नई 'Acharya Prashant' App डाउनलोड करें: acharyaprashant.org/app उपनिषद, गीता व सभी प्रमुख ग्रंथों पर ऑनलाइन कोर्स: solutions.acharyaprashant.org संस्था से संपर्क हेतु इस फॉर्म को भरें: acharyaprashant.org/enquiry?formid=209
आजकल इस बात को बड़ा महत्व दिया जाता है कि "इतना सोचो मत, गो विथ द फ्लो।" कोई ये नहीं पूछता- वो कौन-सा फ्लो है? वो तमसा का प्रवाह है। जब जन्म से ही ये आदत पड़ी रहती है कि बेहोश चलो, तो फिर जागृत होकर चलना, एक आंतरिक अनुशासन से जीना बड़ा उबाऊ और भारी काम लगता है। लगातार यही लगता है कि कब मैं ये होश वगैरह को किनारे रखकर मौज मार लो। -आचार्य प्रशांत
ईश्वर को मानने वाले, ईश्वर में आस्था रखने वाले, ईश्वर पर श्रद्धा प्रकट करने वाले लोग अधिक संख्या में धरती पर उपस्थित हैं यह बात अलग है कि सत्य को न तो स्वीकार कर पा रहें हैं न ही स्वयं समझने का प्रयास कर रहे हैं और न ही अन्य किसी को समझाने का अवसर ही प्रदान करते हैं । सत्य उस प्रत्येक व्यक्तितव को स्वीकार ही नही जो सदैव ईश्वर जप-जाप का प्रदर्शन अथवा प्रवचन करने का सार्वजनिक प्रस्तुतिकरण करते रहते हैं । सत्य इस धरा पर मूल्य संवर्धित कर अर्थात VAT का ऐसा कटु एवं नग्न सत्य है जिसको स्वीकार करना मानव तत्व हेतु तो संभव है किन्तु दानव तत्व हेतु तो सर्वथा असंभव ही है। *जब तक मूल्य संवर्धित कर अर्थात वस्तु और सेवा कर का यथार्थतः कार्यान्वयन नही होता एवं पुनः यथार्थतः समझा नही जाता, तब तक सम्पूर्ण विश्व में किसी भी प्रकार का आर्थिक, सामाजिक, राष्ट्रीय,एवं प्राकृतिक सुधार होना कदापि संभव नही हो सकता।* वन्दे मातरम ।
आचार्य जी का ज्ञान प्रशांत महासागर की तरह गहरा है l आचार्य जी वो नहीं कहते जो श्रोता सुनना चाहता है , आचार्य जी वो कहते हैं जो श्रोता के लिए सही है, हितकारी है , फिर चाहे वो श्रोता को अच्छा लगे या ना लगे l इतनी बेकफिक्री से सत्य बोलना वाला गुरु अन्यत्र दुर्लभ है l आचार्य जी सही मायनो में हमारे सच्चे हितैषी हैं l आचार्य जी के श्री चरणों में कोटि कोटि नमन 🙏❤️♥️
हमारा विज्ञान बिल्कुल सही है । हर एक इंसान अपने अंदर एक अलग सोच रखता है और बो नींद में उन्ही बातो (अपनी सोच )से मिलते झुलते काल्पनिक विचार करते है और बो उन्हें सपने के रूप देकर दूसरे लोगो को बताते है । उसी प्रकार जब कोई इंसान कोमा में चला जाता है तो वह भी बेसा ही देखता है जैसी बो अपने अंदर सोच रखता है लेकिन एक बात जो सत्य है जब तक इंसान की पूर्ण रूप से मृत्यु (हमारा शरीर पुरी तरह से खत्म नही हो जाता ) तब तक इंसान बही देखेगा जो उस शरीर से जुड़े होंगे जो उसके दिमाग में चलता है बही देखेगा । हमारे शरीर के खत्म होने के बाद ही हमारी आत्मा पूर्ण रूप से मुक्त होती है और दूसरे जन्म के लिए प्रोसिस से गुजरती है ❤️❤️❤️❤️❤️❤️
आचार्य जी हम आपकी बातों को अपनी लाइफ में अप्लाई करने की कोशिश करते हैं. आपका एक छोटा सा वाक्य भी हमें किसी दिशा में ले जा सकता है इसलिए विनम्रता पूर्वक चाहेंगे कि ध्यान रखियेगा..जो आप कहते हो वह हम करने की कोशिश कर रहे हैं...आपके शब्द गलती से भी हमें गलत जगह ना ले जाएं आपका एक शब्द किसी के लिए करनी बन सकता है.. शायद आप समझ रहे हों. होश मार्ग में लाने के लिए आभार..कोई तो है जो अंधेरे में दिया जलाकर मुक्ति की बात कहता है ♥ ♥ 🙏 🤗
