ये मूव्ही मुझे अचानक से मिल गयी थी... पहले लगा होगी कोई... जब थोडी देखी तो इंटरेस्टिंग लगी... पुरी देखी तो शॉक लगा... सदमा सा... इतनी लाजवाब फिल्म निक्की क्या बताऊ yrrr.. विश्वास ही नहीं हो रहा उस जमाने me ऐसे गजब के कंटेंट पे
All awards of this universe are just penuts to honour that movie. I spoiled 40 years of my life but today after watching this movie I think if any one who were gentle human being died without watching this movie truely spoiled their lives. Its my humble request every one should watch this movie and do reccomend to their relatives, beloved and fast friends.
इस फिल्म को देखकर मैं अचंभित और निशब्द हो गया आखिरी सीन अंतरात्मा को हिला दिया धन्यवाद कवि जी और धन्यवाद प्रकाश झा जी इस तरह की फिल्म बनाकर लालची लोगों की आंखें खोल देना वाला दृश्य था
हृदय को आघात देने वाली मूवी, मां बाप की ममता, विवशता , लालच, गहने पाकर भी उसे इस्तेमाल ना कर पाना, बहु को बेटी की भांति करुणामय प्यार... जो लोग इसे लालच बोलते हैं और माता पिता को मूवी में कोसते हैं उनको मैं कहना चाहता हूं की ये लालच अपने बेटे को शहर से छुड़ा लाने की विवशता से पैदा हुआ और एक बार गलत आया धन बुद्धि को विनाश की ओर ले गया.. सीधी से कहानी बहुत कुछ कह गई और मन में गरीबी और परिस्थिति की विवशता छोड़ गई.. मन ये सोच कर कई दिनों तक दुखी रहेगा भगवान किसी को ऐसा दुःख ना दें
I saw this movie way back on DD. One of the most brilliant and under rated movies in Hindi. Must watch, even in the 21st century. The ending is brilliant.
कहानी तो वाकई में आत्मा को झकझोर कर देने वाली है इतने भोले भाले सीधे सादे लोगों को समय की परिस्थिति ने किस तरह बना दिया था और उनके कुकर्मों की सज़ा भी बहुत भयानक मिली है 😢😢😢
फिल्म में एक गहरा संदेश के अलावा पुराने राजस्थान के मार्मिक एवं अविस्मरणीय संस्मरण को ताजा करके पुराने राजस्थान के दृश्य को याद दिला दिया truly I am crying for those days 😢 समय कितना जल्दी बीत जाता है यार
अद्भुत, अविस्मरणीय. कहानी, पात्र, घटनाएँ, परिस्थितियां, अभिनय सब कुछ स्वाभाविक लगता है. लगता नहीं फिल्म देख रहे हैं. लगता है सब हमारे सामने घट रहा है और हम भी घटनाओं में शामिल हैं.
Meri childhood main Delhi Hui movie hain Tab mije movie ka Nam bi nahi pata thaa...maine UA-cam par sarch kiya Rajasthani old cult movie aur mije movie mil gayi..class movie...thanks UA-cam..
I was in class 3 when this was aired on Doordarshan. I was terrified by this movie. The last scene gave me nightmares for weeks and months. I couldn't erase the blood scene from my mind. Everytime Ganesh kumhar came with bloodied axe, I sat stunned.
Meaning of karma. really amazing movie watched without skip. Im from tamilnadu nowadays no good films produced like this...sirf nangay natchney waley ganey galiyaan karodo rupye karcha karkey bi faidha nahi aajkay filmo may.old is gold.
Within first @ 20 min of watching ; the only thought coming to the mind :- what great direction; what a captivating story ; what lovely portraying of characters by all the artists...what a masterpiece. Just Great.Only what is missing is occasional rajasthani language & pure prononunciations of words is odd.
