श्री स्वामी परमहंस आश्रम ।। अड़गड़ानंद महाराज आश्रम ।। शक्तेशगढ़ आश्रम चुनार मिर्जापुर ।।

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  • Опубліковано 26 сер 2024
  • श्री स्वामी परमहंस आश्रम ।। अड़गड़ानंद महाराज आश्रम ।। शक्तेशगढ़ आश्रम चुनार मिर्जापुर ।।
    स्वामी श्री अड़गड़ानंद जी महाराज 23 वर्ष की आयु में सत्य की खोज में वैरागी संत परमहंस जी के पास आए। परमानंद जी का आश्रम चित्रकूट में अनुसुइया, सतना, मध्य प्रदेश (India) में जंगली जानवरों से भरे घने जंगलों के बीच था। सुविधा के अभाव में ऐसे निर्जन वन में रहना ठीक ही दर्शाता है कि वह एक सिद्ध ऋषि थे।
    आदरणीय परमहंस जी को स्वामी अड़गड़ानंद जी महाराज के आगमन की पूर्व सूचना कई वर्ष पूर्व प्राप्त हुई थी। जिस दिन वे आश्रम पहुंचे, परमहंस जी को दिव्य मार्गदर्शन प्राप्त हुआ। उन्होंने अपने शिष्यों से कहा, "एक युवक जो जीवन की नश्वरता से परे जाने की तीव्र इच्छा रखता है, वह अब किसी भी क्षण आ रहा होगा।" जिस क्षण उन्होंने उस पर अपनी नज़र डाली, परमहंस जी ने घोषणा की, " ये वही है!"
    स्वामी अड़गड़ानंद जी महाराज का लेखन की ओर बहुत अधिक ध्यान नहीं था। धार्मिक दिशाओं के माध्यम से धर्म के भाषणों में इनकी अधिक रुचि थी। इन्होंने धार्मिक भाषणों और उपदेशों के माध्यम से सामाजिक भलाई के कार्यों में योगदान देना शुरु किया। इनके गुरु की प्रसिद्ध किताब “जीवनदर्श और आत्मानुभूति” इनके गुरु के धार्मिक जीवन और विचारों पर आधारित है। इस तरह के संग्रह इनके जीवन की रुपरेखा के संकेतक है, जिसमें बहुत सी आश्चर्यजनक घटनाएं भी शामिल है।
    यथार्थ गीता क्या है
    गीता का सबसे पहला व्याख्यान भगवान श्री कृष्ण के द्वारा अर्जुन को महाभारत के युद्ध (कौरवों और पांडवों के बीच युद्ध) के दौरान दिया गया था, जिसे धार्मिक मंत्रों का आध्यात्मिक ग्रंथ के रुप में वर्णित किया जा सकता है। यह एक दिव्य शिक्षक और उसके शिष्य के बीच तालबद्ध बातचीत है। गीता का व्याख्यान युद्ध के दौरान सबसे पहले भगवान श्री कृष्ण के द्वारा अर्जुन को प्रदान किया गया था। लेकिन इसे बहुत दूरी पर स्थित संजय के द्वारा भी सुना गया था। संजय को यह दिव्य दृष्टि ऋषि वेद व्यास जी के द्वारा प्रदान की गई थी।
    गीता वह सब कुछ है, जिसे याद नहीं किया जा सकता है; जिसे केवल महसूस किया जा सकता है और भक्ति के माध्यम से अनुभव किया जा सकता है। यह जीवन का सही रास्ता हमें दिखाती है, जो हमें ज्ञान के प्रकाश की ओर ले जाती है।
    परमहंस आश्रम तक कैसे पहुँचा जाए
    स्वामी अड़गड़ानंद जी महाराज का आश्रम मिर्जापुर जिले (वाराणसी के पास), उत्तर प्रदेश राज्य, भारत में स्थित है।
    आश्रम का पता:
    श्री परमहंस आश्रम
    शक्तिषगढ, चुनार-राजघाट रोड,
    जिला मिर्जापुर (यूपी), भारत

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