thanx for dis video ..... WAS eagerly wAITING FOR DIS VIDEO .... HEARD THIS SONG IN HER VOICE LAST YEAR ON RADIO ......... AISA LAGG RHA H K KUCH BHOT HI ACHHA MIL GYA H MUJHE ... A VERY VERY THANKS TO U ..
गज़ल :- बादलों से सलाम लेता हूँ » अब तो मज़हब कोई ऐसा भी चलाया जाए। जिसमें इंसान को इंसान बनाया जाए। जिसकी ख़ुशबू से महक जाय पड़ोसी का भी घर फूल इस क़िस्म का हर सिम्त खिलाया जाए। आग बहती है यहाँ गंगा में झेलम में भी कोई बतलाए कहाँ जाके नहाया जाए। जैसे प्यार का ख़ून हुआ क्यों ये समझने के लिए हर अँधेरे को उजाले में बुलाया जाए। मेरे दुख-दर्द का तुझ पर हो असर कुछ ऐसा मैं रहूँ भूखा तो तुझसे भी न खाया जाए। जिस्म दो होके भी दिल एक हों अपने ऐसे मेरा आँसू तेरी पलकों से उठाया जाए। गीत उन्मन है, ग़ज़ल चुप है, रूबाई है दुखी ऐसे माहौल में ‘नीरज’ को बुलाया जाए। > गोपालदास "नीरज"
Badi zarurat hai aise mazhab ki
संवेदनशील रचना व अदायगी।अनेक साधुवाद आपको शुभा ताई।
Shubha ji is really versatile.....Naman
thanx for dis video ..... WAS eagerly wAITING FOR DIS VIDEO .... HEARD THIS SONG IN HER VOICE LAST YEAR ON RADIO ......... AISA LAGG RHA H K KUCH BHOT HI ACHHA MIL GYA H MUJHE ... A VERY VERY THANKS TO U ..
जैसा उत्कृष्ट बोल वैसी श्रेष्ठ अदायगी
Behtreen
Niraj ji out of the world,IAM full of tears
गज़ल :-
बादलों से सलाम लेता हूँ »
अब तो मज़हब कोई ऐसा भी चलाया जाए।
जिसमें इंसान को इंसान बनाया जाए।
जिसकी ख़ुशबू से महक जाय पड़ोसी का भी घर
फूल इस क़िस्म का हर सिम्त खिलाया जाए।
आग बहती है यहाँ गंगा में झेलम में भी
कोई बतलाए कहाँ जाके नहाया जाए।
जैसे
प्यार का ख़ून हुआ क्यों ये समझने के लिए
हर अँधेरे को उजाले में बुलाया जाए।
मेरे दुख-दर्द का तुझ पर हो असर कुछ ऐसा
मैं रहूँ भूखा तो तुझसे भी न खाया जाए।
जिस्म दो होके भी दिल एक हों अपने ऐसे
मेरा आँसू तेरी पलकों से उठाया जाए।
गीत उन्मन है, ग़ज़ल चुप है, रूबाई है दुखी
ऐसे माहौल में ‘नीरज’ को बुलाया जाए।
> गोपालदास "नीरज"
neeraj ji ki "kavita" vah-vah..
Powerful aahvaan
Very true.
Kay.... Baaaat☺️😎😎
Neeraj ke geet ko umada awaja de
vah, vah
And Uom Khaltoum
She resembles more melodious noor jehan
Bakwas hai,.Her koi apney apney Mazhab pay chalna sikhey, Ensaneeyet khud b khud
aa jaaeegi
her mazhab me Ensaneeyet kuwt kuwt kar bhari hai.