होश हल्की बात नहीं होती, उसमें तनाव बहुत होता है। इसीलिए तो लोग शराब वगैरह पीते हैं कि होश हटे। होश हटता है तो साथ में तनाव हट जाता है। हम चूँकि बेहोश लोग हैं, तो हमें जब होश आता है तो तनाव के साथ आता है। हाँ, होश जब पूरा होने लगता है तो तनाव कम हो जाता है। -आचार्य प्रशांत
🙏pranam acharya ji Mujhe to sabse kathin or chunotipurn kam yahi lagta h man ko brutiyon se mukt karna . Kyunki bachpan se ajtak prakruti ke sath kuch esa bhav ban chuka h ki pata h nehi chalta ham kab uss gande nali mn bah jate h . lekin apko sunne ke bad or bhagwat Geeta ko abhi continue padh raha hun to abhi man anjane mn bahak to jata h lekin abhi Puri tarah se behoshi mein nehi rah pata h usi time kahin na kahin apke Sikh wr Krishna ki Sikh dimag mein aajata h to abhi apne h andar chetna wr prakruti ki maya se lagatar yudh chal raha h kabhi chetna jit jata h to kabhi Maya . Lekin mein khush hun ki mein paribartan ho raha hun wr mein chahta hun ki Krishna ki Geeta wr apke updesh hamesha mere chetna banke ese h mujhe iss yudh ladhne mein sahayak kare 🙏pranam acharya ji 🙏 Jay shree Krishna
अगर आप आध्यात्मिक नहीं हैं तो बेहोशी के मज़े ही काफ़ी हैं। और बेहोशी में मज़ा निःसंदेह होता है। शराब में मज़ा होता है, नींद में मज़ा होता है, प्रमाद में मज़ा होता है। जितने काम चेतना को गिराते हैं, उनमें सबमें मज़ा होता है। वो सब काम जो आपको सुख देते हैं, वास्तव में आपकी चेतना को गिराने वाले होते हैं। अब आप उन्हें कैसे छोड़ोगे, वो काम तो आपको सुख देते हैं। तभी छोड़ सकते हो जब उस सुख से कहीं ऊँचा आनंद आपको कहीं और मिल रहा हो। अध्यात्म का मतलब है, जो बेहोशी का सुख है मैं उससे ऊँचा आनंद पकडूँगा और उसके लिए अगर मुझे जान का ज़ोर लगाना पड़ता है तो लगाऊँगा। -आचार्य प्रशांत
जितने भी काम चेतना को गिराते हैं, निःसंदेह उसमें बहुत मजा है, आनन्द है, प्रमाद है। और चेतना में आनन्द आपको तब आएगा जब आप संकल्प कर लेंगे कुछ भी हो जाए हम इसके लिए जान लगा देंगे। तब कही जाकर आप होशपूर्ण होते हुए आनन्दित रहेंगे। इस संदर्भ मे बहुत ही सटीक विश्लेषण किए है आपने। धन्यवाद आचार्य जी। 🙏❤️🕉🚩
Acharya Prashant ji your sense of humour is great.Hit the dance floor,Let your hair loose 😂😂 बेहोशी की अवस्था।Grateful to you for sharing & explaining right way to live.आंतरिक अनुशासन ही सही मार्ग है। मार्गदर्शन के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।🙏🙏
आपका मार्गदर्शन जीवन को स्थायित्व की ओर ले जाता है आचार्य जी, अपनी तामसिक और कामुक वृत्तियों (जो भटकाव का मुख्य कारण हैं) पर नियंत्रण पाने में मददगार है। खुद पर विश्वास बढ़ जाता है कि हाँ हम सात्विक कार्यो से ही स्वयम का उत्थान कर सकते हैं। 😊😊प्रणाम आचार्य जी😊😊👌👌
Kisi bhi avtaar aur mahapurush ke darshan hi apke kaam aate hai...... Yahi kripa hoti hai.... Agar hum sach ki raah aur karm bhi sach ka ho to aap pr problem kabhi nahi aa skti....
