नई 'Acharya Prashant' App डाउनलोड करें: acharyaprashant.org/app उपनिषद, गीता व सभी प्रमुख ग्रंथों पर ऑनलाइन कोर्स: solutions.acharyaprashant.org संस्था से संपर्क हेतु इस फॉर्म को भरें: acharyaprashant.org/enquiry?formid=209
Toh q ye h fir ki does consciousness survive death, aur punarjanm hoga bhi toh consciousness ka hoga hamara nhi,as per gita hoga jo death k time aakhiri avastha hogi mann ki uska hoga jise dekhne k liye hum nhi honge, scientists bhi isi chiz pr research krrhe h does consciousness survive death?
आत्मा का सही अर्थ अब समझ में आ रहा है । वह सब जगह विद्यमान है और केवल रुप बदलती हैं । जैसे कोई फल या फूल खिलने के बाद कई अवस्थाओं से गुजरते हुए धीरे-धीरे नष्ट हो जाता है । वैसे ही मानव शरीर है। इतनी स्पष्ट व्याख्या करने के लिए आपका बहुत बहुत आभार ।
प्रणाम आचार्य जी शब्द नही है जिससे आपका आभार व्यक्त कर सकू । बस इतना कहना चाहूंगा आपको सुनकर मेरा जीवन धन्य हो रहा है । जीवन की सचाई क्या है समझ आ रहा है । ॐ असतो मा सद्गमय। तमसो मा ज्योतिर्गमय।।
।।ॐ हरि: ॐ।। आचार्य प्रशान्त जी को शत् शत् करबद्ध नमन। आपके कथनानुसार कृष्ण ही सर्वश्रेष्ठ,सर्वश्व,सर्वत्र एवं सर्वतत्व रूप है। हरे कृष्ण जय सियाराम जय हनुमान। राधे राधे राधेश्याम राधेकृष्ण राधे राधे।
प्रणाम आचार्य जी मै आपकी समस्त बातों से सहमत हूँ।। और इन बातों को साधारण सांसारिक सुख भोगने वाले मनुष्य समझ नहीं पाएंगे।। मेरे विचार ये है लोगअपनी आत्मा को चेतना और चेतना को आत्मा माने सब रहस्य खुल जाएंगे।। जय श्री राम
केंद्रीय ग्रंथों को छोड़कर हम एक से एक फ़ूहड़ बातों को लेकर बैठे है, सर्वप्रथम उपनिषदों को जीवन में स्थान दें उसके बाद जो कुछ भी विश्व में देखें उसे वेदांत की नज़र से देखें।
तुम हर पल बदल रहे हो यानी अभी तुम डर रहे हो यानि तुम अभी एक खरगोश हो, अभी तुम कुछ साहसिक कार्य कर रहे हो यानी तुम अभी शेर हो, तुम्हारी चेतना का विस्तार होता है नाकि तुम्हारे जन्म का। मनुष्य का सबसे ऊंचा लक्ष्य होना चाहिए की अपनी चेतना को ऊंचा करे। प्रणाम आचार्य जी 🙏
भारत के पतन का सबसे बड़ा कारण " आत्मा " शब्द का दुरुपयोग हैं। गुरु __ आचार्य प्रशांत 🙏🙏 मुझे अंधकार से प्रकार की और ले जाने के लिए 🙏 🙏 🌻 शत शत नमन गुरुदेव 🌻 🙏 🙏
इस वीडियो की सुंदरता की कोई सीमा नहीं ! अद्भुत वीडियो ! जितनी बार दोहरा रहा हूँ , उतना ज्ञान की गहराई में पहुँच रहा हूँ ! जो ज्ञान गुरुदेव दे रहे हैं , इसका कर्ज कुछ भी करके नहीं चुका सकता ! 🙏🙏🙏🙏
अमृत और विष को एकसाथ नही पिया जा सकता ,वेदों के मूल ज्ञान को और इधर उधर के छोटे मोटे ग्रंथो को एकसाथ नही लिया जा सकता, खास तौर पर तब जब दूसरे ग्रंथ वेदों के विरोध में ही खड़े हों।🙏
Is video mein acharya ji ne jo samjhaya uske alawa spirituality aur kuch nahi. Mujhe pata hai ki main ye baatein roz bhool jaungi.. roz kya.. abhi kuch der baad hi bhool jaungi.. lekin this is one video that I promise myself to watch every single day. Jab tak ye baatein poore tarike se mann mein utar na jaye.
