जय देव भूमि जय उत्तराखण्ड भाई जी मैं पौड़ी गढ़वाल के बीरोंखाल विकास खण्ड आमकुलाऊं गांव का रहने वाला हूं सेवा निवृत्त होने के पश्चात गांव आया हूं थोड़ा बहुत पच्चीस नाली में कीवी की बागवानी की है आपने पिथौरागढ़ विषाण गांव का वीडियो बहुत ही मेहनत करके बनाया है इस के आपका शुक्रिया हमारे पहाड़ बहुत ही सुन्दर है और परिस्थितियों अधिकांशतः ऐसी ही सभी जगह है वास्तव में पानी की समस्या है जिसका और कोई विकल्प नहीं है । धन्यवाद।
है गांव में अभी भी टूटा मकां हमारा है उसमें अभी बाकी नामोंनिशां हमारा छत तो बची नहीं है दरवाजे पर है ताला दीवार में है मंदिर उसमें लगा है जाला वीरान हो गया है वो आशियां हमारा।
सबसे पहले आपको नमस्कार, आपने बिशारद गांव पर बहुत अच्छी वीडियो बनाई इस गांव के बारे में बहुत पहले सुना था, गांव के बारे में असल जानकारी आज प्राप्त हुई बहुत बहुत धन्यवाद
बहुत अच्छा लगा , आपने बहुत मेहनत की और हमें भी गांव देखना अवसर मिला हमने केवल गांव का नाम भट्ट ब्राह्मणों के बारे में सुना था आपने गांव व मंदिरों के दर्शन करा दिए। सच में आज मुझे अपने गांव एवं अपने पुरखों का स्मरण हो गया भौतिक सुख के लिए हमने अपनी जड़ें भुला दी,,,, मैं आपको बहुत बहुत धन्यवाद दूंगा आप इसी प्रकार पहाड़ व पहाड़ियों की पीड़ा को उत्तराखंडी जनमानस तक अवश्य पहुंचाते रहेंगे। ईश्वर आपको सदैव स्वस्थ व निरोगी रखे। शुभकामनाओं के साथ।
प्राकृतिक सुन्दरता और विद्वता से भरपूर विषाड़ गाँव उनके वंशजों की अनदेखी और बेरुखी का दंश झेल रहा है l विलक्षण विद्वता के धनी भट्ट जी लोगों से विनम्र निवेदन है कि गाँव की सुधि भी लिया करें l
❤ जय हो देव भूमि उत्तराखंड ❤ आने वाले समय में पहाड़ के गांव का क्याहोगा शिक्षा रोजगार अपनी जरूरत पूरी करनेके लिए अपने ही गांव। अपने अपने खेत अपने लोग अपने रिश्ते नाते धीरे धीरे सब छूट रहे हैं हम शिक्षित तो हो रहे हैं लेकिन नासमझ भी बढ़ती जा रही है अधिकतर पहाड़ों में उत्तराखंड के सभी गांव की दशादिशायही है
लोग पलायन की परिभाषा गरीबी और बेरोजगारी से जोड़कर बताते है,,मगर मेरे हिसाब से जिस गाँव मे सबसे अच्छे नौकरी वाले होते है वो सबसे पहले शहरों मे मकान बनाते है,इसलिये पलायन का प्रमुख कारण सरकारी नौकरियाँ ही है,,गाँव बावई रूद्रप्रयाग से कुलदीप गुसाँई
Ye sach baat hai . haryana ke gaavo me jo bhi job karta vo apne bacho ko lekar sahar bas gya tha.lekin vaha viran ghar nhi milenge kyuki log bech dete hai or 50 %log gaav me rahne wale kharid lete hai 😢
बहुत सुंदर, प्रभावशाली प्रस्तुति, विस्तार से ग्रामीण परिवेश की जानकारी ने भावनाओं को व्यथित कर दिया। किसी की भी या कोई भी विडीयो इतने तन्मयता के साथ आज तक मैने नही देखी, बिना यह देखे कि कितनी लंबी वीडियो है लगातार उत्सुकता बनी थी। आपके संयोजन के लिए बहुत बहुत धन्यवाद, बधाई और हार्दिक शुभकामनाएं 🙏🌹
अति सुन्दर, वीडियो बनाने के लिए धन्यवाद। मेरा गांव है और मैने ही नहीं देखा कभी😢, दुर्भाग्य है या मजबूरी नहीं पता परंतु प्रयास रहेगा की यहां भी आगमन शुरू किया जा सके।
मेरा नाम हीरा बल्लभ भट्ट , मुझसे सात पीढ़ी पहले हमारे पूर्वज श्री वीरभद्र/बलिभद्र, इसी विशाड गांव से आकर गरूड़ ब्लौक के तिलसारी गांव में बस गये। आज इस गांव में भट्ट बंशीलाल के 50-60 परिवार बसे हैं । अपने बुजुर्गौ के गांव को देख कर बहुत हर्ष भी हुआ साथ में पलायन को देखते हुए दुःख भी । चार मंजिला मकान, और रहने वाला कोई नहीं।
सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य आदरणीय, पूज्यनीय गिरीश भट्ट जी को सादर प्रणाम व चरण स्पर्श, मेरा भी सौभाग्य रहा, रा इ का आठगावशिलिंग में हम एक साथ कार्यरत रहे,से अ एल टी - गणित के पद पर, तथा पूज्यनीय गिरीश भट्ट जी, प्रवक्ता अर्थशास्त्र के पद पर , कार्यरत रहे, बिषाड़ के बारे में इतनी सुन्दर जानकारी देने के लिए, और गुरु लोगों के दर्शन करवाने हेतु , आपका हार्दिक आभार व धन्यवाद,
सादरप्रणाम आपको बहुत बहुत साधुवाद विषाड़ गांव को देखकर बहुत अच्छा लगा मेरे पुरखों का गांव है हमारे पुरखे बहुत पहले गांव छोड़कर अल्मोड़ा जिला के लमगड़ा तहसील जैंती शहर तल्ला सालम गांव गणाऊं आकर बस गये थे आपने बहुत अच्छा सचित्र वर्णन किया है और अपनी पुरखों की जमीन से जोड़ने का आवाहनकिया है आप स्वस्थ और निरोग रहे ऐसे ही मार्गदर्शन करते रहें बहुत बहुत धन्यवादशुभकामनाएं सहित 🙏💐🌹🙏
आपने जो गांव का दर्शन कराया बहुत सुंदर उससे सुंदर संदेश भी मिल रहे हैं और जो प्राकृतिक सौन्दर्य को आपने खूबसूरती से दिखाया बहुत अच्छा लगा आशा है इसी तरह पहाड़ और गांव विरासतों से आप रू-ब-रू कराते रहैंगे धन्यवाद।❤
हमारे पूर्वज भी हम से सात पीढ़ी पहले यहां से आकर बागेश्वर जिले के गरुड़ ब्लॉक में तिलसारी नामक गांव में बस गए हैं। विशाड़ से तिलसारी आने वाले हमारे पूर्वज का नाम महानंदभट्ट था। अतः पिथौरागढ़ आने के बाद मुझे भी जिज्ञासा हुई की अपना मौलिक गांव देखा जाए तब 1998 में इस गांव को देखने का अवसर प्राप्त हुआ। कृपया वंशावली शेयर कीजिएगा।
Aaj mi leh Ladakh si aapke video dekh rha hon sach mi muje Aaj bhot yaad aa rhe hai gaon ki bhot acche video hai aapke aise hi bante rho thanku Hamra gaon ko dekhne ki liye.
महोदय आपने बिशार्द गॉव को दिखाकर बहुत बड़ा उपकार किया ये कुमाँयू के मशहूर ब्राम्हणों का गॉव है लेकिन पलायन का शिकार है क्षमतावान अब गाँव मै नही रहे सिर्फ यादै ही रही ।
हमारे पूर्वज भी इसी गांव से है लेकिन हमने आज तक इस गांव को नहीं देखा आपने हमें हमारे पूर्वजों के गांव के दर्शन कारण इसके लिए बहुत-बहुत धन्यवाद हमारी शुभकामनाएं आपके साथ हैं
आपके द्वारा पूरे बिशारद गाँव में अद्भुत एवं सत्य व्याख्या की गई वास्तव में आप और आपकी फोटो ग्राफी द्वारा बहुत प्रभावशाली मोड़, सभी समुदाय के बारे में सूचीबद्ध समझा गया है मुझे उम्मीद है कि आप पहाड़ के दुर्गम क्षेत्र को समझाएंगे। ताकि सभी अपने पितृ देवभूमि को कोई भुलाएं नहीं तथा किशी भी रूप में दर्शन करने आयें।पहाड़ का आत्मसम्मान बढ़ाया जाए .-
प्रणाम।विसार्द गांव को देखकर बहुत सुंदर लगा।हम भी भट्ट जाति के ब्राह्मण हैं तथा सन् 1600के बाद ही हम भी दक्षिण भारत से चन्द्र बदनी के पुजारी के रूप में टिहरी गढ़वाल में आए हैं आपके गांव का सुन्दर बिडियो देखकर बहुत अच्छा लगा।प्रणाम।
Dakshin Bharat se aane ka matlab aap log kumauni nahi balki South Indians the to fir apki jeevan sheli me South ka kuch to prabhav abhi bhi hona chahiye jaise ki khan pan kapde pahanane ka tarika ya pooja krne ki padhati aur surname to wahi South ka hona chahiye tha. Bhutt to pahadi surname hai.