चरण स्पर्श आचार्य जी। कृपया मार्गदर्शन करें कि एक इंसान का जन्म सात्विक माहौल मे और एक इंसान का जन्म नारकीय माहौल में क्यों होता है क्यों कोई अमीर जन्म।लेता है कोई गरीब होता है और क्यों कोई बच्चा इतना प्रतिभाशाली होता है कि बचपन से ही बिना रियाज़ के बहोत अच्छा गायन या कोई और प्रतिभा यानी असाधारण और कोई साधारण पैदा होता है
आचार्य जी ने एक वीडियो में बोला था कि ये सब निरुद्देश्य होता है । प्रकृति के सारे चुनाव निरुद्देश्य होते है । प्रकृति तो बस इतना चाहती है को प्रजाति आगे बढ़ती रहे । कोई विशेष कारण नहीं होता है । हम मूलरूप से अपनी अहम वृत्ति के कारण सुखी दुखी होते है । और सारे अध्यात्म का एक ही लक्ष्य है की अहम वृत्ति का निवारण।
एक करोड़ सब्सक्राइबर पूरा होने के लिए मुबारक हो इसी तरह से आप का वीडियो और ज्ञान पूरे दुनिया को फायदा फायदा और लाभदायक होता रहे मनुष्य जाति का उद्धार❤❤❤
प्रणाम आचार्य जी, आपके वीडियो जिंदगी के बहुत सारे भ्रमों को दूर कर रहे हैं, कुछ वीडियो तो ऐसे हैं जैसे वो मेरी ही जिंदगी को लेकर बनाये गए हो ,जिसकी वजह से मुझे मेरे बहुत सारे अनसुलझे सवालों के जबाब मिल गए ।आपका बहुत बहुत आभार आचार्य जी,,❤❤
0:58 अरे जगन्नाथ वाले अंकल जी फिर से 😄 1:43 माने मैं मर जाऊंगा तो भूत बनकर कुछ करूंगा की नही 🤣 2:34 मरने के बाद कुछ तो निकलता होगा ? Ap :- धुआं निकलता है 😅😂
नई 'Acharya Prashant' App डाउनलोड करें: acharyaprashant.org/app
उपनिषद, गीता व सभी प्रमुख ग्रंथों पर ऑनलाइन कोर्स: solutions.acharyaprashant.org
संस्था से संपर्क हेतु इस फॉर्म को भरें: acharyaprashant.org/enquiry?formid=209
🙏🕉️
Long Live. 🌺🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🌺
कृपा कृष्ण की ....करुणा वृष्टि.
🌺🙏🏼🌺
प्रेम में सच्ची लगन लग जाती है,
स्मृति ही सहज प्रेमा भक्ति है
Excellent acharya ji
🙏🙏🙏
होश हल्की बात नहीं होती, हम चुकी बेहोश लोग हैं हमें जब होश आता है तनाव के साथ आता है , होशपूर्ण जीवन जीने के लिए हमें कीमत चुकानी पड़ती है।
Bohot badi baat kahi aapne
Bahut hi badi baat. Dil ko lg gya
👍
Really true….!
🙏🙏🌺🌺
आजकल इस बात को बड़ा महत्व दिया जाता है कि "इतना सोचो मत, गो विथ द फ्लो।"
कोई ये नहीं पूछता- वो कौन-सा फ्लो है?