I remember watching this movie the day mom dad brought their first tv may be in mid 80s I never knew the name of this movie but remembered the scenes vaguely. Saw a clip on Facebook and instantly recalled it. Thanks to the comments i got to know the name of the movie
यह फिल्म विजयदान देथा की लघुकथा "नया जन्म" पर आधारित है है जो उनकी पुस्तक "बाता री फुलवाड़ी-भाग- 4" में है। इस कहानी को कुछ रोज पहले ही पढ़ा है। लेखक को यह कहानी उसी प्याऊ और धर्मशाला में एक बाबा ने कही थी। जब लेखक तेज बारिश में उधर से गुजरते हुए वहां ठहरते है। बाबा लेखक के चेहरे की ओर देखते हुए पूछा-भैया, तुम खाना तो खाकर आए हो ना? हम सभी तो खाना खाकर बैठे ही है। लेखक ने हैरानी से इसका कारण पूछा। बाबा ने दाढ़ी को खुजलाते हुए जवाब दिया-"यह बात ही ऐसी है। सुनते के बाद रोटी खाने का मन ही नहीं होता।" सोचा नही था कि इस अत्यंत दर्दनाक कहानी पर फिल्म बन सकती है! मूल कहानी में कुम्हार सबसे पहले अपनी बहू, फिर पत्नी को मारकर खुद को मारता है। कुल्हाड़ी की जगह उसके पास तलवार होती है। कहानी को पढ़ने के बाद गहरी खामोशी से एक आह! निकलती है। आज ढूंढा कि विजयदान देथा की किसी कहानी पर परिणति (1989) फिल्म बनी हुई है तो इसको देखते ही मालूम चल गया कि ये तो वही कहानी (नया जन्म) है। विजयदान देथा ने राजस्थानी लोककथाओं को अपने जादुई अंदाज से लिखा है जो पाठकों पर पर सचमुच में जादू का सा असर करती है। "बाता री फुलवाड़ी" के कुल 14 भाग है। सभी पुस्तके कमाल की है। उनकी एक और लघुकथा "दुविधा" (भाग-10) पर आधारित मणि कौल ने दुविधा (1973) और अमोल पालेकर ने पहेली (2005) फिल्म बनाई थी। धन्य है विजयदान देथा और उनकी जादुई लेखनी। ♥️♥️
Had seen the movie when it was released, the story haunted me for decades but couldn't remember its name, then today read a story by R. Tagore which again reminded me of this movie. Relentlessly searched Google today and found it!
ऊपर वाले की लाठी में आवाज़ नहीं होती हैं ,खामखा बेटे को खो दिया , क्या मिला दोहरी सजा मिली, किसी को मार कर कमाया गया धन किस काम का , फिर भी ईश्वर ने मां को संकेत दिया था की मत मारना तेरा ही बेटा हैं
I saw this movie on DD when I was kid liked it so much then, couldn’t forget it till now. Didn’t remembered name but somehow searched it. Real nice 🎥 movie
I saw this movie in 1980's on doordarshan and have been searching for almost 2 years as I did not remember the cast of the movie. Thanks to Shemaroo for uploading this classic. Today's Instagram and so called Bollywood superstars can take lessons from late Surekha Sukri ji( Om Shanti) and the male lead Late Vasant Josalkarji(Om Shanti). The son is played by Anang Desai who now plays Babuji in the famous serial Khichdi The sequence from 1:54:00 onwards is the highlight of this movie and the background music is haunting.