बहुत ही गूढ़ और सबसे ज्यादा भ्रामक या न समझे जाने या न समझ में आने वाले विषय "आत्मा" पर आचार्य जी ने सुंदर विश्लेषण किया, कुछ बातें समझ मे आई भी लेकिन अभी भी लंबी दूरी बाकी है पूरी तरह से समझने में।
कोटी कोटी अहोभाव आचार्य जी 🙏🙏 आप ही के कारण धर्म और अध्यात्म में हमारी निष्ठा दृढ हो रही है । आपकी संगति से भ्रम दूर हो रहे है और सत्य का प्रकाश जीवन में आ रहा है ।
Acharya ji, 84 lakh yonion ke question ka bhi aap ne bahut sunder tarike se jabab diya. I feel like listening to you more & more. Wish you good health for ever .My best wishes to you.
सच में आचार्य जी आपने जो बातें आज कही है वो न तो हमने कहीं पढ़ा था और न ही सुना था ,ये तो नहीं कह सकता की मैं ये विचार अपना लिया हूँ लेकिन एक अलग मंथन जरुर चल परा है चेतना में जय हिन्द
स्व का ऐसा व्याख्यान इससे पहले कभी नहीं सुना ! ये ज्ञान हर बंधन से मुक्त किए दे रहा है ! हमारी पहचान हमसे करवा रहा है ! आचार्य जी का जितना आभार व्यक्त करूँ , कम है !! 🙏🙏
आचार्य जी को मेरा शत शत नमन🙏 नमो बुद्धाय🙏 ज्ञान का प्रकाश बांटने के लिए अज्ञान को दूर करने के लिए मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं लोगों को ज्ञान में करना यही तो धर्म है
आचार्य जी नमस्कार 🙏 आत्मा के विषय मे बहुत सुन्दर विश्लेषण किया आपने । बहुत बहुत साधुवाद। ये बात इस प्रकार समझ सकते है कि 10 वीं की पुस्तक को नर्सरी के बच्चे की समझ मे नही आ सकती है। इसलिए निरंतर अभ्यास करते रहना ही एकमात्र मार्ग है। बहुत बहुत प्रणाम 🙏🙏🙏
आप ने मेरा पूरा जीवन बदल दिया है। आपको मेरी तरफ से प्रणाम। मैं अपनी padhai लिखाई के बाद हमारी संस्था कि जिस भी तरह से मदद हो सकती है वो करूँगा। यह मेरा प्रण है।
Guru ji aapke charno me koti koti naman 🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
गुरु जी मैं लगभग आपकी ही उम्र का हु लेकिन मैंने अपने पूरे जीवन में और इस दुनिया मे और भारत वर्ष में आप की तरह वक्ता और ज्ञान की चेतना नही देखी जय श्री कृष्ण
Shat shat naman h guru ji aapko aap ki vjh se bhut jyada prbhav pda h mere jivn pr lekin jb bhi me jis drishti se aap dekhte ho us drishti se hm vayvhar krte h to log hmara virodh krte h lekin vo is bat ko smjhna hi nhi chahte ki jo unke mn me bate chlti h vayrth h jo schhai h vo janna hi nhi chahte unhe us environment me hi jina acha lgta h smjhna nhi chahte bs
ठीक मेरे घर में सब कुछ चल रहा है अब मेरी दादी का देहांत हो गया। जब मैंने गरुड़ पुराण सुना तो मुझे लगा कि यहाँ क्या हो रहा है। मैंने उस पुराण में केवल एक बार वेदांत का नाम सुना। इस यातना को सुनने के लिए तीन दिन और शेष रह गए। उस पुराण में वर्ग व्यवस्था का स्पष्ट उल्लेख मिलता है। इतने दिन सुनने की बात मुझे लगता है हिंदू धर्म में आज जो हम विकृत देख रहे हैं 80 प्रतिशत पुराण का गलत अर्थ ही हैं। मुझे पुराण के बारे में यह पसंद है कि वे आत्मा के स्थान पर प्रेत शब्द का प्रयोग करते हैं।
धर्म में मिले हुए बहुत सारे अंधविस्वाश ,कुरीतियाँ , कुप्रथाओं,मान्यताओं, परम्पराओं और गलत संस्कृति को हटा कर सच्चे हिन्दू धर्म को बताने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद आचार्य जी 🙏🙏।
सादर प्रेम गुरु जी आपको सुनते सुनते ऐसा लगता है कि निर्भर हो गया पहले इन थोटी और पोती धारणाओं का भार से दबा जा रहा था फ्री हो गया हूं गुरु जी बहुत-बहुत धन्यभाग
After going through various videos, I observe that Shree Acharya Ji is casting light, to enable for those in his presence, to find right path for themselves but then again many act in a usual conditioned pattern and waste away the opportunity in deciding who is right or who is wrong and then trying to prove that "themselves" as finally right, when the entire series of discourse of Shree Acharya Ji is aimed at dissolve away the "I" and "They" concept. Don't let the opportunity go waste!