@@MrinalM. प्रणाम. आप kumaon aur garhwal का इतिहास जरूर पढियेगा सबको पढ़ना चाहिए. दर असल कुछ बहुत कम लोग ही यहां के पुराने निवासी है. सब लोग किसी ना किसी समय मे विभिन्न स्थानो से यहा आए हुए है।
महोदय आपको बहुत-बहुत बधाई की आप जिला मुख्यालय के निकटतम गांव बिषाड़ में आये यदि आप बिषाड़ श्रेत्र के अन्य गांव की जानकारी भी अपने विडियो के माध्यम से लोगों तक पहुंचा देते तो शायद जिन लोगों ने अपने गांव को बिरान कर दिया हो वो लोग पुनः अपने अपने गांव को वापस आ जायें। महोदय कृपया आप अपना परिचय भी विडियो के माध्यम से देने का कष्ट करेंगे। धन्यवाद आपका
भुवन चंद्र जोशी रंगदेव बागेश्वर भट्ट जी आप का विडियो देख कर बहुत अच्छा लगा पर बिसाड वासियों ने आप को खाना खाने के लिए कुछ नहीं बोला यह देख कर बहुत दुख हुआ आप की विडियो बहुत अच्छी बनती है धन्यवाद,
आपके ब्लॉग हर कोण से सम्पूर्ण हे। धन्यवाद है आपका जो हमारी विरासत का उद्घाटन सोशल मीडिया के माध्यम से करते रहते हैं। वीडियो ग्राफी भी उत्कृष्ट है।हर जिज्ञासा का शमन भी करते जाना आपकी विशिष्टता है।
बनधुवर आपके इस विडियो की जितनी भी प्रशंसा की जाए वह कम ही होगी आपके द्वारा गांव का जो चित्रण किया गया है वह बहुत ही मार्मिक एवं काबिले तारीफ है बहुत सुंदर 🌺🙏
मुझे यह देखकर बहुत अच्छा लगा हमारे पूर्वज भी करीब 200 साल पूर्व कौसानी के निकट कांटली आके बस गए। कृपया बंसावली प्रदान करने की कृपा करे । गिरिजा शंकर भट्ट।
As usual excellent video. What makes your video distinct from others is your passion to know the socio economic condition of the people in remote location of Uttarakhand, apart from showing the natural beauty of the Himalayas. Thanks.
🙏🙏 An Imotional and Inspiring video for remembrance of our Ancestral heritage. Now the right time to return towards our native villages ( Kumoun region, Dwarahat, Almora) and save our birth land 🙏🙏
आते रहा करो रे भाभर वालो अपनी पित्तर कुड़ी में भी में तो ये कहना चाहूंगा की 90 के दशक तक के जो भी भाई लोग है अधिकतर वह इन्ही पहाड़ो में इन्ही मकानों में पैदा हुए है उसके बाद लगभग पलायन शुरू हो ही गया था हमारे पहाड़ो से तो में कहना चाहूंगा जिस घर आँगन में आपलोग पले बड़े जिस घर में घर आँगन की दीवाल को पकड़ के चलना😢😢😢 सीखा, खड़ा होना सीखा उस घर आँगन को जरूर सवारे😢😢 उसमे हम सब के पित्तरों की या नी हम लोगो की जड़ यही है हमारा मूल यह ही है जय ईस्ट देव जय भूमिया देवता
बड़ा दुख की बात है कि प्रभु ने अपने पूर्वजों ने कितनी मीनाक्षी है घर बनाया आज इसकी स्थिति इतनी हो चुकी है जो 30 40 साल से आप देखने नहीं आए मां बापू की यादें जुड़ी होती हैं पर लेकिन अपने पितरों का जो है तिरस्कार किया है
Bishad dekhne ki bahut ichha thi.bahut prashansha suni thi.Aapke blog ke through dekha.bahut achha laga.bahut sunder ganv hai.Gharon ki aisi halat dekhkar man sach dravit ho jata hai.🙏🙏💐
आपका बहुत बहुत धन्यवाद किंतु ये बोर्ड पर दूरी गलत लिखी है । इस बोर्ड से हमारे गाँव की दूरी मात्र 4 km है। बिषाढ शब्द बिशराद लोगों के रहने की जगह का अपभ्रंश रूप है।
नमस्कार मैं इस गांव का तो नहीं हूं आपके माध्यम से लगभग 50 साल बाद इस गांव को देख रहा रहा हूं इसके लिए आपको बहुत बहुत धन्यवाद किसी और गांव का भी इसी तरह से वीडियो बनाकर दिखाना चाहिए
यह रिसर्च का विषय हो सकता है कि विषाड़ शब्द विशार्द शब्द का अपभ्रंश है और उससे पहले विशार्द शब्द विशारद शब्द का अपभ्रंश तो नहीं है? क्योंकि विशारद शब्द ज्ञानी या विद्वता की डिग्री या किसी विद्या में निपुणता का प्रतीक हो सकता है। और यह गांव तो विद्वानों के द्वारा बसाया गया है।
AAP AAGE TO GAYE NAHI.....AAGE BHI UPPER KO AUR FAMILIES HAI.JAHA AAPKO WO WOMAN PANI KA POT LEKAR JA RAHI THI.US SE BHI AAGE HAI......MAI BHI ISI GAON KA REHNE WALA HOO...... PRESENTLY I AM AT SURAT.......I AM AMAZED TO SEE THIS VDO......REALLY ON BEHALF OF ALL BISHAR FAMILY I WOULD LIKE TO THANK YOU GIVING SPACE ON YOUR PAGE ON UR PAGE.........IF YOU WOULD MAKE 2nd PART OF THIS VDO PLEASE GO UPPER SIDE OF THIS VILLAGE CALLED SUHAWANI KOT KANARI AND OKHANDHUNGI...... TOLI BANSH IS ALSO A PART OF THIS VILLAGE NEAR GURNA. AAJ MERE PASS APNE EMOTIONS EXPRESS KARNE K LIYE KOI WORD NAHI HAI..... THANKS A LOT....