कितनी सुंदर है ये film , क्या कुछ नही सिखाती समय का खेल है सब ... जीस औरत ने उसके 50 - 60 वर्ष के जीवन मे कभी अमूल्य गहने नही देखे, पुरा जीवन बस adjustment , sacrifice मे बित गया क्या उसकी बुद्धी गहरा लालच और वास्तविक धर्म नीती मे भेद कर सतकी है. जो समाज से दूर कही बिहड मे सालो से जिंदगी बसर कर रहे हो क्या उन्हे सामाजिक नीती मुल्यो की पहचान होगी... उस औरत के लिये लालच मे आकर , किसी के मजबुरी का फायदा उठाकर किसी को मार कर उसे ठागने की सोचना कुछ हद तक लंबे समय के दौर का परिणाम केहना सही होगा और वह बात कितनी सादगीसे इस movie मे दिखाई है... दुसरी और उकसा पती जिसे थोडी कुछ सही गलत की समज थी वह भी सही गलत जानकर भी अतिथिओ के साथ न्याय नहि कर पाया , गलत काम करते वक्त भी उसके मन की विवशता , विचलता को जीस प्रकारसे दिखाया गया है वह काबिले तारीफ है... यही तो जीवन है , यही तो वक्त की मार है ज्ञान भी कुछ काम का नही अगर वो लंबे समय तक अछूता और निरुपयोगी रहा हो ... ऐसें ज्ञान को मन की लालसा समय के मार मे ढक देती है बहोत कुछ सिखाती है ये movie , क्या आप भी मुझे बता सकते हो , आपने अलग क्या समझा इस movie से ? अलग क्या सिखा ?
@@माधुसिहभाटी-र8छ Master Piece Movie है ये और वास्तविकता से भरी ... बस आज कल यह ठगी का काम नेता लोग और सरकारी नौकर सबसे ज्यादा करते है ... लगता है आप इस movie की कथा और किरदारो से निजीतौर पे प्रभावित हुये है ... लेकींन सही मे ये हमे अलग स्थरपर विचार करणे के लिये प्रेरित करती है
@@माधुसिहभाटी-र8छ अपने आप को मार रहा मानव अपनी जन्मस्थली से दूर अपनो से दूर अपनी बोली भाषा खानपान से दूर नगरों महानगरों विदेशो में तिल तिल मरता रहता है।
बहुत ही हिरदयविदारक कहानी और अभिनय झकझोर कर तक दिया इसको देखकर लगता है की गलत तरह से कमाए धन का नतीजा एक दिन गलत ही होता है हमारे कर्म एक दिन हमारे आगे आ ही जाते हैं इसीलिए अच्छे कर्म करने चाहिए चाहे दुख आए या सुख
Life is like a book. Some chapters are sad, some happy, and some exciting. But if you never turn the page, you will never know what the next chapter holds.
😭😭😭😭 lobh kabhi nahi karni chahiye ..bhagwan ne jitna diya hai utne me hi Santosh karna chahiye..dusro ki dhan sampati per kabhi burinazar se nahi dekhna chahiye 😭😭
Very touching/Sad/Shocking movie. @1:45:50, the Son is unable to resist seeing his mother but the Mother thinks that a stranger is staring at her.. Very sad.. Great direction from Prakash Jha.
Kaun kaun Facebook se dekh ke aaya hai 👍👍
me
Me
Mai Nepal 🇳🇵 se bhai
Kya baat h 😂
Me too
What a acting by Surekha sikri ji.😢 Tribute to her. India is blessed with such artists.❤
आज ही यह मूवी देखी, दिल को छू लिया.. पता नहीं आजकल बॉलीवुड वाले ना ऐसी स्टोरी ला पाते हैं और ना ऐसा फिल्मांकन कर पाते हैं,
ये मूव्ही मुझे अचानक से मिल गयी थी... पहले लगा होगी कोई... जब थोडी देखी तो इंटरेस्टिंग लगी... पुरी देखी तो शॉक लगा... सदमा सा... इतनी लाजवाब फिल्म निक्की क्या बताऊ yrrr.. विश्वास ही नहीं हो रहा उस जमाने me ऐसे गजब के कंटेंट पे
All awards of this universe are just penuts to honour that movie. I spoiled 40 years of my life but today after watching this movie I think if any one who were gentle human being died without watching this movie truely spoiled their lives. Its my humble request every one should watch this movie and do reccomend to their relatives, beloved and fast friends.