Wow! Unprecedented explanation of non-dual nature of Atma, body, mind, ego, etc., i.e., everything. Sat-sat Naman Acharya Ji. At least I am hearing/understanding this for the first time.
इस पुनर्जन्म वाले बात को तो कोई बायोलॉजिस्ट भी न नकारे।ये बहुत ही अच्छा था कि आपने पुनर्जन्म वाले बात पूरी तरह से खोल ही दिया।अगर कोई कोई भी सेवंथ क्लास से उनपर का विद्यार्थी हो तो वो जरूर आपके पुनर्जन्म वाले बात को बल्कि सारे बातों से scientifically सहमत होगा।ओर यही कारण है कि मैं भी आपको सुनता हूं।
33:28 आप शरीर और आत्मा को भिन्न नहीं मानते परंतु भगवद गीत मे ये श्लोक दिया है की अंतकाल मे जो मुझे स्मरण करता हुआ शरीर त्यागता, है वह मुझको प्राप्त होता है । ------------ अन्तकाले च मामेव स्मरन्मुक्त्वा कलेवरम् |य: प्रयाति स मद्भावं याति नास्त्यत्र संशय:-------------- यहाँ तो सीधे सीधे दिया है की आत्मा शरीर त्यागती है । और यह श्लोक तो पूरी तरह से आप के मत से भिन्न है : शरीरं यदवाप्नोति यच्चाप्यत्क्रामतीश्वरः। गृहीत्वैतानि संयाति वायुर्गन्धानिवाशयात् अर्थात जैसे वायु सुगंध को ले जाती है , वैसे ही शरीर का स्वामी जिस शरीर को त्यागता है और जिस शरीर मे प्रवेश करता है वह अपने साथ इनको (पुराने इंद्रियों और मन को ) ले जाता है ।
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I am 19 year old.. Guruji kabhi kabhi suddenly mere mind me ak dar sa lag jata hai ki mai mrne wala hu aur meri maut kaise hogi . help me plzz😢😢
Q ये जानते हुए इंसान का पतन उसे के कारण हैं तब भी बैचैनी क्यूं ? उसने नासमझी में किया अब मैं भी कैसे करूं तब भी उनके दुख में परेशानी ??
Jai shree Ram guru jee
Toh q ye h fir ki does consciousness survive death, aur punarjanm hoga bhi toh consciousness ka hoga hamara nhi,as per gita hoga jo death k time aakhiri avastha hogi mann ki uska hoga jise dekhne k liye hum nhi honge, scientists bhi isi chiz pr research krrhe h does consciousness survive death?
To kya sarir m aatma ni rhti. To fir rhti kaha h.
