Розмір відео: 1280 X 720853 X 480640 X 360
Показувати елементи керування програвачем
Автоматичне відтворення
Автоповтор
ओम नमस्ते आचार्य जी
प्रत्यभिज्ञा वाला बिंदु सर्वाधिक सुखदायी है 🙏🙏
गुरु देव आप ही ओम। आप को शत शंग सुन रहे हैं नेपाल से।
excellent explanation of shanikvaad khandan acharya ji
ओम सादर नमस्ते पूज्य आचार्य जी 🙏🙏🙏
Om
🙏ओ३म्
Very good gurudev
🙏
नमस्ते जी
बहुत बढिया स्वामी जी। दंडवत प्रणाम करता हुं ।।
Thanks Sir for this deep analysis.
चिदावसानो भोग 4:31
विषय और आत्मा का सन्नीकर्ष ही बंधन का कारण है तो परमात्मा ही सब si ज्यादा बंधन में आना पड़ता है। वह तो नहीं हो रहा है । 10:46
प्रारब्ध के कारण बंधन, और उसी के कारण मुक्ति बोले तो,,? कर्म बंधन का कारण नहीं है। ज्ञानानमुक्ति । 23:09
आचार्य जी नमस्कार। आप जी प्रारब्ध कर्म के बारे में ठीक से समझाइए। प्रारब्ध आखिर है क्या। उसका भोग कब और कैसे होता है। क्योंकि संचीत कर्म ओर प्रारब्ध दोनों ही कर्म अलग हैं
ओम नमस्ते आचार्य जी
प्रत्यभिज्ञा वाला बिंदु सर्वाधिक सुखदायी है 🙏🙏
गुरु देव आप ही ओम। आप को शत शंग सुन रहे हैं नेपाल से।
excellent explanation of shanikvaad khandan acharya ji
ओम सादर नमस्ते पूज्य आचार्य जी 🙏🙏🙏
Om
🙏ओ३म्
Very good gurudev
🙏
नमस्ते जी
बहुत बढिया स्वामी जी। दंडवत प्रणाम करता हुं ।।
Thanks Sir for this deep analysis.
चिदावसानो भोग 4:31
विषय और आत्मा का सन्नीकर्ष ही बंधन का कारण है तो परमात्मा ही सब si ज्यादा बंधन में आना पड़ता है। वह तो नहीं हो रहा है । 10:46
प्रारब्ध के कारण बंधन, और उसी के कारण मुक्ति बोले तो,,? कर्म बंधन का कारण नहीं है। ज्ञानानमुक्ति । 23:09
आचार्य जी नमस्कार। आप जी प्रारब्ध कर्म के बारे में ठीक से समझाइए। प्रारब्ध आखिर है क्या। उसका भोग कब और कैसे होता है। क्योंकि संचीत कर्म ओर प्रारब्ध दोनों ही कर्म अलग हैं