इस फिल्म के आखिरी दृश्य को देखकर हृदय विचलित हो उठा । नमन है ऐसे कवि विजयदान देथा जी को।
❤😅
Goosebumps loaded when his son returned... extremely shaken by this movie
मां की आवाज़ और चेहरे के भाव से अभिनय अविस्मरणीय है 😔
इस फिल्म को देखकर मैं अचंभित और निशब्द हो गया आखिरी सीन अंतरात्मा को हिला दिया धन्यवाद कवि जी और धन्यवाद प्रकाश झा जी इस तरह की फिल्म बनाकर लालची लोगों की आंखें खोल देना वाला दृश्य था
हमारा एक कदम हमें किस दिशा में ले जा सकता है, यही उद्देश्य है इस फिल्म का ❤❤❤ दिल को छू गयी है ये मूवी
हृदय को आघात देने वाली मूवी, मां बाप की ममता, विवशता , लालच, गहने पाकर भी उसे इस्तेमाल ना कर पाना, बहु को बेटी की भांति करुणामय प्यार...
जो लोग इसे लालच बोलते हैं और माता पिता को मूवी में कोसते हैं उनको मैं कहना चाहता हूं की ये लालच अपने बेटे को शहर से छुड़ा लाने की विवशता से पैदा हुआ और एक बार गलत आया धन बुद्धि को विनाश की ओर ले गया.. सीधी से कहानी बहुत कुछ कह गई और मन में गरीबी और परिस्थिति की विवशता छोड़ गई.. मन ये सोच कर कई दिनों तक दुखी रहेगा
भगवान किसी को ऐसा दुःख ना दें
Me bhi videsh me rahta hu,aapki baat 100%sachchi he.😥
but ladke ki maa ko gahna dekhkar laalach paida hua...aur jab pata h beta paise lekar aayega to kya logo ko maarna
kitni bhi buri paristhiti aaye par paap aur lalach ko muh na lagana hi moral of the story hai, majburi bolkar paap ko gale nahi lagana chahie.
Very true
@@ugra_kshatriya absolutely agree with you 👍
I saw this movie way back on DD. One of the most brilliant and under rated movies in Hindi. Must watch, even in the 21st century. The ending is brilliant.
Myself too watched it in DD, when I was either in class 10 or 11
कहानी तो वाकई में आत्मा को झकझोर कर देने वाली है इतने भोले भाले सीधे सादे लोगों को समय की परिस्थिति ने किस तरह बना दिया था और उनके कुकर्मों की सज़ा भी बहुत भयानक मिली है 😢😢😢
Great movie with a very strong message " As you will sow so shall you reap"
फिल्म में एक गहरा संदेश के अलावा पुराने राजस्थान के मार्मिक एवं अविस्मरणीय संस्मरण को ताजा करके पुराने राजस्थान के दृश्य को याद दिला दिया truly I am crying for those days 😢 समय कितना जल्दी बीत जाता है यार
I love rajsthan but i am bihari
अद्भुत, अविस्मरणीय. कहानी, पात्र, घटनाएँ, परिस्थितियां, अभिनय सब कुछ स्वाभाविक लगता है. लगता नहीं फिल्म देख रहे हैं. लगता है सब हमारे सामने घट रहा है और हम भी घटनाओं में शामिल हैं.
Naam bhul gaya tha lekin kahani yaad hai ! Lalach hume unchai se girane mein koi kasr chhodta nahi !
Thanks a lot Prakash Jha ji !🙏
प्रकाश झा की हर फिल्म मार्मिक,सामाजिक और जमीनी स्तर तथा वास्तविक पहलुओं से जुड़ी हुई होती है, दामूल भी इनकी अच्छी फिल्म है
Meri childhood main Delhi Hui movie hain
Tab mije movie ka Nam bi nahi pata thaa...maine UA-cam par sarch kiya Rajasthani old cult movie aur mije movie mil gayi..class movie...thanks UA-cam..
I was in class 3 when this was aired on Doordarshan. I was terrified by this movie. The last scene gave me nightmares for weeks and months. I couldn't erase the blood scene from my mind. Everytime Ganesh kumhar came with bloodied axe, I sat stunned.
I saw this movie on UA-cam for the first time today, it's a wonderful story .
Excellent movie. Kudos to the writer, director, actors, and everyone involved.