समाज में छिपी ढोंग और रूढिवादी विचारों पर व्यंग पूर्ण कटाक्ष ।।आपकी सारी बातें बहुत ही ज्ञान वर्धक और जीवन को नई दिशा देने वाली होती हैं।🙏
आत्मा का सही अर्थ अब समझ में आ रहा है । वह सब जगह विद्यमान है और केवल रुप बदलती हैं । जैसे कोई फल या फूल खिलने के बाद कई अवस्थाओं से गुजरते हुए धीरे-धीरे नष्ट हो जाता है । वैसे ही मानव शरीर है। इतनी स्पष्ट व्याख्या करने के लिए आपका बहुत बहुत आभार ।
प्रणाम आचार्य जी शब्द नही है जिससे आपका आभार व्यक्त कर सकू । बस इतना कहना चाहूंगा आपको सुनकर मेरा जीवन धन्य हो रहा है । जीवन की सचाई क्या है समझ आ रहा है ।
ॐ असतो मा सद्गमय।
तमसो मा ज्योतिर्गमय।।
।।ॐ हरि: ॐ।।
आचार्य प्रशान्त जी को शत् शत् करबद्ध नमन।
आपके कथनानुसार कृष्ण ही सर्वश्रेष्ठ,सर्वश्व,सर्वत्र एवं सर्वतत्व रूप है।
हरे कृष्ण जय सियाराम जय हनुमान।
राधे राधे राधेश्याम राधेकृष्ण राधे राधे।
प्रणाम आचार्य जी मै आपकी समस्त बातों से सहमत हूँ।।
और इन बातों को साधारण सांसारिक सुख भोगने वाले मनुष्य समझ नहीं पाएंगे।।
मेरे विचार ये है लोगअपनी आत्मा को चेतना और चेतना को आत्मा माने सब रहस्य खुल जाएंगे।।
जय श्री राम
भारत के पतन का एक उच्चतम कारण आत्मा शब्द का दुरुपयोग बिलकुल सत्य कहा आचार्य जी आपने।
आचार्य जी प्रणाम!
लाकडाउन में सुनने का मौका मिला
अब जीवन भर बिना सुने रह नहीं सकते
आचार्य जी आपके माध्यम से गूढ़ समझें जाने वाले विषय आसानी से समझ आ रहे हैं। शत् शत् नमन गुरु जी
यह हमारा सौभाग्य है को भारत को आप जैसे ऋषि मिले हैं। कोटि कोटि नमन।
सही कहा भाई 😮😮❤
🙏🙏अनन्त धन्यवाद आचार्यजी।धर्म, आत्मा,वेद ,पूरे सनातन धर्म को आप के सिवा कोई नही समझा सकता।
आचार्य जी आपको सुनकर बहुत दुख होता हैं | कि अब तक पुरा जोकुछ सुना पढा वो सब पर प्रश्नचिन्ह
लग जाता है | फिरभी सुनना पढता है | कोटि कोटि प्रणाम
केंद्रीय ग्रंथों को छोड़कर हम एक से एक फ़ूहड़ बातों को लेकर बैठे है,
सर्वप्रथम उपनिषदों को जीवन में स्थान दें उसके बाद जो कुछ भी विश्व में देखें उसे वेदांत की नज़र से देखें।
समाज से पाखण्ड, ढोंग और अंधविश्वास का पर्दा हटाकर सनातन धर्म के दर्शन कराने के लिए आचार्य प्रशांत जी को सादर नमन और धन्यवाद🙏❣️
मेरे लिए यह video आचार्य जी की आज तक आई videos में शीर्ष में से एक है। इस video के लिए आचार्य जी का और पूरे समूह का हृदय से धन्यवाद 🙏
तुम हर पल बदल रहे हो यानी अभी तुम डर रहे हो यानि तुम अभी एक खरगोश हो,
अभी तुम कुछ साहसिक कार्य कर रहे हो यानी तुम अभी शेर हो, तुम्हारी चेतना का विस्तार होता है नाकि तुम्हारे जन्म का।
मनुष्य का सबसे ऊंचा लक्ष्य होना चाहिए की अपनी चेतना को ऊंचा करे।
प्रणाम आचार्य जी 🙏
आप धर्म ख़राब नहीं कर रहे हो आचार्य जी बल्कि आपकी वजह से हम आपने वास्तविक धर्म से परिचित हो पाये है आपका ख़ूब खूब आभार ❤️🙏
,💯
💯💯✅✅
भारत के पतन का सबसे बड़ा कारण " आत्मा " शब्द का दुरुपयोग हैं। गुरु __ आचार्य प्रशांत 🙏🙏
मुझे अंधकार से प्रकार की और ले जाने के लिए
🙏 🙏 🌻 शत शत नमन गुरुदेव 🌻 🙏 🙏
Kali yug main bhakti we hi mukati hai
Acharya Prashanth ji Sathya ki Prachar kar rahe hi. Extreem Truth.