वो तमसा का प्रवाह है।
जब जन्म से ही ये आदत पड़ी रहती है कि बेहोश चलो, तो फिर जागृत होकर चलना,
एक आंतरिक अनुशासन से जीना
बड़ा उबाऊ और भारी काम लगता है।
लगातार यही लगता है कि कब मैं ये होश वगैरह को किनारे रखकर मौज मार लो।
-आचार्य प्रशांत
अब तो सुबह आंख खुलते ही आचार्य जी का नाम मन में आता है।
आपको गिराने वाले सब वो काम होते हैं जो आपको सुख देते हैं( तामसिक सुख) जागृत रहकर जीना और आंतरिक अनुशासन के साथ जीने में ही उच्च आनंद निहित है।🙏
"Ye bahutt dukh 😔😔ki batt h, ki Acharya Prasant ko Aaj v bahut kam log sun rhe hain.... Youths to sab alag hi duniya mein khoyi hui h...!!
ईश्वर को मानने वाले, ईश्वर में आस्था रखने वाले, ईश्वर पर श्रद्धा प्रकट करने वाले लोग अधिक संख्या में धरती पर उपस्थित हैं यह बात अलग है कि सत्य को न तो स्वीकार कर पा रहें हैं न ही स्वयं समझने का प्रयास कर रहे हैं और न ही अन्य किसी को समझाने का अवसर ही प्रदान करते हैं ।
सत्य उस प्रत्येक व्यक्तितव को स्वीकार ही नही जो सदैव ईश्वर जप-जाप का प्रदर्शन अथवा प्रवचन करने का सार्वजनिक प्रस्तुतिकरण करते रहते हैं ।
सत्य इस धरा पर मूल्य संवर्धित कर अर्थात VAT का ऐसा कटु एवं नग्न सत्य है जिसको स्वीकार करना मानव तत्व हेतु तो संभव है किन्तु दानव तत्व हेतु तो सर्वथा असंभव ही है।
*जब तक मूल्य संवर्धित कर अर्थात वस्तु और सेवा कर का यथार्थतः कार्यान्वयन नही होता एवं पुनः यथार्थतः समझा नही जाता, तब तक सम्पूर्ण विश्व में किसी भी प्रकार का आर्थिक, सामाजिक, राष्ट्रीय,एवं प्राकृतिक सुधार होना कदापि संभव नही हो सकता।*
वन्दे मातरम ।
होश से काफी दर्द मिलता है पर एक बार होश से प्रेम हो जाए तो जीवन आनंदमय हो जाता है।
जो आचार्य जी के बताये हुवे मार्ग पर चलेगा उसका जीवन सफल हो जायेगा
अभी , अभी , आगे कुछ नहीं....!!🤩🤩
आचार्य जी का ज्ञान प्रशांत महासागर की तरह गहरा है l आचार्य जी वो नहीं कहते जो श्रोता सुनना चाहता है , आचार्य जी वो कहते हैं जो श्रोता के लिए सही है, हितकारी है , फिर चाहे वो श्रोता को अच्छा लगे या ना लगे l इतनी बेकफिक्री से सत्य बोलना वाला गुरु अन्यत्र दुर्लभ है l आचार्य जी सही मायनो में हमारे सच्चे हितैषी हैं l आचार्य जी के श्री चरणों में कोटि कोटि नमन 🙏❤️♥️
हमारा विज्ञान बिल्कुल सही है ।
हर एक इंसान अपने अंदर एक अलग सोच रखता है और बो नींद में उन्ही बातो (अपनी सोच )से मिलते झुलते काल्पनिक विचार करते है और बो उन्हें सपने के रूप देकर दूसरे लोगो को बताते है ।
उसी प्रकार जब कोई इंसान कोमा में चला जाता है तो वह भी बेसा ही देखता है जैसी बो अपने अंदर सोच रखता है
लेकिन एक बात जो सत्य है जब तक इंसान की पूर्ण रूप से मृत्यु (हमारा शरीर पुरी तरह से खत्म नही हो जाता ) तब तक इंसान बही देखेगा जो उस शरीर से जुड़े होंगे जो उसके दिमाग में चलता है बही देखेगा ।