फिल्म में दिखाया गया है कि कर्म का फल अवश्य ही भोगना पड़ता है। इस लिए अच्छे कर्म करें।
परिस्थितियां इंसान से कुछ भी करवा सकती है
लालच बुरी बला है ।
Right
@@priyankawazir no tum galat ho paristhiti nhi lalach
Meaning of karma. really amazing movie watched without skip. Im from tamilnadu nowadays no good films produced like this...sirf nangay natchney waley ganey galiyaan karodo rupye karcha karkey bi faidha nahi aajkay filmo may.old is gold.
Mane bahut try Kiya par iska nam yad nahi aaraha thaa Aaj dil khush ho gaya iska seen fb pe dekha k
Parnita
मैंने भी देखा है
Maine to balika vadhu ki dadi saa se ye movie dhundi main v naam bhul gyi thi is movie ka
परिणीति
Heart touching movie
Within first @ 20 min of watching ; the only thought coming to the mind :- what great direction; what a captivating story ; what lovely portraying of characters by all the artists...what a masterpiece. Just Great.Only what is missing is occasional rajasthani language & pure prononunciations of words is odd.
Prakash jha never disappointed.
Chal na chutiye pronunciations
It's a masterpiece movie....I watched this movie during my childhood.... outstanding performances,story,direction 👏👏👏🏆🏆
I remember watching this movie the day mom dad brought their first tv may be in mid 80s I never knew the name of this movie but remembered the scenes vaguely. Saw a clip on Facebook and instantly recalled it. Thanks to the comments i got to know the name of the movie
यह फिल्म विजयदान देथा की लघुकथा "नया जन्म" पर आधारित है है जो उनकी पुस्तक "बाता री फुलवाड़ी-भाग- 4" में है। इस कहानी को कुछ रोज पहले ही पढ़ा है।
लेखक को यह कहानी उसी प्याऊ और धर्मशाला में एक बाबा ने कही थी। जब लेखक तेज बारिश में उधर से गुजरते हुए वहां ठहरते है। बाबा लेखक के चेहरे की ओर देखते हुए पूछा-भैया, तुम खाना तो खाकर आए हो ना? हम सभी तो खाना खाकर बैठे ही है।
लेखक ने हैरानी से इसका कारण पूछा।
बाबा ने दाढ़ी को खुजलाते हुए जवाब दिया-"यह बात ही ऐसी है। सुनते के बाद रोटी खाने का मन ही नहीं होता।"
सोचा नही था कि इस अत्यंत दर्दनाक कहानी पर फिल्म बन सकती है! मूल कहानी में कुम्हार सबसे पहले अपनी बहू, फिर पत्नी को मारकर खुद को मारता है। कुल्हाड़ी की जगह उसके पास तलवार होती है।
कहानी को पढ़ने के बाद गहरी खामोशी से एक आह! निकलती है।
आज ढूंढा कि विजयदान देथा की किसी कहानी पर परिणति (1989) फिल्म बनी हुई है तो इसको देखते ही मालूम चल गया कि ये तो वही कहानी (नया जन्म) है।
विजयदान देथा ने राजस्थानी लोककथाओं को अपने जादुई अंदाज से लिखा है जो पाठकों पर पर सचमुच में जादू का सा असर करती है। "बाता री फुलवाड़ी" के कुल 14 भाग है। सभी पुस्तके कमाल की है। उनकी एक और लघुकथा "दुविधा" (भाग-10) पर आधारित मणि कौल ने दुविधा (1973) और अमोल पालेकर ने पहेली (2005) फिल्म बनाई थी।
धन्य है विजयदान देथा और उनकी जादुई लेखनी। ♥️♥️
Heartbreaking dialogues. I want to cry for a long time now!
Such a very emotional story for greedy.. ❤
Watching it on 15th Sep 2023..awesome acting❤ ❤ The facial expressions and acting by Surekha Sikri is so mesmerizing ❤❤
Mai bhi aj hi aya hu
Had seen the movie when it was released, the story haunted me for decades but couldn't remember its name, then today read a story by R. Tagore which again reminded me of this movie. Relentlessly searched Google today and found it!