आचार्य प्रशांत की सबसे अच्छी बात यह है कि वह हमेशा सीधे सीधे बात करते हैं।
इस वीडियो की सुंदरता की कोई सीमा नहीं ! अद्भुत वीडियो ! जितनी बार दोहरा रहा हूँ , उतना ज्ञान की गहराई में पहुँच रहा हूँ !
जो ज्ञान गुरुदेव दे रहे हैं , इसका कर्ज कुछ भी करके नहीं चुका सकता ! 🙏🙏🙏🙏
Aachary ji aap jo bhi bolte hai bilkul sahi or saf bolte hain very nice thanks
अमृत और विष को एकसाथ नही पिया जा सकता ,वेदों के मूल ज्ञान को और इधर उधर के छोटे मोटे ग्रंथो को एकसाथ नही लिया जा सकता, खास तौर पर तब जब दूसरे ग्रंथ वेदों के विरोध में ही खड़े हों।🙏
Is video mein acharya ji ne jo samjhaya uske alawa spirituality aur kuch nahi. Mujhe pata hai ki main ye baatein roz bhool jaungi.. roz kya.. abhi kuch der baad hi bhool jaungi.. lekin this is one video that I promise myself to watch every single day. Jab tak ye baatein poore tarike se mann mein utar na jaye.
बहुत ही गूढ़ और सबसे ज्यादा भ्रामक या न समझे जाने या न समझ में आने वाले विषय "आत्मा" पर आचार्य जी ने सुंदर विश्लेषण किया, कुछ बातें समझ मे आई भी लेकिन अभी भी लंबी दूरी बाकी है पूरी तरह से समझने में।
राधे राधे साष्टांग प्रणाम गुरुदेव हरे कृष्णा हरे राम
अब तक के जितने भी इस टॉपिक पे सवाल और कन्फ्यूजन था, वो सब आज क्लियर हो गए l धन्यवाद आचार्य जी 🙏🙏🙏🙏🙏🙏
आप इस पूरी दुनिया के महान् इंसान है।मेरी नज़र में तो आपके जैसा कोईई ई ई ई हो ही नहीं सकता।🙏🙏🙏🙏🙏
घर बैठे ऋषिकेश मे चल रहे कार्यक्रम वेदांत महोत्सव। जिसका संचालन आचार्य प्रशांत जी और उनकी साथी लोग कर रहे हैं।
मेरा उन सभी लोगों को सादर प्रणाम 🙏🙏🙏
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कोटी कोटी अहोभाव आचार्य जी 🙏🙏
आप ही के कारण धर्म और अध्यात्म में हमारी निष्ठा दृढ हो रही है । आपकी संगति से भ्रम दूर हो रहे है और सत्य का प्रकाश जीवन में आ रहा है ।
शरीर ही जिंदा है और शरीर ही मुर्दा हैं, बाहर से कुछ आता जाता नहीं- वाह आचार्य जी
बहुत बहुत धन्येवाद इतने सुंदर व्याख्यान के लिए आचार्य जी !🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
आचार्य जी शत् शत् नमन आप जो गहराई से समझाते हैं अज्ञानता को दूर कर रहे हैं ज्ञान कीबरषा कररहे हैं यहीं सबसे बड़ा धर्म है ❤️🙏🙏 स्वीकार करें
Acharya ji, 84 lakh yonion ke question ka bhi aap ne bahut sunder tarike se jabab diya. I feel like listening to you more & more. Wish you good health for ever .My best wishes to you.
I am so lucky that I have taken birth in the all time great era of swami Prashanta ji
Thank you sir
सच में आचार्य जी आपने जो बातें आज कही है वो न तो हमने कहीं
पढ़ा था और न ही सुना था ,ये तो नहीं कह सकता की मैं ये विचार
अपना लिया हूँ लेकिन एक अलग मंथन जरुर चल परा है चेतना में
जय हिन्द
स्व का ऐसा व्याख्यान इससे पहले कभी नहीं सुना ! ये ज्ञान हर बंधन से मुक्त किए दे रहा है ! हमारी पहचान हमसे करवा रहा है !
आचार्य जी का जितना आभार व्यक्त करूँ , कम है !! 🙏🙏
सही कहा आचार्य जी साहस नही है ना ही बहुत बड़ा कलेजा हैं जो कीमत चुका सके सच्चाई तो यही है ! मेरी तो यही सच्चाई हैं !