जय देव भूमि जय उत्तराखण्ड भाई जी मैं पौड़ी गढ़वाल के बीरोंखाल विकास खण्ड आमकुलाऊं गांव का रहने वाला हूं सेवा निवृत्त होने के पश्चात गांव आया हूं थोड़ा बहुत पच्चीस नाली में कीवी की बागवानी की है आपने पिथौरागढ़ विषाण गांव का वीडियो बहुत ही मेहनत करके बनाया है इस के आपका शुक्रिया हमारे पहाड़ बहुत ही सुन्दर है और परिस्थितियों अधिकांशतः ऐसी ही सभी जगह है वास्तव में पानी की समस्या है जिसका और कोई विकल्प नहीं है । धन्यवाद।
अपने गांव व घर को देखकर बहुत अच्छा लगा। बहुत समय से पिथौरागढ..बिषाड़ जाना नहीं हो पाया। वहाँ की मधुर स्मृतियाँ सदा साथ रहेंगी।
पहाड़ के बारे में बहुत अच्छी जानकारी दी जानकारी के लिए बहुत बहुत धन्यवाद
है गांव में अभी भी टूटा मकां हमारा
है उसमें अभी बाकी नामोंनिशां हमारा
छत तो बची नहीं है
दरवाजे पर है ताला
दीवार में है मंदिर
उसमें लगा है जाला
वीरान हो गया है वो आशियां हमारा।
बहुत सुन्दर प्रस्तुति रूला दिया आपने । अपना पहाड़
बहुत ही सुंदर प्रस्तुति ❤❤
भट्ट जी के इस वीरान खण्डर हुए मकान को देख मन भाऊक हो गया 😚
सबसे पहले आपको नमस्कार, आपने बिशारद गांव पर बहुत अच्छी वीडियो बनाई इस गांव के बारे में बहुत पहले सुना था, गांव के बारे में असल जानकारी आज प्राप्त हुई बहुत बहुत धन्यवाद
बहुत अच्छा लगा , आपने बहुत मेहनत की और हमें भी गांव देखना अवसर मिला हमने केवल गांव का नाम भट्ट ब्राह्मणों के बारे में सुना था आपने गांव व मंदिरों के दर्शन करा दिए।
सच में आज मुझे अपने गांव एवं अपने पुरखों का स्मरण हो गया भौतिक सुख के लिए हमने अपनी जड़ें भुला दी,,,, मैं आपको बहुत बहुत धन्यवाद दूंगा आप इसी प्रकार पहाड़ व पहाड़ियों की पीड़ा को उत्तराखंडी जनमानस तक अवश्य पहुंचाते रहेंगे।
ईश्वर आपको सदैव स्वस्थ व निरोगी रखे।
शुभकामनाओं के साथ।
बहुत सुंदर जानकारी दी गई है
प्राकृतिक सुन्दरता और विद्वता से भरपूर विषाड़ गाँव उनके वंशजों की अनदेखी और बेरुखी का दंश झेल रहा है l विलक्षण विद्वता के धनी भट्ट जी लोगों से विनम्र निवेदन है कि गाँव की सुधि भी लिया करें l
❤ जय हो देव भूमि उत्तराखंड ❤ आने वाले समय में पहाड़ के गांव का क्याहोगा शिक्षा रोजगार अपनी जरूरत पूरी करनेके लिए अपने ही गांव। अपने अपने खेत अपने लोग अपने रिश्ते नाते धीरे धीरे सब छूट रहे हैं हम शिक्षित तो हो रहे हैं लेकिन नासमझ भी बढ़ती जा रही है अधिकतर पहाड़ों में उत्तराखंड के सभी गांव की दशादिशायही है
लोग पलायन की परिभाषा गरीबी और बेरोजगारी से जोड़कर बताते है,,मगर मेरे हिसाब से जिस गाँव मे सबसे अच्छे नौकरी वाले होते है वो सबसे पहले शहरों मे मकान बनाते है,इसलिये पलायन का प्रमुख कारण सरकारी नौकरियाँ ही है,,गाँव बावई रूद्रप्रयाग से कुलदीप गुसाँई
Bhut shai kha h aap ne
उतराखंडी समाज की यही सच्चाई है आत्मग्लानि से भरे
Ye sach baat hai . haryana ke gaavo me jo bhi job karta vo apne bacho ko lekar sahar bas gya tha.lekin vaha viran ghar nhi milenge kyuki log bech dete hai or 50 %log gaav me rahne wale kharid lete hai 😢
बहुत सुंदर, प्रभावशाली प्रस्तुति, विस्तार से ग्रामीण परिवेश की जानकारी ने भावनाओं को व्यथित कर दिया। किसी की भी या कोई भी विडीयो इतने तन्मयता के साथ आज तक मैने नही देखी, बिना यह देखे कि कितनी लंबी वीडियो है लगातार उत्सुकता बनी थी। आपके संयोजन के लिए बहुत बहुत धन्यवाद, बधाई और हार्दिक शुभकामनाएं 🙏🌹
