एक प्रश्न था कि व्यष्टि स्वप्न मे तैजस समष्टि मे हिरण्यगर्भ एक है और सुषुप्ति मे प्राज्ञ और ईश्वर एक है क्या यह नाम ही भिन्न रखे है पर एक की बात हो रही है जेसे पानि और जल एक तत्व की बात कर रहै नाम दो रखे है वेसे ही क्या तैजस हिरण्यगर्भ ओर प्राज्ञ ईश्वर नाम अलग है पर तत्व एक ही है क्या प्राज्ञ ईश्वर है और तैजस हीरण्यगर्भ है
सही समझ रहे आप तीनो का अभिमानी एक ही है उसे अवस्था के साथ जोड़ने के कारण अलग अलग नाम रख दिया है विश्व विराट को बर्फ , तेजस हिरण्यगर्भ को जल और प्राज्ञ ईश्वर को भाप समझ लीजिए तीनो का तत्व एक ही है
ॐ
😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊🙏
भईयाजी प्रणाम 🌺🌺🙇🏻♀️
आज मैंने एक श्लोक याद किया।🙂🤦🏻♀️ श्रीमदभगवद्गीता 17:23
धन्यवाद🙏🏻
That's gud
धन्यवाद😇आपकी प्रेरणा है🙏🏻
आपके सुबह का कमेंट सिर्फ ऊपर से दिख रहा ओपन नही हो रहा
भैयाजी मैने एक प्रश्न किया था,फिर मुझे लगा पूछना उचित है या नहीं तो मैंने हटा दिया था।
मृत्यु के अनुभव के बारे में था
Ok
एक प्रश्न था कि व्यष्टि स्वप्न मे तैजस समष्टि मे हिरण्यगर्भ एक है और सुषुप्ति मे प्राज्ञ और ईश्वर एक है क्या यह नाम ही भिन्न रखे है पर एक की बात हो रही है जेसे पानि और जल एक तत्व की बात कर रहै नाम दो रखे है वेसे ही क्या तैजस हिरण्यगर्भ ओर प्राज्ञ ईश्वर नाम अलग है पर तत्व एक ही है क्या प्राज्ञ ईश्वर है और तैजस हीरण्यगर्भ है
सही समझ रहे आप तीनो का अभिमानी एक ही है उसे अवस्था के साथ जोड़ने के कारण अलग अलग नाम रख दिया है विश्व विराट को बर्फ , तेजस हिरण्यगर्भ को जल और प्राज्ञ ईश्वर को भाप समझ लीजिए तीनो का तत्व एक ही है