Atma ko shanti milti he apki baato se 🙏🏼🙏🏼
🙏नमन आचार्य जी।शोभाग्यशाली है वे जो शिवर तक पहुंचे है।
आचार्य जी को मेरा शत शत नमन🙏 नमो बुद्धाय🙏 ज्ञान का प्रकाश बांटने के लिए अज्ञान को दूर करने के लिए मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं लोगों को ज्ञान में करना यही तो धर्म है
आचार्य जी नमस्कार 🙏 आत्मा के विषय मे बहुत सुन्दर विश्लेषण किया आपने । बहुत बहुत साधुवाद। ये बात इस प्रकार समझ सकते है कि 10 वीं की पुस्तक को नर्सरी के बच्चे की समझ मे नही आ सकती है। इसलिए निरंतर अभ्यास करते रहना ही एकमात्र मार्ग है। बहुत बहुत प्रणाम 🙏🙏🙏
आप आ गए हो, नूर आ गया है
नहीं तो चरागों से लौ जा रही थी
जीने की आपसे वजह मिल गई है
बड़ी बेवजह ज़िन्दगी जा रही थी
🙏🙏
सारी दुनिया में ऐसा हिन्दू है
सत्य और अहिंसा परमो धर्म है
आप ने मेरा पूरा जीवन बदल दिया है। आपको मेरी तरफ से प्रणाम। मैं अपनी padhai लिखाई के बाद हमारी संस्था कि जिस भी तरह से मदद हो सकती है वो करूँगा। यह मेरा प्रण है।
Soul is the first fundamental and soul is the last goal. आत्मा पहला आधार है और आत्मा ही आखिरी लक्ष्य है! - The Acharya Prashant.
मुझे अंधकार से प्रकार की और ले जाने के लिए
🌍🙏 🙏 🌻 शत शत नमन गुरुदेव 🌻 🙏 🙏🌍
वास्तविक धर्म समझाया आपने गुरुदेव
आज़ इंसान के पतन का कारण वेदों से दूरी हैं
Guru ji aapke charno me koti koti naman 🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
मेरे ख्याल इंसान जनम सबसे अमूल्य है क्योंकि इंसानी शरिर में हीन चेतना लगातार बदला रहता है मिट्टी की चेतना एक ही होता है।
Aap hindu dharm ki vastvikta btate ho... Pakhand nhi karte manuvadiyo ki tarah.. achchha lga mujhe. Aapne jo baate btayi vo bahut achchhi lgi mujhe.
गुरु जी मैं लगभग आपकी ही उम्र का हु
लेकिन मैंने अपने पूरे जीवन में और इस दुनिया मे और भारत वर्ष में आप की तरह वक्ता और ज्ञान की चेतना नही देखी
जय श्री कृष्ण
प्रणाम आचार्य जी ... आपने जीव, शरीर, चेतना, मन, मृत्यु, प्रतिपाल मृत्यु, 84 लाख योनि का अर्थ बहुत स्पष्ट और सरलता से समझाया
Super
Shat shat naman h guru ji aapko aap ki vjh se bhut jyada prbhav pda h mere jivn pr lekin jb bhi me jis drishti se aap dekhte ho us drishti se hm vayvhar krte h to log hmara virodh krte h lekin vo is bat ko smjhna hi nhi chahte ki jo unke mn me bate chlti h vayrth h jo schhai h vo janna hi nhi chahte unhe us environment me hi jina acha lgta h smjhna nhi chahte bs
Excellent ‼️ 🕉️🇮🇳🚩💜🙏🙏Dr. Santosh Kumar Mohanty pray you 🙏🙏🙏🙏
Pehli baar itna intellectual Hindu insaan dekha h Maine .. seriously 🥺mujhe itni Khushi ho rhi h
I also
अतः मनुष्य योनि में आकर धर्म निभाते हुए उच्चतम स्तर की ओर आकर्षित होते हुए आगे बढ़ते जाना
ही उचित एवं उत्कृष्ट प्रशस्त मार्ग है।
चेतना का ही जो उच्चतम लक्ष्य है उसको आत्मा बोलते हैं 🙏🙏
मानवता को गहराई दे रही है आचार्य जी की विडियोज। 🙏🏻 बहुत बहुत धन्यवाद आचार्य जी।
गुरुजी आप तो इसी प्रकार हमारी असमंजस का समाधान करते चलिए और गीता के सही अर्थ से हमे अवगत कराते चलिए
Aisa prattek hota hai jaise iswar swaim bol rahe hai aap mahaan hai aapke charno men koti koti pranam 🙏🙏🙏🙏🙏
मुझे अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाने के लिए अति आभार 🙏🙏🙏
Don't skip ad PLZZ everyone raise fund for sanstha of acharya ji
मुझे गर्व है कि मैं आचार्य प्रशांत युग में जी रहा हूं, और अफसोस इस बात का है कि आजकल पढ़े लिखे लोग अधिक अंधविश्वासी व अनपढ़ होते जा रहे हैं।
Bilakul satya
गुरुजी आपने गीता पर आंख खोल दी
जय श्री कृष्ण
Soul after death is not a question but soul within body is an important thing.