हमारे शरीर के खत्म होने के बाद ही हमारी आत्मा पूर्ण रूप से मुक्त होती है और दूसरे जन्म के लिए प्रोसिस से गुजरती है
❤️❤️❤️❤️❤️❤️
आचार्य जी हम आपकी बातों को अपनी लाइफ में अप्लाई करने की कोशिश करते हैं. आपका एक छोटा सा वाक्य भी हमें किसी दिशा में ले जा सकता है इसलिए विनम्रता पूर्वक चाहेंगे कि ध्यान रखियेगा..जो आप कहते हो वह हम करने की कोशिश कर रहे हैं...आपके शब्द गलती से भी हमें गलत जगह ना ले जाएं आपका एक शब्द किसी के लिए करनी बन सकता है.. शायद आप समझ रहे हों. होश मार्ग में लाने के लिए आभार..कोई तो है जो अंधेरे में दिया जलाकर मुक्ति की बात कहता है ♥ ♥ 🙏 🤗
होश हल्की बात नहीं होती, उसमें तनाव बहुत होता है। इसीलिए तो लोग शराब वगैरह पीते हैं कि होश हटे।
होश हटता है तो साथ में तनाव हट जाता है।
हम चूँकि बेहोश लोग हैं, तो हमें जब होश आता है तो तनाव के साथ आता है।
हाँ, होश जब पूरा होने लगता है तो तनाव कम हो जाता है।
-आचार्य प्रशांत
🙏pranam acharya ji
Mujhe to sabse kathin or chunotipurn kam yahi lagta h man ko brutiyon se mukt karna . Kyunki bachpan se ajtak prakruti ke sath kuch esa bhav ban chuka h ki pata h nehi chalta ham kab uss gande nali mn bah jate h . lekin apko sunne ke bad or bhagwat Geeta ko abhi continue padh raha hun to abhi man anjane mn bahak to jata h lekin abhi Puri tarah se behoshi mein nehi rah pata h usi time kahin na kahin apke Sikh wr Krishna ki Sikh dimag mein aajata h to abhi apne h andar chetna wr prakruti ki maya se lagatar yudh chal raha h kabhi chetna jit jata h to kabhi Maya . Lekin mein khush hun ki mein paribartan ho raha hun wr mein chahta hun ki Krishna ki Geeta wr apke updesh hamesha mere chetna banke ese h mujhe iss yudh ladhne mein sahayak kare 🙏pranam acharya ji 🙏 Jay shree Krishna
धर्म किए धन न घटे, नदी न घट नीर,
अपनी आखों देखिले, यों कथि कहहिं कबीर।
--सहयोग करे 🙏🙏
Geeta - Upanishad in action
Pranaam acharaya ji 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
बोध बोम्स हैं आचार्य जी 🙏🙏🙏
अगर आप आध्यात्मिक नहीं हैं तो बेहोशी के मज़े ही काफ़ी हैं।
और बेहोशी में मज़ा निःसंदेह होता है।
शराब में मज़ा होता है, नींद में मज़ा होता है, प्रमाद में मज़ा होता है।
जितने काम चेतना को गिराते हैं, उनमें सबमें मज़ा होता है।
वो सब काम जो आपको सुख देते हैं, वास्तव में आपकी चेतना को गिराने वाले होते हैं।
अब आप उन्हें कैसे छोड़ोगे, वो काम तो आपको सुख देते हैं।
तभी छोड़ सकते हो जब उस सुख से कहीं ऊँचा आनंद आपको कहीं और मिल रहा हो।