जै जै श्री राम🙏 आपने अपने माध्यम से बहुत अच्छी कवरेज की, समस्त विशाड ग्रामवासीयों की ओर से कोटि कोटि साधुवाद, जै जै श्री राम
सुन्दर और ज्ञानवर्धक प्रस्तुति भट्ट जी, सादर धन्यवाद
Bahut Sundar video Sari purani yaden taaja Ho Gai use school mein Humne bhi padha tha video Dikhane ke liye bahut sara dhanyvad😊😊
बहुत सुंदर प्रस्तुति । धन्यवाद आपका आपके माध्यम से बिषाण गॉव के दर्शन हो गये ।
बहुत सुन्दर सर 🙏बहुत साल हो गये बिसाड़ गये हुए आज आपने पुरानी याद दिला दी 🙏धन्यवाद सर
विषाड़ गाँव को देखकर बहुत ही अच्छा लगा। मेरे पुरखों का गाँव है, जो लगभग 250 वर्ष पूर्व यहाँ से माइग्रेट होकर अल्मोड़ा *पल्यूं* के पांडे गाँव में आ गए
Bahut achha lega myeke ko dekh ker thanks bhaee
Gauredatt Bhatt mere dada ji ka naam jo patwareeji
Ham pithoragharh 200 sall Se jda pawan bhatt
अति सुन्दर, वीडियो बनाने के लिए धन्यवाद।
मेरा गांव है और मैने ही नहीं देखा कभी😢, दुर्भाग्य है या मजबूरी नहीं पता परंतु प्रयास रहेगा की यहां भी आगमन शुरू किया जा सके।
मेरा नाम हीरा बल्लभ भट्ट , मुझसे सात पीढ़ी पहले हमारे पूर्वज श्री वीरभद्र/बलिभद्र, इसी विशाड गांव से आकर गरूड़ ब्लौक के तिलसारी गांव में बस गये। आज इस गांव में भट्ट बंशीलाल के 50-60 परिवार बसे हैं । अपने बुजुर्गौ के गांव को देख कर बहुत हर्ष भी हुआ साथ में पलायन को देखते हुए दुःख भी । चार मंजिला मकान, और रहने वाला कोई नहीं।
Chalo fir se ganw ki oor
सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य आदरणीय, पूज्यनीय गिरीश भट्ट जी को सादर प्रणाम व चरण स्पर्श,
मेरा भी सौभाग्य रहा, रा इ का आठगावशिलिंग में हम एक साथ कार्यरत रहे,से अ एल टी - गणित के पद पर, तथा पूज्यनीय गिरीश भट्ट जी, प्रवक्ता अर्थशास्त्र के पद पर , कार्यरत रहे,
बिषाड़ के बारे में इतनी सुन्दर जानकारी देने के लिए, और गुरु लोगों के दर्शन करवाने हेतु , आपका हार्दिक आभार व धन्यवाद,
V v v nice vidio sbhi brhmad bndhubandwo ko koti koti naman
सादरप्रणाम आपको बहुत बहुत साधुवाद विषाड़ गांव को देखकर बहुत अच्छा लगा मेरे पुरखों का गांव है हमारे पुरखे बहुत पहले गांव छोड़कर अल्मोड़ा जिला के लमगड़ा तहसील जैंती शहर तल्ला सालम गांव गणाऊं आकर बस गये थे आपने बहुत अच्छा सचित्र वर्णन किया है और अपनी पुरखों की जमीन से जोड़ने का आवाहनकिया है आप स्वस्थ और निरोग रहे ऐसे ही मार्गदर्शन करते रहें बहुत बहुत धन्यवादशुभकामनाएं सहित 🙏💐🌹🙏
आपने जो गांव का दर्शन कराया बहुत सुंदर उससे सुंदर संदेश भी मिल रहे हैं और जो प्राकृतिक सौन्दर्य को आपने खूबसूरती से दिखाया बहुत अच्छा लगा आशा है इसी तरह पहाड़ और गांव विरासतों से आप रू-ब-रू कराते रहैंगे धन्यवाद।❤
हमारे पूर्वज भी हम से सात पीढ़ी पहले यहां से आकर बागेश्वर जिले के गरुड़ ब्लॉक में तिलसारी नामक गांव में बस गए हैं। विशाड़ से तिलसारी आने वाले हमारे पूर्वज का नाम महानंदभट्ट था।
अतः पिथौरागढ़ आने के बाद मुझे भी जिज्ञासा हुई की अपना मौलिक गांव देखा जाए तब 1998 में इस गांव को देखने का अवसर प्राप्त हुआ।
कृपया वंशावली शेयर कीजिएगा।
प्रेमा महानंद से पहले उनके पिता जी वीरभद्र/ बलिभद्र तिलसारी आये थे ।
Very nice video of natural beauty and your fine narration of its importance.
