गति कैसी हो सकती है कोन यह जाने? किन्तु हां सब योनियों में काल गति बहुत अलग अलग घटित होती है।
कहते है सब बीमारी कर्मो का फल है अब वर्षो पहले कोई को कुत्ता काट लेता था आदमी कष्ट से मरता था कोई इलाज नही था अब जो मरता था उसने बुरे कर्म का फल मिला ठीक है आज भी कोई पागल कुत्ता काट ले मतलब उसे कष्ट आया पर आज वैक्सीन है लगा देंगे ठीक ,,ऐसी कई बीमारी थी जिनका आज इलाज है इसे क्या कहे ,,,,,,,,,, प्रश्न है कि क्या बीमारी कर्मफल ही है या संयोंग दुर्योग भी बुरा फल देते है किसी का कर्म दूसरे निर्दोष को भुगतना होता है जैसे कुत्ते के कर्म को एक व्यक्ति को रैबीज के रूप भुगतना पड़ा ,,और जिन बीमारियों का इलाज अब है वो बीमारियों को अब कर्मफल की सूची से भगवान हटा देते है।।
सादर नमस्ते स्वामीजी 🙏
🙏🙏🙏
सादर प्रणाम एवं आभार स्वामी जी
स्वामी जी महाराज को नमस्ते धन्यवाद करते हैं इस धरती पर ऐसा ज्ञान विज्ञान धर्म निष्ठा हमारी वेदिक संस्कृति में है और आप जेसे सत्य पुरुषों का बड़ा उपकार है। नमस्ते जी
😅😅😅😅😅😅
Wao
पूज्य स्वामी जी को सादर नमस्ते 🕉️🕉️🕉️🙏🙏🙏💐💐💐💐💐
स्वामी जी नमस्ते ।
Nice name
रसगुले का वर्णन किस शास्त्र में लिखा है स्वामी जी
🕉️ स्वामी जी
सादर प्रणाम स्वामी जी
Baijayanti ooom sadare namaste swamiji 🙏
ॐ ओरुम नमस्कार स्वामी जी 🚩🕉🙏🚩🕉🙏
मोक्ष का काल पूरा होने पर जब आत्मा फिर से शरीर धारण करती है तो किस प्रकार का शरीर मिलता है।
Guru ji Ram krishna ka nam lo sab ho jayega
Bilkul Thik Kai Gurujii
Punya gurujinku namaste 🙏
Aum swamiji namaste🙏🙏🙏
Swamiji Namastay
कहते है सब बीमारी कर्मो का फल है अब वर्षो पहले कोई को कुत्ता काट लेता था आदमी कष्ट से मरता था कोई इलाज नही था अब जो मरता था उसने बुरे कर्म का फल मिला ठीक है आज भी कोई पागल कुत्ता काट ले मतलब उसे कष्ट आया पर आज वैक्सीन है लगा देंगे ठीक ,,ऐसी कई बीमारी थी जिनका आज इलाज है इसे क्या कहे ,,,,,,,,,,
प्रश्न है कि क्या बीमारी कर्मफल ही है या संयोंग दुर्योग भी बुरा फल देते है किसी का कर्म दूसरे निर्दोष को भुगतना होता है जैसे कुत्ते के कर्म को एक व्यक्ति को रैबीज के रूप भुगतना पड़ा ,,और जिन बीमारियों का इलाज अब है वो बीमारियों को अब कर्मफल की सूची से भगवान हटा देते है।।
आचार्य जी को नमस्ते
सादर नमस्ते जी 🕉🙏🚩🌺
ओउम्
Swaml ji sadar namaste
Namaste
Shree Krishna ji ka nam japo Kalyan ho jayega ek sal Kar ke dekho Kya hota he
स्वामी जी क्या आत्मा हमेशा जन्म लेती है हम करोड़ो वर्ष तक अनंत यात्रा करते रहेंगे ,,,,,,आखिर हर यात्रा की मंजिल होती है जहाँ जाकर रुक जाते है ।
इस विचार से बड़ा डर लगता है
मनुष्य जीवन का उद्देश्य क्या है
Udeshya moksh hai yadi moksh ke liye mehnat nai ki ,,Gyan nai Liya anubbv me nai aaya to janm Maran ka chakra chalu hi rHega jab tak ye hum manjshya ke sarir me na kar lete tab tak ohkkk
ओ३म्
Yam Niyam ka hi paalan kisi se nhi hota,,,, samadhi tak to koi virla hi pahunchega
Yeh log samadhi ke nam par bevakuf bana rahe he is sansar me samadhi Tak pahochne Vala koi nahi he
Shree Ram aur Shree Krishna ji ki bhakti hi sarv shreshth he nam jap Karo
👌👍👏🙏
आप हमसे पूछ रहे हैं कि ईश्वर में छमता ह या नही हमको क्या पता
आप जैसा मानो लो किन्तु सच्चिदानंदस्वरुप, स्वयंभू, सर्वाधार, नित्यशुद्धबुद्ध, सर्वपालक, सर्वकाल का ज्ञाता, नियामक, अर्यमा, आत्मा का भी आत्मा परमात्मा, कालाग्नि ओ३म आदि नामों से भी उसकी क्षमता का बोध न कर पाओ तो कोन समझाए।
क्या अदृश्य शक्ती रुपया अल्मारी से चुरा सकता हैं स्वामी जी उत्तर दिजियेगा
नही कोई भी मुक्त आत्म नीच कर्म में और सांसारिक प्रपंचों प्रवृत्त नही होता है। अदृश्य शक्ति प्रेरक और सचेतक हो सकती है इसमें मुझे शंका है, क्योंकि जो जीते जी संसार और माया पर विजय न पा सका वो साधनहीन होकर कुछ कैसे करेगा? देहत्याग उपरान्त काल गति कैसी हो सकती है कोन यह जाने? किन्तु हां सब योनियों में काल गति बहुत अलग अलग घटित होती है।
Ni....ye shristi virudh kaam hai...faltu ki baaten gain...swami ji se gyan lijiye...pakhand to aapke gaon k pande bi sikha denge aapko...
Atma nirakar Hota Hai prmatma bhi nirakar Hota Hai Kintu srir atman ko milta Hai isliy atman srir ke madhya se chori krta Hai prmatma nhi
कहते है सब बीमारी कर्मो का फल है अब वर्षो पहले कोई को कुत्ता काट लेता था आदमी कष्ट से मरता था कोई इलाज नही था अब जो मरता था उसने बुरे कर्म का फल मिला ठीक है आज भी कोई पागल कुत्ता काट ले मतलब उसे कष्ट आया पर आज वैक्सीन है लगा देंगे ठीक ,,ऐसी कई बीमारी थी जिनका आज इलाज है इसे क्या कहे ,,,,,,,,,,
प्रश्न है कि क्या बीमारी कर्मफल ही है या संयोंग दुर्योग भी बुरा फल देते है किसी का कर्म दूसरे निर्दोष को भुगतना होता है जैसे कुत्ते के कर्म को एक व्यक्ति को रैबीज के रूप भुगतना पड़ा ,,और जिन बीमारियों का इलाज अब है वो बीमारियों को अब कर्मफल की सूची से भगवान हटा देते है।।