That makes two of us. Searched it everywhere. Carved in my memory for decades. Such Content oriented movies.
तर्पण फिल्म देखिए।
@@J.VIJAYANT will do
When I'm child then I see this movie in doordarshan.again I try to see but can not find now I search this ,thanks to this channel
This story is written by Vijaydan Detha and unnecessarily here also dragged to Tagore.. We should give credit to real person in particular context...
ऊपर वाले की लाठी में आवाज़ नहीं होती हैं ,खामखा बेटे को खो दिया , क्या मिला दोहरी सजा मिली, किसी को मार कर कमाया गया धन किस काम का , फिर भी ईश्वर ने मां को संकेत दिया था की मत मारना तेरा ही बेटा हैं
I saw this movie on DD when I was kid liked it so much then, couldn’t forget it till now. Didn’t remembered name but somehow searched it. Real nice 🎥 movie
Same here
Same here. A blured memory of this movie as a kid. I was searching this movie. Without knowing the name. And now i found it automatically.
DD par dekhi thi jab main 6th standard main tha. Bahut acchi lagi thi aaj tak kahin yaadon main thi aaj aise hi try kiya search karne ki aur mil gayi.
Sm here sir
@@anu66742 nice to know that 👍👍
@@anu66742 good
Maine bhe dd pr deke te aj mil gye bhut dhund raga ta
DD ko phirse strong krne hoga quon ki Web series aur dusra private channels ne achhi movies nahi dekhata !
I saw this movie in 1980's on doordarshan and have been searching for almost 2 years as I did not remember the cast of the movie. Thanks to Shemaroo for uploading this classic. Today's Instagram and so called Bollywood superstars can take lessons from late Surekha Sukri ji( Om Shanti) and the male lead Late Vasant Josalkarji(Om Shanti). The son is played by Anang Desai who now plays Babuji in the famous serial Khichdi The sequence from 1:54:00 onwards is the highlight of this movie and the background music is haunting.
same here bro, I was searching last 6 months
ये मुवी मे बहुत बरसों से ढूंढ रही थी... पर नाम याद नहीं था... तब केवल दुर दर्शन ही हुआ करता था .... थेकस अप लोड करने के लिए
Kasi lagi aapko movie
@@Sandygour bahut badiya
@@meenajethwa6367 suno tumbaad movie dekhna aap es tarh ki h vo bhi
एक फ़िल्म तभी हिट होती है जब उसके कलाकार, उसके निर्देशक, उसका कैमरामैन उसका प्रोड्यूसर उसके वितरक उसका सपुर्ण यूनिट एक लाइन में सोचते और काम करते हो
कितनी सुंदर है ये film , क्या कुछ नही सिखाती
समय का खेल है सब ... जीस औरत ने उसके 50 - 60 वर्ष के जीवन मे कभी अमूल्य गहने नही देखे, पुरा जीवन बस adjustment , sacrifice मे बित गया क्या उसकी बुद्धी गहरा लालच और वास्तविक धर्म नीती मे भेद कर सतकी है. जो समाज से दूर कही बिहड मे सालो से जिंदगी बसर कर रहे हो क्या उन्हे सामाजिक नीती मुल्यो की पहचान होगी... उस औरत के लिये लालच मे आकर , किसी के मजबुरी का फायदा उठाकर किसी को मार कर उसे ठागने की सोचना कुछ हद तक लंबे समय के दौर का परिणाम केहना सही होगा और वह बात कितनी सादगीसे इस movie मे दिखाई है... दुसरी और उकसा पती जिसे थोडी कुछ सही गलत की समज थी वह भी सही गलत जानकर भी अतिथिओ के साथ न्याय नहि कर पाया , गलत काम करते वक्त भी उसके मन की विवशता , विचलता को जीस प्रकारसे दिखाया गया है वह काबिले तारीफ है... यही तो जीवन है , यही तो वक्त की मार है
ज्ञान भी कुछ काम का नही अगर वो लंबे समय तक अछूता और निरुपयोगी रहा हो ... ऐसें ज्ञान को मन की लालसा समय के मार मे ढक देती है
बहोत कुछ सिखाती है ये movie , क्या आप भी मुझे बता सकते हो , आपने अलग क्या समझा इस movie से ? अलग क्या सिखा ?