अध्यात्म का मतलब है, जो बेहोशी का सुख है मैं उससे ऊँचा आनंद पकडूँगा और उसके लिए अगर मुझे जान का ज़ोर लगाना पड़ता है तो लगाऊँगा।
-आचार्य प्रशांत
आचार्य जी आप जीनियस हो🙏🏻🚩💖
Jai ho Satye Sanatan Vedic Dharm ki🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏 🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩
सवाल करने वाले ने अच्छा सवाल किया है
जितने भी काम चेतना को गिराते हैं, निःसंदेह उसमें बहुत मजा है, आनन्द है, प्रमाद है। और चेतना में आनन्द आपको तब आएगा जब आप संकल्प कर लेंगे कुछ भी हो जाए हम इसके लिए जान लगा देंगे। तब कही जाकर आप होशपूर्ण होते हुए आनन्दित रहेंगे। इस संदर्भ मे बहुत ही सटीक विश्लेषण किए है आपने। धन्यवाद आचार्य जी। 🙏❤️🕉🚩
Rigth👍👏
आचार्य जी हम सभी लोग आपको कभी खोना नही चाहते हैं..।
I m very lucky that hmare school me 6th class me ramayan thi isliye bachapan se hi raam me hmara ruchi jagi
आचार्य जी कुछ समस्याएं ऐसी होती हैं की जिंदगी को मौत की तरफ ले जाने के अलावा कुछ ओर नहीं सूझता ऐसे में मानो जिंदगी खत्म हो गई।
जय श्री राम आचार्य जी 🙏
Acharya Prashant ji your sense of humour is great.Hit the dance floor,Let your hair loose 😂😂 बेहोशी की अवस्था।Grateful to you for sharing & explaining right way to live.आंतरिक अनुशासन ही सही मार्ग है। मार्गदर्शन के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।🙏🙏
8:12 धन्यवाद🙏आचार्य जी मेरी तरफ से भी मेरे भी जीवन में Clearity लाने के लिये 🙏
होशपूर्ण जीवन जीना है🙏🙏🙏
प्रमाण आचार्य जी 🙏🙏🙏
नमस्ते आचार्य जी 🙏
Achhe Video👍🙏
आपका मार्गदर्शन जीवन को स्थायित्व की ओर ले जाता है आचार्य जी,
अपनी तामसिक और कामुक वृत्तियों (जो भटकाव का मुख्य कारण हैं) पर नियंत्रण पाने में मददगार है।
खुद पर विश्वास बढ़ जाता है कि हाँ हम सात्विक कार्यो से ही स्वयम का उत्थान कर सकते हैं।
😊😊प्रणाम आचार्य जी😊😊👌👌
Jai Shree Ram 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩
I am muslim pr me bohot hi zada acharyeji ke biyaan Sunti hu.....
Great Aacharyaji the words of Gold in this world of Darkness
Kisi bhi avtaar aur mahapurush ke darshan hi apke kaam aate hai......
Yahi kripa hoti hai....
Agar hum sach ki raah aur karm bhi sach ka ho to aap pr problem kabhi nahi aa skti....
Hriday gadgad ho gya 🙏
Bilkul marmik bate .. ❤️🙏
Gita is Upanishad in action.Wonderful thought, Sir.
अब तो हमने अपना सर यहाँ झुका दिया है 🙏
शत् शत् नमन आचार्य जी 🙏🙏🙏🙏🙏
शत शत नमन गुरूजी ❤️🙏
शत शत नमन आचार्य श्री।
प्रणाम आचार्य जी!!!!
Prnam achrry ji koti koti nman 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
हिंदी भाषा
Parnam guruji
प्रणाम आचार्य जी !