Aaj mi leh Ladakh si aapke video dekh rha hon sach mi muje Aaj bhot yaad aa rhe hai gaon ki bhot acche video hai aapke aise hi bante rho thanku Hamra gaon ko dekhne ki liye.
महोदय आपने बिशार्द गॉव को दिखाकर बहुत बड़ा उपकार किया ये कुमाँयू के मशहूर ब्राम्हणों का गॉव है लेकिन पलायन का शिकार है क्षमतावान अब गाँव मै नही रहे सिर्फ यादै ही रही ।
हमारे पूर्वज भी इसी गांव से है लेकिन हमने आज तक इस गांव को नहीं देखा आपने हमें हमारे पूर्वजों के गांव के दर्शन कारण इसके लिए बहुत-बहुत धन्यवाद हमारी शुभकामनाएं आपके साथ हैं
दिल उदास हो जाता है ऐसे वीडियो देख कर पहाड याद आ गया
ऊं नमः शिवाय, सभी मंदिर बहुत सुंदर दिखाए हैं आपने, धन्यवाद व प्रणाम।🙏🙏
बहुत सुंदर् प्रस्तुति धन्य बाद
आपकी आवाज़ पृष्ठभूमि तेे संगीत से दब जा रही है।
सच में ये पीतांबर भट्ट जी के मकान की हालत देखकर रोना आ गया, बुजुर्गों की विरासत को इस तरह अंदेखा कर देना दुखद है
😮😊😊😅
आपके द्वारा पूरे बिशारद गाँव में अद्भुत एवं सत्य व्याख्या की गई वास्तव में आप और आपकी फोटो ग्राफी द्वारा बहुत प्रभावशाली मोड़, सभी समुदाय के बारे में सूचीबद्ध समझा गया है मुझे उम्मीद है कि आप पहाड़ के दुर्गम क्षेत्र को समझाएंगे। ताकि सभी अपने पितृ देवभूमि को कोई भुलाएं नहीं तथा किशी भी रूप में दर्शन करने आयें।पहाड़ का आत्मसम्मान बढ़ाया जाए .-
प्रणाम।विसार्द गांव को देखकर बहुत सुंदर लगा।हम भी भट्ट जाति के ब्राह्मण हैं तथा सन् 1600के बाद ही हम भी दक्षिण भारत से चन्द्र बदनी के पुजारी के रूप में टिहरी गढ़वाल में आए हैं आपके गांव का सुन्दर बिडियो देखकर बहुत अच्छा लगा।प्रणाम।
Dakshin Bharat se aane ka matlab aap log kumauni nahi balki South Indians the to fir apki jeevan sheli me South ka kuch to prabhav abhi bhi hona chahiye jaise ki khan pan kapde pahanane ka tarika ya pooja krne ki padhati aur surname to wahi South ka hona chahiye tha. Bhutt to pahadi surname hai.
@@MrinalM. प्रणाम. आप kumaon aur garhwal का इतिहास जरूर पढियेगा सबको पढ़ना चाहिए. दर असल कुछ बहुत कम लोग ही यहां के पुराने निवासी है. सब लोग किसी ना किसी समय मे विभिन्न स्थानो से यहा आए हुए है।
बहुत अच्छा लगा बहुत ही सुन्दर धन्यवाद
बहुत अच्छा लगा बीडीओ देख कर मेरे माइका का पड़ोसी गांव है ये बिसाइ गांव आपको बहुत बहुत धन्यवाद
Bhut bhut dhanyavaad aapka hamare sundar gao ko aapne apne channel ke madhyam se darshaya❤❤
हमारे गाॅव मै भी बिषाड के भटट लोग लगभग 200वषॅ पहले आये थे ऐसा हमने सुना है सालम गणाऊॅ गाॅव अल्मोडा🙏🙏
आपने बहुत अच्छी जानकारी दी है इस वीडियो के जरिए, बहुत बहुत धन्यवाद ।
पंडित गिरीश चंद्र भट्ट जी ताऊजी और पितृ भूमि को प्रणाम सुनील भट्ट गोलापार से 🙏🙏
बहुत सुंदर प्रस्तुति, बहुत बहुत साधुवाद।
बहुत सुन्दर और पहाड़ी भाषा में अपने लोगों से बातचीत
महोदय आपको बहुत-बहुत बधाई की आप जिला मुख्यालय के निकटतम गांव बिषाड़ में आये यदि आप बिषाड़ श्रेत्र के अन्य गांव की जानकारी भी अपने विडियो के माध्यम से लोगों तक पहुंचा देते तो शायद जिन लोगों ने अपने गांव को बिरान कर दिया हो वो लोग पुनः अपने अपने गांव को वापस आ जायें।
महोदय कृपया आप अपना परिचय भी विडियो के माध्यम से देने का कष्ट करेंगे।
धन्यवाद आपका
मेरा नाम चन्द्रशेखर पांडेय है,
मेरे चैनल में आप जाकर देखेंगे तो आपको पहाड़ के वीरान गाँवों की एक से बढ़कर एक वीडियो देखने को मिलेंगी
