परमात्मा के सतत चिंतन का आश्रय क्या है..

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  • Опубліковано 12 січ 2025

КОМЕНТАРІ • 12

  • @akarshthakur1993
    @akarshthakur1993 8 днів тому

  • @Ayush12-e4j
    @Ayush12-e4j 7 днів тому +1

    😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊🙏

  • @rajani00
    @rajani00 7 днів тому +1

    भईयाजी प्रणाम 🌺🌺🙇🏻‍♀️
    आज मैंने एक श्लोक याद किया।🙂🤦🏻‍♀️ श्रीमदभगवद्गीता 17:23
    धन्यवाद🙏🏻

    • @Chidakashgyanam
      @Chidakashgyanam  7 днів тому

      That's gud

    • @rajani00
      @rajani00 7 днів тому +1

      धन्यवाद😇आपकी प्रेरणा है🙏🏻

    • @Chidakashgyanam
      @Chidakashgyanam  7 днів тому

      आपके सुबह का कमेंट सिर्फ ऊपर से दिख रहा ओपन नही हो रहा

    • @rajani00
      @rajani00 6 днів тому +1

      भैयाजी मैने एक प्रश्न किया था,फिर मुझे लगा पूछना उचित है या नहीं तो मैंने हटा दिया था।
      मृत्यु के अनुभव के बारे में था

    • @Chidakashgyanam
      @Chidakashgyanam  6 днів тому

      Ok

  • @Gopinathjadhav-u1d
    @Gopinathjadhav-u1d 8 днів тому +1

    एक प्रश्न था कि व्यष्टि स्वप्न मे तैजस समष्टि मे हिरण्यगर्भ एक है और सुषुप्ति मे प्राज्ञ और ईश्वर एक है क्या यह नाम ही भिन्न रखे है पर एक की बात हो रही है जेसे पानि और जल एक तत्व की बात कर रहै नाम दो रखे है वेसे ही क्या तैजस हिरण्यगर्भ ओर प्राज्ञ ईश्वर नाम अलग है पर तत्व एक ही है क्या प्राज्ञ ईश्वर है और तैजस हीरण्यगर्भ है

    • @Chidakashgyanam
      @Chidakashgyanam  7 днів тому

      सही समझ रहे आप तीनो का अभिमानी एक ही है उसे अवस्था के साथ जोड़ने के कारण अलग अलग नाम रख दिया है विश्व विराट को बर्फ , तेजस हिरण्यगर्भ को जल और प्राज्ञ ईश्वर को भाप समझ लीजिए तीनो का तत्व एक ही है