आचार्य जी प्रणाम हिमाचल से
Apke charno me Naman Guruji 🙏🙇🙇
Koti koti Naman Gurudev 🙏
चरण स्पर्श आचार्य जी। कृपया मार्गदर्शन करें कि एक इंसान का जन्म सात्विक माहौल मे और एक इंसान का जन्म नारकीय माहौल में क्यों होता है क्यों कोई अमीर जन्म।लेता है कोई गरीब होता है और क्यों कोई बच्चा इतना प्रतिभाशाली होता है कि बचपन से ही बिना रियाज़ के बहोत अच्छा गायन या कोई और प्रतिभा यानी असाधारण और कोई साधारण पैदा होता है
आचार्य जी ने एक वीडियो में बोला था कि ये सब निरुद्देश्य होता है । प्रकृति के सारे चुनाव निरुद्देश्य होते है । प्रकृति तो बस इतना चाहती है को प्रजाति आगे बढ़ती रहे । कोई विशेष कारण नहीं होता है । हम मूलरूप से अपनी अहम वृत्ति के कारण सुखी दुखी होते है । और सारे अध्यात्म का एक ही लक्ष्य है की अहम वृत्ति का निवारण।
"मौत के राज़" इसमें आचार्य जी ने बताया है कि प्रकृति क्यों सबको अलग माहौल में पैदा करती है। बहुत अच्छा वीडियो है, पूरा देखें।
एक करोड़ सब्सक्राइबर पूरा होने के लिए मुबारक हो इसी तरह से आप का वीडियो और ज्ञान पूरे दुनिया को फायदा फायदा और लाभदायक होता रहे मनुष्य जाति का उद्धार❤❤❤
जागरूक बने और जागरूक करे
Koti koti pranam guruji 🙏🙏🙏🙏 jai shree Ram 🙏🙏🙏🙏
Pranam Gurudev
चरण स्पर्श आचार्य जी❤️❤️🙏🙏🙏
Dhanyawad 🙏❤️ Guru Ji
Jai Hanuman🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏 🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩
Radhe radhe guru ji
प्रणाम आचार्य जी,
आपके वीडियो जिंदगी के बहुत सारे भ्रमों को दूर कर रहे हैं, कुछ वीडियो तो ऐसे हैं जैसे वो मेरी ही जिंदगी को लेकर बनाये गए हो ,जिसकी वजह से मुझे मेरे बहुत सारे अनसुलझे सवालों के जबाब मिल गए ।आपका बहुत बहुत आभार आचार्य जी,,❤❤
Thanks धन्यवाद
आचार्य जी 🙏
Har Har Mahadev🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Aap sahi kah rahe hai aacharya ji
Bhaut acha kam kr rhe hai acharya ji isi tarah hume guidelines dete rhe kripya krke🙏🙏😍😍
धन्यवाद आचार्य जी
प्रणाम गुरुजी! 🌹❤🙏🏻
Waah waah dhanyawad acharya ji
Radhe Radhe sastang pranam Gurudeb
prem ho gya hai acharya hi se 🙏
Jai Shree Radhe Krishna🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏 🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩
Charan sparsh gurudev!
Achrya ji, Koti Koti Naman.
गुरु जी के सामने नया आदमी आया है पहले कभी सुना होता तो पहले ऐसा सवाल ही न करते
Naman acharya ji
कोटि कोटि नमन गुरुदेव🙏
Nice vedio
प्रणाम करता हूँ आचार्य जी
कोटि कोटि प्रणाम आचार्यजी
🙏🏻💐👍👌
Guruji pranam
I love you acharye ji😊❤❤
❤️ प्रणाम गुरुवर 🙏❤️🥰
कोटि कोटि प्रणाम गुरुजी 🍂❤
Radha Radha Guru je 🙏🏻🙏🏻🙏🏻
जय गुरुदेव
Sat sat naman acharya ji 🕉️🙏
NAMAN AAPKO ACHARY JI
❤
Thankyou
अध्यात्म का मतलब ये है कि बेहोशी से ज्यादा मजा मुझमें चाहिए।
0:58 अरे जगन्नाथ वाले अंकल जी फिर से 😄
1:43 माने मैं मर जाऊंगा तो भूत बनकर कुछ करूंगा की नही 🤣
2:34 मरने के बाद कुछ तो निकलता होगा ?
Ap :- धुआं निकलता है 😅😂
Dhus ka bad 🤣🤣🤣vkya hote h ya v puchna chiaye the
Super Guruji 🙏🙏🙏
Acharya ji ❤
Mil gaye guru🙏
Radhe Krishna
Thanks 🙏
Bhot achhi v baat khi app ne sir
Good job sir ji