भुवन चंद्र जोशी रंगदेव बागेश्वर
भट्ट जी आप का विडियो देख कर बहुत अच्छा लगा पर बिसाड वासियों ने आप को खाना खाने के लिए कुछ नहीं बोला यह देख कर बहुत दुख हुआ आप की विडियो बहुत अच्छी बनती है धन्यवाद,
नहीं नही
सबने पूछा
मेने ही मना किया था,
क्योंकि उस दिन मेरा एका बखत उपवास था
आपके ब्लॉग हर कोण से सम्पूर्ण हे। धन्यवाद है आपका जो हमारी विरासत का उद्घाटन सोशल मीडिया के माध्यम से करते रहते हैं। वीडियो ग्राफी भी उत्कृष्ट है।हर जिज्ञासा का शमन भी करते जाना आपकी विशिष्टता है।
बनधुवर आपके इस विडियो की जितनी भी प्रशंसा की जाए वह कम ही होगी आपके द्वारा गांव का जो चित्रण किया गया है वह बहुत ही मार्मिक एवं काबिले तारीफ है बहुत सुंदर 🌺🙏
आपका गाँव दर्शन का वीडियों दिल को छू गया आपका बहुत-बहुत धन्यबाद 🙏🏼🙏🏼
Gaon ki awachchhata bahut achhi hai
Bahut achcha laga vashard gaon ko dekhkae❤❤
मुझे यह देखकर बहुत अच्छा लगा हमारे पूर्वज भी करीब 200 साल पूर्व कौसानी के निकट कांटली आके बस गए। कृपया बंसावली प्रदान करने की कृपा करे ।
गिरिजा शंकर भट्ट।
गांवों की ऐसी दशा का जिम्मेदार कहीं न कहीं हमारी व्यवस्था है। कोई भी अपनी बुजुर्गों की थाती को यूं ही नहीं छोड़ना चाहता है।
pure heart k log hote hain hamre pahadon me......yaad aate hain bahut ye gaon kabhi bachpan apna bhi inhi gharon me gujra hua hai
As usual excellent video. What makes your video distinct from others is your passion to know the socio economic condition of the people in remote location of Uttarakhand, apart from showing the natural beauty of the Himalayas. Thanks.
बहुत सुंदर प्रस्तुतिकरण है ।।
Bahut Sundar purani yaden taaja Ho gai apna school bhi dekh liya mayka bhi dekh liya sabhi bhagwanon ke bhi Darshan Ho Gaye👌👏
Bhuth he achi video... From Himachal Pradesh.
नृत्य को आपने कुछ देर तक दिखाना था बहुत खूबसूरतलग रहा था
बहु सुन्दर रचना,आपको बहुत बहुत साधुवाद
🙏🙏 An Imotional and Inspiring video for remembrance of our Ancestral heritage. Now the right time to return towards our native villages ( Kumoun region, Dwarahat, Almora) and save our birth land 🙏🙏
आते रहा करो रे भाभर वालो अपनी पित्तर कुड़ी में भी में तो ये कहना चाहूंगा की 90 के दशक तक के जो भी भाई लोग है अधिकतर वह इन्ही पहाड़ो में इन्ही मकानों में पैदा हुए है उसके बाद लगभग पलायन शुरू हो ही गया था हमारे पहाड़ो से तो में कहना चाहूंगा जिस घर आँगन में आपलोग पले बड़े जिस घर में घर आँगन की दीवाल को पकड़ के चलना😢😢😢 सीखा, खड़ा होना सीखा उस घर आँगन को जरूर सवारे😢😢 उसमे हम सब के पित्तरों की या नी हम लोगो की जड़ यही है हमारा मूल यह ही है जय ईस्ट देव जय भूमिया देवता
Bilkul joshi ji apni pitarkudi me aana chaiye, nahi to pitro ka ashirwad bhi nahi milega
आप का बहुत धन्यवाद अपनी विरासत से जोड़ ने के लिए
बहुत अच्छा वीडियो लगा .
❤❤❤❤❤favorite place
बहुत अच्छी वीडियो धन्यवाद
हमारे पुर्वक भी विसाड गावके हरनेवाले थे , 200/300 साल पहले से नेपालके बैतडी जिले में हरहर है।
बड़ा दुख की बात है कि प्रभु ने अपने पूर्वजों ने कितनी मीनाक्षी है घर बनाया आज इसकी स्थिति इतनी हो चुकी है जो 30 40 साल से आप देखने नहीं आए मां बापू की यादें जुड़ी होती हैं पर लेकिन अपने पितरों का जो है तिरस्कार किया है
Bhut shandaar.....