And we all have to keep it happy by creating a good environment. 🙏
चैतन्य आत्मा। प्रथम शिव सूत्र है।
ठीक मेरे घर में सब कुछ चल रहा है अब मेरी दादी का देहांत हो गया। जब मैंने गरुड़ पुराण सुना तो मुझे लगा कि यहाँ क्या हो रहा है। मैंने उस पुराण में केवल एक बार वेदांत का नाम सुना। इस यातना को सुनने के लिए तीन दिन और शेष रह गए। उस पुराण में वर्ग व्यवस्था का स्पष्ट उल्लेख मिलता है। इतने दिन सुनने की बात मुझे लगता है हिंदू धर्म में आज जो हम विकृत देख रहे हैं 80 प्रतिशत पुराण का गलत अर्थ ही हैं।
मुझे पुराण के बारे में यह पसंद है कि वे आत्मा के स्थान पर प्रेत शब्द का प्रयोग करते हैं।
सुनते ही मुक्त होना
शायद इसी को कहते हैं
अब कहने सुनने को कुछ न रहा
बस ऊंचाई
धर्म में मिले हुए बहुत सारे अंधविस्वाश ,कुरीतियाँ , कुप्रथाओं,मान्यताओं, परम्पराओं और गलत संस्कृति को हटा कर सच्चे हिन्दू धर्म को बताने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद आचार्य जी 🙏🙏।
Iam form Odisha: prabhuji 🙏🙏
जो बनाए हमें इंसान,
दे सही-गलत की पहचान,
उन शिक्षकों को प्रणाम।...🙏🙏🙏...
🙏🙏प्रणाम आचार्य जी। आपके वचन सत्य की राह दिखा रहे है धर्म के नाम पर किए जा रहे अंधविश्वास से मुक्त हो गए।
आचार्य जी आप समाज को आध्यात्मिक रूप से जागृत करने का बहुत अच्छा प्रयास कर रहे हैं प्रणाम
ये video पूरी जिंदगी बदल देगा।बहुत बहुत धन्यवाद आचार्य जी🙏🙏🙏🙏
आज मृत्यु का अर्थ पता चला।
धन्यवाद आचार्य जी
आचार्य जी मेरे प्रश्न का जवाब आज मिल गया😊🤦
आचार्य जी! आपका मार्ग दर्शन सचमुच अप्रतिम है। काश! इन अन्धविश्वासी मूर्ति पूजकों की आंखें खुल पातीं! 🙏
कोई आदमी अपनी आत्मा से बेहतर शांत और सुकून का स्थान नहीं पा सकता।
आचार्य जी को कोटि कोटि प्रणाम ❤️🙏🙏 पहली बार सुना बहुत बहुत अच्छा लगा धन्यवाद
Jitni taarif ki jaae Kam Hoga, is session se sara doubts clear ho gya #Aatma k regarding.... Speechless eyes opening video Achary ji🔥
Achariyaji very deeply samjhaya diviya chakschhu khol diye ,aap ko koti koti Naman dhaniyabad
Acharya aap hi kebal bharat ko nahi sari jagat ko Chang kar sakte ho... love you ❤️Acharya ❤️
Acharya ji kitne pyar se sari muskilen apne andr lelete hai haste haste … bahut kch sikhna hai or bahut kch khona bhi hai …acharya ji bodh de 😌
सादर प्रेम गुरु जी आपको सुनते सुनते ऐसा लगता है कि निर्भर हो गया पहले इन थोटी और पोती धारणाओं का भार से दबा जा रहा था
फ्री हो गया हूं गुरु जी बहुत-बहुत धन्यभाग
Guruji aapke vachan sheetal jaise चांदनी
आपके वचन मानो अग्नि वर्षा में अमृत बरसा रहे थे🙏🙏🙏🙏 हरिः शरणं🙏
आचार्य जी नॉन वेज छूटता नही है 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Sir apke pas gyan ke motio ka bhandar hai AP ek pure sachche knowledgegable
Aaj mere bahut bade question ka jababa mil gya . Bahut bahut dhanyawad Acharya ji 🙏🙏🙏 .