मेने ये मुवी आज देखी ह सच मे गहरे सदमे मे चला गया देख कर
@@माधुसिहभाटी-र8छ Master Piece Movie है ये और वास्तविकता से भरी ... बस आज कल यह ठगी का काम नेता लोग और सरकारी नौकर सबसे ज्यादा करते है ... लगता है आप इस movie की कथा और किरदारो से निजीतौर पे प्रभावित हुये है ... लेकींन सही मे ये हमे अलग स्थरपर विचार करणे के लिये प्रेरित करती है
@@prasannamindhe637 🙏🏻
@@माधुसिहभाटी-र8छ अपने आप को मार रहा मानव अपनी जन्मस्थली से दूर अपनो से दूर अपनी बोली भाषा खानपान से दूर नगरों महानगरों विदेशो में तिल तिल मरता रहता है।
जादा लालच बुरी ब्ला है
मैने अपने जीवन में दो बेहतरीन फिल्में देखी है।
गोधूली और परिणिति। सुपर।
Send link of godhuli
Tumbhaad और देखना कभी
बहुत ही हिरदयविदारक कहानी और अभिनय झकझोर कर तक दिया
इसको देखकर लगता है की गलत तरह से कमाए धन का नतीजा एक दिन गलत ही होता है हमारे कर्म एक दिन हमारे आगे आ ही जाते हैं
इसीलिए अच्छे कर्म करने चाहिए
चाहे दुख आए या सुख
जो लोग चाहते है इस मुवी का पाटॅ टु बने लाईक किजिए हम पुरी कोशिश करगे आपके मनोरंजन का
I saw this movie on TV years ago and never forgot about it…
Me too.. many years ago
Watched this movie when I was child. After years I found this. What a masterpiece.
मैंने भी...
Dil chhu liya movie ne ❤❤❤❤❤
Surekha Sikri’s acting is of another level
मन और लालच का बहुत गहरा संबंध है।😭 हे राम, रक्षा करें। मालिक ❤️🙏
"पैसा कमाते हुए कहीं उनको मत भूल जाना,
जिन्होंने अपना खून-पसीना एक करके आपको पाला है !!"💞💕💕
सही कहा आप ने पैसा के चक्कर में माँ बाप को बुल मत जाना
पालने वाले खून पसीना वसूली हो गए है आजकल।
विजयदान देथा की अविस्मरणीय कहानी पर बनी एक मार्मिक फिल्म जो झकझोर कर रख देती है।
Yess
G ha bhai
इस मौवी से यही शिक्षा मिलती है कभी किसी का बुरा नहीं करना चाहिए 🙏
32:41-33.01 minutes.... my favorite moments... in this movie... ye seen mere vanja ke yaad dila deta hai❤😢....
Life is like a book.
Some chapters are sad, some happy, and some exciting. But if you never turn the page, you will never know what the next chapter holds.
ua-cam.com/video/u2y3CipCJN0/v-deo.html
2
Watching this lovely movie on 29th September 2023. Let’s see who all will be watching this masterpiece in coming days
Yesterday I saw south remake of this film..and today original..ending was so shivering.
Andheri kahufanak raat..south
Name of that south remake movie name ?
A@@rajeshkumarsahu2834 a kaal ratri
@@rajeshkumarsahu2834ghatak raat
😭😭😭😭 lobh kabhi nahi karni chahiye ..bhagwan ne jitna diya hai utne me hi Santosh karna chahiye..dusro ki dhan sampati per kabhi burinazar se nahi dekhna chahiye 😭😭
Good story giving moral message but difficult to believe that greed can change basic built up value in a person.
