जिस मूर्ख को वेद ज्ञान नही है, वह् वेद को कैसे जानेंगे। धन्य हो महृषि दयानन्द जिसने सत्य का पथ दुनिया को दिखाया। महृषि के ऋण से हम कभी उऋण कभी हो नही सकतें। इस दिव्यात्मा की जय हो ।
जो सज्जन यह चाहते हैं कि अंधविश्वास, पाखण्ड, ढोंग , अवैज्ञानिक दृष्टिकोण दूर हो वे अपनी शिक्षा, तर्क, अनुभव, व सत्यार्थ प्रकाश को पढकर तथा ज्ञान विज्ञान के आधार पर अपनी सामर्थ्य के अनुसार घर में, रिश्तेदारों, दोस्तों में व आस पास चर्चा करें।
Bahut hi sunder gaya.dhanyawad.om
जिस मूर्ख को वेद ज्ञान नही है, वह् वेद को कैसे जानेंगे।
धन्य हो महृषि दयानन्द जिसने सत्य का पथ दुनिया को दिखाया।
महृषि के ऋण से हम कभी उऋण कभी हो नही सकतें।
इस दिव्यात्मा की जय हो ।
ओ३म्
आर्य, बहुत ही उत्तम प्रकार से आपने शास्त्रार्थ के कुछ महत्त्वपूर्ण विषय को गान के रूप में सुनाए। धन्यवाद
स्वामी दयानंद सरस्वती की जय
आर्य समाज अमर रहे
महर्षि दयानंद सरस्वती महाराज सदैव अमर रहें
बहुत सुनदर है।
महर्षी दयानंद की जय हम को जड पूजा हटाकर ऐक निराकार ईश्वर उपासना बतलाई
कमाल है जी
आज पाखंड बहुत ही हैं छाया फिर हमें दयानंद चाहिए । ...
गुरुवर जी को कोटि कोटि प्रणाम 🎉
Divya
हम दयानंद सरस्वती जी के ज्ञान वाले युग से फिर मूर्ति पूजा वाले युग में जा रहे हैं। पाखंडवाद बढ़ रहा है।
ओ३म नमस्ते जी।
Rishi Dayanand ki Jay Ho.....yatish arya unka chela h
thanks.
❤
जो सज्जन यह चाहते हैं कि अंधविश्वास, पाखण्ड, ढोंग , अवैज्ञानिक दृष्टिकोण दूर हो वे अपनी शिक्षा, तर्क, अनुभव, व सत्यार्थ प्रकाश को पढकर तथा ज्ञान विज्ञान के आधार पर अपनी सामर्थ्य के अनुसार घर में, रिश्तेदारों, दोस्तों में व आस पास चर्चा करें।
युगपुरुष को लोगो ने समझा नही।इसलिए आज भी अन्धविश्वास ओर पाखंड मे फसकर अपना जीवन बर्बाद कर रहे है। महापुरुष को कोटि कोटि नमन 🙏