सुन्दर प्रयास
जय हो महादेव बाबा❤❤❤
Bishad dekhne ki bahut ichha thi.bahut prashansha suni thi.Aapke blog ke through dekha.bahut achha laga.bahut sunder ganv hai.Gharon ki aisi halat dekhkar man sach dravit ho jata hai.🙏🙏💐
बहुत सुंदर प्रस्तुति। कभी हमारे गांव भी आओ झूलाघाट ( माजिरकांडा ) पिथौरागढ़ ( नेपाल बॉर्डर )
अद्भुत ❤❤ बहुत अच्छा लगा गांव देख कर
नमस्कार जी बडीया विडियो
आपका बहुत बहुत धन्यवाद
किंतु ये बोर्ड पर दूरी गलत लिखी है । इस बोर्ड से हमारे गाँव की दूरी मात्र 4 km है। बिषाढ शब्द बिशराद लोगों के रहने की जगह का अपभ्रंश रूप है।
बहुत ही उम्दा प्रदर्शन आपका
बहुत सुंदर प्रस्तुति 🌺
Wow what a wanderful village
Very nice to see Bisarh village & uttrakhand culture. All these things now comes only in dreams. Thank you Sir.
Ati Sundar Vichar Sree Radhey Radhey🙏🙏
Bhut aanad Aya beta thanks beta
Very nice bro..Commendable job u r doing.. excellent command in Hindi as well as in mother tongue Kumaoni
शानदार प्रस्तुति ❤❤
बहुत अच्छा लगा हम भी मूल रूप से इसी स्थान के हैं, जानकारी के लिए बहुत बहुत धन्यवाद 😊
Nice and informative.Background music beautifies ur video.😊
बहुत सुंदर बहुत अच्छा दिल को सुकून मिला आपको नमस्कार
Bahut hi khubsurat hai ji aapki vloging
बहुत सुंदर आज फिर याद आ गयी 🙏🙏🙏
बहुत सुन्दर
Thanks sir aashu bhar aaya
Apni BIRASHAT kkhatam ho rahi hi
पलायन हमारे पहाड़ों से फिर भी गुरु जी लोगो की बसासत बनी हुई है जय हो
Dhanyavaad aapke vidiyo se apne purvajo ganw dekhane ko mila
बिशेष , अति सुंदर, 🎉
बहुत सुंदर वीडियो बड़े भाई जी🙏
नमस्कार मैं इस गांव का तो नहीं हूं आपके माध्यम से लगभग 50 साल बाद इस गांव को देख रहा रहा हूं इसके लिए आपको बहुत बहुत धन्यवाद किसी और गांव का भी इसी तरह से वीडियो बनाकर दिखाना चाहिए
यह रिसर्च का विषय हो सकता है कि विषाड़ शब्द विशार्द शब्द का अपभ्रंश है और उससे पहले विशार्द शब्द विशारद शब्द का अपभ्रंश तो नहीं है? क्योंकि विशारद शब्द ज्ञानी या विद्वता की डिग्री या किसी विद्या में निपुणता का प्रतीक हो सकता है। और यह गांव तो विद्वानों के द्वारा बसाया गया है।
Nice knowledge।
विशारद ही सार्थक है। विद्वानों का गाँव! यह दायित्व है उनका कि पलायन रोकने के उपायों पर मंथन करें। कुछ नहीं तो सेवानिवृत्ति के बाद ही वापस आ जायें।
बहुत बढ़िया
बहुत सुंदर बिडियो ये हम लोगों के पंडित जी है 🎉🎉
aap kaha se ho
बहुत सुंदर भाई बहुत अच्छा लगता है मैं आपका चैनल भी सब्सक्राइब कर दिया है मुझे पहले पता नहीं था बागेश्वर से
AAP AAGE TO GAYE NAHI.....AAGE BHI UPPER KO AUR FAMILIES HAI.JAHA AAPKO WO WOMAN PANI KA POT LEKAR JA RAHI THI.US SE BHI AAGE HAI......MAI BHI ISI GAON KA REHNE WALA HOO...... PRESENTLY I AM AT SURAT.......I AM AMAZED TO SEE THIS VDO......REALLY ON BEHALF OF ALL BISHAR FAMILY I WOULD LIKE TO THANK YOU GIVING SPACE ON YOUR PAGE ON UR PAGE.........IF YOU WOULD MAKE 2nd PART OF THIS VDO PLEASE GO UPPER SIDE OF THIS VILLAGE CALLED SUHAWANI KOT KANARI AND OKHANDHUNGI...... TOLI BANSH IS ALSO A PART OF THIS VILLAGE NEAR GURNA. AAJ MERE PASS APNE EMOTIONS EXPRESS KARNE K LIYE KOI WORD NAHI HAI..... THANKS A LOT....
THANK U V MUCH SIR
Dhun Bhut acchi hai appki aakho mai nice song
बहुत सुंदर प्रस्तुति