अद्भुत अद्वितीय फिल्म....❤
Very touching/Sad/Shocking movie. @1:45:50, the Son is unable to resist seeing his mother but the Mother thinks that a stranger is staring at her.. Very sad.. Great direction from Prakash Jha.
Greed kills every thing you have 😢
Very nice movie, Rajasthan ki pure jhalak.
बहत अच्छी फिल्म ..प्रशंसनीय काबिले -तारीफ़.।धन्यवाद ।
🙏 Excellence Beyond imagination 🙏
Entire Cast Actor's & Back end crew technicians 👍 gr8.
कर्म का सिद्धांतः जो दूसरों को दोगे घूम फिर कर उसी का दोगुना तुम्हें मिलेगा
what an amazing movie. Speachless.
ये मूवी को देखकर आज मुझे ऊस पुराणे जमाने मे हू ऐसा लग रहा था. लेकिन मुवि बोहत अछी और सिखने जेसा भी बोहत हे
Prakash Jha is a masterful director/wonderful storyteller and actors such as Surekha, Nandita, Anang, Bharat. etc. are brilliant in their portrayals.
Facebook per dekhne ke baad yt per dekhne Wale like kro ❤❤❤❤
Watching first time in October 2022 from Pakistan 😍
Watching time 10 December 2022
I'm proud of me I'm Indian ❤️
Kon kon fb se dekh ke aya dekhny
कभी-कभी जिंदगी का जरूरत लालच में बदल जाता है और वह लालच पाप में बदल जाता और पाप जब बढ़ जाता है तब मत तय है 😢😢😢
Suggested in fb group and watching now first time.
Yaade bachpan ki se aaye kya me bhi vahi se aai
@@bachelors2u Random Scrolling kr rha tha to dekha tha.
इसे कहते हैं जैसी करनी वैसी भरनी.
दिल छु लेने वाली महान फिल्म ।
Ye hoti thi original acting aaj kal k actor toh pta nahi acting k naam per kya kya hag dete hai…
💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️🙏 बहुत ही शानदार फिल्म
What a tragical Movie. A masterpiece.
nandita ka thoda sahi but real acting purab ki beauti queen nose kitni sunder thi nandita ki.last ma ma ro pade 😢❤
ए फिल्म मैने भी बारबार देखा है। बहुत अच्छी है।
may shayad.. 2..3 class may tha jub..... jub dekhi thi.... thora thora yaad arahaa ab
षेमरू फेसबुक पेज मे देखके कौन लैन आय है ।। हाजिर करो 🖐️
मां का हिर्दिया तो उसी टाइम अपने बचे को पहचान जाता है पर जो इन्हो ने पाप किए थे वो तो आगे आने ही थे
Yaar ye background me jo bhi explain kar raha hai uski awaj bahut soulful hai
Old is Gold true amazing movie and message
Speechless ....!
कितने भी दयालू इन्सान हो एक बार अगर उसे धन का लालच हो जाए तो उसे मालुम ही नहीं पड़ता है कि अपना कौन और पराया कौन
Mera lyf ka pahla movie..,bina skip kiye dekha
Fb par video dekhne k baad yaha par gull movie dekhne aayi hu😅
Same
M bhi
Hi
How are you
Ye gull kya hai voh to full hota hai 😂😂
How many of you here from tiktok clips
Rural Magazine elements par Excellencb by Best Director Mr.Prakash Zaa Directorial Adventuraa!
त्रासद, संवेदनाओं से भरी हुई, बहुत सुंदर फिल्म।
औरत के बिना घर नही परिवार के बिना खुशी नही मर्द चाहे कितना शिक्षित हो
My god.. really a masterpiece
कितना meaningful movie है आज कल के गालीबाज निर्माता निर्देशक लोग को सीखना चाहिए
Bahut achi movie hai mere bachpan ke yaad taaza hogaye
Speechless movie🎥
amazing Story and acting. A piece of Art
Saw searching for this movie , forgot the title.
First saw it on DD during 80s
वो भी क्या दिन थे❣️
Love and respect from Kabul Afghanistan 😢