डॉ अम्बेडकर क्या बोले विवेकानंद जी और गाँधी जी के बारे में I Dr. Ambedkar on Gandhi & Vivekananda ji
Вставка
- Опубліковано 24 гру 2024
- डॉ अम्बेडकर क्या बोले विवेकानंद जी और गाँधी जी के बारे में I Dr. Ambedkar on Gandhi & Vivekananda ji #ambedkar #babasaheb #jaibhim #swamivivekananda #history #historyfacts #mahatmagandhi #gandhi #upsc
Introduction of Nikhil Yadav Ji :-
Nikhil Yadav is Presently Prant Yuva Pramukh, Vivekananda Kendra, (Uttar Prant, Delhi, Himachal Pradesh, Uttarakhand, Jammu and Kashmir, Ladakh). He is author of the book “अमृत काल में स्वामी विवेकानंद की प्रसंगिकता - Amrit Kal Main Swami Vivekananda Ki Prasangikta". He obtained Graduation and Masters degree from the University of Delhi. He is presently pursuing Ph.D. from the Centre for Studies in Science Policy at Jawaharlal Nehru University, New Delhi. He is also Joint Secretary of the Indian Yoga Association, Delhi Chapter. He has delivered lectures and given presentations at various International and National conferences and Seminars at South Asian University, New Delhi, and various colleges of Delhi University, Jawaharlal Nehru University, Jamia Millia Islamia, Amity University, Noida, G.B.U., Greater Noida, G.B. Pant University of Agriculture and Technology University in Pantnagar, Uttarakhand among others. He writes for several leading national dailies and portals. Regularly for The Print, OP India, Organiser, and Nationalist Online. Partially for Vivekananda International Foundation, Jansatta, The Pioneer, and Dainik Jagran (National Edition).
Gandhi Vs Ambedkar Debate
Ambedkar Vs Gandhi Debate
History of India
Modern History
प्रिय निखिल भैया,
सकारात्मकता, ऊर्जा और ओज से ओत-प्रोत यह उद्बोधन सुनकर हृदय मन पुलकित हो उठा। सूचना, ज्ञान और व्याख्या का अनूठा संगम है यह भाषण। चालीस मिनट के उद्बोधन में उपस्थित अभ्यर्थियों का एकटक आपकी ओर देखते रहना, प्रमाण है आपके ज्ञान और उसके प्रस्तुतीकरण का। यह आपकी विषय पर मजबूत पकड़ और धाराप्रवाहिता ही है जो सभी श्रोताओं को विषय से जोड़े रखती है। हमेशा की भाँति इस बार भी आपका उद्बोधन स्नायुओं में ऊर्जा का संचार कर देने वाला रहा।
स्वयं श्री अखिल जी ने आपको अतीत के महान किरदारों की झलक बताया। चूँकि 'स्वामी विवेकानंद' स्वयं में इतना विशाल विषय है कि बरसों-बरस भी उनकी व्याख्या करने में कम पड़ जाएँ। किन्तु आपने इतने कम समय में अत्यंत ही सारगर्भित रूप से जो प्रस्तुत किया है वह निश्चित ही प्रसंशनीय है। मेरा विश्वास है आपके इस उद्बोधन के पश्चात हम सभी में उस आत्मसम्मान और आत्मगौरव की भावना और अधिक प्रबल होगी जिसका जिक्र आप कर रहे हैं। इस ओजस्वीपूर्ण उद्बोधन के लिए मेरी ओर से सहृदयतापूर्वक धन्यवाद...
साथ ही मैं धन्यवाद ज्ञापित करता हूँ समस्त संस्कृति आई.ए.एस. परिवार का, विशेष रूप से आदरणीय अखिल मूर्ति सर का (मैं उनका छात्र भी रह चुका हूँ), कि जिनके सार्थक प्रयासों से ही इस प्रकार के कार्य सम्पन्न हो पाते हैं।
विशेष आभार के पात्र हैं संस्कृति संस्थान के तकनीकी समूह (टेक्निकल टीम) के सभी सदस्य, जिनके माध्यम से यह विषय हम सभी के घरों तक यूट्यूब पर ऑनलाइन भी प्राप्त हो सका। अन्यथा यह विषय कक्षा-कक्ष में उपस्थित 250-300 अभ्यर्थियों में ही सीमित रह जाता। मेरी ओर से सभी का साधुवाद...
निखिल भैया,
उम्मीद है आगे भी आपके द्वारा इस प्रकार के विषय रखे जाते रहेंगे।
इन्हीं शुभेच्छाओं के साथ...
साभार
भवदीय
अजय
अद्भुत संदेश। सादर नमन। हर हर महादेव।
🙏🏼😊🌸
बहुत सुंदर😊
😊 🙏
वन्दे मातरम्!
जय विवेकानन्द!
Vande Matram ji 😊 🙏
बहुत बहुत धन्यवाद भैया❤
🕉😊🙏🏼
शिव भावे जीव सेवा..... You explained wonderfully bhaiya
Dhanyawad ji 😊 🙏
जय विवेकानंद
Jai Swami Vivekananda
बहुत सुंदर भैय्या जी 🙏💐
😊 🙏
स्वामी विवेकानन्द जी की प्रशंसा में जो कहा जाए वो कम ही है।
सिस्टर क्रिस्टीन ने उन्हें साक्षात ईश्वर बताया है, गुडविन ने लिखा था कि स्वामी जी के साथ मुझे ऐसा महसूस होता था कि मैं सदैव ईशा मसीह के साथ हूं।
एक मुस्लिम स्कॉलर ने उनसे कहा कि स्वामीजी यदि भविष्य आपको ईश्वर का अवतार कहेगा तो उनमें मैं सर्वप्रथम रहूंगा।🎉
😊 🙏