कभी मुझ को साथ लेकर, 💐 कभी मेरे साथ चल के, वो बदल गए अचानक, मेरी ज़िन्दगी बदल के। हुए जिस पे मेहरबाँ तुम, कोई ख़ुशनसीब होगा, 😎 मेरी हसरतें तो निकलीं, ☀️ मेरे आँसूओं में ढल के। 😊🙂🌷🙃 तेरी ज़ुल्फ़-ओ-रुख़ के कुर्बान, 😎 दिल-ए-ज़ार ढूँढता है, 🙈 वही चम्पई उजाले, 😲 वही सुरमई धुंधल के। 😲☀️😎👌 कोई फूल बन गया है, 👌 कोई चाँद कोई तारा, 🙃 जो चिराग़ बुझ गए हैं, 🙃 तेरे अंजुमन में जल के। 🥺🥺🌥🥺 मेरे दोस्तो ख़ुदारा, मेरे साथ तुम भी ढूँढो, वो यहीं कहीं छुपे हैं, मेरे ग़म का रुख़ बदल के। तेरी बेझिझक हँसी से, न किसी का दिल हो मैला, ये नगर है आईनों का, यहाँ साँस ले संभल के।
ओशो भगवान चरण वंदन कोटिक प्रणाम
कभी मुझ को साथ लेकर, 💐 कभी मेरे साथ चल के,
वो बदल गए अचानक, मेरी ज़िन्दगी बदल के।
हुए जिस पे मेहरबाँ तुम, कोई ख़ुशनसीब होगा, 😎
मेरी हसरतें तो निकलीं, ☀️ मेरे आँसूओं में ढल के। 😊🙂🌷🙃
तेरी ज़ुल्फ़-ओ-रुख़ के कुर्बान, 😎 दिल-ए-ज़ार ढूँढता है, 🙈
वही चम्पई उजाले, 😲 वही सुरमई धुंधल के। 😲☀️😎👌
कोई फूल बन गया है, 👌 कोई चाँद कोई तारा, 🙃
जो चिराग़ बुझ गए हैं, 🙃 तेरे अंजुमन में जल के। 🥺🥺🌥🥺
मेरे दोस्तो ख़ुदारा, मेरे साथ तुम भी ढूँढो,
वो यहीं कहीं छुपे हैं, मेरे ग़म का रुख़ बदल के।
तेरी बेझिझक हँसी से, न किसी का दिल हो मैला,
ये नगर है आईनों का, यहाँ साँस ले संभल के।
Mai osho deekcha chahta hoo par kaise
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