This video is an extremely rare gem for the humanity in all times
आत्मा अचिंत्य हैं।
जो श्रुति संवत हो वो रखा जाएगा बाकि सब त्याज्य हैं।
अनुभव व्यवहारिक हो सकते हैं, पारमार्थिक नहीं।
After going through various videos, I observe that Shree Acharya Ji is casting light, to enable for those in his presence, to find right path for themselves but then again many act in a usual conditioned pattern and waste away the opportunity in deciding who is right or who is wrong and then trying to prove that "themselves" as finally right, when the entire series of discourse of Shree Acharya Ji is aimed at dissolve away the "I" and "They" concept. Don't let the opportunity go waste!
आचार्य जी मैं 17 साल का कॉलेज स्टूडेंट हूं और मैं उपनिषद, वेदांत, गीता को सभी भाषा में लिखूंगा और भारत में प्रसिद्ध करूंगा, में ओडिशा से हूं।🙏🙏🙏❤️❤️❤️
अभिनंदन
Aage badho
Wow! Unprecedented explanation of non-dual nature of Atma, body, mind, ego, etc., i.e., everything. Sat-sat Naman Acharya Ji. At least I am hearing/understanding this for the first time.
ये सहजता तथा सरलता केवल और केवल आप में है गुरुजी। हमें ये गहरी बातें इतनी सरलता से समझाने के लिए आपका कोटि कोटि धन्यवाद गुरुदेव।🙏🙏
इस पुनर्जन्म वाले बात को तो कोई बायोलॉजिस्ट भी न नकारे।ये बहुत ही अच्छा था कि आपने पुनर्जन्म वाले बात पूरी तरह से खोल ही दिया।अगर कोई कोई भी सेवंथ क्लास से उनपर का विद्यार्थी हो तो वो जरूर आपके पुनर्जन्म वाले बात को बल्कि सारे बातों से scientifically सहमत होगा।ओर यही कारण है कि मैं भी आपको सुनता हूं।
शत शत नमन गुरुजी।
🙏❤️🕉️
Love you aachariye ji ❤❤
33:28
आप शरीर और आत्मा को भिन्न नहीं मानते परंतु भगवद गीत मे ये श्लोक दिया है की अंतकाल मे जो मुझे स्मरण करता हुआ शरीर त्यागता, है वह मुझको प्राप्त होता है । ------------ अन्तकाले च मामेव स्मरन्मुक्त्वा कलेवरम् |य: प्रयाति स मद्भावं याति नास्त्यत्र संशय:-------------- यहाँ तो सीधे सीधे दिया है की आत्मा शरीर त्यागती है ।
और यह श्लोक तो पूरी तरह से आप के मत से भिन्न है :
शरीरं यदवाप्नोति यच्चाप्यत्क्रामतीश्वरः।
गृहीत्वैतानि संयाति वायुर्गन्धानिवाशयात्
अर्थात जैसे वायु सुगंध को ले जाती है , वैसे ही शरीर का स्वामी जिस शरीर को त्यागता है और जिस शरीर मे प्रवेश करता है वह अपने साथ इनको (पुराने इंद्रियों और मन को ) ले जाता है ।
Aap bhut hi sidha srl jvab dete h baton ko todte mdodte nhi h yhi aapki khasiyt h 🙏🙏🙏🙏
आज आत्मा के बारे में सारे अंधविशवासों से पर्दा उठ गया ।